कैसे हो आप लोग…
आशा है कि आपको मेरी भेजी हुई कहानियाँ पसंद आई होंगी, मुझे काफ़ी सारे मेल भी आये जिसके लिए मैं आपको धन्यवाद कहता हूँ।
यह कहानी है मेरे मामा के लड़के की बीवी यानि मेरी भाभी की !
मैं कुछ दिनों के लिए अपने मामा के यहाँ गया हुआ था, वहाँ मेरे मामा, मामी, उनका बेटा रोहित और उसकी बीवी अंजलि हैं, उनकी शादी 6 महीने पहले ही हुई थी। भाभी की उम्र यही कोई 22-23 होगी, कसा हुआ बदन, गोरा रंग !
इस बार से पहले मैं 12 साल की उम्र में गया था तो अब मैं किसी आसपास वाले को पहचान नहीं पा रहा था।
सभी मेरा बहुत ख्याल रख रहे थे। मामा का बेटा फ़ौज में है, उस समय भी वो घर पर नहीं था, एक महीने बाद आने वाला था। मामा भी सरकारी नौकरी वाले थे तो वो भी उसमें व्यस्त रहते थे और खाली होते तो खेतों के काम में लग जाते। मामी थोड़ी बीमार सी रहती थी, उनका समय आस-पड़ोस के घरों में बातचीत करके या मंदिरों में बीतता था।
मामा ने मुझे कहा- बेटा, तेरे भैया एक महीने बाद आयेंगे, तब तक यहीं रुक जा तू ! बहू का भी मन लगा रहेगा।
मामी ने भी कहा और भाभी का भी यही कहना था तो मैं रुक गया।
अब मेरा ज्यादा वक्त भाभी के साथ ही गुजरता। दो दिन हो गए थे मुझे। मैं अपने फ़ोन में नंगी फिल्में रखता हूँ, एक दिन भाभी मेरा फ़ोन देख रही थी तो शायद उसने वो भी देख ली थी, शाम को मेरे से पूछ बैठी- देवर जी, आप बड़े हो गए हो ! किसी लड़की से दोस्ती की है या नहीं…?
मैंने कहा- की तो है..
तब उन्होंने पूछा- ..सिर्फ दोस्ती की है या कुछ और भी किया है?
मैंने कहा- नहीं भाभी, सिर्फ दोस्ती है और कुछ नहीं !
भाभी ने कहा- तो क्या फ़ोन में जो रखा है उन्हें देख कर क्या करते हो?
मैं समझ गया कि भाभी ने वो फ़िल्में देख ली हैं।
मैंने झट से कहा- वो तो बस ऐसे ही पड़ी हैं, देखने का वक्त ही कहाँ मिलता है !
भाभी ने कहा- दूसरो को दिखाने के लिए रखी हैं !
और हंस दी।
मैं भी हंस दिया। फिर भाभी ने कहा- वैसे काफी अच्छी फ़िल्में हैं, मैंने सभी देख ली थी।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, लेकिन वो तो 126 फ़िल्में थी, आपने एक दिन में कैसे देख ली सब?
भाभी ने कहा- बस देख ली और सब्र कर लिया।
मैंने कहा- कैसा सब्र?
तब भाभी ने कहा- अब चुप रहो ! बहुत बदमाशी कर ली !
सब सोने चल दिए।
बारिश होने लगी थी, मामा और मामी बाहर के कमरे में सो गए और मुझे भाभी के कमरे में एक और बिस्तर लगा कर दे दिया क्योंकि उनका कमरा काफी बड़ा है।
भाभी ने कहा- सो गए क्या देवर जी?
मैंने कहा- नहीं, जाग रहा हूँ।
भाभी ने कहा- एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- पूछो !
भाभी- सच में आपने कछु नहीं किया किसी के साथ?
मै- सच बताऊँ भाभी ! बुरा तो नहीं मानोगी?
भाभी- नहीं।
मैं- किया तो है कई बार अलग अलग लड़कियों के साथ लेकिन पहल उनकी रही थी।
भाभी- क्यों, तुम्हें क्या डर लगता है पहल करने में?
मैं- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है, बस सोचता हूँ कि पता नहीं वो मेरे बारे में क्या सोचेंगी?
और फिर हम सो गए।
मुझे भाभी की बातो से नींद नहीं आ रही थी और भाभी सो रही थी। तभी मेरा ध्यान गया भाभी के ऊपर ! वो नींद में थी और मैक्सी पहन रखी थी जो जाँघों तक सरकी हुई थी और गहरी सांस लेने के कारण उसकी चूचियाँ उठ-गिर रही थी। यह सब देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा तो मै लंड हिलाने लगा।
तभी मैंने देखा कि भाभी की ब्रा सामने लटक रही है। मैं वो लेकर मुठ मारने लगा। दस मिनट कोशिश के बाद मैंने जल्दी जल्दी में अपना सारा वीर्य भाभी की ब्रा में ही डाल दिया और ब्रा वही लटका कर शांत होकर सो गया।
भाभी सुबह उठ कर नहा आई थी, अभी गीले बाल और खुशबूदार बदन अलग ही महक रहा था।
भाभी ने मेरे से कहा- देवर जी, बड़े लेट उठे हो? लगता है रात को देर से सोये हो ! बड़ी मेहनत की है।
मैंने कहा- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं, बस नींद नहीं आ रही थी रात को।
तब भाभी ने कहा- नींद तुम्हे नहीं आ रही थी, मेहनत भी तुमने की और कपड़े मेरे ख़राब कर दिए।
(TBC)….