Padosan Ke Sath Chudai :
है दोस्तों मेरा नाम रतन है, मैंने ज़िन्दगी मई इतनी चुदाई की है के अब तो जिस दिन चूत न मरू वो दिन जीवन में जैसे था ही नहीं में बहुत छोटी उम्र में ही पड़ोशन अमृता जो 21 साल की थी मुझे बताया के सेक्स क्या हिया तब मेरी लूली उया करती है.
जिसे वो चुस्ती थी और मेरा हाथ अपनी चूत में डाली मुझे भी अहिस्ता अहिस्ता समाज आने लगा के ये क्या मजा लेती है, में भी अब उसके बूब्स चूसता और उसके कहने पर काटता भी था. वो मुझ से अपनी चूत भी चतवती थी, पहले बहुत बुरा लगता था फिर में भी मजा लेने लगा और अब में बड़ा भी हो रहा था तो हम सब फॅमिली दुसरे सेहर शिफ्ट हो गये.
तब में 12th का स्टूडेंट था मैंने एक स्कूल में अपना एडमिशन करवाया सब बोर चल रहा था जब टीचर तनु नही आई थी उसको देख के मुझे हमेशा झटका लगता था वो बिलकुल प्रियंका चोप्रा लगती थी.
वो बायो पढाती थी तो में जन बूझ कर उलटे सवाल पूछता था, वो नया स्कूल था तो जादा स्टूडेंट नही थे मेरी क्लास में सिर्फ एक ही और लड़का था, में टीचर से बहुत फ्री होता था कभी टच भी करता था उसकी आँखों में भी मुझे वासना कभी कभी नजर आती थी. एक दिन मैंने मिस से पूछा आपकी मुनिया का नंबर है, सब के सामने वो बहुत सोक हुई और मुझे कहा ये कैसा सवाल है, तो मैंने अपनी मुनिया शर्ट निकल के दिखाई तो वो हस पड़ी और कहा बाद में बतौंगी अभी पढो.
में पड़ी में बिजी हो गया, एक दिन मेरी क्लास का वो एक लड़का नही आया था में क्लास में अकेला था मिस के आते ही में उनके पास चला गे और कहा आज तो उदय बी नही आया है मुझे नही पढना. तो मिस बोली तो क्या प्रोग्राम है, मेने कहा कुछ खेलते है, वो मन करने लगी तो मैंने उससे पुचा आप मुझे उठा सकती हो मिस ने कहा क्यूँ नही वो मेरे पास आई और उठाने की कोशिस की पर न उटाह सकी मगर कोसिस करते सामने से उसके बूब्स मेरे पेट पर छाती पर खूब रगड़े जिससे मुझे तो मजा आ गया.
मुझे मिस को भी ऐसे ही मजा देना था मिस की ब्रा की स्तरप मुझे दिकती तो मैंने पूछा मिस ये क्या है, तो मिस ने कहा ये मेरी बनिया है, मैंने कहा ये कैशे नाजन बन्ने का नाटक कर रहा था जिससे वो भी समाज रही थी.
तो मिस ने कहा लेडीज की बनियान नही होती ब्रा होती है, मेने पूछा वो कैसी होती है, तो मिस ने कहा जाओ बहार देख के आओ कोई आ तो नही रहा, में देखने जा रहा था और ख़ुशी से पागल हुआ जा रहा था.
बहार कोई नही था सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर हमारी एक ही क्लास थी में भाग के वापस आया और का कोई नही है तो मिस मिस ने कहा ये सब हम दोनो तक रहना चाहिए, मैंने यकीं दिलाया की ये बात हु दोनो में ही रहेगी. जब मिस ने अपनी ज़िप खोली तो मुझे नजर आई वो दूध जैसी गोरी कमर और ब्लैक ब्रा, मिस ने आगे से कमीज को पकड़ रखा था और बोली देखा ये होती है ब्रा, मैंने अगला तीर चलाया और बोला ये तो एक पति सी है, तो मिस ने मुझे कहा ये बात कभी किसी को भी मत बोलना तो सब दिखौंगी, में मान गया तो उसने आगे से भी कमीज गिरा दी.
तो मिजे नजर आये वो बड़े बड़े बूब्स जिनको सोच सोच के मेरा दिमाग और लंड थक गये थे तो मैंने कहा मिस अप्प इस तरह कोम्फोर्ताब्ले रहती हो, तो मिस ने कहा अगर न पहने तो ये बहुत हिलते है, मैंने कहा मिस मेरे तो नही हिलते में आपके हिला के देख सकता हु ?
मिस ने कहा बस एक बार, तो मैंने उनको ब्रा के ऊपर से छु लिया, क्या मुलायम थे मेरा दिल किया के इनको काट के खा जाऊ मेरे करते ही आँखे लाल होने लगी. मैंने भी मौका देख के चौका मरने का सोचा और मिस से कहा क्या में इनको बिना ब्रा के देख लू छु लू, तो मिस ने कहा एक बार जल्दी से देख लो में ब्रा उतरूंगी नही वरना कोई आ गया तो बदनामी होगी.
तो मुझे लगा मिस बस डर रही थी वरना दिल उसका मुझ से भी ज्यादा है, मैंने बोला में चेक करके आता हु, तो मैं निचे गया जहा सब अपनी अपनी क्लास मई बिजी है.
में वापस आया और आके बोला दरो नही कोई नही आएगा मैंने खुद उनकी ब्रा की हुक खोली और उनके बूब्स को आजाद किया यार में तो दांग रह गया पिंक निप्पल और इतने बड़े मगर टाइट भी कमल के ज़रा नही लटके हुए थे.
मैंने उनके हाथो में लिया और दबाने लगा, मिस के सामने चिर के निचे बैठा उनको मुह के सामने रख कर दबा रहा था, तभी मिस ने मेरा सिर अपनी छाती पर लगा दिया और में भी पागल कुते की तरह टूट पड़ा चूस चूस के लाल लार दिए मिस को कोई होश नही था जय हो रहा है वो तो बस हांफ रही थी.
फिर मैंने मिस की गोद में सर रखा और उनकी चूत को सुंगने लगा मिस भी बात समझ गयी और पैर थोड़ी खोल दी, में कमीज उठा के सलवार के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा, मिस तो जैसे मरने वाली हो गयी और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी मिस की सलवार और पेंटी मैंने एक दम आगे से खिची और मुह अन्दर ले गया और चूसने लगा.
मगर सलवार नही उतारी, मिस दो बार झड चुकी थी के मेरी नजर दरवाजे पर गयी जहा मिस मंजीत खड़ी अपना मुह खोले हमें देख रही थी, वो कब आई हमे होश ही कहा था मगर एक बात अजीब थी, उसका हाथ मेरे देखने के बाद भी चूत पर था,