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बुआ की लड़की को चोदा रंडी बनाकर

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Bua Ki Ladki Ko Choda Randi Banakar : हैल्लो दोस्तों.. में दिल्ली का रहने वाला हूँ और दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब मैं 19 साल का था और मेरी बुआ की तबीयत ज़्यादा खराब हो गई और हम सभी वहाँ पर चले गए। फिर 10 दिनों के बाद बुआ की तबीयत में थोड़ा सुधार आया तो मम्मी पापा आ गए.. लेकिन में वहीं पर रुक गया छुट्टियाँ मनाने के लिए और मेरे फूफा जी बाहर नौकरी करते थे। जिस कारण से वो घर पर नहीं आ पाते थे.. मेरी बुआ की 2 लड़कियां है। एक 21 साल की ऋतु और एक 18 की अर्चना। लेकिन अर्चना का शरीर बहुत गदराया हुआ सा हो गया था। उसका फिगर 36-34-36 था। इतनी सी उम्र में इतनी अच्छा फिगर। उसे पहली बार देखकर में तो हैरान ही हो गया था। वो मिनी स्कर्ट में स्कूल जाया करती थी.. जिसमे वो और भी ज़्यादा खूबसूरत लगती थी।

उसकी चिकनी चिकनी टाँगे बड़ी ही मस्त थी तो अपनी जांघो तक की स्कर्ट पहनती थी और मैंने अपनी कज़िन होने के कारण अपने मन को बहला लिया और उसके बारे में ना सोचने की कोशिश करने लगा.. लेकिन मेरा लंड नहीं मानता था.. क्योंकि मैंने बहुत दिनों से चुदाई नहीं की थी। में उसके जिस्म को याद कर करके मूठ मारने लगा। फिर 5-6 दिनों तक ऐसा ही चला एक दिन में जब ऋतु को हिंदी पड़ा रहा था तो उसके पास डस्टर नहीं था। तभी मैंने अर्चना के बेग में ढूंडा.. मुझे डस्टर तो नहीं मिला लेकिन एक चीज़ मिली.. एक सीडी जिस पर A7 बना हुआ था। मैंने बहुत ब्लू फिल्म देखी है तो मुझे पता था कि यह A7 एक इंग्लीश ब्लू फिल्म है। मैंने उसे वापस रख दिया और रात को में उसी बारे में सोचने लगा और बाहर आकर पानी पीने लगा। में वापस जा रहा.. लेकिन मैंने सोचा कि एक बार क्यों ना अर्चना के कमरे में जाकर देखूं वो बंद था।

तभी मैंने दरवाजे पर अपने कान लगाए तो मुझे हल्की हल्की आवाज़े सुनाई दी और मैंने जब गोर से सुना तो वो आह्ह्ह उुउउहह ईएआआह हाँ ओह्ह्ह बेबी चोदो मुझे की जैसी आवाज़े लगी। तभी में समझ गया कि यह ज़रूर वो ब्लूफिल्म वाली सीडी देख रही है और में कुछ ना करते हुए वापस कमरे में गया और एक और बार मूठ मार कर सो गया। फिर जब सुबह उठा तो अर्चना तैयार होकर जा रही थी। मैंने उसकी तरफ देखा तो उसकी आँखो में एक अजीब सी हवस दिखी वो मुझे देखकर हंसी मुझे थोड़ा सा अजीब लगा.. क्योंकि मैंने उसे आज तक इतना गौर से कभी भी नहीं देखा था और ऐसा लगभग 2-4 दिनों तक चलता रहा.. अब मेरा नज़रिया बदल चुका था और अब में उसे हवस भरी निगाहों से उसके पूरे बदन को देखता था। वो भी बहुत हवस में आ गई थी लगता है ब्लूफिल्म की वजह से।

तभी एक दिन में उसके बारे में सोच रहा था तो मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे मूठ मारने का मन किया तो में अपना लोवर नीचे करके नंगा हो गया और मूठ मारने लग गया। में मूठ मारने में इतना मग्न हो गया कि पता ही नहीं चला कि मैंने गेट खुला छोड़ दिया है और ना जाने अचानक वो कहाँ से आ गई और सहमी सी खड़ी मुझे देखती रही थी। में अब झड़ने ही वाला था तो में उठा और बाथरूम में झड़ने के लिए जाने लगा.. लेकिन अचानक सामने उसे देख मेरी फट गई। वो मेरे लंड को देखे जा रही थी जैसे अभी खा जाएगी। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा और मैंने फर्श पर ही झाड़ दिया। यह सब देख वो मुस्कुराई और मेरे पास आकर कहने लगी कि भैया आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले.. यह सब क्या है? और उसने मेरे गालो पर किस किया..

मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया.. उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और कहा कि भैया आज रात को आप मेरे कमरे में आ जाना.. आपको कुछ दिखना है। तभी मैंने कहा कि क्या? तो उसने कहा कि सर्प्राइज़ है और फिर वो मेरे लंड की और देखकर बोली कि आपके लंड के लिए। तभी मैंने कहा कि मैंने फर्श पर ही झाड़ दिया यह सब देखकर क्या तुम्हे अजीब सा नहीं लगा? फिर उसने कहा कि नहीं भैया.. बल्कि मुझे तो बड़ा मज़ा आया और यह कहकर उसने झड़ा हुआ माल फर्श से चाटकर साफ किया और रात को आने को कह कर चली गई और में रात होने का इंतजार कर रहा था।

फिर रात होते ही जब सब सो गए तो में उसके कमरे में गया दरवाजा खुला था और में अंदर चला गया और मैंने अंदर जाकर दरवाजा बंद कर दिया। तभी मैंने उसे देखा तो वो एक पारदर्शी नाईटी में बेड पर लेटी हुई ब्लूफिल्म देख रही थी और में बहुत हैरान था मैंने उसे आवाज़ लगाई।

में : कहाँ हो तुम अर्चना।

अर्चना : अरे भैया आ गए आप.. बड़ी देर कर दी आपने आने में.. आ जाओ बैठ जाओ बेड पर।

तभी में बेड पर बैठ गया उसने मुझे ब्लूफिल्म देखने को कहा.. में थोड़ा हैरान था। फिर उसने कहा कि क्या हुआ भैया? तभी मैंने कहा कि कुछ नहीं। उसने कहा कि तो देखो ना और हम दोनों देखने लगे। मैंने उसकी तरफ देखा तो वो बहुत गरम लग रही थी और में भी बहुत गरम था। उसने तभी टीवी बंद किया और मुझसे पूछने लगी कि में आज किस को याद करके मूठ मार रहा था। तभी उसके मुहं से ऐसी बातें सुनकर मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा और उसने कहा कि बताओ ना भैया.. क्या आप अपनी बहन को नहीं बताओगे? तभी मैंने पूछा कि तुझे ये सब कैसे पता तो उसने कहा कि इस उम्र में इतना तो चल ही जाता। फिर मैंने कहा कि तुझे याद करके तो वो थोड़ा शरमाते हुए मुस्कुराई और कहा कि क्या भैया आप भी ना.. में तो यहीं पर हूँ आपके साथ ही तो मुझे याद करके मुठ क्यों मारा करते हो? तभी मैंने कहा कि मुझे तेरा जिस्म बहुत पसंद है। फिर उसने कहा कि अगर ऐसा था तो कहा क्यों नहीं?

तभी मैंने कहा कि मुझे डर था कि कहीं तू नाराज़ होकर घर में सभी को ना बता दे इसलिए। फिर अर्चना ने कहा कि ओहो भैया आप भी ना.. इतना क्यों डरते थे? फिर मैंने कहा कि अर्चना तू मुझे बहुत पसंद है और में तुझे प्यार करना चाहता हूँ। तभी उसने कहा कि भैया तो करते क्यों नहीं हो? में भी तो कब से यही चाहती थी और उसके ग्रीन सिग्नल मिलने के साथ ही मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके लाल होठों को चूमना शुरू कर दिया। वो भी मेरा साथ दे रही थी। उसके होंठ एकदम गुलाब की पंखुड़ियों की तरह लग रहे थे और में उसे चूमे जा रहा और उसकी जीभ को चूस रहा था।

वो भी यह सब करके मेरा साथ दे रही थी और फिर मेरा लंड खड़ा होकर मेरे पाजामे में टेंट बन चुका था। फिर मैंने धीरे धीरे उसके कपड़े खोलने शुरू किए और उसके बूब्स को उसकी ब्रा से आजाद किया और उन्हें पकड़ कर सहलाने लगा और चूमने लगा क्या मस्त बूब्स थे उसके.. एकदम सेक्सी बड़े बड़े.. फिर में धीरे धीरे उसकी पेंटी तक पहुंचा और मैंने उसे भी खोलकर दूर हटा दिया और उसकी चूत को देखने लगा। तभी वो बोली कि क्या देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी? और फिर में अपने मुहं को उसकी चूत के पास ले जाकर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया और जीभ से चोदने लगा।

तभी करीब दस मिनट बाद मैंने उसके दोनों पैरो को फैलाकर अपना लंड चूत पर सेट किया और अचानक से एक जोर का धक्का दिया और फिर वो जोर से चीख पड़ी। तभी मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालकर धीरे धीरे चोदने लगा.. लेकिन वो दर्द से अपनी आंखे बंद करके मुझे जोर से पकड़कर चुपचाप पड़ी रही और कहने लगी कि भैया और जोर से चोदो मुझे.. कर दो आज मुझे पूरा.. दो मुझे आज चुदाई का पूरा मजा.. लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी और चूत से खून भी निकलने लगा था.. क्योंकि वो अभी तक वर्जिन थी। तभी में उसे स्पीड बड़ा कर चोदे जा रहा था और उसे जबरदस्त धक्को के साथ चोदने लगा और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में उसकी चूत में झड़ गया और अपना पूरा वीर्य चूत में छोड़कर उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसके बूब्स को चूसने लगा।

फिर वो मुझे अपनी बाहों में लेकर कहने लगी कि भैया थेंक्स। आज आपने मुझे चुदना सिखा दिया.. वरना में तो बस ब्लूफिल्म देखकर ही मजे लेती रहती और फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में लिया और बड़े मजे से चूसने लगी। फिर उसने चूसकर पूरा लंड साफ किया और अपने कपड़े पहनने लगी। उसके बाद मैंने उसे बहुत बार चोदा और उसकी चूत के मजे लिए और उसे भी चुदाई का सही मतलब सिखा दिया। तो दोस्तों यह थी मेरी चुदाई भरी कहानी ।।


मेरी क्लासमेट ज़ारा की चुदाई

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मैं एक कंपनी मे हू पर ये तब की बात है जॉब मैं फाइनल एअर का स्टूडेंट था, हमारी क्लास मे टोटल 66 स्टूडेंट्स थे जिनमे 22 गर्ल्स थी. उन्ही मे से एक थी ज़ारा, जब हमारी रिपोर्टिंग हुई तो उसे मैने पहली बार देखा त और सोचा था की इसे तो मैं आपनी गर्लफ्रेंड बनौँगा चाहे कुच्छ भी करना पड़े.

हमारी 1स्ट्रीट एअर की क्लासस स्टार्ट हुई,मैने 1स्ट्रीट दे से ही क्लास लेना स्टार्ट कर दिया थे क्योंकि मैं कोई चान्स नही लेना चाहता थे की कोई और ज़ारा पर दूरे डाले, वो 4 दिन बाद कॉलेज आई. कुछ दिन बाद रेजिंग के डॉरॅन मेरे एक सिनिओर ने मुझसे पूछ की मुझे क्लास मे सबसे ज़्यादा पसन कोन सी लड़की है तो मैने कहा की ज़ारा, बस मैने तो इतना ही कहा था और मेरे गाल पर एक जोरदार छाँटा पड़ा, बाद मे मुझे पता चला की वो उस सीनियर की कज़िन है. अब तो मेरा इरादा और पक्का हो गया क्योंकि मुझे उसकी वजह से छाँटा भी प़ड़ चुका था.

ज़ारा से मैं क्लास मैं थोड़ी बहुत बाते कराता था, हालाँकि मैं शुरू से ही को-एड स्कूल्स मैं पड़ा हू लेकिन कभी मैने लड़कियो को भाव नही दिया क्योंकि मैं क्लास का 2न्ड टॉपर था और लड़किया खुद ही मेरे पास आती थी. यहा की बात ही कुछ और थी, कॉलेज का 1 फ्रेंडशिप दे था सभी एक दूसरे को बंद बाँध रहे थे, मैं फ्रेंडशिप बंद लेकर ज़ारा के पास गया और उसे वो आक्सेप्ट करने के लिए कहा.

उसने मुझे देखा, उस बंद को देखा और कहा “हाउ डरे उ तो प्रपोज़ मे फॉर फ्रेंडशिप” क्या हो तुम. उसने सारी क्लास के सामने मुझसे ऐसा कहा, मुझे उस वक़्त इतना बुरा लगा की क्या बताउ, मेरी इतनी बेइज़्ज़ती कभी नही हुई थी. तब तक मैं सिर्फ़ ज़ारा से दोस्ती करना चाहता था, उसे चोदूगा या और कुछ ऐसी कोई चाहत नही थी मेरी लेकिन उस दिन मैने सोच लिया की इस दिन का बदला मैं ज़रूर लंग. उसके बाद मेरे कई अच्छे दोस्त बन गये, लड़किया भी थी क्योंकि मैं हमेशा पड़ाई मे और प्रॅक्टिकल्स मे सबकी मदद कराता था.

अब हम 2न्ड एअर मे आ गये, हमारे क्वालिटी ग्रूप बने तो उसमे ज़ारा भी थी, ई वाज़ थे मोस्ट इंटेलिजेंट स्टूडेंट ऑफ और ग्रूप, अब सबको मेरी हेल्प चाहिए होती थी, मैं सबकी हेल्प कराता था ख़ासकर प्रॅक्टिकल्स मे ज़ारा की भी कराता लेकिन उससे उस दिन के बाद कभी बात नही की थी, इस बार फ्रेंडशिप दे पर ज़ारा ने मुझे प्रपोज़ किया, लेकिन मैने उसे माना कर दिया, लेकिन मेरे क्वालिटी ग्रूप मेंबर्ज़ के कहने पर मैने बंद बँधवा लिया लेकिन बात तब भी नही की, वक़्त सारी बातो को भुला देता है, हम सभी सबकुछ भूल कर मस्ती और पड़ाई करने लगे अब ज़ारा मेरी गर्लफ्रेंड बन चुकी थी और सारा कॉलेज इस बात को जानता था. सेप. 20, 2003 मैने ज़ारा से मेरे साथ मेरे मामा की लड़की की शादी मैं चलने को कहा तो उसने हा कर दिया, बाकी फ्रेंड्स भी हमारे साथ थे, यहा एक बात बठाना चाहूँगा की हम दोनो ही हॉस्टिल मैं रहते थे,

26 सेप. को हम मेरे मामा जी के घर पर थे हम कॉलेज से 18 दिन की लीव लेकर आए थे, टीचर्स से कॉंटॅक्ट होने के कारण कोई परेसानी नही थी, शादी 29 सेप. की थी, मस्ती मैं शादी कंप्लीट हो गयी, उसके बाद मेरे सारे फ्रेंड्स आपने होमटाउन चले गये, ज़ारा ने भी कहा तो मैने उसे नही जाने दिया, उसे मैं आपने होमे टाउन के आया, मेरे सारे फॅमिली मेंबर्ज़ अभी मामा के यहा ही थे और अगले 5 दिन तक नही आने वाले थे, मैने पड़ोस की आंटी से के ली और सीधा सीधा बेड पर जाकर गिरा, ज़ारा ने हम दोनो के लिए चाय बनाई,मैने उसे सारा घर दिखाया और नहाने चला गया, ज़ारा कंप्यूटर पर सॉंग्स सुन रही थी. मैं बात लेकर बाहर आया तो देखा की ज़ारा का गोरा चेहरा एक दम लाल हो रा था और वो तेज तेज साँसे ले रही थी, जब मैने पूछा की क्या हुआ तो उसने कहा कुछ नही और तेज़ी से कपड़े लेकर बाथरूम चली गयी, मेरी समझ मे कुच्छ भी नही आया, उसने सॉंग्स बंद कर दिए थे,

मैने सोच की मैं सॉंग्स स्टार्ट कराता हू, जैसे ही मैने विंडोस मीडीया प्लेयर ओपन किया उसमे जो फाइल ऑलरीडी स्टोर थी वो प्ले हो गयी और उसे देखते ही मेरी समझ मे सबकुछ आ गया, आक्च्युयली तट कंप्यूटर इस फॉर माई यंगर ब्रदर, उस पर ब्लू फिल्म लोड थी, फिर मैने देखा तो वो सारी क्लीपिंग्स थी जो हॉलीवुड मूवीस मैं होती तो है लेकिन जब उन्हे एशिया मे रिलीस करते है तो हटा देते है, अब मुझे मज़ा आने लगा था और जूनियर पर हँसी भी आ रही थी लेकिन वो भी तो लड़का है, वो व्ह सोचता आयी, मैं उन्हे देखता रहा एक से एक क्लिप था, अचानक मुझे ध्यान आया की बहुत देर हो गयी लेकिन ज़ारा अभी था बात लेकर नही आई, मेरा लंड तो टाइट होना ही था वो था, आक्च्युयली अब मैं सोच रहा था क्यो नही ज़ारा को चोदा जाए, घर मे हम दोनो ही थे कोई ड्ऱ नही था, वो भी एग्ज़ाइटेड थी इधर मैं भी था. मैं चुपके से बहटरूम के पास गया लेकिन वाहा कोई साउंड नही था, एक बार सोचा की ज़ारा को आवाज़ डॉन, लेकिन मैने धीरे से दरवाज़े पर हाथ रखा तो वो खुल गया यानी अंदर से लॉक नही था,

मैने देखा ज़ारा आपने पर फेलकर बैठी है और आपनी चुत को रग़ाद रही है,मेरा लंड पहले से ही टाइट था इस सीन को देखकर तो वो हाफ पेंट से बाहर आने को तड़पने लगा, मैने कुछ भी नही सोचा और सारे कपड़े बाहर ही उतारकर एकदम से अंदर गया, ज़ारा मुझे देखार एक दम चोणकी लेकिन मुझे भी नंगा देखकर उसने आपना मूह दूसरी तरफ कर किया, ई साइड: क्या हुआ मेरी जान तुम भी नंगे हम भी नंगे तो शर्म कैसी, ज़ारा: बदमाश बाहर जाओ, ई साइड: नही ज़ाऊगा मैं तो तुम्हे प्यार करूँगा बोलो क्या करोगी, ज़ारा: तो मैं भी तुम्हे प्यार करूँगी मैने उसे आपने सिने से लगा लिया और उसे गले एप्र किस करने लगा. ज़ारा: प्ल्ज़ मुझे और मत तड़पाव, इतनी देर से तो तुम्हारा इंतेज़ार कर रही हूँ, मैं उसके लिप्स को किस करने लगा और उसकी चुत पर आपना हाथ फिरने लगा, वो पूरी तरह एग्ज़ाइटेड थी. उसने आपने हाथ जोड़कर कहा प्ल्ज़ मुझे और मत तड़पाव, अगली बार जब करो तो चाहो जैसे करना पर इस बार मेरी चुत मे आपना लंड डाल कर इसकी खुजली मिटा दो वरना मैं पागल हो जौंगी.

ठीक है मैने कहा और उसे बाथरूम के गीले फर्श पर लिटा दिया,उसकी चुत पर छोटे बाल उगे हुए थे लग रहा था की उसने कुछ दिल पहले ही शेविंग की है, मैने आपने लंड को पकड़ा और उसकी चुत पर टीका दिया,और हल्का सा आयेज दबाया लेकिन मेरा लंड फिसल कर नीचे चला गया, पफिर मैने कुछ सोचा और वाहा न्यू एअर पॉंड्स करीम लाया और उसे आपनी फिंगर पर लेकर उसकी चुत मे लगाया और थोड़ी आपने लड़ पर भी लगाई, मैने उसकी दोनो पर आपने कंधो पर रख लिए, उसने आपने दोनो हॅंड्ज़ से आपने चुत के मुहाने को .और वाइड करने की कोशिस की, एक बार फिर मैने आपना लंड ज़ारा की चुत पर टीक्या और कहा डालो क्या, उसने कहा हाँ तो मैने एकदम ज़ोर से शॉट मारा और ऑलमोस्ट 1.5 इंच लंड घुसा लेकिन वो एक दम से चिल्लाने लगी ओह मम्मी मार गयी..प्ल्ज़ ज़ैन निकालइसे बाहर वरना मार जौंगी मैं..प्ल्ज़ मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हू निकालो इसे…मुझे नही चुदयाना,

उसकी आँखो मैं आँसू आ गये, मैने सोच की अगर इस बार निकल लिया तो ये दुबारा डालने ही नही देगी, इसलये मैने कहा ठीक है निकलता हू, और उसके बूब्स को दबाने लगा और उसके लिप्स को किस करने लगा. आफ्टर ऑलमोस्ट 2 मीं. ज़ारा थोड़ी रिलॅक्स हुई तो मैने लंड को थोड़ा हिलाया लेकिन वो . माना करने लगी मैने कहा अरे मैं डाल नही रहा निकल रहा हू, जैसे ही उसने आपनी बॉडी को रिलॅक्स किया मैने एकदम जोरदार शॉट मारा और मोरे तन वन थर्ड लंड अंदर चला गया. आआहह….मार डाला मुझे….ओह मम्मी….मैने तुम्हे माना किया था ना मत डालना….लेकिन तुम नही माने ….बहुत दर्द हो रहा है…..मैं मार जौंगी……ओह मा मार डाला इसने मुझ……… ऐसे चिल्लाने लगी और रोने लगी तो मैने सोचा की शायद बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है और मैने आपना लंड बाहर निकाला इसके लिए भी मुझे ज़ोर लगाना पड़ा था, जैसे ही मेरा लंड बाहर आया उसे देखार मेरी तो जान ही निकल गयी क्यॉंके मेरा पूरा लंड खून से भरा हुआ था और ज़ारा की चुत से भी खून . रहा था,

उसे देखते ही,…..ओह माई गोद तुमने मेरी चुत फाड़ दी…देखो कितना ब्लड आ रहा है…..आअहह…..ऊऊहह….ओह मम्मी. और फिर रोने लगी, मैने फिर से उसके लिप्स चूसना और बूब्स दबाना स्टार्ट किया इस बार उसने मुझे आपना लंड दुबारा नही डालने दिया लगभग 15-20 मीं. बाद वो रिलॅक्स हुई तो मैने लंड फिर घुसना चाहा तो उसने कहा ज़ारा: नही मुझे नही चुदयाना मेरी जान निकल दी तुमने ई साइड: पहले तो बोल रही थी चोदा वरना मैं मार जौंगी, पागल हो जौंगी, ज़ारा: मुझे क्या पता था की इतना दर्द होता है ई साइड: ओक अब मैं धीरे से घुसौंगा और दर्द भी नही होगा, अगर हुआ तो स्टार्ट मे थोड़ा सा होगा फिर तुम्हे जन्नत का मज़्ज़ा आएगा, जैसे तैसे मैने उसे मनाया और सोच लिया इस बार नही मानूँगा, मैने दुबारा करीम लगाई और लंड को ज़ारा की ब्लड से भारी चुत पर रखा और आपने पूरे दूं से धक्का मारा,…

ज़ारा की आँखे बाहर होने को आई वो ऐसे तड़पने लगी जैसे फिश को पानी से बाहर नकालने पर वो तड़पाती है, उसने छूटने की बहुत कोशिस की लेकिन मैने उसे जाने नही दिया और उसके लिप्स पर आपने लिप्स रखकर स्ट्रोक लगाने लगा, वो रोने लगी लेकिन मैं नही माना 3-4 मीं बाद वो रिलॅक्स लगने लगी तो मैने आपने लिप्स उसके लिप्स से हटाए लगता है आज मुझे मारकर ही मनोगे……तुम सेक्स कर रहे हो या रेप कर रहे हो….हटो वरना मैं चिल्लौंगी.लेकिन मैने कुछ नही कहा और स्ट्रोख्क्स लगाना जारी रखा , थोड़ी देर बाद ज़ारा को भी मज़ा आने लगा था….और अंदर डालो…मेरी चुत के टुकड़े कर दो…..ओह मेरे राजा, मुझे क्या पता था चुदाई मैं इतना मज़ा आता है….और ज़ोर से ..मेरी चुत को भोसड़ी बना डालो….चोदो मुझे..और ज़ोर से धक्का मरो इस तरह से वो चिल्लाने लगी, घर मे कोई नही था इसलिए हमे किसी तरह की कोई प्रेशानि नही थी.

अचानक ज़ारा बोली अब मैं चोदूँगी तुम्हे और वो मुझे नीचे लिटा कर खुद मेरे उपर आ गये और ज़ोर ज़ोर से शॉट लगाने लगी, वो उपर से शॉट लगा रही थी और मैं नीचे से ऐसा लग रहा था जैसे कोई कोम्पतेटिओं चल रहा है ..ओह मेरे राजा मेरे ज़ैन….ऐसा लग रहा है जैसे मैं हेवेन मे हू…चोदो मुझे… वह मेरे राजा आज मेरी चुत को फाड़ ही डालो…. सडन्ली ई फील ई आन कमिंग. मैने ज़ारा को नीचे पटका और तूफ़ानी रफ़्तार से शॉट मरने लगा. सडन्ली ज़ारा एकदम मुझसे चिपक गयी मैं समझ गया की ऐसा क्यो हुआ है, एक दो शॉट के बाद मैं भी खल्लास हो गया. हम दोनो वही फर्श पर लेते रहे….. शाम हो चुकू थी इसलिए हम रात का प्रोग्राम सेट करने लगे.. रात को मैने ज़ारा की गांड भी मारी……

मौसी की आग बुझाई

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Mausi Ki Aag Bujhai :

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरा घर भुवनेश्वर का नयापल्ली में है और इस स्टोरी की हिरोइन मेरी मौसी है। मेरी उम्र 31 साल है और में शादीशुदा हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच और स्लिम फिट बॉडी है, मेरे लंड का साईज़ 5 इंच लम्बा है। ये बात 8 नवम्बर 2015 की है, जब में अपने घर में अकेला था और बोर हो रहा था तो मैंने सोचा कि कुछ घर की सफाई कर ली जाए तो में घर की सफाई कर रहा था क्योंकि दीवाली जो आने वाली थी।

तभी मेरी मौसी मेरे घर आई तो मैंने जैसे ही उन्हें देखा तो बस देखता ही रह गया। उसने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी, उस पर उसका गोरा चिट्ठा सा रंग निखर रहा था। फिर मैंने उनसे कहा कि आइए  आपका स्वागत है, तो वो अंदर आ गई और सोफे पर बैठ गई। अब में आपको थोड़ा मौसी के बारे में बता दूँ, उनका जून 2013 में तलाक हो चुका है और उनके एक 10 साल का लड़का भी है, लेकिन क्या बताऊँ? वो आज भी क़यामत है। जब वो चलती है तो उनकी गांड में अजीब सी लचक आती है और फिगर साईज तो मानो 36-30-34 है। फिर उसने पूछा कि घर पर कोई नहीं है क्या? तो मैंने कहा कि सब बाज़ार गये हुए है, थोड़ी देर में आ जाएगें। अब में सफाई कर रहा था तो में थोड़ा ऊपर था और वो मेरे ठीक नीचे आकर बैठ गई, जिससे मुझे उसकी दूध भरी चूची की गहराई साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी।

फिर मैंने जानबूझ कर रंग की कुछ बूंदे उनके स्तन पर गिरा दी, ताकि वो जाकर कपड़े साफ करे और मुझे उनकी चूची देखने को मिले। फिर वो थोड़ा सा चिल्लाते हुए बोली कि क्या करता है? थोड़ा देखकर रंग लगा तो मैंने उनसे कहा कि आप बैठे ही ऐसी जगह पर है जहाँ पर रंग तो गिरेगा ही, वैसे आपको एक बात बताऊँ ये रंग गिरने से आप बहुत सुंदर दिख रही हो। तो उसने हट कहा और हँसते हुए बाथरूम की और जाने लगी। फिर वो थोड़ी देर में वापस आई। अब उसने अपनी ड्रेस भी चेंज कर ली थी और कहने लगी कि लाओ में भी तुम्हारा हाथ बटा दूँ। फिर मैंने कहा कि रहने दीजिए, लेकिन वो जिद करने लगी और मैंने उनसे कहा कि जैसी आपकी मर्ज़ी। अब वो भी काम कर रही थी, फिर लगभग 1 घंटे के बाद वो थक गई तो वो आराम करने के लिए बेड पर चली गई। फिर मैंने भी आराम करने के लिए काम करना छोड़ दिया। फिर मैंने मौसी से कहा कि चाय पीओगी, तो वो बोली कि ठीक है। फिर मैंने जल्दी ही चाय बना दी, अब जब वो चाय पी रही थी तो उनका आँचल बार-बार नीचे गिर रहा था।

फिर मैंने कहा कि आँचल तो ठीक रखो, तो वो उठकर ठीक करने लगी, लेकिन उनका पल्लू नीचे गिर गया और मेरे मुँह से अचानक निकल गया कि क्या चूची है? तो वो हट कहते हुए कहने लगी कि हाँ तेरे मौसा जी भी ऐसे ही कहते थे, लेकिन अब तो बस। फिर मैंने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि क्या अब आपको उनकी याद नहीं आती? तो वो मुझसे लिपट गई, जिससे उनका स्तन मेरे सीने में रगड़ रहा था। फिर मैंने भी उन्हें अपनी बाँहो में ले लिया और उनके गले पर किस कर दिया। अब वो भी अपने आपको फ्री करते हुए मुझे किस करने लगी थी। फिर मैंने कहा कि मौसी क्या आपको मौसा जी के बिना रात अच्छी लगती है? तो वो नहीं का जवाब देते हुए कहने लगी कि आज तूने एक औरत को जगाया है। तो मैंने उन्हें अपनी बाँहो में उठाकर बेड पर प्यार से रखा और कहा कि क्या आपको अपनी इच्छा का कोई ख्याल नहीं है? तो वो बस रोने लगी।

फिर मैंने उन्हें शांत किया और धीरे से उनकी टांगो को सहलाना शुरू कर दिया और उनकी साड़ी को ऊपर करने लगा। अब वो भी कुछ समझ गई थी कि लड़का बड़ा हो गया है और औरत मर्द के रिश्ते को समझता है, तो वो कुछ नहीं बोली और फिर मेरे हौसले बढ़ते गये। फिर मैंने धीरे-धीरे उनकी पूरी साड़ी उतार दी, फिर मैंने उनकी चूची को मसलते हुए उनका ब्लाउज भी उतार दिया। अब उनकी चूची देखकर तो में किस करने लगा, अब उनका निप्पल सख्त हो गया था। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अब में उनकी पेंटी को उतारने लगा था और वो गर्म होने लगी और मैंने धीरे से अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया। अब मेरा लंड तो खड़ा हो गया था, अब मौसी ने मेरे लंड को पकड़ लिया था। फिर मैंने उनकी दोनों टांगो को फैलाते हुए अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया और चाटने लगा। अब उनकी चूत पर मेरी जीभ लगते ही वो पागल सी हो उठी और कहने लगी कि आईईइ प्लीज़ और ज़ोर से किस कर। अब में अपने एक हाथ से उनकी चूची मसल रहा था और अपनी जीभ से उनकी चूत को चाट रहा था।

फिर लगभग 5 मिनट के बाद मैंने उनकी दोनों टांगो को अपने कंधे पर रख लिया। अब मेरे लंड को देखकर मौसी ने कहा कि इतना तो तेरे मौसा का भी नहीं था, अब मत रुक, प्लीज़ मुझे कुछ कर। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के ऊपर रखा और एक हल्का सा धक्का दिया तो मेरा सुपाड़ा उनकी चूत में घुस गया और उसके मुँह से आआहाआ असशह अशसस्स्स्स की आवाज़ आने लगी, क्योंकि उनकी चुदाई पिछले 2 सालों से नहीं हुई थी और उनकी चूत थोड़ी टाईट हो गई थी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, फिर मैंने अपना लंड बाहर निकालकर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा आधा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया और फिर हम दोनों मस्ती में डूब गये। फिर वो उनके हाथ से मेरे कूल्हों को पकड़कर अपनी और खींचने लगी और मेरा लंड पूरा ही उनकी चूत में घुस गया।

अब पूरे कमरे में पच-पच की आवाजे आने लगी थी और अब हम दोनों पूरी मस्ती में आ गये थे। अब मुझे ज़ोर से चोद, आज में बड़े दिनों के बाद चुदी हूँ ऐसी आवाजे आने लगी थी। फिर थोड़ी देर के बाद में झड़ने वाला था, लेकिन मौसी अभी झड़ने वाली नहीं थी तो में उनकी चुदाई रोककर उन्हें किस करने लगा और फिर उनका पानी आने को हो गया। फिर मैंने एक बार में जोरदार धक्का मारकर अपना लंड उनकी चूत में अंदर डाल दिया। अब पच-पच की आवाज के साथ में भी झड़ने वाला था तो मैंने पूछा कि क्या आपका पीरियड टाईम ख़त्म हो गया है? तो वो बोली कि नहीं। फिर मैंने कहा कि अंदर गिरा दूँ तो उन्होंने कहा कि गिरा दे और मैंने पूरे जोश में पच-पच की आवाज के साथ उनकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया। अब हम दोनों बहुत मज़े ले रहे थे, फिर में उनके ही ऊपर ही लेट गया और उन्हें किस पे किस करता रहा। फिर मौसी ने कहा कि सचमुच तुम बहुत अच्छा चोदते हो और में तुझसे चुदकर धन्य हो गई ।।

धन्यवाद …

दीपा मैडम

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Deepa Madam : बाद मुर्दन के जन्नत मिले ना मिले ग़ालिब क्या पता
गाण्ड मार के इस दूसरी जन्नत का मज़ा तो लूट ही ले

बाथरूम की ओर जाते समय पीछे से उसके भारी और गोल मटोल नितम्बों की थिरकन देख कर तो मेरे दिल पर छुर्रियाँ ही चलने लगी। मैं जानता था पंजाबी लड़कियाँ गाण्ड भी बड़े प्यार से मरवा लेती हैं। और वैसे भी आजकल की लड़कियाँ शादी से पहले चूत मरवाने से तो परहेज करती हैं पर गाण्ड मरवाने के लिए अक्सर राज़ी हो जाती हैं। आप तो जानते ही हैं मैं गाण्ड मारने का कितना शौक़ीन हूँ। बस मधु ही मेरी इस इच्छा को पूरी नहीं करती थी बाकी तो मैंने जितनी भी लड़कियों या औरतों को चोदा है उनकी गाण्ड भी जरूर मारी है। इतनी खूबसूरत सांचे में ढली मांसल गाण्ड तो मैंने आज तक नहीं देखी थी। काश यह भी आज राज़ी हो जाए तो कसम से मैं तो इसकी जिन्दगी भर के लिए गुलामी ही कर लूं।
इसी कहानी से……

हमारी शादी को 4-5 महीने होने को आये थे और हम लगभग रोज़ ही मधुर मिलन (चुदाई) का आनंद लिया करते थे। मैंने मधुर को लगभग हर आसन में और घर के हर कोने में जी भर कर चोदा था। पता नहीं हम दोनों ने कामशास्त्र के कितने ही नए अध्याय लिखे होंगे। पर सच कहूं तो चुदाई से हम दोनों का ही मन नहीं भरा था। कई बार तो रात को मेरी बाहों में आते ही मधुर इतनी चुलबुली हो जाया करती थी कि मैं रति पूर्व क्रीड़ा भी बहुत ही कम कर पाता था और झट से अपना पप्पू उसकी लाडो में डाल कर प्रेम युद्ध शुरू कर दिया करता था।

एक बात आपको और बताना चाहूँगा। मधुर ने तो मुझे दूध पीने और शहद चाटने की ऐसी आदत डाल दी है कि उसके बिना तो अब मुझे नींद ही नहीं आती। और मधुर भी मलाई खाने की बहुत बड़ी शौक़ीन बन गई है। आप नहीं समझे ना ? चलो मैं विस्तार से समझाता हूँ :
हमारा दाम्पत्य जीवन (चुदाई अभियान) वैसे तो बहुत अच्छा चल रहा था पर मधु व्रत त्योहारों के चक्कर में बहुत पड़ी रहती है। आये दिन कोई न कोई व्रत रखती ही रहती है। ख़ास कर शुक्र और मंगलवार का व्रत तो वो जरूर रखती है। उसका मानना है कि इस व्रत से पति का शुक्र गृह शक्तिशाली रहता है। पर दिक्कत यह है कि उस रात वो मुझे कुछ भी नहीं करने देती। ना तो वो खुद मलाई खाती है और ना ही मुझे दूध पीने या शहद चाटने देती है।

लेकिन शनिवार की सुबह वह जल्दी उठ कर नहा लेती है और फिर मुझे एक चुम्बन के साथ जगाती है। कई बार तो उसकी खुली जुल्फें मेरे चहरे पर किसी काली घटा की तरह बिखर जाती हैं और फिर मैं उसे बाँहों में इतनी जोर से भींच लेता हूँ कि उसकी कामुक चित्कार ही निकल जाती है और फिर मैं उसे बिना रगड़े नहीं मानता। वो तो बस कुनमुनाती सी रह जाती है। और फिर वो रात (शनिवार) तो हम दोनों के लिए ही अति विशिष्ट और प्रतीक्षित होती है। उस रात हम दोनों आपस में एक दूसरे के कामांगों पर शहद लगा कर इतना चूसते हैं कि मधु तो इस दौरान 2-3 बार झड़ जाया करती है और मेरा भी कई बार उसके मुँह में ही विसर्जित हो जाया करता है जिसे वो किसी अमृत की तरह गटक लेती है।

लैब में मैडम को चोदा

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Lab Mein Madam Ko Choda : मेरी मैडम बेहद खूबसूरत दिलदरिया और गाँड समुंदर!! हाँ कुछ ऐसा ही कह सकता हूँ मैं अपनी बीएड की लेक्चरर रुख़साना मैडम के बारे में। खूबसूरत, सांवली, सलोनी, पावरोटी की तरह फ़ूली गाँड और पपीते के तरह मोटे चूंचे उनकी पर्सनालिटी को चार चाँद लगाते थे। मजेदार गुदाज हुस्नो शबाब की मल्लिका और कोयल के कंठ से फ़ूटती सेक्सी आवाज की तरह कूहूकने वाली रुख़साना मैडम को चोदने के लिये उनके छात्रों का मन हर सेमेस्टर में बेकरार रहता था। जब अपने बाल झटक के सामने वाले पर जादू कर के वो पलट के मुसकरा के चल देती, उनकी गाँडके गोले एक दूसरे पर चढते हुए सामने वाले पर सेक्स का कीचड़ उछालते मजाक उड़ाते और अगला आदमी हाथ में अपने लंड को पकड़ कर बैठ जाता। रुख़साना मैडम पैंतीस-छत्तीस साल की थी लेकिन पच्चीस-छब्बीस से ज्यादा की नहीं लगती थी। हमेशा फ़ैशनेबल कपड़ों के साथ सैंडल और एक्सेसरिज़ पहनती थी।
रुख़साना मैडम दो दफ़ा तलाक़शुदा थीं और उनकी ऐय्याशियों के किस्से भी आम थे की वो एक नंबर की चुदक्कड़ और लंडखोर औरत थी। उनकी ऐसी रेप्यूटेशन थी की वो उभयलिंगी (बॉयसेक्ज़ुअल) थीं और कईं मर्दों के अलावा औरतों के साथ भी उनके शारिरिक संबंध थे। रुख़साना मैडम के बारे में ये भी अफ़वाह थी कि गत वर्षों में कुछ छात्रों और छात्राओं के साथ भी उनके अवैध संबंध रहे हैं लेकिन वो हर किसी को घास नहीं डालती थी और काफी च्यूज़ी थीं।
मेरी उम्र बाईस साल थी और बीएड के दूसरे सेमेस्टर में सायकोलोजी की मेरी पहली क्लास थी और सामने अगले बेंच पर मैं बैठा हुआ था। जैसे ही रुख़साना मैम अंदर घुसीं सारे छात्र-छात्राएँ खड़े हो गये। खड़ा तो मैं भी होने वाला था लेकिन मुझसे पहले मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने तुरंत अपने हाथों से अपनी जींस को दबाया और हक्का बक्का रह गया जब देखा कि सामने खड़ी रुख़साना मैडम मेरी इस फ़्रस्ट्रेशन को देख कर मुस्करा रही है। मैंने किताब उठायी। अपनी जिप के आगे वाले हिस्से को ढका और धम्म से बेंच पर बैठ गया। वो साइकालोजी की टीचर थी। लेक्चर स्टार्ट हुआ और जैसे ही उन्होंने कहा, “सायकोलोजी मन का विज्ञान है…!” मैं समझ गया कि ये मेरे मन की बात तो जान ही गयी होंगी। मैं उन्हें एकटक देख रहा था और वो भी तिरछी नजरों से शायद मेरी हाइट को निहार रही थी जो छ: फ़ीट तीन इंच है और मेरा बदन भी कसरती है।
क्लास खत्म होने के बाद लैब थी और साइकोलोजी लैब में सभी को एक टेस्ट करने को दिया गया था। ख़ुशक़िस्मती से मेरी इंस्ट्रक्टर वही थी – रुख़साना मैम। अलग-अलग साउंड प्रूफ़ केबिन में ये टेस्ट करना था। हम दोनों प्रैक्टिकल के लिये एक केबिन में अंदर घुसे। अंदर घुसते ही मुझे उसके बदन की सुंदर ख़ुशबू मदहोश करने लगी। हम दोनों आमने-सामने बैठे थे और बीच में एक टेबल थी। उन्होंने कहा, “टेस्ट निकालो!” तो मैं उन्हें देखता रहा। दो दफ़ा तलाक़शुदा मैडम पैंतीस साल के करीब होंगी पर खुद को बेहद मेंटेन कर रखा था। मेरा लंड फ़नफ़ना रहा था। सामने उनके चूंचे इतने भारी थे कि उनके कसे हुए लो-कट ब्लाऊज़ में से उछलकर बाहर आने को तैयार थे और लाल-लाल होंठों पर लिप ग्लॉस उन्हें चूत के अंदरुनी दीवारों की तरह पिंक बना रहा था। थोड़ी देर के लिये मैं कल्पना करता रहा कि ये कोई चूत ही है। उन्हें भी मेरे जज़्बातों का एहसास हो गया था की ये लड़का दिल ही दिल में उन्हें चोदने के ख़्वाब देख रहा है।
उनके हावभाव से वो भी बेकरार नज़र आ रही थी। टेबल के नीचे से उनकी उँची हील वाली सैंडल का सिरा सीधा मेरी जींस की जिप से लंड पे टकराया। मेरे को जैसे चार सौ चालीस वोल्ट का झटका लगा। मैडम मुझे पहले ही दीवाना बना चुकी थी और मेरे पहले से तने हुए लंड का लहू तो वैसे भी गरम हो चुका था। सैंडल की रगड़ से लंड का लावा निकलने वाला था। रुख़साना मैडम अदा से मुस्कुराते हुए बोली “सौरी!” लेकिन अपना सैंडल मेरे लंड से दूर नहीं हटाया और हल्के-हल्के मेरा लंड रगड़ती रहीं। अब तक इतना तो मैं समझ ही गया थी की उनकी चूत भी गरम हो चुकी थी और जो कुछ भी इस राँड के बारे में सुना था वो सब सच था। उनके सैंडल की रगड़ से मेरा लंड बुरी तरह से अकड़ गया था। मेरी फ़्रस्ट्रेशन देखकर रुख़साना मैडम अंजान बनते हुए बोली, “क्या हुआ? चोट तो नहीं लगी!” जबकि ये सब तो उन्होंने जान बूझ कर ही किया था। मैं भी ये मौका गंवाना नहीं चाहता था तो मैंने टेबल के नीचे हाथ लगा कर उनका पैर पकड़ लिया और सहलाते हुए जवाब दिया, “नहीं नहीं मैम… मुझे नहीं लगी लेकिन आपके पैर में दर्द हो तो मसाज कर दूँ?” ये कहते हुए मैं साईड से उनके पैर और सैंडल के बीच में उंगली डाल कर उनका तलवा सहलाने लगा और उनके पैरों की उंगलियों के बीच अपने उंगलियों से गरमा गरम मसाज देने लगा।
हम दोनो ही एक दूसरे को चोदने की फ़िराक में थे और अंजान बन कर एकदूसरे को धोखा दे रहे थे। रुख़साना मैडम कुटिल मुस्कान के साथ रसभरी आवाज़ में बोली, “पैर में नहीं लेकिन उपर तक़लीफ हो रही है… जरा सा उपर हाथ लगाओ ना!”
मैंने कहा, “कहाँ मैडम?” तो उन्होंने अपनी साड़ी और पेटीकोट ऊपर सरका कर अपनी चिकनी जांघ की तरफ़ इशारा करके आँख मारते हुए कहा – “यहां!” मैंने उनकी सुडौल जांघ पर हाथ फिराया। मस्ती का ज्वर छा रहा था मेरे लौड़े पे। सीधा एक बार हाथ लगाने की देर थी और जैसे पानी डालो तो गड़ढे में गिरता है वैसे ही मेरा हाथ फ़िसलते हुए उनकी टांगों के बीच चूत के होंठों तक जा पहुंचा। रुख़साना मैडम ने नीचे पैंटी तो पहनी ही नहीं हुई थी।
यही तो चाहती थी वो रांड। उनके मुँह से सिसकारियों निकलने लगी थीं। मैंने उनकी आंखों की गहराई में झांका तो लाल डोरे तैर रहे थे और वो कातिलाना स्माईल मार रही थी। मेरे लौड़े के उपर उनकी जीत पर यह मुस्कान घमंड से भरी थी। मैं उनका नया शिकार जो था।
रुख़साना मैडम कुर्सी से उठ कर खड़ी हुईं और मेरे सामने टेबल पर आकर बैठ गयीं। अगले ही पल रुख़साना मैडम ने झुक कर अपने गरम होंठ मेरे होंठों पर चिपका दिये और वो अपनी जीभ मेरे होंठों के बीच में घुसाने लगी। अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर रुख़साना मैडम उसे घुमा-घुमा कर टटोलने लगी। मेरा लंड तो जींस को फाड़ कर बाहर आने को तैयार हो गया। हम इसी तरह कुछ देर एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल कर चूमते रहे।
रुख़साना मैडम ने जब मेरे होंठों से अपने होंठ अलग किये तो हम दोनों हाँफ रहे थे। सीधे बैठ कर उन्होंने आननफानन अपना ब्लाऊज़ और ब्रा उतार दिये और उत्तेजना में हाँफते हुए मेरा सिर पकड़ कर मेरा चेहरा अपने मम्‍मों पे दबा दिया। मैंने भी देर नहीं की और उनके निप्पल चूसते हुए अपने हाथों से उनके पपीते जैसे मम्मे दबाने लगा। वो जोर-जोर से सिसकारियाँ भरते हुए मेरे बालों में अपनी नर्म उंगलियाँ फिरा रही थी। “उम्म्म… हाँ… वेरी गुड… ऐसे ही…!”
मैं तो फूला नहीं समा रहा था। अपनी और बाकी सभी छात्रों की ड्रीमगर्ल को मैं प्यार कर रहा था। रुख़साना मैडम फिर टेबल से उतर कर खड़ी हुईं और अपनी साड़ी और पेटीकोट उतार कर बिल्कुल नंगी हो गयी। अब मेरे सामने उसकी बिना बालों वाली चिकनी चूत नंगी थी। पैरों में उँची पेंसिल हील के सैंडल पहने बिल्कुल नंगी रुख़साना मैडम का गोरा और संगमरमर सा तराशा जिस्म कयामत ढा रहा था। किसी पॉर्न स्टार की तरह लग रही थी वो। उफ़्फ़ कितना सुगंधित जिस्म था उनका। उनकी भीनी-भीनी महक मेरे नथुनों में घुस रही थी।
रुख़साना मैडम फिर से टेबल पर बैठ गयीं और मुझे खड़ा करके खुद ही मेरी जींस की ज़िप खोलने लगी। मेरी जींस की ज़िप और बटन खोलकर उन्होंने मेरी जींस और अंडरवियर एक साथ मेरे घुटनों तक नीचे खिसका दिये। अकड़ कर लोहे के रॉड की तरह सख्त मेरा लंड जींस की कैद से आज़ाद होकर सीधा खड़ा था। इसी हथियार से रुख़साना मैडम को अपनी गाँड तहस नहस करवानी थी और चूत की बैंड बजवानी थी।
“मममऽऽऽ!” रुख़साना मैडम मस्त बिल्ली की तरह घुरघुराते हुए बोली, “कितनी शान से तन कर खड़ा है तेरा लंड!” उनके मुँह से ‘लंड’ शब्द सुनकर मुझे अच्छा लगा। इसका मतलब वो सही में चालू और चुदक्कड़ औरत थी। अपने हाथों में मेरा लंड पकड़कर रुख़साना मैडम ज़ोर-ज़ोर से सहलाते hue मुठियाने लगी। मेरे लंड से चिकना सा साफ रस निकल रहा था। मेरा लंड मुठियाते हुए वो मेरे लंड का सुपाड़ा अपनी रसभरी अन्नानास जैसी चूत पर रगड़ने लगी। उनकी चूत से भी रस बह रहा था जिससे मेरे लंड का सुपाड़ा भीग कर लथपथ हो गया।
रुख़साना मैडम ने फिर झुककर अपनी चूत के रस से लिसड़े सुपाड़े पर अपने होंठ रख कर अपनी जीभ गोल-गोल फिरा कर चाटने लगी। फिर मेरे लंड को अपने मुँह में अंदर लेकर चूसने लगी लेकिन टेबल पे बैठ के इस तरह झुके हुए लंड चूसने में उन्हें दिक्कत हो रही थी।
इसलिये रुख़साना मैडम पीठ के बल टेबल पे ऐसे लेट गयीं कि उनका मुँह नीचे टेबल के किनारे आ गया। उन्होंने मुझे अपने करीब बुलाया और मेरा लोहे सा सख्त लंड फिर से अपने मुँह में भर लिया। उन्होंने सुपड़-सुपड़ करके चटपटा लौड़ा चूसना शुरु किया । मैं तो मस्ती से झूम उठा और सिसकने लगा। अपने चूतड़ चलाने से मैं खुद को रोक नहीं सका और मेरा लंड रुख़साना मैडम के गले में टकराने लगा। मैंने देखा की रुख़साना मैडम एक हाथ से नीचे अपनी चूत भी सहला रही थीं।
फिर अचानक रुख़साना मैडम मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकल कर बोली, “जब तक मैं तेरा लंड चूसती हूँ… तू भी मेरी चूत चाट!” ये कहते हुए किसी जिमनास्ट की तरह रुख़साना मैडम अपनी कमर उठा कर चक्र की तरह मोड़ते हुए अपनी टांगें मेरे कंधों पर रखकर अपनी चूत को मेरे मुँह के करीब ले आयीं। उनके जिस्म का लचीलापन देख कर मैं हैरान था। उन्होंने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। अब ये 69 पोजिशन की स्पेशल स्टाइल थी। मेरा लौड़ा उनके मुँह में गले तक अंदर था और मेरी जीभ कभी उनकी गाँड और कभी चूत की गहराई नाप रही थी। रुख़साना मैडम सिसकारियाँ निकाल रही थी पर मुँह भरा होने के चलते चिल्लाना असंभव था । पाँच मिनट तक एक दूसरे की चुसाई के बाद हम दोनो चुदाई के लिये तैयार थे।
रुख़साना मैडम केबिन के शीशे का सहारा लेकर आगे झुककर अपनी टांगें चौड़ी करके खड़ी हो गयी। उँची हील की सैंडल पहने इस तरह खड़े होने से उनकी गाँड पीछे निकल कर उठी हुई बहुत सैक्‍सी लग रही थी। “चल जल्दी से घुसेड़ दे अपना लंड मेरी चूत में!” वो मेरी तरफ गर्दन घुमा कर बेक़रारी से बोली! मैंने उनकी कमर पकड़ कर पीछे से उनकी चूत में अपना बड़ा लौड़ा घुसा दिया। अब वो मरमराने लगी थी और उनकी चूत की लिजलिजी पंखुड़ियों को कुचलते हुए मेरा अनाकोंडा जैसा लंड अंदर घुसने लगा। वो काफी चुदी चुदाई औरत थी और शायद इसीलिये मेरे लंड की मोटाई बिल्कुल उसे फ़िट आ रही थी और उसे तकलीफ नहीं हुई। धकपक करते हुए लंड उनकी चूत में अंदर तक घुसेड़ते ही मैंने पीछे से उनकी चूचियाँ कस कर पकड़ लीं। उन्होंने अपनी गरदन पीछे करके अपने होंठ मेरे होंठों से छुआ दिये। चूत, होंठ और चूचियाँ तीनो जगह से मजे लेते हुए उन्होंने जबरदस्त चुदासी हो गयी थी। लंबे मोटे लंड से उनकी चूत भर आयी थी मारे मजे के उनकी आँखें बंद हुई जा रही थी। बीस मिनट तक ऐसी ही घमासान चुदाई के बाद मैंने उनकी गाँड को अपनी सेवाएं दीं और फ़िर अपनी मलाई उन्हें पिला दी। उसके बाद कभी मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। हमेशा अच्छे मार्क्स मिले और मैं हो गया बीएड टापर। जब मन चाहा मैडम को चोदा।

जवानी की झलक दिखलाई

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Jawani Ki Jhalak Dikhlai : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पम्मी है, में राँची झारखंड की रहने वाली हूँ। आज में आप सब लंड वालों को अपनी एक रियल स्टोरी बताने जा रही हूँ, पहले आप मेरी सेक्सी फिगर जान लो, मेरी चूचीयाँ 34 साईज़ की है, क्योंकि अभी मेरी उम्र 21 साल है, मेरी गांड गदराई हुई, लेकिन सिर्फ़ 38 साईज की है। आज में मेरी और मेरा पड़ोसी जिशान की चुदाई की स्टोरी बताने जा रही हूँ। जिशान मेरे बचपन का दोस्त भी है, हम साथ में बड़े हुए है। ये बात 2 साल पहले की है। जिशान अक्सर मुझे गंदी नजरो से देखता है, मुझे पता है कि वो मेरी चूचीयों को घूरता रहता है, लेकिन मैंने उसे कभी मना नहीं किया और उसे मज़ा लेने देती थी।

जब गर्मी का मौसम था और एक दिन में अपने बाथरूम में नहा रही थी और जिशान अपनी छत पर चढ़कर मुझे नहाते हुए देख रहा था। अब मुझे कुछ पता नहीं था और में अपने मज़े से अपनी चूचीयों और चूत को रगड़-रगड़कर नहा रही थी कि तभी मेरी नज़र जिशान से मिल गई, तो में शरमा गई, लेकिन अब जिशान मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था और वो वहीं खड़ा होकर मुझे देख रहा था। अब में नहाने के बाद अपनी ब्रा और पेंटी पहन रही थी और जिशान मेरी गांड और चूत और चूचीयों के दर्शन करके मज़े ले रहा था। फिर में अपने सारे कपड़े को धोने के बाद जिशान की छत पर कपड़े सुखाने चली गई थी, उस टाईम उसके घर पर उसकी माँ भी थी इसलिए उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और में अपने कपड़े डालकर आ गई, लेकिन शाम को जब में अपने कपड़े लेने गई, तो उसके घर पर सिर्फ़ जिशान ही था।

फिर में अपने कपड़े लेने छत पर गई, अब मुझे मेरे सारे कपड़े मिल गये थे, लेकिन मुझे मेरी ब्रा और पेंटी नहीं मिली थी। अब मुझे कुछ शक हुआ कि जिशान ने ज़रूर छुपा दिए होंगे, फिर मैंने जिशान से पूछा कि तुमने मेरे कपड़े छुपाए है? तो उसने कहा कि नहीं, तो मैंने बोला कि मेरी ब्रा और पेंटी नहीं मिल रही है, तो जिशान हँसने लगा और बोला कि हाँ मैंने रखी है, आज जब तुम मुझे अपनी ब्रा और पेंटी पहन कर दिखाओगी तो में तुमको यह दूँगा, नहीं तो अपने मुठ से तेरी ब्रा और पेंटी को खराब कर दूँगा। फिर मैंने कहा ठीक है में पहनकर दिखाऊँगी, लेकिन तुम किसी को कुछ मत बताना कि मैंने ऐसा कुछ किया था। फिर जिशान बोला कि पम्मी जान में किसी को कुछ भी नहीं बताऊंगा, बस मुझे अपनी जवानी की थोड़ी सी झलक दिखा दो ना। उस टाईम मैंने मेक्सी पहनी हुई थी। फिर मैंने अपनी मेक्सी उतार दी, जब मैंने अंदर रेड कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी।

फिर जिशान ने मेरी मदद करके मेरी मेक्सी उतार दी और पीछे से आकर मुझे अपनी बाँहों में भर लिया। अब उसके पजामे से उसका लंड मेरी गांड में चुभ रहा था, लेकिन अब मुझे मज़ा भी आ रहा था। फिर जिशान मेरी चूचीयों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, जिससे में जोश में आने लगी और मौन करने लगी। तो जिशान और जोश में मेरी दोनों चूचीयों को दबाने लगा और फिर धीरे से उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया। अब में ऊपर से पूरी नंगी हो गई थी और जिशान मेरे बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा था। अब मेरी बेताबी और बेचैनी बढ़ने लगी थी, फिर मैंने धीरे से अपने एक हाथ से जिशान का लंड पकड़ लिया और उसके लंड को सहलाने लगी। फिर जिशान ने मुझे ज़मीन पर लेटा दिया और मेरी पेंटी भी निकाल दी, अब में पूरी नंगी हो गई थी। अब जिशान मेरी चूत पर जिस पर बहुत सारे बाल थे, उसे अपने हाथ से सहलाने लगा था और मेरे दोनों पैरो को फैलाकर बीच में बैठ गया था। फिर वो नीचे झुककर मेरी चूत पर अपना मुँह लगाकर चाटने लगा और मेरी चूत के दाने को अपनी जीभ से छेड़ने लगा, अब में तो जैसे सातवें आसमान में पहुँच गई थी।

फिर जिशान ने अपना पजामा उतारकर अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया। अब में उसके लंड को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी थी। फिर कुछ देर के बाद जिशान मुझे लेटाकर मेरे ऊपर लेट गया और अपने 6 इंच के लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा। अब मेरी चूत से रस निकल रहा था, फिर जिशान ने अपने लंड का सुपड़ा जैसे ही मेरी चूत में डाला तो मुझे बहुत दर्द होने लगा। फिर जिशान बोला कि पम्मी डार्लिंग फर्स्ट टाईम चुदवा रही हो ना इसलिए दर्द हो रहा है, अब कुछ देर के बाद तुम्हें बहुत मज़ा आने वाला है। अब जिशान ने मुझे किस करते हुए मेरी चूत में अपना सारा लंड पेल दिया था और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा था। अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन अब मुझे धीरे-धीरे आनंद भी आने लगा था और अब में भी अपने चूतड़ उठा उठाकर उसके 6 इंच के लंड को अपनी चूत में लेकर चुदवाने लगी थी।

अब जिशान ने टी.वी ऑन कर दिया था, ताकि हम दोनों की चोदने और चुदवाने की आवाज़ बाहर ना जा सके। अब पूरा रूम पच-पच और छप-छप की आवाज से गूँज रहा था, अब मेरी चूत बहुत बार झड़ गई थी और इससे मेरी पूरी चूत गर्म हो गई थी। फिर जिशान ने मुझे उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया और अपने लंड को मेरी चूत पर टिकाकर बोला कि पम्मी डार्लिंग लंड पर बैठ जाओ। तो मैंने भी उसके लंड पर अपनी चूत टिका दी और बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। अब उसका लंड पूरा का पूरा मेरी चूत में समा जा रहा था, अब नीचे से जिशान भी अपनी फुल स्पीड में चुदाई करने लगा था। अब हम दोनों गर्मी के मौसम में पूरी तरह से पसीने में भीग गये थे। फिर कुछ देर के बाद जिशान के लंड ने मेरी चूत में अपनी सारी मलाई छोड़ दी, अब मेरी पूरी चूत भीग गई थी। अब इस तरह से हम अक्सर चुप-चुपकर चुदाई का मज़ा लेते रहते है ।।

धन्यवाद …

गर्लफ्रेंड की चुद्दकर सहेली को पेला

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Girlfriend Ki Chuddakar Saheli Ko Pela :

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम यश है और में एक मेडिकल स्टूडेंट हूँ। दोस्तों में और मेरी गर्लफ्रेंड (सारिका) और उसकी रूम पार्टनर (रोशनी) एक प्रोग्राम में गये थे। अब में आपको रोशनी के बारे में बता दूँ, वो बहुत सेक्सी और चुदक्कड़ लड़की है और उसका फिगर बहुत टाईट है। उसके बूब्स बहुत बड़े और गोरे है और उसकी गांड भी बहुत सेक्सी है। जब से में कॉलेज गया था, तब से में उसके बूब्स चूसने के सपने देखता था, मेरी गर्लफ्रेंड भी बहुत सेक्सी है और में उसे लगभग रोजाना चोदता हूँ और वो बहुत हॉट भी है। अब हम तीनों दिल्ली के एक होटल में एक ही रूम में रुके हुए थे और अब बहुत मस्ती करने के कारण हम तीनों बहुत थक जाते थे तो रोशनी जल्दी सो जाती थी, लेकिन में और मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स करने के बाद सोते थे।

एक रात शायद रोशनी ने हमें सेक्स करते देख लिया था, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और दूसरी तरफ मुँह करके सो गयी। फिर अगली रात जब मैंने और मेरी गर्लफ्रेंड ने सेक्स कर लिया तो मैंने अपनी गर्लफ्रेंड से बोला कि आज में तुम दोनों के बीच में सोऊंगा तो उसने कहा कि ठीक है। अब में बीच में जाकर लेट गया। फिर मैंने रात को महसूस किया कि कोई हाथ मेरी छाती पर है और एक पैर मेरे पैरों पर रगड़ रहा है, वो हाथ और पैर रोशनी के थे। अब में चुपचाप लेटा रहा। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने नींद के बहाने रोशनी के बड़े-बड़े बूब्स के ऊपर अपने हाथ रख दिए और धीरे-धीरे उन्हें सहलाने लगा। फिर जब उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो में उसके बड़े-बड़े बूब्स को दबाने लगा और उसके पैरों पर अपने पैर रखकर रगड़ने लगा, शायद अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर उसकी तरफ से भी कोई रेस्पॉन्स नहीं आया तो मैंने आगे बढ़ने की कोशिश की और उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठा दिया, जिससे उसके बूब्स एक्सपोज़ हो गये। उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मेरे हाथों में भी नहीं आ रहे थे। फिर मैंने उन्हें चूसना शुरू किया। अब उसके मुँह से आ आहहा की आवाज़ आई तो अब में समझ गया कि सिग्नल ग्रीन है। अब मैंने उसके बूब्स चूसने के बाद उसकी शॉर्ट नीचे कर दी और उस समय उसने अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी। फिर मैंने जैसे ही उसकी झांट वाली चूत को हाथ लगाया तो वो कांप उठी। फिर मैंने महसूस किया कि वो तो अच्छे से गीली हो चुकी है। अब मेरा लंड नहीं मान रहा था और अब में उसे चोदना चाहता था। फिर मैंने उससे कहा कि अब में तुम्हारी चूत में अपना लंड डालूँगा और तुम्हें चोदूंगा, तो उसने धीरे से आवाज़ में बोला कि थोड़ा धीरे करना। फिर मैंने कहा कि हाँ बेबी और फिर मैंने उसकी शॉर्ट पूरा नीचे कर दिया।

फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। अब वो तो पागल ही हो गयी और अब मेरी चुसाई से वो आ उहह हम्मम्म आआहा बेबी, फक मी, चूसो इस चूत को बोलने लगी। उसका चूत रस इतना टेस्टी था कि मज़ा ही आ गया। अब में उसके ऊपर आ गया और उसको लिप किस किया और धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में डालना शुरू किया, वो वर्जिन नहीं थी, लेकिन उसे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उसके हाथों के बगल को किस किया और फिर उसकी गर्दन पर किस किया, फिर उसके बूब्स को किस किया और उसे चोदना शुरू किया। अब उसके मुँह से सुरीली आवाज सुनने से मेरा जोश और बढ़ता जा रहा था और में अपनी स्पीड भी तेज करता जा रहा था। अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था और अब वो अपने मुँह से आ उहह यायय्य्य्य फक मी बेबी, फक मी फास्ट और फास्ट बोलने लगी। फिर मैंने झट से उसके मुँह को बंद किया और बोला धीरे बेबी नहीं तो सारिका उठ जायेगी और फिर में उसे चोदने लगा। फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हें बहुत मज़ा आ रहा है, अब पोज़िशन चेंज करते है और अब में उसे बाथरूम में ले गया और उसे थोड़ा आगे झुका दिया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा।

फिर थोड़ी देर के बाद में बाथ टब में बैठ गया और उसे अपने ऊपर बैठा लिया और उसके बूब्स चूसते हुए उसे चोदना शुरू किया। अब वो भी उछल-उछलकर अपनी चुदाई करवा रही थी और अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि आई एम कमिंग, तो वो बोली बेबी अंदर मत छोड़ना। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उससे कहा कि अब तुम इसको चूसो तो वो उसे आईसक्रीम की तरह चूसने लगी और मैंने अपना पूरा माल उसके मुँह और बूब्स पर फैला दिया। फिर 35 मिनट की लगातार चुदाई के बाद वो थककर हाल बैहाल हो गयी और मुझसे चिपक कर लेट गई। फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर से चुदने को तैयार हो गयी। उसने फिर से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और अब में उसके बूब्स दबा रहा था तो उसे भी बहुत मजा आ रहा था।

फिर मैंने उससे बोला कि अब में तुम्हारे बूब्स के बीच में अपना लंड रगड़ना चाहता हूँ। फिर वो मेरी टांगो के बीच में आई और मेरे लंड पर थूकने लगी। फिर उसने मेरा लंड अपने दोनों बूब्स के बीच में फंसाकर हिलाने लगी और मेरी तरफ सेक्सी नज़रों से देखने लगी। अब में तो पागल ही होता जा रहा था। फिर मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसके सेक्सी लिप को चूसने लगा। अब में उसके पूरे मुँह को कुत्तों की तरह चाटने लगा और उसकी पूरी बॉडी को भी चाटने लगा। अब उसकी चूत की वो खुशबू तो मुझे पागल ही बना रही थी। फिर मैंने उसको उल्टा किया और उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया और जोर-ज़ोर से हिलाने लगा और अब वो भी अपनी गांड उछाल-उछालकर जवाब दे रही थी। अब में उसे कुतिया स्टाईल में चोदने लगा और उसकी रसीली चूत में ही झड़ गया और उससे चिपक गया। फिर हम दोनों ने साथ में नहाये और फिर सो गये। फिर अगली रात जब में अपनी गर्लफ्रेंड को चोद रहा था तो वो भी अपनी चूत में उंगली कर रही थी।

अब में उसे देखकर और उत्तेजित होने लगा और में अपनी गर्लफ्रेंड को और जोर से चोदने लगा। उसके बाद मेरी गर्लफ्रेंड सो गयी। अब में अपनी रंडी को चोदने के लिए बिल्कुल तैयार था और इस बार मैंने नहाते हुये बाथटब में चुदाई मचाई ।।

धन्यवाद …

बहु बनी पुरे घर की रंडी

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Bahu Bani Pure Ghar Ki Randi :

हैल्लो दोस्तों, मेटा नाम रीना है, में रायपुर में रहती हूँ, में दिखने में एकदम मॉडल लगती हूँ, मेरी बॉडी का शेप 36-38-40 है  और मेरी गांड उभरी हुई है और गोल मटोल है। अब में सीधी स्टोरी पर आती हूँ में जब 19 साल की हुई थी तो मेरे लिए एक रिश्ता आया था। अब में आपको बता दूँ कि मेरे परिवार में मम्मी, पापा और में ही हूँ। में मेरे मम्मी, पापा की इकलोती बेटी हूँ और फिर मेरी शादी फिक्स कर दी गयी और फिर 2 साल के बाद मेरी शादी कर दी गयी थी। अब में स्कूल छोड़ चुकी थी और फिर शादी होने के बाद जब में ससुराल गयी तो मेरी लाईफ बदल गयी। मेरे पति रवि 24 साल के है और मेरे ससुराल में मेरे ससुर राजेश और दो देवर है, जिनके नाम तरुण और राज है। मेरी सास इस दुनिया में नहीं है। फिर शादी की पहली रात को रवि मुझे अपनी गोद में उठाकर अपने कमरे की और चल पड़ा।  अब घर में सब सोने की तैयारी में लगे थे। फिर रवि ने मुझे बेड पर लेटाया और दरवाजा बंद करने चले गये। अब में बहुत उत्तेजित थी कि आज में पहली बार चुदाई का मज़ा लेने वाली थी। फिर वो मेरे पास आकर बैठ गया, अब में जानबूझ कर शरमाने का नाटक कर रही थी। फिर वो मुझे बोलने लगे कि ऐसे क्यों शर्मा रही हो?

में :  पहली बार इतनी खुशी हो रही है।

रवि : हाँ, मुझे भी।

फिर वो मेरे करीब आए, तो में हंस पड़ी। फिर उन्होंने मेरा घूँघट उठाया और में उनसे चिपक गयी।  फिर वो मुझे लिप किस करने लगे, अब में भी उनका अच्छा साथ दे रही थी। फिर वो मुझे लेटाकर मेरे ऊपर सोकर किस करने लगे और मेरे बूब्स मसल रहे थे। अब मेरी साँसे बहुत तेज़ हो गई थी और अब में जोश से हांफ रही थी। फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े खोलकर मुझे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में कर दिया। अब में भी कहाँ कम थी। फिर मैंने भी उन्हें पकड़कर उनके कुर्ते को निकाल दिया और उनका पजामा धीरे से खोल दिया। अब वो मेरी पूरी बॉडी को चाट-चाटकर धीरे से काट रहे थे। अब में उनकी बॉडी पर अपना हाथ फैर रही थी और वो मेरी गोल-गोल गांड को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहे थे। फिर उन्होंने मेरी पेंटी को निकालकर मुझे बेड पर लेटा दिया। अब मेरी कुंवारी चूत उनके लिए हाज़िर थी। फिर उन्होंने पहले मेरी चूत पर किस किया तो मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा और अब में सिसकियाँ लेने लगी थी। फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे और अब में आसमान में उड़ रही थी।

अब में उनके लंड को उनकी चड्डी के ऊपर से ही चाटने लगी थी, उनका लंड करीब 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था। अब मेरे छोटे से हाथ में उनका लंड पूरा नहीं आ रहा था। फिर में उनके लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। फिर वो मुझे अपने पास खींचकर मुझसे बोले कि मजा आया क्या? तो मैंने कहा कि हाँ बहुत। फिर वो मेरी चूत पर अपनी उंगली फैरने लगे और मेरी चूत में अंदर डालने लगे तो में चीख उठी। फिर वो रुक गये और बोले कि तेरी चूत बहुत छोटी है, मेरा लंड लंबा और ताकतवर है और फिर अपनी उंगली डालने लगे तो में फिर से चीख उठी और रोने लगी। फिर वो रुक गये और मुझे अपने से  चिपकाकर चुप कराने लगे तो में चुप हो गयी। फिर वो अपना लंड मेरी चूत पर फैरने लगे, अब में मजे  ले रही थी। फिर वो अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे, लेकिन उनके लंड का टोपा बहुत मोटा था, जिससे उनका लंड मेरी चूत में नहीं जा रहा था। फिर वो बोले कि क्या करूँ मेरी जान तेरी चूत बहुत नाज़ुक है? फिर वो मुझे घोड़ी बनाकर मेरी मोटी गांड के बीच में अपना मुँह डालकर अपनी ज़ुबान से मेरी गांड के छेद को चाटने लगे। अब में भी अपनी गांड पीछे कर-करके उनका साथ दे रही थी।

फिर वो अपना लंड मेरी गांड पर लगाकर डालने लगे तो में उछल गयी। फिर वो तेल लगाकर मेरी गांड में उंगली करने लगे और अपनी तीन उंगलियाँ अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगे। अब में बहुत मजे ले रही थी, फिर वो मेरी गांड में अपना 8 इंच का लंड डालने लगे। अब उनका लंड मेरी गांड में घुस चुका था, फिर वो ज़ोर से एक झटका लगाकर अपना पूरा लंड एक ही साथ मेरी गांड में डालने लगे। में उछल गयी, लेकिन वो नहीं रुके। अब में चीख उठी और जोर-जोर से सिसकियाँ ले रही थी। अब वो मेरी गांड को ज़ोर-जोर से चोद रहे थे और अब में उनका साथ देने लगी थी। फिर वो मेरी गांड में ही झड़ गये और लेट गये। अब में उनके ऊपर लेटकर उनके लंड का स्पर्श मेरी चूत पर ले रही थी और फिर में भी अकड़कर उनके लंड पर ही झड़ गयी और फिर हम चिपके रहे। फिर शादी की थकान से हम कब सो गये हमें पता ही नहीं चला। अब हम सुबह नंगे ही लिपटकर सो रहे थे। फिर मेरी आँख खुली तो मैंने उनके लिप्स पर किस करते हुए उनको उठाया। अब वो मेरे बूब्स चूस रहे थे और में उनके लंड को अपने पैरों से हिला रही थी। फिर वो बोले कि जान तेरी चूत को कैसे चोदूं? बहुत ज्यादा टाईट है।

में : आपका लंड लेने को तड़प रही हूँ।

रवि : तो अब क्या करे?

फिर हम दोनों साथ में नहाए और बाहर गये। फिर मैंने सबके लिए ब्रेकफास्ट बनाया और सब बैठकर  खाने लगे और इसी तरह मेरी शादी को 15 दिन बीत गये। अब मेरी चूत लंड लेने के लिए बहुत तड़प रही थी। तभी एक दिन में घर पर अकेली थी और तरुण कॉलेज से घर आया था। अब में आपको बता दूँ कि तरुण मेरी ही उम्र का लड़का था, जो मेरे पति का भाई है।

फिर वो अपने रूम में गया और दरवाजा बंद कर लिया। फिर में उसके लिए पानी लेकर उसके कमरे में गयी तो उसने सिर्फ़ रूम का दरवाजा लगाया था और लॉक नहीं किया था। फिर वो मुझे अंदर देखकर डर गया और सीधा बाथरूम में चला गया, क्योंकि वो मुठ मार रहा था। फिर मैंने उसको आवाज़ देखर बाहर बुलाया तो अब वो खामोश खड़ा था। अब में समझ गयी कि वो डर गया है और अब में उसको पटा सकती हूँ।

में : क्या कर रहे थे तुम?

तरुण : भाभी कुछ नहीं बस पेंट टाईट कर रहा था।

में : अच्छा।

तरुण : आपको क्या लगा?

में : कुछ नहीं इस उम्र में सबका यही हाल होता है।

अब इतने में मेरे पति दरवाजे के पास खड़े थे, अब में डर गयी थी। फिर वो बोले कि अच्छा तो तुम दोनों का हाल बुरा है।

में (रोते हुए) : आप ग़लत सोच रहे है।

फिर तरुण और रवि दोनों ज़ोर-जोर से हँसने लगे और बोले कि में तुझे बता दूँ कि अब तू इस घर में एक ही औरत है, तुम्हें मेरे भाईयों का ख्याल अच्छे से रखना होगा।

में :  मतलब?

रवि :  कुछ ज्यादा ही अच्छे से।

में : क्या आप सच बोल रहे है?

रवि :  हाँ, मेरी रंडी।

अब में बहुत खुश हुई कि अब मेरी सील टूट जाएगी। तभी तरुण मेरे पास आया, अब वो मेरे बूब्स पर अपना हाथ फैर रहा था। फिर हम हॉल में गये और मेरे पति रवि ने कहा कि तू बहुत चुदक्कड़ औरत है, तुम्हें पूरी आजादी है कि तुम घर में किसी से भी चुदवा सकती हो।

में :  हाँ, में सबका ख्याल रखूंगी।

तभी डोर बेल बजी, अब राज भी कॉलेज से आ गया था, वो बहुत नॉटी था। फिर वो मुझसे कहने लगा कि मेरे लिए पानी लाओ और सोफे पर बैठ गया। फिर में पानी लेकर आई तो तरुण ने मुझे आँख मारी और मैंने उस पर पानी गिरा दिया।

रवि : रंडी देखकर काम कर।

फिर मैंने पानी हटाने के बहाने उसके लंड पर अपना हाथ फैर दिया तो वो बहुत खुश हुआ और बोला कि मेरे कपड़े बदल दे रंडी कही की। फिर उसने मुझे अपने पास बैठाकर मेरी गांड पर अपना हाथ फैरते हुए कहा कि भैया आपने तो इसकी गांड को सुजा दिया है। आपके लंड से इसकी चूत का क्या हाल हुआ होगा? फिर में उसको किस करने लगी और अब वो मेरे बूब्स मसल रहा था। फिर तरुण ने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए और फिर मैंने उन तीनों मर्दो को नंगा कर दिया। अब में उन तीनों के लंड चूस रही थी, राज का लंड 8 इंच का था और मोटा कम था, तरुण का लंड एकदम बड़ा 9 इंच का था और 3 इंच मोटा था। अब में उसका लंड देखकर डर गयी थी, अब वो सब मेरे जिस्म के एक-एक अंग से खेल रहे थे,  अब में जोश में झड़ चुकी थी। फिर रवि ने राज से कहा कि आज इसको चोदकर इसका बैंड बजा दे।  फिर राज ने झट से अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और तीन ज़ोर के झटको में मेरी सील तोड़कर मेरी कमसिन जवानी को चमका दिया, अब में इतनी खुश थी कि उस दर्द को भी सह गई थी।

फिर 30 मिनट के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया और हट गया। फिर तरुण ने अपना फौलादी लंड मेरी चूत पर रखा और एक ही शॉट में मेरी चूत में डालकर मुझे किस करने लगा। अब मेरी चूत से पानी निकल गया था और अब वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था। फिर वो मुझे चोदते-चोदते मेरी चूत में ही झड़ गया। अब मेरी चूत भोसड़े में बदल रही थी, अब रवि अपना 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड मेरी चूत में आसानी से डाल रहा था और में तरुण का लंड चूस रही थी। तभी रवि रुका और मुझे अपनी गोद में बैठाया और अपनी तरफ करके मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। तभी राज अपना लंड मेरे मुँह में डालकर चोदने लगा और तरुण मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा, जिसमें एक लंड पहले से ही था। फिर रवि रुका और तरुण ने मेरी चूत की फाँको को फैलाया और अपना लंड पेलने लगा।  अब मेरी चूत में दो मोटे-मोटे लंड थे। अब राज अपना लंड मेरी गांड में डालकर चोद रहा था। अब में आसानी से तीन लंड ले रही थी, मेरी ऐसी चुदाई होगी मैंने कभी सोचा भी नहीं था ।।

धन्यवाद …


भतीजे के बीवी अब मेरी हो गयी

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Bhajite Ki Biwi Ab Meri Ho Gayi : हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है। यह कहानी इसी साल की है जब में अपने घर गया था तो मैंने दिल्ली से ही दारू की 3 बोतल ले ली थी क्योंकि वहाँ दारू महँगी भी थी और उसका टेस्ट भी अच्छा नहीं लगता था जो दारू पीते है वो समझ जायेंगे दिल्ली और उत्तरप्रदेश की दारू में फर्क है। फिर मैंने न्यू दिल्ली रेल्वे स्टेशन से ट्रेन पकड़ी और रात को 9 बजे अपने गावं पहुँच गया, फिर में वहाँ से ऑटो करके मौसी के घर पहुंचा। वहाँ मेरी मौसी, भतीजा और उसकी बीवी रहते थे।

अब वहाँ पहुँच कर मैंने अपना सामान बाहर एक कमरा बना था जहाँ में हमेशा रुकता था वहाँ रखा और भतीजे के साथ दारू पी, खाना खाया और सो गया। अब सुबह मेरा भतीजा जॉब पर जल्दी चला जाता था और में लेट उठा तो जैसे ही मेरी आँख खुली तो बहु पोछा लगा रही थी। अब मेरी नज़र सीधा उसके बूब्स पर पड़ी तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी, क्या गोरे-गोरे और बड़े-बड़े बूब्स थे? अब मेरा लंड उसी समय खड़ा हो गया और अब उसने भी मुझे उसके बूब्स को देखते हुए देख लिया था। फिर वो चली गयी और अब मैंने नहाकर नाश्ता किया और फिर बाहर वाले कमरे में आ गया। फिर 1 बजे करीब वो मेरे कमरे में पूछने आई कि आप लंच में क्या खायेंगे? तो मैंने कहा कि जो मर्ज़ी हो बना लो। फिर उसने लंच बनाया तो फिर में लंच करने गया, वो रोटी बनाकर दे रही थी तब मैंने उसकी गांड देखी, क्या गांड थी? मेक्सी में साफ चमक रही थी, फिर ऐसे ही वो दिन निकल गया।

फिर अगले दिन फिर सुबह वो पोछा लगाने आई, जब में जाग चुका था। फिर वो झुकी और फिर मुझे दर्शन हो गये, अब मेरा लंड खड़ा हो गया था। उसने इस बार भी मुझे देख लिया था, फिर मैंने नहाकर नाश्ता किया और अपने कमरे में आ गया। अब में लेटकर उसके बारे में सोच रहा था और लंड हिला रहा था तो मुझे याद आया कि वो आज भी पूछने आयेगी कि क्या लंच करोगे? फिर 1 बजे करीब में खड़ा होकर मुठ मारने लगा और उसका इंतज़ार करने लगा। फिर वो आई तो उसने दरवाज़ा खोला तो सामने में अपना लंड हाथ में लिए खड़ा था तो वो देखकर दंग रह गयी और वहीं खड़ी रही। अब में ऐसे ही उसके पास गया और बोलने लगा कि प्लीज किसी को मत बताना, यह बात मौसी को मत बोलना तो वो कहने लगी कि नहीं बोलूँगी। उस समय में उसके बिल्कुल पास खड़ा था, ऊपर टी-शर्ट थी, लेकिन नीचे कुछ नहीं था और मैंने उसके हाथ पकड़े हुए थे। फिर वो चली गयी, अब मुझे लगा कि वो सबको बता देगी, लेकिन उसने यह बात किसी से भी नहीं बोली।

फिर अगले दिन फिर वो सुबह आई तो में उसके बूब्स देख रहा था और मेरा एक हाथ मेरे कच्चे में था।  तो वो जानबूझ कर और दिखाने लगी, फिर बोली क्या चाची आपको देती नहीं है क्या? तो मैंने कहा नहीं वो अभी उसका ईलाज चल रहा है। फिर मैंने उससे कहा कि तुम एक बार मुझे अपने बूब्स दिखा दो तो में अपने आपको शांत कर लूँगा। फिर वो कहने लगी कि रोज़ तो देखते हो शांति नहीं मिलती क्या? फिर उसी समय में बेड से उठा और उसके पास जाकर उसे उठाकर गले लगाने लगा। तो वो कहने लगी कि चाचा जी यह ठीक नहीं है और जैसे ही उसने बोला कि कोई आ जायेगा, बस फिर क्या था? में उसके होंठो को मेरे होंठो में लेकर चूसने लगा, फिर थोड़ी देर तक वो छटपटाई, फिर वो भी मेरा साथ देने लगी।

फिर मैंने उसकी मेक्सी ऊपर की और उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। अब वो कहने लगी कि आअहह चाचा जी जान निकालोगे क्या? तो मैंने कहा कि हाँ में बहुत दिनों से भूखा हूँ और आज तो तेरी जान ही निकालूँगा। फिर में धीरे-धीरे उसके पेट, नाभि, उसकी जांघे चूमता हुआ उसकी चूत पर पहुँचा,  तो अब वो मछली की तरह छटपटा रही थी। फिर मैंने अपने होंठो को उसकी चूत पर रख दिया और अब वो तो जैसे पागल ही हो गयी। फिर में उठा और जल्दी से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, अब वो 10 मिनट में कई बार झड़ गयी थी। फिर वो जल्दी से उठी और मेक्सी पहनकर बाहर भाग गयी। में भूखा ही रह गया, क्योंकि मेरा नहीं झड़ा नहीं था। फिर मैंने उसको पकड़ा तो उसने कहा कि कोई आ जाता इसलिए में बाद में टाईम निकाल कर आऊँगी। फिर ऐसे ही करते-करते 2 दिन निकल गये, अब वो आती और कभी हाथ से हिला जाती तो कभी बूब्स दिखाकर बोलती कि आप हिला लो।

फिर अचानक से मौसी को मामा के यहाँ दो दिन के लिए जाना पड़ा। फिर उसी रात मैंने भतीजे को अपने साथ दारू पिला दी और अपने छोटे पैग बनाये और उसके बड़े पैग बनाये, वो ज़्यादा नहीं पीता था तो उसे नशा चढ़ गया और मेरे कमरे में ही सो गया। फिर मैंने उसे रात को उठाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं उठा। फिर में उठा और जहाँ उसकी बीवी सोती थी वहाँ जाकर उसकी बीवी के साथ लेट गया और चुम्मा चाटी करने लगा। फिर वो उठी और डर गयी, वो कहने लगी कि वो आ जायेंगे तो मैंने उसे बताया कि वो नशे में सो रहा है, नहीं उठेगा। फिर वो टायलेट करने के बहाने उसे चैक करने गयी और वापस आकर मेरे साथ लेट गयी। अब में उसे ऊपर से चूमने लगा, फिर में धीरे-धीरे नीचे जाने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा। फिर अपना लंड उसके मुँह पर रगड़ने लगा। अब वो इतने मज़े में आ गयी कि वो मेरा लंड पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी। फिर में उठा और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा तो वो कहने लगी कि प्लीज अब डाल दो और इंतज़ार ना करवाओ। फिर मैंने झट से अपना लंड उसकी चूत में डाला तो वो चिल्ला पड़ी, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी।

फिर मैंने उससे कहा कि ऐसे चिल्ला रही है जैसे पहली बार चुद रही हो, तब उसने बताया कि उसके पति का लंड छोटा है और मेरा बहुत बड़ा है इसलिए उसकी चूत पूरी खुली हुई नहीं थी। अब में धीरे-धीरे उसे चोदने लगा और अब वो भी मज़े लेने लगी थी। अब वो मुझे बाहों में जकड़ कर कहने लगी कि ऐसे ही चोदते रहो और अपना लंड अंदर ही रहने दो, बाहर मत निकालो, बहुत मज़ा आ रहा है। अब वो झड़ गयी थी और कहनी लगी कि उसका पति तो अब तक झड़कर भी सो जाता। अब हमें 45 मिनट हो चुके थे और दारू के नशे में मेरा भी लेट हो रहा था, तभी में भी उसके साथ झड़ने लगा। तो वो कहने लगी कि अंदर ही झाड़ दो, बाहर मत निकालो। फिर कुछ देर बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और हम कपड़े पहनकर सो गये ।।

धन्यवाद …

ऑफिस में चुदाई का क्लाइंट

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Office Mein Chudai Ka Client : कहते हैं कि किसी औरत को गैर-मर्द के साथ अकेला नहीं छोड़ना चाहिये क्योंकि मर्द उसे पकड़ कर चोदने की ही सोचेगा। कैसे इसकी चूत में अपना लंड डाल दूँ – यही ख्याल उसके मन में कुलबुलायेगा। दोस्तों मेरे साथ ऐसा ही हुआ।

गरमी के दिन थे और भरी दोपहर थी। मैं अपने घर में अकेला था क्योंकि अभी मेरी शादी नहीं हुई थी। मैंने घर में कुछ ज़रूरी काम करने के लिये ऑफिस से छुट्टी ले रखी थी। काम निबटा कर मैं बेडरूम में ठंडी बीयर का आनन्द ले रहा था।

करीब एक बजे दरवाजे पर हुआ टिंग-टोंग! दरवाजा खोला तो सामने मानो एक अप्सरा खड़ी थी। पैंतीस-छत्तीस साल की साँवली और गज़ब की सुंदर औरत साड़ी पहने हुए और हाथों में कागज़ और कलम लिये हुए कोयल का आवाज़ में बोली, “माफ़ कीजियेगा! क्या कोई लेडी हैं घर में?”

मैंने कहा, “जी नहीं, मैं बेचलर हूँ और अकेला ही रहता हूँ। आप कौन हैं?”

उसके माथे पर पसीने की कुछ बूंदें थी। वोह बोली, “ज़रा एक ग्लास पानी मिलेगा?”

मैंने कहा, “हाँ, क्यों नहीं?”

वोह ज़रा सा अंदर आयी। मैंने पानी का ग्लास देते हुए पूछा, “क्या बात है, आप हैं कौन?”

पानी पी कर वोह बोली, “जी मेरा नाम सना खान है और मुझे एक कनज़्यूमर कंपनी ने भेजा है सर्वे के लिये। क्या आप मेरे कुछ सवालों का जवाब दे देंगे?”

मैंने कहा, “जी कोशिश कर सकता हूँ। आप प्लीज़ यहाँ बैठ जाइये।”

वोह सोफ़े पर बैठ गयी और हमारे घर का दरवाजा अभी खुला ही था। मैंने दूसरे सोफ़े पर बैठ कर कहा, “पूछिये जो पूछना है।”

वो बोली, “जी आपका नाम और आपकी उम्र क्या है?”

“जी मैं प्रताप सिंघ हूँ और उम्रछब्बीस साल!” मैंने जवाब दिया।

“आप अपने घर की ज़रूरत की चीजें कहाँ से खरीदते हैं?” इस तरह वो सवाल पर सवाल पूछती रही और मैं जवाब देता गया।

कुछ देर बाद मैंने पूछा, “इस तरह इतनी गर्मी के वैदर में भी आप क्या सब घरों में जाकर सर्वे करती हैं?”

“जी, जॉब तो जॉब ही है ना।”

“तो आप शादी शुदा हो कर (उसने बड़ी सी अंगूठी पहनी हुई थी) भी जॉब कर रही हैं?”

अब वो भी थोड़ी-सी खुल सी गयी। बोली, “क्यों, शादी शुदा औरत जॉब नहीं कर सकती?”

“जी यह बात नहीं, घर-घर जाना, जाने किस घर में कैसे लोग मिल जायें?”

उसने जवाब दिया, “वैसे तो दिन के वक्त ज्यादातर हाऊज़वाइफ ही मिलती हैं। कभी-कभी ही कोई मेल मेंबर होता है।”

“तो आपको डर नहीं लगता।”

“जी अभी तक तो नहीं लगा। फिर आप जैसे शरीफ इंसान मिल जायें तो क्या डर?”

‘शरीफ इंसान’ – एक बार तो सुन कर अजीब लगा। इसे क्या मालूम कि मैं इसे किस नज़र से देख रहा था। साड़ी और ब्लाऊज़ के नीचे उसकी चूचियाँ तनी हुई थीं और मेरे लंड में खुजली सी होने लगी। जी चाह रहा था कि काश सिर्फ़ एक बार चूम सकता और ब्लाऊज़ के नीचे उन चूचियों को दबा सकता। हाथों कि अँगुलियाँ लंबी-लंबी मुलायम सी। वैसे ही मुलायम से सैक्सी पैर ऊँची ऐड़ी के सैंडलों में कसे हुए। देख-देख कर लंड महाराज खड़े हो ही गये। मन में ज़ोरों से ख्याल आ रहा था कि क्या गज़ब की अप्सरा है। इसकी तो चूत को हाथ लगाते ही शायद हाथ जल जायेगा।

तभी वोह बोली, “अच्छा, थैंक्स फ़ोर एवरीथिंग। मैं चलती हूँ।”

मानो पहाड़ टूट गया मेरे ऊपर। चली जायेगी तो हाथ से निकल ही जायेगी। अरे प्रताप, हिम्मत करो, आगे बढ़ो, कुछ बोलो ताकि रुक जये। इसकी चूत में अपना लंड नहीं डालना है क्या? चूत में लंड? इस ख्याल ने बड़ी हिम्मत दी।

“माफ़ कीजियेगा सना जी, आप जैसी खूबसूरत औरत को थोड़ा केयरफुल रहना चाहिये।” मैंने डरते हुए कहा।

“खूबसूरत?”

मैं थोड़ा सा घबराया, लेकिन फिर हिम्मत करके बोला, “जी, खूबसूरत तो आप हैं ही। बुरा मत मानियेगा। आप प्लीज़ अब तो चाय पी कर ही जाइये।”

“चाय, लेकिन बनायेगा कौन?”

“मैं जो हूँ, कम से कम चाय तो बना ही सकता हूँ।”

वोह हंसते हुए बोली, “ठीक है… लेकिन इतनी गर्मी में चाय की बजाय कुछ ठंडा ज्यादा मुनासिब होगा!”

मैंने कहा, “क्यों नहीं… क्या पीना पसंद करेंगी… नींबू शर्बत या पेप्सी… वैसे मैं भी आपके आने के पहले चिल्ड बीयर ही पी रहा था!”

“तो फिर अगर आपको एतराज़ ना हो तो मैं भी बीयर ही ले लूँगी!” मुझे उससे इस जवाब की उम्मीद नहीं थी लेकिन मुझे बहुत खुशी हुई। मैंने उसे फिर बैठने को कहा और किचन में जाकर दो ग्लास और फ्रिज में से हेवर्ड फाइव थाऊसैंड बीयर की दो ठंडी बोतलें निकाल कर ले आया। हम दोनों बीयर पीने लगे और इधर मेरा लंड उबल रहा था। पहली बार किसी औरत के साथ बैठ कर बीयर पी रहा था और वो भी इतनी सुंदर औरत – और मुझे पता नहीं था कि कैसे आगे बढ़ूँ।

तभी वो बोली, “आप अकेले रहते हैं… शादी क्यों नहीं कर लेते?”

मैंने जवाब दिया, “जी घर वाले तो काफी ज़ोर दे रहे हैं लेकिन कोई लड़की अभी तक पसंद ही नहीं आयी!।” मैंने अब और हिम्मत कर के कहा, “सना जी, आप वाकय में बहुत खूबसूरत हैं। और बहुत अच्छी भी। आपके हसबैंड बहुत ही खुशनसीब इंसान हैं।”

“आप प्लीज़ बार-बार ऐसे ना कहिये। और मुझे सना जी क्यों कह रहे हैं। मैं उम्र में आपसे बड़ी ज़रूर हूँ लेकिन इतनी ज़्यादा भी नहीं!” वो इतराते हुए अदा से मुस्कुरा कर बोली।

दोस्तों यह हिंट काफ़ी था मेरे लिये। मैं समझ गया कि ये अब चुदवाने को आसानी से तैयार हो जायेगी। हमारी बीयर भी खतम होने आयी थी।

“ठीक है, सना जी नहीं… सना… तुम भी मुझे आप-आप ना कहो! वैसे तुम कितनी खूबसूरत हो, मैं बताऊँ?”

“कहा तो है तुमने कईं बार। अब भी बताना बाकी है?”

“बाकी तो है। अपनी बीयर खतम करके बस एक बार अपनी आँखें बन्द करो… प्लीज़।”

दो-तीन घूँट में जल्दी से बीयर खतम करके उसने आँखें बंद की। मैंने कहा, “आँखें बंद ही रखना।” मैंने उसे कुहनी से पकड़ कर खड़ा किया और हल्के से मैंने उसके गुलाबी-गुलाबी नर्म-नर्म होंठों पर अपने होंठ रख दिये। एक बिजली सी दौड़ गयी मेरे शरीर में। लंड एकदम तन गया और पैंट से बाहर आने के लिये तड़पने लगा। उसने तुरन्त आँखें खोलीं और आवाक सी मुझे देखती रही और फिर मुस्कुरा कर और शर्मा कर मेरी बाँहों में आ गयी। मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। कस कर मैंने उसे अपनी बाँहों में दबोच लिय। ऐसा लग रहा था बस यूँ ही पकड़े रहूँ। फिर मैंने सोचा कि अब समय नहीं बर्बाद करना चाहिये। पका हुआ फल है, बस खा लो।

तुरंत अपनी बाँहों में मैंने उसे उठाया (बहुत ही हल्की थी) और बेडरूम में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया। उसकी आँखों में प्यास नज़र आ रही थी। साड़ी और सैंडल पहने हुए बिस्तर पर लेटी हुई वो प्यार भरी नज़रों से मुझे देख रही थी। ब्लाऊज़ में से उसके बूब्स ऊपर नीचे होते हुए देख कर मैं पागल हो गया। आहिस्ते से साड़ी को एक तरफ़ करके मैंने उसकी दाहिनी चूंची को ऊपर से हल्के से दबाया। एक सिरहन सी दौड़ गयी उसके शरीर में।

वो तड़प कर बोली, “प्लीज़ प्रताप! जल्दी से! कोई आ ही ना जाये।”

“घबराओ नहीं, सना डार्लिंग। बस मज़ा लेती रहो। आज मैं तुम्हे दिखला दूँगा कि प्यार किसे कहते हैं। खूब चोदूँगा मेरी रानी।” मैं एकदम फ़ोर्म में था। यह कहते हुए मैंने उसकी चूचियों को खूब दबाया और होंठों को कस-कस कर चूसने लगा। फिर मैंने कहा, “चुदवाओगी ना?”

आह! गज़ब की कातिलाना मुस्कुराहट के साथ बोली, “प्रताप! तुम भी… बहुत बदमाश हो… तो क्या बीयर पी कर यहाँ तुम्हारे बिस्तर पे तीन पत्ती खेलने के लिये तुम्हारे आगोश में लेटी हूँ! अब इस भरी दोपहर में दर-दर भटकने की बजाय यही अच्छा है।”

“सना रानी, बदमाश तो तुम भी कम नहीं हो!” और उसके नर्म-नर्म गालों को हाथ में ले कर होंठों का खूब रसपान किया। मैं उसके ऊपर चढ़ा हुआ था और मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर था। चूत मुझे महसूस हो रही थी और उसकी चूचियाँ… गज़ब की तनी हुई… मेरे सीने में चुभ-चुभ कर बहुत ही आनंद दे रही थी। दाहिने हाथ से अब मैंने उसकी बाँयी चूंची को खुब दबाया और एक्साईटमेंट में ब्लाऊज़ के नीचे हाथ घुसा कर उसे पकड़ना चाहा।

“प्रताप, ब्लाऊज़ खोल दो ना।” उसका यह कहना था और मैंने तुरन्त ब्लाऊज़ के बटन खोले और उसे घुमा कर साथ ही साथ ब्रा का हुक खोला और पीछे से ही उसके बूब्स को पुरा समेट लिया। आहा, क्या फ़ीलिंग थी, सख्त और नरम दोनों, गरम मानो आग हो। निप्पल एकदम तने हुए। जल्दी-जल्दी ब्लाऊज़ और ब्रा को हटाया। साड़ी को परे किया और पेटीकोट के नाड़े को खोल कर उसे हटाया। पिंक पैंटी और सफेद हाई-हील के सैंडल पहने हुए सना को नंगी लेटी हुई देख कर तो मैं बर्दाश्त ही नहीं कर सका। मैंने अब अपने कपड़े जल्दी-जल्दी उतारे। लंड तन कर बाहर आ गया और ऊपर की तरफ़ हो कर तड़पने लगा। उसका एक हाथ ले कर मैंने अपने फड़कते हुए लंड पर रख दिया।

“उफ हाय अल्लाह कितना बड़ा और मोटा है”, वोह बोली और आहिस्ता-आहिस्ता लंड को आगे पीछे हिलाने लगी। शादी शुदा औरत को चोदने का यही मज़ा है। कुछ सिखाना नहीं पड़ता। वो सब जानती है और आमतौर पर शादी शुदा औरतें फैमली प्लैनिंग के लिये पिल्स या कोई और इंतज़ाम करती हैं तो कंडोम की भी ज़रूरत नहीं।

मैंने आखिर पूछ ही लिया, “सना डार्लिंग, कंडोम लगाऊँ?”

वो मुँह हिलाते हुए मना करते हुए खिलखिलायी, “सब ठीक है। मैं पिल्स लेती हूँ।”

मैंने अब उसके बदन से उस पिंक पैंटी को हटाया और इतमिनान से उसकी चूत को निहारा। एक दम साफ चिकनी सुंदर सी चूत थी। कुछ फूली हुई थी। मैंने उसके ऊपर हाथ रखा और हल्के से दबाया। अँगुली ऐसे घुसी जैसे मक्खन में छूरी। रस बह रहा था और चूत एकदम गीली थी। मैं जैसे सब कुछ एक साथ कर रहा था। कभी उसके होंठों को चूसता, चूचियों को दबाता – कभी एक हाथ से कभी दोनों से। एकदम टाइट गोल और तनी हुई चूचियाँ। उसके सोने जैसे बदन पर कभी हाथ फिराता। फिर मैंने उसकी चूचियों को खूब चूसा और अँगुलियों से उसकी बूर में खूब अंदर बाहर करके हिलाया।

“सना, अब मैं नहीं रह सकता, अब तो चोदना ही पड़ेगा। कस-कस कर चोदूँगा मेरी रानी।”

पहली बार उसके मुँह से अब सुना, “चोद दो ना प्रताप, बस अब चोद दो।”

मज़ा लेते हुए मैंने पूछा, “क्या चोदूँ जानेमन। एक बार फिर से कहो ना। तुम्हारे मुँह से सुनने में कितना अच्छा लग रहा है।”

“अब चोदो ना… इस… इस चूत को।”

“अब मैं तेरी गरम-गरम और गुलाबी-गुलाबी बूर में अपना ये लंड घुसाऊँगा और कस-कस कर चोदूँगा।” मैंने अपना लंड उसकी बूर के मुँह पर रखा और हल्के से धक्का दिया। उसने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ा और गाईड करते हुए अपनी चूत में डाल दिया। दोस्तों मानो मैं जन्नत में आ गया।

मैं बोल ही उठा, “उफ़, क्या चूत है सना। मज़ा आ गया।”

उसने भी एक्साइट हो कर कहा, “चोद दो प्रताप… बस अब इस चूत को खूब चोदो।”

दोस्तों… चूचियाँ दबाते हुए, होंठ चूसते हुए ज़ोर-ज़ोर से चोद-चोद कर ऐसा मज़ा मिल रहा था कि पता ही नहीं चला कि कब मैं झड़ गया। झड़ते-झड़ते भी मैं उसे बस चोदता ही रहा और चोदता ही रहा।

“सना… बहुत टेस्ती चुदाई थी यार। तुम तो गज़ब की चीज़ हो।”

“मुझे भी बेहद मज़ा आया, प्रताप।” वो कसकर मुझे पकड़ते हुए बोली। उसकी चूचियाँ मेरे सीने से लग कर एक अलग ही आनंद दे रही थी। दोस्तों, फिर बीस मिनट बाद, पहले तो मैंने उसकी बूर को चाटा और उसने मेरे लंड को चूसा, हल्के-हल्के। फिर हमने कस-कस कर चुदाई की और इस बार झड़ने में काफी समय लगा। मैंने शायद उसकी चूचियाँ और बूर और होंठ और गाल के किसी भी अंग को चूसे बगैर नहीं छोड़ा। इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था। बस गज़ब की चीज़ थी वो औरत।

कपड़े पहनने के बाद मैंने पूछा, “सना, अब तो तुम्हें और कईं बार चोदना पड़ेगा। अपनी इस प्यारी सी चूत और प्यारी-प्यारी चूचियों और प्यारे-प्यारे होंठों और प्यारी-प्यारी सना डार्लिंग के दर्शन करवाओगी ना?” मैंने उसका फोन नंबर ले लिया और कह दिया कि मैं बता दूँगा जिस दिन मैं दिन में घर पे होऊँगा!

अब वोह मुझसे फ़्री हो गयी थी और बोली, “प्रताप, डोंट वरी, जब भी मुनासिब मौका मिलेगा खूब चुदाई करेंगे!”

उसकी यह बात सुनते ही मैंने उसे एक बार और बाँहों में भींच लिया और उसके होंठों का एक तगड़ा चुंबन लिया। फिर वो मेरे बंधन से आज़ाद होकर दरवाजे से बाहर निकल गयी। कुछ दूर जाकर पीछे मुड़ी और एक मुस्कान बिखेर कर धीरे-धीरे मेरी आँखों से ओझल हो गयी।

अजब बहन की गजब कहानी

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Ajab Bahan Ki Gajab Kahani : हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम मयंक है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ.. में बहुत समय से इस साईट पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ और ज्यादातर सेक्स के तरीके पर ज्यादा ज़ोर देता हूँ और बहुत मज़े भी करता हूँ.. लेकिन में जब भी कहानी पढ़ता हूँ तो मेरा भी मन करता है कि में भी कभी अपनी बहिन के साथ सेक्स करूं और यह घटना अभी कुछ दिन पहले की है.. लेकिन दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है तो अगर मुझसे कोई भी गलती हुई हो तो मुझे माफ़ करना। दोस्तों में कुछ अपने बारे में भी बता देता हूँ.. में एक कॉलेज से बीटेक के तीसरे साल का स्टूडेंट हूँ और मेरी उम्र 20 साल है.. में दिखने में ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज 6.5 इंच है और में चूत का बहुत बड़ा शौक़ीन हूँ। यह घटना मेरी और मेरे मामा की लड़की की है.. उसका नाम ईशा है और वो अब बीकॉम के पहले साल में है। वो दिखने में बहुत सुंदर और मोटे मोटे बूब्स और गांड तो बस देखने से ही अच्छे अच्छो के लंड खड़े हो जाते है।

हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और एक दूसरे से सभी तरह की बातें शेयर करते थे.. लेकिन बस सेक्स की बातों को छोड़कर.. में उसका साईज भी आप सभी को बता दूँ.. उसका साईज 34-28-36 है और यह कुछ दिन पहले की बात है.. में अपने कॉलेज की छुट्टियाँ बिताने के लिए अपने मामा के घर पर आया हुआ था। तो हम दोनों सारा दिन बैठकर बातें करते रहते थे और बहुत मज़े करते थे। दोस्तों उस टाईम तक मेरे मन में उसके लिए किसी भी तरह की कोई भी ग़लत बात नहीं थी.. लेकिन फिर एक दिन मामा और मामी किसी प्रोग्राम में बाहर गये हुए थे और मुझसे घर पर रुकने के लिए बोलकर गये थे और फिर हम दोनों गेम खेलने लगे। फिर गेम खेलते खेलते अचानक से मेरा हाथ उसकी कमर पर लग गया.. लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा.. और एक मुस्कान देकर फिर से खेलने लगे.. तो एकदम से दिल में एक अजीब सा ऐहसास हुआ और मैंने उसके हाथ पर हाथ रख दिया। तो वो एकदम से ऐसे खड़ी हुई जैसे उसको 240 वॉल्ट का करंट लग गया हो।

फिर इतना होने के बाद वो बाहर भाग गई और मुझे भी अपनी गलती महसूस हुई.. लेकिन फिर भी मेरा सेक्स का बुखार शांत होने वाला नहीं था और में उसके पीछे गया तो मैंने देखा तो वो नहाने के लिए बाथरूम में चली गई और में चुपचाप आकर टीवी देखने ल्गा। इतने में ही मुझे एक बहुत ज़ोर से आवाज़ आई जैसे कुछ गिरा हो.. तो में भागकर कमरे से बाहर गया और मैंने बाथरूम के पास जाकर देखा तो ईशा नीचे जमीन पर गिरी पड़ी है और उसका टावल भी पूरा खुला पड़ा था। दोस्तों मैंने पहली बार किसी लड़की को पूरा नंगा देखा था.. और में उसे इस हालत में कुछ देर देखता रहा और उसके पीछे का हिस्सा मुझे दिख रहा था.. मतलब उसकी कमर और गांड। फिर मैंने अपने आपको संभाला और उससे पूछा कि ईशा क्या हुआ? तो उसने मुझसे कहा कि दिखता नहीं में गिर गई हूँ.. मुझे उठाओ.. बहुत दर्द हो रहा है। तो मैंने जल्दी से उसे अपने दोनों हाथों का सहारा देकर खड़ा किया.. वो एकदम नंगी मेरी आखों के सामने थी.. उसकी चूत छोटी सी थी और उस पर हल्के हल्के बाल भी थे। बिल्कुल गुलाबी कलर की.. में उसे देखता ही रह गया। तभी उसने उठकर अपना टावल ऊपर खींच लिया और में एकदम होश में आ गया। फिर वो मुझसे बोलने लगी.. बेशर्म में तेरी बहन हूँ ऐसे घूर घूरकर क्या देख रहा है? तो मैंने अपना सर नीचे कर लिया.. तभी उसने कहा कि मुझसे चला नहीं जा रहा.. मुझे अपनी गोद में उठाओ।

तो मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गया.. और उसे बेड पर लेटा दिया.. लेकिन अब भी उसके बूब्स हल्के हल्के दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड खड़ा हो चुका था। तो मैंने उससे कहा कि तुम सीधी लेटी रहो.. में दवाई लाता हूँ.. में दूसरे कमरे में जाकर दवाई लेकर आया और में उसकी कमर पर दवाई लगाने लगा और कमर पर दवाई लगाते हुये मेरा हाथ अचानक से उसके बूब्स पर लग गया.. तो मेरे मन में एक अजीब सा अहसास हुआ और में अपने आपको रोक नहीं पाया और मैंने धीरे से उसकी कमर पर किस कर दिया.. वो एकदम से सीधी हुई तो उसके बूब्स मेरे मुहं पर छू गये और उसे भी अजीब सा महसूस होने लगा और फिर उसने मेरा मुहं अपने दोनों हाथों से पकड़ा और मेरे होंठो पर किस कर दिया। तो अब में भी नहीं रुक सका और में भी उसे किस करने लगा और मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर था और दूसरा पेट पर.. वो अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी उह्ह्ह अह्ह्ह और कह रही थी मुझे और ज़ोर से किस करो। तो में भी पूरे जोश में था मैंने अपनी शर्ट उतार दी और उसके बूब्स को चूमने चाटने लगा.. वो अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी अहह मयंक और ज़ोर से चूसो.. पी लो आज इनका सारा दूध.. बहुत दिन से मेरा तुझसे चुदने का मन कर रहा था।

फिर इतने में उसने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया। पेंट के ऊपर से ही वो मेरे लंड को रगड़ने लगी और फिर उसने मेरी पेंट को खोल दिया। तो में भी उसके सामने पूरा नंगा था और अब में उसकी गर्दन पर, पेट पर, होंठ पर, बूब्स पर बारी बारी से किस करने लगा। तो वो अब बहुत गरम हो गई फिर मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूत पर अपना हाथ रख दिया.. वो एकदम से सिहर उठी और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी और वो बोलने लगी कि मयंक अब बस डाल दो मुझसे रहा नहीं जा रहा.. जल्दी करो और चोद दो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत। तो मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी चूत पर किस करने लगा.. वो आईइ उह्ह्ह्ह सीईई कर रही थी। फिर मैंने अपना लंड हाथ में लिया और उसकी चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा और वो अपने आप झटके मारने लगी और लंड अंदर लेने की कोशिश करने लगी.. मैंने उसके छेद पर अपना लंड रखा और हल्का सा धक्का मारा तो वो एकदम से चिल्ला उठी और बोलने लगी कि प्लीज बाहर निकालो भैया बहुत दर्द हो रहा है।

में उसकी खराब हालत को देखकर वही रुक गया और वो आवाज़ निकालने लगी आईइ अहह माँ बचाओ मार दिया मुझे और अब उसकी चूत से खून आने लगा। तो मैंने एक मिनट शांत रहने के बाद फिर से जोरदार झटका मारा.. इस बार मैंने मेरा पूरा 6.5 इंच का लंड अंदर उतार दिया। तो वो ज़ोर से बोली कि आह में मर जाउंगी प्लीज इसको बाहर निकालो.. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. दो मिनट रुका और आराम आराम से झटके मारने लगा। तो वो भी चुदाई के मज़े लेने लगी और अहह उह्ह्ह माँ मर गई की आवाज़ निकालने लगी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और वो भी नीचे से धीरे धीरे झटके मारने लगी और मेरा पूरा साथ देने लगी। तभी थोड़ी देर बाद वो बोलने लगी कि मेरी चूत से कुछ निकल रहा है और वो उम्म अह्ह्ह की आवाज़ निकालते हुई झड़ गई.. उसकी चूत की गर्मी से में भी झड़ गया। फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम वर्जिन थे? तो मैंने कहा कि नहीं में वर्जिन नहीं हूँ। फिर हम दोनों ने किस किया और कुछ देर लेटे रहे और फिर से हमने दो बार सेक्स किया और सो गए। सुबह उठकर एक बार फिर सेक्स किया और नहाकर कपड़े चेंज किए ।।

मेरी तड़प

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रिकी है और में 23 साल का हूँ, मेरी बॉडी स्लिम और स्किन फेयर है, इसी वजह से मेरे दोस्त मुझे लड़की बुलाते थे और मुझे छेड़ते थे और मुझे धीरे-धीरे लड़को में रूचि आने लगी, मेरी छाती और बॉडी पर बाल नहीं है, इसलिए कुछ लोग मुझे चिकनी लड़की भी कहते थे। ये स्टोरी तब कि है जब में 12वीं क्लास में पढ़ता था और में अपने पेरेंट्स का एक ही लड़का हूँ, मेरे पापा की मौत के बाद मुझे और माँ को सरकारी क्वॉर्टर छोड़कर दिल्ली आना पड़ा। मेरी माँ का नाम उर्मिला है और वो हाउसवाईफ है, उनकी उम्र 35 साल है, उनका फिगर 36-32-38 है, स्किन गोरी है और हाईट 5 फुट 5 इंच है।

अब हमारी घर की स्थिति कमजोर हो गई थी तो माँ ने एक नर्सिंग होम में नर्स की जॉब कर ली। फिर कुछ दिनों में नर्सिंग होम वालों की मदद से हमें दो कमरों का घर मिल गया, अब में और माँ वहीं रहने लगे। वो जगह नर्सिंग होम के पास ही थी, अब में कभी-कभी माँ के साथ में नर्सिंग होम जाता था।  फिर एक दिन मैंने देखा कि दो वार्डबॉय मेरी माँ के बारे में कुछ बात कर रहे हैं तो में चुपचाप जाकर  उनकी बातें सुनने लगा। फिर उनमें से एक बोला साली ये उर्मिला रोज़ मेरे लंड को तड़पाती है तो दूसरा बोला क्यों भाई? इसने क्या कर दिया? तो पहले ने कहा कि अरे साली को 2 महीने से दाना डाल रहा हूँ, लेकिन अभी तक बस बूब्स दबाने को मिले हैं। फिर दूसरा बोला भाई मुझको तो साली देखने भी नहीं देती है, तो पहला बोला कि अरे कब तक बचेगी एक दिन में इसकी चूत और गांड को ज़रूर चोदूंगा, तो दूसरे ने बोला कि भाई जब तुझे मिल जाए तो मुझे भी दिलवा देना।

अब में ये सब सुनकर दंग रह गया, अब मुझे अजीब सा लग रहा था। मैंने कभी पहले ऐसा माँ के लिए नहीं सुना था। अब वो दोनों बात ही कर रहे थे कि उन्होंने मेरी माँ को आते देखा, अब में खिड़की से सब सुन और देख रहा था। फिर माँ कमरे में आईं और बोली कि ठाकुर मेरा बेटा यहाँ नर्सिंग होम आया है, तुमने उसे इधर कहीं देखा है। फिर उनमें से जो ठाकुर था तो उसने माँ को गाली देते हुए कहा कि साली तुने मुझे क्या समझा हुआ है? में तेरे बेटे को देखता रहूँ तो माँ चुप होकर जाने लगी। तभी उसने माँ से बोला कि मैंने तुझे जो 1500 रुपये दिए थे, वो वापस कब देगी? तो माँ ने कहा कि सैलरी मिलते ही दे दूँगी। फिर वो माँ के पास आ गया और बोला कि नहीं मुझे अभी चाहिए तो माँ ने उसे बोला कि मेरे पास अभी नहीं हैं और तुमने बहुत पी रखी है।

फिर उसने बोला कि हाँ और मेरे पैसे वापस कर अभी, नहीं तो में तुझे जाने नहीं दूँगा और ये कहकर उसने दूसरे वार्डबॉय को जाने को कहा। उसकी बॉडी थोड़ी बहुत तगड़ी थी और उसे देखकर लग रहा था कि वो सभी वार्डबॉय का लीडर है। अब दूसरा वार्डबॉय चुपचाप वहाँ से चला गया है और अनीश ने कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया और माँ से बोला कि साली अब बता देती है पैसे। फिर माँ ने बोला कि अभी मेरे पास नहीं है। फिर उसने माँ से बोला कि अच्छा चल ठीक है, आज मेरी एक तमन्ना पूरी कर दे, मुझे तुझे अभी चोदना है। फिर माँ ने बोला कि अरे ये क्या कह रहे हो अनीश? फिर उसने बोला कि साली नाटक मत कर तुझे इतने दिन से दाना डाल रहा हूँ और उस दिन तो तूने अपने बूब्स भी दबवाये थे, जब तू पैसे लेकर गई थी।

फिर माँ ने बोला कि प्लीज मुझे जाने दो, मेरा लड़का यहाँ पर ही है वो देख लेगा। फिर उसने बोला कि  चुपकर साली अपने कपड़े उतार और ये बोलकर उसने माँ को पीछे से पकड़ लिया और ब्लाउज के ऊपर से ही माँ के बूब्स दबाने लगा। अब माँ उससे छूटने की कोशिश करने लगी, इतने में उसने माँ का ब्लाउज खोल दिया और ब्रा निकाल दी। अब ब्रा के निकलते ही उनके दो बड़े-बड़े, गोरे बूब्स बाहर आ गये। अब ये देखते ही मुझे कुछ होने लगा था, पता नहीं क्यों? लेकिन अब मुझे मज़ा आने लगा था। मैंने पहले कभी माँ को ऐसे नहीं देखा था, अब उनके दोनों बूब्स चमक रहे थे। फिर अनीश माँ के बूब्स को अपने हाथ में लेकर दबाने लगा, अब माँ कुछ भी नहीं कर पा रही थी। फिर कुछ देर तक दबाने के बाद उसने माँ को पलट दिया और उनके बूब्स चूसने की कोशिश करने लगा। फिर माँ ने उसको बोला कि ऐसे जल्दी-जल्दी में कुछ नहीं हो पायेगा और कोई आ भी सकता है, तुम मेरे घर पर आकर करना जो भी करना आराम से बिस्तर पर करना।

(TBC)…

मेरी तड़प भाग २

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अब ये सुनते ही में समझ गया कि माँ क्या चाहती है? फिर उसने बोला कि घर पर तो तेरा लड़का रहता है, उसका क्या? तो माँ ने बोला कि में उसे स्कूल में डलवा रही हूँ, फिर घर खाली रहेगा। अब ये सुनते ही अनीश की आँखों में चमक आ गई और उसने माँ को अपनी पकड़ से आज़ाद कर दिया। फिर माँ ने अपनी ब्रा पहनी और ब्लाउज पहनकर जाने लगी। तभी अनीश ने बोला कि यहीं पास में एक लड़को का सरकारी स्कूल है वहीं डलवा दे अपने लड़के को। फिर माँ ने बोला कि ठीक है और मुझे लड़को के सरकारी स्कूल में डलवा दिया गया। इस सबके बाद मेरे मन में अजीब सी हलचल होने लगी, उस दिन के बाद से में माँ को अलग नज़र से देखने लगा। अब में कभी-कभी अपनी माँ को नंगे नहाता हुआ देखता, लेकिन मुझे औरतो से ज़्यादा मर्दों में रूचि होने लगी थी। फिर ऐसे ही 1 महीना बीत गया, अब में स्कूल जाने लगा था। में 10वीं क्लास में था और मेरी क्लास में सब लड़के थे, क्योंकि वो लड़को का सरकारी स्कूल था।

अब वहाँ कुछ लड़के मुझसे काफ़ी बड़े भी थे, क्योंकि वो एक ही क्लास में दो तीन बार फैल हो चुके थे।  उनमें से दो थे, जितेन्द्र जिसे सब जीतू भाई बुलाते थे और सौरभ, वो दोनों क्लास में डॉन की तरह रहते थे, जो कभी भी किसी से भी लड़ते रहते थे, सब लड़के उन दोनों से डरते थे। उन दोनों की नज़र अभी तक मुझ पर नहीं पड़ी थी, क्योंकि जब से मेरा एडमिशन हुआ था, तब से वो दोनों स्कूल नहीं आए थे।  फिर एक दिन वो दोनों स्कूल आए, जब में क्लास में पहुँचा तब तक वो आ चुके थे। फिर मुझे देखते ही जीतू ने बोला कि ये साला कौन नया आया है? तो उसे किसी ने बताया कि मेरा न्यू एडमिशन है। फिर वो दोनों मेरे पास आकर बैठ गये और मुझसे बातें करने लगे। फिर मैंने उनको अपने बारे में बताया कि कैसे में और मेरी माँ दिल्ली आकर रह रहे है? फिर वो दोनों धीरे-धीरे मेरे दोस्त बन गये और में स्कूल में उनके साथ ही रहने लगा।

अब उन दोनों ने मुझे सब कुछ सिखा दिया था, दारू पीना, सिगरेट पीना, ब्लू फिल्म देखना और मुझे उन दोनों के साथ बहुत मज़ा आता था। वो दोनों एक नम्बर के ठरकी भी थे और हमेशा आंटीयो को छेड़ते रहते थे, वो दोनों मुझे कभी-कभी लड़कियों की तरह तैयार करके मेरे साथ नंगे होकर डांस करते थे। फिर एक दिन जितेन्द्र ने मुझे अपने मोबाईल पर एक वीडियो दिखाया, जिसमें एक लड़का दो लड़को का लंड चूस रहा था। फिर जितेन्द्र बोला कि रिकी जानेमन अब तुझे भी यहीं करना है और ये बोलते ही उसने अपना लंड अपनी पेंट से बाहर निकाल लिया। अब उसका लंड देखकर मेरी आँखे फटी की फटी रह गई, उसका लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था, मेरा लंड तो उसके सामने बच्चा था। फिर उसने मुझे घुटने पर बैठने को कहा और अपना लंड चूसने को बोला तो में चुपचाप बैठकर उसका लंड चूसने लगा। अब में उसका लंड चूस ही रहा था कि तभी रूम में सौरभ भी आ गया, उसने मुझे ऐसे देखा तो वो हंसकर जीतू से कहने लगा कि अरे तूने इसे आज ही काम पर लगा दिया तो जीतू बोला कि हाँ यार अब रहा नहीं जा रहा था।

फिर मैंने सौरभ को देखते ही जीतू का लंड अपने मुँह से बाहर निकाल लिया और सौरभ को हाय बोला, तो उसने मेरी गांड पर एक थप्पड़ मारा और बोला कि बहनचोद चूसता जा, अभी इसके बाद तुझे मेरा भी लंड चूसना है। अब उन दोनों ने मुझे नंगा करके बिस्तर पर लेटा दिया और मुझे घोड़ी बनाकर अपना अपना लंड मेरे सामने रख दिया। अब मुझे और मज़ा आने लगा था, अब में उन दोनों के लंड बारी-बारी चूसने लगा था। फिर थोड़ी देर के बाद जीतू बोला कि अब मुझे इसकी गांड मारनी है और बिस्तर पर चढ़ गया। फिर उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद में सटाया ही था कि मैंने बोला कि जीतू भाई थोड़ा सा तेल लगा दो नहीं तो मुझे बहुत दर्द होगा। फिर उसने पास में ही पड़ी वैसलिन क्रीम निकाल कर मेरी गांड के छेद पर लगा दी और अपना लंड मेरी गांड मे डालते हुए बोला कि पहले कभी गांड में लंड लिया है क्या? तो में बोला कि हाँ एक बार एक अंकल ने मुझे चोदा था।

फिर वो बोला कि साले में चुदवाने की बहुत गर्मी है और अपना लंड मेरी मुलायम गांड में डाल दिया। अब उसका लंड मेरी गांड में आधा ही गया था कि मेरी चीख निकल गई। फिर उन दोनों ने मुझे बारी-बारी से चोदा और तब से में उनकी रंडी बन गयी। अब उन दोनों को जब भी मौका मिलता तो कभी स्कूल में या सौरभ के फ्लेट पर तो वो दोनों मुझे चोदते और मुझसे अपना लंड चुसवाते थे। इस तरह 3 महीने बीत गये। अब में अपनी माँ के साथ अकेला दो कमरों के घर में रहता था। फिर एक दिन पेरेंट्स मिटिंग थी तो मेरी माँ स्कूल आई। फिर टीचर से मिलने के बाद सौरभ और जीतू मेरे पास आए और मुझे माँ से उन्हें मिलवाना पड़ा। अब जीतू तो माँ को देखता ही रह गया। फिर कुछ देर के बाद हम घर चले गये।

फिर अगले दिन स्कूल की टॉयलेट में जीतू ने मुझे बुलाया और मेरे आते ही मुझे अंदर ले जाकर सौरभ को बुलाया। फिर सौरभ के आते ही उन दोनों ने टॉयलेट का दरवाजा बंद कर दिया और जीतू ने मुझे घुटने पर बैठा दिया और अपना लंड निकाल कर मुझसे चूसने को कहा। फिर मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा। अब में जीतू का लंड चूस ही रहा था कि सौरभ ने अपनी जेब से मोबाईल निकाला और मेरा वीडियो बनाने लगा। फिर जीतू ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और मुझसे बोला कि तेरी माँ का क्या नाम है? तो में बोला कि उर्मिला। फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह डालते हुए बोला कि तेरी माँ बहुत हॉट हैं और में उसको चोदना चाहता हूँ। अब में ये सुनकर हैरान रह गया और बोला कि ये क्या कह रहे हो जीतू? तो उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और बोला कि हाँ मादरचोद सही कह रहा हूँ, ऐसी माल को कोई जाने देता है क्या? तो में बोला कि मेरी माँ बहुत सीधी है और वो ये सब नहीं करती है।

फिर जीतू बोला कि अरे सब करती हैं और मैंने बहुत को चोदा है समझा, अब तू हमारी दोस्ती अपनी माँ से करवा, नहीं तो ये वीडियो पूरे स्कूल में बाँट देंगे और तेरी माँ को भी दिखायेंगे। अब में कुछ भी नहीं कर सकता था, क्योंकि वो दोनों मुझसे बड़े और तगड़े थे। फिर मैंने बोला कि ठीक है। फिर हम टॉयलेट से बाहर आ गये। अब में अपना मुँह पोंछ रहा था कि तभी सौरभ मेरी गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला कि आज साले की गांड नहीं मारी, तो जीतू बोला कि कोई बात नहीं इसको शाम को घर बुला ले, वहीं पर इसकी गांड मार लेते हैं और मुझसे अपनी माँ की ब्रा और पेंटी लाने को बोला और वहीं पर इसकी माँ को चोदने का प्लान भी बनाते है। दोस्तों ये थी मेरी लंड की तड़प जो मुझे यहाँ तक ले आई ।।

धन्यवाद …

नंगी शादी और सामूहिक चुदाई

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Nangi Shaadi Aur Samuhik Chudai : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र 19 साल है। ये कहानी एक साल पहले की है जिसमें 2  फेमिली है, एक मेरी और दूसरी हमारे फेमिली फ्रेंड प्रकाश अंकल की है। मेरी फेमिली में हम 5 लोग है में, मम्मी, पापा और दो बहनें, जो अभी पढ़ रही है और प्रकाश अंकल की फेमिली में 6 लोग है वो, उनकी वाईफ और 3 बेटे और एक बेटी, जो कि 19 साल की है और वो अभी पढ़ रही है। एक दिन प्रकाश अंकल और उनकी वाईफ हमारे घर आए, अब वो मेरे पापा और मम्मी से बात कर रहे थे। वो लोग कहीं बाहर जाने की प्लानिंग कर रहे थे, वो लोग छुट्टी मनाने ऊटी जाने का प्लान बनाकर रविवार को निकल गये। वो दोनों अंकल, आंटी और मेरे मम्मी, पापा और हम सब बच्चे अपने घर पर ही थे।

अब में आपको बता दूँ कि मेरी दोनों बहनों का नाम रीता और मीना है, वो दोनों जुड़वा है और बहुत सेक्सी है। वो 19 साल की कामुक लड़कियां है और प्रकाश अंकल के बेटे प्रीतम 21 साल, पिंटू 20 साल और सिंटू 19 साल के है। हमारे पापा मम्मी की तरह हम सब भी अच्छे दोस्त थे और बहुत बार मेरी दोनों बहने पूजा के पास जाया करती थी और हम भी प्रीतम और उसके भाइयों के साथ बाहर जाते थे। इस तरह जब हमारे पापा मम्मी ऊटी गये थे, तो हम लोग अपने एग्जॉम में व्यस्त थे और अचानक हमें एक शॉक लगा और पता चला कि रोड़ एक्सिडेंट में हमारे माता पिता की मौत हो गई है। फिर हम सबने बहुत दुख से उन सभी का क्रियाकर्म किया। उस समय मेरे पास कुछ नहीं था, फिर में प्रीतम और उसके भाइयों के घर गया। फिर थोड़ी देर तक बात करने के बाद हमने फ़ैसला कर लिया कि हम सब साथ में रहेंगे। फिर में अपनी दोनों बहनों के साथ उनके घर चला गया और फिर हम एक साथ रहने लगे। फिर करीब 5 महीने के बाद हम सब घुल मिल गये और मस्त रहने लगे। अब प्रीतम और में बिज़नस किया करते और घर चलाया करते। फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए।

प्रीतम : क्या यार, अब हमारी शादी कैसे होगी?

में : हाँ यार, में भी यही सोच रहा हूँ।

प्रीतम :  एक बात बोलूं।

में : हाँ बोल।

प्रीतम : मुझे तेरी बहन मीना बहुत पसंद है, क्या में उससे शादी कर सकता हूँ?

में :  हाँ, मगर एक शर्त है।

प्रीतम :  बोल।

में : मुझे भी तेरी बहन बहुत पसंद है।

प्रीतम : ये तो खुशी की बात है चल आज ही मीटिंग करते है।

फिर घर आने के बाद हम सब डिनर टेबल पर बैठे और प्रीतम ने पूछा कि जिसको भी शादी करनी है वो हाथ उठाओ, तो सबने अपना हाथ उठाया और हम चौंक गये, तो मीना बोली कि लेकिन करेगें किससे?

में :  देख हम सब जवान है और अलग-अलग फेमिली से बिलॉंग करते है, क्यों ना हम आपस में शादी  कर ले?

तो सब राजी हो गये और अब सब खुश लग रहे थे, तो पिंटू ने कहा कि लेकिन एक प्रोब्लम है दोस्तों।

में : क्या?

पिंटू : हम 4 लड़के है और लड़कियां 3 ही है, कैसे शादी होगी?

प्रीतम : कुछ सोचो यार।

फिर हम एक फैसले पर आए कि मेरी बहन रीता के दो पति होगें, तो सब राजी हो गये।

अब हम सब शर्म छोड़ चुके थे और खुलकर बात कर रहे थे। फिर मैंने प्रीतम की बहन पूजा से कहा कि

क्या ख्याल है मेरी होने वाली पत्नी?

पूजा :  हाए मेरे राजा आई लव यू।

फिर हम सब हंस पड़े, फिर हमने अगले दिन शादी का प्लान किया और सब खुश हो गये, क्योंकि सब हवस में पागल थे। फिर दूसरे दिन सभी लड़कियां साड़ी पहने थी और सब लड़के कुर्ता पजामा पहने थे,  फिर मैंने कहा कि क्यों ना शादी एक नयी स्टाइल में की जाए?

प्रीतम :  कैसे?

में : क्यों ना हम कम से कम कपड़ो में शादी करे?

सिंटू :  अच्छा आईडिया है।

में :  गर्ल्स सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में और बॉय सिर्फ शॉर्ट्स पहनकर शादी करे।

पूजा : आईडिया अच्छा है।

फिर हम सबने अपने-अपने कपड़े उतारे और ड्रेस कोड में आ गये। अब मीना और रीता ने ब्लेक कलर की ब्रा और पेंटी पहनी थी और पूजा ने रेड कलर की ब्रा पेंटी पहनी थी और सभी बॉय ने ब्लू कलर की शॉर्ट पहनी हुई थी।

पूजा : लेकिन, हम शादी शुरू कैसे करे?

फिर हमने हॉल में सब गद्दे बिछाए और अब हम हार पहनाकर शादी कर रहे थे।

रीता :  सिंदूर कहाँ है?

प्रीतम :  हाँ, सिंदूर हम माँग में नहीं चूत में भरेंगे।

तो वो खुश हो गई और अब सब लेडीस अपनी पेंटी को साईड में करके खड़ी थी।

में : हम सिंदूर हाथ से नहीं लंड से भरेंगे।

तो सब राजी हो गये, फिर मैंने अपने 8 इंच के लंड पर सिंदूर लगाया और पूजा की नाज़ुक चूत पर  सिंदूर लगाया। वही पिंटू और सिंटू ने मेरी बहन रीता की चूत पर सिंदूर लगाया और प्रीतम ने मीना की चूत पर अपना लंड लगाकर शादी कर ली थी। अब हम सब रोमांस कर रहे थे, अब में पूजा की ब्रा खोलकर उसके 19 साल के निपल चूस रहा था। अब वो बहुत सिसकियां मार रही थी, अब रीता पिंटू और सिंटू के साथ मज़े ले रही थी और प्रीतम मीना की चूत को चाट रहा था। अब में भी पूजा की चूत चाट रहा था। अब वो लाल हो गई थी और में उसकी चूत पर अपना लंड मसल रहा था और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर मैंने एक जोरदार धक्के के साथ पूजा की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो वो चीख उठी और वहीँ मीना का भी यही हाल था और रीता भी एक लंड चूस रही थी और दूसरा लंड अपनी चूत में ले रही थी। इस तरह से हमने रात के तीन बजे तक चुदाई की और अब सब कई बार झड़ चुके थे। फिर सुबह 9 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि पूजा मेरी बाहों में सो रही है, मीना प्रीतम का लंड अपनी चूत में लिए सो रही हैं और रीता के दोनों साईड में सिंटू पिंटू सो रहे थे। फिर मैंने सबको उठाया और कहा कि नहा लो, तो अब सब उठकर एक दूसरे को देख रहे थे और फिर सबने अपनी बीवियों को मॉर्निंग किस किया और बीवियों ने लंड मुँह में लेकर सबको ठीक से जगाया। अब सब कपल एक के बाद एक बाथरूम में जा कर चुदाई के साथ फ्रेश होकर कपड़े पहनकर बाहर आए और नाश्ता किया।

तभी पूजा ने कहा कि आज राखी है हम सब अच्छे से मनायेंगे, तो मैंने कहा कि अच्छा आइडिया है।

(TBC)…

अंकल आंटी की अजीब दास्ताँ

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Uncle Aunty Ki Ajeeb Dastan : हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रोहित है और में भारत से हूँ और फिलहाल यूरोप में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरी उम्र 25 साल है और में इस साईट की कहानियां 2 साल से पढ़ रहा हूँ.. और इसके कारण में बहुत सारे सेक्स करने के तरीके सीख चुका हूँ और इसी के कारण मुझे लगता है कि में सेक्स के मामले में बहुत सुधरा भी हूँ.. मगर नीयत के बारे में बिगड़ भी गया हूँ। दोस्तों यह स्टोरी आराम आराम से हॉट फिर सेक्सी होती जाएगी तो में उम्मीद करता हूँ कि कहानी पढ़कर ही आपकी चूत गीली और लंड टाईट हो जाएगा।

चलो अब में अपनी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों यह बात आज से तीन साल पहले की है जब में पढ़ाई कर रहा था और में दीवाली की छुट्टियों में मेरे अंकल आंटी के घर पर गया था। वो महाराष्ट्र में रहते है और में करीब शाम 8 बजे उनके यहाँ पर पहुंचा और मैंने घर की बेल बजाई और मेरे अंकल ने घर का गेट खोला और अंकल के गले मिला। फिर हम दोनों घर के अंदर गये.. अंकल मुझसे मिलकर बहुत खुश थे और हम दोनों बिल्कुल अच्छे दोस्त की तरह है। अंकल–आंटी की शादी को 4 साल हो गए थे लेकिन फिर भी उनको कोई बच्चा नहीं था.. लेकिन शायद हो सकता है उनकी कोई फेमिली प्लॅनिंग हो और वो अभी बच्चा नहीं चाहते हो।

चलो लेकिन मुझे क्या फिर हम हॉल में गए और अंकल ने मुझे बैठने को कहा में आराम से गांड टिकाकर सोफे पर बैठ गया। अंकल ने मुझे पीने का पानी दिया और वो भी मेरे साथ बैठ गये। तभी मैंने आंटी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी आंटी अभी मार्केट से शॉपिंग करके आई है इसलिए बाथरूम में शावर लेने गयी है। तभी मेरे अंकल ने मुझे पूछा कि क्या तुम दारू पीना चाहते हो? तो मैंने कहा कि क्यों नहीं? और में बियर पीने के मूड में था और उन्हें भी दारू के लिए कोई साथी मिल गया था। यह सुन कर वो बहुत खुश हो गए और कार की चाबी लेने बेडरूम में चले गये रूम से वापस आकर वो बोले कि रोहित में आधे घंटे में आता हूँ.. तुम तब तक आराम करो और मैंने तुम्हारी आंटी को बोल दिया है वो आती ही होगी।

फिर अंकल के जाने के 5 मिनट बाद में ही में आंटी से मिलने उनके बेडरूम में चला गया और बेडरूम में पीले लेम्प की रोशनी थी और ड्रेसिंग टेबल के सामने आंटी खड़ी थी। आंटी ने गहरे नीले कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना था.. ब्लाउज पीछे से पूरा का पूरा खुला था और उसकी डोरी बहुत छोटी थी और उनकी पीठ लगभग नंगी लग रही थी और साड़ी शरीर से टाईट थी.. जिसमे उनकी गांड उभर कर बाहर आ रही थी और उनको पीछे से देखकर ऐसा लग रहा था कि उनके पीछे जाकर उनको किस करूं.. लेकिन में मजबूर था। मेरी आंटी की हाईट 5.4 इंच है उनके बूब्स बड़े और मुलायम है। मुलायम इतने कि अगर वो पूरी की पूरी नंगी सो जाए तो बूब्स इधर उधर हिलने लगे और उनकी उम्र पता नहीं है और उनकी गांड तो उनके शरीर का एक बहुत अच्छा हिस्सा है उनकी गांड बड़ी कोमल है.. इतनी कोमल है कि हाथ लगाए तो उछलती है और अगर चांटा मारो तो लाल लाल हो जाती है लेकिन में आप सभी को आंटी का नाम बताना भूल गया.. उनका नाम मधु है।

तो जब में उनके बेडरूम पहुंचा और उनको मेरी आहट हुई और उन्होंने मुझे देखा और खुश होकर मुझसे पूछा कि रोहित कैसे हो? और वो मेरे पास आई.. आते हुए उनकी चूड़ियां साड़ी ब्लाउज और बिंदी देखकर में तो पागल हो गया और उनका चलने का स्टाईल भी बड़ा प्यारा था। वो मेरे पास आई और मेरे माथे पर किस करके बोली कि रोहित तुम्हे देखकर मुझे हमेशा बहुत अच्छा लगता है। अब मेरे बाथरूम में जाकर जल्दी से फ्रेश हो जाओ और फिर हम साथ में खाना खाएँगे। मैंने तेरी पसंद की मटन हांड़ी बनाई है। तभी मैंने कहा कि ठीक है में मेरा बेग लेकर आता हूँ। तभी वो बोली कि नहीं में लाती हूँ तुम फ्रेश होने लग जाओ। में तुरंत उनके बाथरूम में गया और बाथरूम में बड़ी अच्छी खुश्बू आ रही थी।

आंटी हमेशा अच्छी कम्पनी के शावर जेल काम में लेती थी.. वो बड़ी सेक्सी महक देते है। में भी बहुत सारा शावर जेल डालकर नहाया.. नहाते समय मेरी नज़र आंटी की पेंटी पर गयी वो वहीं पर सूख रही थी। शायद आंटी ने अभी ही शावर लिया था.. पेंटी पीले कलर की जाली वाली थी और में उसे देखकर पागल हो गया और में मेरे लंड को टाईट करके मसलने लगा और कभी कभी ऐसा एहसास होता था कि आंटी मुझे कहीं होल से देख रही है तो में और ज़ोर ज़ोर से मस्ती से मालिश करता.. लेकिन मेरी आंटी बेडरूम में ही होगी मुझे पता था.. क्योंकि वो ऐसे छिछोरे काम करने वालो में से नहीं है इसका मुझे अंदाज़ा था। फिर मेरा नहाना पूरा हुआ और में टावल लपेट कर बाहर आ गया और बाहर आकर में अपने बाल सुखा रहा था।

तभी मेरी आंटी आई और मेरे बेग में से मेरी पेंट और टी-शर्ट निकालने लगी। फिर मैंने अचानक से घूमकर उनको देखा तो वो बोली कि क्या बात है रोहित? आज कल खाना जमकर खा रहा है.. तूने तो बड़ी अच्छी बॉडी बना ली है और फिर मेरे पास आकर मेरे पेट पर हाथ घुमाकर बोलने लगी कि अब तो तेरा पेट भी बड़ा हो गया है और तू कुछ ही दिन में सेठ की तरह दिखेगा.. ज़रा एक्सर्साइज़ किया कर और यह पेट ज्यादा ना बड़ने दे.. इसका ध्यान रखा कर नहीं तो तेरे पैट के कारण तेरी बीवी बोर हो जाएगी। तभी मैंने कहा कि मधु आंटी में समझा नहीं.. मेरे पैट के कारण मेरी बीवी क्यों बोर हो जाएगी? तभी आंटी बात काटकर बोली कि तू तेरे अंकल से पूछ लेना वो तुझे बता देंगे और तेरी शरीर से बड़ी मस्त खुश्बू आ रही है। फिर में बोला कि क्यों नहीं आएगी?

आपका ही शावर जेल मैंने काम में लिया है। तो वो मुस्कुराने लगी। फिर में तैयार होकर हॉल में आया तब तक अंकल आ गए थे और ग्लास में ड्रिंक्स भर रहे थे और फिर हम दोनों ने पीना शुरू किया। मैंने दो बियर पी और उन्होंने एक विस्की खत्म कर दी। फिर हम तीनों खाना खाने लगे और खाते हुए भी उन्होंने बहुत विस्की पी ली। फिर आंटी ने जब उनको कहा कि बस हो गया.. तब जाकर वो रुके। हमारा खाना होने के बाद हम तीनों सोफे पर बैठ गये। मैंने और आंटी ने आईसक्रीम खाई और अंकल को बहुत दारू चड़ गयी थी तो में उनको बेडरूम में लेकर गया और सुला दिया।

फिर उन्होंने कहा कि गेस्ट रूम का एयर कंडीशनर खराब है इसलिए तुम हमारे बेड रूम में ही सो जाओ। अंकल ने फोर्स किया कि में उनके साथ सो जाऊँ और उनका बेड बड़ी साईज़ का था। तीनों आराम से सो सकते है और आंटी ने मुझे बोला कि रोहित क्या तुम दो मिनट बाहर जा सकते हो.. मुझे चेंज करना है? लेकिन अंकल अभी मस्ती के मूड में थे वो मज़ाक करते करते बोले कि उसे क्यों भाहर भेज रही हो? वो तो अभी बच्चा है.. सिर्फ़ बियर पीता है। उसके सामने ही चेंज कर लो तो आंटी बोली कि आप चुप रहो वरना आपको भी बाहर जाना होगा। फिर में बाहर गया और 5 मिनट में आंटी ने मुझे बुलाया। वाह क्या लग रही थी मधु आंटी? उन्होंने लाल कलर की बहुत सेक्सी नाईटी पहनी थी.. लेकिन पारदर्शी नहीं थी।

तभी हम तीनों आराम से सो गये और मुझे कल्पना भी नहीं थी कि अगले एक घंटे में मेरे साथ क्या होने वाला था? अंकल बेड पर बीच में सोए थे.. आंटी ड्रेसिंग टेबल की साईड में सोई थी और में दूसरे बेड साईड पर सोया था। तो करीब एक घंटे बाद जब मैंने करवट बदली और हल्की सी आँखे खोलकर देखा तो अंकल और आंटी एक दूसरे के ऊपर लेटे हुए एक दूसरे को मसल रहे थे। उन्होंने एक कम्बल लिया हुआ था और में कुछ नहीं देख पा रहा था और उन्होंने सर से लेकर पैर तक कम्बल ओढ़ा हुआ था। वो दोनों एक दूसरे पर बदन घिस रहे थे और कुछ सेकेंड बाद बात करने लगे.. लेकिन पता नहीं क्या कह रहे थे और फिर कम्बल उनके बदन से निकलने लगा और मेरा लंड पत्थर की तरह टाईट हो गया।

तभी मेरा दिमाग सोचने लगा कि वो क्या कर रहे है और में मेरा हाथ पेंट में डालकर लंड को सहलाने लगा। तभी अचानक वो लोग कम्बल दूसरी तरफ हटाने लगे और मैंने डर के मारे करवट बदल दी और दीवार की साईड देखने लगा। 5 मिनट बाद मेरे लंड से रहा नहीं गया और मैंने करवट बदलकर उनको सोचने लगा लेकिन आँखे बंद कर रखी थी। करीब 2 मिनट के बाद आंटी की अयाहह हाहााहह ऐसी आवाज़ आने लगी। तभी मैंने हल्के से आँख खोली और देखा तो अंकल आंटी ने एक दूसरे को किस कर रहे थे.. लेकिन में सिर्फ़ मेरे अंकल को देख सकता था। वो सिर्फ़ उनके अंडरवियर में थे और आंटी का एक हाथ उनके गले में था।

उस हाथ में मस्त चूड़ियाँ थी और आंटी का दूसरा हाथ अंकल के अंडरवियर में जा रहा था। आंटी ने फिर अंकल की गांड को ज़ोर से दबा दिया और अंकल ने जल्दी से आंटी को खींचकर साईड चेंज कर ली। अब में मधु आंटी का पिछला हिस्सा देख रहा था.. वाह मेरी किस्मत। उन्होंने सिर्फ़ ब्रा पेंटी पहनी थी। उन्होंने गहरे लाल कलर की पेंटी पहनी थी और उसी कलर की सेक्सी ब्रा पहनी थी। अंकल ने आंटी की पेंटी में हाथ डालकर उनकी गांड रगड़ने लगे.. वाह क्या गांड थी साली वो? ऐसा लग रहा था कि उसमे मेरा लंड घुसा दूँ। मादरचोद अंकल ने मधु आंटी की गांड जोर जोर से रगड़ते रगड़ते आंटी के पिछवाड़े में यानी गांड में उंगली घुसा दी और आंटी धीरे से चिल्लाकर अंकल को ज़ोर से चिपक गयी और अपनी चूत उनके अंडरवियर पर घिसने लगी।

आंटी ने फिर अंकल का हाथ निकाला और उसी हाथ को उनकी पेंटी के अंदर डाल दिया। कुछ सेकिण्ड आंटी की चूत में उंगली करने के बाद अंकल ने आंटी के ऊपर आकर उनको किस किया तो आंटी बोली कि पति देव थोड़ा जल्दी करो.. आज हम अकेले नहीं है। अंकल आहह मेरी जान तुझे अकेले कहाँ पसंद आता है.. आज में तुझे रोहित के सामने जोर जोर से चोदू क्या? तभी आंटी गरम हो गई और जल्दी से अंकल की अंडरवियर नीचे खींच दी और खुद की भी निकाल दी। आंटी की चूत इतनी गीली थी कि मुझे उनकी चिकनाई की चिप चिप आवाज़ आ रही थी। तभी आंटी ने झट से अंकल का लंड लिया और खुद की चूत में घुसा दिया और बोली कि हरामी पति रोहित के सामने क्यों चोदता है मुझे? क्या पत्नी की इज़्ज़त का ख्याल नहीं है? आआहह। अंकल बोले कि हरामी तो तू है रोहित का नाम सुनते ही जोश में आ गई रांड। आंटी बोली कि चोद ज़ोर से चोद और जोर से मादरचोद आहह चोद तेरी बीवी को और ज़ोर से चोद।

तभी अंकल ने आंटी के मुहं को दबाया और बोले कि ओहह छिनाल साली बड़ा मजा आ रहा है। आज तो में साली तुझे मार दूंगा और अंकल ने आंटी को ऊपर लिया और वो नीचे आ गये। आंटी ज़ोर ज़ोर से अंकल पर कूद रही थी और अंकल गाली और प्यार ज़ोर ज़ोर से दे रहे थे और आंटी बोली कि आह आराम से रोहित उठ ना जाए। फिर अंकल ने आंटी को बोला कि साली तुझे उससे चुदवाना है क्या? बोल तुझे खुश करने के लिए आज में बहुत मूड में हूँ। आंटी बोली कि साले सच में चुदवाउंगी ना तो आपकी गांड जल जाएगी और वो बड़ी ज़ोर से उनकी चूत को उनके लंड पर दबाने लगी। अंकल जोश में आकर आंटी को चूमते हुए मेरे और करीब लेकर आ गये। आंटी और मेरे बीच में सिर्फ़ एक उंगली का अंतर था और फिर अंकल आंटी की चूत को चाटने लगे।

उन्होंने शायद उनकी पूरी जीभ उनकी चूत में डाल दी थी। तभी आंटी का चेहरा मेरे सर के पास ही था तो में उनकी सिसकियाँ सुन रहा था। वो आआअहह उफफ्फ्फ् स्वामी और चाटो और चाटो मेरे स्वामी। तभी अंकल बोले कि आज में तुझे डरा डराकर चोदूंगा। तभी आंटी बोली कि वो कैसे? फिर वो आंटी को सरकाकर मेरे पास लाए और मैंने आंखे बंद कर दी और करीब 2 मिनट बाद मैंने अपने आस पास कुछ हलचल महसूस की और आंटी के मुहं से सुना कि आज मत करो रोहित उठ जाएगा। अंकल बोले कि वो नहीं उठ सकता है उसने दारू पी रखी है। तभी मैंने हल्के से जब 3 मिनट बाद आँखे खोली तो मेरे चहरे की साईड में आंटी का एक ही पैर दिखाई दिया.. जैसे कि वो मेरे पास में खड़ी है और में हैरान हो गया..

यह देखकर कि मधु आंटी का पैर मेरी सीधी साईड में था और एक पैर उलटी साईड में था और उनको लग रहा था कि में गहरी नींद में सो रहा हूँ और मैंने जब ऊपर देखा तो आंटी की प्यारी चूत दिखी जिसमे अंकल का टाईट लंड था। जो कि ज़ोर ज़ोर से आंटी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। वो दोनों भी मुझे नहीं देख सकते थे। आंटी के दोनों हाथ दीवार पर टिके थे.. उनकी चूत बिल्कुल मेरे मुहं के एक फिट ऊपर थी और अंकल आंटी की कमर को पीछे से पकड़कर चोद रहे थे और बोले कि कैसा लग रहा है मेरी हरामी पत्नी को भतीजे के ऊपर चुदने में? तभी आंटी बोली कि गांडू अगर भतीजा उठ गया तो माँ चुद जाएगी आअहह। वाह क्या सीन था वो.. में तो पागल हो रहा था साला में मूठ भी नहीं मार पा रहा था.. क्योंकि उनको पता चल जाता।

तभी चुदते चुदते आंटी सिसकियाँ लेने लगी.. गांडू चोद और चोद आहह आ चोद मदारचोद और चोद नहीं तो में इसके मुहं पर बैठ जाऊंगी। तभी अंकल ने यह सुनते ही आंटी की गांड पर तमाचे मारते हुए उनको और जोर जोर से चोदने लगे और आंटी की गांड में उंगली डाल दी। आंटी ने ज़ोर से गाली दी गांडू भडवे और एक हाथ अपनी चूत के पास लाकर उंगलियों से अपनी चूत की चमड़ी को खींचने लगी और पागल हो गई। अंकल और ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे और आंटी ज़ोर ज़ोर से चूत घिस रही थी और अचानक एक हादसा हुआ.. आंटी की चूत का पानी इतना बड़ गया कि उसकी एक छोटी सी बूंद मेरे होंठो पर गिर गई और मधु आंटी की चूत का पानी मेरे होंठो को छूकर मुझे और पागल कर गया। मैंने वो पी लिया। अंकल ने फिर आंटी की ब्रा को पीछे से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से चोदा।

मुझे आंटी के बूब्स देखने थे.. लेकिन उस रात नहीं देखने को मिले। अंकल ने आंटी की ब्रा को पीछे से दोनों हाथ से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से स्पीड बड़ाकर चोदने लगे और आंटी के बूब्स झूल रहे थे और वो बोल रही थी कि और जोर से चोदो में झड़ने वाली हूँ.. कमीने हरामखोर चोद चुदक्कड़ और वो दोनों झड़ गये और उन दोनों का थोड़ा सा जूस मेरी छाती और गर्दन पर गिरा। आंटी और अंकल अलग हुए तो अंकल तुरंत दारू के नशे में सो गये और आंटी ने तुरंत अपनी पेंटी से मेरे ऊपर के गिरे जूस को आराम से साफ किया और रोहित नाम से मुझे पुकारा चेक करने के लिये कि में सो रहा हूँ या नहीं.. लेकिन में सोने का नाटक कर रहा था। अब आंटी भी नंगी ही मेरे पास में मतलब हम दोनों के बीच में सो गई। दोस्तों मेने आज तक कभी अंकल आंटी को उस रात का अहसास नहीं होने दिया। तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी ।।


दीदी की मदद से मामी को चोदा

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Didi Ki Madad Se Maami Ko Choda : हेल्लो दोस्तो.. मेरा नाम रोहित है। पहले मैं अपने बारे मैं बता देता हूँ.. मेरी उम्र 20 साल हाइट 5.8″ शरीर मजबूत, लंड 7 इंच है और में नागपुर से हूँ और मेरी दीदी नेहा और मामी का नाम नीतू है और उनकी उम्र 26 साल हाइट 5.5 फिगर 38-32-38 और रंग साफ़ है तो मामा की शादी को सिर्फ़ एक साल हुआ था तो उन्हे कोई बच्चा नहीं था। में और मेरी मामी काफी फ्रेंक है.. क्योकी उनकी और मेरी उम्र में ज्यादा अंतर नहीं है.. वो मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे मे पूछती रहती थी और मुझे काफ़ी छेड़ती भी थी।

उस दिन के बाद मैंने मेरी बहन के साथ काफ़ी बार सेक्स किया लेकिन रोज रोज नहीं.. लेकिन महीने मे 2-3 बार करता था लेकिन मेरी खुशी को किसी की नज़र लग गई और मेरी मामी हमारे यहाँ 6 महीने के लिए रहने आ गई.. क्योकी मामा को ऑफिस के काम की वजह से मुंबई जाना पड़ा। जैसा मैंने बताया था कि मम्मी पापा दोनो जॉब करते है तो ज्यादातर मामी और बहन घर पर ही रहते थे और मामी की नज़र से बचते हुये हमने 2-3 बार और सेक्स किया लेकिन अब हम दोनो से रहा नहीं जा रहा था लेकिन हम कुछ कर भी नहीं सक़ते थे। एक दिन मेरा फोन मेरे रूम में ही छूट गया.. सुबह के वक़्त मम्मी पापा रोज 9 बजे ही जॉब पर जाते है तो में उसे लेने के लिए रूम में गया.. उस वक़्त मामी नहा रही थी और जैसे ही मैंने फोन उठाया तो वैसे ही मामी बाहर आई। मामी के बदन के उपर सिर्फ़ टॉवल ही था और मोटी, नंगी जांघ देखकर में पागल हो गया और मेरा लंड खड़ा हो गया।

ये सब कुछ सेकेंड मे हुआ और में मामी को सॉरी बोल कर रूम से बाहर आ गया। उस दिन मैंने सोच लिया कि मामी को चोद के रहूँगा तो मैंने अपनी बहन को इस बारे मे बताया तो वो बोली कि ट्राय करके देखते है। एक महिना हो चुका था और मामी के चेहरे पर थोड़ी उदासी थी.. क्योंकि उनकी चुदाई नहीं हो रही थी। ये मुझे मेरी बहन ने बताया.. फिर उसने मामी से बात की तो पता चला कि अब मैंने अपना खेल शुरू कर दिया.. अब जब भी में नहाने जाता तो टॉवल लेकर नहीं जाता और मामी मुझे लाकर देती और में अपनी बॉडी मामी को दिखाता और एक दिन जब मामी आई तो मैंने जानबूझ कर फिसलने का नाटक किया.. उस वक़्त मामी ने मुझे गिरने से बचाया और मेरा खड़ा लंड देख लिया और नॉटी सी हंसी देकर चली गई.. उस दिन से मामी मुझसे बहुत ज्यादा फ्रेंक हो गई।

अब वो मुझसे खूब चिपकती और कभी कभी नहाते वक़्त टॉवल भी मांगती थी और उस वक़्त थोड़े से बूब्स भी दिखाती थी। जब में घर से बाहर जाता या वापस आता तो मुझे हग भी करती थी.. अब मैंने थोड़ा आगे बड़ने की सोची और मैंने अगले दिन अपनी बहन को बाहर जाने को बोला ताकि मामी और में अकेले रहे और में उस दिन लेट उठा.. मामी कुछ बना रही थी। ये सारी बातें मेरे मम्मी पापा जब घर पर नहीं होते थे तब ही होती थी और फिर मैंने पीछे के से मामी हो हग किया.. गुड मॉर्निंग मामी।

मामी : गुड मॉर्निंग.. रोहित जल्दी से ब्रश कर लो.. में नाश्ता लगाती हूँ।

मे : ओके में जल्दी से ब्रश करके आया.. फिर नाश्ता भी किया और में फिर नहाने चला गया और मामी को पीठ घिसने बुलाया और में नंगा ही बैठा था।

मामी : ये क्या है?

मे : अरे मामी.. अब तुमसे क्या छुपाना।

लेकिन मामी ने सब जल्दी जल्दी किया और वो वहां से जाने लगी लेकिन फिर मैंने मामी को पीछे से हग करते हुये दबोच लिया और बोला.. मामी आई लव यू और मेरा खड़ा लंड मामी की गांड से चिपक गया था।

मामी : ये ग़लत है रोहित.. में तुम्हारी मामी हूँ।

मैंने मामी को सीधा किया और उनकी आँखों मे देखते हुये उन्हे बोला मामी मुझे पता है.. यू लव मी और मैंने उन्हे किस करना स्टार्ट कर दिया। अकेले में पहले वो थोड़ा मना कर रही थी लेकिन थोड़ी देर के बाद वो मेरा साथ देने लगी.. मैंने मामी का गाउन उतार दिया और मामी ने पिंक कलर की ब्रा और पेंटी पहन रखी थी। मैंने उनकी ब्रा उतारी और उनके बूब्स को चूसने लग गया.. करीब 3 मिनिट तक बूब्स चूसने के बाद मैंने उनकी पेंटी उतारी.. फिर उनकी चूत को चूसने लगा और वो मेरा सर उनकी चूत मे दबाने लगी और आह आह और लंबी लंबी सांसे भरने लगी।

यह सब कुछ 2 मिनिट तक चल रहा था। मामी बोली जानू अब मुझसे रहा नहीं जा रहा.. शांत कर दो। मेरी इस आग को.. मुझे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी दे दो। ये सुनते ही में जोश मे आ गया.. मैंने मामी की टाँगे चौड़ी की और फिर अपना लंड उनकी चूत मे लगाया लेकिन मामी की चूत थोड़ी टाइट थी। मैंने ज़ोर से धक्के दिये 3 धक्को मे मेरा लंड अंदर घुस गया.. मामी की थोड़ी सी चीख निकल पड़ी तो में 1 मिनिट तक शांत रहा और फिर मैंने चोदना शुरू किया।

मामी के मुँह से आह जानू आह की आवाज़े आ रही थी और इसी बीच में बोल पड़ा.. मामी मुझे पता है कि तुम सेक्स की कितनी भूखी हो.. मुझे दीदी ने सब बता दिया है और तब से मैंने सोच लिया था कि में अपनी मामी को वो प्यार दूंगा.. जो मामा अभी तक नहीं दे पा रहे है।

मामी : आह और जिस दिन से तेरा लंड मैंने देखा है.. में उसकी दीवानी हो गई हूँ। मन तो कर रहा था कि उस दिन जब मैंने एक बार तेरा लंड देखा.. तभी तुझसे अपनी आग बुझा लूँ लेकिन नेहा रहती है ना हमेशा ओह जानू लव यू.. मेरा निकलने वाला है तो ये सुनकर मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और हम दोनो साथ मे झड़ गये ।।

मेरी जिन्दगी की पहली चुदाई

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Meri Jindgi Ki Pehli Chudai :

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम लकी है, और में रायपुर छतीसगढ़ का रहने वाला हूँ और में अभी 27 साल का हूँ, ये स्टोरी 6 साल पहले शुरू होती है जब में 21 साल का का था। मेरे घर के पास एक सेक्सी लड़की रहती थी, उसका नाम ऋतु था, उसका कलर गोरा था और उसके बूब्स भी एकदम मस्त थे। अब मैंने उसको पटाकर चोदने का प्लान बनाया। अब होली पास में थी तो मैंने उससे बात की और कहा कि ऋतु मुझे तुझसे बहुत दिन से कुछ कहना था, तो वो बोली कि बोलो, लेकिन में बिना बोले वहाँ से चला गया।

फिर अगले दिन वो मेरे घर आई और मुझसे बोली कि शाम को छत पर मिलो मुझे कुछ बात करनी है। तो में बोला कि ठीक है और हमने 5 बजे मिलने का प्लान बनाया, क्योंकि वो मेरी पड़ोसी थी और वो मेरे घर आती जाती रहती थी। फिर शाम हुई तो में छत पर गया और वो पहले से ही वही थी। फिर में बोला कि बोलो तो वो बोली तुम कल कुछ बोल रहे थे और बिना कुछ बोले चले गये। अब में चुप थाऔर  फिर उसने पूछा कि बोलो क्या बोलना है? तो में कुछ नहीं बोला और वो बोली में भी तुम्हें एक बात बोलना चाहती हूँ आई लव यू। अब मेंये सुनकर पागल हो गया और रिटर्न में मैंने भी उसको बोल दिया आई लव यू। फिर अब में उसकी छत पर गया (मेरी और उसकी छत एकदम पास-पास है और एकदम जुड़ी हुई है) और उसको हग कर लिया, मैंने पहली बार किसी को हग किया था।

अब मैंने उसके बूब्स को महसूस किया, में बता नहीं सकता मुझे तब कैसा लग रहा था? फिर उसकी मम्मी ने आवाज़ दी तो वो नीचे चली गई, लेकिन फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर उसको फिर से हग किया और गाल पर किस कर दिया तो वो बोली कि छोड़ो अभी, कल कर लेना जितना प्यार करना है, अभी जाने दो। फिर मैंने कहा कि कल कब? तो वो बोली कि इस टाईम ही। फिर हम दोनों छत से नीचे उतर गये और फिर रात को में उसके नाम की मुठ मारकर सो गया। फिर जब में सुबह उठा तो अब में सिर्फ शाम होने का इंतजार कर रहा था। फिर जैसे ही 4 बजे तो में छत पर पहुँच गया। अब मैंने उसके लिए एक डेरी मिल्क और गुलाब और एक कंडोम का पैकेट चॉकलेट फ्लेवर का लिया। फिर जैसे ही 5 बजे वो आई तो मैंने उसे गुलाब दिया, फिर चॉकलेट दी, तो उसने खुश हो कर मुझे हग किया और किस किया। फिर मैंने उससे बोला कि मुझे तुझे लिप किस करना है तो उसने अपनी आँखे बंद की और में समझ गया कि वो तैयार है। फिर मैंने उसे धीरे-धीरे किस किया और अब हम दोनों एक दूसरे के लिप्स को चूसने लगे।

अब हम पागलों की तरह लिप चूसे जा रहे थे और अब हमारी किस भी एकदम तेज़ हो गई थी। फिर हम एक दूसरे की जीभ चूसने लगे। फिर मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाला तो उसने ब्रा नहीं पहनी थी, अब मैंने उसके बूब्स को टच किया और उसे किस किए जा रहा था। अब मैंने उसके चेहरे को देखा तो अब वो इन सबका पूरा मज़ा लिए जा रही थी। फिर में उसका टॉप ऊपर करके उसके बूब्स चूसने लगा, कभी निपल को दांत से काट लेता तो फिर जीभ से चाट लेता। फिर मैंने अपना 7 इंच का लंड जो कि अपने राउंड के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया था। फिर मैंने उसे थोड़ा और गर्म करके उसकी जीन्स को उतारना शुरू किया और उसने थोड़ा मना किया, लेकिन अब जब में स्मूच के साथ उसके बूब्स दबा रहा था, तो फिर उससे भी रहा नहीं गया और उसने मेरा लंड पकड़कर हिलाना शुरू कर दिया।

अब में समझ गया कि ये तैयार है तो मैंने जल्दी से एक साथ उसकी जीन्स और पेंटी उतार दी, उसकी चूत एकदम साफ क्लीन शेव थी। अब मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू किया और अब में एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था और किस कर रहा था। फिर मैंने उसको बोला कि मेरे लंड को चूसो तो वो बोली इतना बड़ा मेरे मुँह में कैसे जायेगा? तो में बोला कि ट्राई तो करो। फिर वो नीचे अपने घुटनों के बल बैठी और जब अपनी जीभ से मेरे टोपे को चाटा तो मज़ा आ गया। फिर उसने धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। अब 5 मिनट तक चूसने के बाद मैंने उसके मुँह को ही चोदना शुरू कर दिया। फिर थोड़ी देर तक उसके मुँह को चोदने के बाद मैंने उसको नीचे लेटा दिया और किस करना शुरू किया। अब में उसको थोड़ा और गर्म करने लगा, अब में उसके बूब्स सक कर रहा था और उसकी चूत में उंगली डालकर अंदर बाहर कर रहा था। फिर वो बोली कि बस बहुत हुआ लकी, अब मत तड़पाओ, डाल दो इसे प्लीज, अब सहन नहीं हो रहा है।

फिर मैंने तुरंत अपने लंड पर कंडोम लगाया और उसकी चूत पर रखा और एक हल्का सा झटका दिया।  फिर वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई कि क्या कर रहे हो? निकालो ये, मुझे दर्द दे रहा है, निकालो इसे, लेकिन मैंने उसे अपने हाथ से दबा कर रखा था और मेरी पूरी बॉडी का वजन भी उस पर ही था। फिर वो कुछ कर नहीं पा रही थी। फिर मैंने उसे किस करना स्टार्ट किया और फिर मैंने उसे थोड़ी देर तक किस किया और थोड़ा और अंदर पेल दिया। अब उसकी आँखो से आंसू आ गये थे और वो छोड़ दो मुझे, बहुत दर्द हो रहा है, निकालो, प्लीज प्लीज बोलने लगी, लेकिन अब में कहाँ उसकी मानने वाला था, फिर में थोड़ा रूका और उसको फिर से स्मूच करने लगा तो मैंने देखा कि वो कुछ नॉर्मल हो गयी है और फिर मैंने एक झटका और दिया तो मेरा लंड पूरा उसकी चूत के अंदर चला गया। अब वो चिल्ला भी नहीं सकी, फिर मैंने 2 मिनट तक अपने लंड को उसकी चूत के अंदर ही रखा।

फिर मैंने उसे थोड़ा नॉर्मल होने दिया, थोड़ा किस किया, बूब्स दबाया, फिर अपने लंड को बाहर निकाला तो अब मेरे पूरे लंड पर खून लगा हुआ था, तब मुझे समझ आया कि वो वर्जिन थी इसलिए उसे दर्द हो रहा था। फिर क्या था? मैंने फ्रेश कंडोम लगाया और उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, इस बार वो भी चिल्लाने की जगह, आहह हम्मम्मम ऑश आअहह ह्म्‍म्माअहह ज़ोर से आहहाआहह हाहाहा कर रही थी,  और अपने नाख़ून मेरे ऊपर चुभा रही थी। अब में झड़ने वाला था तो मैंने ज़ोर-ज़ोर से शॉट लगाया और झड़ गया। फिर हम एक दूसरे के ऊपर 10 मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे। फिर हम उठे और मैंने उसे क़िस किया। फिर वो जाने लगी तो अब उससे चला भी नहीं जा रहा था, फिर हम जब जब मिलते है तो चुदाई का प्रोग्राम करते है ।।

धन्यवाद …

बुआ की लड़की को चोदा रंडी बनाकर

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Bua Ki Ladki Ko Choda Randi Banakar : हैल्लो दोस्तों.. में दिल्ली का रहने वाला हूँ और दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब मैं 19 साल का था और मेरी बुआ की तबीयत ज़्यादा खराब हो गई और हम सभी वहाँ पर चले गए। फिर 10 दिनों के बाद बुआ की तबीयत में थोड़ा सुधार आया तो मम्मी पापा आ गए.. लेकिन में वहीं पर रुक गया छुट्टियाँ मनाने के लिए और मेरे फूफा जी बाहर नौकरी करते थे। जिस कारण से वो घर पर नहीं आ पाते थे.. मेरी बुआ की 2 लड़कियां है। एक 21 साल की ऋतु और एक 18 की अर्चना। लेकिन अर्चना का शरीर बहुत गदराया हुआ सा हो गया था। उसका फिगर 36-34-36 था। इतनी सी उम्र में इतनी अच्छा फिगर। उसे पहली बार देखकर में तो हैरान ही हो गया था। वो मिनी स्कर्ट में स्कूल जाया करती थी.. जिसमे वो और भी ज़्यादा खूबसूरत लगती थी।

उसकी चिकनी चिकनी टाँगे बड़ी ही मस्त थी तो अपनी जांघो तक की स्कर्ट पहनती थी और मैंने अपनी कज़िन होने के कारण अपने मन को बहला लिया और उसके बारे में ना सोचने की कोशिश करने लगा.. लेकिन मेरा लंड नहीं मानता था.. क्योंकि मैंने बहुत दिनों से चुदाई नहीं की थी। में उसके जिस्म को याद कर करके मूठ मारने लगा। फिर 5-6 दिनों तक ऐसा ही चला एक दिन में जब ऋतु को हिंदी पड़ा रहा था तो उसके पास डस्टर नहीं था। तभी मैंने अर्चना के बेग में ढूंडा.. मुझे डस्टर तो नहीं मिला लेकिन एक चीज़ मिली.. एक सीडी जिस पर A7 बना हुआ था। मैंने बहुत ब्लू फिल्म देखी है तो मुझे पता था कि यह A7 एक इंग्लीश ब्लू फिल्म है। मैंने उसे वापस रख दिया और रात को में उसी बारे में सोचने लगा और बाहर आकर पानी पीने लगा। में वापस जा रहा.. लेकिन मैंने सोचा कि एक बार क्यों ना अर्चना के कमरे में जाकर देखूं वो बंद था।

तभी मैंने दरवाजे पर अपने कान लगाए तो मुझे हल्की हल्की आवाज़े सुनाई दी और मैंने जब गोर से सुना तो वो आह्ह्ह उुउउहह ईएआआह हाँ ओह्ह्ह बेबी चोदो मुझे की जैसी आवाज़े लगी। तभी में समझ गया कि यह ज़रूर वो ब्लूफिल्म वाली सीडी देख रही है और में कुछ ना करते हुए वापस कमरे में गया और एक और बार मूठ मार कर सो गया। फिर जब सुबह उठा तो अर्चना तैयार होकर जा रही थी। मैंने उसकी तरफ देखा तो उसकी आँखो में एक अजीब सी हवस दिखी वो मुझे देखकर हंसी मुझे थोड़ा सा अजीब लगा.. क्योंकि मैंने उसे आज तक इतना गौर से कभी भी नहीं देखा था और ऐसा लगभग 2-4 दिनों तक चलता रहा.. अब मेरा नज़रिया बदल चुका था और अब में उसे हवस भरी निगाहों से उसके पूरे बदन को देखता था। वो भी बहुत हवस में आ गई थी लगता है ब्लूफिल्म की वजह से।

तभी एक दिन में उसके बारे में सोच रहा था तो मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे मूठ मारने का मन किया तो में अपना लोवर नीचे करके नंगा हो गया और मूठ मारने लग गया। में मूठ मारने में इतना मग्न हो गया कि पता ही नहीं चला कि मैंने गेट खुला छोड़ दिया है और ना जाने अचानक वो कहाँ से आ गई और सहमी सी खड़ी मुझे देखती रही थी। में अब झड़ने ही वाला था तो में उठा और बाथरूम में झड़ने के लिए जाने लगा.. लेकिन अचानक सामने उसे देख मेरी फट गई। वो मेरे लंड को देखे जा रही थी जैसे अभी खा जाएगी। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा और मैंने फर्श पर ही झाड़ दिया। यह सब देख वो मुस्कुराई और मेरे पास आकर कहने लगी कि भैया आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले.. यह सब क्या है? और उसने मेरे गालो पर किस किया..

मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया.. उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और कहा कि भैया आज रात को आप मेरे कमरे में आ जाना.. आपको कुछ दिखना है। तभी मैंने कहा कि क्या? तो उसने कहा कि सर्प्राइज़ है और फिर वो मेरे लंड की और देखकर बोली कि आपके लंड के लिए। तभी मैंने कहा कि मैंने फर्श पर ही झाड़ दिया यह सब देखकर क्या तुम्हे अजीब सा नहीं लगा? फिर उसने कहा कि नहीं भैया.. बल्कि मुझे तो बड़ा मज़ा आया और यह कहकर उसने झड़ा हुआ माल फर्श से चाटकर साफ किया और रात को आने को कह कर चली गई और में रात होने का इंतजार कर रहा था।

फिर रात होते ही जब सब सो गए तो में उसके कमरे में गया दरवाजा खुला था और में अंदर चला गया और मैंने अंदर जाकर दरवाजा बंद कर दिया। तभी मैंने उसे देखा तो वो एक पारदर्शी नाईटी में बेड पर लेटी हुई ब्लूफिल्म देख रही थी और में बहुत हैरान था मैंने उसे आवाज़ लगाई।

में : कहाँ हो तुम अर्चना।

अर्चना : अरे भैया आ गए आप.. बड़ी देर कर दी आपने आने में.. आ जाओ बैठ जाओ बेड पर।

तभी में बेड पर बैठ गया उसने मुझे ब्लूफिल्म देखने को कहा.. में थोड़ा हैरान था। फिर उसने कहा कि क्या हुआ भैया? तभी मैंने कहा कि कुछ नहीं। उसने कहा कि तो देखो ना और हम दोनों देखने लगे। मैंने उसकी तरफ देखा तो वो बहुत गरम लग रही थी और में भी बहुत गरम था। उसने तभी टीवी बंद किया और मुझसे पूछने लगी कि में आज किस को याद करके मूठ मार रहा था। तभी उसके मुहं से ऐसी बातें सुनकर मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा और उसने कहा कि बताओ ना भैया.. क्या आप अपनी बहन को नहीं बताओगे? तभी मैंने पूछा कि तुझे ये सब कैसे पता तो उसने कहा कि इस उम्र में इतना तो चल ही जाता। फिर मैंने कहा कि तुझे याद करके तो वो थोड़ा शरमाते हुए मुस्कुराई और कहा कि क्या भैया आप भी ना.. में तो यहीं पर हूँ आपके साथ ही तो मुझे याद करके मुठ क्यों मारा करते हो? तभी मैंने कहा कि मुझे तेरा जिस्म बहुत पसंद है। फिर उसने कहा कि अगर ऐसा था तो कहा क्यों नहीं?

तभी मैंने कहा कि मुझे डर था कि कहीं तू नाराज़ होकर घर में सभी को ना बता दे इसलिए। फिर अर्चना ने कहा कि ओहो भैया आप भी ना.. इतना क्यों डरते थे? फिर मैंने कहा कि अर्चना तू मुझे बहुत पसंद है और में तुझे प्यार करना चाहता हूँ। तभी उसने कहा कि भैया तो करते क्यों नहीं हो? में भी तो कब से यही चाहती थी और उसके ग्रीन सिग्नल मिलने के साथ ही मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके लाल होठों को चूमना शुरू कर दिया। वो भी मेरा साथ दे रही थी। उसके होंठ एकदम गुलाब की पंखुड़ियों की तरह लग रहे थे और में उसे चूमे जा रहा और उसकी जीभ को चूस रहा था।

वो भी यह सब करके मेरा साथ दे रही थी और फिर मेरा लंड खड़ा होकर मेरे पाजामे में टेंट बन चुका था। फिर मैंने धीरे धीरे उसके कपड़े खोलने शुरू किए और उसके बूब्स को उसकी ब्रा से आजाद किया और उन्हें पकड़ कर सहलाने लगा और चूमने लगा क्या मस्त बूब्स थे उसके.. एकदम सेक्सी बड़े बड़े.. फिर में धीरे धीरे उसकी पेंटी तक पहुंचा और मैंने उसे भी खोलकर दूर हटा दिया और उसकी चूत को देखने लगा। तभी वो बोली कि क्या देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी? और फिर में अपने मुहं को उसकी चूत के पास ले जाकर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया और जीभ से चोदने लगा।

तभी करीब दस मिनट बाद मैंने उसके दोनों पैरो को फैलाकर अपना लंड चूत पर सेट किया और अचानक से एक जोर का धक्का दिया और फिर वो जोर से चीख पड़ी। तभी मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालकर धीरे धीरे चोदने लगा.. लेकिन वो दर्द से अपनी आंखे बंद करके मुझे जोर से पकड़कर चुपचाप पड़ी रही और कहने लगी कि भैया और जोर से चोदो मुझे.. कर दो आज मुझे पूरा.. दो मुझे आज चुदाई का पूरा मजा.. लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी और चूत से खून भी निकलने लगा था.. क्योंकि वो अभी तक वर्जिन थी। तभी में उसे स्पीड बड़ा कर चोदे जा रहा था और उसे जबरदस्त धक्को के साथ चोदने लगा और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में उसकी चूत में झड़ गया और अपना पूरा वीर्य चूत में छोड़कर उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसके बूब्स को चूसने लगा।

फिर वो मुझे अपनी बाहों में लेकर कहने लगी कि भैया थेंक्स। आज आपने मुझे चुदना सिखा दिया.. वरना में तो बस ब्लूफिल्म देखकर ही मजे लेती रहती और फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में लिया और बड़े मजे से चूसने लगी। फिर उसने चूसकर पूरा लंड साफ किया और अपने कपड़े पहनने लगी। उसके बाद मैंने उसे बहुत बार चोदा और उसकी चूत के मजे लिए और उसे भी चुदाई का सही मतलब सिखा दिया। तो दोस्तों यह थी मेरी चुदाई भरी कहानी ।।

आंटी की गान्ड का नज़ारा

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क्या मस्त गान्ड है ना! मेरी आंटी की है दोस्तो. 40 की पंजाबी गान्ड को देख कर किसी का भी लंड एकदम से कड़क होने लगता था. मैने कभी ढयन नही दिया था. लेकिन, जब मैने देखा. की मेरे सारे दोस्त घर पर फालतू मे आ कर बेठे रहते है ओर आंटी की बाहर उभरी हुई गान्ड को घूराते है. मेी उनको कुछ बोलता तो नही था. लेकिन जब मैने देखा, की आंटी भी उन के इशारो को समझ कर मुस्कुरा देती थी. मुझे समझ आ गया था, की बुड्दे बदन मे जवान लंड के लिए आग लगी है.

वो दिन मे आराम कर रही थी. मेी उसी रूम मे पड़ाई कर रहा था. कूलर चल रहा था. मेरी नज़र उनकी गान्ड पर पड़ी, तो उनके मस्त उभर को देख कर मेरे लंड मे बेचेनी होने लगी. मैने कूलर को घुमा दिया ओर उनका कुर्ता उसने लगा. मुझे उनकी गान्ड का उभर ओर उनकी गान्ड की लकीर नज़र आने लगी.

मेरा लंड तो एकदम से तंन गया ओर जीन मे तंबबू बना रहा था. मैने उनकी गान्ड को हल्के से टच कर के देखा, तो मेरे लंड मे करेंट लग गया. क्या मस्त फदाक रहा था. मैने आपने लंड को बाहर निकाल लिया ओर आंटी की गान्ड को देख कर मूठ माने का मज़ा लिया. क्या आप मे है इतनी सेक्स की तारक.

वकील ने बुआ को अपना लंड चूसने को कहा

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Wakil Ne Bua Ko Apna Lund Chusne Ko Kaha : हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम जिमित है। एक बार फिर में अपनी लाईफ की एक और सेक्सी सच्ची घटना आप सभी के सामने लेकर आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि मेरी कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी। अब आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों.. जैसा कि मैंने आपको पिछली स्टोरी में बताया था.. कि मैंने कैसे अपनी बुआ को पटाकर चोदा था। उनका घर मेरे घर से केवल एक किलोमीटर की दूरी पर है और मेरा हमेशा ही वहाँ पर आना-जाना लगा ही रहता था और जब से मैंने उन्हें चोदा है तब से तो मुझे वहाँ पर जाने का खास मकसद भी मिल गया है हम लोग यानी कि में और बुआ जब भी मौका मिलता सेक्स किया करते और

जिन्होंने मेरी पुरानी स्टोरी नहीं पढ़ी में उन्हे बता दूं कि में मार्च 2012 में 21 साल का हो गया हूँ मेरी ठीक ठाक बॉडी है और कलर बहुत साफ है और मेरी बुआ 40 साल की हैं उनका फिगर 32-30-36 है। फिर एक दिन में बुआ के घर यह सोचकर गया कि में आज तो बुआ को बहुत चोदुंगा और उन्होंने उनके घर की दूसरी चाबी मुझे दे रखी थी। मैंने उससे घर का गेट खोला और सीधा अंदर चला गया और मैंने सोचा कि आज चुपके से जाकर उन्हें पीछे से पकड़ लूँगा और चकित कर दूँगा.. लेकिन घर में घुसते ही चकित तो में खुद ही हो गया क्योंकि मुझे बुआ के बेडरूम से कुछ आवाज़ें आ रही थी और वो आवाजे चुदाई के समय आती है।

में जल्दी से उनके बेडरूम की तरफ गया और देखा तो गेट अंदर से बंद था और मुझे अंदर से ऐसी आवाज़ें सुनाई दे रही थी कि जैसे कोई किस कर रहा हो। फिर मैंने इधर उधर देखा.. लेकिन मुझे कुछ नहीं सूझा कि में कहाँ से देखूं कि अंदर क्या हो रहा है? फिर मुझे याद आया कि रक्षित और बुआ का कमरा जुड़ा हुआ है और उसके रूम और बुआ के रूम में दोनों के कमरों की एक ही खिड़की है और वो खिड़की इसलिए बनाई थी ताकि रक्षित जो कि अभी केवल 11 साल का है अगर रात के समय नींद में उठ जाए या डरकर रोने लगे तो बुआ फुफाजी तक आवाज़ जाए। पहले यह तरीका मुझे अजीब लगता था.. लेकिन आज मुझे यह बहुत अच्छा लग रहा था। दोस्तों ये कहानी आप सेक्स समाचार डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

में बहुत धीरे धीरे और बिना आवाज़ के दूसरे कमरे में गया और बड़ी सावधानी से एक कुर्सी उस खिड़की के नीचे रखी और उस पर चड़ गया और फिर जो मुझे दिखा वो तो एक बहुत बड़ा झटका था.. मेरी बुआ किसी आदमी को बहुत ही गरम होकर किस कर रही थी और वो दोनों बेड पर नंगे पड़े थे और उस आदमी की पीठ मेरी तरफ थी। तो मुझे पता नहीं चल पा रहा था कि वो कौन है? और फिर मुझे इस बात का बहुत दुःख: भी था कि शायद मेरा अब यहाँ पर चुदाई का काम खत्म हो गया.. लेकिन अब उनकी किसिंग देखकर और कामुक आवाज़ें सुनकर मेरा लंड तो खड़ा हो गया था और में लोवर्स के ऊपर से अपने लंड को मसलने लगा।

फिर थोड़ी देर के बाद उनकी किस टूटी और फिर उस आदमी ने बुआ से कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और यह बात कहकर उसने उनके कान पर हल्का सा काटा। तभी मुझे ऐसा लगा कि जैसे यह आवाज़ मैंने पहले कभी सुनी है.. लेकिन फिर मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर उसने बुआ को लेटाया और उनके ऊपर आकर उनके सीधे बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को अपने हाथ से दबाने लगा।

बुआ के मुहं से आवाज़े निकलने लगी आह्ह्ह आह्ह्ह उम्म आह और फिर वो अपनी दोनों आँखे बंद करके मज़ा ले रही थी। तभी मुझे उस आदमी का चेहरा दिखा और में उस आदमी को देखकर बहुत चकित रह गया क्योंकि वो संजीव अंकल थे और वो हमारे सलाहकार है। जो पापा के ऑफिस में काम करते है.. इनकी उम्र 34 साल है वो एक शादीशुदा आदमी है और उनकी एक 5 साल की बेटी है। फिर यह सब देखकर तो में पागल ही हो गया और अब तो मेरा लंड मेरे काबू से बाहर हो चला था और अब में चुपचाप इनकी चुदाई का शो मजे से देख रहा था और खुद ही अपने लंड को शांत कर रहा था।

वो बुआ के बूब्स चूस रहा था और कभी कभी बुआ के बूब्स को दाँतों से काट भी रहा था और बुआ तब एकदम से चींख पड़ती और फिर 10-15 मिनट ऐसे ही बुआ के बूब्स चूसने और काटने के बाद उन्होंने फिर एक ज़ोरदार लिप किस किया और फिर उसने बुआ को अपना लंड चूसने को कहा.. लेकिन बुआ ने साफ मना कर दिया।

वकील अंकल : चलो अब आप मेरा लंड भले ही ना चूसे.. लेकिन में तो आपकी चूत चाट सकता हूँ की उसमे भी कोई दिक्कत है? बुआ ने कुछ नहीं कहा बस शरारत भरी स्माईल पास की और उसके सर को पकड़कर नीचे करने लगी। फिर अंकल ने बुआ के दोनों पैरों को फैलाया और उनकी चूत को ऐसे चाटने लगी जैसे एक कुत्ता हड्डी को चाटता है और बुआ अब ज़ोर ज़ोर से मोनिंग कर रही थी अहहुहह अहउहह और ज़ोर ज़ोर से अपनी गांड को ऊपर नीचे करके चूत चटवा रही थी। फिर अंकल ने बुआ की चूत तब तक चाटी जब तो वो एक बार झड़ नहीं गयी और फिर उन्होंने बुआ की चूत का सारा पानी पी लिया और उन्हें देखकर में बहुत गरम हो रहा था। फिर वो बुआ के ऊपर आ गये और किस करने लगे।

वकील अंकल : क्या तुम तैयार हो अपनी चुदाई के लिए?

बुआ : हाँ में तैयार हूँ.. लेकिन तुम पहले कंडोम तो पहन लो।

वकील अंकल : क्यों आप अभी भी हमारी इस चुदाई से प्रेग्नेंट हो सकती हैं क्या?

बुआ : नहीं.. लेकिन में बिना कंडोम के तुम्हे अपनी चुदाई करने के लिए हाँ नहीं कहूंगी जाओ और मेरी अलमारी से कंडोम निकाल लो।

वकील अंकल उठे और अलमारी से कंडोम निकालने लगे.. में बुआ को देखे जा रहा था तभी इतने में पता नहीं कैसे बुआ की नज़र मुझ पर पड़ गयी और वो चकित हो गयीं.. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला और एक शरारती स्माईल पास की। फिर अंकल ने अलमारी से कंडोम निकाला और उसे अपने खड़े 7 इंच के लंड पर चढ़ा लिया.. फिर वो बुआ के पास आए और उनके ऊपर आकर किस करने लगे। उन्होंने अपने हाथों से लंड को बुआ की चूत पर सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का लगाया.. बुआ की चीख निकल गयी अहह उफ्फ्फ माँ में मरी प्लीज थोड़ा आराम से करो में तुम्हे छोड़कर कहीं भाग नहीं रही हूँ.. अहह और वो बड़ी लम्बी लम्बी सिसकियाँ लेने लगी।

फिर कुछ देर रुककर उन्होंने एक और धक्का मारा और उनका पूरा लंड बुआ की चूत में चला गया था और अब उन्होंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब उनके हर एक धक्के के साथ साथ बुआ भी आवाज़े निकाल रही थी.. आहआह आह्ह्ह ईईईई। फिर धीरे धीरे उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूरा रूम बुआ की चीखों से आह हः आहा हः आह आह उम्म्म आह और उनके जिस्म के टकराने की आवाज़ो से भर गया था.. ठपठप छप और बीच बीच में अंकल बुआ को किस भी करते और उनके बूब्स भी दबाते और बुआ के बूब्स तो वो इतने बुरी तरह मसलते की बुआ चीख ही पड़ती अहह धीरे उहह।

बुआ अब अपनी गांड हिला हिलाकर उनका साथ दे रही थी और उनकी पीठ और बालों में हाथ घुमा रही थी और अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी। फिर उन्होंने करीब 10-12 मिनट तक बुआ को ऐसे ही लगातार धक्के देकर चोदा और फिर झड़ गये और फिर थककर उनके ऊपर गिर गये और उनका लंड अभी तक भी बुआ की चूत में था और चूत से धीरे धीरे वीर्य बहकर बाहर आने लगा। लेकिन उनकी चुदाई को देखकर में बहुत गरम हो गया था और मुझे संजीव अंकल से इससे बेहतर चुदाई की उम्मीद थी.. उनका केवल एक ही पोज़िशन में सारा सेक्स खत्म हो गया और उनकी चुदाई केवल 10 मिनट तक ही चल सकी खैर मुझे क्या वैसे भी यह उनकी पहली चुदाई थी। फिर वो कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे और बुआ ने अपने आप को एक चादर से ढक लिया.. तभी अंकल उठकर बैठ गये और फिर बोले

वकील अंकल : क्यों देखा आप तो बेकार ही डर रही थी.. सेक्स के लिए मना कर रही थी और अब कितना मज़ा ले रहीं थी।

तो बुआ ने उनकी बात को सुनकर उनको एक स्माईल दी

वकील अंकल : कुछ सीखो अपने भाई से यहाँ पर अंकल मेरे पापा की बात कर रहे हैं और फिर बुआ बहुत आशचर्यचकित हो गई और बहुत कन्फ्यूज़्ड होकर अपनी आंखे फाड़ फाड़कर अंकल की तरफ देख रही थी।

अंकल : एक और आपका भाई है जो कितनी ही औरतों को चोदता है और आपसे बड़ा है और उनका एक 21 साल का बेटा है.. लेकिन आज भी जितनी औरतो को वो चोदते हैं शायद ही कोई चोदता होगा। बुआ बहुत चकित हो गई और कुछ नहीं बोली।

अंकल : हँसे और बोले कि और नहीं तो क्या सर (यानी की मेरे पापा) ने उनकी सेक्रेटरी, मेरी सेक्रेटरी, मेरी कज़िन, हमारे 2-3 क्लाइंट किस किस को नहीं चोदा और अभी उनका नया माल है वो नीलम.. शायद आप उसे बहुत अच्छी तरह से जानती हो.. आपके घर की कितनी ही पार्टी में भी वो कई बार आईं है।

बुआ : हाँ हाँ में जानती हूँ उस समाज सेवी को और यह कहकर वो स्माईल करने लगी।

फिर बुआ ने अंकल से हंसते हुए बोला।

बुआ : खैर वो तो जब नाबालिक था जब से ही ऐसा है और उस पर कॉलेज के टाईम पर भी कितनी ही लड़कियाँ मरती थी.. लेकिन अब तो उसे थोड़ा बहुत सुधार जाना चाहिए।

अंकल : आप सर को सुधरने को कह रहीं हैं और आप खुद क्या कर रहीं हैं?

बुआ : मेरी और उसकी बात अलग है.. मेरा पति एक बहुत बड़ा शराबी है और वो मुझसे कभी भी ढंग से बात तक नहीं करता और भाभी यानी कि मेरी माँ कितनी अच्छी हैं हमारे घर में सबसे सुंदर है.. इसलिए में यह सब कह रही हूँ कि अब तो उसे यह सब छोड़ देना चाहिए। इतनी अच्छी और सुंदर बीवी के होते हुए भी वो दूसरों के साथ चुदाई करता फिरता है।

अंकल : ऐसा नहीं है आप बेवजह ही गुस्सा हो रहीं हैं प्यार तो सच्चा वो मेडम मतलब मेरी माँ से ही करते हैं.. लेकिन लाईफ में सेक्स भी तो बहुत जरूरी है। खैर यह सब छोड़िए आपको सर के बारे में और उनकी गर्लफ्रेंड के बारे में कैसे पता कहीं आप भी तो? दोस्तों ये कहानी आप सेक्स समाचार डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

बुआ : गुस्से से अंकल को देखते हुए बोली कि ज़रा ज़बान संभालकर बात करो और तुम अपनी औकात मत भूलो कि जिस कंपनी में तुम काम करते हो मेरा भाई उसका मलिक है और अगर दोबारा ऐसी कुछ बात कही तो अच्छा नहीं होगा।

अंकल : सॉरी मेरा वो मतलब नहीं था।

फिर उन्होंने अपना सर नीचे झुका लिया। बुआ उनके पास गयीं और उनके गालों को दोनों हाथों से पकड़ कर बोलीं कि तुम बिल्कुल पागल हो इतने अच्छे से सेक्स करने के बाद ऐसी बातें कोई करता है और उनके होंठ पर एक जबरदस्त किस किया और फिर अंकल बुआ को बाय बोलकर चले गये। अब तक में उनकी चुदाई को देखकर दो बार दूसरे कमरे की दीवार को मुठ मारकर गंदी कर चुका था और में अंकल के जाते ही में बुआ के पास गया और उनको चोदने के लिए बोला लेकिन बुआ बोली कि अभी तुमने देखा ना कि कैसे वकील मुझे चोदकर गया है अब हम बाद में चुदाई करेंगे ।।

धन्यवाद …

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