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बबली मौसी की चुदवाने की तमन्ना

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम साहिल है और में इस साईट का बहुत बड़ा फैन हूँ, जब से मैंने इस साईट की स्टोरी पढ़ी है तब से मैंने भी सोचा कि अपनी कुछ यादों को ताज़ा करूँ और आप लोगों को शेयर करूँ। पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ, में मुंबई में रहता हूँ और मेरी उम्र 27 साल है। हाईट 5 फुट 5 इंच, रंग गोरा है। बॉडी एवरेज है और लंड नॉर्मल साईज़ जैसे कि एक मर्द का होता है। में ज़्यादा बढ़ा चढ़ाकर नहीं बोलता। ये स्टोरी मेरी और मेरी कजिन मौसी की है। उसका नाम बबली है और उसका रंग बहुत गोरा है। बॉडी फुल फिट मतलब कि बड़े ब्रेस्ट, कड़क पिंक टाईट निप्पल और कमर छोटी, गांड बाहर और गोल मटोल है। वो शादीशुदा है और मुंबई में ही रहती है। अब में आपको ज़्यादा बोर नहीं करूँगा और सीधा स्टोरी पर आता हूँ।

यह बात आज से 3 साल पहले की है जब में न्यू जॉब पर लगा था और बबली की शादी हुई थी और वो अपनी नई लाईफ में व्यस्त हो गई थी। एक बार हमारे रिश्तेदार की शादी थी और उस शादी मे बबली मौसी आई हुई थी और में भी गया हुआ था। में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में व्यस्त था और यहाँ वहाँ की बात चल रही थी। इसमें मेरी नज़र अचानक से बबली पर पड़ी में थोड़ा चौंक गया। उनका भरा हुआ जिस्म देखकर मेरे दिमाग़ में शैतान में जाग गया, लेकिन में पहले थोड़ा सोच में पड़ गया कि कैसे में उसे पटा सकता हूँ? अब क्या फायदा उसकी शादी भी हो गई और उसके पति ने तो मज़े ले लिए होंगे। खैर मैंने फिर सोचना छोड़ दिया, लेकिन कुछ देर बाद मेरी ज़िंदगी में अचानक घुमाव आ गया। दोस्तों सच मानो या ना मानो किसी ने सही ही कहा है सब्र का फल मीठा होता है। फिर बबली मेरे पास आई और मुझसे हाय हैल्लो किया और यहाँ वहाँ की बातें की। फिर हम सब रिश्तेदार लास्ट में ख़ाना खाने के लिए बैठे तो मैंने बबली से पूछा तुम्हारा पति नहीं आया, तुम अकेली हो। तब बबली ने कहा कि उनको कहाँ फ़ुर्सत है और मेरे सास ससुर आए थे, लेकिन मामा जी के वहाँ चले गये। फिर उसने खाना खाते वक़्त अचानक से पूछा कि मुझे तुझसे कुछ बात करनी है और बोली मुझे तेरा नम्बर दे, तुझसे काम है तो मैंने तुरंत नम्बर दे दिया और अगले दिन रात को 11 बजे बबली का मैसेज आया।

बबली : हाय साहिल कैसे हो?

में : ठीक हूँ? और आपकी शादीशुदा लाईफ कैसी चल रही है?

बबली : ठीक चल रही है। (फिर उसने थोड़ा अपसेट सा फोटो भेजा)

में : क्यों क्या हुआ कोई प्रोब्लम है?

बबली : नहीं यार, कुछ नहीं है और तू सुना तेरा काम कैसा चल रहा है? और तेरी गर्लफ्रेंड क्षमा कैसी है? (दोस्तों क्षमा मेरी कजिन सिस्टर है, लेकिन अब वो मेरी जान है और मेरे लंड की गुलामी में उसे 5 सालों से चोद रहा हूँ और आज तक चोद रहा हूँ और बबली को हमारा रिश्ता पता था)

में : काम तो ठीक चल रहा है और क्षमा भी खुश है, हम महीने में एक बार मिलते है।

बबली : अभी भी तुम लोगों का चल रहा है।

में : हाँ, आज वो शादी में आई नहीं है, वो अपने ससुराल में व्यस्त है किसी की तबीयत खराब है ना, लेकिन तुम इतनी दुखी क्यों हो? तुम्हारे खूबसूरत चेहरे पर दुख: अच्छा नहीं लगता है।

बबली : शशश, फ्लर्ट कर रहा है।

में : नहीं यार, में सच बोल रहा हूँ।

बबली : मेरा पति तो बहुत बोरिंग टाईप का है और हमेशा पैसे के पीछे भागता रहता है। उसको ज़रा भी मेरी चिंता या मेरी फीलिंग्स की कदर नहीं है काश।

में : क्या मतलब क़ाश? बोलो ना कुछ हुआ क्या? वो तुम पर ध्यान नहीं देता है या उसकी लाईफ में कोई और है?

बबली : उसकी लाईफ में सिर्फ़ पैसा और दोस्तों के साथ घूमने फिरने के आलावा कुछ नहीं है। छोड़ और तू कब करेगा शादी? अब तो क्षमा को छोड़ दे बेचारी परेशान हो जाती होगी?

में : शादी को तो टाईम है और क्षमा को छोड़ना नामुमकिन है।

बबली : अब उसकी शादी हो गई है तुम लोगों को समझ जाना चाहिए, वर्ना भविष्य में प्रोब्लम हो सकती है। शादी के पहले ठीक था, लेकिन अब उसकी शादी हो गई है, उसके पति को शक नहीं होता है क्या? तुम लोग अभी भी।

में : बबली मौसी एक बार जिसको चस्का लग जाता है, वो ज़िंदगी भर नहीं छोड़ सकता और तुमको तो पता है तुम खुद लड़की हो।

बबली : हाँ, वो तो है, खैर में तुझसे एक बात पूछना चाहती थी इफ़ यू डोंट माइंड और वादा करो तुम किसी को नहीं बताओगे। (दोस्तों में समझ गया था कि इसकी चूत खुजा रही है, लेकिन में जानबूझ कर अंजान बन रहा था)

में : में किसी को कुछ नहीं बताऊंगा में वादा करता हूँ, लेकिन बात क्या है?

बबली : तू जो क्षमा को देता है थोड़ा वक़्त मुझे भी दे, प्लीज ना मत बोलना। मैंने देखा है तूने क्षमा को एक लड़की से औरत बना दिया है और मेरी भी बहुत इच्छा है। मेरा पति बहुत कमजोर है और मुझे सेक्स की बहुत ज़रूरत है। में अपनी ये बात सिर्फ़ तुझसे ही कह सकती हूँ, क्योंकि तुझमें वो ताक़त है।

में : लेकिन, तुम मेरी मौसी हो और ये सब मुझे अच्छा नहीं लगता है, अगर किसी को पता चल गया तो बदनामी होगी और तुम्हारे रिश्ते में परेशानी आ जायेगी।

बबली : क्षमा तेरी पत्नी है क्या? वो भी तो तेरी सगी मौसी की लड़की है, में तुझे रोज़ नहीं बोलूंगी, लेकिन कभी-कभी जब ज़रूरत पड़ेगी तब बोलूंगी, भरोसा रख में एक औरत हूँ और तू नहीं जानता औरत की भूख क्या होती है? जैसे क्षमा आज तक प्यासी है, फिर भी उसकी प्यास नहीं बुझती है। क्यों तू मेरे लिए इतना नहीं कर सकता? मेरी अभी तक सील भी पूरी तरह से नहीं टूटी है बहुत मज़ा आयेगा।

में : ओके बबली, लेकिन हम कैसे और कब कहाँ पर करेंगे और मेरी एक शर्त है?

बबली : कैसी शर्त? मुझे हर शर्त मंज़ूर है?

में : क्षमा को ज़रा भी नहीं पता चलना चाहिए और जब कभी मुझे ज़रूरत पड़े तब तुम्हें आना पड़ेगा।

बबली : ओके मेरे जानू, बस मुझे भी वो खुशी दो जो एक औरत को चाहिए और सुन कल शाम को 7 बजे मेरे घर आ जाना, मेरा पति दो दिन के लिए बाहर जा रहा है और सास ससुर भी बाहर जायेंगे, इसलिए कल की रात तेरे नाम, आई लव यू।

में : ओके जानू, आई लव य। तो तुम अभी सो जाओं कल में 7 बजे आ जाऊंगा और ये रात तुम्हारे लिए हसीन बनाऊंगा।

फिर में अगले दिन रात में बबली को कॉल करके तैयार होकर उसके घर गया और जैसे ही मैंने डोर बेल बजाई तो में तो हैरत में आ गया। बबली ने काले कलर की गाउन पहने हुई थी और बाल खुले और बहुत मस्त पर्फ्यूम लगाया हुआ था, जिससे में मदहोश हो गया और तुरंत उसे पकड़कर किस करने लगा। बबली ने पहले से ही रूम की लाईट बंद कर दी थी और मोमबत्ती जला रखी थी। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर हम एक दूसरे को कसकर गले लगाकर पूरे बदन को किस करने लगे, क्योंकि बबली बहुत ही गर्म साँस ले रही थी, जिससे में और जोश में आ गया और फिर हम सीधा बेडरूम में गये और मैंने बबली को अपनी गोद में बैठाया और उसके गाउन को उतार दिया। जिससे वो शरमा रही थी, लेकिन दोस्तों गोरा बदन और गोल-मटोल बूब्स देखकर तो में उसको और कसकर चूमने लगा और उसे तुरंत पलंग पर लेटा दिया और पूरे बदन को चूमने लगा, जिससे वो आहहुउ ऊफफफफ्फ़ की आवाज़े निकाल रही थी। फिर मैंने अपनी शर्ट और जीन्स ऊतार दी, अब में सिर्फ़ चड्डी में था। फिर बबली मेरे ऊपर आ गई और मेरे पूरे बदन पर किस करने लगी और आई लव यू बोल बोलकर मुझे और भी गर्म करने लगी। फिर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और फिर मैंने सीधा अपनी चड्डी को उतारा और अपना लंड बबली के हाथों में रखा, तो वो थोड़ी चोंक गई और बोली इसके लिए में बहुत बेताब हूँ। 15 दिनों से मेरी चुदाई नहीं हुई है, मेरी अभी तक कुँवारी चूत है, आज इसको चोद दो।

फिर मैंने कहा हाँ जानू, लेकिन पहले इसे अपनी ज़ुबान का टेस्ट तो चखा दो तो पहले वो मना करने लगी, लेकिन मैंने उसे थोड़ा और गर्म किया। उसने लंड तुरंत अपने मुँह में ले लिया और हिला हिलाकर चूसने लगी और साथ में गर्म-गर्म आवाज़ भी उूउउह्ह्ह्ह माँ फूफ़फ्फ़, ये सुनकर में और भी गर्म हो गया और फिर मैंने तुरंत लंड उसके मुँह से निकाला और उसके मुँह पर अपना पानी छोड़ दिया। बबली की आँखे दंग रह गई और कहने लगी ये इतना सफेद और गर्म कैसे है? फिर मैंने कहा कि जान अब पता चल जायेगा। फिर मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी दोनों टांगो को फैला दिया और उसकी साफ चूत पर लंड को रगड़ने लगा और एक झटके में लंड अंदर डालने लगा, तो बबली तुरंत चीख पड़ी, आआहहहह उह्ह्ह्हह्ह। फिर में उसे तुरंत किस करने लगा और पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया जिससे वो जोर-जोर से चिल्ला रही थी, लेकिन में और स्पीड बढ़ाने लगा।

फिर उसकी चूत से थोड़ा खून निकलने लगा और में रुक गया, तो वो एकदम से बोली कि आहहाहहह ऊुउउफफफफ्फ़ कम ऑन साहिल, फक मी, डोंट स्टॉप और ये सुनकर में उसे कुत्ते की तरह चोदने लगा। फिर 5 मिनट बाद मैंने उसके कान में कहा अंदर छोड़ दूँ, तो उसने तुरंत हाँ कहा और मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया। फिर, आआआ उऊउनम्म्मम बहुत मज़ा आ रहा है। फिर मैंने कहा कि जान अभी तो और बाकी है, थोड़ा आराम कर ले। फिर मैंने 15 मिनट के बाद फिर से उसकी चुदाई शुरू की और उस रात हमने और एक बार और सेक्स किया और फिर सो गये। ये सिलसिला अब तक चल रहा है, में महीने एक बार क्षमा की चुदाई और बबली की चुदाई कर रहा हूँ और वो दोनों मुझसे बहुत खुश है ।।


सेक्सी मौसी को गावं में चोदा

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Sexy Mausi Ko Gaavn Mein Choda : सभी दोस्तों को सलाम , मेरा नाम आबिद हयात है और कोहाट का रहने वाला हूँ . पहली बार अपनी कहानी यहाँ प्रकाशित कर रहा हूँ उम्मीद है सब को पसंद आई होगी . मुझे यह कहने की जरूरत नहीं है कि यह एक सछी कहानी है क्योंकि मेरी कहानी आप अनुमान हो जाएगा कि इस कहानी में कितनी हककीकत है .

एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता हूं . मेरे पिता एक स्कूल हीडमासटर हैं . और मेरी माँ एक सीधी साधी घरिलों महिला . माशा अल्लाह हमारे परिवार एक सुशखाल परिवार है . हम तीन बहन भाई हैं . यानी मैं और मेरी दो बहन समीना और सादया . यह कहानी तब की है जब मैं आठवीं कक्षा काके सहमाही ामक्रान देने के बाद अम्मी से मामू के घर जाने का आग्रह किया, और मेरी बहन समीना आमतौर दो साल बाद मामा के घर जाते थे . इस बार भी हम जाने के तुरंत अनुमति मिल गई .

यह भी बताता चलूं मेरी ननियाल बन्नू में रहती है . हम रविवार कोहाट से बन्नू रवाना हो गए कि लगभग 2 घंटे की यात्रा है . हमारे मामा घर बन्नू में एक पिछड़े गांव में है. मेरे मामा का परिवार कोई इतना बड़ा परिवार है . मेरे एक मात्र मामू , एक नेक दिल और हंस श्री ममानी , दो चचेरे भाई अदनान और उम्र और एक चचेरे भाई श्माइलह . इसके अलावा हम सब की जान है वह मेरी प्यारी मौसी ुरशनदा . हमारे मामा का घर बहुत बड़ा लोग बहुत कम घर बहुत बड़ा लगता है . जब हम पहुंचे तो सभी के चेहरों पर खुशी खुल गई . क्योंकि हम लगभग 2 साल बाद आने मोमों घर आए थे . मौसी और ममानी तो हम दोनों पर बलिदान किया जा रहा था .

शाम को मामू भोजन का खूब आयोजन हुआ और एक समय बाद गांव भोजन और देसी घी खाने से वर्षों की भूख मिट गई . यह दिसंबर की सर्द रातों थीं इसलिए हम चटाई पर कंबल अड़ देर तक गपशप लगाते रहे . फिर बारी बारी सबको नींद आने लगी . और समीना तो पहले ही श्माइलह के साथ कमरे में सो चुकी थी . ममानी ने मुझसे कहा कि मैं तुम्हारे लिए अदनान और उम्र के साथ बेड लगाया है पर कहा ममानी आपको नहीं पता कि मैं आंटी के अलावा कहीं और नहीं सोता . यह सुनकर मौसी मुस्कुराई कि ऊंट जितना लंबा हो गया है पर अब भी वही बचपना नहीं गया . पैतृक नेममानी कहा कि आबिद मेरे साथ सोजाओ कोई बात नहीं .

जब मौसी के कमरे में गया तो वहां केवल एक डबल बेड था जिस पर पैतृक एक अल्लाह की जगह थी . और दीवार द्वारा जो एक खिड़की मामू के कमरे की ओर खुलती थी सो गया और मौसी बेड के दूसरे कोने में सो गईं और दस मिनट में ख़राते भरने लगी . मुझे नई जगह पर नींद नहीं आ रही थी . इसलिए बार बार करवटें बदल रहा था . इस बीच मुझे मामू और ममानी की हल्की हल्की बातें करने की आवाज़ें सुनाई देने लगीं . क्योंकि मामू और ममानी का बेड बिल्कुल खिड़की के साथ था इसलिए जब मैं जरा कान खिड़की के साथ लगाया तो मुझे ममानी की तेज तेज सांसों की आवाजें सुनाई देने लगीं . मेरे दिल में इश्तियाक़ बढ़ गया कि ममानी की ्िबयत तो खराब नहीं हुई . इसलिए खिड़की के छेद जब आंख लगाई तो सामने का दृश्य देखकर मेरी आंखें खुली की खुली रह गई . हल्की हल्की रोशनी में ममानी ऊपर मामू लगा ऊपर नीचे हो रहा था और दोनों बिल्कुल कपड़ों से खाली थे .

यह दृश्य देखकर मुझे एक अजीब कफयत पैदा हो गई और पहली बार मुझे अपना लोड़ा खड़ा हुआ महसूस हुआ और मज़ीद सख़्त होता जा रहा था . क्योंकि मामू भी पन्ना लोड़ा अंदर क्या हुआ था और बहुत तेजी से आगे पैचेहो रहा था और मेरा हाथ भी स्वतः अपने लोड़े पर चला गया . इतने में मामा और ममानी की ख़रकतें धीरे हो गईं और ममानी अपने कपड़े पहन कर सो गई . मेरे दिमाग में एक आंधी चल रही थी . और फिर अल्लाह की अड़ कर जो दूसरी तरफ करवट बदली तो मेरा खड़ा हुआ लोड़ा मेरे पास आ चुकी मौसी के गाण्ड से टकरा गया . पैतृक नींद बहुत पक्की है इसलिए यह पता नहीं चला पर मुझे एक बिजली कौंद गई . मैं मौसी और करीब हो गया और अपना लोड़ा उसके गाण्ड के साथ थोड़ा और दृढ़ता से दबाया तो शरीर में करंट बहने लगा क्योंकि मौसी की गाण्ड बहुत नरम था .

पांच मिनट में ही खालत में रहा तो मैं अपना लोड़ा अपने सलवार से निकाल दिया और मौसी सलवार नीचे कर ली और मौसी के गाण्ड के बीच लोड़ा देकर धीरे धीरे मसलने लगा . मुझे लगा कि मैं आकाश में उड़ रहा हूँ . इसी दोराँ मौसी ने करवट बदली और उसका चेहरा मेरे सामने आ गया . दो मिनट तक इंतजार करता रहा फिर उसकी आगे भी सलवार नीचे और अपना लोड़ा उसके बालों से भरे चूत पर रगड़ना शुरू अब तो मुझे काबोनहीं हो पा रहा था इसलिए मौसी सीधा लेटा कर उसके ऊपर सोकर उसके जांघों में अपना लोड़ा कर हिलाने लगा . मुझे इसी दौरान लगा कि मौसी की सांसें तेज होने लगी हैं वे जानबूझकर सोने का बहाना कर रही है . उसे मेरा हौसला बढ़ गया वैसे भी मेरे सिर पर उस समय शैतान बैठा हुआ था और मुझे वह मौसी नहीं एक महिला दिखायी दे रही थी .

साहस पाकर मैंने फैसला किया कि जिस तरीके से मामू कर रहे थे में भी इसी तरह ट्राई मारूं इसलिए मैंने मौसी की पूरी सलवार उतार दी और अपनी भी और लोड़े को पैतृक चूत पर रख कर अन्दर करने की कोशिश करने लगा पर वह अंदर नहीं जा रहा था . फिर अपने लोड़े सिर पर थोड़ा थूक लगा कोई और मौसी के चूत पर फिर अपना लोड़ा रखा और जोर से जो झटका लगाया तो मेरे लोड़े का सिरा अंदर चला गया साथ ही पैतृक की आह की आवाज भी आई मुझे इस समय कुछ न्र नहीं आ रहा था और जोर लगाया और पूरा का पूरा ानदार कर दिया .

लगता था कि मौसी की चूत पहले से खुला था क्योंकि अंदर कोई तकलीफ नहीं हुई तो मैं जो चोदना शुरू किया तो मौसी ने भी उत्साह से आह आह की हल्की हल्की आवाज निकालना शुरू किया और इस दौरान पांच मिनट में मौसी के चूत से पानी फवारह निकल गया पर अपनी धुन में उसे चोद रहा था और खूब मज़ा आ रहा था . इतने में मुझे लगा कि मेरे लोड़े से कुछ निकल रहा है और अचानक मैंने गर्म पानी मौसी के अंदर छोड़ दिया . और जल्दी से सलवार पहन कर साथ सो गया . साथियों सुबह हुआ … यह मुठभेड़ अपने दूसरे कहानी सुनाों लोग!

मस्तानी भाभी

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Mastani Bhabhi : नमस्कार दोस्तो मेरा नाम मनीष है. मैं अपनी एक सच्ची कहानी आपको सुनाना चाहता हू. वैसे तोह मैं पेशे से इंजिनियर हू. और दिल्ही काम करता हू. मेरे भाई की शादी ३ साल पहेले हो चुकी थी. और वो दोनो कतर मे जॉब करते थे. पर मम्मी की तबीयत खराब होने के कारण भाभी को वापस इंडिया आना पड़ा. वैसे मेरे भाभी की भी आछी जॉब थी पर उन्हे आना पड़ा.

वैसे भाभी के अभी कोई बच्चा नही है क्यूकी दोनो अभी तक जॉब कर रहे थे. वैसे मेरी भाभी के बारे मे क्या कहु . भरा पूरा माल है वो. बदन भरा हुआ और दूध जैसे गोरी. भाई सच मे बहुत किस्मत वाले थे जो ऐसे माल मिली. वैसे मैं भाभी से ज़यादा बात नही करता था क्यूकी शादी के बाद ज़्यादा बात नही हुए थी और वो हनिमून के बाद सीधी ही कतर चले गये.
मैं हर वीक के शनिवार को घर आता हू और मंडे को ही वापस जाता हू. वैसे देवर भाभी के मज़ाक तो हमेशा चलते रहते है तो हमारे बीच भी ऐसा ही था. भाभी को मेरी गर्लफ्रेंड के बारे मे भी पता था.

बात २ सप्ताह पहेले की है जब मम्मी पापा शादी मे गये थे. वैसे भाभी को भी जाना था पेर उनकी तबीयत कारण होने के कारण वो नही जा पाई और मुझे घर रुकना पड़ा.हमने जल्दी रात का खाना का लिया. भाभी सोने चली गयी. उनको सिर मे दर्द था.

मैं थोड़ी देर तक टीवी देखता रहा फिर मैं हमेशा की तरह नेहा ( मेरी गर्लफ्रेंड) से बात करने लगा. और मैं उससे थोड़ी मस्ती भरी बाते करने लगा. पर थोड़ी देर बाद मैने गौर किया तो भाभी पीछे खडी थी. क्या लग रही थी वो. उन्होने पीले रंग की ढीली सा टॉप पहेना था. और काले रंग का एक लोवर पहेन रखा था. उनके मम्मे टॉप से मस्त लटक रहे थे. मन कर रहा था की टॉप फाड़ कर मम्मे मूह मे ले लू.
मैने फ्टाक से फोन काटा और भाभी से पूछा की क्या हुआ. वो मुझे देख कर हस रही थी और उन्होने मुझ से मज़ाक में कहा की फोन पे ही उसको मा मत बना देना. मैने भी मज़ाक मे कहा अगर कहने से मा बनने लगते तो आपको सबसे पहेले मा बना देता.

इतना कहने पर वो हस दी और कहा की बना दो मा. मुझे लगा की वो मज़ाक कर रही है क्यूकी मैं और भाभी हमेशा मज़ाक करते रहते थे.
उन्होने कहा की उन्हे नींद नही आ रही तो मैं उनके साथ मूवी देखु . मैने कहा की भाभी इसी टाइम मैं थोड़ी मस्ती करता हू पर आपके लिए सब कुर्बान. ये सुन कर वो ज़ोर ज़ोर से हसने लगी.

अब मुझे पहेले बार लगा की शायद भाभी के साथ कुछ चान्स है. मैने “दा अमेरिकन” मूवी लगा दी. अब मैं और भाभी एक सोफे पर बैठे थे. मैने उनके कंधे पर हाथ रख रखा था. थोड़ी देर मे वो मेरे बिल्कुल करीब आ गयी और मेरा हाथ उनके दूसरी तरफ के हाथ पर था. थोड़ी देर बाद एक सेक्स सीन आया. मैने हटाने के लिए रिमोट उठाया तो भाभी ने हस कर कहा की करने को तो मिलता नही है कम से कम देकने तो दो. मैं थोड़ा शर्मा गया.

आचनक उन्होने अपना हाथ आगे किया तोह मेरा हाथ उनके बोबे पर आ गया. पहेले तोह मैं घबरा गया की भाभी क्या सोचेगी पर भाभी ने कुछ नही कहा. मैने हाथ तोह बोबे पेर रखा था पर और कुछ नही किया. थोड़ी देर मे मेरी हिम्मत बढ़ी और मैं उनके मम्मो को हौले हौले सहलाने लगा.

क्या बड़े बूब्स थे उनके मेरे हाथ मे भी नही आ रहे थे. उनके बूब्स दबा कर मैं तो जैसे जन्नत मे आ गया. सच मे इतने मोटे बूब्स. मन कर रहा था की दोनो कबूतर आज़ाद कर दू. उन्होने अब तक कुछ नही कहा था.

मेरी हिम्मत थोड़ी और बड़ी और उनके दूसरे मम्मे को भी अपने दूसेरा हाथ मे ले लिया. अब उन्होने थोड़ा मना करना चाहा तो मैने अनसुना कर दिया. अब मैने ज़ोर से बूब्स दबाना शुरू कर दिया. अब वो मुह से आहे निकाल रही थी. अब मैने उनसे कहा की मैं उन्हे मा बनाना चाहता हू. उन्होने मुझ से मना कर दिया. पर मेरा लॅंड तो कुछ मानने को तय्यार नही था.

मैने उन्हे अपने हाथो मे जकड लिया. और मैने उन्न्हे चूमना शुरू कर दिया . अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैने टॉप के अंदर हाथ दल दिया. और ढंग से दबाने लगा. मुझे जान कर बहुत आजीब लगा की उन्होने ब्रा नही पहेने थी. तभी उनके बूब्स इतने मस्त लग रहे थे . मैने धीरे धीरे उनके टॉप को उपर किया और मम्मे मूह मे ले लिया. भाभी अब मूह से आवाज़ निकल रही थी. आहह उहह ….. क्या निप्पल थे गुलाबी गुलाबी . वो बिल्कुल तने हुए थे. मैने उनके निप्पल चूसने लगा और बीच बीच मे निप्पल को काटा . अब वो और अग्रेसिवे हो गयी थी.

मैने धीरे धीरे लोवर मे हाथ डाल दिया . और उनकी चूत मे उंगली करने लगा. उनकी चूत गीली हो चुकी थी शायद उन्हे भी मज़ा आ रहा था. गीली चूत मे अंगुली डाल कर अलग ही मज़ा आ रहा था. मैने टॉप थोड़ा नीचे किया और भाभी की चूत को निहारने लगा. चूत मे हाथ डालना भाभी को भी भा रहा था.

थोड़ी देर बाद मैने लोवर और टॉप उतार दिया. मा कसम ऐसी बला कभी नही देखी थी . बिना कपड़ो के भाभी क्या लग रही थी. मैं उनको ५ मिनिट तक उन्हे देखता रहा. उनकी नज़र नीची थी शायद उन्हे शरम आ रही थी.

अब भाभी मेरे लॅंड को लोवर के बाहर से सहलाने लगी. अब मैने अपना नाग(लॅंड) अपने बिल से निकाला. मेरा लॅंड देख कर भाभी पागल हो गयी. वैसे मेरा लॅंड 7 इंच लंबा और ३ इंच मोटा है. वो मेरे लॅंड को ऐसे पी रही थी जैसे वो कोई कोल्ड ड्रिंक की बोतल हो. भाभी मेरे लॅंड को बुरी तरह चूस रही थी. अब वो मूठ मार के दे रही थी.मैने अपना माल उनके मूह मे डाल दिया. और वो सारा का सारा माल पी गयी.
अब मैने भाभी के चूत को चाटना शुरू किया. क्या गुलाबी चूत थी. पर उनकी चूत ढीली थी. हो भी कैसे ना भाई ने ३ साल ड्रिलिंग की थी. मैने अपने लॅंड को उनके चूत पेर घीसना शुरू किया. वो मस्त मस्त आवाज़ निकल रही थी. अब मैने लॅंड को चूत के दरवाजे पे लगा दिया और ज़ोर से धक्का मारा और मेरा लॅंड उनकी चूत मे विसरजित हो गया . अब मैने तेज धक्के लगाना शुरू कर दिया. अब उनको भी मज़ा आने लगा.

मैने 10 मिनिट तक उनकी चूत फाडी . बाद मे झड़ गया. भाभी ने माल चूत मे ना डाल कर मूह मे डालने को कहा . शायद उन्हे मा बनने का डर था. उस दिन मैने २ बार और भाभी की छूट फाडी.
अब हम जब भी मौका मील्ता है तब भाभी की सेवा करता हू.
उम्मीद करता हू मेरी ये कहानी पसंद आई होगी.

देवर से चुद गयी भाभी जी

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Devar Se Chud Gayi Bhabhi Ji : कई बार सपने में मैं अपनी प्रीति भाभी को उनकी तारीफ में कहता था ..” भाभी आप बहुत खूबसूरत हो आपके रसीले होठो का रस पीने के लिए कोई भी मर्द चाहेगा गोल गोल बड़ी आँखों में अजीब सी उलझन है आपकी पतली कमर देख कर कोई भी छूने को चाहेगा काजोल की जैसे बड़ी बड़ी चुचियां है आपकी दो मोटे कूल्हों को देखकर हर कोई दीवाना हो जाएगा सच कहूं भाभी आप एक हसींन हिरोइन जैसे दिखती हो.”

वो मुस्कुरा कर कहती हैं-”बस बस बहुत तारीफ करते हो वो भी झूठी ” ये क्या कहा आपने मैं भी कुर्बान जाऊं आप पर अगर झूठा निकला तो।

भैया को अक्सर शहर से बाहर जाना पड़ता है। एक बार भाभी ने काले रंग की साड़ी और ब्लाऊज पहना। भाभी गोरी हैं इसिलिए मैंने उसकी खूब तारीफ की और कहा – भाभी आप तो काले कपड़ो में बहुत ही खूबसूरत दिखाती हो वो मुस्कुरा के बोली झूठे कहीं के।

फिर कई दिनों तक मन में एक सपना सजाता रहा कि कब भाभी को पा लूं और कस के उनकी गरम नरम चूत में अपना मोटा लन्ड डाल के उन्हें चीखने पर मज़बूर कर दूं।

एक दिन भैया ने सुबह जल्दी बाहर जाना था और मैंने उन्हें स्टेशन तक छोड़ने जाना था। मैं केवल अंडरवीयर पहने कसरत कर रहा था कि अचानक भाभी आ गई। मुझे एक झटका सा लगा और मैंने एकदम अपनी कमर पर एक तौलिया लपेट लिया। भाभी मेरे पास आईं और बोली- देवर जी ! आपकी बोडी तो बहुत जानदार है। मेरी बाजू पकड़ कर कहा- क्या सख्त बाजू है। मेरा लन्ड भाभी के नर्म हाथों का स्पर्श पाते ही मचलने लगा। भाभी ने तौलिये में मेरे लन्ड को फ़ूलते हुए देख लिया। फ़िर वो जल्दी से बोली – जल्दी तैयार हो जाओ, चलो तुम्हारे भैया राह देख रहे हैं, उनकी गाड़ी का वक्त हो रहा है। वो चली गई पर मेरा लन्ड गर्म हो चुका था। मैं भैया को स्टेशन छोड़ आया और फ़िर कालेज चला गया।

शाम को जब घर आया तो भाभी पड़ोस में गप्पें हान्क रही थी। मुझे देख कर वो अन्दर आ गई। आज उन्होंने गहरे नीले रंग का गाऊन पहन रखा था और अन्दर आ कर दरवाजा बंद करते ही उन्होंने कहा – क्यों देवर जी मैं काले कपडों में सुंदर लगती हूँ ना !

मैंने कहा – हाँ. तो उन्होंने मैं कैसी दिखती हू इन काले कपड़ो में ?

मैंने हँसते हुए कहा – भाभी तुमने तो नीले रंग का गाऊन पहना है.

उन्होंने शरारत से कहा उस दिन तो कहते थे भाभी तुम काली साड़ी और काले ब्लाऊज में अप्सरा लगती हो. आज क्या हुआ ? मैंने कहा – लेकिन भाभी आपने नीला गाऊन पहना हुआ है काला नहीं.

तभी मेरा ध्यान भाभी के कंधे पर दिख रहे ब्रा स्ट्रैप पर गया। मैंने आगे बढ कर ब्रा स्ट्रैप के नीचे उंगली डाल कर ऊपर को उठाया और कहा- अच्छा तो ये है काले रंग की ब्रा। लेकिन दिख तो नहीं रही, भाभी जरा दिखाओ ना।

” कुछ नहीं ! कुछ नहीं ! मैं तो मज़ाक कर रही थी “भाभी बोली।

मैंने कहा- भाभी प्लीज! दिखाओ ना ! प्लीज भाभी प्लीज ! बस एक झलक एक बार !

इतना सुनते ही भाभी ने अपना गाऊन निकल दिया मैं उसे देखते ही दंग रह गया सच भाभी काले रंग की छोटी सी सी ब्रा और काले रंग की बिल्कुल छोटी सी पैन्टी में थी। उसकी दोनों चूचियां आधी से ज्यादा नंगी थी जब पैन्टी उसकी आधी चूत को ही ढक पा रही थी दोनों ओर से चूत नंगी दिखाई दे रही थी ये नजारा देख कर मेरा लंड अंडरवियर में खड़ा होने लगा.

भाभी ने कहा ” उस दिन तो बड़ी तारीफ करते थे आज क्या हो गया ”. मैंने कहा “भाभी तुम्हारी चूचियां और चूत का कोई जवाब मेरे पास नहीं पहली बार किसी औरत का आधा बदन नंगा देखा है सच कह रहा हूँ तुम्हारी कसम भाभी इतनी खूबसूरत गदराई हुई जवानी पहली बार देख कर मैं बाग बाग हो गया हूँ ”

ये कहते हुए मैंने आगे कदम बढाया तो भाभी हिली नहीं अपनी जगह से. मैंने भाभी को कंधो से पकड़ कर अपने से चिपटा लिया। उन्होंने मुझसे कहा “ क्या कर रहे हो, पहले अन्दर चलो ”.

मै समझ गया कि आज भाभी दावत दे रही हैं। अन्दर जाते ही मैंने अपनी शर्ट निकल दी ,ऊपर का बदन नंगा हो गया फिर बिना सोचे अपनी पैंट उतार दी सिर्फ़ अंडरवियर में आ गया मेरी नजर भाभी की चुचियों पर गई छोटी सी ब्रा और बड़े कद की चूचियां कब तक छुपाती. मैंने पीछे जा के हूक खोल दी। दो नंगे फल भाभी के बदन पर झूलने लगे .वो कसमसाई मैंने उनकी बिना परवाह किए पैंटी को एक ही झटके में उतार दी और अपना अंडरवियर को निकाल दिया.उन्होंने नकली गुस्से से कहा .. ये क्या कर रहे हो.

मैंने कुछ सुना नहीं मैंने अपनी बाहों में नंगी भाभी के जिस्म को दबोच लिया वो कराहने लगी की मैने दोनों होठो को उसके रसीले होठो पर रख दिए और जी भर के उसका रस पान करने लगा एक हाथ से चुचियों को दबाता मसलता रहा दूसरे हाथ से उसका जिस्म पूरा कस के मेरे जिस्म से चिपकाया ये सब अचानक हो जाने से वो हाथ पाँव मारने लगी लेकिन उसका कुछ न चला ओर मैं भाभी के जिस्म को बुरी तरह रौंदने लगा होठो के बीच जीभ डाल के मैंने उसे बुरी तरह चूमा उसके मुह में .. आह्ह्ह उफ़. .मोनू .. मैं तुम्हारी भाभी हूँ .. ये ग़लत है .. छोड़ दो मुझे ..जग गगग ..की आवाज निकलने लगी पर मैं पूरी तरह से उनकी भरी भरी चूचियों को दबाता रहा उसकी कड़ी निप्पल को दो उंगली के बीच ले के मसलने लगा भाभी अब सिस्कारियां भरने लगी ..नही .. प्लिज्ज़ ..उईई ईई …. धीरे ..मोनू ऊउऊ ..लेकिन अब उसका विरोध ख़तम हो गया था.

हम दोनों की सांसे तेज होने लगी मैंने जम कर भाभी के पूरे बदन को बेतहाशा चूमा .. .. मेरे होंठ उसके बदन पर फिसलने लगे .. एकदम गोरा और चिकना बदन था .अभी तक मैंने उसकी चूत पर हाथ नहीं लगाया था .. वो दोनों जांघो को सिकोड़े हुए थी .. मेरे हाथ और होंठो के स्पर्श से वो … ऐसी आवाजे निकलने लगी थी. प्रीति भाभी अब मीठी मीठी आहें भरने लगी मेरी ध्यान अब उसके पेट से होते हुए गहरी नाभि पर गया मैंने वहां सहलाया तो उन्होंने सिहर कर अपनी जांघे खोल दी और अब मेरी नजर उन की चूत पर पड़ी मैं झूम उठा एक भी बाल नहीं था गुलाबी रंग की चूत के बीच में एक लाल रंग का होल दिखाई दिया ये देख कर मुह में पानी आ गया.

भाभी के जिस्म को चारो ओर से चूमने सहलाने और दबाने के बाद चूचियों को प्यार से मुंह में लेकर कई बार चूसा भाभी का अंग अंग महक ने लगा उसकी दोनों चूचियां कड़ी ओर बड़ी हो गई उसके लाल लाल निप्प्ल उठ कर खड़े हो गए तीर की तरह नुकीले लग रहे थे. तब मेरी भाभी मुझसे जोर से लिपट गई। दो बदन एक दूसरे से रगड़ने लगे मेरी सांसे फूलने लगी हम दोनों तेजी से अपने मकसद की ओर आगे बढ़ने लग॥ १० मिनट तक हम दोनों ने एक दूसरे को पूरा चूमा सहलाया। भाभी ने पहली बार शरमाते शरमाते लंड को पकड़ा तो बदन में बिजली सी दौड़ गई पहली बार मैंने कहा “मेरी जान उसके साथ खेलो शरमाओ मत अब हम दोनों में शर्म कैसी .”

मेरा बदन बहुत ही गरमा चुका था तब मैंने भाभी को फर्श पर लिटा दिया ओर उसके ऊपर आके जोर से चुचियों को फिर से दबाया पर बाद में मैंने चूत की तरफ़ देखा. चूत तो पूरी गीली थी. उसमे से जूस ऐसे निकल रहा था जैसे नल से पानी बह रहा हो. अब मैंने भाभी के पावों को चौडा किया तो उनकी फूली हुयी गुलाबी चूत पूरी तरह दिखने लगी .भाभी की गुलाबी चूत को देख कर मैंने कहा “भाभी सच बहुत ही चिकनी है तेरी ये चूत बिना बाल की गोरी उभरी हुई। दिल कर रहा है इसे खा जाऊं ” इतना कह कर मैं उसकी चूत पर झुका और चूत के होठों को अपने होठों से चूमने लगा।

भाभी तो जैसे उछल पड़ी। ओह आ मोनू ………॥अऽऽऽ ये क्या कर रहे हो…ऐसा तो तुम्हारे भैया भी नहीं करते कभी.. ओह मुझे अजीब सा लग रहा है। भाभी की सिस्कारियों से पूरा कमरा गूंजने लगा। मैं बड़े प्यार से भाभी की चूत को चूसता, चूमता चाटता रहा। वो अपने होठों पर जीभ फ़ेर रही थी और मचल रही थी कि अचानक चिल्लाई- मोनू छोड़ मुझे… आहऽऽमेरा हो रहा है…जोर से…कहते हुए मेरा सिर अपनी जान्घों में दबा लिया और मेरे बाल खींचने लगी। …भाभी ने आह ऽऽ भरते हुए जल्दी जल्दी तीन चार झटके पूरे जोरों से अपने चूतड़ उठा कर मारे। मैंने फ़िर भी उनको नहीं छोड़ा और अपनी जीभ से उनकी चूत से बहने वाले रस को चाट गया।

वो कह रही थी- अब हट जाओ मोनू, अब सहन नहीं हो रहा। अब अपनी प्यारी भाभी को चोदो। फ़ाड़ दो मेरी चूत को अपनी भाभी की चूत में घुस जाओ। मैं पहले से जानती थी कि तुम मुझे चोदना चाह्ते हो, मैं भी तुम से चुदना चाहती थीअब मैं भी भाभी की चूत का स्वाद अपने लौड़े को चखाना चाहता था। मैं भाभी के ऊपर आया तो भाभी ने सिर उठा कर मेरे लौड़े कि तरफ़ देखा। उन्होने कहा- देवरजी ! मैं तो मर जाऊंगी इतने मोटे और लम्बे से।

मैंने पूछा किस मोटे और लम्बे से?

वो शरमाते हुए बोली तुम्हारे लो ऽऽऽ लौड़े से !

मैंने कहा-कुछ नहीं होगा… और भाभी की टांगें चौड़ी की तो उनकी चूत के होंट ऐसे खुल गये जैसे किसी फ़ाइव स्टार होटल के दरवाजे अपने आप खुल जाते हैं किसी के आने पर। मैंने अपनी दो अंगुलियों से चूत को थोड़ा और खोला और अपना लन्ड का सिर उस पूरे खिले गुलाब के फ़ूल में रख दिया। भाभी ने कहा – थोड़ा अन्दर तो करो !

मैने कहा- अभी करता हूं। यह कह कर मै अपना लौड़ा धीरे धीरे बाहर ही रगड़ने लगा। भाभी बेचैन हो उठी। वो अपने चूतड़ ऊपर को उठा उठा कर लौड़े को अपनी चूत में डलवाने की कोशिश कर रही थी। मैं उनको तड़फ़ाते हुए उनकी सारी कोशिशें नाकाम कर दिए जा रहा था।

“अब डालो ना !” भाभी बोली।

“क्या डालूं… और कहां …” मैंने भाभी से पूछा।

“अच्छा बताऊं तुझे? बहनचोद ! अपनी भाभी की चूत में अपना लौड़ा डाल और चोद साले ! भाभी तड़फ़ते हुए बोली।

भाभी के मुंह से ऐसी गालियां सुन कर मैं हैरान रह गया।

तभी भाभी ने एक ऐसा झटका दिया ऊपर की तरफ़ अपने चूतड़ों को कि एक बार में ही मेरा पूरा का पूरा लौड़ा भाभी की चूत की गहराई में उतर गया। भाभी के मुख से निकला- आह हय-मार दिया ! एक दर्द मिश्रित आनन्द भरी चीख !

अब मैं भाभी के ऊपर गिर सा गया और उनको हिलने का मौका ना देकर उनके होंट अपने होंटों से बंद कर दिये और अपने चूतड़ ऊपर उठा कर एक जोर का धक्का मारा तो भाभी फ़िर तड़प गई।

इसके बाद तो बस आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…धीरे…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…रुक जरा … हां… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…जोर से… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…हांऽऽअः……हांऽऽअः…हांऽऽअः…ह्म्म… हांऽऽअः

हम दोनो की एक जैसी आवाजें निकल रही थी। काफ़ी देर ऐसे ही चलता रहा। बीच बीच में भाभी बड़बड़ाती रही- मज़ा आ रहा है ! करते रहो ! चूसो !

भाभी की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी और मेरा लौड़ा बड़े आराम से अन्दर बाहर आ जा रहा था। भाभी भी अपने चूतड़ उठा उठा कर सहयोग कर रही थी। वो मदहोश हुई जा रही थी। उनके आनन्द का कोई पारावार ना था। ऐसा मज़ा शायद उन्हें पहले नहीं मिला था।

अब मैं चरमोत्कर्ष तक पहुंचने वाला था। मैंने भाभी को कहा – ले प्रीति ! ले ले मेरा सारा रस ! पिला दे अपनी चूत को !

“हां ! भर दे मेरी चूत अपने रस से मेरे मोनू भैया ! ” भाभी बोली।

और मैंने पूरे जोर से आखिरी धक्का दिया तो मेर लन्ड भाभी के गर्भाशय तक पहुंच गया शायद और वो चीख पड़ी- मार डालेगा क्या?

मेरे मुंह से निकला- बस हो गया ! मेरा लन्ड भाभी की चूत में पिचकारियां मार रहा था। भाभी भी चरम सीमा प्राप्त कर चुकी थी। फ़िर कुछ रुक रुक कर हल्के हल्के झटके मार कर मैं भाभी के ऊपर ही लेटा रहा। हम दोनों अर्धमूर्छित से पड़े रहे काफ़ी देर। पता नहीं कब नींद भी आ गई।

जब मेरी नींद खुली तो देखा कि भाभी उसी तरह नंगी मेरी बगल में बेसुध हो कर सो रही थी। उनके मुख पर असीम तृप्ति का आभास हो रहा था। उनके लबों पर बहुत हल्की सी मुस्कान भी दिख रही थी। मैं धीरे से उठा और रसोई में जाकर दो कप चाय बना कर लाया तो देखा भाभी वैसे ही सो रही थी। मैं उनके पास गया और उनके लबों को हल्के से चूम लिया। जैसे ही मेरे होंठ ने उनके होंठों को स्पर्श किया, भाभी ने आंखें खोल दी और मुस्कुरा कर मेरी आंखों में झांकने लगी।

मैंने भाभी से कहा- “तो सोने का बहाना कर रही थी आप?”

भाभी बोली- मैं तो तभी जाग गई थी जब तुम यहां से उठ कर गए थे, लाओ अब चाय तो पिला दो जो प्यार से बना के लाए हो।

हमने चाय पी। तब तक रात के आठ बज चुके थे। मैंने भाभी से पूछा – कैसा लगा?

भाभी ने शरमा कर नज़रें झुका ली, कुछ बोली नहीं।

मैंने उनकी ठोडी पकड़ कर उनका चेहरा ऊपर को उठाया और फ़िर पूछा कि कैसा लगा आज मेरे साथ।

भाभी शर्मिली मुस्कान के साथ बोली- बहुत मज़ा आया, मज़ा तो तुम्हारे भैया के साथ भी बहुत आता है, पर तुम्हारे अन्दर नया जोश है

“पहले ऐसा ही मज़ा आता था भैया के साथ?” मैंने पूछा।

” सच कहूं तो ऐसा मज़ा मुझे कभी नहीं आया, मुझे तो पता भी नहीं था कि इतना मज़ा भी आता होगा चुदाई में” भाभी ने कहा। भाभी के मुंह से चुदाई शब्द सुन कर मैं अवाक रह गया। फ़िर मैंने भाभी से कहा- भाभी ! मैंने आपको इतना आनन्द दिया है, मुझे ईनाम मिलना चाहिए

” हां ! ईनाम के हकदार तो तुम हो। बोलो क्या चाहिए तुम्हें ईनाम में?” भाभी ने पूछा।

“मैं तो ऐसे ही कह रहा हूं, आप मिल गई, मुझे तो मेरा ईनाम मिल गया” मैंने कहा।

” नहीं, फ़िर भी मैं तुम्हें कुछ ना कुछ ईनाम जरूर दूंगी” भाभी ने कहा।

” जैसी आपकी मरजी ! अगर मैंने अपनी तरफ़ से कुछ मांग लिया तो देना पड़ेगा भाभी ! ” मैंने कहा।

” हां हां जरूर ! मेरे बस में हुआ तो जरूर दूंगी” भाभी ने आश्वासन दिया।

” अच्छा अब बताओ रात के खाने में क्या बनाऊं? ” प्रीति भाभी ने पूछा।

“अब क्या बनाओगी, मैं बाज़ार से ले आता हूं कुछ, वैसे भी मैं अभी सारी रात बाकी है। आप मुझे खाना, मैं आपको खाऊंगा” मैंने भाभी को छेड़ा।

मैंने बाज़ार जाने के लिए उठते हुए कहा- भाभी ! मैं बाज़ार से खाना ले कर आता हूं। आप बस ऐसे ही नंगी रहना, कपड़े नहीं पहनना। भाभी भी मेरे साथ खड़ी हो गई यह कहते हुए कि दरवाजा भी तो बंद करना होगा। भाभी मेरे पीछे पीछे आईं और मुझे कहा देखो बाहर कोई है तो नहीं, मैं दरवाजा बंद कर लूं।

जब मैंने बाज़ार से आकर दरवाजे की घण्टी बजाई और भाभी ने दरवाजा खोला तो वो वही नीला गाऊन पहने थी।

अन्दर आते आते मैंने पूछा कि गाऊन क्यों पहना?

तो कमरे में पहुंच कर भाभी बोली- आज तो बस बच गई। अभी अभी थोड़ी देर पहले दरवाजे की घण्टी बजी थी और मैंने समझा तुम ही होगे और मैं बिना गाऊन पहने दरवाजा खोलने ही वाली थी कि मुझे पड़ोस वाली रितु की आवाज सुनाई दी। वो मुझे ही पुकार रही थी। मैंने दौड़ कर गाऊन पहना और फ़िर दरवाजा खोला।

क्या करने आई थी रितु? रितु वही जो चार पांच घर छोड़ कर रहती है, नमिता आन्टी की बेटी?

हां वही, तू तो सबको जानता है?

बड़ी मस्त चीज है वो, एक बार मिल जाए तो साली को चोद चोद कर चार छः बच्चों की मां बना दूं।

“तेरा बस चले तो तू सारी दुनिया की लड़कियों को चोद चोद कर मां बना दे” भाभी बोली।

“सारी दुनिया को नहीं तो भाभी आपको तो अब जरूर मां बना दूंगा” मैंने कहा।

यह सुन कर भाभी भावुक हो उठी, उनकी आंखें गीली हो गई, वो बोली- तीन साल हो गए शादी को ! अब तक तो कोई आस बंधी नहीं, पता नहीं कब मैं मां का शब्द सुनूंगी अपने लिए। और तुम क्या सोचते हो कि मैंने ये सारी रासलीला तुम्हारे साथ शारीरिक आनन्द के लिए रचाई है? यह सब मैंने औलाद का सुख पाने के लिए किया है। भाभी रोती जा रही थी और बोलती जा रही थी-” वैसे तो तुम्हारे भैया में कोई कमी नहीं है, वो मुझे सहवास का पूरा पूरा मज़ा देते हैं, पर पता नहीं क्यों मैं गर्भवती क्यों नहीं हो रही। अब देखो तुम क्या गुल खिलाते हो? इतना कह कर भाभी के चेहरे पर कुछ मुस्कुराहट आई।

मैंने आगे बढ कर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और कहा- भगवान ने चाहा तो अगले साल तक मैं चाचाऽऽ… नहीं आपके बच्चे का पापाऽऽ… नहीं बस चाचा … हां … चाचा ही ठीक है, बन जाऊंगा।

अगर ऐसा हो गया तो मैं तुम्हें मुंह मांगा ईनाम दूंगी- भाभी ने भरे गले से कहा।

तो अब दो ईनाम हो गये- एक तो आपने चाय पीते हुए वायदा किया था आज ही और दूसरा अब जो अगले साल या उससे भी पहले मिल सकता है।

दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको ,

कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा …

आपके जवाब के इंतेज़ार में …

आपका अपना

सुजीत सिंह

लैब में मैडम को चोदा

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Lab Mein Madam Ko Choda : मेरी मैडम बेहद खूबसूरत दिलदरिया और गाँड समुंदर!! हाँ कुछ ऐसा ही कह सकता हूँ मैं अपनी बीएड की लेक्चरर रुख़साना मैडम के बारे में। खूबसूरत, सांवली, सलोनी, पावरोटी की तरह फ़ूली गाँड और पपीते के तरह मोटे चूंचे उनकी पर्सनालिटी को चार चाँद लगाते थे। मजेदार गुदाज हुस्नो शबाब की मल्लिका और कोयल के कंठ से फ़ूटती सेक्सी आवाज की तरह कूहूकने वाली रुख़साना मैडम को चोदने के लिये उनके छात्रों का मन हर सेमेस्टर में बेकरार रहता था। जब अपने बाल झटक के सामने वाले पर जादू कर के वो पलट के मुसकरा के चल देती, उनकी गाँडके गोले एक दूसरे पर चढते हुए सामने वाले पर सेक्स का कीचड़ उछालते मजाक उड़ाते और अगला आदमी हाथ में अपने लंड को पकड़ कर बैठ जाता। रुख़साना मैडम पैंतीस-छत्तीस साल की थी लेकिन पच्चीस-छब्बीस से ज्यादा की नहीं लगती थी। हमेशा फ़ैशनेबल कपड़ों के साथ सैंडल और एक्सेसरिज़ पहनती थी।
रुख़साना मैडम दो दफ़ा तलाक़शुदा थीं और उनकी ऐय्याशियों के किस्से भी आम थे की वो एक नंबर की चुदक्कड़ और लंडखोर औरत थी। उनकी ऐसी रेप्यूटेशन थी की वो उभयलिंगी (बॉयसेक्ज़ुअल) थीं और कईं मर्दों के अलावा औरतों के साथ भी उनके शारिरिक संबंध थे। रुख़साना मैडम के बारे में ये भी अफ़वाह थी कि गत वर्षों में कुछ छात्रों और छात्राओं के साथ भी उनके अवैध संबंध रहे हैं लेकिन वो हर किसी को घास नहीं डालती थी और काफी च्यूज़ी थीं।
मेरी उम्र बाईस साल थी और बीएड के दूसरे सेमेस्टर में सायकोलोजी की मेरी पहली क्लास थी और सामने अगले बेंच पर मैं बैठा हुआ था। जैसे ही रुख़साना मैम अंदर घुसीं सारे छात्र-छात्राएँ खड़े हो गये। खड़ा तो मैं भी होने वाला था लेकिन मुझसे पहले मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने तुरंत अपने हाथों से अपनी जींस को दबाया और हक्का बक्का रह गया जब देखा कि सामने खड़ी रुख़साना मैडम मेरी इस फ़्रस्ट्रेशन को देख कर मुस्करा रही है। मैंने किताब उठायी। अपनी जिप के आगे वाले हिस्से को ढका और धम्म से बेंच पर बैठ गया। वो साइकालोजी की टीचर थी। लेक्चर स्टार्ट हुआ और जैसे ही उन्होंने कहा, “सायकोलोजी मन का विज्ञान है…!” मैं समझ गया कि ये मेरे मन की बात तो जान ही गयी होंगी। मैं उन्हें एकटक देख रहा था और वो भी तिरछी नजरों से शायद मेरी हाइट को निहार रही थी जो छ: फ़ीट तीन इंच है और मेरा बदन भी कसरती है।
क्लास खत्म होने के बाद लैब थी और साइकोलोजी लैब में सभी को एक टेस्ट करने को दिया गया था। ख़ुशक़िस्मती से मेरी इंस्ट्रक्टर वही थी – रुख़साना मैम। अलग-अलग साउंड प्रूफ़ केबिन में ये टेस्ट करना था। हम दोनों प्रैक्टिकल के लिये एक केबिन में अंदर घुसे। अंदर घुसते ही मुझे उसके बदन की सुंदर ख़ुशबू मदहोश करने लगी। हम दोनों आमने-सामने बैठे थे और बीच में एक टेबल थी। उन्होंने कहा, “टेस्ट निकालो!” तो मैं उन्हें देखता रहा। दो दफ़ा तलाक़शुदा मैडम पैंतीस साल के करीब होंगी पर खुद को बेहद मेंटेन कर रखा था। मेरा लंड फ़नफ़ना रहा था। सामने उनके चूंचे इतने भारी थे कि उनके कसे हुए लो-कट ब्लाऊज़ में से उछलकर बाहर आने को तैयार थे और लाल-लाल होंठों पर लिप ग्लॉस उन्हें चूत के अंदरुनी दीवारों की तरह पिंक बना रहा था। थोड़ी देर के लिये मैं कल्पना करता रहा कि ये कोई चूत ही है। उन्हें भी मेरे जज़्बातों का एहसास हो गया था की ये लड़का दिल ही दिल में उन्हें चोदने के ख़्वाब देख रहा है।
उनके हावभाव से वो भी बेकरार नज़र आ रही थी। टेबल के नीचे से उनकी उँची हील वाली सैंडल का सिरा सीधा मेरी जींस की जिप से लंड पे टकराया। मेरे को जैसे चार सौ चालीस वोल्ट का झटका लगा। मैडम मुझे पहले ही दीवाना बना चुकी थी और मेरे पहले से तने हुए लंड का लहू तो वैसे भी गरम हो चुका था। सैंडल की रगड़ से लंड का लावा निकलने वाला था। रुख़साना मैडम अदा से मुस्कुराते हुए बोली “सौरी!” लेकिन अपना सैंडल मेरे लंड से दूर नहीं हटाया और हल्के-हल्के मेरा लंड रगड़ती रहीं। अब तक इतना तो मैं समझ ही गया थी की उनकी चूत भी गरम हो चुकी थी और जो कुछ भी इस राँड के बारे में सुना था वो सब सच था। उनके सैंडल की रगड़ से मेरा लंड बुरी तरह से अकड़ गया था। मेरी फ़्रस्ट्रेशन देखकर रुख़साना मैडम अंजान बनते हुए बोली, “क्या हुआ? चोट तो नहीं लगी!” जबकि ये सब तो उन्होंने जान बूझ कर ही किया था। मैं भी ये मौका गंवाना नहीं चाहता था तो मैंने टेबल के नीचे हाथ लगा कर उनका पैर पकड़ लिया और सहलाते हुए जवाब दिया, “नहीं नहीं मैम… मुझे नहीं लगी लेकिन आपके पैर में दर्द हो तो मसाज कर दूँ?” ये कहते हुए मैं साईड से उनके पैर और सैंडल के बीच में उंगली डाल कर उनका तलवा सहलाने लगा और उनके पैरों की उंगलियों के बीच अपने उंगलियों से गरमा गरम मसाज देने लगा।
हम दोनो ही एक दूसरे को चोदने की फ़िराक में थे और अंजान बन कर एकदूसरे को धोखा दे रहे थे। रुख़साना मैडम कुटिल मुस्कान के साथ रसभरी आवाज़ में बोली, “पैर में नहीं लेकिन उपर तक़लीफ हो रही है… जरा सा उपर हाथ लगाओ ना!”
मैंने कहा, “कहाँ मैडम?” तो उन्होंने अपनी साड़ी और पेटीकोट ऊपर सरका कर अपनी चिकनी जांघ की तरफ़ इशारा करके आँख मारते हुए कहा – “यहां!” मैंने उनकी सुडौल जांघ पर हाथ फिराया। मस्ती का ज्वर छा रहा था मेरे लौड़े पे। सीधा एक बार हाथ लगाने की देर थी और जैसे पानी डालो तो गड़ढे में गिरता है वैसे ही मेरा हाथ फ़िसलते हुए उनकी टांगों के बीच चूत के होंठों तक जा पहुंचा। रुख़साना मैडम ने नीचे पैंटी तो पहनी ही नहीं हुई थी।
यही तो चाहती थी वो रांड। उनके मुँह से सिसकारियों निकलने लगी थीं। मैंने उनकी आंखों की गहराई में झांका तो लाल डोरे तैर रहे थे और वो कातिलाना स्माईल मार रही थी। मेरे लौड़े के उपर उनकी जीत पर यह मुस्कान घमंड से भरी थी। मैं उनका नया शिकार जो था।
रुख़साना मैडम कुर्सी से उठ कर खड़ी हुईं और मेरे सामने टेबल पर आकर बैठ गयीं। अगले ही पल रुख़साना मैडम ने झुक कर अपने गरम होंठ मेरे होंठों पर चिपका दिये और वो अपनी जीभ मेरे होंठों के बीच में घुसाने लगी। अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर रुख़साना मैडम उसे घुमा-घुमा कर टटोलने लगी। मेरा लंड तो जींस को फाड़ कर बाहर आने को तैयार हो गया। हम इसी तरह कुछ देर एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल कर चूमते रहे।
रुख़साना मैडम ने जब मेरे होंठों से अपने होंठ अलग किये तो हम दोनों हाँफ रहे थे। सीधे बैठ कर उन्होंने आननफानन अपना ब्लाऊज़ और ब्रा उतार दिये और उत्तेजना में हाँफते हुए मेरा सिर पकड़ कर मेरा चेहरा अपने मम्‍मों पे दबा दिया। मैंने भी देर नहीं की और उनके निप्पल चूसते हुए अपने हाथों से उनके पपीते जैसे मम्मे दबाने लगा। वो जोर-जोर से सिसकारियाँ भरते हुए मेरे बालों में अपनी नर्म उंगलियाँ फिरा रही थी। “उम्म्म… हाँ… वेरी गुड… ऐसे ही…!”
मैं तो फूला नहीं समा रहा था। अपनी और बाकी सभी छात्रों की ड्रीमगर्ल को मैं प्यार कर रहा था। रुख़साना मैडम फिर टेबल से उतर कर खड़ी हुईं और अपनी साड़ी और पेटीकोट उतार कर बिल्कुल नंगी हो गयी। अब मेरे सामने उसकी बिना बालों वाली चिकनी चूत नंगी थी। पैरों में उँची पेंसिल हील के सैंडल पहने बिल्कुल नंगी रुख़साना मैडम का गोरा और संगमरमर सा तराशा जिस्म कयामत ढा रहा था। किसी पॉर्न स्टार की तरह लग रही थी वो। उफ़्फ़ कितना सुगंधित जिस्म था उनका। उनकी भीनी-भीनी महक मेरे नथुनों में घुस रही थी।
रुख़साना मैडम फिर से टेबल पर बैठ गयीं और मुझे खड़ा करके खुद ही मेरी जींस की ज़िप खोलने लगी। मेरी जींस की ज़िप और बटन खोलकर उन्होंने मेरी जींस और अंडरवियर एक साथ मेरे घुटनों तक नीचे खिसका दिये। अकड़ कर लोहे के रॉड की तरह सख्त मेरा लंड जींस की कैद से आज़ाद होकर सीधा खड़ा था। इसी हथियार से रुख़साना मैडम को अपनी गाँड तहस नहस करवानी थी और चूत की बैंड बजवानी थी।
“मममऽऽऽ!” रुख़साना मैडम मस्त बिल्ली की तरह घुरघुराते हुए बोली, “कितनी शान से तन कर खड़ा है तेरा लंड!” उनके मुँह से ‘लंड’ शब्द सुनकर मुझे अच्छा लगा। इसका मतलब वो सही में चालू और चुदक्कड़ औरत थी। अपने हाथों में मेरा लंड पकड़कर रुख़साना मैडम ज़ोर-ज़ोर से सहलाते hue मुठियाने लगी। मेरे लंड से चिकना सा साफ रस निकल रहा था। मेरा लंड मुठियाते हुए वो मेरे लंड का सुपाड़ा अपनी रसभरी अन्नानास जैसी चूत पर रगड़ने लगी। उनकी चूत से भी रस बह रहा था जिससे मेरे लंड का सुपाड़ा भीग कर लथपथ हो गया।
रुख़साना मैडम ने फिर झुककर अपनी चूत के रस से लिसड़े सुपाड़े पर अपने होंठ रख कर अपनी जीभ गोल-गोल फिरा कर चाटने लगी। फिर मेरे लंड को अपने मुँह में अंदर लेकर चूसने लगी लेकिन टेबल पे बैठ के इस तरह झुके हुए लंड चूसने में उन्हें दिक्कत हो रही थी।
इसलिये रुख़साना मैडम पीठ के बल टेबल पे ऐसे लेट गयीं कि उनका मुँह नीचे टेबल के किनारे आ गया। उन्होंने मुझे अपने करीब बुलाया और मेरा लोहे सा सख्त लंड फिर से अपने मुँह में भर लिया। उन्होंने सुपड़-सुपड़ करके चटपटा लौड़ा चूसना शुरु किया । मैं तो मस्ती से झूम उठा और सिसकने लगा। अपने चूतड़ चलाने से मैं खुद को रोक नहीं सका और मेरा लंड रुख़साना मैडम के गले में टकराने लगा। मैंने देखा की रुख़साना मैडम एक हाथ से नीचे अपनी चूत भी सहला रही थीं।
फिर अचानक रुख़साना मैडम मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकल कर बोली, “जब तक मैं तेरा लंड चूसती हूँ… तू भी मेरी चूत चाट!” ये कहते हुए किसी जिमनास्ट की तरह रुख़साना मैडम अपनी कमर उठा कर चक्र की तरह मोड़ते हुए अपनी टांगें मेरे कंधों पर रखकर अपनी चूत को मेरे मुँह के करीब ले आयीं। उनके जिस्म का लचीलापन देख कर मैं हैरान था। उन्होंने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। अब ये 69 पोजिशन की स्पेशल स्टाइल थी। मेरा लौड़ा उनके मुँह में गले तक अंदर था और मेरी जीभ कभी उनकी गाँड और कभी चूत की गहराई नाप रही थी। रुख़साना मैडम सिसकारियाँ निकाल रही थी पर मुँह भरा होने के चलते चिल्लाना असंभव था । पाँच मिनट तक एक दूसरे की चुसाई के बाद हम दोनो चुदाई के लिये तैयार थे।
रुख़साना मैडम केबिन के शीशे का सहारा लेकर आगे झुककर अपनी टांगें चौड़ी करके खड़ी हो गयी। उँची हील की सैंडल पहने इस तरह खड़े होने से उनकी गाँड पीछे निकल कर उठी हुई बहुत सैक्‍सी लग रही थी। “चल जल्दी से घुसेड़ दे अपना लंड मेरी चूत में!” वो मेरी तरफ गर्दन घुमा कर बेक़रारी से बोली! मैंने उनकी कमर पकड़ कर पीछे से उनकी चूत में अपना बड़ा लौड़ा घुसा दिया। अब वो मरमराने लगी थी और उनकी चूत की लिजलिजी पंखुड़ियों को कुचलते हुए मेरा अनाकोंडा जैसा लंड अंदर घुसने लगा। वो काफी चुदी चुदाई औरत थी और शायद इसीलिये मेरे लंड की मोटाई बिल्कुल उसे फ़िट आ रही थी और उसे तकलीफ नहीं हुई। धकपक करते हुए लंड उनकी चूत में अंदर तक घुसेड़ते ही मैंने पीछे से उनकी चूचियाँ कस कर पकड़ लीं। उन्होंने अपनी गरदन पीछे करके अपने होंठ मेरे होंठों से छुआ दिये। चूत, होंठ और चूचियाँ तीनो जगह से मजे लेते हुए उन्होंने जबरदस्त चुदासी हो गयी थी। लंबे मोटे लंड से उनकी चूत भर आयी थी मारे मजे के उनकी आँखें बंद हुई जा रही थी। बीस मिनट तक ऐसी ही घमासान चुदाई के बाद मैंने उनकी गाँड को अपनी सेवाएं दीं और फ़िर अपनी मलाई उन्हें पिला दी। उसके बाद कभी मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। हमेशा अच्छे मार्क्स मिले और मैं हो गया बीएड टापर। जब मन चाहा मैडम को चोदा।

नंगी शादी और सामूहिक चुदाई

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Nangi Shaadi Aur Samuhik Chudai : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र 19 साल है। ये कहानी एक साल पहले की है जिसमें 2  फेमिली है, एक मेरी और दूसरी हमारे फेमिली फ्रेंड प्रकाश अंकल की है। मेरी फेमिली में हम 5 लोग है में, मम्मी, पापा और दो बहनें, जो अभी पढ़ रही है और प्रकाश अंकल की फेमिली में 6 लोग है वो, उनकी वाईफ और 3 बेटे और एक बेटी, जो कि 19 साल की है और वो अभी पढ़ रही है। एक दिन प्रकाश अंकल और उनकी वाईफ हमारे घर आए, अब वो मेरे पापा और मम्मी से बात कर रहे थे। वो लोग कहीं बाहर जाने की प्लानिंग कर रहे थे, वो लोग छुट्टी मनाने ऊटी जाने का प्लान बनाकर रविवार को निकल गये। वो दोनों अंकल, आंटी और मेरे मम्मी, पापा और हम सब बच्चे अपने घर पर ही थे।

अब में आपको बता दूँ कि मेरी दोनों बहनों का नाम रीता और मीना है, वो दोनों जुड़वा है और बहुत सेक्सी है। वो 19 साल की कामुक लड़कियां है और प्रकाश अंकल के बेटे प्रीतम 21 साल, पिंटू 20 साल और सिंटू 19 साल के है। हमारे पापा मम्मी की तरह हम सब भी अच्छे दोस्त थे और बहुत बार मेरी दोनों बहने पूजा के पास जाया करती थी और हम भी प्रीतम और उसके भाइयों के साथ बाहर जाते थे। इस तरह जब हमारे पापा मम्मी ऊटी गये थे, तो हम लोग अपने एग्जॉम में व्यस्त थे और अचानक हमें एक शॉक लगा और पता चला कि रोड़ एक्सिडेंट में हमारे माता पिता की मौत हो गई है। फिर हम सबने बहुत दुख से उन सभी का क्रियाकर्म किया। उस समय मेरे पास कुछ नहीं था, फिर में प्रीतम और उसके भाइयों के घर गया। फिर थोड़ी देर तक बात करने के बाद हमने फ़ैसला कर लिया कि हम सब साथ में रहेंगे। फिर में अपनी दोनों बहनों के साथ उनके घर चला गया और फिर हम एक साथ रहने लगे। फिर करीब 5 महीने के बाद हम सब घुल मिल गये और मस्त रहने लगे। अब प्रीतम और में बिज़नस किया करते और घर चलाया करते। फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए।

प्रीतम : क्या यार, अब हमारी शादी कैसे होगी?

में : हाँ यार, में भी यही सोच रहा हूँ।

प्रीतम :  एक बात बोलूं।

में : हाँ बोल।

प्रीतम : मुझे तेरी बहन मीना बहुत पसंद है, क्या में उससे शादी कर सकता हूँ?

में :  हाँ, मगर एक शर्त है।

प्रीतम :  बोल।

में : मुझे भी तेरी बहन बहुत पसंद है।

प्रीतम : ये तो खुशी की बात है चल आज ही मीटिंग करते है।

फिर घर आने के बाद हम सब डिनर टेबल पर बैठे और प्रीतम ने पूछा कि जिसको भी शादी करनी है वो हाथ उठाओ, तो सबने अपना हाथ उठाया और हम चौंक गये, तो मीना बोली कि लेकिन करेगें किससे?

में :  देख हम सब जवान है और अलग-अलग फेमिली से बिलॉंग करते है, क्यों ना हम आपस में शादी  कर ले?

तो सब राजी हो गये और अब सब खुश लग रहे थे, तो पिंटू ने कहा कि लेकिन एक प्रोब्लम है दोस्तों।

में : क्या?

पिंटू : हम 4 लड़के है और लड़कियां 3 ही है, कैसे शादी होगी?

प्रीतम : कुछ सोचो यार।

फिर हम एक फैसले पर आए कि मेरी बहन रीता के दो पति होगें, तो सब राजी हो गये।

अब हम सब शर्म छोड़ चुके थे और खुलकर बात कर रहे थे। फिर मैंने प्रीतम की बहन पूजा से कहा कि

क्या ख्याल है मेरी होने वाली पत्नी?

पूजा :  हाए मेरे राजा आई लव यू।

फिर हम सब हंस पड़े, फिर हमने अगले दिन शादी का प्लान किया और सब खुश हो गये, क्योंकि सब हवस में पागल थे। फिर दूसरे दिन सभी लड़कियां साड़ी पहने थी और सब लड़के कुर्ता पजामा पहने थे,  फिर मैंने कहा कि क्यों ना शादी एक नयी स्टाइल में की जाए?

प्रीतम :  कैसे?

में : क्यों ना हम कम से कम कपड़ो में शादी करे?

सिंटू :  अच्छा आईडिया है।

में :  गर्ल्स सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में और बॉय सिर्फ शॉर्ट्स पहनकर शादी करे।

पूजा : आईडिया अच्छा है।

फिर हम सबने अपने-अपने कपड़े उतारे और ड्रेस कोड में आ गये। अब मीना और रीता ने ब्लेक कलर की ब्रा और पेंटी पहनी थी और पूजा ने रेड कलर की ब्रा पेंटी पहनी थी और सभी बॉय ने ब्लू कलर की शॉर्ट पहनी हुई थी।

पूजा : लेकिन, हम शादी शुरू कैसे करे?

फिर हमने हॉल में सब गद्दे बिछाए और अब हम हार पहनाकर शादी कर रहे थे।

रीता :  सिंदूर कहाँ है?

प्रीतम :  हाँ, सिंदूर हम माँग में नहीं चूत में भरेंगे।

तो वो खुश हो गई और अब सब लेडीस अपनी पेंटी को साईड में करके खड़ी थी।

में : हम सिंदूर हाथ से नहीं लंड से भरेंगे।

तो सब राजी हो गये, फिर मैंने अपने 8 इंच के लंड पर सिंदूर लगाया और पूजा की नाज़ुक चूत पर  सिंदूर लगाया। वही पिंटू और सिंटू ने मेरी बहन रीता की चूत पर सिंदूर लगाया और प्रीतम ने मीना की चूत पर अपना लंड लगाकर शादी कर ली थी। अब हम सब रोमांस कर रहे थे, अब में पूजा की ब्रा खोलकर उसके 19 साल के निपल चूस रहा था। अब वो बहुत सिसकियां मार रही थी, अब रीता पिंटू और सिंटू के साथ मज़े ले रही थी और प्रीतम मीना की चूत को चाट रहा था। अब में भी पूजा की चूत चाट रहा था। अब वो लाल हो गई थी और में उसकी चूत पर अपना लंड मसल रहा था और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर मैंने एक जोरदार धक्के के साथ पूजा की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो वो चीख उठी और वहीँ मीना का भी यही हाल था और रीता भी एक लंड चूस रही थी और दूसरा लंड अपनी चूत में ले रही थी। इस तरह से हमने रात के तीन बजे तक चुदाई की और अब सब कई बार झड़ चुके थे। फिर सुबह 9 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि पूजा मेरी बाहों में सो रही है, मीना प्रीतम का लंड अपनी चूत में लिए सो रही हैं और रीता के दोनों साईड में सिंटू पिंटू सो रहे थे। फिर मैंने सबको उठाया और कहा कि नहा लो, तो अब सब उठकर एक दूसरे को देख रहे थे और फिर सबने अपनी बीवियों को मॉर्निंग किस किया और बीवियों ने लंड मुँह में लेकर सबको ठीक से जगाया। अब सब कपल एक के बाद एक बाथरूम में जा कर चुदाई के साथ फ्रेश होकर कपड़े पहनकर बाहर आए और नाश्ता किया।

तभी पूजा ने कहा कि आज राखी है हम सब अच्छे से मनायेंगे, तो मैंने कहा कि अच्छा आइडिया है।

(TBC)…

डरते डरते साली की चूत चुदाई

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Darte Darte Saali Ki Choot Chudai : नमस्कार दोस्तों मेरा नाम रौशन कुमार मिश्रा है और मेरा घर झारखंड राज्य के एक शहर में है। मेरी उम्र 30 वर्ष है और मेरे लंड का साईज़ लगभग 5 इंच है। दोस्तों में इस साईट का बहुत पुराना पाठक हूँ। फिर मैंने भी कई लोगों की कहानियाँ पढ़कर सोचा कि में अपनी कहानी भी आप सभी लोगों से सामने रखूं। दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है तो हो सकता है कुछ गलतीयाँ हो तो मुझे उम्मीद है आप सभी लोग मुझे माफ़ करके कहानी का मजा लेंगे। दोस्तों में एक साफ सुथरी चुदाई पर यकीन करता हूँ। चूत चाटने से मुझे बहुत घिन आती है। फिर चूत चाटने के अलावा में चुदाई के सभी तरीके प्रयोग करता हूँ।

दोस्तों यह कहानी आज से लगभग 4 साल पहले की है। वो नवम्बर का महीना था और ठंड भी पड़ना शुरू हो गई थी और मेरी पत्नी प्रॅगनेंट थी उसका सातवां महीना चल रहा था। फिर मेरी पत्नी ज़्यादा काम नहीं कर पाती थी। तभी मैंने उसकी मदद के लिये अपनी साली को बुला लिया। दोस्तों मेरी साली का नाम कामिनी है वो बहुत सुंदर और सेक्सी लड़की है उसकी उम्र 22 साल की है और चूचियाँ 32″ और कमर 28″ गांड 30″ के आसपास है और वो मुझसे बहुत मज़ाक करती है। फिर मैंने शुरू शुरू में कोई खास ध्यान नहीं दिया लेकिन बहुत दिन से चुदाई नहीं करने के कारण मुझे बहुत अजीब सा लगता था। फिर रात में जब लंड खड़ा होता तो में बाथरूम में जाकर साली का नाम लेकर मुठ मार लेता था।

फिर मेरा मन अब साली को चोदने का करता था लेकिन डर लगता था कि अगर उसने विरोध किया और मेरी पत्नी को पता चल गया तो मेरा हंसता खेलता परिवार उजड़ जाएगा। लेकिन चुदाई करने के लिए कुछ तो पहल करनी ही थी। फिर इसलिए एक दिन मौका देखकर जब मेरी पत्नी आँगन में धूप सेक रही थी और रूम में साली अकेली थी। तभी मैंने पीछे से हाथ लगाया और उसकी कमर पर अपना एक हाथ फैरने लगा। तभी वो अचानक से चौंक गई और कहने लगी कि आप यह क्या कर रहे हो? फिर मैंने उसे कहा कि बस तुम्हे छूकर देख रहा हूँ कि तुम्हारे अंदर कितना करंट है। तभी वो एक शैतानी हंसी हंस पड़ी। फिर में समझ चुका था कि हंसी तो फंसी लेकिन शुरू शुरू में तो उसने बहुत नाटक किया लेकिन जब में उसे रोज मौका देखकर चूमने लगा।

अब उसने विरोध करना छोड़ दिया था और शायद उसे मज़ा आता था। लेकिन चुम्मा लेने से लंड की प्यास नहीं बुझती है फिर यही हाल मेरे साथ भी था। फिर मेरी साली अपनी बहन यानी की मेरी पत्नी के साथ ही सोती थी और फिर में उसके पलंग के पास में चौकी पर सोता था.. पत्नी मेरी तरफ मुहं करके और साली दूसरी तरफ सोती थी और ऐसे में कुछ भी करना बहुत मुश्किल था। फिर एक दिन सुबह उठकर जब मेरी पत्नी बाथरूम गई थी तभी मैंने मौका देखकर थोड़ी हिम्मत जुटाई और अपनी चौकी से उठकर पलंग पर चला गया और साली के पास में लेट गया लेकिन शायद वो नींद में थी इसलिए उसे पता नहीं चला। फिर मेरे पास समय कम और एक बहुत मौका अच्छा था। तभी मैंने उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया और फिर उसे धीरे धीरे दबाने लगा.. इससे उसकी नींद अचानक खुल गई और फिर मेरी डर के मारे बहुत हालत खराब हो गई.. मुझे ऊपर से नीचे तक पसीना छूट गया। लेकिन उसने केवल मेरा हाथ पकड़ा था और वो कुछ बोली नहीं। तभी इससे मेरी हिम्मत और बड़ गई और फिर मैंने अपना हाथ छुड़ाकर उसकी चूचियों पर रख दिया और फिर बड़े आराम से उन्हें दबाने लगा लेकिन कुछ देर बाद मुझे लगा कि मेरी पत्नी बाथरूम से वापस आ गई है। तभी में तुरंत जल्दी से अपने बिस्तर पर आ गया। फिर करीब एक सप्ताह तक रोज मैंने ऐसा ही किया फिर मेरी प्यास रोज और बड़ती ही जा रही थी।

फिर करीब एक सप्ताह के बाद सुबह रोज की तरह जब मेरी पत्नी बाथरूम में गई। तभी में साली के पास उसके पलंग पर आ गया और फिर चूचियाँ दबाते दबाते मैंने एकदम से अपना एक हाथ उसकी सलवार के अंदर घुसा दिया किस्मत से मेरा हाथ एकदम से उसकी पेंटी के भी अंदर घुस गया और मेरा हाथ सीधे जाकर उसकी चूत पर पड़ा। फिर में उसकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा और वो बीना हिले चुपचाप पड़ी रही उसने कोई विरोध नहीं किया। तभी मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में डाल दी। तभी वो अचानक से पूरी हिल गई और मुझे अंदाजा हो गया कि वो चुदाई के लिये तैयार है। फिर मैंने अपनी पत्नी के डर से ऊँगली को बाहर किया और उसे चूमने लगा। फिर मैंने उसे करीब पांच मिनट तक चूमा और छोड़ दिया और सही मौके की तलाश में लगा रहा।

फिर जब भी वो मुझे देखती हमेशा एक अच्छी सी मुस्कान देकर मुझे चुदाई के लिये न्यौता दे कर चली जाती और में अंदर ही अंदर जलकर राख होता रहता था और भगवान से कहता कि वो दिन.. ना जाने कब आएगा? तभी एक दिन मेरी किस्मत चमक उठी और मुझे जिस मौके की तलाश थी वो आज मुझे मिल गया। मेरी पत्नी डॉक्टर के पास जाँच के लिये मेरी माँ के साथ चली गई मैंने माँ को कहा कि में भी चलूं लेकिन माँ ने मना कर दिया और कहा कि तू क्यों परेशान होता है? और फिर घर पर कामिनी भी अकेली कैसे रहेगी? फिर में माँ की इस बात से सहमत था।

फिर मैंने डॉक्टर से एक दिन पहले बात की थी और मेरी पत्नी का नंबर लगा दिया था। फिर उस दिन मुझे पता था कि आज घर पर करीब तीन, चार घंटो के लिये बस हम दोनों थे में और मेरी साली और कोई नहीं फिर क्या था.. आज तो बस मेरी चाँदी ही चाँदी थी। फिर करीब सुबह के दस बजे मैंने.. माँ और मेरी पत्नी को घर के बाहर से विदा किया और फिर में दरवाजा अंदर से बंद करके अंदर चला आया और सीधा अपने कमरे में गया और वहाँ से मैंने एक कंडोम का पैकेट लिया और अपनी ज़ेब में रख लिया। फिर में सीधा किचन में गया जहाँ पर कामिनी काम में व्यस्त थी। तभी मैंने उसे अचानक पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर चूमने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा लेकिन उसने कोई भी विरोध नहीं किया। फिर मैंने किचन में ही उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए और उसने अपना हाथ आगे बड़ा कर मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। तभी मैंने उससे कहा कि चलो अब हम चुदाई पलंग पर करते है। फिर मैंने पलंग पर लेटा दिया और लेटते ही मैंने उसे पकड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो से दबा लिया और फिर उसे चूमने लगा। फिर पांच मिनट किस करने के बाद में नीचे हुआ और उसके बूब्स को कुर्ती के ऊपर से दबाने लगा। तभी कामिनी की सांसे तेज होती जा रही थी। फिर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके ऊपर था और उसके बूब्स दबा रहा था और फिर उसकी गर्दन पर अपनी जीभ से चाट रहा था।तभी में ऊपर से हटा और फिर उसे बैठाकर उसकी कुर्ती को उतार दिया। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। फिर जैसे ही मैंने कुर्ती उतारी उसके गोर गोर 32 के बूब्स मेरे सामने आ गए। में पागल सा होने लगा और कामिनी को नीचे दबाकर उसके बूब्स पर टूट पड़ा। फिर एक हाथ से उसके सीधे बूब्स को और जोर से और फिर दूसरे बूब्स को मेरे मुहं में लेकर चूस रहा था और हल्के हल्के दबा रहा था। फिर मेरे हर बार दबाने के साथ कामिनी का जोश बढ़ता जा रहा था और जोर से उनको चूसने और मसलने लगा। कामिनी को भी मजा आने लगा और उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी।

फिर मैंने उसकी चूचियों को जी भर कर चूसा और चूसते-चूसते ही में एक हाथ से उसकी चूत पर ले गया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। फिर थोड़ा फिर में धीरे-धीरे उसकी सलवार में हाथ डाल कर पेंटी के अन्दर अपना हाथ ले गया और उसकी चूत को सहलाने लगा। सच में कामिनी की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी.. में तो बस मदहोश हो गया था। फिर में धीरे धीरे उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा। तभी उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और वो मुझे कहने लगी थी अब और बर्दाश्त नहीं होता प्लीज लंड डालो ना।

तभी में समझ गया कि अब ये पूरी तरह से गरम हो चुकी है। फिर मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और फिर पेंटी के ऊपर से ही उसको चूमने लगा। फिर मैंने अब मौका गंवाए बिना उसकी पेंटी को भी उतार फेंका। फिर में जल्दी से नीचे आया और फिर अपने दोनों पैर फैलाकर लेट गया और उसे अपने ऊपर खींच लिया। तभी वो समझ गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। फिर जैसे ही उसने हिलाना शुरू किया मुझे करंट के झटके लगने लगे क्योंकि पहली बार किसी दूसरी लड़की के हाथ में मेरा लंड था। फिर में लंड धीरे से उसकी चूत में घुसाने लगा लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी।

तभी मैंने धीरे से एक धक्का दिया लंड चूत के अंदर चला गया। फिर उसकी चूत से खून बहने लगा था और कामिनी आँखें बंद किये सिसकारियां भर रही थी। तभी मुझे सही मौका मिला और अचानक मैंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा 5 इंच का लंड उसकी चूत की गहराइयों में डाल दिया। तभी वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी वो दर्द से छटपटाने लगी और कहने लगी कि प्लीज मुझे छोड़ दो और फिर वो जोर जोर से रोने लगी। फिर पाँच मिनट तक में सिर्फ़ उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ फैरता रहा। तभी धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ और तभी थोड़ी देर में उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी हिल हिल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी। फिर करीब 15 मिनट तक में उसे बिना रुके चोदता रहा और इतनी देर में उसकी चूत गीली हो गई और उसका दर्द कम हो गया और वो बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी। फिर वो भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी अह्ह्ह ईईइ और जोर से मुझे चोदते रहो और जोर से चोदो मुझे। तभी वो एकदम से अकड़ गई और झड़ गई। फिर में अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर में उसे जोर जोर से चोदता रहा। फिर करीब दस मिनट बाद में उसकी चूत में झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य कामिनी की चूत में डाल दिया। फिर मुझे कोई डर नहीं था क्योंकि मैंने पहले से ही लंड पर कंडोम चड़ा लिया था।

दोस्तों फिर चार घंटो में मैंने करीब उसकी दो बार चुदाई की फिर जब भी मुझे चुदाई का मौका मिलता तो में कामिनी की चुदाई करता और अपने लंड को शांत करता। दोस्तों मैंने कभी भी कामिनी को बिना कंडोम के नहीं चोदा क्योंकि उसकी अभी शादी नहीं हुई थी और कभी भी मेरी पत्नी को भी पता नहीं चला ।।

आंटी को कोल्ड ड्रिंक पिलाकर खूब चोदा

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जुनैद है और में एक हॉस्पिटल में जॉब करता हूँ। हमारे परिवार में सब एक ही घर में रहते है, हमारा घर काफ़ी बड़ा है और सब लोग अलग-अलग फ्लोर में रहते है। ये बात 2 साल पहले की है जब मेरे अंकल की नई-नई शादी हुई थी और शादी वाले दिन में उनकी दुल्हन जो कि मेरी आंटी है, उसको देखकर मेरा दिल मचलने लगा था, उफ़फ्फ़ क्या बताऊँ दोस्तों क्या चीज़ है वो? गोरा रंग, छोटे-छोटे लेकिन टाईट बूब्स, बड़ी सी गांड, बहुत ही फिट फिगर है। मैंने उनको देखकर सोच लिया कि इसको किसी ना किसी तरह से चोदना है। अब हमारी फेमिली ने अंकल और आंटी को एक अलग फ्लोर दे दिया था।

आंटी मुझसे काफ़ी फ्रेंक थी, लेकिन में सेक्स की बात करने से डरता था, क्योंकि अगर उसने अंकल को बता दिया तो मेरी शामत आ जायेगी। खैर इसी तरह एक महिना गुज़र गया और में अपने दिमाग़ में आंटी को चोदने के प्लान बनाता रहा। फिर इंटरनेट पर स्टोरी पड़ने से मेरे दिमाग में एक आइडिया आया कि आंटी को किसी तरह बेहोश कर दिया जाए तो उनको आसानी से चोदा जा सकता है, लेकिन ऐसा करना मुश्किल था, क्योंकि हमारी जॉइंट फेमिली सिस्टम की वजह से ये आइडिया काम नहीं कर सकता था, ऐसा सिर्फ़ उसी सूरत में हो सकता था जब घर में और कोई ना हो और सिर्फ़ में और आंटी हो। जैसा कि मैंने आपको बताया है कि में एक हॉस्पिटल में जॉब करता हूँ तो मेरे लिए बेहोशी की गोली लाना कोई प्रोब्लम नहीं थी। मैंने गोली अपने पास ही रखी हुई थी और अब में मौका मिलने का इंतज़ार करने लगा था।

आख़िरकार एक दिन वो मौका मुझे मिल ही गया। हुआ कुछ यूँ कि अंकल को किसी काम से दूसरी सिटी में 3 दिन के लिए जाना पड़ गया। फिर रात के टाईम आंटी मेरी माँ के पास आई और बोली कि मुझे रूम में अकेले सोने से डर लगता है, इसलिए जुनैद या इबरर (मेरा छोटा भाई) को बोलो कि मेरे रूम में सो जाए। में उस वक़्त माँ के पास ही बैठा था तो मैंने एकदम से कहा कि ठीक है आंटी में आपके रूम में सो जाऊंगा। फिर आंटी ने मुझे थैंक्स बोला और अब मेरे दिल में तो लड्डू फूट रहे थे कि आज आंटी की जवानी को चखने का मौका मिल रहा है। फिर में मार्केट गया और 2 कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल ले आया और उनको अपने रूम में रख दी। फिर जब रात को सोने का टाईम हुआ तो में आंटी के रूम में चला गया, वहाँ 2 बेड है। अब आंटी एक बेड पर लेटी हुई थी और मुझे दूसरे बेड पर सोना था। अब में दूसरे बेड पर लेट गया और उनसे गपशप करने लगा। फिर कुछ देर के बाद मैंने आंटी से कहा कि में कुछ देर पहले 2 कोल्ड ड्रिंक्स लाया था तो में वो अपने रूम से लेकर आता हूँ।

(TBC)…


आंटी को कोल्ड ड्रिंक पिलाकर खूब चोदा भाग २

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फिर आंटी ने कहा कि ठीक है ले आओ, लेकिन जल्दी आना मुझे डर लगता है। फिर में अपने रूम में गया और एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल का ढक्कन खोलकर उसमें बेहोश करने वाली गोली डाल दी और बोतल को ठीक तरह से हिलाया ताकि वो गोली कोल्डड्रिंक में मिक्स हो जाए। फिर में वो ड्रिंक्स लेकर आंटी के रूम में गया और गोली वाली ड्रिंक उनको दे दी और दूसरी ड्रिंक खोलकर में अपने बेड पर बैठकर पीने लगा। अब आंटी भी पीने लगी थी। फिर जब हम दोनों ने ड्रिंक पी ली तो आंटी ने बोला कि मुझे नींद आ रही है और तुम भी डोर लॉक करके सो जाओ। फिर में जल्दी से उठा और रूम लॉक कर दिया और अपने बेड पर आकर लेट गया। अब आंटी सो चुकी थी, लेकिन में थोडा और इंतजार करना चाहता था ताकि कोई रिस्क नहीं लेना पड़े। फिर 5 मिनट के बाद में अपने बेड से उठा और आंटी के बेड के पास चला गया। फिर मैंने उनको आवाज़ दी, लेकिन उन्होंने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया। फिर मैंने उनको हिलाया, लेकिन फिर भी उन्होंने कोई हरकत नहीं की, अब पक्का हो गया था कि वो बेहोश हो गई है।

फिर में उनके साथ साईड में लेट गया और अब मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था। फिर मैंने आंटी को अपनी बाहों में ले लिया और पागलों की तरह उनके चेहरे पर किस करने लगा और उनके गुलाबी होंठो को चूसने लगा। फिर में उनकी गर्दन पर किस करने लगा। अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में जन्नत में हूँ। फिर में उनके होंठो को चूसते-चूसते उनके टाईट बूब्स पर अपने हाथ फैरने लगा। क्या बताऊँ दोस्तों क्या फिलिंग थी वो? फिर मैंने उनकी कमीज़ को ऊपर किया और उनकी ब्रा को भी ऊपर कर दिया। अब उनके छोटे-छोटे, गोल-गोल और टाईट बूब्स मेरी आँखों के सामने थे। फिर मैंने उनके एक बूब्स को अपने मुँह में लिया और पागलों की तरह चूसने लगा और दूसरे बूब्स को अपने हाथ में लेकर दबाने लगा। अब आंटी बेख़बर होकर सो रही थी और फिर 10 मिनट तक बूब्स चूसने के बाद मैंने अपने कपड़े उतार दिए और आंटी की सलवार भी उतार दी।

फिर में उनकी टांगो को फैलाकर उनकी चूत को देखने लगा, उफफफफफ्फ़ क्या चूत थी दोस्तों, पिंक कलर की? अब में उनकी चूत को चाटने लगा तो उनकी चूत से बहुत ही भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी। अब में तो मदहोश हुआ जा रहा था। फिर मैंने उनकी चूत को चूस-चूसकर और चाट-चाटकर गीला कर दिया। अब तो उनकी चूत और भी लाल हो गई थी, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। फिर मैंने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया जो कि अब लोहे की तरह सख़्त हो गया था। फिर में अपना लंड उनकी चूत के ऊपर रखकर अंदर डालने लगा। दोस्तों उनकी बहुत ही टाईट चूत थी। खैर कुछ कोशिश करने के बाद में अपना पूरा लंड अंदर डालने में कामयाब हो गया,  उफफफफफफफफफफ्फ़ क्या फिलिंग थी वो यार? अब आंटी की गर्म-गर्म चूत में मेरा लंड अंदर बाहर होने लगा था। अब में साथ-साथ उनके बूब्स को भी चूस रहा था। अब मैंने अपनी स्पीड तेज़ कर दी और ठीक 10 मिनट के बाद मैंने अपना सारा पानी आंटी की चूत में ही छोड़ दिया।

फिर में उनके जिस्म के ऊपर ही लेट गया और उनके जिस्म पर किस करने लगा। फिर में उठा और आंटी की चूत को बाहर से साफ किया और उनको सलवार पहनाई और उनका ड्रेस वगेरा ठीक करके मैंने अपने कपड़े भी पहन लिए और आंटी के होंठो पर एक किस करके अपने बेड पर आकर सो गया। फिर अगले दिन आंटी और में लेट ही उठे। अब में सुबह डर भी रहा था, लेकिन आंटी का व्यवहार मेरे साथ नॉर्मल ही रहा। उसके बाद अगले 2 दिन भी में उनके रूम में ही सोया और उनको कोल्ड ड्रिंक पिलाकर खूब चोदा ।।

धन्यवाद …

माँ ने दूध वाले को दूध पिलाया

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्रम है और में आप लोगों को अपनी माँ की चुदाई की कहानी बताऊंगा कि कैसे मेरी माँ ने दूध वाले को अपना दूध पिलाया और उसके काले लंड के मज़े लिए? दोस्तों मेरी माँ का नाम सपना है और हम एक सामान्य परिवार से है, में फरीदाबाद में रहता हूँ। मेरे घर में मेरे मम्मी पापा है, बस पापा का अपना काम है। में कभी काम पर पापा के साथ तो कभी मस्ती बस यही मेरा काम है, मेरी माँ हाऊसवाईफ है और उम्र 48 साल, फिगर 36-34-38 है। अब में सीधा कहानी पर आता हूँ, दोस्तों में रोज की तरह ही काम पर जाता था, लेकिन जाता नहीं था बस मस्ती करता था।

एक दिन में घर पर वापस एक काम से पेपर लेने आया और घर की एक चाबी मेरे पास भी है तो मैंने आराम से गेट खोला और अंदर आ गया। जैसे ही में घर के अंदर आया तो मुझे माँ की हंसने की आवाज़ आ रही थी और साथ में कोई आदमी भी था। अब में समझ गया कि बेटा तू आज टाईम से ही आया है और में आराम से अंदर की तरफ गया और जैसे ही खिड़की के पास खड़े होकर देखा तो में वहीं खड़ा हो गया। मैंने अंदर देखा कि मेरे दूध वाले अंकल थे और मम्मी उनके बिल्कुल पास बैठी थी और वो दोनों हंस हंसकर बात कर रहे थे। फिर उन अंकल ने बोला कि भाभी आप बहुत अच्छी हो और बहुत मज़ाक करती हो, घर में आपके साथ तो दिल लग जाता है। तो माँ ने बोला कि अरे कहा भाई साहब बस यहाँ वहाँ की कर लेती हूँ और भाभी जी कैसे है? बच्चे कैसे है? ऐसे ही बात चल रही थी।

अब में हैरान था कि आज सब कुछ नॉर्मल कैसे है? फिर थोड़ी देर ऐसे ही बात होती रही, अब में देखता रहा। फिर अंकल ने बोला कि भाभी जी भाई साहब आपको खुश नहीं रखते क्या? तो माँ बोली नहीं ऐसी बात नहीं है, लेकिन में कुछ ज़्यादा ही खुश रहना चाहती हूँ ना। फिर अंकल माँ के बूब्स के पास हाथ लगाकर बोले आज दूध पिला दो भाभी। फिर माँ ने बोला कि पी लो मैंने कब मना किया है, फिर अंकल ने माँ के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। अब माँ बस हाहाअ उम्म्म्मम कर रही थी, फिर अंकल ने माँ को लिप किस किया और माँ के ब्लाउज को उतार दिया और हाथ से दबाने लगा और ब्रा भी उतार दी। फिर थोड़ी देर किस करने के बाद वो नीचे आकर माँ के बूब्स को चूसने लगा और बोला कि भाभी आज सारा दूध पी जाऊंगा, भैया के लिए कुछ नहीं छोडूंगा। तो अब माँ बोल रही थी कि पी लो, आपके भैया तो आपका लाया हुआ दूध ही पी लेंगे, ये आप पी लो और अंकल जैसे छोटे बच्चे दूध पीते है वैसे चूसने लगे। अब माँ बस हाहाअ उम्म्म आराम से कर रही थी और उनके सिर पर हाथ फैर रही थी।

फिर अंकल अपने एक हाथ से माँ की साड़ी उतारने लगे, लेकिन माँ बैठी थी तो साड़ी उतर नहीं रही थी। फिर अंकल ने माँ को खड़ा करके माँ की साड़ी उतार दी और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। अब माँ बस पेंटी में थी और फिर उसने माँ को अपनी गोद में बैठा लिया और दूध पीने लगा। फिर माँ ने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और माँ ने बोला कि सब उतार दो ना। फिर अंकल ने उठकर अपने सारे कपड़े खोल दिए और माँ की पेंटी भी उतार दी। माँ की चूत पर हल्के-हल्के बाल थे और फिर अंकल ने हाथ लगाकर बोला कि भाभी आज बाल साफ़ नहीं किए। तो माँ ने बोला कि मुझे क्या पता था कि आज तुम आ जाओंगे नहीं तो करके रखती? फिर माँ ने उनके लंड पर हाथ रखा और उनके लंड को दबाने लगी, उसका लंड एकदम काला था और माँ की चूत एकदम गोरी थी।

फिर अंकल ने माँ को बेड पर लेटा दिया और माँ की चूत पर किस करने लगे तो माँ एकदम से मचलने लगी और वो माँ की चूत में उंगली डालने लगा। अब माँ को बहुत मज़ा आ रहा था, फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद अंकल ने अपने लंड की तरफ देखकर माँ से बोला कि भाभी थोड़ा प्यार इसे भी दे दो। तो माँ ने कहा कि लाओ में इसे बहुत प्यार करुँगी, थोड़ा क्यों? तो अंकल ने माँ की तरफ अपना लंड कर दिया और उनकी चूत चाटने लगा, अब माँ अंकल का काला लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। फिर ऐसे ही थोड़ी देर तक करने के बाद अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और माँ से बोला कि भाभी कंडोम दो। फिर माँ ने उसे कंडोम निकाल कर दिया, फिर अंकल बोले कि लगा दो तो माँ ने उनके लंड पर कंडोम लगा दिया। फिर अंकल ने माँ की चूत के पास लंड रखकर हल्का सा टच किया तो मेरी माँ उम्म्म्मम करने लगी और बोली डाल दो अब इसे।

फिर अंकल ने माँ की चूत पर अपना लंड हल्का सा अंदर किया, अब अंकल का लंड आराम से माँ की चूत में जा रहा था। इससे सब पता चल रहा था कि माँ बहुत चुदती है और अंकल ने माँ की चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया और उनके ऊपर आकर दूध पीने लगे और आराम-आराम से चूत मारने लगे। फिर थोड़ी देर तक आराम से मारने के बाद अंकल ने अपनी स्पीड तेज कर दी और अंदर ही फ्री हो गये, लेकिन उन्होंने कंडोम लगा रखा था तो कोई प्रोब्लम नहीं थी और माँ के ऊपर ही लेट गये। अब माँ भी शायद झड़ चुकी थी, अब वो उनके सिर पर हाथ घुमा रही थी और वो माँ का दूध पी रहा था। फिर अंकल उठे और कपड़े पहने लगे, फिर माँ ने उनके लंड से कंडोम निकाला और लंड चूसकर पूरा साफ किया और अपने कपड़े पहन लिए। फिर में गेट को लॉक करके बाहर चला गया और फिर अंकल भी थोड़ी देर के बाद जब चले गये तो उसके 20 मिनट के बाद में घर पर आया और दरवाजे की घंटी बजाकर पेपर लेकर वापस चला गया, जैसे मुझको कुछ पता ही नहीं हो ।।

धन्यवाद …

बड़ी बहन और उसका प्रेमी

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आज मैं अपको अपने दिदि के चुदै कि एक ऐसि कहनि सुनने जा रहा हु जिसे सुन कर अपका मन भि किसि लदकि के सथ सेक्स करने का होने लगेगा।मैं जो कहनि सुनने जा रहा हु वो मेरे दिदि कि उनके परेमि के सथ हुये सेक्स कि है जिसे मैने अपने अखो से देखा था। इसके पहले कि मैं अपना कहनि सुनना सुरु करु मैं अपका इनत्रो दिदि और उनके परेमि से करा दु। मेरि दिदि जिनकि उमर तिस साल कि है। एक लमबि गोरि और हेअलथी होने के साथ हि एक ऐसि औरत है जिनको हर रोज एक नये पुरुस कि तलस रहति है। लेकिन इसके सथ हि वो अपने परेमि को जो कि एक लमबा हनदसोमे और समर आदमि है। उसकि उमर तेतिस साल कि है। दिदि उस्से बेहद पयर करति है। मेरि दिदि एक परिवते ओरगनिज़तिओन मे कम करति है। जिजजि भि एक परिवते सोमपोनि मे कम करते है।मैं दिदि से मिलने अकसर जया करता था। दिदि मेरे घर के पास हि रहथि।

एक दिन मैं जब दिदि के रूम पेर गया तो जिजा जि को दिदि से अपने ओफ़्फ़िसे के कम से कहि जाने कि बात करते हुए सुना। दिदि ने जिजा जि से पुछा कि कब जना है। जिजा जि ने बतया कि उनको सतुरदय को एक दिन के लिये जना है। दिदि का रेअसतिओन देख कर मैं उसि वकत समझ गया थकि कुछ होने वला है। सतुरदय को साम को जब मैने दिदि के पास फोने किया और दिदि से पुछा कि कया मैं आजौ तो दिदि ने बोला नहि मैं अपने रिसतेदर के यहा भि जा सकति हु। मैं रात के अथ बजे अचनक सोचा कि चल के दिदि से मिल लु। सयद उनको किसि चिज कि जरुरत हो मैं जब उनके रूम पर पहुचा जो कि थिरद फ़लूर पर था।मैने वहा रूम के दूर को बनद पया। जैसे हि मैने वहा से चलने के लिये एक कदम बधया मैने अनदर से कुछ अवज सुनि। मुझे कुछ सक हुअ।

मैने सोचा कि देखु सयद कोयि है। मैं जैसे हि रूम के विनदोव पर गया और छिप के देखा तो मेरा सक यकिन मे बदल गया। मैने रूम मे दिदि को उनके परेमि के साथ बैथा पया।उसको देख कर ऐसा लग रहा था कि वो अभि थोदे देर पहले हि अया था। दिदि उस्से सत के बैथि हुइ थि। अब वो दिदि के कनधे पर हनथ रख कर उनके चुचिओ को दबने के लिये जैसे हि हनथ को निचे किया दिदि मुसकुरते हुए बोलि अभि कयो बेचैन हो रहे हो, अभि तो पुरि रात बकि है। इतना सुन कर वो उथ कर अपने बग के पास गया और अपने कपदो को निकल कर कपदा बदला।अब वो एक तोवेल पहने हुए था उसने अपने बग से एक वसद और उसका पलयेर निकला। पलयेर को तव से सोन्नेसत करने के बाद वसद दलने के बाद वो अकर दिदि के पास बैथ गया। जैसे हि तव को ओन किया दिदि तव के ससिएने को धयन से देखने लगि। अब वो दिदि के दोनो चुचिओ को पकद कर उसे दबने लगि। दिदि चुप चप बैथि हुइ थि। उनके ] मुह से आआआऔऊऊऊऊ कि अवज निकलने लगि। अब दिदि वहि बेद पर लेत गयि। दिदि के उलता लेत्ते हि उसने दिदि के पैजमे को दोनो तरफ़ से पकद कर एक बार मे थेहुने तक उतर दिया। दिदि के पैजमे को उतरने के बाद वो दिदि के जनघ पर बैथ गया। अब मुझे कुछ दिखै नहि दे रहा था। अब मैने सिदे बदल लिया।

जब मैं दुसरे खिदकि पर गया तो वहा से दिदि का गनद पुरि सफ़ दिख रहि थि। दिदि के गनद को देख कर मेरे लुनद का हल अजिब होने लगा। जैसे हि उसने अपना लुनद निकला उसके लुनद को देख कर ऐसा लगा कि दिदि का गनद उसके लुनद के लिये बिलकुल हि परफ़ेसत है। उसे अपने मुह से थोदा सा थुक निकल कर उसने दिदि के गनद को फ़ैलते हुए उसके चेद पर लगा दिया। दिदि अभि वो मोविए देख रहि थि। अब उसने अपने लुनद पर भि थुक लगने के बाद लुनद को दिदि के गनद मे घुसा दिया। उसने लुनद को अनदेर] करने के लिये जैसे हि एक जोर का झतका मरा दिदि के मुह से आआआआआऊऊउ कि अवज निकल गयि। उस समय तव मे दिखा रहा था कि एक लदका एक लदकि का गनद मार रहा था। उसका पुरा लुनद लदकि के गनद मे चला गया था। उसको देख के व बोला देखो तो उसका लुनद लदकि के गनद मे चला गया है तो मेरा लुनद तुमहरे गनद मे कयो नहि। ये कहते हुए वो मुसकते हुये एक और जोर से झतका मरा दिदि ने जोर से सिसकि लेते हुए बोलि धिरे धिरे दलो।

वो अब अपने कमर को धिरे धिरे हिलने लगा। बिच बिच मे जोर के झतके मर के वो पुरे लुनद को दिदि के अनदर करने लगा। कुच देर मे पुरा लुनद के वो दिदि के अनदर चला गया था। कुछ देर के बाद वो दिदि के गनद मे झद चुका था। लगभद पानच मिनुत के बाद उसने अपना लुनद निकल कर और दिदि के उपर से हत कर बाथ रूम मे चला गया। दिदि वैसे हि तब तक लेति रहि जब तक कि वो आगया। अब दिदि उथ कर बाथरूम मे चलि गयि। इधर वो तव पर चल रहि ससिएने को देख रहा था। दिदि जैसे हि रूम मे वपस आइ। वो दिदि के हनथ को पकदते हुए लेत गया और दिदि के हनथ मे अपने लुनद को पकदते हुए बोला लो पहले इसे चुसो। दिदि बोलि रुक जओ मैं पहले अपने कपदे उतर दो। दिदि ने अपने कपदे उतर कर जैसे हि उसके समने खदा हुइ। वो मुसकुरते हुए बोला कि ये कया कर लिया है। कब किया। दिदि बोलि आज हि। मैने देखा तो पया कि दिदि ने अपने चुद के बाल को सवे कर लिया था। दिदि ने उसके लुनद को पकद के अपने मुह मे ले लिया। इधर वो दिदि के बूबस को दबने लगा।

दिदि का सपीद बध गया कुछ देर के बाद उ उसने दिदि से बोला अब छोद दो। जब मैने देखा तो पया कि उसका लुनद बिलकुल हि तन कर तैयर हो चुका था। दिदि ने लुनद को मुह से निकल दिया। अब वो बेद पर से उथ कर दिदि को बेद पर लितने के लिये बोला जैसे हि दिदि बेद पर लेति वो दिदि के चुद को कुछ देर तक देखता रहा। अब उसने दिदि के दोनो पैरो को फ़ैला के उनके बिच मे लेत गया और अपने जिभ को दिदि के चुद के उपर रगरने लगा। दिदि ने अखे बनद कर लिया और जोर जोर से सिसकि लेते हुए बोलने लगि द्दद्दधह्हह्हह्हह्हहरीईईईईईई द्दद्दद्दहीईईईईईइरीईईई थूऊऊदाआआआ उअर्रर्राआआआआआआआआआआआआआआ थोदाआआधिरेआअ चाआआआतोआआआआऔऊऊऊऊऊऊऊऊऊउ वो दिदि के तरफ़ देखते हुए दिदि के दिदि के पैरो को थोदा और फ़ैलते हुए दिदि के चुद के होले मे अपने जिभ को दल के अनदर बाहर करने लगा।

दिदि का तो जैसे जान हि निकल गयि। अब वो उथ के दिदि के परो को थिक करते हुए उनके जनघ पर बैथ गया और अपने लुनद को उनके चुद पर रखते हुए दिदि के चुद पर लुनद को जब उसने रखा तो मेरे लुनद से पनि निकल गया। दिदि ने अपने हनथो से चुद को फ़ैलते हुए थोदा सा रसता दिखया। अब उसने बिना कुछ सोचे दिदि के चुद मे लुनद को दलने के लिये एक जोर का झतका मरा उसका लुनद फ़िसल गया।उसने एक बार और परयस किया। अब वो उथ के पास के रूम से तेल का दिबा ले अया और दिबेक के धकन को खोल के दिदि के चुद पेर थोदा सा तेल दाल कर हनथ लगया’ दिदि बोलि अब घुस जयेगा अब तुम भि अपने लुनद पे तेल लगा लो।

उसने अपने लुनद को दिबे मे दल दिया।दिदि के जनघ पर बैथ गया। और थोदा भि देर किये उसने दिदि के चुद पर अपने लुनद को तिकया दिदि ने उसे अपने चुद का रसता दिखया और उसने एक जोर का झतका मरा दिदि के चुद मे लुनद लगभद एक चौथै चला गया था। दिदि के मुह से आआआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्ह कि चिख अवज निकल गयि। जब उसने पुछा कि गया है तो दिदि बोलि हा अब वो दिदि के उपर लेत गया। और दिदि के चुद के अनदर अपने लुनद को दलने के लिये पहले तो धिरे धिरे लेकिन जैसे जैसे समय बधता जा रहा था उसका सपीद भि बधता जा रहा था दिदि के मुह से आआआआआआआआअहहाआअ आआआआऔऊऊऊऊऊऊऊऊउ ओहाआआह्हहूऊऊऊऊऊउम्मम्मम्मम्मम्म नाआआऊऊ ओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह कि अवज निकल रहि थि।

जो उसके जोस को और भि बधा रहि थि। दिदि के दोनो चुचिओ के उपेर तेल लगा के उसने जब अपने हथेलिओ मे लेकर मसलना सुरु किया तो दिदि अपने बदन को अनगदै के साथ तोदने लगि। दिदि को ऐसा करने पर सयद मजा अरहा था। दिदि के ऐसा करते हुए देख कर उसका जोस एक तो ऐसे हि बध रहा था और दुसरे तरफ़ दिदि के पैर मे जो पयल कि झनकर सुनै देति थि वो उसके जोस को और हि बधा रहि थि। कुछ देर के बाद जब दिदि ने पुछा के और कितना बहर रह गया है तो वो मुसकते हुए बोला कि तुम खुद देख लो और वो उथ के बैथ गया। मैने जब देखा तो उसका लुनद जो कि 8″ का लुमबा था, पुरा का पुरा दिदि के अनदर जा चुका था। दिदि ने अपना गरदन उथा के देखा और बोलि पुरा चला गया है और लेत गयि अब वो दिदि के दोनो चुचिओ को बुरि तरह से मसलना सुरु कर दिया। दिदि के मुह से आआआआआऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ आआआआआआआऊऊऊऊऊऊऊउ कि अवज निकल रहि थि।

इस तरह से उसने दिदि के चुद को पैतलिस मिनुत तक चोदता रहा। दिदि भि उसके सुर मे ताल मिलने लगि थि। लगभग पैतलिश मिनुत तक चुदै करने के बाद जब दोनो होथो चुसने लगे तो मैं समझ गया कि अब दोनो धेर होने वले है। दोनो अब सनत हो गये। इस तरह वो दिदि के उपर दश मिनुत तक लेते रहने के बाद उतर के बगल मे लेत गया और दोनो थक के चुर हो गये थे इसके चलते तव को बद कर के सो गये। दिदि का चुद पुरि तरह से फुल चुका था। मैं भि वहि बहर पास पदे बिसतर पर लेत गया। भोर मे अचनक जब निनद खुलि तो मैने कमरे मे कुछ अवज सुनि मैं फिर से अनदर देखा तो देखा के वो तव को सतरत कर रहा था।

दिदि बेद पर उलते तरफ़ से लेति हुइ थि। तव ओन करने के बाद वो दिदि के उपर चध गया और दिदि के गनद मे अपने लुनद को दल दिया। लुनद को अनदर और अनदर करने के लिये वो दिदि के कमर को पकद के जोर और जोर से झतके मार के अनदर करता जा रहा था।कुछ देर मे अपने लुनद को अनदेर करने के बाद दिदि के गनद मे अपने बिज को गिरा चुका दिया। अब उसने अपना लुनद निकल दिया और दिदि के उपर से हत गया कुछ देर के बाद वो दिदि के साथ हि बाथ रूम मे गया। वहा दिदि ने पेशब करने के बाद अपने चूद को पनि से खुब अछि तरह से साफ़ किया इसके बाद उसके लुनद को भि साफ़ किया। दोनो वपस तव वले रूम मे अये। उसने तव मे चुदै के ससिने को देख कर दिदि को चोदने के लिये उतवला हो गया और दिदि को बेद पर पतक के दिदि के दोनो पैरो को फ़ैलते हुए दिदि के चुद मे लुनद को दल कर जोर से झतका मारा इस बार दिदि के चुद मे उसका लुनद चला गया।

दिदि जोर से चिला उथि आआआआआआआआआआआआआऔऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ये कया कर रहे हो इतना सुन कर वो बोला तव मे चुदै के ससिएने और तुमरे इस चिकनि चुद को देख ने के बाद मेरे लुनद को बरदसत नहि हो रहा था। वो तव मे देख कर दिदि के चुद मे जोर जोर से चोदना सुरु कर दिया।दिदि बुरि तरह से द्दद्दधह्हह्हह्हह्हहरीईईईईईई द्दद्दद्दहीईईईईईइरीईईई थूऊऊदाआआआ उअर्रर्राआआआआआआआआआआआआआआ थोदाआआधिरेआअ चाआआआतोआआआआऔऊऊऊऊऊऊऊऊऊउ करने लगि।दिदि बोलि पलज़। थोदा सा तेल लगा लो अब बरदसत ननिआआआआऊऊऊऊऊऊऊऊ अब्बाआआआऔ औऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊउ नाआआआआआआअह्हह्हह्हहिऊऊऊउ ईईईईईईईईई हूऊऊऊओराआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह अह्हूऊऊऊऊउ हो रहाआआआआऊऊऊऊऊऊउ हैईईईईईईई। मेरा मन तो कर रहा था कि मैं जकर दिदि के चुद मे अपना लुनद दल के खुब चोदु। लेकिन मैं कुछ नहि कर सकता था इसलिये चुपचप देखता रहा कुछ देर मे उसने पुरे लुनद को दिदि के चुद मे घुसा चुका था।दिदि के चुचिओ को मसल के लल कर चुका था।

दिदि के चुद मे अपने पुरे लुनद को दलने के बाद उसने दिदि के चुद को पुरे तिस मिनुत तक चोदने के बाद दिदि के चुद मे अपना बिज गिरने के बाद उसने लुनद को निकला और दिदि के उपर से हत कर अलग हुअ तो दिदि का पोसितिओन देख कर मुझे अपने मन को मनना पदा। दिदि का चुद बुरि तरह से फ़ुल गया था, चुचिओ को देखने पर लगता था कि उनमे से अब दुध निकल जयेगा तो उनके होतो को देखा तो लगा कि जैसे उसने पुरि रात सिरफ़ दिदि के होथो को हि चुसा है। दिदि बिलकुल खुस थि। दिदि को देख के लगता था कि उनकि बरसो कि मुरद पुरि हो गयि हो। अब कुछ देर तक लेते रहने के बाद जब वो उथि तब सुबह हो चुकि थि। वो अब जने के लिये तैयर होनेलगा। मैने जब देखा कि वो जनेके लिये तैयर हो गया तो मैं वहा से हत गया और उतर निचे दुसरे तरफ़ चला गया। कुछ देर के बाद मैने उसे अपने समन के साथ जते हुए देखा। मैं कुछ देर के बाद जब दिदि के पास गया तो दिदि देख के बोलि कब अये। मैने बोला कि अभि अया। दिदि बहुत खुस दिख रहि थि।

मसाज के साथ चुदाई फ्री

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजू है और में इस साईट पर बहुत सारी कहानी पढ़ चुका हूँ, मुझे लगा कि  मुझे भी अपनी लाईफ कि कुछ घटना आप लोगों के साथ शेयर करनी चाहिए। में फर्स्ट टाईम अपनी स्टोरी लिख रहा हूँ और कुछ ग़लती हो तो माफ़ करना। में दिल्ली में आयुर्वेद थेरेपिस्ट का काम करता हूँ, इस काम ने मुझे बहुत कुछ दिया है। 25 दिसम्बर 2010 को मुझे क्लिनिक जाना पड़ा, क्योंकि मेरे साथ काम करने वाले बाकी थेरेपिस्ट सारे चर्च गये थे। अब मुझे आधे दिन काम करना था, फिर उस दिन 11 बजे एक सुंदर सी एक लेडी आई, उनको डॉक्टर से मिलना था उस लेडी को चलने में काफ़ी प्रोब्लम हो रही थी तो मैंने उसे डॉक्टर के पास भेज दिया। फिर करीब 20 मिनट के बाद डॉक्टर ने मुझे अंदर बुलाकर बताया कि इन मेडम को स्पीनल मसाज और पीछे की साईड पोटाली मसाज देना है।

फिर में उस लेडी को लेकर रूम में गया और कहा कि मेडम आपको अपना ऊपर का पूरा ड्रेस निकालना पड़ेगा नहीं तो आपकी ड्रेस तेल के कारण खराब हो सकती है। तो उसने कहा कि आप कैसे भी करो? लेकिन मेरा दर्द कम कर दो। फिर मैंने उसे पेट के बल लेटने को कहा और तो वो लेट गयी। अब उसके ऊपर सिर्फ़ एक टावल और नीचे सलवार था। फिर मैंने टावल को खोलकर गर्दन से पीठ तक ऑयल लगाया और मसाज करना शुरू कर दिया। फिर 10 के बाद उसकी गर्दन पर मेरे हाथ लगने के कारण उसके मुँह से कुछ आवाजे निकलने लगी तो मैंने सोचा कि दर्द के कारण होगा लेकिन थोड़े टाईम के बाद ऐसा लगा कि ये तो कुछ और हो रहा है। अब मुझे भी कुछ हो रहा था, अब में उसकी चूची साईड से टच करने लगा, अब उसके मुँह से बस म्‍म्म्ममम म्‍म्म्मममम आवाज़ निकल रही थी।

अब मैंने उसकी पीठ मसाज स्टार्ट कर दी और उसको कहा कि ये आपका सलवार थोड़ा और नीच कर दूँ, तो वो मान गयी। अब मुझे उसके आधे चूतड़ नज़र आ रहे थे और कुछ देर तक मालिश करते-करते सलवार और नीचे कर दिया। अब में उसको पॉइंट मसाज देने लगा और पीठ पर मसाज करते-करते कभी मेरा हाथ उसकी गांड की दरार में चला जाता। अब ये करते-करते मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था।  फिर मैंने सोचा अगर इसके घर जा कर मसाज करूँगा तो कुछ हो सकता हैं, फिर मैंने उससे पूछा कि मेडम अगर आप चाहें तो में आपके घर आकर भी मसाज कर सकता हूँ। तो उसने कहा ठीक है तुम अभी आ सकते हो, तो मैंने कहा कि में 1 बजे फ्री रहूँगा। फिर उसने ओके बोला और फिर मैंने पीठ मसाज के बाद उसकी बॉडी से ऑयल सॉफ किया और वो बाहर चली गयी, अब जाते-जाते उसने कहा कि वो मेरा बाहर इंतजार करेगी।

अब उसके जाते ही में बाथरूम के अंदर घुस गया और उस लेडी को मन में सोचकर मुठ मारी तब जाकर मुझे कुछ आराम मिला, क्योंकि मेरे लंड का करीब 1 घंटे से बुरा हाल था। अब में 1 बजे बाहर निकला, तो वो लेडी मेरा इंतजार कर रही थी, फिर वो मुझे अपने घर ले गयी, उसका काफ़ी बड़ा मकान था। फिर वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी, वहाँ 2 रूम हीटर थे, उसने उन दोनों को चालू कर दिया, क्योंकि सर्दी का टाईम था और उसने अपने कपड़े उतारना शुरू किया और वो सिर्फ़ ब्रा पेंटी में बेड पर सीधा लेट गयी। फिर मैंने भी उसके पैरो की मसाज स्टार्ट की, अब मसाज करते-करते मेरा हाथ उसकी चूत को टच कर रहा था, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। अब उसकी पेंटी थोड़ी गीली थी, ये सब देखकर मेरे लंड का बुरा हाल हो गया। अब में उसके पेट का मसाज कर रह था, अब में मसाज करते- करते कभी चूचि को भी दबाता और अब वो सिर्फ़ सिसकारियाँ ले रही थी। फिर मैंने कहा कि मेडम में ये ब्रा निकाल दूँ, तो उसने हाँ बोला और मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया। अब उसके मोटे-मोटे बूब्स मेरे सामने थे और अब में ज़ोर-जोर से उसकी चूचीयों की मालिश करता रहा और उसके मुँह से हहाआअँ यसस्स आआआररम से मसस्स्स्स्सई की आवाज निकल रही थी।

मसाज के साथ चुदाई फ्री भाग २

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अब ये सब सुनकर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था, अब मैंने धीरे-धीरे उसकी पेंटी में हाथ डालकर उसकी  चूत की मालिश करना स्टार्ट किया और उसकी चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। अब मैंने  उसके निप्पल को चूस-चूस कर लाल कर दिया और उसके चूत के दाने को अपने हल्के हाथों से मसलना चालू किया। अब वो तो अपनी आँखे बंद करके सिसकारी ले रही थी, अब में धीरे-धीरे उसकी चूत में उंगली डालने लगा। ऐसा करते ही उसका पानी छूट गया और मेरा हाथ पूरा गीला हो गया तो मैंने कहा कि मेडम मुझे आपकी चूत को चाटना है, तो उसने हाँ में अपना सिर हिलाया। फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाला, उसकी चूत पर काफ़ी बाल थे और मुझे बालों वाली चूत बहुत पसंद है।

फिर मैंने धीरे से उसकी चूत के दाने को चूसा और अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा, अब में उसकी  चूत को चाटता रहा। फिर कुछ देर के बाद उसने फिर से आवाज़ निकालना स्टार्ट कर दिया ओूऊऊऊऊव सस्स्स्सस्स साआआअ वूऊव्व्व हूऊओ यससस्स। अब वो बोली कि राजू अब जल्दी से मुझे चोदो। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत की मेरे लंड से मालिश करने लगा। अब मुझसे सहा नहीं गया तो में अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा, उसकी चूत थोड़ी सी टाईट थी। फिर मैंने उससे पूछा, तो उसने बताया कि उसका पति अमेरिका में जॉब करता है और साल में एक महीने के लिए वो आते है।  अब में उसे आराम से चोदने लगा, अब उसकी चूत गीली होने के कारण और मजा आ रहा था। अब उसके मुँह सिर्फ़ एयए हहूऊ वूओव फुक ऊऊऊओ की आवाज़ निकल रही थी। फिर करीब 10 मिनट तक चोदने के बाद में नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर ऊपर नीचे होने लगी।

फिर कुछ देर के बाद वो झड़ गयी और मेरे ऊपर ही लेट गयी, मेरा अभी झड़ना बाकी था तो उसने मुझसे कहा कि उसकी गांड में लंड डालो और वो घोड़ी स्टाइल में हो गयी। अब उसकी पीछे से चूत और गांड देखकर मुझसे भी रहा नहीं गया, अब में फिर से उसकी चूत और गांड को चाटने लगा। अब उसके मुँह से आआआः ससहस की आवाज़ निकलने लगी थी। फिर कुछ देर के बाद में उसकी गांड में लंड डालने लगा, लेकिन उसकी गांड बहुत टाईट थी। फिर मैंने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाया और धीरे-धीरे अंदर करने लगा, अब मेरा लंड थोड़ा सा अंदर जाते ही उसके मुँह से दर्द के मारे चीख निकल गयी। फिर थोड़ी देर तक रुकने के बाद मैंने एक जोरदार झटका देकर अपना पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया। अब उसका दर्द के मारे बुरा हाल था, फिर कुछ देर रुकने के बाद में धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। फिर कुछ देर के बाद उसको भी मज़ा आने लगा, अब वो खुद आगे पीछे होने लगी थी और में तेज़ी से उसकी गांड मारने लगा। फिर 10 मिनट के बाद मैंने मेरा वीर्य उसकी गांड में गिरा दिया और शांत होकर उसके ऊपर लेट गया। अब वो लेडी काफ़ी खुश थी, फिर उसने मुझे 2000 रुपये दिए और में करीब 6 बजे तैयार होकर वहाँ से चला गया ।।

धन्यवाद …

अजनबी शहर में कामवाली

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Ajnabi Shahar Mein Kaamwali : हैलो दोस्तों, मेरा नाम सतीश है और मेरी उम्र २४ साल की है। मैं मुम्बई में नौकरी करता हूँ और रहने वाला इन्दौर का हूँ। अब मैं आपको अपनी कहानी सुनाता हूँ।

आज से तीन साल पहले मैं मुम्बई नौकरी करने आया था। तब मुम्बई मेरे लिए अजनबी शहर था, इसलिए मुझे मेरा अकेलापन खलता था, मुझे भी एक अच्छी दोस्त की ज़रूरत थी, ताकि मेरा समय भी कट सके और मेरी काम-इच्छा भी पूरी हो सके। मैंने बहुत प्रयास किया पर

किसी भी अमीर और ख़ूबसूरत लड़की को पटा नहीं सका, क्योंकि यहाँ कि लड़कियों को पैसे वाले लंड पसन्द आते हैं।
तो मैंने आख़िर में एक मध्यम-वर्गीय लड़की जो दूसरों के घरों में काम करने जाती थी, उसको अपनी नौकरी और पैसे की झलक दिखलाकर पटा लिया। मेरी उससे फोन पर बातचीत भी शुरु हो गई। एक दिन शाम को मैंने उसे अपने घर बुलाया यह कह कर कि मेरी तबीयत ख़राब है और मेरे सभी दोस्त घर गए हैं। तुम मेरे लिए खाना बना दो, वरना मुझे भूखा ही सोना पड़ेगा। मेरी तबीयत ख़राब है, यह सोचकर वो मेरे लिए खाना बनाने मेरे फ्लैट में आ गई। मैं कई दिनों से इसी ताक में था कि कब मेरे दोस्त लोग फ्लैट पर ना हों और मैं उस कामवाली को चोद दूँ। उस दिन जब वो मेरे फ्लैट में आई तो मैं खुश हो गया। मैंने उसे किचन दिखा दिया, जब वो खाना बनाने की तैयारी कर रही थी, तो मैंने धीरे से उसके पीछे जाकर थोड़ा सा चिपक कर खड़ा हो गया। वह अचानक मुझे पीछे देखकर घबरा सी गई और बोली, “आपकी तबीयत ख़राब है, आप जाकर आराम कीजिए… मैं खाना बना दूँगी…”

मैं उसकी बात सुनकर उससे थोड़ा और चिपक गया। इससे पहले कि वो कुछ कहती मैं उसकी दोनों चूचियों को एक बार ज़ोर से दबा दिया और फिर सहलाने लगा। पहले तो उसे बहुत डर लगा, लेकिन बाद में धीरे-धीरे सहलाने से उसे मज़ा आने लगा और वो आँखें बन्द कर मज़े लेने लगी। मैंने लोहा गरम होते देख उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी पैन्टी में डाल दिया और उससे पहले कि वह कुछ विरोध कर, मैंने उसकी चूत में उँगली डाल दी, और ज़ोर-ज़ोर से आगे-पीछे करने लगा। वो अब सब कुछ भूल कर मदहोश होने लगी।

मैं उसे किचन में ही नंगा करने लगा और वो कुछ नहीं बोली। थोड़ी ही देर में वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उसके शरीर पर एक भी तिनका कपड़ा का नहीं बचा था। उसे इस तरह देखकर मेरा लण्ड तुरन्त खड़ा हो गया। अब वो भी जोश में आकर मेरे कपड़े उतारने लगी और मैं भी उसकी मदद करते हुए जल्दी से पूरा नंगा हो गया।

मैंने अब अपना लंड उसके मुँह में डालना चाहा तो शर्म के मारे उसने मना कर दिया। फिर मैंने दूसरा तरीका अपनाया। मैंने अब उसे ज़मीन पर सुला कर उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया और उसकी चूत को ज़ोरों से चाटने लगा। अब उसने मस्ती और मदहोशी में चूर होकर अपनी आँखें बन्द कर लीं। मैंने इसी बात का फ़ायदा उठा कर उसकी चूत चाटते-चाटते ही 69 की मुद्रा में आ गया और मेरा लण्ड उसके होंठों पर रख दिया। पर इस बार भी उसने मना कर दिया। मैं नाराज़ होने का नाटक करने लगा और कपड़े पहनने लगा।

अब तक तो वह इतनी गरम हो चुकी थी कि मुझसे चुदवाने के लिए कुछ भी करना पड़े तो वो कर सकती थी। उसने तुरन्त मेरे लण्ड को मुँह में भर लिया और उसे आईसक्रीम की तरह चूसने लगी। मेरी योजना सफल हो गई, मैं बहुत खुश हुआ। आज तो जैसे लकी ड्रा ही निकल आया था मेरे लिए, अब हम दोनों 69 की स्थिति में थे। मैं उसकी चूत चाट रहा था, और वह मेरा लंड चूस रही थी। क़रीब आधे घंटे तक मैंने उसके मुँह की चुदाई की, इसी दौरान वह एक बार झड़ चुकी थी, और मेरे लंड ने भी उसके मुँह में एक बार उल्टी कर दी थी। वो उस सफेद गाढ़े द्रव को पूरा पी गई।

अब तक आग दोनों ओर भड़क चुकी थी। मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और अब उसकी चूत में डालने लगा, लेकिन उसकी चूत काफी तंग थी, अतः मैं असफल हो गया। उसकी सील शायद अभी तक नहीं तोड़ी गई थी। मैंने किचेन से तेल लेकर अपने लंड पर और थोड़ा तेल उसकी चूत पर भी लगा दिया और फिर से चूत में लंड डालने लगा। इस बार मैंने उसकी चूत में एक ज़ोर का झटका दिया और लंड दो इंच तक अन्दर घुसा दिया। इस झटके से वो तड़प उठी और ज़ोर से चिल्लाई। मैंने उसका मुँह तुरन्त बन्द कर दिया, और साथ ही एक और झटका दिया तो उसकी आँखों से आँसू निकल आए। मैं डर गया तो मैंने उसके मुँह से हाथ हटा लिया। वो बहुत रोई, अब उसकी चूत से खून निकल रहा था। मैंने उससे धीरे-धीरे चोदने का वादा करके फिर से राजी किया। अब मैं अपनी कमर धीरे-धीरे चला रहा था और ऐसे ही धीरे-धीरे अपना ८ इंच लम्बा लंड उसकी चूत के अन्दर गाड़ ही दिया।

थोड़ी देर में दर्द कम होने की वज़ह से उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ अपनी चूत हिला-हिला कर देने लगी। अब उसे मज़ा आने लगा था और वो ख़ुद बोल रही थी… ज़ोर से चोदो मुझे, और ज़ोर से, फाड़ दे आज मेरी चूत, बुझा दे आज इसकी प्यास… फाड़ दे साली चूत को और ज़ोर से…

मैं भी उसकी बात सुनकर जोश में आकर ज़ोरों के झटके मारने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसे कुतिया बना कर उसकी चुदाई की। लगभग २५ मिनटों की चुदाई के बाद वो झड़ गई, और उसके २ मिनट बाद मुझे भी लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में चुदाई करनी शुरु कर दी। और अन्त में मैं भी उसके मुँह में झड़ गया। उसने फिर मेरे लण्ड का सारा पानी पी लिया और मेरे लण्ड को चाट-चाट कर साफ कर दिया।

उसके बाद हम दोनों किचन से निकल करक साथ में नहाने चले गए। नहाने के बाद मैंने उसे अपना मोबाईल देकर कहा कि अपने घर फोन करके कह दो कि आज तुम मैडम (जिसके घर वह काम करती थी) के यहाँ रुकोगी, क्योंकि उनके पति घर पर नहीं हैं, तो उन्होंने मुझे आज रात यहीं रुकने को कहा है। उसने घर पर यही बता दिया। उसके घर वालों को कोई आपत्ति नहीं थी।

हमने होटल से खाना मँगवा कर खाया। उसके बाद फिर दोनों नंगे ही बिस्तर पर सो गए। रात में मैंने उसकी चार बार चुदाई की और एक बार गाँड भी मारी। पर सबसे ज़्यादा मज़ा मुझे उसकी गाँड मारने में आया था… उस रात की चुदाई के बाद वो जब भी मुझसे बात करती तो यही कहती कि अब आपकी तबीयत कब ख़राब होगी??? और मैं जब भी अपने फ्लैट पर अकेला होता तो उसे किसी ना किसी बहाने बुलाकर चुदाई का खेल खेलता।
दोस्तों ये थी मेरी कहानी।

पड़ोस की लड़की ने मेरी प्यास बुझाई –मस्त चुदाई

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मैं 6 महीने पहेले पुणे गया था वाहा मैने रेंट पे फ्लॅट लिया. मैं रोज़ सबह 8 बजे निकल जाता था और फिर दोपहर मैं आता था. मेरे पड़ोसी मिस्टर. शर्मा हे इस आ बिग बिज़्नेसमॅन. उनकी एक लड़की थी सोनिया, जो आमिर बाप की बेटी थी. वो 12त मैं है. वो दिन भर घर मैं अकेली रहेती थी. एक दिन मेरे फ्लॅट के बाहर एक लिफ़ाफ़ा पड़ा हुआ था. उसने वो देखा और बेल बजाई. मैने दूर खोला और देखा तो वो सामने खड़ी थी. फिर मैने उसे अंदर बुलाया. फिर थोड़ी देर बाद लाई फिर उससे मेरी अच्छी फ्रेंडशिप हो गयी थी. हमारे मुलाकात के कुछ 15 दिन बाद वो मेरे कमरे मैं बैठी थी. मैं उशकसाथ मस्ती कर रहा था. मस्ती मस्ती मैं मैने उसे नीचे दबाया फिर वो उठ के चली गयी. फिर दूसरे दिन वो मेरे कमरे मे फिर से आई जब वो आने वाली थी उसके पहेले मैने अपने कंप्यूटर पे सेक्सी मूवी लगा के रखी थी, जब वो खड़े मैं आई तो उसने देखा की सेक्सी फिल्म चल रही है. तब मैने वो फाटक से बंद कर दी, मुझे पता था की वो मुझे पूछेगी की तुम क्या देख रहे थे.

और उसने वही पूछा तो मैने कहा कुछ नही वो तुम्हारे कम की चीज़ नही है. तो वो ज़िद करने लगी. तब मैं उसे कहा की मैं सेक्सी मूवी देख रहा था. तब वो बोली की मुझे भी देखनी है. फिर मैने मूवी फिर से ऑन की. थोड़ी देर बाद मैं उसके करीब जा के बैठा तो उसने मुझे पूछा क्या तुमने कभी एसा किया है? तो मैने कहा हां. फिर वो बोली क्या इसमे मज़ा आता है? कैसे करते है? तो मैने उसे कहा ये तो करने पर ही पता चलेगा. फिर बोली क्या मुझे सीखोगे? मैने उसे झट से पकड़कर किस किया. फिर धीरे धीरे उसे चूमता रहा, जब मुझे एहेसस हुआ की वो पूरी गर्म हो चुकी थी तो मैने उसके कपड़े उतरना शुरुआत की. उसके कपड़े उतरने के बाद वो उसकी कोमल नाज़ुक जवानी देखकर मैं थोड़ी देर दंग सा रहे गया. फिर मैने मेरे कपड़े भी उतार दिए और उसे मूह मे लेने के लिए कहा. तब वो बोली की इतना बड़ा मैं तो मर जाउगी.

तो मैने कहा चिंता मत कर मेरी जान मैं धीरे धीरे करूँगा फिर वो मेरा डिक मूह मे लिए 20 मिनट तक चुसती रही. फिर मैने उसे लिटा दिया और मेरा डिक उसकी चुत पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश कर रहा था. लेकिन पहली बार होए के कारण वो अंदर नही जा रहा था फिर थोड़ी देर धीरे धीरे करने के बीए मैने मेरा मूह उसके मूह मे डाल के एक ज़ोर का झटका दिया और पूर अंदर डाल दिया.दम से चीख पड़ी.वो चियल्लाई अहह नहियीईईई अलग हटो… उसका ब्लाडिंग शुरू हो गया था.अब तक लॅंड 2-3इंच तक अंदर जा चुका थे और वो 8-10 सेकेंड्स मैं धीरे धीरे सिसकने लगी. वो बोली बहुत दर्द हो रहा है. मैं रुक गया और डॉगी स्टाइल मैं लोडा अंदर हे रख कर थोड़ी देर उसके पीछे बैठा रहा. थोड़ी देर जैसे की रो रही थी वो. फिर थोड़ी देर बाद उसे जब अच्छा लगने लगा और जब ब्लाडिंग बंद हो गया था तब मैने झटके देना शुरू किया. तकरीबन 20-25 मिनट उसे चोदने के बाद मैने अपना प्यार उसकी चुत मैं डाल दिया. फिर दो तीन दिन तक वो मेरे यहा आई नही. दो तीन दिन बाद जब वो आई उस दिन से फिर मैं दोपहर घर आने के बाद मैं उसे रोज़ चोदता था. लेकिन कॉंडम उसे ना करने की वजह से उसे पेट बैठ गया. और उसके पापा को पा चल गया की जो कुछ भी हुआ है वो सब मेरी करामात है. फिर उनका और मेरा बहुत जोरो से झगड़ा हुआ. अब मैं पुणे मैं हू. अब एक नयी सोनिया की खोज मैं ताकि मेरी प्यास बुझे!!


वकील की बीवी की चाबी

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हैल्लो फ्रेंड्स.. में अपने पाठकों को बता दूँ कि मेरा नाम सूरज है और में मुंबई का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 21 साल है और में एक कॉलेज से इंजिनियरिंग कर रहा हूँ।

दोस्तों यह बात कुछ 6 महीने पहले की है हर रोज़ में सुबह 8:30 बजे कॉलेज के लिए निकल जाता हूँ और फिर शाम को 04:00 बजे आता हूँ। मेरे सामने के फ्लेट में मिस्टर शर्मा रहते है और वो पेशे से एक वकील है और उनकी एक मस्त सेक्सी सी वाईफ है उसका नाम नेहा है जो कि उनकी दूसरी वाईफ है। शर्मा जी की उम्र लगभग कोई 40 के पास होगी और भाभी जी की उम्र कोई 25 के पास होगी। वो बड़ी ही प्यारी सी सेक्सी सी है और कॉलोनी के ही एक स्कूल में टीचर है.. वो सुबह 8:00 बजे स्कूल जाती है और 1:00 बजे घर पर लौटकर आ जाती है। जब वो सुबह स्कूल जाती है तो रोज़ में उनको देखता हूँ और वो एक बार मुझे देखकर हल्की सी मुस्कान ज़रूर देती है और लगातार पिछले एक साल से ऐसा ही चल रहा था। फिर एक दिन जब वो सुबह स्कूल जा रही थी तो में अपने गेट पर खड़ा हुआ था और वो अपने गेट पर ताला लगा रही थी। तभी मेरा टावल खुल गया और मैंने टावल के अंदर कुछ नहीं पहना हुअ था। तो वो मुझे देखकर हल्का सा मुस्कुराई और चली गयी.. लेकिन उस दिन के बाद कुछ दिन तक मेरा और उनका कोई आमना सामना नहीं हुआ। फिर एक दिन मेरे कॉलेज की छुट्टी थी तो में घर पर आराम से सोकर उठा और सिगरेट पीने के लिए बिल्डिंग से बाहर जा रहा था। तो मैंने देखा कि वो बाहर झाड़ू लगा रही है.. शायद उस दिन उनकी नौकरानी काम पर नहीं आई थी और उसने एक छोटी सी टी-शर्ट और छोटी वाली जीन्स पहन रखी थी।

फिर जब वो झुककर झाड़ू लगा रही थी तो उसके मस्त बूब्स साफ साफ दिखाई दे रहे थे और जब मैंने उनको देखा तो देखता ही रह गया.. उस वक़्त वो बहुत मस्त लग रही थी। तभी में उसको छूता हुआ वहां से निकल गया और उसने मुझे एक हल्की सी मुस्कान दी। तो मुझे लगा कि यहाँ पर मेरा कुछ काम बन सकता है और कुछ दिन के बाद एक दिन में दोपहर को कलेज से घर पर आया तो भाभी जी अपने फ्लेट के बाहर खड़ी थी.. मैंने उनको पूछा कि क्या हुआ भाभी जी? तो उन्होंने कहा कि मेरे फ्लेट की चाबी कहीं पर खो गयी है और आपके भाई साहिब भी किसी कंपनी के काम से नेनिताल गये है। तो मैंने उनको बोला कि आप मेरे फ्लेट में आ जाओ.. में कुछ देर के बाद किसी चाबी वाले को ले आऊंगा और तब वो मेरे घर में आ गई। फिर हम दोनों ने एक साथ मिलकर कोल्ड ड्रिंक पी और उसके बाद में बाथरूम में चला गया। तभी भाभी जी ने टीवी चालू कर दिया.. उसमे मैंने सीडी पर ब्लूफिल्म लगा रखी थी और फिर टीवी चालू करते ही ब्लूफिल्म शुरू हो गयी और जब में बाथरूम से बाहर आया तो मैंने देखा कि भाभी जी वो ब्लू फिल्म बड़े ध्यान से देख रही है और वो मुझे देखते ही बोली कि यह कैसी कैसी फिल्म देखते हो? फिर में उनको सॉरी बोला और टीवी को बंद कर दिया और मार्केट से एक चाबी बनाने वाले को लेकर आया और उनका ताला खुलवा दिया। फिर उसी शाम को भाभी जी ने मेरी डोर बेल बजाई तो मैंने दरवाजा खोला और उनको अंदर आने को कहा.. वो अंदर आकर सोफे पर बैठ गई। फिर वो बोली कि सूरज आज शाम को तुम क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं बस खाना खाकर सोना ही है। तभी वो बोली कि आज शाम का खाना आप मेरे साथ ही खा लो.. आप भी अकले हो और में भी अकेली हूँ.. हो सकता है मुझे आपका कुछ साथ मिल जाए। तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर में उनके फ्लेट पर चला गया और वो कुछ देर मुझसे इधर उधर की बातें करने के बाद किचन में खाना बनाने चली गई। में ड्रॉयिंग रूम में बैठा था और चुपके से उनको देख रहा था।

तभी वो पीछे मुड़कर मुझे देखते हुए बोली कि सूरज क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं? तो उन्होंने कहा कि क्यों खाना खाने से पहले कुछ ड्रिंक्स हो जाए? तो मैंने कहा कि ठीक है यह बहुत अच्छा आईडिया है.. में अभी लेकर आता हूँ। तो वो बोली कि आपके भाई साहब की रखी है.. तुम रुको में लाकर देती हूँ और उन्होंने मेरे सामने एक ठंडी बियर लाकर टेबल पर रख दी। फिर मैंने कहा कि क्यों आप नहीं पीओगी? तो उन्होंने कहाँ कि नहीं में यह सब नहीं पीती हूँ.. लेकिन में तुम्हारे साथ सॉफ्ट ड्रिंक पी सकती हूँ और हम दोनों ने साथ में पीते हुए बहुत सारी बातें की.. तब में धीरे धीरे उनसे सटने लगा और बिल्कुल उनके पास बैठ गया और एक हाथ को उनकी कमर में डाल दिया। तो वो बोली कि सूरज तुम यह क्या कर रहे हो? चलो खाना खाते है वरना वो ठंडा हो रहा है। मैंने बोला कि कुछ देर बैठो फिर चलते है और फिर में उसके साथ मस्ती करने लगा था और मस्ती मस्ती में उनको छेड़ रहा था और वो मुझसे कह रही थी कि सूरज बस करो यार सब ठीक नहीं है.. लेकिन में अपने काम में लगा रहा और फिर वो भी धीरे धीरे गरम होने लगी।

तभी उसने मेरी पेंट पर हाथ रख दिया और मेरा लंड तन गया लंड और बुरी तरह से बाहर निकलने को तड़पने लगा.. भाभी जी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी। तो मेरा लंड बाहर निकलने को तैयार हो गया और वो मेरी पेंट की ज़िप खोलकर मेरी पेंट को उतारने लगी और फिर मैंने अपनी पेंट को निकाल दिया और अंडरवियर को भी उतार दिया.. जब उन्होंने मेरे 9 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा लंड देखा तो वो उस पर टूट पड़ी और लंड को धीरे धीरे मुहं में लेकर चूसने लगी। तो में भी उसे पकड़कर किस करने लगा और धीरे धीरे उसे चूमता चाटता रहा और जब मुझे एहसस हुआ कि वो पूरी तरह से गरम हो चुकी है। तो मैंने उसके भी कपड़े एक एक करके उतारने शुरू किए और उसके कपड़े उतारने के बाद उसकी कोमल नाज़ुक जवानी देखकर में थोड़ी देर दंग सा रह गया। उसका फिगर बहुत सुंदर था.. उसका फिगर का साईज यही कोई 30-28-30 था और उसके बूब्स तो छोटे छोटे और गोरे गोरे थे.. लेकिन उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और गुलाबी रंग बड़ी रसीली चूत थी।

फिर मैंने मेरे सभी कपड़े उतार दिए और मेरा लंड उसके मुहं में डालकर चुसवाने लगा और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर बड़े आराम से करीब 20 मिनट तक चूसती रही और वो यह सब पहली बार कर रही थी क्योंकि शर्मा जी ने कभी भी उसके साथ ऐसा नहीं किया था.. लेकिन फिर भी वो किसी अनुभवी लड़की की तरह यह सब कर रही थी और उसके लंड चूसने में ही मेरे लंड ने अपना वीर्य बाहर निकाल दिया। तो में उसके सर को पकड़कर अपने लंड को उसके मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा और फिर पूरा लंड शांत होने के बाद मैंने उसके सर को छोड़ दिया और में उसको वैसे ही खड़ा करके उसकी चूत को चाटने, चूसने लगा। तो वो इस असहनीय दर्द से छटपटाने लगी और में अपनी जीभ को उसकी चूत में डालकर उसे जीभ से चोदने लगा और अब मेरा लंड फिर से लोहे की तरह सख़्त हो गया था। तो मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन वो अंदर नहीं जा रहा था। फिर थोड़ी देर धीरे धीरे कोशिश करने के बाद मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रखकर उसे किस करने लगा और सही मौका देखकर एक ज़ोर का झटका दिया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में अंदर डाल दिया। तो उसके मुँह से एक चीख निकल गयी.. लेकिन वो मेरे मुँह के अंदर दब गयी। तो में थोड़ी देर उसकी टाईट और रसीली चूत में मेरा बड़ा और मोटा लंड डाले हुए बिना हीले डुले उसके ऊपर पड़ा रहा और बारी बारी से उसके एक एक बूब्स को दबाता रहा और उसे किस करता रहा।

फिर थोड़ी देर बाद उसे जब अच्छा लगने लगा तब मैंने लंड को धीरे धीरे झटके देने शुरू किए और में उसकी मस्त चूत में मेरा बड़ा और मोटा लंड अंदर बाहर करके उसे चोदे जा रहा था और वो भी नीचे से उसके कूल्हे उठा उठाकर मज़े लेकर मुझसे चुदवा रही थी। तो उसके मुँह से बड़ी अज़ीब सी आवाज़ें आ रही थी शायद वो मोन कर रही थी और मुझसे कह रही थी और ज़ोर से चोदो अपनी रानी को सूरज आईईईईईईईई अह्ह्ह इतनी ज़ोर से करो कि पूरा मज़ा आ जाए.. आज तुमने मुझे एक सुहागन का मज़ा दिया है.. अब तो में और तुम रोज़ इसी तरह से रोज़ चुदाई करेंगे.. फाड़ दो आज अपनी रानी की चूत को। उसके मुँह से ऐसी बातें सुनकर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ। फिर करीब 20-25 मिनट ताबड़तोड़ धक्के देकर उसे चोदने के बाद मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और उस पूरी रात हम दोनों एक दूसरे के साथ चिपककर नंगे ही सो गए और फिर में सुबह 05:00 बजे उठा और फिर से एक बार और जबरदस्त चुदाई की और फिर हम सो गए।

फिर सुबह 08:00 बजे मेरी नींद खुली तो हम लोग जल्दी से फ्रेश होकर अपने अपने काम पर निकल गए और शाम को मिलने का वादा किया और अगली शाम को हमारा प्रोग्राम शुरू हुआ। तो उस रात को मैंने उसे बाथरूम में चलने का इशारा किया और वो उठकर बाथरूम में आ गयी। तो में भी बाथरूम में गया और अंदर जाकर मैंने उसे पीछे से ज़ोर से पकड़कर उसके बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.. उस दिन उसके बूब्स बहुत सख्त थे। फिर उसने अपनी दोनों आँखे बंद कर दी और में उसके बूब्स को टी-शर्ट के ऊपर से दबाने लगा। तभी थोड़ी देर बाद एक हाथ से उसकी केप्री को निकाल दिया और उसकी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया और उस उंगली से उसकी चुदाई करने लगा। तभी थोड़ी देर बाद मैंने उसके सारे कपड़े निकालकर उसको बिल्कुल नंगी कर दिया और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। तो मैंने अपनी पेंट की ज़िप खोलकर अपना लंड बाहर निकाला.. तो मेरा लंड देखकर वो फिर से पागल हो गयी और एक हाथ से ज़ोर से मेरे लंड को पकड़ लिया।

फिर अपने कोमल कोमल हाथों से वो मेरे लंड को सहलाने लगी और उसके बाद में नीचे बैठ गयी और मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी और अपनी जीभ से वो मेरे लंड को चाट रही थी और धीरे धीरे उसने मेरे लंड को अपने मुहं में लेना शुरू कर दिया। तो मेरा लंड बहुत सख्त और बड़ा था उसके मुहं में पूरा नहीं आ रहा था.. मैंने उसके बाल पकड़कर एक ज़ोर का धक्का लगाया.. आधा लंड उसके मुहं में चला गया और उसकी आखों से पानी बाहर निकल आया। फिर धीरे धीरे ज्यादा से ज्यादा लंड वो मुहं में रखकर चूसने लगी.. करीब 15-20 मिनट बहुत लंड चुसवाने के बाद मैंने उससे घोड़ी बनाने के लिए कहा और वो अपनी दोनों टाँगे मोड़कर घोड़ी बन गयी। दोस्तों इस तरह चुदाई करवाने में औरत को बहुत मज़ा आता है और में भी घुटनों के बल बैठ गया और पीछे से अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और दोनों हाथों से उसके बाल पकड़ कर एक ज़ोर का धक्का लगाया.. उसके मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और में अपना लंड उसकी चूत में ऐसे ही डालकर उसके बूब्स दबाता रहा और जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। तो वो धीरे से बोली कि आज मेरी सारी प्यास बुझा दो प्लीज। फिर मैंने कहा कि आज तो तुझे ऐसे चोदूंगा कि सारी उम्र तू मेरा लंड याद रखेंगी और उसे मेरे सख्त लंड का मज़ा आ रहा था में उसे तेज़ी से धक्के देकर चोदे जा रहा। फिर वो अब अपने पति को गलियाँ देने लगी कि उसके लंड में दम नहीं है और उसने कहा कि तुम मुझे एक बार मेरे पति के सामने भी चोदना.. कम से कम उसे भी यह तो पता चल जाएगा कि चुदाई कैसे करते है? फिर इस तरह से में उसे बहुत तेज रफ़्तार से चोदे जा रहा था और वो बड़बड़ा रही थी सिसकियाँ ले रही थी अपने नाख़ून से मेरे शरीर पर निशान कर रही थी।

दोस्तों सही में उसकी चूत का मज़ा मेरे लंड को जो आया वो ना किसी की चूत में नहीं था और 25 मिनट तक उसकी चूत का कचूमर निकालने के बाद मैंने सारा वीर्य उसकी गरम गरम चूत में निकाल दिया और फिर मैंने लंड को बाहर निकालकर उसके मुँह में दे दिया मेरा और उसकी चूत का जो रस मेरे लंड पर चिपका हुआ था.. उसे वो आइस्क्रीम की तरह से चाटने लगी। उस रात को मैंने उसे 3 बार अलग अलग तरीके से चोदा और उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता.. हम एक दूसरे में समां जाते। आज तक मैंने उसे कितनी बार चोदा है यह मुझे भी याद नहीं है.. लेकिन आज भी में उसे बड़े प्यार और मज़े से चोदता हूँ और वो भी मजे लेकर चुदवाती है ।।

अंकल आंटी की अजीब दास्ताँ

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Uncle Aunty Ki Ajeeb Dastan : हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रोहित है और में भारत से हूँ और फिलहाल यूरोप में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरी उम्र 25 साल है और में इस साईट की कहानियां 2 साल से पढ़ रहा हूँ.. और इसके कारण में बहुत सारे सेक्स करने के तरीके सीख चुका हूँ और इसी के कारण मुझे लगता है कि में सेक्स के मामले में बहुत सुधरा भी हूँ.. मगर नीयत के बारे में बिगड़ भी गया हूँ। दोस्तों यह स्टोरी आराम आराम से हॉट फिर सेक्सी होती जाएगी तो में उम्मीद करता हूँ कि कहानी पढ़कर ही आपकी चूत गीली और लंड टाईट हो जाएगा।

चलो अब में अपनी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों यह बात आज से तीन साल पहले की है जब में पढ़ाई कर रहा था और में दीवाली की छुट्टियों में मेरे अंकल आंटी के घर पर गया था। वो महाराष्ट्र में रहते है और में करीब शाम 8 बजे उनके यहाँ पर पहुंचा और मैंने घर की बेल बजाई और मेरे अंकल ने घर का गेट खोला और अंकल के गले मिला। फिर हम दोनों घर के अंदर गये.. अंकल मुझसे मिलकर बहुत खुश थे और हम दोनों बिल्कुल अच्छे दोस्त की तरह है। अंकल–आंटी की शादी को 4 साल हो गए थे लेकिन फिर भी उनको कोई बच्चा नहीं था.. लेकिन शायद हो सकता है उनकी कोई फेमिली प्लॅनिंग हो और वो अभी बच्चा नहीं चाहते हो।

चलो लेकिन मुझे क्या फिर हम हॉल में गए और अंकल ने मुझे बैठने को कहा में आराम से गांड टिकाकर सोफे पर बैठ गया। अंकल ने मुझे पीने का पानी दिया और वो भी मेरे साथ बैठ गये। तभी मैंने आंटी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी आंटी अभी मार्केट से शॉपिंग करके आई है इसलिए बाथरूम में शावर लेने गयी है। तभी मेरे अंकल ने मुझे पूछा कि क्या तुम दारू पीना चाहते हो? तो मैंने कहा कि क्यों नहीं? और में बियर पीने के मूड में था और उन्हें भी दारू के लिए कोई साथी मिल गया था। यह सुन कर वो बहुत खुश हो गए और कार की चाबी लेने बेडरूम में चले गये रूम से वापस आकर वो बोले कि रोहित में आधे घंटे में आता हूँ.. तुम तब तक आराम करो और मैंने तुम्हारी आंटी को बोल दिया है वो आती ही होगी।

फिर अंकल के जाने के 5 मिनट बाद में ही में आंटी से मिलने उनके बेडरूम में चला गया और बेडरूम में पीले लेम्प की रोशनी थी और ड्रेसिंग टेबल के सामने आंटी खड़ी थी। आंटी ने गहरे नीले कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना था.. ब्लाउज पीछे से पूरा का पूरा खुला था और उसकी डोरी बहुत छोटी थी और उनकी पीठ लगभग नंगी लग रही थी और साड़ी शरीर से टाईट थी.. जिसमे उनकी गांड उभर कर बाहर आ रही थी और उनको पीछे से देखकर ऐसा लग रहा था कि उनके पीछे जाकर उनको किस करूं.. लेकिन में मजबूर था। मेरी आंटी की हाईट 5.4 इंच है उनके बूब्स बड़े और मुलायम है। मुलायम इतने कि अगर वो पूरी की पूरी नंगी सो जाए तो बूब्स इधर उधर हिलने लगे और उनकी उम्र पता नहीं है और उनकी गांड तो उनके शरीर का एक बहुत अच्छा हिस्सा है उनकी गांड बड़ी कोमल है.. इतनी कोमल है कि हाथ लगाए तो उछलती है और अगर चांटा मारो तो लाल लाल हो जाती है लेकिन में आप सभी को आंटी का नाम बताना भूल गया.. उनका नाम मधु है।

तो जब में उनके बेडरूम पहुंचा और उनको मेरी आहट हुई और उन्होंने मुझे देखा और खुश होकर मुझसे पूछा कि रोहित कैसे हो? और वो मेरे पास आई.. आते हुए उनकी चूड़ियां साड़ी ब्लाउज और बिंदी देखकर में तो पागल हो गया और उनका चलने का स्टाईल भी बड़ा प्यारा था। वो मेरे पास आई और मेरे माथे पर किस करके बोली कि रोहित तुम्हे देखकर मुझे हमेशा बहुत अच्छा लगता है। अब मेरे बाथरूम में जाकर जल्दी से फ्रेश हो जाओ और फिर हम साथ में खाना खाएँगे। मैंने तेरी पसंद की मटन हांड़ी बनाई है। तभी मैंने कहा कि ठीक है में मेरा बेग लेकर आता हूँ। तभी वो बोली कि नहीं में लाती हूँ तुम फ्रेश होने लग जाओ। में तुरंत उनके बाथरूम में गया और बाथरूम में बड़ी अच्छी खुश्बू आ रही थी।

आंटी हमेशा अच्छी कम्पनी के शावर जेल काम में लेती थी.. वो बड़ी सेक्सी महक देते है। में भी बहुत सारा शावर जेल डालकर नहाया.. नहाते समय मेरी नज़र आंटी की पेंटी पर गयी वो वहीं पर सूख रही थी। शायद आंटी ने अभी ही शावर लिया था.. पेंटी पीले कलर की जाली वाली थी और में उसे देखकर पागल हो गया और में मेरे लंड को टाईट करके मसलने लगा और कभी कभी ऐसा एहसास होता था कि आंटी मुझे कहीं होल से देख रही है तो में और ज़ोर ज़ोर से मस्ती से मालिश करता.. लेकिन मेरी आंटी बेडरूम में ही होगी मुझे पता था.. क्योंकि वो ऐसे छिछोरे काम करने वालो में से नहीं है इसका मुझे अंदाज़ा था। फिर मेरा नहाना पूरा हुआ और में टावल लपेट कर बाहर आ गया और बाहर आकर में अपने बाल सुखा रहा था।

तभी मेरी आंटी आई और मेरे बेग में से मेरी पेंट और टी-शर्ट निकालने लगी। फिर मैंने अचानक से घूमकर उनको देखा तो वो बोली कि क्या बात है रोहित? आज कल खाना जमकर खा रहा है.. तूने तो बड़ी अच्छी बॉडी बना ली है और फिर मेरे पास आकर मेरे पेट पर हाथ घुमाकर बोलने लगी कि अब तो तेरा पेट भी बड़ा हो गया है और तू कुछ ही दिन में सेठ की तरह दिखेगा.. ज़रा एक्सर्साइज़ किया कर और यह पेट ज्यादा ना बड़ने दे.. इसका ध्यान रखा कर नहीं तो तेरे पैट के कारण तेरी बीवी बोर हो जाएगी। तभी मैंने कहा कि मधु आंटी में समझा नहीं.. मेरे पैट के कारण मेरी बीवी क्यों बोर हो जाएगी? तभी आंटी बात काटकर बोली कि तू तेरे अंकल से पूछ लेना वो तुझे बता देंगे और तेरी शरीर से बड़ी मस्त खुश्बू आ रही है। फिर में बोला कि क्यों नहीं आएगी?

आपका ही शावर जेल मैंने काम में लिया है। तो वो मुस्कुराने लगी। फिर में तैयार होकर हॉल में आया तब तक अंकल आ गए थे और ग्लास में ड्रिंक्स भर रहे थे और फिर हम दोनों ने पीना शुरू किया। मैंने दो बियर पी और उन्होंने एक विस्की खत्म कर दी। फिर हम तीनों खाना खाने लगे और खाते हुए भी उन्होंने बहुत विस्की पी ली। फिर आंटी ने जब उनको कहा कि बस हो गया.. तब जाकर वो रुके। हमारा खाना होने के बाद हम तीनों सोफे पर बैठ गये। मैंने और आंटी ने आईसक्रीम खाई और अंकल को बहुत दारू चड़ गयी थी तो में उनको बेडरूम में लेकर गया और सुला दिया।

फिर उन्होंने कहा कि गेस्ट रूम का एयर कंडीशनर खराब है इसलिए तुम हमारे बेड रूम में ही सो जाओ। अंकल ने फोर्स किया कि में उनके साथ सो जाऊँ और उनका बेड बड़ी साईज़ का था। तीनों आराम से सो सकते है और आंटी ने मुझे बोला कि रोहित क्या तुम दो मिनट बाहर जा सकते हो.. मुझे चेंज करना है? लेकिन अंकल अभी मस्ती के मूड में थे वो मज़ाक करते करते बोले कि उसे क्यों भाहर भेज रही हो? वो तो अभी बच्चा है.. सिर्फ़ बियर पीता है। उसके सामने ही चेंज कर लो तो आंटी बोली कि आप चुप रहो वरना आपको भी बाहर जाना होगा। फिर में बाहर गया और 5 मिनट में आंटी ने मुझे बुलाया। वाह क्या लग रही थी मधु आंटी? उन्होंने लाल कलर की बहुत सेक्सी नाईटी पहनी थी.. लेकिन पारदर्शी नहीं थी।

तभी हम तीनों आराम से सो गये और मुझे कल्पना भी नहीं थी कि अगले एक घंटे में मेरे साथ क्या होने वाला था? अंकल बेड पर बीच में सोए थे.. आंटी ड्रेसिंग टेबल की साईड में सोई थी और में दूसरे बेड साईड पर सोया था। तो करीब एक घंटे बाद जब मैंने करवट बदली और हल्की सी आँखे खोलकर देखा तो अंकल और आंटी एक दूसरे के ऊपर लेटे हुए एक दूसरे को मसल रहे थे। उन्होंने एक कम्बल लिया हुआ था और में कुछ नहीं देख पा रहा था और उन्होंने सर से लेकर पैर तक कम्बल ओढ़ा हुआ था। वो दोनों एक दूसरे पर बदन घिस रहे थे और कुछ सेकेंड बाद बात करने लगे.. लेकिन पता नहीं क्या कह रहे थे और फिर कम्बल उनके बदन से निकलने लगा और मेरा लंड पत्थर की तरह टाईट हो गया।

तभी मेरा दिमाग सोचने लगा कि वो क्या कर रहे है और में मेरा हाथ पेंट में डालकर लंड को सहलाने लगा। तभी अचानक वो लोग कम्बल दूसरी तरफ हटाने लगे और मैंने डर के मारे करवट बदल दी और दीवार की साईड देखने लगा। 5 मिनट बाद मेरे लंड से रहा नहीं गया और मैंने करवट बदलकर उनको सोचने लगा लेकिन आँखे बंद कर रखी थी। करीब 2 मिनट के बाद आंटी की अयाहह हाहााहह ऐसी आवाज़ आने लगी। तभी मैंने हल्के से आँख खोली और देखा तो अंकल आंटी ने एक दूसरे को किस कर रहे थे.. लेकिन में सिर्फ़ मेरे अंकल को देख सकता था। वो सिर्फ़ उनके अंडरवियर में थे और आंटी का एक हाथ उनके गले में था।

उस हाथ में मस्त चूड़ियाँ थी और आंटी का दूसरा हाथ अंकल के अंडरवियर में जा रहा था। आंटी ने फिर अंकल की गांड को ज़ोर से दबा दिया और अंकल ने जल्दी से आंटी को खींचकर साईड चेंज कर ली। अब में मधु आंटी का पिछला हिस्सा देख रहा था.. वाह मेरी किस्मत। उन्होंने सिर्फ़ ब्रा पेंटी पहनी थी। उन्होंने गहरे लाल कलर की पेंटी पहनी थी और उसी कलर की सेक्सी ब्रा पहनी थी। अंकल ने आंटी की पेंटी में हाथ डालकर उनकी गांड रगड़ने लगे.. वाह क्या गांड थी साली वो? ऐसा लग रहा था कि उसमे मेरा लंड घुसा दूँ। मादरचोद अंकल ने मधु आंटी की गांड जोर जोर से रगड़ते रगड़ते आंटी के पिछवाड़े में यानी गांड में उंगली घुसा दी और आंटी धीरे से चिल्लाकर अंकल को ज़ोर से चिपक गयी और अपनी चूत उनके अंडरवियर पर घिसने लगी।

आंटी ने फिर अंकल का हाथ निकाला और उसी हाथ को उनकी पेंटी के अंदर डाल दिया। कुछ सेकिण्ड आंटी की चूत में उंगली करने के बाद अंकल ने आंटी के ऊपर आकर उनको किस किया तो आंटी बोली कि पति देव थोड़ा जल्दी करो.. आज हम अकेले नहीं है। अंकल आहह मेरी जान तुझे अकेले कहाँ पसंद आता है.. आज में तुझे रोहित के सामने जोर जोर से चोदू क्या? तभी आंटी गरम हो गई और जल्दी से अंकल की अंडरवियर नीचे खींच दी और खुद की भी निकाल दी। आंटी की चूत इतनी गीली थी कि मुझे उनकी चिकनाई की चिप चिप आवाज़ आ रही थी। तभी आंटी ने झट से अंकल का लंड लिया और खुद की चूत में घुसा दिया और बोली कि हरामी पति रोहित के सामने क्यों चोदता है मुझे? क्या पत्नी की इज़्ज़त का ख्याल नहीं है? आआहह। अंकल बोले कि हरामी तो तू है रोहित का नाम सुनते ही जोश में आ गई रांड। आंटी बोली कि चोद ज़ोर से चोद और जोर से मादरचोद आहह चोद तेरी बीवी को और ज़ोर से चोद।

तभी अंकल ने आंटी के मुहं को दबाया और बोले कि ओहह छिनाल साली बड़ा मजा आ रहा है। आज तो में साली तुझे मार दूंगा और अंकल ने आंटी को ऊपर लिया और वो नीचे आ गये। आंटी ज़ोर ज़ोर से अंकल पर कूद रही थी और अंकल गाली और प्यार ज़ोर ज़ोर से दे रहे थे और आंटी बोली कि आह आराम से रोहित उठ ना जाए। फिर अंकल ने आंटी को बोला कि साली तुझे उससे चुदवाना है क्या? बोल तुझे खुश करने के लिए आज में बहुत मूड में हूँ। आंटी बोली कि साले सच में चुदवाउंगी ना तो आपकी गांड जल जाएगी और वो बड़ी ज़ोर से उनकी चूत को उनके लंड पर दबाने लगी। अंकल जोश में आकर आंटी को चूमते हुए मेरे और करीब लेकर आ गये। आंटी और मेरे बीच में सिर्फ़ एक उंगली का अंतर था और फिर अंकल आंटी की चूत को चाटने लगे।

उन्होंने शायद उनकी पूरी जीभ उनकी चूत में डाल दी थी। तभी आंटी का चेहरा मेरे सर के पास ही था तो में उनकी सिसकियाँ सुन रहा था। वो आआअहह उफफ्फ्फ् स्वामी और चाटो और चाटो मेरे स्वामी। तभी अंकल बोले कि आज में तुझे डरा डराकर चोदूंगा। तभी आंटी बोली कि वो कैसे? फिर वो आंटी को सरकाकर मेरे पास लाए और मैंने आंखे बंद कर दी और करीब 2 मिनट बाद मैंने अपने आस पास कुछ हलचल महसूस की और आंटी के मुहं से सुना कि आज मत करो रोहित उठ जाएगा। अंकल बोले कि वो नहीं उठ सकता है उसने दारू पी रखी है। तभी मैंने हल्के से जब 3 मिनट बाद आँखे खोली तो मेरे चहरे की साईड में आंटी का एक ही पैर दिखाई दिया.. जैसे कि वो मेरे पास में खड़ी है और में हैरान हो गया..

यह देखकर कि मधु आंटी का पैर मेरी सीधी साईड में था और एक पैर उलटी साईड में था और उनको लग रहा था कि में गहरी नींद में सो रहा हूँ और मैंने जब ऊपर देखा तो आंटी की प्यारी चूत दिखी जिसमे अंकल का टाईट लंड था। जो कि ज़ोर ज़ोर से आंटी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। वो दोनों भी मुझे नहीं देख सकते थे। आंटी के दोनों हाथ दीवार पर टिके थे.. उनकी चूत बिल्कुल मेरे मुहं के एक फिट ऊपर थी और अंकल आंटी की कमर को पीछे से पकड़कर चोद रहे थे और बोले कि कैसा लग रहा है मेरी हरामी पत्नी को भतीजे के ऊपर चुदने में? तभी आंटी बोली कि गांडू अगर भतीजा उठ गया तो माँ चुद जाएगी आअहह। वाह क्या सीन था वो.. में तो पागल हो रहा था साला में मूठ भी नहीं मार पा रहा था.. क्योंकि उनको पता चल जाता।

तभी चुदते चुदते आंटी सिसकियाँ लेने लगी.. गांडू चोद और चोद आहह आ चोद मदारचोद और चोद नहीं तो में इसके मुहं पर बैठ जाऊंगी। तभी अंकल ने यह सुनते ही आंटी की गांड पर तमाचे मारते हुए उनको और जोर जोर से चोदने लगे और आंटी की गांड में उंगली डाल दी। आंटी ने ज़ोर से गाली दी गांडू भडवे और एक हाथ अपनी चूत के पास लाकर उंगलियों से अपनी चूत की चमड़ी को खींचने लगी और पागल हो गई। अंकल और ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे और आंटी ज़ोर ज़ोर से चूत घिस रही थी और अचानक एक हादसा हुआ.. आंटी की चूत का पानी इतना बड़ गया कि उसकी एक छोटी सी बूंद मेरे होंठो पर गिर गई और मधु आंटी की चूत का पानी मेरे होंठो को छूकर मुझे और पागल कर गया। मैंने वो पी लिया। अंकल ने फिर आंटी की ब्रा को पीछे से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से चोदा।

मुझे आंटी के बूब्स देखने थे.. लेकिन उस रात नहीं देखने को मिले। अंकल ने आंटी की ब्रा को पीछे से दोनों हाथ से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से स्पीड बड़ाकर चोदने लगे और आंटी के बूब्स झूल रहे थे और वो बोल रही थी कि और जोर से चोदो में झड़ने वाली हूँ.. कमीने हरामखोर चोद चुदक्कड़ और वो दोनों झड़ गये और उन दोनों का थोड़ा सा जूस मेरी छाती और गर्दन पर गिरा। आंटी और अंकल अलग हुए तो अंकल तुरंत दारू के नशे में सो गये और आंटी ने तुरंत अपनी पेंटी से मेरे ऊपर के गिरे जूस को आराम से साफ किया और रोहित नाम से मुझे पुकारा चेक करने के लिये कि में सो रहा हूँ या नहीं.. लेकिन में सोने का नाटक कर रहा था। अब आंटी भी नंगी ही मेरे पास में मतलब हम दोनों के बीच में सो गई। दोस्तों मेने आज तक कभी अंकल आंटी को उस रात का अहसास नहीं होने दिया। तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी ।।

हाईवे पर मुझे कुंवारी चूत मिल गयी

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Highway Par Mujhe Kunwari Choot Mil Gayi : केसे हो दोस्तों,

मेरी स्टोरी सत्य घटना हैं. वेसे रंडी तो हाईवे पर मिल जाती हैं लेकिन मुझे तो कुवारी चुत मिल गई. कहानी पे आता हु यारो…

बात उस समय की हैं जब मैं बारहवीं की परीक्षा पास करके अपने गाँव वापस आया। शहर में रहकर मैं बहुत बिगड़ गया था और चूत का आशिक बन गया था क्योंकि मैंने सुना था कि सांप और चूत जहाँ दिखे वहीं मार देनी चाहिए…

बस यही सोच कर मैंने अभी तक 28 चूतें मारी हैं और हर चूत वाली को संतुष्ट किया हैं।

तो अब असल कहानी पर आते हैं।

मैं गाँव गया तो मैंने पूरा दिन घूम कर बिता दिया…

शाम को जब मैं अपनी गाड़ी से घर वापस जा रहा था तो मैंने देखा कि नहर किनारे एक लड़की पेशाब कर रही थी और गाड़ी की रोशनी उसके चूत पर पड़ गई थी जिससे मुझे मूत निकलती चूत के दर्शन हो गए।

यह देख अचानक ही मेरा लौड़ा पैंट में खड़ा हो गया और मुझे लगा कि अगर मैंने आज चूत नहीं मारी तो शायद मेरा लंड फूल कर फट जायेगा। बस मैंने योजना बनाई और गाड़ी रोक कर लड़की के पास चला गया।

मुझे वहाँ खड़ा देखकर वो शर्मा गई…

मैंने पूछा- कौन हो तुम और रात के इस अँधेरे में यहाँ क्या कर रही हो?

तो वो शरमा कर बोली- साहब मेरा नाम रीना हैं और मैं आपके ही गाँव की हूँ…. हमारे यहाँ शौचालय नहीं हैं इसलिए हम लोग नहर की तरफ आते हैं।

मैंने कहा- तुम मेरी गाड़ी में आ जाओ, मैं तुम्हें घर तक छोड़ दूंगा !

रीना आकर मेरे बगल वाली सीट पर बैठ गई…

मेरा मन कर रहा था कि अभी गाड़ी में ही पटक कर इसकी चूत में अपना मोटा लौड़ा ठोक दूँ !

बस यही सोच कर मैं उससे इधर-उधर की बातें करने लगा। बात करते करते मैंने जोर से ब्रेक दबा दिया तो रीना संभल नहीं पाई और मेरी तरफ गिर पड़ी जिससे उसका हाथ मेरे लंड पर पड़ गया।

उफ़… !!

मेरा लंड एक बार फिर टनटना कर खड़ा हो गया। मैंने महसूस किया कि रीना ने अपने हाथ का दबाव बना दिया था मेरे लौड़े पर और व बड़े ध्यान से मेरे लंड को देख रही थी।

मैं समझ गया कि मौका अच्छा है तो मैंने कहा- रीना… ! तुम्हें “ये” पसंद हैं क्या…? खेलोगी इसके साथ?

रीना- हाँ साहब, इच्छा तो बहुत होती है लेकिन डर लग रहा हैं कि जब पैंट के ऊपर से आपका लंड इतना बड़ा हैं तो वास्तव में कितना बड़ा होगा?

मैंने कहा- अरे मेरी जान, लौड़ा जितना मोटा और बड़ा होता है, चूत को उतना ही मजा आता है..!

इतना कह कर मैंने गाड़ी स्टार्ट की पास ही झाडी के पास लगा दिया ताकि कोई हमें देख न सके।

अब मैं गाड़ी से उतर गया और रीना भी उतर गई।

मैंने रीना से पूछा- क्या आज से पहले भी तुमने किसी से चुदाई का मजा लिया है?

तो वो बोली- मन तो बहुत करता है पर डर के कारण कभी हिम्मत नहीं हुई !

अब मैं समझ गया कि आज मैं इसकी कुंवारी चूत का सील तोड़ने वाला हूँ… इसलिए पहले मैंने उसे गर्म करना ठीक समझा।

मैंने रीना को पकड़ लिया और उसे अपनी गोद में उठा लिया और गाड़ी के बोनट पर लिटा दिया, उसकी चूचियाँ ऊपर-नीचे हो रही थी जिन्हें मैंने अपने दोनों हाथों में पकड़ के कस के दबा दिया….

“बाबूजी…बहुत दुःख रहा हैं…थोड़ा धीरे दबाओ ना!” रीना ने कहा।

मैंने अपना एक हाथ उसकी कमीज के अन्दर डाल दिया और उसके चुचूक का दाना पकड़ कर मसल दिया… मुझे बड़ा ही अच्छा लगा… नरम नरम सा अनार के दाने की तरह… मैंने अपने होंठ रीना के होठों पर रख दिए और उसके होंठों को चूसने लगा..! कभी कभी जब मैं उसके होठों और गाल को काट लेता था तो रीना आंह ..आह…उन्ह..कर उठती थी…!

अब मैंने उसे खड़ा कर दिया और उसकी कमीज उतार दी….. हाय… !! उसने नीचे चोली नहीं पहनी थी इसलिए कमीज उतारते ही उसके स्तन उछल कर सीधे मेरे हाथ में आ गए और मैंने दोनों को कस कर पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाने लगा……

हाय क्या मजा आ रहा था…

रीना भी गरम हो रही थी…!

मैंने कहा- रीना, मेरी पैन्ट खोलो ना !

रीना- हाँ बाबूजी.. मैं भी इसे देखने के लिए पागल हो रही हूँ !

यह कह कर उसने मेरी पैंट खोल दी !

मैंने अंडरवीयर पहना हुआ था जिसमें से मेरा लंड बाहर झांक रहा था, मेरे लंड का टोपा बाहर निकल रहा था।

रीना घुटने के बल बैठ गई और मेरे बाहर निकले टोपे को देखने लगी।

अचानक ही उसने अपनी जीभ टोपे पर रख दी और मेरा टोपा चाटने लगी….

मैंने अपना अंडरवीयर नीचे खींच दिया…..!

हे भगवन, इतना बड़ा लंड ? और इतना मोटा ? मेरी चूत फाड़ के रख देगा, रीना ने कहा।

उसकी गांड फट रही थी मेरे भयानक लौड़े को देख कर !

मैंने उसका मुँह पकड़ा और अपना पूरा लौड़ा उसके मुँह में ठूंस दिया। उसकी आँखों में पानी आ गया। अब मैंने उसके बाल पकडे और अपना लंड उसके मुँह में अन्दर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर में उसे भी अच्छा लगने लगा तो वो खुद ही मेरा लंड चाटने लगी।

उफ्फ्फ्फ़ ….क्या मजा आ रहा था….

साली….तू तो एकदम मस्त चुसाई करती हैं…कहाँ से सीखा है?

वो चुप चाप चूसती रही….! अब उसने मेरे अण्डों को भी मुँह में डाल लिया और चूसने लगी….

ऐसा लग रहा था मानो वो गुलाब जामुन को चूस रही है…

मैंने अपना लंड फिर से उसके होठों पर रख दिया और अपने लंड से उसके होंठ सहलाने लगा….

उसने फिर मेरा लौड़ा मुँह में डाल लिया और सुड़प….सुड़प….कर के चूसने लगी !

मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने अपना लौड़ा बाहर खींच लिया और उसे खड़ा कर दिया।

अब मैंने उसकी सलवार भी उतार दी…. हाय…. उसने अन्दर कच्छी भी नहीं पहनी थी… मैंने देखा कि उसकी जांघ पर कुछ गीला-गीला सा लगा था… मैं समझ गया था कि रीना अब पूरी तरह से गर्म हो गई हैं और यह अब मोटे से मोटा लंड भी खा लेगी..!

मैं खड़े-खड़े ही अपनी एक उंगली उसकी चूत के पास ले गया और उसके बुर के दाने को रगड़ने लगा….

रीना आंह…आंह…उफ़ कर उठी…

मैंने धीरे से अपना उंगली उसकी चूत के छेद में डाली मगर वो अन्दर नहीं गई क्योंकि चूत एकदम कसी हुई थी और सीलबंद थी।

मैंने उसके चूत के रस को उंगली पर लिया और फिर से डालने लगा, इस बार उंगली अन्दर चली गई बुर में….

रीना कराह उठी- ऊई माँ….थोड़ा धीरे करो…. !!!

अब मैं उंगली अन्दर-बाहर करने लगा….

थोड़ी ही देर में उसने पानी छोड़ दिया तो मैं समझ गया कि अब सही वक़्त आ गया है जब मेरा लौड़ा इसकी चूत फाड़ सकता है…!

बस मैंने रीना को नीचे झाड़ी की ओट में लिटा दिया…और उसकी टांगें चौड़ी कर दी। एक छोट सा छेद दिखाई दिखाई दिया मुझे जिस में से उसका माल निकल कर बह रहा था।

आज तो मजा आ गया था… एकदम कसी हुई चूत फाड़ने को मिल रही थी…!

मैंने अपने हाथ में थूक लिया और सारा थूक अपने सुपारे पर मल दिया….फिर मैंने उसकी टांगें ऊपर उठा दी और लंड को चूत के छेद पर रख कर एक तगड़ा झटका मार दिया….

लंड दनदना कर सुपारे तक अन्दर घुस गया था…

और रीना के मुँह से चीख निकल गई- ..ऊई माँ…मर गई….मेरी चूत फट गई…. बाहर निकालो अपना लौड़ा…!

मगर अब मैंने उसका मुँह अपने होठों में बंद कर लिया और कमर को ऊपर कर के फिर से ठोक दिया…

अबकी बार पूरा लंड अन्दर सील तोड़ता हुआ अन्दर घुस गया था…. इस बार रीना…..ऊऊऊ … ऊईई फट गई मेरी चूत ! कह कर चिल्ला उठी…!

उसकी चूत से खून निकल रहा था मगर मैंने परवाह नहीं की और लगातार ठोकता रहा अपना मूसल उसकी चूत में!

थोड़ी देर में उसे मजा आने लगा और वो भी चूत उठा उठा कर चुदवाने लगी….!

अब बस ऊउंह….आंह……घप…घप….ऊह….आन्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह…की ही आवाजें गूँज रही थी !

करीब बीस मिनट के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अचानक उसे उल्टा कर दिया और इससे पहले की रीना कुछ समझ पाती, मैंने माल और खून से सना अपना लंड उसकी गांड में एक ही झटके में घुसा दिया!

वो चीख पड़ी- …आंह ! माँ ! मेरी गांड भी फाड़ दी तुमने…

मगर मैंने चोदना जारी रखा और….बीस धक्कों के बाद मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और उसके मुँह में डाल कर अपना माल उसके मुँह में भर दिया…. वो मेरा सारा माल पी गई।

फिर हमने एक बार और चूत चुदाई का खेल खेला और वापस आ गए !

अब मैं जब भी गाँव जाता हूँ तो रीना को अलग अलग तरीकों से चोदता हूँ जिस से उसे भी खूब मजा आता है !

सेक्सी पड़ोसन भाभी की चूत चुदाई

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दोस्तो, मेरा नाम पवन है.. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। शरीर से एकदम फिट और चुस्त दुरुस्त हूँ। मेरी उम्र 23 साल है व मेरा लंड का नाप 6″ लंबा और 2″ मोटा है। मैं अभी कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूँ और इसके साथ-साथ लड़कियों और भाभियों को प्यार करना ही मेरा सबसे पहला काम है।

तो बात कुछ 8 महीने पहले की है.. हमारे पड़ोस में एक फैमिली रहती है.. उस फैमिली में 4 लोग रहते हैं। एक 47-48 साल की महिला.. उसकी एक लड़की.. एक लड़का और लड़के की बीवी हैं। उन आंटी का लड़का सीआईएसएफ में जॉब करता है.. उसकी बहू हाउस वाइफ है और लड़की अभी पढ़ाई कर रही है।

भाभी यानि सीआईएसएफ वाले की बीवी की उम्र 22 साल है.. वो देखने में एकदम बम लगती है.. उसके जिस्म का एक-एक हिस्सा ऊपर वाले ने बड़ी फ़ुर्सत से बनाया है।

भाभी के वो 36 साइज़ के चूचे.. 28 की कमर और 38 साइज़ की उठी हुई गाण्ड.. उनके गोरे रंग के हुस्न की शोभा बढ़ाते हैं। उसके साथ-साथ लंबे काले घने बाल भी भाभी की खूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं जिससे कोई भी मर्द अगर उन्हें एक बार ठीक से देख ले.. तो वो अपना लंड निकाल कर हिलाने लगे या पैन्ट के अन्दर ही पिचकारी छोड़ दे..

भाभी और मेरी पहले मुलाकात गली की ही एक पार्टी के अवसर पर हुई थी। भाभी ने उस दिन गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। एक तो उनका गोरा रंग.. ऊपर से गुलाबी साड़ी.. जैसे ही मैंने एक नज़र से देखा तो मैं मुँह फाड़कर देखता ही रह गया.. वो बम लग रही थी.. सच कह रहा हूँ दोस्तों ऐसा लग रहा था.. जैसे कोई परी ज़मीन पर आ गई हो..

तो भाभी की ननद मेरे घर वालों के साथ कुछ बातें कर रही थी और परिचय करा रही थी कि ये हमारी भाभी हैं.. इतने में मैं भी वहाँ पहुँच गया। मैंने भाभी और उनकी ननद से ‘हाय-हैलो’ की.. जिस पर भाभी ने भी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

इसके बाद मैंने भाभी और उनकी ननद को डान्स करने के लिए कहा.. तो भाभी तो जैसे इंतज़ार ही कर रही थीं कि कब कोई उनके साथ डान्स फ्लोर पर चले और डान्स करे।

बस दोस्तो.. फिर तो महफ़िल का समां रंगीन हो चुका था.. क्योंकि भाभी मेरे साथ डान्स जो कर रही थीं।

भाभी का रंग-रूप देखकर मैं तो पहले ही पागल हो गया था.. ऊपर से अब हम दोनों थोड़ा करीब से या यूं कहा जाए कि बिल्कुल चिपक कर डान्स कर रहे थे।

मेरा तो लंड खड़ा हो चुका था और पैन्ट से निकलने के लिए बार-बार मचल रहा था। डान्स करते हुए भाभी की गाण्ड अचानक मेरे लंड से छू गई.. जिसे भाभी ने भी खूब महसूस किया था।

मुझे तो एक पल के लिए डर सा लगा.. मगर भाभी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर डान्स फ्लोर से नीचे उतर कर ननद को लेकर अपने घर चली गईं।

उस दिन मुझे बहुत बुरा महसूस हुआ और अब मैं भाभी से माफी माँगने के लिए उनसे बात करने का मौका ढूँढने लगा।

दो दिन बाद भाभी खुद किसी काम से हमारे घर आईं.. अब मुझे लगा कि आज बात हो सकती है.. तो मैं भाभी के पास आकर बैठ गया और मौका देखते ही भाभी को ‘सॉरी’ बोल दिया।

तो भाभी ने कहा- सॉरी किस लिए?

मैंने उन्हें उस शरारत के बारे में बताया तो भाभी का जवाब सुनकर मैं दंग रह गया।

भाभी ने कहा- कोई बात नहीं.. इट’स ओके.. इस उम्र में ऐसा हो ही जाता है..

उस दिन मेरे मन के सारे मलाल दूर हो गए और मैंने मौका ताड़ते हुए भाभी से कह दिया- भाभी तुम भी तो एकदम माल हो… मेरा तो क्या.. तुम्हें देखकर तो किसी का भी यही हाल हो जाता होगा!

इस पर भाभी ने मेरा गाल पकड़ कर हल्के से खींचा और कहा- तुम भी नादान नहीं हो, पूरे शैतानी के मूड में थे उस दिन..

उनसे कुछ देर तक हंसी-मजाक चलता रहा.. वो मुझसे खुलने लगी थीं।

अब मैंने भाभी से उनका फोन नम्बर माँगा तो भाभी ने कहा- तुम मुझे अपना नम्बर दे दो.. मैं खुद ही तुम्हें फोन कर लूँगी।

मैंने अपना नम्बर दिया और वो नम्बर लेकर चली गईं।

उस दिन मैंने भाभी के नाम की दो बार मुठ्ठ मारी और भाभी के फोन आने का इन्तजार करने लगा।

अचानक दो दिन बाद मुझे एक फोन आया पिक करने पर किसी लड़की की आवाज़ सुनाई दी, तो मैंने भी छूटते ही कहा- भाभी आ गई याद आपको?

तो भाभी का उधर से जवाब था- क्या बात है.. तुम मुझे ही याद कर रहे थे क्या? जो आवाज़ सुनते ही अपनी भाभी को पहचान लिया।

इस तरह से हम अब रोज़ ही बातें करने लगे.. वक्त के साथ-साथ पता नहीं कब.. हम दोनों में प्यार और हवस जाग गई।

अब हम केवल फोन पर चूत.. लंड.. और चुदाई की ही बातें करते थे।

बस.. अब इंतज़ार था तो मौका मिलने का क्योंकि आग दोनों तरफ बराबर की लगी थी।

कुछ महीने बाद भाभी की ननद के पेपर थे तो उसका एक्जाम सेंटर झज्झर (हरियाणा) में पड़ा.. उसके दो पेपर दो दिन में होना थे और बाकी के पेपरों में गैप था।

एक दिन भाभी को मैंने अपने घर मम्मी से बात करते हुए देखा तो उन्हें देख कर मैं बहुत खुश हुआ..

भाभी के जाने के बाद मम्मी ने मुझे बताया कि इसकी ननद के इम्तिहान हैं और सेंटर झज्झर पड़ा है.. तो कह रही थी कि पवन को हमारे साथ भेज देना..

अब मेरे मन का लड्डू एकदम से फूटा..

फिर माँ ने कहा- तीन दिन के लिए जाना होगा.. तू अपनी पैकिंग वगैरह कर ले.. परसों तुम्हें निकलना है।

मैं तो जैसे पागल ही हो चुका था.. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था..

दो रातें तो हम दोनों बात करते हुए पूरी-पूरी रात निकाल दी।

आख़िर वो दिन आ ही गया.. जिसका हम दोनों को इंतज़ार था। मैं जल्दी से अपने दोस्त की दवा की दुकान पर गया और एक कन्डोम का बड़ा वाला पैकेट और दो नींद की गोली लेकर आ गया।

बस अब हम तीनों रोहिणी से झज्झर के लिए निकल गए और झज्झर पहुँच कर एक होटल में रूम ले लिया।

अब भाभी और मैं दोनों चुदाई के लिए पागल हो रहे थे.. तो मैंने नींद की एक गोली कोल्डड्रिंक में मिला कर भाभी की ननद को पिला दी।

ननद के सोते ही मैंने भाभी को पकड़ कर अपने पास खींचा और अपने होंठ भाभी के होठों पर रख दिए।

हम दोनों पहले से ही बहुत गर्म हो चुके थे तो हमारी ये चूमा-चाटी का प्रोग्राम लगभग 15 मिनट तक चलता रहा और चुम्बन करते-करते पता हो नहीं चला कि कब हम दोनों के कपड़े.. हमारे जिस्मों से अलग हो गए।

भाभी ने जैसे ही मेरा तना हुआ लंड देखा तो लंड को पकड़ कर सीधे अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं।
मुझे तो पता नहीं क्या हो चला था.. मेरी कमर खुद ही आगे-पीछे होने लगी थी।

अब मैं भाभी के मुँह की चुदाई कर रहा था। उत्तेजना के कारण बस 10 मिनट में ही मेरे लंड ने भाभी के मुँह में पिचकारी छोड़ दी और भाभी ने भी मेरा लंड चूस कर बिल्कुल साफ़ कर दिया था।

अब बारी मेरी थी.. मैंने भाभी को चुम्बन करते हुए उनके सीने की गोलाईयों को अपने हाथों से नापते हुए हचक कर दबाना शुरू कर दिया।

भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.. भाभी के होठों को चोदते हुए नीचे सीना.. पेट.. कमर.. जाँघों को चूमते हुए जैसे ही भाभी की चूत पर मुँह पहुँचा.. और जैसे ही मेरी जीभ भाभी की चूत पर लगी.. भाभी एकदम से उछल सी गईं।

अब मैं भाभी की चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था और भाभी अपनी आँखें बंद किए हुए सिसक रही थीं- आह.. आआह.. आह हाय चूस लो इसे.. अच्छे से निकाल दो इसका पूरा पानी.. ओह..

अब भाभी और मैं दोनों 69 की अवस्था में आ गए थे।

भाभी नीचे से ऊपर को अपनी कमर उठा रही थीं और मैं ऊपर से नीचे को मुँह में झटके लगा रहा था।

भाभी ने मुँह से लंड निकाला और कहने लगीं- बस अब नहीं रहा जा रहा है.. पेल दो अपना ये लंड.. मेरी चूत में.. फाड़ दो इसे.. ये लंड खाने को बहुत भूखी है..

मैं भी अब भाभी के ऊपर आ गया और लंड को भाभी की चूत पर रगड़ने लगा।

अब भाभी बार-बार चिल्लाने लगीं- टाइम क्यों खराब कर रहे हो.. डाल भी दो इसे अन्दर..

मैंने लंड के टोपे को चूत के छेद पर सैट करके जैसे ही झटका लगाया.. मेरा लंड चूत से फिसल गया।

भाभी की चूत अभी नई और कसी हुई थी। थोड़ा कोशिश करने के बाद जैसे ही लंड के आगे का कुछ भाग भाभी की चूत के अन्दर घुसा.. भाभी के मुँह से चीख और आँखों से आँसू निकल गए।

मगर भाभी फिर भी ये ही कह रही थीं- डाल दो पूरा अन्दर.. जितना भी दर्द होगा एक बार में ही सह लूँगी..

मैंने भी दो-तीन झटकों में पूरा का पूरा लंड चूत के अन्दर कर दिया और धीरे-धीरे झटके लगाने लगा।

चूत का दर्द थोड़ा कम होने.. पर अब भाभी के मुँह से सिसकारिया।ँ निकलने लगीं और इसी के साथ मैंने भी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी।

भाभी- आआहहाअ.. अह ह ह हा आ उउम्म्म ह हुउऊउ और तेज़.. और तेज़.. डाल दो.. फाड़ दो इसे..

वो इस तरह चिल्लाते हुए 15 मिनट की चुदाई के बाद अकड़ गईं.. मैं धकापेल लगा रहा। अब वो चुदते हुए 4 बार झड़ चुकी थीं चौथी बार उनके झड़ते समय मैं भी भाभी की चूत में ही झड़ गया।

हम दोनों के झड़ने के बाद मुझे याद आया कि चुदाई करने के लिए मैं तो कन्डोम भी लाया था.. मगर वो तो जेब में ही रह गया। मैंने यह बात भाभी से कही तो भाभी ने जवाब दिया- कोई बात नहीं.. तेरी भाभी शादीशुदा है.. तू डर मत.. बस ऐसे ही मेरी प्यार बुझाते रहियो।

उस दिन हमने तीन घंटों में दो बार चुदाई की और फिर शाम को सेंटर की खोज में निकल गए।

हम दो दिन और उसी होटल में रुके रहे और मैं भाभी को दो दिन तक जन्नत के मज़े दिलाता रहा।

उसके बाद भी हमारी चुदाई अभी तक भी चालू है। कभी मेरे घर पर.. तो कभी भाभी के घर पर लण्ड-चूत का खेल चलता रहा।

बस में मिली आंटी के साथ सेक्स

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Bus Mein Mili Aunty Ke Sath Sex :

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निखिल है, मेरी उम्र 24 साल है और में मुंबई का रहने वाला हूँ। में इस साईट का बहुत बड़ा फैन हूँ और रोज इसकी स्टोरी पढ़ता हूँ। फिर मैंने सोचा कि में भी अपनी स्टोरी लिखूँ। यह स्टोरी करीब 2 साल पहले घटी एक हक़ीकत हैं। में एक दिन कुछ काम से उरण गया था, काम निपटने में रात के 10 बजे गये थे और काम निपटाकर में घर जाने के लिए बस स्टॉप पर खड़ा था और मुझे थाने के लिए बस पकड़नी थी। अब एक घंटा होने में आया था, लेकिन बस नहीं आई तो उतने में मेरी नज़र एक आंटी पर पड़ी, वह फोन पर किसी के साथ बात कर रही थी तो मैंने सुना कि उन्हें भी थाने की बस पकड़नी है। फिर वह मेरे सामने से होकर थोड़ा आगे जाकर खड़ी हो गयी, उन्होंने काले रंग की साड़ी पहनी थी और उनके गले में मंगलसूत्र भी था, उनका फिगर 38-26-38 कुछ था और उनका रंग भी गोरा था।

फिर में जाकर उनकी बगल में खड़ा हो गया, वो भी मेरी तरह बस के लिए परेशान थी। फिर में बोला छी यार इस बस ने भी परेशान कर दिया, एक घंटे से खड़ा हूँ और अभी तक बस नहीं आ रही है। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि आपको कहाँ जाना है? तो मैंने कहा कि थाने, तो वो बोली कि मुझे भी थाने जाना है। फिर में उनको बोलकर बस की पूछताछ करने गया। फिर वापस आकर उनकी साईड में खड़ा हो गया। अब हम दोनों में बातचीत चालू हो गयी थी और फिर थोड़ी देर में बस भी आ गयी, अब में उनकी साईड में ही बैठ गया। अब हम दोनों का टिकट मैंने ही लिया, अब सबको लग रहा था कि हम साथ में है, इसलिए किसी ने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। अब टिकट बुकिंग होने के बाद बस की लाईट बंद हो गयी थी और अब मेरा लंड खड़ा हो गया था।

फिर मैंने धीरे-धीरे उनके हाथ को टच किया और हाथ वैसे ही रखा, तो आंटी भी मुझसे थोड़ा चिपक कर बैठ गयी। अभी तो मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था। फिर मैंने आंटी के हाथ पर अपना हाथ रखा तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को सहलाने लगी। मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम रजनी बताया। फिर मैंने मेरा हाथ निकाला और उनके कंधे से होकर उनके बूब्स पर रख दिया और धीरे-धीरे बूब्स दबाने लगा। फिर उन्होंने मेरे कंधे पर अपना सर रख दिया और अपना एक हाथ मेरे लंड पर रखकर उसे सहलाने लगी। जब रात के 11 बजे का टाईम था तो बस में ज़्यादा भीड़ भी नहीं थी। मैंने अपनी पेंट की चैन को खोला तो आंटी मेरा लंड हिलाने लगी। फिर मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए और बूब्स दबाने लगा।

फिर मैंने किसिंग चालू कर दी, तो अब आंटी ने भी मेरा साथ दिया। फिर मैंने एक किस लिया और उनकी जुबान से अपनी जुबान लगाकर चाटने लगा और अपने हाथ से बूब्स भी दबा रहा था। फिर मैंने उनसे सर खिड़की पर और पैर सीट के ऊपर रखने को बोला और उनकी साड़ी ऊपर करके उनकी पेंटी निकालकर उनके हाथ में दी और उनकी चूत में उंगली डाल दी और आराम-आराम से हिलाने लगा। फिर उन्होंने भी मौन करना चालू कर दिया। फिर मैंने उनको बस ध्यान देने को बोला और अपना मुँह चूत के पास ले जाकर धीरे-धीरे चूसना चालू कर दिया। अब उन्हें भी मज़ा आ रहा था और अब चूसते-चूसते उनकी चूत से पानी निकलने लगा था तो वह सब मैंने अपने मुँह में भर लिया और उनको किस करने लगा। फिर मैंने अपने मुँह का पानी उनके मुँह में डालकर उन्हें टेस्ट करवाया। फिर मैंने उनके बूब्स को दबाना चालू कर दिया। अब वो भी मेरा लंड मुँह में लेकर चूस रही थी और अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर ऐसा लगभग 20 मिनट तक चला, अब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उनसे बोला, तो उन्होंने बोला कि कुछ नहीं निकलने दो और 2 मिनट में ही मेरा पानी निकल गया और उन्होंने मेरा पूरा पानी पी लिया।

फिर कुछ ही टाईम के बाद स्टॉप आया और हम बस से उतर गये। अब में घर जाने वाला था तो इतने में आंटी बोली कि मेरे घर चलो, मेरे घर पर मेरी सास अकेली है, में पहले अंदर जाती हूँ और तुम बाहर ही रूको। फिर में थोड़ी देर के बाद वापस आकर दरवाजा खोलती हूँ और तुम अंदर चले आना और ऐसे ही हुआ। फिर वह मुझे अपने बेडरूम में ले गयी और रूम का दरवाजा बंद करके मेरे बगल में आकर बैठी। फिर मैंने उनको बेड पर सुलाया और उनको किस करने लगा, कभी गाल पर, कभी लिप पर। फिर मैंने धीरे-धीरे उनका ब्लाउज निकाला और उनके बूब्स चूसने लगा और एक हाथ उनकी पेंटी में डालकर उंगली करना चालू कर दिया। अब आंटी के मुँह से आअहह हहुउ हूउ आअहह निकलना चालू हो गया था।

फिर मैंने अपने दूसरे हाथ से उनकी साड़ी निकाल दी। फिर में अपना मुँह उनकी चूत पर ले जाकर चूत चाटने लगा और अपनी पूरी जुबान उनकी चूत में डालकर बड़ी ज़ोर से चूसने लगा। अब आंटी पागल होकर बोली ओह माई डियर मेरा पति तो कुछ भी नहीं करता, ओह मेरे बाप की उम्र का है, तुझे जैसा चाहिए वैसा कर आज से में तेरी हो गयी, तुझे जो चाहिए वो दूँगी। अब में बहुत खुश हो गया था। फिर मैंने ज़ोर-ज़ोर से उनकी चूत को चाटना चालू कर दिया। अब उनका पानी निकलने वाला था और उन्होंने बताया भी नहीं और पूरा का पूरा पानी में पी गया। फिर आंटी ने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर उसे चाटना चालू कर दिया। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और अब आंटी ने चूस-चूसकर उसका साईज़ 5 इंच कर दिया था। फिर उन्होंने मेरा लंड उनकी चूत में डालकर मुझसे बोली कि फाड़ डाल इसे। उन्होंने काफ़ी टाईम से सेक्स नहीं किया था तो लंड को अन्दर जाने में तकलीफ़ हो रही थी।

फिर मैंने थोड़ा तेल उनकी चूत में और गांड में डाल दिया और थोड़ा सा मेरे लंड पर भी लगाया और चोदने लगा। फिर धीरे से आधा लंड अंदर डालकर एक ज़ोर का झटका दिया तो वो इतने में ज़ोर से चिल्लाई कि कोई सुन न ले। फिर मैंने धीरे-धीरे करके अंदर बाहर करना चालू कर दिया तो वो हुउऊुऊऊउउउ हाआअआया आआ आराम से डार्लिंग बोलने लगी। अब में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा और वो आआअशजफफ्फ करके चिल्लाने लगी। फिर मैंने करीब 25 मिनट तक उसे चोदा और मेरा निकल गया। फिर मैंने उस पूरी रात में आंटी को तीन बार चोदा ।।

धन्यवाद …

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