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मेरी माँ की चुदाई भाग २

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Meri Maa Ki Chudai Part 2 :

में शिव दयाल जी शांति से खड़े थे एक तरफ मेरी नजर फिर से उनके लंड पर गयी और में उसकी दीवानी हो गयी.एक दम चिकना आगे वाला पार्ट और मोटा मज़ा आ गया ऐसा लंड देख के पर अभी मुझे कुछ और करना था,

में माँ से बोली माँ आपका दिमाग ठिकाने तो हे न आप क्या कर रही हो सोचा भी है आपने, माँ बोली तू जा यहाँ से अभी बाद में बात करते हे इस बारे में. में शीधे दयाल जी को बोली आप सीधे कपडे पहन के के निचे जाओ उन्होंने कपडे पहने माँ बोली तू निचे जा,

माँ ये सही नहीं है प्लीज ये मत करो पर माँ नहीं मणि बोली तू निचे जा चुप चाप, मेरा दिमाग ख़राब होने लगा मैंने माँ को कहा ठीक है जो भ होगा मेरी आँखों के सामने होगा.माँ ने मुझसे कुछ नहीं कहा और शिव दयाल जो को बोली आओ,

खैर में कड़ी रही और शिव दयाल जी अपना अंडरवियर पहने खड़े थे वो बोली सुना नहीं  क्या.शिव दयाल जी बोले बिटिया कड़ी है यहाँ, माँ बोली कड़ी रहने दो में जो कह रही हु उतना करो.

इतने   में शिव दयाल जी अंडरवियर उतर के माँ की चूत के पास खड़े हुए और अपना लंड पे आयल लगाया और माँ की चूत पे लुंड रखा और एक झटके में अन्दरूटर दिया.

जैसे ही लंड अन्दर गया माँ के मुह से आवाज निकली ओह्ह्ह ह्ह्ह्ह  आआअझ्ह्ह ,में ये सब अपनी आँखों से देख रहू थी,लंड जैसे अन्दर गया मुझे अपना टाइम आ गया और दर्द सा फील होने लगा,में कड़ी रही शिव दयाल जी शॉट मरने शुरू कर दिए माँ की आवाजे भी आ रहू थी काफी देर हो गयी थी उन्हें शॉट मरते हुए. दोनो पसीने में भीग गए थे

बहुत देर के बाद शिव दयाल जी अपना लंड बहर निकल के अपना स्पर्म बहार गिरा दिया फिर कपडे एहेन के चले गए उन्होंने मुझसे नज़ारे भी नहीं मिलाई माँ कुछ देर ऐसे ही लेती रही फिर उठी. बाद में मैंने माँ से बात की काफी बहस हुई में काफी टाइम से माँ से बोल रही हु मुझे बिलकुल भी अच नहीं लगा की माँ ने किसी और से सेक्स किया है.


हवस ही हवस

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Hawas Hi Hawas :

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हेल्लो दोस्तों मै आपका दोस्त दीपक हाजिर हूँ एक नयी कहानी लेकर, मै २८ साल का एक नौजवान लड़का हूँ और देहरादून से हूँ और मल्टीमीडिया का जॉब कर रहा हूँ, मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट ५ फूट ७ इंच की है और मेरा लंड ३ इंच मोटा और ७ इंच लम्बा है|

यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

दोस्तों यह कहानी तब की है जब मै २२ साल का था यानी नया नया जवान हुआ था, मुझे चूत और चूत चुदाई के बारे मे कुछ पता नहीं था, मेरा मन हमेशा चूत चोदने के लिए उतावला होता था लेकिन चूत न मिलने की वजह से मै अकेले में जाकर मुठ मार लेता था, एक दिन की बात है मै कॉलेज गया और अपने क्लास की एक लड़की से लेक्चर की कॉपी मांगी, कॉपी खोलते ही मुझे कुछ ऐसा दिखा जिस से मेरी आँखें शर्म से लाल हो गयी, उसमे एक मस्तराम की एडल्ट मैगज़ीन थी|

मै यह देख के एकदम शॉक हो गया और कॉपी बंद करके एकदम चुपचाप बैठा रहा, तभी मेरे दोस्तों से बाहर आने के लिए कहाँ और मै कॉपी वही पर रखकर बाहर चला गया, लेकिन मेरा दिमाग बार बार उस एडल्ट मैगज़ीन के बारे में सोच रहा था, मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो गया था और मै बाथरूम में चला गया और वहां जाकर मैंने मुठ मार ली, उसके बाद मै वापस क्लास में आ गया|

२ लेक्चर होने के बाद कॉलेज की छुटी हो गयी और मै वापस घर आ गया, घर आकर मै लंच करके सो गया और जब वापस उठा तो मेरा ध्यान फिर से उसी एडल्ट मैगज़ीन की तरफ चला गया,  उस वक़्त मै घर पर अकेले था और मेरा लंड भी टाइट हो रहा था, तभी मेरे घर की डोर बेल बजी और मैंने जाकर दरवाजा खोला तो सामने मेरे पड़ोस की लड़की खड़ी थी, उसका नाम संध्या था और हमदोनो सेम ऐज के थे, वो दिखने में गोरी थी और उसका फिगर ३२-२८-३२ था, मैंने उसे अंदर आने को कहा और वो अंदर आकर मेरे साथ बात करने लगी|

हमने कुछ देर इधर उधर की बातें करी और जब उसने मुझे कैरम खेलने के लिए कहा तो मैंने मना कर दिया तो उसने पूछा क्यूँ क्या हुआ?

मेरा मन कर रहा था की मै अपने दिल की बात किसी से ज़रूर शेयर करू और उस टाइम मेरे सामने संध्या बैठी हुई थी, मुझे उससे बताने में डर लग रहा था की अगर उसने ये बात किसी को बता दी तो मेरा क्या हाल होगा, संध्या मुझसे जिद करने लग गयी तो मैंने उसे अपनी कसम देते हुए कहा की जो बात मै तुम्हे बताना जा रहा हूँ यह बात किसी को मत बताना, संध्या बोली ठीक है!

तब मैंने डरते हुए कॉलेज की कॉपी वाली बात उसको बता दी जिसे सुनकर वो भी शर्मा गयी और मै भी…फिर मैंने उस से कहा प्लीज ये बात किसी को मत बताना, संध्या ने कहा ठीक है!

संध्या : मै भी तुम्हे एक बात बतानी चाहती हूँ.

मै : हाँ बताओ..

संध्या : तुम्हे पता है मै और मेरे कजिन अकेले में ममी पापा वाला खेल खेलते है.

मै यह सुनकर शॉक हो गया और मैंने उस से पूछा इसका क्या मतलब होता है तो उसने कहा हम स्टोर में जाकर सेक्स करते है| यह सुनकर तो जैसे मेरे लंड में आग लग गयी और मैंने मन ही मन सोचा शायद अब मेरा काम हो जाये! फिर मैंने संध्या की तरफ देखा जो सेक्सी नजरो से मेरी तरफ देख रही थी, मुझे लगा शायद ये सेक्सी नजरे मुझसे कुछ कहना चाहती है|

अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा था तो मैंने संध्या को अपनी बाहों में भीच लिया और पूछा ‘संध्या जी क्या हम भी ये खेल खेले’?

संध्या : किसी को पता चल गया तो?

मै समझ गया की वो तैयार है लेकिन मेरे सामने थोड़ा शर्मा रही है, इसलिए मैंने उसे बाहों में जकड़ा और उसके ओठों में ओठ डाल कर चूसते हुए बोला ‘संध्या डार्लिंग यह बात किसी को कभी पता नहीं चलेगी’!

संध्या : ठीक है

अब संध्या भी मेरा साथ देने के मूड में आ गयी थी, हमलोगों ने करीब १० मिनट तक चुम्बन किया, अब मेरा सपना सच होने जा रहा था, अब हम दोनों गर्म होने लगे थे और दोनों एक दुसरे की बाहों में प्यार से जकड़े हुए थे, अब संध्या ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और और मुझे धक्का देकर खुद से ही मेरे सारे कपड़े उतार दिए, और मेरे लंड को हाथों से पकड़कर जमीन पर बैठ गयी, यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

अब संध्या ने मेरा मोटा लंड अपने मुहं में लेकर चुसना शुरू कर दिया, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्यूंकि ये मेरे जीवन का पहला सेक्स अनुभव जो था, संध्या मेरा लंड चूसती रही और मै खड़े खड़े मज़ा लेता रहा|

अब मै उसकी चुचियों को धीरे धीरे करके दबाने लगा, पुरे कमरे में आह उह आई उह आह की मोहक आवाजें गूंज रही थी, हम दोनों को इतना मज़ा आ रहा था जैसे हम दोनों जन्नत की सैर पर हो, अब मैंने संध्या के पुरे कपड़े उतार दिए और उसकी चुचियों को हाथों में लेकर मसलने लगा उसके बाद मैंने उसकी गुलाबी निप्प्लेस को अपने मुहं में ले लिया और आहिस्ता आहिस्ता चूसने लगा, आह आह उह….

फिर मैंने उसे पलंग पर लिटा दिया और उसकी चूत पर अपना मुहं का रखकर उसकी चूत को चाटने लगा, उसकी चूत का रस एकदम नमकीन था और हम दोनों मदहोश हो रहे थे, उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से सटा दिया और उसकी झांटों से रगड़ने लगा फिर मैंने एक ही झटके में अपनी लंड का सुपारा उसकी चूत में पेल दिया, संध्या के मुहं से आह निकल गयी….

मैंने कहा संध्या मज़ा आ रहा है न? उसने कहा हाँ बहुत मज़ा आ रहा है बस तुम मेरी चूत का भोसड़ा बना दो यह सुनकर मै बहुत जोश में आ गया और जोर जोर से झटके लगाने लगा, संध्या भी अपनी गांड उठाकर मेरा भरपूर साथ दे रही थी, हमदोनो की चुदाई लगभग १० मिनट चली उसके बाद मै उसकी चूत में ही अपना माल गिरा दिया! लगभग ५ मिनट तक हमलोग वैसे ही लेटे रहे उसके बाद हमदोनो ने एक राउंड और चुदाई करी….

कजिन के साथ मज़ा

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Cousin Ke Sath Maza :

है मेरा नाम सौरव है. यर स्टोरी मेरे कजिन बरखा की है बरखा की उम्र 20 साल है देखने में पूरा सनी लियॉन की तरह है  पड़ोस में रहने वाले सभी लड़के उसको चोदने के लिए तड़पते है और बार उसको याद करके मुठ मरते है,में भी कई बार उसको सोच कर मुठ मरता हु पर उसको कभी चोद नही पाया,

बढती उम्र में वो चुदाई की प्याशी हो गयी थी उसके चुचे बहुत नरम है पूरा कॉटन की तरह गोरा बदन चूत में एक भी बाल नहीं उसकी बड़ा गांड देख कर मेरा हाल पूरा बुरा हो जाता है, वो जब भी चलती थी उसकी गांड मटकती थी उसे देख कर कोई भी पागल हो जायेगा. उसका एक भाई भी था जो अपनी बीवी को हर दिन चोदता था.

बरखा कई बार उसकी चुदाई की आवाज सुन कर कीहोल से देखती थी,और चुप चाप जा कर रूम में ऊँगली करती थी, वो कभी कभी सेक्स स्टोरी पढ़ कर या पोर्न देख कर तड़पती थी, कभी कभी वो बेगान से भी अपनी काम करी थी. उसके घर के पड़ोस में एक लड़का रहता था उसक नाम था साहिल पड़ोस में होने के नाते वो दोनो अछे दोस्त थे, पहले वो दोनो सिर्फ दोस्त थे फिर दोनो ऐसे ही बात करते करते डबल मीनिंग बात करना सुरु करदी,फिर बरखा और वो चुप छुपकर मिलने लगे. दोनो बहुत बार लिप किस कर चुके थे,साहिल कभी कभी उसके बूब्स दबाता था, एक दो बार उसकी चूत भी छठा है,  बरखा ने भी साहिल का लंड चूसा है.

एक दिन दोपहर के वक़्त वो दोनो चाट में मिले, घर पे कोई नहीं था, फिर ऐसे बात करते करते साहिल ने बरखा को अपने तरफ खीच लिया और उसकी कमर पकड़ कर उसकी गर्दन को किस करने लगा, बरखा तो पहले से ही चुदाई की प्यासी थी वो उसके साथ देने लगी, ऐसे ही साहिल ने उअको कुछ देर तक किस करने के बाद फिर साहिल ने उसकी गुलाबी होठ जो चूसने सुरु कर दिए, वो भी साथ दे रही थी. फिर साहिल ने उसकी टॉप्स के ऊपर से उसकी बूब्स को मसलने लगा,बरखा  शिस्करिया ले रही थी, फिर साहिल उसकी टॉप्स को उठा कर ब्रा के ऊपर से ही उसकी चुच्यां दबाने लगा. फिर उसको पीछे घुमा के पीछे से उसकी ब्रा की हुक खोल दिया, तो उसकी बड़े नादे गोर चूचियां आजाद हो कर बहार आ गए, साहिल  उसकी बूब्स को देखते रह गया.

फिर उसने दोनो हाथ से दोनो निप्पल को छेद एः था और उसको किस कर रहा था, बरखा अन्दर ही अन्दर बहुत गरम हो चुकी थी. फिर बरखा ने साहिल का लंड पेंटके ऊपर से ही मसल रही थी,तभी बरखा का भाई ऊपर आ गया और उन दोनो को इस हालत में देख कर चोक गया, बरखा दर गयी और रोने लगी, और बोली कि साहिल उसके साथ जबरदस्ती कर रहा था, फिर अमित जो उसका भाई था साहिल को बहुत मारा, पर बरखा तो अन्दर ही अन्दर तड़प रही थी, उसकी प्यास अभी तक नहीं बुझी थी. ये खबर मेरे पास भी आया एक बार में उनके घर भी आया था तब उनके घर पर कोई नहीं था बरखा एक लम्बा नाइटी पहनी थी,

उसको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, में जान बुझ कर उसके बूब्स और गांड को छु रहा था, उसको जैसे ही पता चला वो बोली तुम मेरे भाई जैसे हो ये सब करना गलत हे, तो मेरा मन उदास हो गया, फिर में बाथरूम जा कर उसको सोच कर मुठ मारा.  बरखा की एक दोस्त थी सुमन उसका एक भाई था रॉकी, जब रॉकी को बरखा और साहिल के बारे में पता चला तो वो  बरखा को चोदने के लिए प्लान बनाया, फिर वो सुमन के फ़ोन से बरखा का नंबर लेकर उसे मेसेज करने लगा, बरखा भी अच रेस्पोंसे दे रहा था, फिर एक दिन रॉकी ने बरखा को प्रोपोस किआ तो बरखा ने भी हा कह दी .

फिर वो दोनो धीरे धीरे सेक्स तक पहुच गए और रॉकी ने उसके साथ बहुत सेक्स किया उसके बाद से वो दोनो रोज सेक्स करते थे .

 

चुदास और हवस भाग १

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Chudas Aur Hawas Part 1 :

में सूरज  गुजरात से. ये बात एक साल पहले की है में रात में सूरत स्टेशन से अपने घर जा रहा था. अचानक एक कार मेरे पास आ कर रुकी उसमे एक आदमी बैठा था.

उसने मुझे पुचा आई माता सर्किल जाना है कैसे जाऊ मैंने उसे रास्ता बता दिया उसने कहा आप कहाँ जाओगे मैंने कहा मॉडल टाउन जो की सर्किल टाउन क्व पास ही है.उसने कहा में ड्राप कर देता हु में कार में बैठ गया उसने मुझसे पूछा आप क्या करते हो मैंने कहा में टेक्सटाइल मार्किट में काम करता हु यु ही बातें करते करते हम आई माता सर्किल पहुच गए.

उन्होंने गाड़ी  एक बंगला  के सामने रोक दी मैंने कहा आपको कहा जाना है यहाँ से उसने कहा में यही रहता हु और सूरत में अभी कुछ दिन पहले ही आया हु फिर उन्होंने कहा आओ काफी पि कर जाना मैंने भी हा कह दिया.उन्होंने दरवाजे पर आ कर बेल बजाई तो एक औरत ने दरवाजा खोला

वो ज्यादा सुन्दर नहीं थी पर ठीक थक थी हम अन्दर चले गए और बहर हॉल में बैठ गए और वो लेडी किचन में काफी बनाने चली गई कुछ देर में वो काफी लेकर आई उसने निघ्त्य पेहें राखी थी.

फिर वो काफी देकर चली गई और हम काफी पिने लगे फिर उन्होंने कहा तुम मेरे वाइफ को खुश कर सकते हो मैंने कहा में कुछ समझा नहीं तो उन्होंने  कहा हम पहले बॉम्बे में रहते थे मेरे साडी के कुछ दिन बाद मेरा एक्सीडेंट हो गया था. तब से में अपनी वाइफ को खुश नहीं कर पता हूँ एक्सीडेंट के बाद से मेरी सेक्स पॉवर ख़तम हो गयी है और ट्रीटमेंट के बाद भी कुछ नहीं हो प् रहा है.

मैंने कहा आपकी  वाइफ रेडी हो जाएगी क्या तो उन्होंने कहा वो तुम मुझ पर छोड़ दो कह कर अन्दर चले गए और कुछ देर बाद वो दोनो बहार ए और बैठ गए वो लेडी मेरे सामने बैठी थी. हम यूँ थोड़ी देर यहाँ वहां की बाते की फिर उसके पति ने कहा चलो बेडरूम में बैठ कर बाते करते है और हम बेडरूम में चले गए कुछ देर में उसके पति ने कहा में दुसरे कमरे में सोने जाता हूँ आप लोग यहाँ रहो और वो चले गए हम कुछ देर यूँ ही बैठे रहे फिर मैंने कहा आपके पति की प्रॉब्लम की वजह से बहुत तकलीफ होती होगी ना.

(TBC)…

चुदास और हवस भाग २

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Chudas Aur Hawas Part 2 :

तो उन्होंने कहा क्या हुआ तुम मेरी तकलीफ दूर करोगे तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बुलाया और कहा क्यूँ नहीं ज़रूर वो मेरे पास आ कर बैठ गयी और मैंने अपना चेहरा के  पास लिया और उसके होठ से होठ लगा दिया और किस करने लगा और मेरे हाथ उसके बूब्स पर रख दिए वो मेरा हाथ पकड़ ली,

मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा वप मेरा पेंट पर से ही मेरा लंड दबाने लगी उसका हाथ लगते ही मेरा लंड अपने रूप में आ गया फिर उसने मेरा लंड पन्त से बहार निकाला. फिर मैंने उसकी ड्रेस  उतारी और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा. फिर उसकी ब्रा के हुक खोल कर उसकी ब्रा भी उतर दी और उसके बूब्स चुने लगा वो मेरा लंड हिला रही थी फिर वो झुक कर मेरा लंड चूसने लगी.

और में एक हाथ से उसके बूब्स दबाता रहा और फिर मैंने उसे बेड पर लेता दिया और फिर उसके पास लेट कर उसके बूब्स चुने लगा और एक हाथ को उसकी चूत पर ले गया और उसकीं पेंटी की ऊपर से ही उसकी चूत रब करने लगा,उसकी चूत गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उसके पुरे बॉडी को चूमना उरु कर दिया, और उसकी पेंटी उतर दी और उसका चूत चाटने लगा वो सिहर गयी,

कुछ देर बाद में उसके ऊपर गया और उसकी चूत में लंड डेन लगा उसकी चूत बहुत टाइट थी लंड अन्दर नहीं जा रहा था मैंने वापस उसकी चूत चाटी और उसे पूरा गिला कर दिया.फिर में ऊपर आ गया और एक जोरदर झटका मारा तो  आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो थोडा सिसक गई और में धीरे धीरे उसे छोड़ने लगा और फिर धीरे धीरे स्पीड बधाई और वो चिला रही थी आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह,

फिर मैंने डोगग्य स्टाइल में किया और पीछे से लंड उसकी चूत में डाला और चोदने लगा वो भी अपनी गांड हिला हिला कर चुदवा रही थी और कह रही थी की और करो और करो थोड़ी देर ऐसे छोड़ने के बाद में लेट गया और मेरे ऊपर आकार बैठ गयी और मेरा लंड अपनी चूत में लेकर जम्प करने लगी और में उसके बूब्स दबाता रहा.फिर में भी बैठ गया और उसे गोद में बिठा कर छोड़ने लगा वो अपनी कमर हिला हिला कर चुदवा रही थी फिर मैंने उसे वापस लेटाया और उसकी चूत में लंड दल दिया और झटका मारने लगा.

वो भी कमर हिला हिला कर चुदवा रही थी और फिर जोर से मुझे अपनी बाहों में जकड लिया और फिर झड गयी और फिर मेरा भी निकलने वाला था तो उसने कहा अन्दर ही निकालो फिर में भी झड गया और जब में जाने लगा तो उसने मुझे कुछ पैसे दिए और कहा मुझे इतना प्यार देने के लिए थैंक्स और उसने मुझसे मेरा नंबर लिया और मुझे बाद में भी बुलाया कई बार

देवर के साथ चुदाई

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Devar Ke Sath Chudai :

मेरा नाम बबिता है में बुश्वल की रहने वाली हु,मेरे साडी को आठ साल हो गये है में अपने पति से खुश थी मेरे ब्रा का साइज़ 32 है, मेरे पति के कजिन ने एक बार हमे अपने सहर रहने बुलाया मेरे पति दुकान के कारन नहीं जा पाए पर में उनके सहर चली गयी मुझे स्टेशन पर लेने के लिए मेरे देवर आये जिका नाम राज है में उनके साथ चली गयी में जब उनके साथ बीके पे बैठी तो वो बोले की भाभी मुझे पकड़ लेना नहीं तो आप गिर जाएँगी मैंने

उन्हें कास कर पकड़ कर बैठ गयी मेरे बूब्स उनके पीठ पर पूरी तरह से दब रहे थे रस्ते में जितने बार उसने ब्रेक मारा मेरी चुचिया उसकी पीठ से टकरा रही थी हम घर पहुच गये घर पर सब के साथ टाइम कैसे कट गया पता ही नहीं चला तिन दिन बाद राज मुझे घर छोड़ने के लिए आये हम वापस ट्रेन से आये ट्रेन में भीड़ बहुत थी जिसके वजह से हम चिपक कर बैठे थे , उसके हाथ बार बार मेरे बूब्स पर पड़  रहे थे, और जब हम स्टेशन पहुच गए तो भीड़ बहुत होने के कारन मेरे पीछे राज खड़े हो गए थे मेरा गांड बार बार उसके लंड से टकरा रहा था.

हम घर पर आ गए घर पर आ कर पता चला की मेरे ससुर की तबियत ख़राब है इस लिए मेरे पति और सास  ससुर को लेकर डेल्ही चले गए थे तो में घर पर अकेली थी तो इस लिए मेरे देवर को मेरे साथ रुकना पड़ा. अब में बहुत खुश थी अब में ये लंड का मजा लेने वाली थी रत में मैंने अपने बचो को खाना खिला के जल्दी सुला दिया राज आगे के कमरे में टीवी देखता हुआ सो गया में उसके बगल में लेट गयी उसके पेंट में लंड का उबार देख कर मेरा भी मनन मचलने लगा मैंने में उसके लंड को ऊपर से ही मसलने लगी मैंने ज़िप खोल के चड्डी में से लंड को निकल कर हाथ में ले लिया लंड को देख कर मेरे मुह में लिया,

मेरे चूत से पानी निकलने लगा इतने में राज जग गया उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और कहने लगा की क्या कर रही हो आप मेरी भाभी हो छोड़ो इसे, मैंने उसे कहा नहीं आज से में तुम्हारी बीवी हु अगर मर्द हो दो मुझे जितना चाहे उतना चोदो राज ने मन किया तो मैंने अपना होठ उसके होठ में रख दिया. और उसे चूसने लगी राज भी मनन गया फिर मैंने उसके लंड को चूस कर खड़ा किया और मैंने अपने सरे कपडे उतर दिए और बिस्तर पर लेट गयी राज मेरे बूब्स को हाथ में लेकर दबाने लगा मेरे बूब्स में से दूध निकलने लगे राज मेरे दूध को पि गया

उसके बाद वो अपनी उंगली को मेरे चूत में डालकर अन्दर बहार करने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था उसके बाद राज अपने लंड को लेकर मेरे चूत में रगड़ने लगा राज ने जैसे ही अपना लंड मेरे चूत में डाला में चीखने लगी जैसे की कोई कुवारी पहली बार सेक्स के टाइम चीखती है में रोने लगी तो राज ने मुझे किस किया और अपना पूरा लंड एक झटके में अन्दर दल दिया लंड मेरे गर्व्हाश्य को छु रहा था कुछ देर बाद में रिलैक्स फील करने लगी तब राज ने झटके मरने सुरु कर दिए कुछ देर बाद राज के लंड से पानी बहार आ रहा था फी मैंने उसका पानी भी पि लिया और हम दोनो वही सो गए.

अनोखी चुदाई भाग १

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Anokhi Chudai Part 1 :

है दोस्तों मेरा नाम पंकज है मेरा उम्र अब 40 साल है. मेरी साडी हो व्हुकी है और मेरे दो छोटे छोटे बच्चे है, ये बात तब की है जब नया नया जवान था सायद जवानी चडी  थी

एक दिन मुझे शादी पर अपना मामा जी के साथ जाने का मौका मिला जो की नैनीताल गाँव में था. वह कुछ लोग पहले से ही पहुच चुके थे फिर हमने बेल गाड़ी  का सफ़र किया जिसकी सवारी मैंने भी अपनी लाइफ में पहली बार की थी बैल गाड़ी गाँव की  अटली गलियों और उबार खबर रास्तो में से निकली हुई जा रही थी और समय भी ठंडी का था मुझे वह बैठे करीब आधा घंटा हो गया ठण्ड की वजह  से बदन दर्द करने लग.

इसलिए मैंने साथ बैठी सवारी को थोडा आगे होने बोला पर उसने न तो कोई जवाब दिया और न आगे की और खिसकी. में भी ठण्ड में ऐसे और नहीं बैठ सकता था इसलिए वह अपने लिए कुछ जगह बनाने के लिए आगे को हुआ तभी मुझे पीछे से पेरो पर कोमल हाथो के लगने का एहसास हुआ

मुझे किसी लड़की का हाथ लगा जो मेरे पैर को हल्का महसूस हुआ जो मुझेअच्छा लग रहा था पर डर भी बहुत लग रहा था क्यों की गाँव की सवारिता भी साथ थी अगर कोई देख लेगा तो समत आई समझो.

पर हा रात के घनघोर में कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था और मैंने भी उस रात का फायदा उठाया फिर उस लड़की ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया और हाथ पकड़ कर हिलाने की कोसिस की तभी उसने लालटेन ले कर चल रहे आदमी को आवाज दिया

जिससे मुझे लगा की में तो आज गया और पासा पलट कर लेटने लगा तभी मेरा हाथ उसके हाथ में होने की वजह से उसने चूम लिया इतने में वो आया और बोला- क्या हुआ ?

जैसे ही वो लालटेन वाला आया मैंने उसकी तरफ कमर कर के सोने का नाटक किया क्यों की मुझे डर लग रहा था की कही ये लड़की मुझे पिटवा  न दे उस आदमी ने लालटेन को उठा कर गाडी में लेती सवारियों को देखा और रात का फायदा उठाते हुए उसे बोला जरा आगे की और खिसक जा में भी आ जाता हु और साथ में चादर लपेट कर सो जाते है क्यों की सर्दियों में बैल भी बहुत धीरे धीरे चलता है

(TBC)…

अनोखी चुदाई भाग २

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Anokhi Chudai Part 2 :

वो लड़की बोली हा तू भी आ मुझसे लिपट कर मुझे चूस ले.कुछ देर तो सबर कर ले. फिर वो ऐसे ही बाते करते रहे जिसे में भी सुनता रहा, उनकी ऐसे बाते सुन कर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और तभी वो लड़की मेरे पास आ कर मेरे पेंट में हाथ दल कर लंड को पकड़ कर मसलने लगी.

जब मैंने उसको ऐसा करते देखा तो मुझसे भी नहीं रहा गया और मैंने भी उसको कस कर जकड लिया और उसको अपने ऊपर ले लिया उसके बूब्स मेरी छाती पर लग रही थी और उसकी गरम सांसे मेरे कानो में आ रही थी उसका बच्च अजो की छोटा था

उसको भूक लग रही थी इसलिए वो मेरे ऊपर से उठी और अपने बच्चो को गोद में ले कर अपनी कमीज ऊपर कर के दूध पिलाने लगी में उसके चिकने बूब्स देखता ही रह गया और अब मेरा जीभ भी उसका दूध पिने का इन्तेजार करने लगी.

थोड़ी देर बाद उसके बच्चे ने दूध पि लिया और वो सो गया फिर उसने अपने  बचे को साइड में मेटा दिया और खुद मेरे पास आ कर लेट गयी और मेरे कान में बोली की तुम दरो मत गाँव के लोग बहुत जल्दी सो जाते है. उसने इतना कहा ही था की फिर मेरे मुह के पास अपने होठ ले आई औए मेरे होठो में अपने होठ डाल कर चूसने लगी और लगातार चुस्ती ही गयी,

ये सब मुझे बहुत अच लग रहा था और में भी नज़ारे लेने लगा. फिर वो अपना कमीज ऊपर कर बूब्स बहर निकल कर मेरे मुह में अपना एक बूब्स डाल दिया जिसे मैं चूसने लगा, वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी जिससे मेरे शारीर में अजीब सा करंट उठा और में भी उस करंट में मदहोश हो गया

मुझे ऐसा लग रहा था की में पता नहीं खा हूँ बस मदहोश होता चला गया और मुझे ये भी नहीं पता था की आगे करू तो क्या करू. फिर वो मेरे लंड को मुह में डाल कर चूसने लगी और मेरे मुह को अपनी चूत पर रखवा कर चटवाने लगी,

मुझे इतना कुछ आता नहीं हा फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डाला और पूरा अन्दर घुआ दिया ऐसा लग रहा था की वो पहले भी कई बार सेक्स कर चुकी है उसके मुह से आवाज तक नहीं निकल रही थी फिर में झड गया और अपना पानी उसके मुह में दाल दिया वो मेरे लंड को साफ़ करने लगी और हम दोनो वही सो गए,


दीदी की वासना भाग १

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Didi Ki Vaasna Part 1 :

नमस्कार मेरा नाम राहुल है और में सिंपल सा दिखने वाला लड़का हूँ और में पंजाब में रहता हु, तो कुछ मेरी दीदी के बारे में बताता हु वो मेरे से सात साल बड़ी है. उनके बूब्स और गांड बहुत टाइट है

उनका बात करने का तरीका काफी फ्रेंडली है लड़के उनको उठा के अपने लंड पर बिठाना चाहते है मेरी दीदी की गांड देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो जाता है बात सात महीने पहले की है जब मेरे माँ डैड ने घर शिफ्ट किया था और एक ऐसी लोकेलिटी में घर लिया जहा गुंडे बहुत है हमे पता नहीं था की वो लड़के गुंडे  है.

ऊपर से मेरी बहन की ड्रेसिंग बहुत छोटे कपडे डालने वालो में से थी के उन्हें देख कर किसी का भी खड़ा हो जाये उन लडको ने कई बार काफी लडकियो की चुदाई की थी. हमे तब उनके बारे में कुछ पता नहीं था और मैंने उनसे दोस्ती करली मेरी बेहें जब मिनी स्कर्ट पेहें के गली में मेरे साथ खेलती तो सबकी नजर उनकी गांड पर रहती या उनके बूब्स पर,

मोहल्ले के सरे लड़के उनकी चुदाई करना चाहते थे. उसके साथ सोना चाहते थे और में भी उनके हुसन का दीवाना था, वो लड़के मेरे दोस्त थे उनके ग्रुप का लीडर प्रीत था जो दिखने में ठीक ठाक था.

प्रीत मेरे घर पर आता जाता रहता था मेरे और मेरे दीदी से उसकी अची दोस्ती हो गयी और वो हमारे साथ खेलती भी थी. मुझे किसी ने बताया के प्रीत से दोस्ती कम रखो  वो अच लड़का नही है क्यों की उसने  काफी लडकियो को फसाया है और उनकी चुदाई भी की है.

ये सुनते ही मैं हैरान हो गया और दीदी के पास गया और बोला की प्रीत बुरा लड़का है और वो हम जैसो के लायक नहीं है दीदी कहते ठीक है में उसे नहीं आने दूंगी, तू भी मत बुलाना मैंने कहा ठीक है मेरी दीदी पर उसे थोडा थोडा बुलाती थी पर कभी कभी तो मेरी दीदी और गली में खेलते हुए तक नजर आते थे.

(TBC)…

दीदी की वासना भाग २

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Didi Ki Vaasna Part 2 :

मेरे बहन की आदत भी उसके साथ रहने से ख़राब हो गयी थी कुछ लड़के मेरी दीदी के चुपके से गांड की फोटो भी खीच लेते थे . प्रीत मेरी दीदी के साथ काफी क्लोज हो चूका था

और एक हफ्ते बाद मुझे मेरी दीदी का फ़ोन हाथ आगा और उस में कांटेक्ट लिस्ट में प्रीत का नाम सबसे ऊपर था और मेसेज में मैंने देखा की मेरी दीदी ने उसे पर्पस किया है और उसने एस भी किया,

फिर उसके अगले दिन माँ डैड को किसी काम से दिल्ली जाना पड़ा और में मेरी दीदी घर पर अकेले थे दीदी ने बहाने से मुझे बहार भेजने की कोसिस की और बोली की एक नयी मूवी लगी है जा देख कर आ में चुप चाप घर से पैसे लेकर बहार निकल गया और पीछे वाले गेट से अन्दर आके ऊपर वाले रूम के लाकर में छुप  गया.

कुछ देर बाद मैंने देखा मेरी और प्रीत की फ़ोन पे बात हो रही है दीद ने उसे कहा एक नयी मूवी की डीवीडी आई है आ जाओ देखते है वो तुरंत आ गया और उसने ऊपर आ कर रूम लॉक कर दिया मैंने लोकर थोडा सा खोला हुआ था और मैंने देखा की वो दीदी के साथ बैठा है, फिल्म के बहाने वो मेरी बेहें के झांग पर हाथ रखा और उन्हें गरम कर दिया.

मेरी बेहें ने आँखे बंद की और आवाज निकलने लगी  और उस दिन मुझे यकीं हुआ की जो भी मैंने उन लडको के बारे में सुना था वो सब कुछ सच है मेरी बेहें ने गंजी उतर दी और सिर्फ ब्रा ही पहनी थी प्रीत ने ब्रा खल दिया और बूब्स को चाटने लगा. मेरी बेहें ने प्रीत की जिप खोली और उसने 9 इंच का लंड निकल दिया मेरे बेहें ने लंड को होठो में पकड़ा और हिलाने लगी,

प्रीत ने मेरे बहन की कछी उतर दी और अपने भी सरे कपडे उतर दिए फिर प्रीत ने मेरी दीदी को बेड पर लेटाया प्रीत बेड पर लेट गया और अपने बड़े से लंड पे दीदी को बैठा लिया पहले आराम से ढके मरने लगा फिर वो तेज़  हुआ और दीदी तो जैसे रो ही पड़ी उनकी चीखे में क्या दम था जब उसने अपना लंड दीदी के चूत से बहार निकला तो छत लाल  हो गयी थी

फिर उसने दीदी के गांड में ओना लंड दाल दिया और दीदी की गांड मारने लगा, उसने फिर दीदी की टांगे उठा ली और अपने कंधो पर रख ली और उसे चोदने लगा ऐसा लग रहा था वो उनका गांड फाड़ देगा दीदी जोर से चिल्ला रही थी बस बस आह्ह्हह्ह  आह्ह्हह्ह.

फिर प्रीत ने मेरे बहन को सीधा लेता दिया और उसका पानी दीदी के पुरे बॉडी पर छिड़क दिया और उनकी फोटो ले ली, आज भी वो तस्वीर वायरल है में तो प्जोतो देख कर मुठ मार  लेता हु पर दीदी तो आज भी उससे गांड मरवाती है.

तीन पत्ती वाली लड़की की चुदाई भाग १

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Teen Patti Wali Ladki Ki Chudai Part 1 :

है  दोस्तों में रणबीर हु, में गुजरात का रहने वाला हु एक दिन में गेम खेल रहा था तो अचानक क लड़की का मेसेज आया और मैंने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट भी किया कुछ देर में गेम खेलता रहा और फिर मैंने उसे मेसेज भी किया और उसका रिप्लाई भी आया, कुछ टाइम मैंने उस से इधर उधर की बातें की फिर मैंने उससे  उसका फ़ोन नंबर माँगा पहले तो कुछ नखरे किये फिर मेरे मांगने पर उसने अपना नंबर दे दिया, मैंने उसे कुछ देर बाद फ़ोन किया क्यों की उसे ऐसा न लगे की ये लड़का ठरकी है नंबर मिलते ही फ़ोन कर लिया , मैंने साम को उसे फ़ोन किया,

में- हेल्लो, क्या में मिस बिपासा से बात कर सकता हु.

बिपाशा- हाँ जी आप कौन ?

पहले तो उसने मुझे पहचाना नहीं पर उसकी आवाज बहुत सेक्सी थी

में- अरे बिपाशा यार में अभी आप से तीन पति पर बात की थी न आपने मुझे अपना नंबर दिया था.

बिपासा- हा हा याद आया सॉरी रणबीर में भूल गयी थी.

में- चलो कोई बात नहीं शुकर है आप को याद तो आया वैसे आप कैसे हो..?

बिपाशा- अच्छा  जी मैं ठीक हु आप का क्या हो रहा है.

में- बस वो ही रोज रोज के काम आप सुनाओ आप का क्या चल रहा है..?

बिपाशा= मेरा भी आपके तरह ही चल रहा है.

ऐसे ही कुछ दिन निकल गए और हम आपस में बातें करने लग गए बातें बातें करते करते मुझे पता चला की वो मेरे गाँव के पास में ही रहती है. इसी तरह हम रोज घंटो बातें करने लग गए अब हमारी अछे से जान पहचान हो गयी थी मुझे उसका सारा कुछ पता अब हम आपस में अछे दोस्त बन गए थे फिर एक दिन मैंने हिम्मत कर के सेक्स की बात की और उसने भी मेरा साथ दिया और अब में उससे सेक्स की बातें करने लग गया और उससे सेक्स के बारे में उसकी सोच जाने लग गया.

उसने मुझे बताया की रणबीर मैंने अभी तक सेक्स नही किया है और मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता पर मेरा मन कभी कभी करने का होता है पर मेरा कोई बॉय फ्रेंड नही है इस लिए में कुछ नही कर सकती.

ये सुन कर मेरे दिल में ख़ुशी के लडू फूटने लगे ये मुझे इसकी कुवारी चूत फाड़ने का मौका था, अब उसने मुझसे पूछा.

बिपाशा- अब तुम बताओ रणबीर तुमने कभी सेक्स किया है या नही देखो सच सच बताना मुझे झूट पसंद नहीं.

में- नही बिपाशा में चाहता तो हूँ पर अभी तक कोई ऐसी लड़की नही मिली जिस से में सेक्स करू.

बिपाशा- अच्छा जी.

चलो अब में तुम से बाद में बात करता हु ये कह कर उसने फ़ोन रख दिया,में अब इतना तो समाज गया था की ये अब मुझसे ही चुद्वायेगी में अब उसके फ़ोन का वेट करने लग गया कुछ दिन तक मैंने इंतज़ार किया पर उसका फ़ोन नही आया.

अगले दिन सुबह ही बिपाशा का फ़ोन आया मैंने उससे बात की जिस से मुझे पता चला की वो आज बहुत उदास सी लग रही थी मैंने पूछा कुआ हुआ क्या बात है.?

बिपाशा- कुछ नही ऐसे ही यार..

में- बताओ न यार में तुम्हारा दोस्त हु न मुझे नही बताओगी तोह तुम किसे बताओगी.

बिपाशा- रणबीर में क्या तुमसे कुछ पुच सकती हु.

में- हा हा यार पुचो क्या पूछना है..?

बिपाशा- रणबीर क्या तुम मुझसे प्यार करते हो..?

में- क्या ये तुम मुझसे क्या पुच रही हो.

बिपाशा – यार सच सच बताओ प्लीज..

अब मेरे मन में ख़ुशी के लडू फूटने लगे में तोह वैसे ही उसे चोदना चाहता था इस लिए मैंने उसे हाँ में जवाब दिया.

में- हाँ बिपाशा आई  लव यू यार में भी तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ पैर मैंने कभी कभी तुम्हे बताया नहीं.

बिपाशा- क्यूँ नही बताया..?

में- में डरता था की कही तुम न कर दो और हमारी दोस्ती भी ख़तम न हो जाये.इस लिए मैंने तुम्हे नही बताया.

बिपाशा- यार हद हो गयी ये सोच कर  में तुम्हे नही बताती थी की कहीं तुम बुरा न मान जाओ.

में- चलो यार अब डरने वाली बात नही है आज से हम एक हो गए है आई लव यू .

बिपाशा- आई लव यू तू सही कह रहे हो तुम आज से तुम मेरे रजा और म तुम्हारी रानी.

अब मेरे ख़ुशी का ठिकाना नहीं था में सच में बहुत खुसथा. अब मेरे मन में बिपाशा को छोड़ने का प्लान चल रहा था.अब हम फ़ोन सेक्स करने लग गयेपर कुछ टाइम बाद भी मजा आना बंद हो गया तो हमने मिलने का सोचा, बिपाशा मेरे गाँव से जयादा दूर नही थी इस लिए वो भी आसानी से मान गयी हमने मिलने का दिन भी फिक्स कर लिया यजा मैंने बिपाशा को सब कुछ समझा दिया था की में तुम्हे वह से पिचक करूँगा तो तुम रेडी रहना बस.

आखिर कार वो दिन आ ही गया जिसका मुझे इन्तेजार था आज में बिपाशा की चुदाई करूँगा इस लिए सुबह ही में उठ गया और नहा कर कपडे डाले परफ्यूम लगाया अपने आप को अछे से रेडी कर के उससे मिलने चल दिया जैसा की  मैंने कहा  था की बिपाशा मुझे 9 बजे मिली.

उसकी आँखे नशीली, होंठ गुलाबी और गोरा बदन मनो कोई परी हो,उसके बूब्स जैसे मनो किसी ने बलून में हवा भर दी हो,कुछ देर बाद बस आ गयी में भीड़ होने की वजह से हम दोनो खड़े रहे वो मेरे सामने थी तो उसके ऊपर से मेरी नजर हट ही नही रही थी, उसने ब्लू कलर की जीन्स और पिंक कलर की टॉप दल्ली हुई थी. वो जीन्स और टॉप में क़यामत लग रही थी उसकी टाइट जीन्स के वजह से मेरा धयान उसके गांड में पद रहा था और उसके बूब्स को देख रहा था जो की उसकी टॉप से साफ़ दिख रहा  था

(TBC)…

 

तीन पत्ती वाली लड़की की चुदाई भाग २

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Teen Patti Wali Ladki Ki Chudai Part 2 :

अब हम बस से उतर गए और अपनी बाइक पर स्वर हो कर निकल गए. बिपाशा ने मुझे पीछे से जोर किस की और अब मेरे जांघो पर अपना हाथ रख किया उसके हाथ लगने से मेरे शर्रेर में कम्पन सी उठ गयी. अब हम सिनेमा हॉल पहुच गये मैंने अपनी बाइक पार्किंग एरिया में रोकी और हम सिनेमा हॉल मूवी देखने आ गये.हमने मूवी टिकट्स लिए और खड़े हो रहे मूवी स्टार्ट होने में अभी टाइम था फिर हम हल में चले गए. और हम दोनो एक कोने में जा कर बैठ गए.

अब जैसे ही मूवी स्टार्ट हुई हल्ल की लाइट्स बंद हो गयी और हॉल में पूरा अँधेरा हो गया.अब मैंने धीरे से उसके बदन पर हाथ रखा तो वो कांप उठी अब मैंने उसके हाथ में अपना हाथ रखा और उसके पास हो कर उसकी गर्दन पर किस करने लगा और अब धीरे से अपना हाथ उसके बूब्स पर ले गया और बूब्स को अपने हाथो में लेकर दबाने लग गया.

अब में अपना हाथ उसकी टॉप के अन्दर डाल कर उसके बूब्स पर ले गया और बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा अब बिपाशा भी मजे ले रही थी और फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रखा तो उसकी सांसे बढ़ गयी, फिर मूवी ख़तम हो गयी और हम दोनो वह से चले गए और फिर मुझे घर से कॉल आया की सब कही बहार जा रहे हे तो मुझा ऐसा लगा की आज तो किस्मत जैसे मेरे साथ है मैंने बिपाशा को बताया और अपने घर लर गया फिर हम दोनो घर पहुच गये और अन्दर रूम में जा कर गेट लॉक कर दिया. फिर मैंने जल्दी से उसकी कपडे उतारे और अपने भी और अपना लंड को उसके मुह में दे दिया.

उसने मेरे लंड को पूरा खड़ा का दिया अमिने भी उसकी चूत चाटी और कुछ देर बाद मैंने लंड को उसके चूत में डाला और सहलाने लगा फिर मैंने एक जोर दर झटका मारा और पूरा एंड उसके चूत में दल दिया वो चिल्लाने लगी और बोली बहार निल्कालो इसे वरना में मर जाउंगी मैंने लंड बहार नहीं निकाला और छोटा रहा कुछ देर बाद मैंने उसे उल्टा लेता कर उसके चूत के निचे तकिया रख कर उसके गांड में अपना लंड दल दिया और चोदने  लगा और कास कास के अन्दर बहार करने लगा .

कुछ देर बाद मेरे लंड से पानी आ गया और मैंने वो पानी उसके मुह में डाल  दिया

और में उसे जब मौका मिलता था बहुत चोदता था.

 

नौकरानी के साथ सेक्स भाग १

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Naukrani Ke Sath Sex Part 1 :

आज में आपको अपनी सच्ची सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हु. में कॉलेज में पड़ता हु. मैंने रहने के लिए रूम लिया था और नयी नौकरानी रखी  थी जिसका नाम रूपा है

रूपा 22-23 साल की खूबसूरत शादी शुदा लड़की है. उसका रंग गोरा है वो दिखने में पठाका  है. में उसको देख कर सोचता रहता था की इसका पति कितना किस्मत वाला है जिसे इतनी मस्त पटाखा लड़की मिली है, इसे तो वो डेली  चोदता होगा और इधर मेरी जवानी उसको देखने पर मूठ मर लेती है.

उसका फिगर तो लाजवाब है और उसके बूब्स तो मानो दबाने वाली बॉल हो.वो सारी पेहेंती थी और उसके बूब्स उसके ब्लाउज में इ खिसक कर बाहर आ जाते थे वो अपने पालू से अपनी छाती को ढकती थी और उसके बूब्स उसके ब्लाउज में भी उछलते रहते, और झाड़ू मरते हुए जब वो निचे की और झुकती तो उसके बूब्स के बिच की दरार साफ़ दिखती थी.

एक बार मैंने उसको झाड़ू मरते वक़्त देखा तो मेरी नज़ारे उसके बूब्स पर जा रही गिरी और उसके बूब्स को उछालते हुए देखने लग गयी, तब मैंने देखा की उसने तो आज ब्रा भी नही डाली थी.

मेरा दिमाग उसके बूब्स देख कर ही नहीं बल्कि उसके मोटे गोल गोल चुतड देख कर भी ख़राब हो जाता. जब वो ठुमके मर मर कर चलती तो उसके चुतड हिलते हुए कहते हो की आओ मुझे दबाव,और जब वो सिल्क की सारी लगा कर अपने हाथ को चूत पर रख कर साड़ी को पकडती तो मेरा माँ करता की काश उसके हत्थ की जगह मेरा हाथ हो और मैं उसकी गरम चूत को छु पता.

ये सब देख कर मेरा लंड उसकी गरम चूत को फाड़ने के लिए तदप उठता. रूपा तो मेरी तरफ देखती भी नहीं थी और अपना काम करती थी और कमर लचका के  चलती थी, उसको इस बात की खबर नही थी की मेरी नजर उसकी चूत पर है. उसको अपने करीब लेन के लिए उससे बाते करनी शुरू कर दी.

एक दिन मैंने उससे एक कप टिया बनाने को कहा और वो जब अपने कोमल कोमल हाथो से मुझे टिया पकड़ने ई तो मेरा हाथ उसके से लगते ही पागल हो गया और मेरे पुरे बदन में बिजली सी कांप उठी और मेरे लंड तो  जैसे बहार आने को हो गया,

मैंने चाय पि तो मेरी जीब पे उसके हाथ की बनी चाय का सवाद चढ़ गया और कहा-तुम बहुत अची चाय बनाती  हो

रूपा- थैंक यू  जनाब.

अब में उससे डेली चाय बनवाता और थोड़ी बाते भी कर लिया करता.एक दिन मुझे बहार जाना था तो उससे अपनी शर्ट भी प्रेस करवाई. और उसकी तारीफ कर डाली. रिप को अपना बनाने के लिए उसके बारे में पूछने लग गया और बातो ही बातो में पता चला की उसका पति तो शराबी है. नशे में धुत होकर घर आता है और छोड़ने की बजाये सो जाता है.

में मन ही मन में बोलने लग गया की साला जिसको इतनी प्यारी चूत मिली उसको लोई परवाह नही और जिस के पास ऐसी चूत नही वो मुठ मार कर काम चला रहा है . धीरे धीरे हम बातो में करीब आ गए,तब मैंने उससे पुचा-क्या तुम्हारा पति पागल है ?जिसके पास इतनी खुबसूरत लड़की हो उससे शराब की क्या जरुरत है.

(TBC)…

नौकरानी के साथ सेक्स भाग २

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Naukrani Ke Sath Sex Part 2 :

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अब मैं उसको छोड़ने के लिए मौके की तलाश में बता और एक दिन रब कि दुआ से वो दिन ही गया, एक दिन ऐसा आ ही गया उस दिन रविवार था और मालिक की पूरी फॅमिली शादी में गयी हुई थी. मेरा मन उसको छोड़ने के लिए बेक़रार था.

मन ही मन मेरा दिल भी मानता था की उसके अन्दर भी चुदवाने की आग लगी हुई है. तभी वो आई  दरवाजा बंद कर ऊपर से कुण्डी लगा दी,अब वो काम करने लग गयी और इस्सी बीच मैंने डेली की तरह एक कप चाय बनाने को कहा और पीते  हुए उसकी तरफ कर दी. और आज उसको छोड़ने की थान ही ली. मैंने  उससे बातो बातो में उसके बच्चे के बारे में पुचा तो रूपा हस्ते हुए बोली-  शराब की नशे में क्या बचे होंगे.में समाज गया की उसकी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया है. अब मै अपने रूम में सरे कपडे उतर कर बेड [आर लेट गया और आवाज लगायी, रूपा मेरे कमरे में जैसे ही  आई मेरा लंड उससे  देखते ही खड़ा हो गया और वो भी मुझे नंगा देख कर शर्मा गयी.

मैं- आओ मेरी जान. ये तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा है.

वो मेरे पास आई और लंड को अपने हाथो में पकड़ कर थूक लगा कर ऊपर निचे सहलाने लग गयी.

मैं- आज जब तक कोई नही आता मेरे लंड का मजा लो.

यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

मैंने धीरे धीरे उसके सरे कपडे उतर दिए और उसे पूरा नंगी कर दिया. अब वो मेरे सामने एक दुम पापड़ जैसे लग रही थी, उसके बूब्स तो मानो जैसे तुबेलिघ्त हो और उसकी चूत जैसे की गुलाब. अब वो मेरे ऊपर आ कर अपनी चूत को मेरे लंड पर सेट कर के बेथ गयी और मेरा लंड उसकी गरम चूत में अन्दर तक उतर गया और जोर जोर से ऊपर निचे होने लगा. रूपा भी गांड उठा उठा कर मेरे लंड को अन्दर बहार कर रही थी हमे बहुत मजा आ रहा था और वो खुद को बुरी तरह चुदवा रही थी. में बातो में उसे कहने लग गया की तू तो मस्त रंडी है रे पता नहीं तेरा पति तुझे क्यों नहीं चोदता.

रूपा- एक आप ही हो जो मुझे समाज सकते हो. आप जब भी जैसे भी मुझे बुलाओगे में आ जाया करुँगी.

में उसको चोदता रहा और वो मजे लेती रही तभी मेरे लंड ने इशारा कर दिया और में उसे जोर जोर  से छोड़ने लगा वो समाज गयी और एक दम से उठ कर मेरा लंड आपने मुह में ले लिया और मेरा सारा माल उसके मुह में उतर गया और वो झट से पि गयी.

में थक चूका था पर उसकी चुदने की प्यास अभी भी बाकि थी. मैंने उसे पनी बहो में ले लिया और खा आज के लिए इतना ही बाकि कल करेंगे. अब में उठा और वॉलेट में से 500 रूपए निकल कर उसे दे दिए.

वो बहुत खुश हुई .

 

गर्लफ्रेंड की नरम चूत

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Girlfriend Ki Naram Choot :

है आई ऍम अर्श 29 साल का हु, मेरी गर्लफ्रेंड का नाम अंशु है  वो बहुत खुबसूरत है, बॉडी साइज़ एक दम परफेक्ट शेप में हे, वो मेरे  से कुछ दुरी पे ही रहती है.

उसके घर पे वो और उसके पेरेंट्स रहते है हमलोग अक्सर चुदाई करते थे कभी उसके घर कभी होटल में,कभी कभी किसी इन्टरनेट कैफ़े में जा कर चूमा छाती भी केर लेते थे, एक बार हम लोगो ने कही घुमने का प्लान बनाया, हम लोग आगरा गये, वहा होटल में रूम लिया फिर हम लोग घुमने चले गये.

शाम को वापस आये और जैसे ही गेट  लॉक कियाहुम लोग किस कार्नर लगे और पता भी नही चला कब हूँ लोग उन्ड्रेस  हो गये किस करते करते मैंने उसके बॉडी पार्ट को चूमा.उसके बूब्स को धीरे धीरे मैंने चूसा और फिर चूत में आ गया,और बहुत देर तक उसकी चूत छाती,वो एक बार झड चुकी थी, मैंने उस से इशारो में पुचा के डालू तो उस ने भी कहा की दल दो, मैंने अपना लंड के ऊपर थोडा सा थूक लगाया और उसकी चूत तो पहले ही गीली हो रही थी, मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पे सेट किया और हल्का सा ढाका मारा तो मेरा लंड फिसल गया, फिर उस ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और धका मरने को बोला, मेरे लंड का टोपा उसके चूत में घुस गया और वो सिहर गयी.

में उसे किस करने लगा और उसके सिर को सहलाने लगा.

फिर मैंने धीरे धीरे लंड को अन्दर सरकने लगा, मेरे हर धाके के साथ वो आह आह के रही थी, थोड़ी देर बाद वो मेरे ऊपर आ गयी और बहुत मज़े मरने लगी, और आअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह करने लगी और हम दोनो चोदते चोदते ही सो गये. रात में फिर मेरी आंख खुली तो मैंने देखा वो बेखबर सोयी हुयी थी फिर उसका फिगर देख कर मेरा लंड में तनाव आना शुरू हो गया, मैंने उसे किस करना शुरू क्र दिया, तो वो भी जग गयी और मेरा साथ देने लगी, जल्दी ही हम दोनो सेक्स के लिए पूरी तरह से तयार हो गये.

मैंने अपना लंड उसके चूत पे रखा और धका मारा अध लंड सरसराता हुआ उस चूत में घुस गया और वो सिसक गयी,और धीरे धीरे करो कहने लगी, फिर मैंने उसे कुते के स्टाइल  में आने को कहा तो वो फटाफट अपने हाथ बेड पर रख के अपनी गांड को उठा लिया, मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में सर्कस दिया पहले लगा हम लोग फिर एक बार चरम पर पहुच गये और नींद में खो गये.

सुबह में मुझे लगा जैसे कोई मेरे लंड से खेल रहा है मैंने आंख खोल के देखा के मेरी गर्ल फ्रेंड मेरे सोये हुए लंड को सहला रही है, कुछ देर में मेरा लंड पूरी औकात में आ गया, फिर वो मुझे किस करने लगी और मेरे ऊपर आ गयी और मुह में जीभ डालने लगी, अब उस की चूत मेरे एंड से रगड़ खा के गीली हो रही हती, लेकिन मेरा इरादा उसकी गांड मरने का था.

मैंने उसे निचे लेता दिया और खीच के बेड पर लेता दिया  फिर मैंने अपना लंड उसके चूत में घुसा दिया और धक्के  मारते  मारते लंड को  चूत से खीचा और गांड में पेल दिया, उसकी छेख निकल गयी और एक दम से बोल पड़ी के ये कहा घुसा दिया में मर गयी, निकालो इसे लेकिन मुझे तो मजा आ रहा था गांड मरने में तो मैएँ उसके चीखो पे ध्यान ही नहीं दिया, और धके पे धके मरते रहा और वो करह रही थी  उसके गांड बहुत टाइट थी, मेरा लंड फास फास की जा रहा था, उसी चेखो में अब कमी आ गयी थी और वो अब गांड मरने का मज़ा ले रही थी.

फिर मैंने अपने लंड को निकाल  के उसके बूब्स पे स्पर्म गिरा दिया, स्पर्म की कुछ बूंदे उसके  मुह पे भी पड़ गयी, वो स्पर्म की बूंदों से और भी खुबसूरत दिख रही थी, वो उठ के बाथरूम जाने लगी तो उस से ढंग से चला नही जा रहा था, गांड फटने की वजह से चाल बिगड़ गयी थी.

फिर मैंने उसे पकड़ के बाथरूम ले गया, वो वह फ्रेश हुई फिर में भी फ्रेश हुआ, जब में बहार आया तो वो आईने के सामने खड़ी बाल बना रही थी बिलकुल नंगी.

वो बहुत खुबसूरत दिख रही थी, मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और किस करने लगा, फिर हम दोनो ने थोडा आराम किया और घुमने गये, शाम को ताज महल से  आने के बाद मैंने रस्ते में से कंडोम ले लिया, रूम में आ के खाने का आर्डर किया, खाना  खाने के बाद फिर से चुदाई सुरु हो गयी, उसके हुस्न को देख कर मेरा लंड बार बार खड़ा हो जा रहा था. और हम जब तक वह रुके तब तक जम के चुदाई की.

हम दोनो जब भी सो कर उठते हम दोनो सिर्फ और सिर्फ सेक्स ही करते मेरा मनन ही नहीं मन रहा था उसके बूब्स को देखने के बाद लगता की कब उसे दबू और बस दबाता रहू.

मुझे ऐसा लग  रहा था की मेरा लंड उसके चूत में से बहार ही न निकले बस उसे चोदता ही रहे हम दोनो थक जाते तो थोडा सो जाया करते थे ताकि और ताकत मिले तो और जम कर सेक्स का मजा लिया जा सके

जब मेरा लंड उसके चूत में घुसता था तो ऐसा लगता था की मनो में इस दुनिय में हु ही नहीं, उसको भी मेरा लंड लेने में बड़ा मजा आता था वो जब टाइम मिलता था मुझसे चुद्वाती थी .


नौकरानी चुद गयी

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Naukrani Chud Gayi :

मेरा नाम सागर है. जब में जयपुर से वापस आया तो मैंने अपने माकन मैल्क से कोई अची सी नौकरानी के बारे में पता करने को कहा. मेरे घर में बहुत पहले से नौकरानिया काम करती रही थी पर वो सारी बेकार थी,पर अब जो नयी नौकरानी मेरे घर में आई वो बहुत ही ज्यादा सुन्दर और खुबसूरत थी.उसका नाम आरती और उसकी उम्र करीब 22 साल की होगी.वो शादी सुदा थी, उसका रंग थोडा सवाला था पर उसका फिगर बहुत लाजवाब था.उसका पूरा जिस्म टाइट और कसा सा हुआ जैसे की एक दम कसे हुए बूब्स.

साला उसका पति कितना किस्मत वाला होगा शायद वो उससे रोज जम कर चोदता होगा.मुझे उसके बूब्स ने अपना दीवाना बनाया हुआ था बस मेरे पास शायद वर्ड नहीं है उसके बूब्स की तारीफ करने को. उसके कसे हुए बूब्स उसके ब्लाउज में भी अछे से फिट आते थे उसके बूब्स उसमे से भी कही न कही से बाहर आ जाते थे.

जब आरती झुक कर झाड़ू लगाती तो ब्लाउज में से उसके बूब्स की बिच की दरार मुझसे चुप न पति और में बड़े मजे से उसके बूब्स देखता. आरती जब पुरे घर में काम करती हुई ठुमक ठुमक कर चलती तो उसके मुलायम और मोटे मोटे चुतर बहुत मस्त तरीके से हिलते और मनो मुझसे ऐसे कह रहे हो आओ मुझे दबाओ.

जब वो अपने सारी को ठीक करते वक़्त अपने चूत पर हाथ लगाती में पूरा मस्त सा हो जाता और दिल करता काश इसके पास जाऊ और इसकी चूत को हाथ में पकड़ कर रगड़ना शुरू कर दू. में हमेशा यही सोचता रहता था की कितनी मस्त चूत होगी इसकी नरम और मुलायम मस्ती से भरी हुई चूत को चोदने  में चूसने में अलग ही मजा आएगा.

और फिर अपना लंड उसकी चूत में दल कर चोद  सकता मेरा लंड उसकी चूत में जाने को बेक़रार था वो मानता ही नहीं था. पर में कैसे उसे चोदु य बहुत बड़ा सवाल था? वो अपने काम में ही लगी रहती थी. मैंने भी अभी तक उससे ये एहसास नही होने दिया की में उसे चोदना चाहता हु फिर मैंने सोचा की इसे पहले गरम करना होगा और धीरे धीरे करना होगा. क्यों की मैंने अगर कोई जल्दबाजी की तो लेने के देने पद जायेंगे. एक दिन जब मैंने सुबह सुबह उसे मेरे लिए एक कप चाय बनाने को कहा तो वो मेरे लिए चाय ले आती है और जब मैंने उसके नरम नरम मुलायम हाथो से चाय ली तो मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया.

में- आरती वैसे तुम्हारा हस्बैंड क्या करता है ?

आरती- बाबु जी वो एक फैक्ट्री में काम करता है.

में- चलो ठीक है वैसे वहा क्या टाइमिंग है.

आरती- वैसे तो 10-12 घंटे लग जाते है और कभी कभी तो नाईट शिफ्ट भी लगनी पद जाती है.

में- अच्छा  अच्छा वैसे तुम और कितने घरो में काम करती हो ?

आरती- में बस एक आप के घर और निचे वाले घर में काम करती हूँ.

में- अच इससे तुम्हारा घर चल जाता होगा ?

आरती- बाबू जी अब क्या बताऊ चलता तो है पर बड़ी मुस्किल से क्यों मेरा मर्द दारू में बहुत पैसे बर्बाद करता है.

अब मुझे लगा की अब इससे थोडा सा अपना इरादा इशारे में बताना ठीक होगा.

में- चलो कोई बात नही अब से तुम्हारी हेल्प करूँगा.

आरती ने मेरी ये बात सुन कर मेरी तरफ थोडा अजीब तरीके से देखा और बोली- बाबु जी क्या मतलब है आप का?

में- मेरे कहने का मतलब है की में तुम्हारे हस्बैंड के पास जा कर उसे समझाऊंगा.

आरती- ठीक है बाबु जी.

ये कह कर आरती ने ठंडी साँस ली, अब में डेली उसे ऐसे ही बातें करने लगा और धीरे धीरे हम दोनो के बिच जिझाक ख़तम हो गयी. एक दिन में आरती को थोड़ी शरारत से कहा- आरती देखा जाये तो तुम्हारा मर्द मुझे पागल लगता है भला इतनी खुबसूरत पत्नी होने के बाद भी दारू पिता है.

आखिर एक दिन पता चल चूका था की अब मेरा रास्ता साफ़ है अब मोका मिलते ही मैंने उससे चोना था. रविवार का दिन था आरती भी रोज की तरह मेरे घर काम करने आ गयी और उसने अन्दर आते ही दरवाजा बंद कर दिया.

में- आरती अगर तुम्हे कभी भी पैसो की जरुरत हो तो मुझे बता देना ओके.

आरती- नही बाबु जी फिर आप बाद में वो ही पैसे मेरी सैलरी में से काट लोगे और मेरा पति मुझे बोलेगा.

में- अरे पागल में सैलरी की बात नही कर रहा हु में तुम्हारी हेल्प कर रहा हु और ये बात में किसी को नही बताऊंगा और अगर तुम चाहो तो तुम भी मत बताना. आरती मेरी बात सुन कर चुप हो गयी और में उसके जवाब का वेट करने लग गया, और वो कुछ देर सोच कर बोली.

आरती- बाबु जी आप मुझे सच में पैसे डोज तो में भला क्यों किसी को बतौंगी.

उसकी ये बात सुन कर मेरे दिल में ख़ुशी के लड्डू फूटने लग गए क्यों की आरती अब मेरे जाल में फस चुकी थी और अब उसे चोदना था बस.

में- में जरुर दूंगा आरती तुम्हे पैसे अगर इससे तुम्हे ख़ुशी मिले तो ?

आरती- हाँ जी बाबु जी मुझे ख़ुशी मिलेगी.

में- आरती मुझे भी बहुत ख़ुशी मिलेगी अगर तुम कुछ न बोलो अगर में कुछ भी करू तुम्हारे साथ,बोलो तुम्हे ये मंजूर है ?

ये कह कर अमिने अपने पर्स से 500 का नोट निकल कर उसके सामने टेबल पर रख दिया और आरती ने मुसुराते हुए  वो नोट उठाया और बोली- ऐसा क्या करना होगा बाबु जी ?

में खड़ा हो कर उसके पास गया और बोला – आरती तुम्हे कुछ नही करना है सब में ही करूँगा तुम बस अपनी आँखे कुछ देर के लिए बंद रखो और ऐसे ही कड़ी रहो. आरती ने मेरे कहने पर अपनी आँखे बंद कर ली और फिर में बोला- देखो आरती जब तक में नही कहता तब तक तुहे अपनी आँखे बंद रखनी है वरना तुम अपनी शर्त हर जाओगी.

उसने अपनी आँखे बंद कर ली.मैंने देखा की आरती के गोर गोर गाल धीरे धीरे लाला हो रहे है और उसकी दोनो हाथ उसके चूत के ऊपर है. अब मैंने हलके से पहले उसके माथे को चूमा और फिर उसकी दोनो आँखों को चूमा, अभी भी उसकी आँख खुली नहीं थी और इधर मेरा लंड पूरा खड़ा हो चूका था और पेंट फटने  वाला था. जैसे ही मैंने उसके हूठो के निचे चूमा तो उसने अपनी आँखे खोली और बोली – बाबु जी. तभी मैंने कहा तुम शर्त हर जाओगी आँखे बंद करो. मेरे कहने से उसने फिर से आँखे बंद कर ली. अब में समझ चूका था की अब ये चुदने के लिए तैयार हाउ, बस इसे थोडा सा मजा देना था. अब मैंने देर न करते हुए अपने होठ उसके कम्पते हुए हूट पर रख लिए और मैंने उसे छुआ तक नही था. उसने अब फिर से आँखे खोली पर मैंने मैंने उसे फिर से इशारा कर दिया और उसने फिर सर आँखे बंद कर ली.

अब मैंने उसके हाथ उसकी चूत से हटा कर अपनी कमर के चारो और लपेट लिए और उससे अपनी अभो में लपेट लिया और फिर से अपने होठ उसके गुलाबी कम्पते हुए होंठो पर रख लिया और उसके गुलाबी होंठो का रस चूस चूस कर पिने लगा.

फिर में उसके बूब्स को बहार से ही दबाने लग गया. मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा हुआ था मैंने अपने एक हाथ से उसके चूतर को दबाया और उससे अपना लंड महसूस करवाया. मैंने उसके ब्लाउज को खोल दिया उसके बूब्स मेरे हाथ में आ गए मैंने उसकी सर्रे भी उतारी,आरती भी अपनी आँखे बंद कर के कड़ी हुई थी मैंने उसे धीरे धीरे अपने बेड रूम में ले गया और बेड पर लेता दिया और में बोला- आरती अब तुम अपनी आँखे खोल सकती हो.

और मैंने भी सरे कपडे उतर दिए और अब मेरा लंड उचल कर बहार आ गया.

मैंने देखा की उसने चड्डी नहीं पहनी थी लगता है पहले से ही चुदवाने आई थी.

में- क्या बात है आरती तुम्हारी पेंटी कहा है पहनी नही क्या ?

आरती- नही बाबु जी.

मई फिर आरती के ऊपर लेट गया और उसके बूब्स दबाने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को रगड़ने लगा. आरती की चूत के ऊपर सॉफ्ट सॉफ्ट बाल बहुत अछे लग रहे थे अब मैं थोडा सा निचे हुआ और उसके एक बूब्स को मुह में दाल कर चूसने लगा.

में- आरती जान अब बोलो आगे क्या करना है ?

आरती-  बाबु जी क्यों मुझे तडपा रहे हो अब छोड़ दो मुझे.

में- मेरी जान ऐसे नही बोलते.

आरती ने मुझे अपनी तरफ खीच लिया और बोली- बाबु जी दाल दीजिये.

अब मैंने देर न करते हुए अपना लंड उसकी चूत में सेट किया और जोर से ढाका लगा कर लंड उसकी चूत में घुसा दिया. मैं उसे बहुत छोड़ रहा था मेरा मनन ही नहीं भर रहा था मुझे एस अलग रहा था की में बस उसे चोदता रहू. अब तो आरती भी खूब उचल उचल कर अपनी चूत मरवा रही थी. उसके मुह से बहुत आवाजे आ रही थी  आह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह्हह्ह  और छोड़ो मुझे फाड़ दो मेरे चूत को  आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह , आप रुकिए मत मुझे चोदते ही रहिये हम दोनो ऐसे ही न जाने कितनी देर मजे लेते रहे और फिर मैंने अपना पानी निकल दिया.

और उसके मुह में दल दिया, अब हमने अपना अपना कपडा पेहें लिया और मैंने उसे कहा आरती अब तुम रोज आ कर मुझसे चुदती रहना वरना मेरा लंड तुम्हे घर आ कर छोड़ेगा.

मकान मालकिन आंटी की चूत की आग बुझाई

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Makan Malkin Aunty Ki Choot Ki Aag Bujhai :

नमस्कार दोस्तों! मैं हूं अमन दिल्ली से, आपने मेरी पिछली कहानी तो पढ़ी होगी और इसी श्रंखला मैं आज फिर से अपनी एक नई और सच्ची सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूं। इस बार मैंने अपनी मकान मालकिन आंटी की चूत मारी।

दोस्तों मैं साउथ दिल्ली में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ तीसरी मंजिल पर रहता हंू। पहली मंजिल पर मकान मालिक का परिवार रहता है। दूसरी मंजिल पर जो भईया और भाभी रहते थे, उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हो गया पिछले महीने वे कमरा छोड़ कर चले गये। दोस्तों भाभी से मेरी सेटिंग अच्छी चल रही थी और अचानक उनके जाने से मुझे बहुत दुख हुआ, और काफी उदास रहने लगा।

इसी बीच मेरा मेलजोल मकान मालिक से बढ़ने लगा। मैं उन्हे अंकल और आंटी कहता था, क्योंकि दोनों की उम्र करीब 32 का पड़ाव पार कर चुकी थी और उनकी एक 11 साल की बेटी और एक 3 साल का बेटा था। और धीरे धीरे आंटी मुझे घर के छोटे मोटे कामों के लिये बुला लिया करती और घंटों हम दोनों गपसप करते रहते। हालांकि दो बच्चों की मां होने पर भी आंटी गजब का माल थी और काफी स्लिम ट्रिम थी। वह ज्यादातर साड़ी पहनती थी। साड़ी में लिपटी आंटी बहुत ही सेक्सी लगती थी। उनके स्लीवलेस और चुस्त ब्लाउज से बाहर की ओर उभार लिये मम्में कयामत ढाते थे। बीच की खुली चिकनी गोरी कमर और बेहद मांस से भरे कूल्हे किसी को भी ठरकी बना देने वाले थे। इस तरह मेरा आंटी को ताड़ना जारी था।

आंटी भी मेरा उनके प्रति आकर्षण महसूस कर रही थी लेकिन पूरी तरह से अंजान बनने की कोशिश करती रहती थी। एक दिन आंटी ने मुझे किसी काम से नीचे बुलाया। मैं नीचे हाॅल में जाकर कुर्सी पर बैठ गया, कुछ देर बाद आंटी पीछे से आयी और मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ फंसाकर उन्हें सहलाते हुए बोली कि आज कल तुम बड़े उदास रहते हो, बात क्या है। पहले मैं कुछ समझ नहीं पाया पर जल्द ही उनकी आँखों से झलकती शरारत को मैनें महसूस कर लिया बिना मौका गवाए एक शातिर खिलाड़ी की तरह मैंने अपना दांव चल दिया और अपने सिर को उनकी छाती से सटाकर अपना हाथ से आंटी की चिकनी कमर को सहलाने हुए अपने असंयमित हो चुके विचारों को एक एक करके बयां करता चला गया। उन्होेंने मेरे इरादों को भाँपते हुए हल्की मुस्कान के साथ अपनी सहमति का परिचय दिया और मेरे कुछ कहने के पहले ही मुझे रात में आने का इन्विटेशन दे दिया। क्योंकि आज अंकल नाइट शिफ्ट में आॅफिस जाने वाले थे। यह सुनकर मेरी आँखों की चमक बड़ गई और मैं रात के विचारों में खोया अपने कमरे में आ गया।

रात को आंटी के पास जाने के लिये आज मैंने अपनी चारपाई बाहर खुली छत पर बिछा ली जिससे किसी को मुझ पर शक न हो और मैं आसानी से आंटी के पास जा सकूँ। अब रात के करीब 10 बज चुके थे और सभी लोग सो चुके थे, मैं बिना कोई आवाज किए हल्के कदमों से सीढ़ियां उतरते हुये आंटी के कमरे की ओर पहुँचकर दरवाजे को थोड़ा धक्का दिया और वह खुल गया क्योंकि अंकल के जाने के बाद आंटी ने दरवाजे पर कड़ी नहीं लगाई थी इसलिए मैं आसानी से अन्दर दाखिल हो गया। और दबे पांव आंटी के कमरे में घुसा। आंटी भी जाग रही थी और मेरा इंतजार कर रही थी, मुझे देखते ही उन्होंने मुझको बगल वाले कमरे में रूकने को कहा और उनके कहे अनुसार मैं दूसरे कमरे में आंटी का इंतजार करने लगा। जैसे ही मुझे आंटी के अन्दर आने की आहट मिली मैं सोने का बहाना करने लगा। वह मेरे पास आकर पलंग पर बैठ गई और मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए बोली आज हमें पूरी रात मस्ती करनी है। यह सुनते ही मैंने तेजी से उठकर उनको अपनी बाहों में भर लिया और अपने होठों से उनके होठों का रस चूसने लगा। कभी मैं होठों के ऊपरी हिस्से कोे और कभी निचले हिस्से को दबाकर पूरा मजा ले रहा था। अब आंटी ने भी अपनी जीभ मेरी जीभ से टकरानी शुरू कर दी।

हमनें काफी देर तक एक दूसरे को किस किया। अब मैं उनकी गर्दन को चूमता हुआ छाती तक पहुँच गया था, आंटी के शरीर की महक मुझे मदहोश कर रही थी। अब मैं उनके मम्मों को ब्लाउज के बटनोें को को खोलकर उनकी रंगीन ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। इसके बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने ब्रा खोल दी और संतरे जैसे गोल गोल मम्मों को बारी बारी से मुँह में भरकर उनको चूसने लगा। फिर पेटीकोट के ऊपर से ही उनकी चूत में उंगली करने लगा। जैसे ही मैंने उनकी चूत खोदनी शुरू की उनकी सिसकियां बढ़ने लगी। फिर बिना देर किये मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और आंटी की गोरी गोरी टांगों और जांघों को सहलाने लगा। और मुझसे रहा न गया और मैंने उन्हें पूरा नंगा कर दिया और अपने भी सारे कपड़े उतार कर उनके मखमली बदन और टांगों के बीच छिपी हल्की गुलाबी चूत को निहारने लगा। आंटी की चूत गीली और और उसका दाना फूल चूका था। मैंने आंटी की चूत को चाटना शुरू कर दिया, उस पर एक भी बाल नहीं था। आंटी भी अब परम सुख का अनुभव करते हुए एक हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी और एक हाथ से अपने मम्मों को सहला रही थी। आंटी की चूत एक 16 साल की लड़की के जैसी सख्त थी जो कहीं से भी उनकी उम्र का अहसास नहीं दे रही थी।

और मैं उनके झड़ने तक चूत चाटता रहा जो मुझे अनोखा अहसास दे रही थी। साथ ही आंटी की चुदने की बेककारी बढ़ती जा रही थी। फिर आंटी ने मेरे खड़े लंड को सहलाना शुरू कर दिया। और देखते ही देखते करीब 7 इंच के मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया, और जोर जोर से चूसने लगी। मैंने भी भरपूर मजा लेने के लिए लंड को उनके गले तक ढकेल दिया और साथ ही उनकी गीली चूत में उंगली करने लगा, अब आंटी अपना काबू खो चुकी थी, मेरे लंड को मुँह से निकालते ही उन्होंने मुझे चोदने के लिए कहा, और मेरे लंड को अपनी भूखी चूत में डालने को कहा, मैंने भी बिना इंतजार किये अपने लंड को आंटी की चूत में एक तेज झटके के साथ पूरा डाल दिया। मेरा लंड धारदार चाकू की तरह आंटी की चूत को चीरते हुए अंदर घुसता चला गया, और आंटी को चीखने के लिए के लिये मजबूर कर दिया। आंटी की चुदने की तड़प को देखते हुए मैंने अपने झटकों को और तेज कर दिया, और आंटी चुदते हुए कह रहीं थी कि अमन मेरी चूत तुम्हारे जैसे लंड के लिए प्यासी थी, आज मुझे इतना चोदो कि इसकी प्यास बुझ जाए, यह सुनते ही मैंने अपनी स्पीड बढ़ाते हुए आंटी को खूब चोदा, कभी मैं ऊपर तो कभी आंटी मेरे ऊपर होती थी। और एक के बाद एक मैंने उन्हें कई स्टाइलों में चोदा। और इस तरह मैंने आंटी की सारी रात कई रांउड में चुदाई की और उनकी चूत की आग बुझायी।
हां तो दोस्तों! यह थी मेरी एक और सच्ची कहानी, पढ़ने के लिए धन्यवाद, इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें।

कजिन भाभी की रात भर चुदाई की

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Cousin Bhabhi Ki Raat Bhar Chudai Ki :

नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम नीरज है। मैं आगरा उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं 26 वर्ष का करीब 6 फिट, गेरूवे रंग का नौजवान हूँ। लेकिन मैं इलाहाबाद में वकालत की पढ़ाई के लिए अपने कजिन भाई के घर उनके साथ रहता हूँ। मेरे कजिन भाई शादीशुदा हैं और उनकी एक 5 साल की बेटी भी है। भाई जी एक सेल्स कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर हैं और भाभी एक हाउस वाइफ हैं। तो दोस्तों मैं आज आपको अपनी भाभी के साथ बितायी गई चुदाई भरी रात का सच्चा वाकया सुनाने जा रहा हूँ।

तो बात उस समय की है, जब मेरा लाॅ का पहला सेमेस्टर चल रहा था, और मैं देर रात तक पढ़ाई करता था। भईया और भाभी मेरी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखते थे, और हर समय मेरी जरूरत और खानपान का सामान मुझे देते रहते थे। इसी क्रम में भाभी का मेरे आस पास रहना मुझे भाने लगा। भाभी बहुत ही सरल स्वभाव की थी, इस कारण जल्द ही मेरा आकर्षण उनकी ओर बढ़ने लगा। जब कभी मैं पढ़ते हुए कुर्सी पर ही सो जाता था तो वह मुझे जगाती और बेड पर सोने को कहकर चली जाती। और रोज भोर होते ही मेरे कमरे में आकर मुझे उठाया करती थी। अब मैंने भी उनके शरीर के कई हिस्सों पर अपनी आँखे गढ़ानी शुरू कर दी। और जब कभी भी मैं उनको बाथरूम से नहाकर निकलते हुए गीले बालों में और हल्के लिबास लिपटे उनके बदन को देखता तो देखता तो चाह कर भी अपने वासनाओं से भरी इच्छाओं को रोकने में असमर्थ सा हो जाता था।

समय बीतने के साथ ही साथ भाभी मेरे उनके प्रति बदलते इरादों को भाँपने लगी पर न जाने क्यों मुझसे आँखे मिलाने से कतराने लगी। लेकिन उनका छिपी निगाहों से मेरे लंबे चैड़े कठे बदन को निहारना और अनचाही कामनाओं से भरी उनकी आँखे मुझे बेचैन कर रही थी, क्योंकि मुझे उनमें कुछ अधूरेपन का अहसास दिखने लगा था। क्योंकि भईयाके ऊपर कम का दबाव ज्यादा रहता था और वे भाभी को पर्याप्त समय नहीं दे पाते थे। और इसलिए मैंने नये नये बहाने बनाकर उनसे बातें करना शुरू किया, और उनकी दबी हुई कामनाओं को कुरेदना शुरू कर दिया। और जल्द ही भाभी सेक्स से भरे अरमानों को समझने लगी। इसी बीच एक दिन मैंने देखा कि भाभी रसोई में खाना तैयार कर रही थी और भईया बाथरूम में थे। मैं बिना आहट किए रसोई में गया और पीछे से भाभी को कस कर अपनी बाहों में भर लिया और उनके गले को पीछे से चूमने लगा, अब भाभी के बदन में भी हरकत सी होने लगी। फिर मैंने अपने हाथ को भाभी के ब्लाउज में डालना शुरू किया तो भाभी ने मेरे हाथ को बीच में ही रोकते हुए झटके से मुझे अपने से अलग कर दिया, क्योंकि भईया ने बाथरूम से तौलिये के लिए बुलाया और हम दोनों ही बिना आँखें मिलाए अलग हो गये। इतना सब कुछ हो जाने पर हम एक दूसरे की भावनाओं को समझ चुके थे।

फिर भी इसके बाद भाभी ने मुझसे दूरियां बना ली। पर मैंने हार नहीं मानी और उनके पास जाने के बहानें ढूढने लगा। और कुछ दिनों बाद मुझे यह मौका मिल ही गया, क्योंकि भईया को 2 दिन के लिये मीटिंग के सिलसिले में बाहर चले गये। अब घर में मैं भाभी और उनकी बेटी थी। उस दिन भी पूरे समय भाभी मुझसे दूरी बनाये रहीं। और अब मैं भी खाना खाने के बाद चुपचाप अपने स्टडी रूम में आकर पढ़ने लगा। और करीब 10 बजे उनकी बेटी के सोने के बाद भाभी मुझे दूध देने के लिये मेरे स्टडी रूम में आयी, और जैसे ही भाभी ने दूध का गिलास मेज पर रखा, हम दोनों की आँखें एक दूसरे से टकरा गई। भाभी हल्की नीले रंग की कसावदार नाइटी पहनें थी, और मैं अपने प्रवाह को नहीं रोक सका, भाभी के पलटते ही मैंने उनका हाथ पकड़ लिया। फिर उन्होंने हाथ छुड़ाने का प्रयास किया तो मैंने तेज झटके से उनको अपनी ओर खींच लिया और बिना कुछ सोचे समझे उनके होठों को अपने होठों से चूमने लगा। भाभी ने मुझे धक्का देकर दूर करने की कोशिश की लेकिन मेरी शक्ति के आगे उनका जोर न चला। और मैंने उन्हें चूमते हुए पूरी तरह से अपनी बाहों में उठा लिया।

अब भाभी की भी वासना की आग भड़क चुकी थी, और वे भी मुझे बाहों में भरकर चूमने लगी। भाभी का साथ मिलते ही मैंने उनको बेड पर गिरा लिया। और उनके होठों, गालों और गले पर किस करने लगा। और नाइटी में उभरे उनके बूब्स को चूसने लगा और उनकी नाइटी को धीरे से ऊपर की ओर सरकाने लगा। मैंे भाभी की नरम नरम टांगों और जांघों को सहलाने लगा, और भाभी सिसकियां लेती हुई मचलने लगी। फिर मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी और साथ ही भाभी की नाइटी भी। अब भाभी के शरीर पर सिर्फ ब्रा और पैंटी थी। मैं पैंटी के ऊपर से भाभी की चूत को सहलाने और चूमने लगा, और अपने एक हाथ से भाभी के सख्त मम्मों को दबाने लगा। भाभी का गोरा बदन गजब का नशीला कर देने वाला था। और मैंने जल्द ही उनके शरीर से बचे हुए कपड़े भी हटा दिये। अब भाभी पूरी नंगी थी। मैं भाभी के होठों को कस कर चूमने लगा और उनकी चूत को फिंगर टच देने लगा। अब भाभी ने भी मदहोश होना शुरू कर दिया और एक हाथ से अपने मम्मों को दबाने लगी और एक हाथ मेरी पीठ पर फेरने लगी। और जैसे ही भाभी के चूत से पानी निकलने लगा मैं तुरंत उनकी चूत चाटने लगा। भाभी का शरीर जोर से कांपने लगा और वह मचलने लगी, और फिर वे मेरे लंबे मोटे लंड को उनकी चूत मे डालने के लिए बोली कि नीरज अब मुझसे नहीं रूका जाता, अपने लंड से मेरी चुदाई कर दो, मैं बहुत दिनों की प्यासी हूँ,

अब मुझे चोद ही डालो। मैं भी उसी समय का इंतजार कर रहा था, और बिना देर किये मैंने अपने मोटे, तने लंड को भाभी की चूत में हल्के से डाल दिया, और फिर एक ही झटके में अपना पूरा लंड भाभी चूत के अन्दर घुसा दिया। मेरे लंड के चूत में जाते ही भाभी दर्द से चीख निकल गयी और बोली कि तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है। इसी के साथ मैंने भाभी की टांगों को फैलाकर तेज झटकों के साथ उनको चोदने लगा। और बीच बीच में उनके मम्मों को चूसने और दबाने लगा। काफी देर तक मैंने उन्हें वैसे ही चोदा फिर मैंने बाद में उनको घोड़ी स्टाइल में चोदा। और फिर झड़ने के साथ ही अपना पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया। और इस तरह मैंने भाभी को पूरी रात कई बार चोदा और भाभी ने भी भरपूर मजा लेते हुए अपनी चुदाई करवायी। और हम दोनों ने खूब मजे किये।
इस तरह दोस्तों मैंने रात भर अपनी कजिन भाभी की चुदाई की। इस कहानी को पढ़ने के लिये आपका धन्यवाद। इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें।

चुलबुली चाची ने मुझसे अपनी चूत चुदवा कर मजा लिया

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Chulbuli Chachi Ne Mujhse Apni Choot Chudwakar Maza Liya :

हाय दोस्तों! मेरा नाम सौरभ है, मैं 21 वर्ष का हूँ। मैं नई दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में रहता हूँ। मेरी हाइट 6 फिट है और मेरा लिंग भी करीब 7 इंच का है। तो दोस्तों आज मैं आपको अपनी चाची की चूत चुदाई की अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
दोस्तों, हमारे घर में मैं अपने परिवार और चाचा व चाची के साथ संयुक्त से रहता हूँ। मैं अपने पिता जी का अकेला लड़का हूँ। मेरे चाचा की शादी 3 साल पहले हुई थी। चाची भी दिल्ली से ही हैं। सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते है और एक दूसरे की मदद करते रहते है। इस तरह मेरा और चाची में बोलचाल बहुत ही अच्छा था। चाचा के कोई भी बच्चा नहीं था।

इस कारण चाची मेरे साथ अच्छा व्यवहार करती थी। मैं भी काॅलेज से लौटने के बाद ज्यादातर समय चाची के साथ ही बिताता था। चाची स्वभाव से काफी हसमुख और चुलबुली थी, और उनकी उम्र करीब 28 साल थी। और हम अक्सर एक दूसरे से हँसी मजाक करते रहते थे। चाचा पिता जी के साथ फर्नीचर की शॉप पर बैठते थे। मेरी माँ सरकारी टीचर हैं और रोज पढ़ाने के लिए जाती थी। इस तरह मैं और चाची घर पर अकेले बचते थे। चाची गोरे रंग की और पतले दुबले शरीर की थी। उन्होंने अपनी बॉडी को अच्छा मेनटेन कर रखा था। इसलिए काफी आकर्षक लगती थी, और कभी कभी तो मेरी निगाहें भी उन पर टिक जाती थी और चुपके से उनको तड़ लिया करता था। चाची अपने चुलबुले स्वभाव के कारण मुझे तंग करती रहती, और मैं उनकी हरकतों को इग्नोर कर देता था,

पर जब कभी उनक शरीर मेरे तन से टकरा जाता तो मेरे शरीर में सनसनी सी मचा देता। एक बार मैं दोपहर में चाची से बातें करते करते उनके बेड पर ही सो गया और जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरे बगल में चाची सो रही थी और उनके कूल्हें मेरे कूल्हों से सटे हुए थे। मैं तुरंत उठकर उनके कमरे से बाहर चला गया, पर मेरे विचारों में उथल पुथल होना शुरू हो गया। इसके बाद मैं धीरे धीरे चाची की शरारतों को समझने लगा। उनका मेरी ओर रूझान बढ़ रहा था और अब मैंने भी उनकी आँखों को पढ़ना शुरू कर दिया, जिनमें एक अधूरापन झलकता था। शायद चाची, चाचा से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थी। अब मैं समझ चुका था कि चाची मुझसे कुछ उम्मीदें लगा रही है, और मेरी तरफ से भी पहल का इंतजार कर रही थीं।

अब मैंने भी चाची के साथ करीबी बनाना शुरू कर दिया। और मौका मिलते ही हम दोनों में नजदीकियाँ आने लगी। पर मेरा दिल अभी भी अन्दर से कमजोर पड़ रहा था, लेकिन चाची अपनी सेक्सी अदायें दिखाकर मेरे ठंडे पड़े अरमानों को जगा देती थी। इसी क्रम में एक दिन चाची ने अचानक पीछे से आकर मेरे गाल पर किस कर दिया और मेरे कुछ समझने से पहले ही तेजी से अपने कमरे की ओर भाग गयी। यह चाची की ओर से मुझे पहला किस था जिसका स्वाद मुझे बहुत ही मीठा अहसास दे गया। इसके बाद मैंने भी हिम्मत जुटाकर सबकी नजरें बचाते हुए चाची के आस पास रहकर शरारतें करना शुरू कर दिया। अब दोनों ही एक दूसरे के करीब आने का मौका खोजने लगे। इसी बीच एक दिन पिता जी, माँ और चाचा को जमीन के बटवारे के लिए गाँव जाने के लिए फोन आया। अब मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था और मैं उनके गाँव जाने का इंतजार करने लगा। अगले दिन शाम को 5 बजे की ट्रेन से तीनों लोग गाँव के लिए रवाना हो गये। इस बीच मेरे और चाची दोनों के ही मन में लड्डू फूट रहे थे और रात होने का इंतजार करने लगे।

रात को करीब 8 बजे हम दोनों ने एक साथ खाना खाया। इसके बाद चाची अपने रूम में शावर लेने चली गयी। मैं भी अपने कमरे में आराम करने लगा, मैं हाफ पैंट और बनियान में था और चाची के ही बारे सोच रहा था। कुछ देर बाद मैं अपने को रोक न पाया और खुद ही चाची के रूम में चला गया। चाची बाथरूम में ही थी और मैं जाकर उनके बेड पर बैठ गया। इतने में चाची बाथरूम से बाहर निकली। उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने ऊपर ब्रा नहीं पहनी थी। मुझे देखकर वह मुस्कुराते हुए आईने के सामने खड़े होकर खुद को निहारने लगी। उन्हें इस तरह देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा। मैंने भी तुरंत बेड से उतर कर चाची को पीछे से बाहों में भर लिया, और इसके बार उनकी गर्दन को अपनी जीभ से चाटने लगा। मैंने दोनों हाथों से उनके गुदगुदे, नरम नरम बूब्स को दबाने लगा और निप्पलों को जोर जोर से मसलने लगा। ऐसा करते ही चाची बेचैन होने लगी।

इसके बाद मैंने अपने एक हाथ से उनकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया क्योंकि चाची ने पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी। मैं उनके जोश को जगाने के लिये चूत में दो उंगलियाँ डालकर उसे तेजी से कुरेदने लगा। इसी बीच मेरा लंड उनकी गांड से रगड़ रहा था। फिर मैं चाची को अपनी ओर घुमाकर उनके होठों पर किस करने लगा। इस तरह मैं उनको चूमता हुआ कमर तक पहुँचा और फिर उनकी चूत पर आकर रूक गया। मैं चाची की रसभरी चूत को रगड़ रगड़ कर चाटने लगा और उनके चूत के पानी का मजा लेने लगा और इसी के साथ चाची की आह आई के आवाजें भी पूरे कमरे में गूँजने लगी। अब चाची से भी सब्र न हुआ और उन्होंने मेरी पैंट उतार कर मेरे लंड को अपने हाथों में जकड़ लिया और बोली कि तुम्हारा लंड तो चाचा से भी बड़ा है, इससे चुदने में मजा आ जायेगा, इतना कहते हुए उसको मुँह में डालकर चूसने लगी। मैं भी लंड चुसाई का मजा लेने लगा। थोड़ी देर बाद चाची ने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाला और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी और बोली कि आज मेरी ऐसी चुदाई करो कि मैं कभी न भूलूं।

इतना कहते ही उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत में थोड़ा सा अंदर कर लिया, फिर मैंने भी झटका मारकर पूरा लंड चाची की टाइट चूत में डाल दिया। और चाची जोर जोर से आवाजे भरने लगी। पहले कुछ देर मैंने चाची को हवा में उठाकर चोदा, फिर उनको अपनी जांघों पर रखकर चोदा और एक दूसरे को किस करते रहे और चाची ने अपने नाखून मेरी पीठ में घुसा दिये और मुझे कसकर अपनी छाती से लगाये रहीं। मैं करीब 20 मिनट तक बिना रूके चाची को चोदता रहा और दोनों ही पोजीशन में भरपूर चुदाई का मजा लिया। और फिर चाची की चूत में ही झड़ गया। इसके बाद मैंने पूरी रात कई पोजीशनों में जमकर चुदाई की। और अपनी चाची की चूत की आग ठंडी की।
हां तो दोस्तों, यह थी मेरी सच्ची सेक्स स्टोरी। इसे पढ़कर ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और शेयर करें। धन्यवाद।

मैडम की रसीली चूत भाग १

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Madam Ki Rasili Choot Part 1 :

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अर्श है में देखने में स्मार्ट नहीं हु बात एक साल पहले की है में एक कंप्यूटर सेण्टर में ऑटो कद्द सिखने के लिए एडमिशन ली थी तो वह पूजा बेसिक कंप्यूटर कोर्स की टीचर थी, मेरी क्लास का टाइम नो  से बारह था, में डेली क्लास जाता था, एक दिन भी मिस नहीं करता था और डेली जा के मेम को हेल्लो करता और वो भी हंस देती ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा.

फिर क्लास में भी ऐसे ही हमारी बात होने लगी मजाक चलता था थोडा, मम कहने लगी आप बहुत मजाक करते और बोली क में यहाँ बोर हो जाती हु कोई बोलता ही नही यहाँ बस सब अपने काम में लगे है और कहा तुम जब से आये हो तब से थोडा दिल लगने लगा मेरा फिर ऐसे ही छठा रहा. एक दिन में अपने फ़ोन में फेसबुक चा रहा था तो मम ने देखा और कहा के मैंने अपनी आईडि सर्च कर के देखनी है क्या फ़ोन मिल सकता है आप का तो मैंने बिना कुछ बोले अपना फ़ोन दे दिया और उस ने अपनी आईडि सर्च की और मुझे दिखने लगी और फिर मोब्लिए वापस दे दिया.

में घर आ गया और मैंने शाम को सर्च कर के फेसबुक पे उसे रिक्वेस्ट कर दी और मेसेज किया तो उस ने एक्सेप्ट की और हमारी बात होने लगी फेसबुक पे कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा.

फिर मैंने एक दिन फेसबुक पे उसे कहा के आप का फ़ोन नंबर तो बता दो तो उस ने पहले मना किया की नही कुछ दिन रुक जाओ मैंने कहा के आप की मर्जी तो उसने मना करने के बाद  अपना फ़ोन नंबर दे दिया और उमरी फ़ोन पर बात होने लगी और ऐसे ही हम अछे फ्रेंड हो गये.

एक दिन मैंने उसे बोला के चलो कल घुमने चलते है पहले तो उसने मना किया की नही जा सकती पर फिर कुछ टाइम के बाद खुद ही हा बोल दिया के ठीक है चलते है.

अगले दिन हम घुमने गये हिल्स साइड तो मैंने उसे फ्रेंडशिप के लिए पर्पस किया तो उस ने हैरानी से देखा और कुछ टाइम चुप रही और हा में जवाब दिया मैं बुहत खुश हुआ में उस के पास आया किस करने के लिए  तो उस ने मुझे रोक दिया के ये सब अभी नही प्लीज.

में भी ओके बोला और फिर हम वापस आ गये उस के बाद हमारे बिच सेक्स की बातें होने लगी तो मैंने उसे कहा की चलो कभी रूम में चलते है तो फिर से उसने मन किया और गुस्सा किया के मुझे नही करना ये सब पर मेरे काफी बार कहने के बाद उस ने हा बोली और कहा के फर्स्ट और  लास्ट होगा ये तो में भी हा बोला.

अगले दिन उसी हील्स पर गए और होटल में रूम लिया और रूम में जाते ही मैंने उसे हग किया और किस करने लगा तो वो शर्मा गयी उस का फर्स्ट टाइम था तो मैंने उसे किस करना स्टार्ट किया और वो भी रेस्पोंसे देने लगी, और फिर मैंने उसके बूब्स प्रेस किया और गांड प्रेस करता रहा उस ने ग्रे टॉप ब्लैक जीन्स पहन राखी थी.

बीस मिनट बाद हम अलग हुए तो थोडा मुस्कुराई और शर्मा के फेस निचे क्र कड़ी हो गयी मैंने उसे उठाया और बेड पे लिटा दिया और साथ लेट गए, फिर से हमारे बिच किस सुरु हो गया और मैंने किस करते करते उस का टॉप निकल दिया उस ने वाइट ब्रा पहन राखी थी और में किस करते करते उस के बूब्स पे आ गया..

औए एक को ब्रा के ऊपर से ही मुह में ले लिया और दुसरो को प्रेस करने लगा यो गर्म होने लगी और सिसकिय लेने लगी फिर में निचे उस के जीन्स का बटन खोला और उतर के साइड में रख दी किस करता रहा.

अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में थी उस ने पर्पल कलर की पेंटी पहन राखी थी वो बहुत सेक्सी लग रही थी, मैंने अपने कपडे खुद उतारे और उस के ऊपर आ गया .

(TBC)…

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