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ऋतू की चूत का भोसड़ा बनाया

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Ritu Ki Choot Ka Bhosda Banaya : हैल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम राजेश अरोड़ा है और में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ। दोस्तों आज में एक अपने जीवन की सबसे अनोखी कहानी सुनाता हूँ जो मेरे साथ आज से 3 साल पहले हुई थी.. तब में एक कॉलेज में पढ़ता था और मेरे सर का थोड़ी ही दूरी पर एक प्राईवेट एजुकेशन सेंटर था तो स्टूडेंट्स पेपर के लिए जयपुर जाते थे। तब एक स्टूडेंट की अपनी कुछ समस्या के चलते जाना नहीं हो पा रहा था और इससे उसका पूरा एक साल खराब हो सकता था तो ये बात दोस्तों तक पहुंची फिर सभी ने एक सेटिंग की तो उसकी जगह कोई और भी पेपर दे सकता था। तो वो स्टूडेंट मुझे कहने लगा कि प्लीज़ मेरी जगह आप पेपर देने चले जाओ। तभी मैंने कहा कि ठीक है और फिर में जब अपने सर के साथ जयपुर पहुँचा।

फिर मेरा एक अच्छे होटल में रुकने का इंतज़ाम किया था और में वहाँ पर रुका गया। मुझे बहुत अच्छा लगा लेकिन अफ़सोस की बात तो यह थी कि वहाँ पर हमारे साथ कोई लड़की नहीं थी। तभी मैंने सर को बोला कि कहाँ बोरिंग जगह ले आए। फिर सर बोले कि सिर्फ दो दिन बाद लड़कियाँ भी पेपर देने आ जाएँगी। तभी में बहुत खुश हुआ और जयपुर का मौसम बहुत अच्छा था। हम रोज शाम को छत पर बैठ कर बियर पीते और मजे करते और फिर किसी तरह दो दिन निकल गए और सभी लड़कियाँ भी आ गई। अब तो हमारा एक बहुत अच्छा माहोल भी बन गया। सारा दिन मजे मस्ती करना और उनमे एक लड़की थी ऋतु.. जो एक स्कूल में टीचर थी.. वो भी अपने पेपर देने आई हुई थी वो दिखने में बहुत गोरी थी।

सर ने बताया कि यह लड़की चालू है और सर ने बहुत ट्राई मारी लेकिन बात नहीं बनी.. लेकिन सर बहुत उम्र के थे लेकिन उनकी मुझसे बहुत अच्छी बनती थी और हम अक्सर देर रात तक एक साथ बैठकर बातें करते थे और इसी तरह हमारा जयपुर का टूर भी खत्म हो गया और हम लोग वापस आ गये और इसी दौरान रास्ते में मैंने और ऋतु ने एक दूसरे का नंबर भी ले लिया और फिर घर आकर हम अक्सर फोन पर बातें करते थे और हमारा अफेयर शुरू हो गया। वो बोली कि मुझे आपके साथ वहीं पर चलना है जहाँ पर हम पहली बार मिले थे.. तो हम दोनों निकल पड़े चंडीगढ़ से जयपुर के लिए। हम लोग करीब दो बजे रात को वहाँ पर पहुँचे और पहुँचते ही शुरू हुआ हमारा खेल। रूम पर जाते ही हम फ्रेश हुए और हमने अपने कपड़े पहने और बेड पर आ गये।

बेड पर आते ही हमारी किस शुरू हो गई पता ही नहीं चला कि हमे कब जोश आ गया और मैंने उसे पटक कर लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया और मैंने अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डाला और उसके बूब्स बहुत अच्छे थे। थोड़ी देर में उसकी टी-शर्ट भी उतार दी और में ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को चूस रहा था। मैंने जब उसकी ब्रा उतारी तो देखता ही रह गया उसकी चूची एकदम गुलाबी कलर की थी और मैंने पहली बार किसी लड़की की चूची का दाना पिंक देखा था और उसे चूसने में बहुत मजा आया। उसके बूब्स लगभग 32 के होंगे.. लेकिन थे बहुत टेस्टी। उसके बाद में नीचे उसका लोवर उतारने लगा तो वो मना करने लगी और मैंने उसे जोर से किस किया और वो उसमे खो गई और मैंने उसका लोवर उतार दिया। ऋतु बहुत गोरी लड़की थी उसकी जांघे देखकर मेरा जोश और भी बड़ गया और मैंने एक हाथ उसकी पेंटी में घुसा दिया। उसकी चूत बहुत मुलायम थी। तभी उसकी पेंटी उतारी तो उसकी चूत के दर्शन भी हुए.. वाह क्या चूत थी उसकी और चूत बहुत टाईट थी लेकिन सर ने बताया था कि वो पहले भी चुदवा चुकी है.. लेकिन उससे मुझे क्या करना था?

तभी मैंने धीरे से उसकी चूत पर एक किस किया और वो मचल उठी और बोलने लगी कि जान अब और बर्दाश्त नहीं होता प्लीज़ अपना लंड डाल दो और वो अपना हाथ मेरे लोवर के अंदर डालने लग गई। फिर मैंने अपनी बनियान उतारी और लोवर भी और सिर्फ़ अंडरवियर में आ गया फिर उसने धीरे से मेरा अंडरवियर भी उतारा और तभी वो चोंक गई.. क्योंकि मेरा लंड थोड़ा बड़ा है और मोटा भी.. वो बोली कि जान तुम्हारा बहुत बड़ा है मुझसे नहीं होगा। तभी मैंने सोचा कि यह तो खड़े लंड पर लाठी लगने वाली बात हो गई। फिर मैंने उसे थोड़ी देर उसके पूरे शरीर को किस किया और वो अपने आपे से बाहर हो गई.. क्योंकि वो बहुत गरम हो चुकी थी और फिर वो मान गई।

तभी मैंने उसे सीधा लेटाया और एक पैर उठाया और उसकी तरफ मोड़ दिया। फिर में उसके ऊपर आ गया.. अब मैंने अपनी पोज़िशन सेट की और लंड को उसकी चूत से सटाया उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी। तभी मैंने जैसे ही थोड़ा सा दबाव डाला लंड फिसल गया और एकदम से चूत के नीचे चला गया। मैंने फिर से पोज़िशन सेट की.. उसकी चूत सही में बहुत टाईट थी.. लेकिन इस बार थोड़ा ज़्यादा प्रेशर से लंड को चूत में डाला तो मेरे लंड का थोड़ा सा मुहं अंदर चला गया और वो छटपटाने लगी और कहने लगी कि.. प्लीज़ मान जाओ ना.. आज ये सब नहीं करते है.. प्लीज। फिर में थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा और उसे अपनी इधर उधर की बातों में लगाने लगा। फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो एक और झटका मारा। मेरा लंड आधा ही गया था कि वो अधमरी सी हो गई और बहुत ज़ोर से रोने और चिल्लाने लगी और में भी थोड़ा सा डर गया और लंड को बाहर निकाला। उसके बाद उसे थोड़ी देर लेटने दिया।

फिर में सिगरेट पीने के लिए रूम से बाहर चला गया। थोड़ी देर में वो बहुत ठीक हो चुकी थी फिर में उसके पास आकर लेट गया.. वो अभी भी नंगी ही लेटी हुई थी। फिर मैंने जैसे ही उसके बूब्स दबाए मुझे फिर से जोश आ गया तो मैंने उसे दोबारा ट्राई करने के लिये लेटा ही लिया। इस बार मैंने उसके बेग से एक क्रीम निकाली और अपने एक हाथ से उसकी चूत और अपने लंड पर लगाकर लंड को चिकना कर लिया और फिर एक ज़ोर का धक्का लगाया और फिर लंड आधा ही गया था कि उसकी हालत फिर वैसी ही हो गई.. लेकिन इस बार में रुकने वाला नहीं था फिर मैंने और ज़ोर लगाकर लगभग पूरा लंड चूत के अंदर डाल ही दिया। लेकिन उसकी जैसे जान ही निकल गई। फिर में ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और उसे किस करने लगा उसके बूब्स पर, उसके होंठो पर, वो पांच मिनट में कुछ ठीक हो गई.. फिर मैंने धीरे धीरे अपना काम शुरू किया। थोड़ी ही देर में वो अकड़ कर झड़ गई और ढीली पड़ गई.. लेकिन मेरा तो मौसम अभी अभी बनना शुरू हुआ था। फिर मैंने उसे तेज तेज धक्के देने शुरू किए तो वो फिर दर्द से चिल्लाने लगी। थोड़ी देर में वो फिर से गरम हो गई और मेरा साथ देने लगी। फिर में उसके जोश को देखकर और जोश में आ गया और जोर जोर से चोदने लगा।

फिर करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद वो फिर से झड़ गई। में अभी भी झड़ने नहीं वाला था तो फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके कुल्हे पकड़ कर चोदने लगा। 15 मिनट की चुदाई के बाद वो फिर झड़ गई और अब मेरा भी होने वाला था लेकिन वो ढेर हो गई और बोली कि मुझसे अब और नहीं होगा। फिर मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और उसने मेरा पकड़ कर अपने मुहं में ले लिया और अपने मुहं में ही मुझे ठंडा किया और उसने सारा वीर्य चाटकर साफ कर दिया। फिर उसके चहरे से साफ नजर आ रहा था कि वो अब पूरी तरह संतुष्ट है और उसकी चूत में दर्द भी शायद कम हो गया था। उस चुदाई के बाद मैंने उसे वहाँ पर दो बार और चोदा और फिर हम थक कर सो गये ।।


स्नेहा और मै –एडल्ट कहानी

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Sneha Aur Main – Adult Kahani : दोस्तों मेरा नाम रॉकी है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं आपके सामने एक घटना बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ घटी है, यह सब मुझसे गलती से हुआ था।

मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था, जिसमें दो लड़कियाँ और एक लड़का था। दोनों लड़कियाँ लड़के से बड़ी थी, बड़ी वाली का नाम स्नेहा था। यह कहानी उसके और मेरे बारे में है।

अब मैं थोड़ा स्नेहा के बारे में बताता हूँ, वो लड़की एक दम गोरी थी, उसके आँखें नीली थी और होंठ गुलाबी ! उसका फिगर तो पूरा मस्त था यारो ! 36-26-36, और सबसे बड़ी बात वो मुझसे दो साल बड़ी थी। पर बड़ी लड़की के साथ ही सेक्स करने में मज़े आते हैं।

हम दोनों दस सालों से दोस्त थे मतलब बचपन से ही जब वो गयारह साल की थी और मैं नौ साल का ! और आज वो इक्कीस साल की है और मैं उन्नीस साल का और मेरा लंड 7″ लम्बा और 4″ मोटा है।

अब मैं आगे बताता हूँ-

हुआ ऐसे कि मेरे बड़े भाई की शादी हो रही थी तो उनके पूरे परिवार को भी आना था, इसलिए मम्मी ने स्नेहा को बुला लिया था काम करवाने के लिए।

सर्दियों के दिन थे, एक रात को उसने नीली जींस और गुलाबी टॉप पहना हुआ था, बहुत मस्त लग रही थी। हम दोनों एक ही रजाई में बैठे थे और स्नेहा मेरे मोबाइल में वीडियो गाने देख रही थी तो समय बिताने के लिए मैं भी देखने लगा उसके साथ।

अचानक मेरे मोबाइल में अगले वीडियो के बाद ब्लू फिल्म की क्लिप्पिंग शुरू हो गयी और मुझे डर लगने लगा कि कहीं यह अब मम्मी से न बोल दे।

मैंने उससे मोबाइल माँगा बंद करने के लिए पर उसने कहा- चलने दो ! अच्छा लग रहा है !

और मुझे क्या चाहिए था ! मैं खुश हो गया कि चलो आज काम बन जायेगा !

पर एक दो क्लिप्पिंग देखने के बाद मेरा भाई आकर मोबाइल ले गया। अब मैं अपनी किस्मत को गाली दे रहा था फिर हम दोनों लेट गए और करीब पन्द्रह मिनट बाद मैंने डरते हुए अपना एक पैर उसके पैर से लगाया। उसने कुछ नही बोला। फिर धीरे-धीरे मैंने अपना एक हाथ उसके चूचों पर लगा दिया और दूसरे हाथ से उसकी गर्दन पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर चूमने लगा। बहुत मीठे होंठ थे यारो उसके !

फिर मैंने उसका टॉप कमर पर से पकड़ कर ऊपर दिया क्योंकि उतारने में डर था कि कोई आ न जाए ! फिर मैंने अपने होंठ उसके चूचों पर लगा कर उन्हें चूसने लगा। और चूसते-2 मैंने अपने एक हाथ से उसके जींस की बटन खोल कर उसका जींस घुटनों तक कर दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ने लगा। उसकी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी। फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के अन्दर डाल दी।

वो धीरे से चिल्ला पड़ी, बोलने लगी- लग रही है !

मैंने कहा- जान, अभी तो ऊँगली ही गई है, जब यह व्हार इन्च मोटा जायेगा तो क्या करोगी ?

वो मेरी इस बात से डरने लगी।

मैंने उससे कहा- डरो मत ! मैं दर्द नहीं होने दूंगा।

फिर मैंने उसके चूचों को चूसते हुए अपनी जींस भी उतार दी और उसका हाथ ले कर अपने लंड पर रख दिया।

वो बोली- रोक्स, बहुत मोटा और लम्बा है !

मैंने कहा- जान, तभी तो मज़ा आएगा !

और मैंने फिर उसको कमर से पकड़ कर अपने पेट से लगा लिया जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी चूत को छूने लगा। और फिर मैंने उसकी पैंटी नीचे करके अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा। दोस्तो, आप सोच सकते हो जींस घुटने तक उतर कर कोई कैसे ये काम कर सकता है मैं उसके पैरों के बीच मैं आ गया जिसकी वजह से मेरे लंड का निशाना सीधे उसकी चूत हो गई। फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रख कर एक हल्का सा झटका मारा जिसकी वजह से वो दर्द की वजह से चीखने वाली थी पर नही चिल्लाई। फिर मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर एक ऐसा झटका दिया कि मेरा लंड पाँच इन्च तक चला गया और फिर वो मेरा हाथ अपने मुँह से हटाने की कोशिश करने लगी पर मैंने नहीं हटाया। और फिर मैं पाँच मिनट तक ऐसे ही रहा। जब लगा कि वो अब ठीक है, तब मैंने धीरे आगे-पीछे करना चालू कर दिया जिसकी वजह से स्नेहा को भी मज़े आने लगे।

मैंने कहा- जान, एक बार और सम्भाल लेना !

और मैंने एक और झटका दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो फिर दर्द से तड़पने लगी पर थोड़ी देर बाद वो ठीक हो गई और मेरा साथ देने लगी।

फिर मैं उसी अवस्था में उसको झटके मारने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। करीब दस मिनट बाद वो हड़ गई पर मैं अभी भी चालू था ।

वो बोली- तुम कब तक करोगे?

मैंने कहा- जान, मैं थोड़ा ज्यादा समय लेता हूँ !

और करीब 15 मिनट बाद मैंने उसकी जांघों पर वीर्यपात कर दिया और फिर मैंने उसको एक लम्बा चुम्बन दिया और फिर हमने अपने कपड़े ठीक किये पर उसने मेरा लंड नही छोड़ा और बोली- तुम्हारा लंड बहुत दमदार और अच्छा है।

दोस्तो, मेरे लंड पर वो फ़िदा हो गई।

भाई-बहन की मस्त चुदाई

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Bhai Behan Ki Mast Chudai : हैल्लो फ्रेंड्स आप सभी का इस साईट पर स्वागत है और हम सभी एक ही साईट के साथी है और में इस साईट पर कई समय से कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। दोस्तों मेरा नाम नितिन है और में अंबाला का रहने वाला हूँ। अब आप सभी का ज्यादा टाईम खराब ना करते हुए में सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ लेकिन पहले अपना परिचय करा दूँ दोस्तों ये स्टोरी जो कि मेरे और मेरे बास्केटबॉल वाली मेडम के बीच की है जिसको आज में आप सभी के सामने रखने जा रहा हूँ। दोस्तों में एक स्कूल स्टूडेंट हूँ और मेरी उम्र 18 साल की है और में दिखने में अच्छा हूँ मेरी 5.9 हाईट है मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच है।

दोस्तों ये बात अभी से कुछ महीने पहले की है जब हमारे स्कूल में एक समारोह था जिसमे बहुत बड़े बड़े लोग आने वाले थे और वो समारोह शाम को 7 बजे शुरू होने वाला था और सभी लोग आ गये थे और फिर रात के 11 बजे तक समारोह भी ठीक ठाक तरीके से खत्म हो गया। जिस जगह पर समारोह हो रहा था वो मेरे घर से बहुत दूर था। तो मैंने सोचा था कि में एक रात अपने फ्रेंड के घर में रुक जाऊंगा लेकिन उस समारोह में मेरा वो फ्रेंड आया ही नहीं और समारोह खत्म होते होते रात के 11 बज गये थे।

फिर मैंने घर जाने के लिए बस का सहारा लिया लेकिन उसमे भी बहुत भीड़ थी। फिर वहाँ पर एक लेडीस सीट खाली हुई लेकिन में वहाँ पर बैठा नहीं.. मैंने जैसे ही उस सीट को देखा तो उस पर मेरी बास्केटबॉल मेडम बैठ गई उनका नाम प्रीत है, वो बिल्कुल सेक्सी है बड़े बड़े बूब्स मस्त गांड और फिर मेरा लंड हमेशा उन्हे देख कर खड़ा हो जाता था उनका फिगर 36-30-36 है जो मुझे बाद में पता चला। फिर में जब उनके पास गया तो उन्होंने मुझे उनके साथ बैठने को कहा और में जल्दी ही मान गया और में उनके चिपककर बैठ गया। फिर हमने समारोह की बातें करनी स्टार्ट कर दी और तभी मैंने उन्हें बताया कि मेरा घर कितना दूर है। तो उन्होंने कहा कि उनका घर पास में ही है फिर वो कहने लगी कि में उनके साथ उनके घर पर जाऊँ.. लेकिन पहले तो मैंने मना किया लेकिन बाद में मेरे अंदर का जानवर जाग गया और मैंने जल्दी से हाँ कर दी।

तभी मैंने घर पर कॉल करके पापा को कह दिया कि में अपने एक दोस्त के घर में आज रात को सो जाऊंगा और फिर उन्होंने मेरी पूरी बात सुनकर हाँ कर दी। फिर जब हम उनके घर पहुंचे तो मैंने देखा कि वो अकेली रहती थी। जिससे तो में मन ही मन और खुश हो गया। फिर प्रीत मेडम नहाने चली गयी और में बैठकर टीवी देखने लगा। तभी थोड़ी देर बाद में मुझे सू सू लगी तो में मूतने चला गया मुझे पता नहीं था कि उनका बाथरूम और टॉयलेट एक साथ है। तभी मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा कि मेडम चूत शेव कर रही है तभी में अचानक उन्हे ऐसे देख कर डर गया और उन्होंने भी अपनी चूत पर एक हाथ रखकर चूत छुपा ली और में जल्दी से हड़बड़ा कर बाहर आ गया और टीवी देखने लगा। फिर वो नहाकर बाहर आई तो में उन्हे देखता ही रह गया और मेरा लंड खड़ा हो गया था जिसे मेडम ने देख लिया.. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा और मेरे पास आकर बैठ गई और मुझे कहा कि जो मैंने अभी देखा वो किसी को मत बताना और वो बहुत डरी हुई थी। तभी मैंने सोचा कि क्यों ना इस बात का फायदा उठा लिया जाए। फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है लेकिन मुझे एक बार वो देखनी है। तभी उन्होंने ने स्माईल करते हुए पूछा क्या? फिर मैंने कहा कि आपकी गोरी गुलाबी चूत। तभी वो बोली कि क्या तुम पागल हो गये हो? अपने टीचर के साथ ऐसा कहते हुए तुम्हे शरम नहीं आती? तभी मैंने कहा कि ठीक है तो फिर में स्कूल में अपने सभी दोस्तों को सच सच बता दूँगा।

वो फिर से डर गयी और बोली कि ठीक है में दिखा देती हूँ जो तुम्हे देखना है और फिर उन्होंने अपनी मेक्सी ऊपर कर दी और वो अपनी काले कलर की पेंटी को नीचे करके खड़ी हो गयी। तभी में तो खुशी से पागल हो गया उनकी चूत देखकर उनके और पास जाने लगा और वो मेरे से दूर होने लगी। तभी मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींचा और उन्हें सोफे पर बैठा दिया और मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर रख दिया तो वो उछल गयी। कसम से उनकी चूत को कभी किसी ने छुआ भी नहीं होगा मैंने पहली बार चूत देखी थी। फिर में उसकी खुश्बू लेने लगा जो कि मुझे मदहोश कर रही थी। फिर मैंने एक हाथ मेडम के बूब्स पर रखा जो बड़े मुलायम थे तभी उन्होंने गुस्से से मेरा हाथ हटा दिया।

मैंने फिर से बूब्स को पकड़ा और सहलाने और दबाने लगा और दूसरे हाथ से चूत को रगड़ रहा था। मेडम अब गरम होने लगी और अब वो भी मेरा साथ देने लगी उन्होंने मुझे देखा और मेरे होंठो पर एक किस किया में और जोश में आ गया और अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए और चाटने चूमने लगा। हम दोनों एक दूसरे की जीभ चाट रहे थे। 5 मिनट के किस के बाद मेडम ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया जो उनकी चूत को देख कर खड़ा हो गया था। तभी उन्होंने नीचे घुटनों के बल बैठकर मेरी पेंट उतारी और लंड को मुहं में लेकर चाटने लगी। दोस्तों में तो पागल हो रहा था और मेरा वीर्य निकल गया और उन्होंने पूरा वीर्य पी लिया। फिर उसके बाद मैंने मेडम के बूब्स को ब्रा से बाहर निकाला और चाट चाट कर लाल कर दिए उनके गुलाबी निप्पल तो बिल्कुल कड़क थे।

फिर मैंने उन्हे भी बहुत चाटा और मेडम पागल हो रही थी और कह रही थी कि और ज़ोर से और ज़ोर से तभी मैंने बूब्स को चाटना बंद किया और चूत की तरफ चला गया मैंने जैसे ही अपना मुहं चूत पर लगाया तो मेडम ने ज़ोर से मेरे सर को पकड़ा और चूत पर दबाने लगी और में भी पागलो की तरह चूत को चाट रहा था और दो मिनट बाद मेडम का माल निकल गया और में उसे पूरा पी गया। फिर मेडम ने कहा कि अब रहा नहीं जाता जल्दी से लंड को चूत में लंड डाल दो। में खड़ा हुआ और अपने खड़े लंड को चूत पर रख दिया और एक ज़ोर से झटका मारा। मेडम ज़ोर से चिल्लाई अरे में मर गयी और फिर उन्होंने कहा कि थोड़ा धीरे धीरे करो मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस चुका था। फिर में 1 मिनट रुका और फिर से ज़ोर का झटका मारा और पूरा लंड मेडम की चूत में घुस गया। तभी मेडम का बुरा हाल हो गया था दर्द से उनका मुहं लाल हो गया था और में थोड़ी देर रुका और झटके देने शुरू कर दिए। मेडम का दर्द कम हो गया था और वो हर झटके का मज़ा ले रही थी। में पूरे दम से लंड चूत में डाल रहा था और वो कह रही थी अह्ह्ह चोदो मुझे बेबी चोदो मुझे तभी ये सुन कर मुझे और जोश आ रहा था और में मेडम को कुतिया की तरह चोद रहा था।

तभी मेडम का पानी निकल गया और वो थोड़ी ढीली पड़ गयी.. लेकिन में जोर जोर से धक्के दिए जा रहा था मेडम के पानी के कारण मेरा लंड अब और तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था। 15 मिनट बिना रुके सेक्स करने के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने मेडम को कहा कि कहा डालूं? तभी वो बोली कि तुम चिंता मत करो और अंदर ही डाल देना में गर्भ निरोधक गोली खा लूंगी। तभी मैंने 8-10 धक्को के बाद अपना पूरा वीर्य मेडम की चूत में डाल दिया और बिना लंड चूत से बाहर निकाले वैसे ही उनके ऊपर लेट गया और उनके बूब्स को चूसने लगा। फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में एक साथ नहाकर बाहर आए हमे चुदाई खत्म करते करते रात के 2 बज गये थे।

फिर हमने एक किस किया और एक दूसरे को अपनी बाहों में लेकर सो गये। फिर में जब सुबह करीब 7 बजे उठा तो देखा कि मेडम सो रही है मैंने उन्हें जगाया और कहा कि.. में आपको एक बार और चोदूंगा। तभी उन्होंने मना कर दिया और कहा कि उन्हें चूत में बहुत दर्द हो रहा है और जलन हो रही है। तभी में उनके बूब्स चूसने लगा फिर थोड़ी देर बाद उठा और तभी पापा का कॉल आ गया.. तो फिर मुझे मेडम के घर से जाना पड़ा। जाते टाईम मैंने मेडम को किस किया और चला गया ।।

डरते डरते साली की चूत चुदाई

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Darte Darte Saali Ki Choot Chudai : नमस्कार दोस्तों मेरा नाम रौशन कुमार मिश्रा है और मेरा घर झारखंड राज्य के एक शहर में है। मेरी उम्र 30 वर्ष है और मेरे लंड का साईज़ लगभग 5 इंच है। दोस्तों में इस साईट का बहुत पुराना पाठक हूँ। फिर मैंने भी कई लोगों की कहानियाँ पढ़कर सोचा कि में अपनी कहानी भी आप सभी लोगों से सामने रखूं। दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है तो हो सकता है कुछ गलतीयाँ हो तो मुझे उम्मीद है आप सभी लोग मुझे माफ़ करके कहानी का मजा लेंगे। दोस्तों में एक साफ सुथरी चुदाई पर यकीन करता हूँ। चूत चाटने से मुझे बहुत घिन आती है। फिर चूत चाटने के अलावा में चुदाई के सभी तरीके प्रयोग करता हूँ।

दोस्तों यह कहानी आज से लगभग 4 साल पहले की है। वो नवम्बर का महीना था और ठंड भी पड़ना शुरू हो गई थी और मेरी पत्नी प्रॅगनेंट थी उसका सातवां महीना चल रहा था। फिर मेरी पत्नी ज़्यादा काम नहीं कर पाती थी। तभी मैंने उसकी मदद के लिये अपनी साली को बुला लिया। दोस्तों मेरी साली का नाम कामिनी है वो बहुत सुंदर और सेक्सी लड़की है उसकी उम्र 22 साल की है और चूचियाँ 32″ और कमर 28″ गांड 30″ के आसपास है और वो मुझसे बहुत मज़ाक करती है। फिर मैंने शुरू शुरू में कोई खास ध्यान नहीं दिया लेकिन बहुत दिन से चुदाई नहीं करने के कारण मुझे बहुत अजीब सा लगता था। फिर रात में जब लंड खड़ा होता तो में बाथरूम में जाकर साली का नाम लेकर मुठ मार लेता था।

फिर मेरा मन अब साली को चोदने का करता था लेकिन डर लगता था कि अगर उसने विरोध किया और मेरी पत्नी को पता चल गया तो मेरा हंसता खेलता परिवार उजड़ जाएगा। लेकिन चुदाई करने के लिए कुछ तो पहल करनी ही थी। फिर इसलिए एक दिन मौका देखकर जब मेरी पत्नी आँगन में धूप सेक रही थी और रूम में साली अकेली थी। तभी मैंने पीछे से हाथ लगाया और उसकी कमर पर अपना एक हाथ फैरने लगा। तभी वो अचानक से चौंक गई और कहने लगी कि आप यह क्या कर रहे हो? फिर मैंने उसे कहा कि बस तुम्हे छूकर देख रहा हूँ कि तुम्हारे अंदर कितना करंट है। तभी वो एक शैतानी हंसी हंस पड़ी। फिर में समझ चुका था कि हंसी तो फंसी लेकिन शुरू शुरू में तो उसने बहुत नाटक किया लेकिन जब में उसे रोज मौका देखकर चूमने लगा।

अब उसने विरोध करना छोड़ दिया था और शायद उसे मज़ा आता था। लेकिन चुम्मा लेने से लंड की प्यास नहीं बुझती है फिर यही हाल मेरे साथ भी था। फिर मेरी साली अपनी बहन यानी की मेरी पत्नी के साथ ही सोती थी और फिर में उसके पलंग के पास में चौकी पर सोता था.. पत्नी मेरी तरफ मुहं करके और साली दूसरी तरफ सोती थी और ऐसे में कुछ भी करना बहुत मुश्किल था। फिर एक दिन सुबह उठकर जब मेरी पत्नी बाथरूम गई थी तभी मैंने मौका देखकर थोड़ी हिम्मत जुटाई और अपनी चौकी से उठकर पलंग पर चला गया और साली के पास में लेट गया लेकिन शायद वो नींद में थी इसलिए उसे पता नहीं चला। फिर मेरे पास समय कम और एक बहुत मौका अच्छा था। तभी मैंने उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया और फिर उसे धीरे धीरे दबाने लगा.. इससे उसकी नींद अचानक खुल गई और फिर मेरी डर के मारे बहुत हालत खराब हो गई.. मुझे ऊपर से नीचे तक पसीना छूट गया। लेकिन उसने केवल मेरा हाथ पकड़ा था और वो कुछ बोली नहीं। तभी इससे मेरी हिम्मत और बड़ गई और फिर मैंने अपना हाथ छुड़ाकर उसकी चूचियों पर रख दिया और फिर बड़े आराम से उन्हें दबाने लगा लेकिन कुछ देर बाद मुझे लगा कि मेरी पत्नी बाथरूम से वापस आ गई है। तभी में तुरंत जल्दी से अपने बिस्तर पर आ गया। फिर करीब एक सप्ताह तक रोज मैंने ऐसा ही किया फिर मेरी प्यास रोज और बड़ती ही जा रही थी।

फिर करीब एक सप्ताह के बाद सुबह रोज की तरह जब मेरी पत्नी बाथरूम में गई। तभी में साली के पास उसके पलंग पर आ गया और फिर चूचियाँ दबाते दबाते मैंने एकदम से अपना एक हाथ उसकी सलवार के अंदर घुसा दिया किस्मत से मेरा हाथ एकदम से उसकी पेंटी के भी अंदर घुस गया और मेरा हाथ सीधे जाकर उसकी चूत पर पड़ा। फिर में उसकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा और वो बीना हिले चुपचाप पड़ी रही उसने कोई विरोध नहीं किया। तभी मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में डाल दी। तभी वो अचानक से पूरी हिल गई और मुझे अंदाजा हो गया कि वो चुदाई के लिये तैयार है। फिर मैंने अपनी पत्नी के डर से ऊँगली को बाहर किया और उसे चूमने लगा। फिर मैंने उसे करीब पांच मिनट तक चूमा और छोड़ दिया और सही मौके की तलाश में लगा रहा।

फिर जब भी वो मुझे देखती हमेशा एक अच्छी सी मुस्कान देकर मुझे चुदाई के लिये न्यौता दे कर चली जाती और में अंदर ही अंदर जलकर राख होता रहता था और भगवान से कहता कि वो दिन.. ना जाने कब आएगा? तभी एक दिन मेरी किस्मत चमक उठी और मुझे जिस मौके की तलाश थी वो आज मुझे मिल गया। मेरी पत्नी डॉक्टर के पास जाँच के लिये मेरी माँ के साथ चली गई मैंने माँ को कहा कि में भी चलूं लेकिन माँ ने मना कर दिया और कहा कि तू क्यों परेशान होता है? और फिर घर पर कामिनी भी अकेली कैसे रहेगी? फिर में माँ की इस बात से सहमत था।

फिर मैंने डॉक्टर से एक दिन पहले बात की थी और मेरी पत्नी का नंबर लगा दिया था। फिर उस दिन मुझे पता था कि आज घर पर करीब तीन, चार घंटो के लिये बस हम दोनों थे में और मेरी साली और कोई नहीं फिर क्या था.. आज तो बस मेरी चाँदी ही चाँदी थी। फिर करीब सुबह के दस बजे मैंने.. माँ और मेरी पत्नी को घर के बाहर से विदा किया और फिर में दरवाजा अंदर से बंद करके अंदर चला आया और सीधा अपने कमरे में गया और वहाँ से मैंने एक कंडोम का पैकेट लिया और अपनी ज़ेब में रख लिया। फिर में सीधा किचन में गया जहाँ पर कामिनी काम में व्यस्त थी। तभी मैंने उसे अचानक पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर चूमने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा लेकिन उसने कोई भी विरोध नहीं किया। फिर मैंने किचन में ही उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए और उसने अपना हाथ आगे बड़ा कर मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। तभी मैंने उससे कहा कि चलो अब हम चुदाई पलंग पर करते है। फिर मैंने पलंग पर लेटा दिया और लेटते ही मैंने उसे पकड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो से दबा लिया और फिर उसे चूमने लगा। फिर पांच मिनट किस करने के बाद में नीचे हुआ और उसके बूब्स को कुर्ती के ऊपर से दबाने लगा। तभी कामिनी की सांसे तेज होती जा रही थी। फिर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके ऊपर था और उसके बूब्स दबा रहा था और फिर उसकी गर्दन पर अपनी जीभ से चाट रहा था।तभी में ऊपर से हटा और फिर उसे बैठाकर उसकी कुर्ती को उतार दिया। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। फिर जैसे ही मैंने कुर्ती उतारी उसके गोर गोर 32 के बूब्स मेरे सामने आ गए। में पागल सा होने लगा और कामिनी को नीचे दबाकर उसके बूब्स पर टूट पड़ा। फिर एक हाथ से उसके सीधे बूब्स को और जोर से और फिर दूसरे बूब्स को मेरे मुहं में लेकर चूस रहा था और हल्के हल्के दबा रहा था। फिर मेरे हर बार दबाने के साथ कामिनी का जोश बढ़ता जा रहा था और जोर से उनको चूसने और मसलने लगा। कामिनी को भी मजा आने लगा और उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी।

फिर मैंने उसकी चूचियों को जी भर कर चूसा और चूसते-चूसते ही में एक हाथ से उसकी चूत पर ले गया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। फिर थोड़ा फिर में धीरे-धीरे उसकी सलवार में हाथ डाल कर पेंटी के अन्दर अपना हाथ ले गया और उसकी चूत को सहलाने लगा। सच में कामिनी की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी.. में तो बस मदहोश हो गया था। फिर में धीरे धीरे उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा। तभी उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और वो मुझे कहने लगी थी अब और बर्दाश्त नहीं होता प्लीज लंड डालो ना।

तभी में समझ गया कि अब ये पूरी तरह से गरम हो चुकी है। फिर मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और फिर पेंटी के ऊपर से ही उसको चूमने लगा। फिर मैंने अब मौका गंवाए बिना उसकी पेंटी को भी उतार फेंका। फिर में जल्दी से नीचे आया और फिर अपने दोनों पैर फैलाकर लेट गया और उसे अपने ऊपर खींच लिया। तभी वो समझ गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। फिर जैसे ही उसने हिलाना शुरू किया मुझे करंट के झटके लगने लगे क्योंकि पहली बार किसी दूसरी लड़की के हाथ में मेरा लंड था। फिर में लंड धीरे से उसकी चूत में घुसाने लगा लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी।

तभी मैंने धीरे से एक धक्का दिया लंड चूत के अंदर चला गया। फिर उसकी चूत से खून बहने लगा था और कामिनी आँखें बंद किये सिसकारियां भर रही थी। तभी मुझे सही मौका मिला और अचानक मैंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा 5 इंच का लंड उसकी चूत की गहराइयों में डाल दिया। तभी वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी वो दर्द से छटपटाने लगी और कहने लगी कि प्लीज मुझे छोड़ दो और फिर वो जोर जोर से रोने लगी। फिर पाँच मिनट तक में सिर्फ़ उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ फैरता रहा। तभी धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ और तभी थोड़ी देर में उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी हिल हिल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी। फिर करीब 15 मिनट तक में उसे बिना रुके चोदता रहा और इतनी देर में उसकी चूत गीली हो गई और उसका दर्द कम हो गया और वो बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी। फिर वो भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी अह्ह्ह ईईइ और जोर से मुझे चोदते रहो और जोर से चोदो मुझे। तभी वो एकदम से अकड़ गई और झड़ गई। फिर में अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर में उसे जोर जोर से चोदता रहा। फिर करीब दस मिनट बाद में उसकी चूत में झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य कामिनी की चूत में डाल दिया। फिर मुझे कोई डर नहीं था क्योंकि मैंने पहले से ही लंड पर कंडोम चड़ा लिया था।

दोस्तों फिर चार घंटो में मैंने करीब उसकी दो बार चुदाई की फिर जब भी मुझे चुदाई का मौका मिलता तो में कामिनी की चुदाई करता और अपने लंड को शांत करता। दोस्तों मैंने कभी भी कामिनी को बिना कंडोम के नहीं चोदा क्योंकि उसकी अभी शादी नहीं हुई थी और कभी भी मेरी पत्नी को भी पता नहीं चला ।।

सहेली के लड़के ने गांधीनगर में चोदा

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Saheli Ke Ladke Ne GandhiNagar Mein Choda :

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम धारा है, मेरी उम्र 38 साल है और में गाँधीनगर की रहने वाली हूँ। ये हादसा मेरे साथ दिसम्बर 2015 में हुआ था। अब में आपको पहले मेरे बारे में बता दूँ। में दिखने में बहुत सेक्सी औरत हूँ और मेरा फिगर 36-34-38 है। मेरे पति अमेरिका में रहते है तो मुझको भी 24 दिसम्बर को अमेरिका जाना था, मेरे कोई बच्चे नहीं है। मेरी एक फ्रेंड कालोल में रहती है और एक वालोल में रहती है तो मैंने सोचा कि में अमेरिका जाने से पहले अपनी फ्रेंड को मिलकर जाऊं। फिर मैंने बस पकड़ी और कालोल गई  तो मैंने अपनी फ्रेंड को फोन करके बता दिया कि में आ रही हूँ। फिर में वहाँ सुबह 10 बजे पहुँची तो मेरी फ्रेंड मुझे लेने के लिए अपनी कार लेकर आई। फिर में और वो हम उसके घर गये, फिर घर जाते ही मैंने उसके लड़के को देखा, ओह माई गॉड वो दिखने में बहुत सुंदर था। फिर मेरा उसके साथ परिचय हुआ और पता चला कि वो अहमदाबाद में कॉलेज की पढाई करता है।

फिर मैंने 12 बजे लंच लिया और जब मेरी फ्रेंड के पति जॉब पर गये थे तो मैंने और उसने बहुत बातें की। फिर शाम को मैंने सोचा कि चलो मेहसाना मेरी एक फ्रेंड रहती है तो उससे मिलकर आते है तो मैंने कार ड्राइव कर ली और हम मेहसाना जाकर आए। अब रात को बहुत अंधेरा हो गया था, तो फिर मैंने अपनी फ्रेंड से कहा कि मुझे कोई अपने घर तक छोड़ सकता है गाँधीनगर तक। फिर मेरी फ्रेंड ने कहा कि मेरा बेटा तुझे घर तक छोड़ आएगा। फिर में और मेरी फ्रेंड का बेटा निकल गये तो रास्ते में उसने मुझसे बातें करना स्टार्ट कर दिया। फिर बातों-बातों में उसने कहा कि आंटी आप बहुत सेक्सी लग रही हो। बाप रे अब ये शब्द सुनकर तो मुझे पहले कुछ आजीब लगा, लेकिन फिर बाद में अच्छा लगा।

फिर मैंने उससे पूछा कि में कितनी सेक्सी लगती हूँ? तो उसने कहा कि वो तो आंटी चेक करना पड़ता है। तो मैंने कहा कि चल कर चेक, तो वो बोला कि अभी नहीं हो सकता, तो मैंने कहा कि तो कब? तो वो बोला कि घर जाकर। फिर उतने में मेरा घर आ गया और हम घर में चले गये। तब रात के 10 बजे थे। फिर मैंने कहा कि चलो अंदर आओ पानी पीकर जाओ, तो वो भी मान गया। फिर मैंने उसे सोफे पर बैठाया और पूछा कि तू मेरी सेक्सी लेवल चेक करने वाला था, तो वो बोला कि में तो ऐसे ही कह रहा  था। फिर मैंने कहा कि अरे बेटा ज़रा चेक करना ऐसे क्या करता है, तू अपनी सेक्सी आंटी का इतना भी मन नहीं रखेगा। फिर वो बोला कि आप अपनी आखें बंद करो, तो में मान गयी। फिर उसने मेरे पेट पर अपना हाथ फैरना शुरू कर दिया। फिर उसने धीरे-धीरे मेरी गांड पर अपना हाथ लगाया, क्या बताऊँ वो कितना सेक्सी टच था? फिर उसने अपने एक हाथ से मेरा बूब्स भी दबा दिया।

अब में और वो हम दोनों ही गर्म हो रहे थे। फिर उतने में ही मेरी फ्रेंड का फोन आया कि पहुँचे कि नहीं, तो मैंने उसे बता दिया कि हम पहुँच गये है, लेकिन तुम्हारा बेटा कल सुबह आ जाएगा, क्योंकि गाड़ी पंक्चर हो गई है। फिर उसने अपने बेटे से बात की और कहा कि आज की रात आंटी के घर रुक जा कल सुबह गाड़ी ठीक करवा कर आ जाना। फिर क्या था? फिर हम दोनों खुश हो गये और उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम में लेकर गया। फिर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े उतार दिए और में उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। वाह क्या मज़ा आ रहा था? फिर उतने में ही मुझे मेरी एक सहेली का फोन आया कि वो मुझसे मिलने के लिए मेरे घर पर आ रही है, लेकिन वो भी सेक्स की भूखी थी। फिर वो मेरी चूत को चाटने लगा, अब में 3 मिनट में ही झड़ गयी थी।

फिर उसने मेरे बूब्स दबाना शुरू कर दिए और वो अपनी एक उंगली मेरी चूत में डालने लगा और फिर उसने एक झटके में अपना पूरा लंड मेरी प्यासी चूत में डाल दिया और दनादन चोदने लगा। फिर उतने में ही वो भी 10 मिनट में झड़ गया। फिर उतने में ही डोर बेल बजी तो मैंने अपना गाउन पहना और डोर खोला तो बाहर मेरी सहेली आई थी। फिर मैंने उसका उससे परिचय करवाया और मेरी सहेली को इशारे में समझा दिया कि ये भी हमारी लाईन का इंसान है। तो फिर वो बोली कि तो में ट्राई करूँ क्या? तो मैंने कहा कि हाँ जरुर क्यों नहीं? फिर मेरी फ्रेंड और वो रूम में अंदर चले गये। फिर में भी थोड़ी देर के बाद रूम में अंदर चली गयी। वो दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे और अपने कपड़े निकाल रहे थे।  फिर मैंने मेरी फ्रेंड की साड़ी उतारने में मदद की और उसकी ब्रा-पेंटी भी उतार दी। फिर क्या था? फिर वो दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये और अब वो एक दूसरे का जिस्म चूस रहे थे। फिर वो दोनों एक साथ झड़ गये।

फिर मेरी फ्रेंड ने कहा कि अब मुझे तड़पाओ मत और जल्दी से मेरी चूत को चोद दो। उसकी चूत टाईट थी तो उस लड़के के 2-3 धक्के लगाने पर उसका पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया था और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी थी, आह्ह्ह्ह कितना बड़ा है सहा भी नहीं जाता, लेकिन अब वो कहाँ रुकने वाला था, फिर उसने उसे दो बार चोदा। अब उसने उसे घोड़ी बनाकर उसकी गांड में भी अपना लंड डाल दिया था, अब वो रोने लगी थी, लेकिन साथ में मज़ा भी ले रही थी। फिर वो दोनों शांत हो गये, फिर थोड़ी देर के बाद वो उस लड़के को अपना मोबाईल नंबर देकर चली गयी। अब मेरी फ्रेंड के जाने के बाद में फिर से नंगी हो गयी। तब रात के 12 बज रही थी और फिर हम दोनों ने बहुत चुदाई की। उस रात उसने मेरी गांड पर तेल लगाया और मेरी गांड भी मारी। उस रात उसने मुझे इतना चोदा, इतना चोदा की पूछो मत, फिर सुबह होते ही वो उठ गया और मेरे पैर सहलाने लगा।

अब मुझे पता चल गया था कि शो फिर से स्टार्ट करना पड़ेगा तो अब में भी अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुदवाने लगी और फिर 1 घंटा चुदाई करने के बाद वो अपने घर जाने के लिए निकल गया। फिर थोड़े दिन के बाद में भी अमेरिका चली गयी ।।

धन्यवाद …

गर्लफ्रेंड की चुद्दकर सहेली को पेला

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Girlfriend Ki Chuddakar Saheli Ko Pela :

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम यश है और में एक मेडिकल स्टूडेंट हूँ। दोस्तों में और मेरी गर्लफ्रेंड (सारिका) और उसकी रूम पार्टनर (रोशनी) एक प्रोग्राम में गये थे। अब में आपको रोशनी के बारे में बता दूँ, वो बहुत सेक्सी और चुदक्कड़ लड़की है और उसका फिगर बहुत टाईट है। उसके बूब्स बहुत बड़े और गोरे है और उसकी गांड भी बहुत सेक्सी है। जब से में कॉलेज गया था, तब से में उसके बूब्स चूसने के सपने देखता था, मेरी गर्लफ्रेंड भी बहुत सेक्सी है और में उसे लगभग रोजाना चोदता हूँ और वो बहुत हॉट भी है। अब हम तीनों दिल्ली के एक होटल में एक ही रूम में रुके हुए थे और अब बहुत मस्ती करने के कारण हम तीनों बहुत थक जाते थे तो रोशनी जल्दी सो जाती थी, लेकिन में और मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स करने के बाद सोते थे।

एक रात शायद रोशनी ने हमें सेक्स करते देख लिया था, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और दूसरी तरफ मुँह करके सो गयी। फिर अगली रात जब मैंने और मेरी गर्लफ्रेंड ने सेक्स कर लिया तो मैंने अपनी गर्लफ्रेंड से बोला कि आज में तुम दोनों के बीच में सोऊंगा तो उसने कहा कि ठीक है। अब में बीच में जाकर लेट गया। फिर मैंने रात को महसूस किया कि कोई हाथ मेरी छाती पर है और एक पैर मेरे पैरों पर रगड़ रहा है, वो हाथ और पैर रोशनी के थे। अब में चुपचाप लेटा रहा। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने नींद के बहाने रोशनी के बड़े-बड़े बूब्स के ऊपर अपने हाथ रख दिए और धीरे-धीरे उन्हें सहलाने लगा। फिर जब उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो में उसके बड़े-बड़े बूब्स को दबाने लगा और उसके पैरों पर अपने पैर रखकर रगड़ने लगा, शायद अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर उसकी तरफ से भी कोई रेस्पॉन्स नहीं आया तो मैंने आगे बढ़ने की कोशिश की और उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठा दिया, जिससे उसके बूब्स एक्सपोज़ हो गये। उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मेरे हाथों में भी नहीं आ रहे थे। फिर मैंने उन्हें चूसना शुरू किया। अब उसके मुँह से आ आहहा की आवाज़ आई तो अब में समझ गया कि सिग्नल ग्रीन है। अब मैंने उसके बूब्स चूसने के बाद उसकी शॉर्ट नीचे कर दी और उस समय उसने अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी। फिर मैंने जैसे ही उसकी झांट वाली चूत को हाथ लगाया तो वो कांप उठी। फिर मैंने महसूस किया कि वो तो अच्छे से गीली हो चुकी है। अब मेरा लंड नहीं मान रहा था और अब में उसे चोदना चाहता था। फिर मैंने उससे कहा कि अब में तुम्हारी चूत में अपना लंड डालूँगा और तुम्हें चोदूंगा, तो उसने धीरे से आवाज़ में बोला कि थोड़ा धीरे करना। फिर मैंने कहा कि हाँ बेबी और फिर मैंने उसकी शॉर्ट पूरा नीचे कर दिया।

फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। अब वो तो पागल ही हो गयी और अब मेरी चुसाई से वो आ उहह हम्मम्म आआहा बेबी, फक मी, चूसो इस चूत को बोलने लगी। उसका चूत रस इतना टेस्टी था कि मज़ा ही आ गया। अब में उसके ऊपर आ गया और उसको लिप किस किया और धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में डालना शुरू किया, वो वर्जिन नहीं थी, लेकिन उसे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उसके हाथों के बगल को किस किया और फिर उसकी गर्दन पर किस किया, फिर उसके बूब्स को किस किया और उसे चोदना शुरू किया। अब उसके मुँह से सुरीली आवाज सुनने से मेरा जोश और बढ़ता जा रहा था और में अपनी स्पीड भी तेज करता जा रहा था। अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था और अब वो अपने मुँह से आ उहह यायय्य्य्य फक मी बेबी, फक मी फास्ट और फास्ट बोलने लगी। फिर मैंने झट से उसके मुँह को बंद किया और बोला धीरे बेबी नहीं तो सारिका उठ जायेगी और फिर में उसे चोदने लगा। फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हें बहुत मज़ा आ रहा है, अब पोज़िशन चेंज करते है और अब में उसे बाथरूम में ले गया और उसे थोड़ा आगे झुका दिया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा।

फिर थोड़ी देर के बाद में बाथ टब में बैठ गया और उसे अपने ऊपर बैठा लिया और उसके बूब्स चूसते हुए उसे चोदना शुरू किया। अब वो भी उछल-उछलकर अपनी चुदाई करवा रही थी और अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि आई एम कमिंग, तो वो बोली बेबी अंदर मत छोड़ना। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उससे कहा कि अब तुम इसको चूसो तो वो उसे आईसक्रीम की तरह चूसने लगी और मैंने अपना पूरा माल उसके मुँह और बूब्स पर फैला दिया। फिर 35 मिनट की लगातार चुदाई के बाद वो थककर हाल बैहाल हो गयी और मुझसे चिपक कर लेट गई। फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर से चुदने को तैयार हो गयी। उसने फिर से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और अब में उसके बूब्स दबा रहा था तो उसे भी बहुत मजा आ रहा था।

फिर मैंने उससे बोला कि अब में तुम्हारे बूब्स के बीच में अपना लंड रगड़ना चाहता हूँ। फिर वो मेरी टांगो के बीच में आई और मेरे लंड पर थूकने लगी। फिर उसने मेरा लंड अपने दोनों बूब्स के बीच में फंसाकर हिलाने लगी और मेरी तरफ सेक्सी नज़रों से देखने लगी। अब में तो पागल ही होता जा रहा था। फिर मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसके सेक्सी लिप को चूसने लगा। अब में उसके पूरे मुँह को कुत्तों की तरह चाटने लगा और उसकी पूरी बॉडी को भी चाटने लगा। अब उसकी चूत की वो खुशबू तो मुझे पागल ही बना रही थी। फिर मैंने उसको उल्टा किया और उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया और जोर-ज़ोर से हिलाने लगा और अब वो भी अपनी गांड उछाल-उछालकर जवाब दे रही थी। अब में उसे कुतिया स्टाईल में चोदने लगा और उसकी रसीली चूत में ही झड़ गया और उससे चिपक गया। फिर हम दोनों ने साथ में नहाये और फिर सो गये। फिर अगली रात जब में अपनी गर्लफ्रेंड को चोद रहा था तो वो भी अपनी चूत में उंगली कर रही थी।

अब में उसे देखकर और उत्तेजित होने लगा और में अपनी गर्लफ्रेंड को और जोर से चोदने लगा। उसके बाद मेरी गर्लफ्रेंड सो गयी। अब में अपनी रंडी को चोदने के लिए बिल्कुल तैयार था और इस बार मैंने नहाते हुये बाथटब में चुदाई मचाई ।।

धन्यवाद …

बहु बनी पुरे घर की रंडी

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Bahu Bani Pure Ghar Ki Randi :

हैल्लो दोस्तों, मेटा नाम रीना है, में रायपुर में रहती हूँ, में दिखने में एकदम मॉडल लगती हूँ, मेरी बॉडी का शेप 36-38-40 है  और मेरी गांड उभरी हुई है और गोल मटोल है। अब में सीधी स्टोरी पर आती हूँ में जब 19 साल की हुई थी तो मेरे लिए एक रिश्ता आया था। अब में आपको बता दूँ कि मेरे परिवार में मम्मी, पापा और में ही हूँ। में मेरे मम्मी, पापा की इकलोती बेटी हूँ और फिर मेरी शादी फिक्स कर दी गयी और फिर 2 साल के बाद मेरी शादी कर दी गयी थी। अब में स्कूल छोड़ चुकी थी और फिर शादी होने के बाद जब में ससुराल गयी तो मेरी लाईफ बदल गयी। मेरे पति रवि 24 साल के है और मेरे ससुराल में मेरे ससुर राजेश और दो देवर है, जिनके नाम तरुण और राज है। मेरी सास इस दुनिया में नहीं है। फिर शादी की पहली रात को रवि मुझे अपनी गोद में उठाकर अपने कमरे की और चल पड़ा।  अब घर में सब सोने की तैयारी में लगे थे। फिर रवि ने मुझे बेड पर लेटाया और दरवाजा बंद करने चले गये। अब में बहुत उत्तेजित थी कि आज में पहली बार चुदाई का मज़ा लेने वाली थी। फिर वो मेरे पास आकर बैठ गया, अब में जानबूझ कर शरमाने का नाटक कर रही थी। फिर वो मुझे बोलने लगे कि ऐसे क्यों शर्मा रही हो?

में :  पहली बार इतनी खुशी हो रही है।

रवि : हाँ, मुझे भी।

फिर वो मेरे करीब आए, तो में हंस पड़ी। फिर उन्होंने मेरा घूँघट उठाया और में उनसे चिपक गयी।  फिर वो मुझे लिप किस करने लगे, अब में भी उनका अच्छा साथ दे रही थी। फिर वो मुझे लेटाकर मेरे ऊपर सोकर किस करने लगे और मेरे बूब्स मसल रहे थे। अब मेरी साँसे बहुत तेज़ हो गई थी और अब में जोश से हांफ रही थी। फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े खोलकर मुझे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में कर दिया। अब में भी कहाँ कम थी। फिर मैंने भी उन्हें पकड़कर उनके कुर्ते को निकाल दिया और उनका पजामा धीरे से खोल दिया। अब वो मेरी पूरी बॉडी को चाट-चाटकर धीरे से काट रहे थे। अब में उनकी बॉडी पर अपना हाथ फैर रही थी और वो मेरी गोल-गोल गांड को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहे थे। फिर उन्होंने मेरी पेंटी को निकालकर मुझे बेड पर लेटा दिया। अब मेरी कुंवारी चूत उनके लिए हाज़िर थी। फिर उन्होंने पहले मेरी चूत पर किस किया तो मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा और अब में सिसकियाँ लेने लगी थी। फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे और अब में आसमान में उड़ रही थी।

अब में उनके लंड को उनकी चड्डी के ऊपर से ही चाटने लगी थी, उनका लंड करीब 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था। अब मेरे छोटे से हाथ में उनका लंड पूरा नहीं आ रहा था। फिर में उनके लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। फिर वो मुझे अपने पास खींचकर मुझसे बोले कि मजा आया क्या? तो मैंने कहा कि हाँ बहुत। फिर वो मेरी चूत पर अपनी उंगली फैरने लगे और मेरी चूत में अंदर डालने लगे तो में चीख उठी। फिर वो रुक गये और बोले कि तेरी चूत बहुत छोटी है, मेरा लंड लंबा और ताकतवर है और फिर अपनी उंगली डालने लगे तो में फिर से चीख उठी और रोने लगी। फिर वो रुक गये और मुझे अपने से  चिपकाकर चुप कराने लगे तो में चुप हो गयी। फिर वो अपना लंड मेरी चूत पर फैरने लगे, अब में मजे  ले रही थी। फिर वो अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे, लेकिन उनके लंड का टोपा बहुत मोटा था, जिससे उनका लंड मेरी चूत में नहीं जा रहा था। फिर वो बोले कि क्या करूँ मेरी जान तेरी चूत बहुत नाज़ुक है? फिर वो मुझे घोड़ी बनाकर मेरी मोटी गांड के बीच में अपना मुँह डालकर अपनी ज़ुबान से मेरी गांड के छेद को चाटने लगे। अब में भी अपनी गांड पीछे कर-करके उनका साथ दे रही थी।

फिर वो अपना लंड मेरी गांड पर लगाकर डालने लगे तो में उछल गयी। फिर वो तेल लगाकर मेरी गांड में उंगली करने लगे और अपनी तीन उंगलियाँ अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगे। अब में बहुत मजे ले रही थी, फिर वो मेरी गांड में अपना 8 इंच का लंड डालने लगे। अब उनका लंड मेरी गांड में घुस चुका था, फिर वो ज़ोर से एक झटका लगाकर अपना पूरा लंड एक ही साथ मेरी गांड में डालने लगे। में उछल गयी, लेकिन वो नहीं रुके। अब में चीख उठी और जोर-जोर से सिसकियाँ ले रही थी। अब वो मेरी गांड को ज़ोर-जोर से चोद रहे थे और अब में उनका साथ देने लगी थी। फिर वो मेरी गांड में ही झड़ गये और लेट गये। अब में उनके ऊपर लेटकर उनके लंड का स्पर्श मेरी चूत पर ले रही थी और फिर में भी अकड़कर उनके लंड पर ही झड़ गयी और फिर हम चिपके रहे। फिर शादी की थकान से हम कब सो गये हमें पता ही नहीं चला। अब हम सुबह नंगे ही लिपटकर सो रहे थे। फिर मेरी आँख खुली तो मैंने उनके लिप्स पर किस करते हुए उनको उठाया। अब वो मेरे बूब्स चूस रहे थे और में उनके लंड को अपने पैरों से हिला रही थी। फिर वो बोले कि जान तेरी चूत को कैसे चोदूं? बहुत ज्यादा टाईट है।

में : आपका लंड लेने को तड़प रही हूँ।

रवि : तो अब क्या करे?

फिर हम दोनों साथ में नहाए और बाहर गये। फिर मैंने सबके लिए ब्रेकफास्ट बनाया और सब बैठकर  खाने लगे और इसी तरह मेरी शादी को 15 दिन बीत गये। अब मेरी चूत लंड लेने के लिए बहुत तड़प रही थी। तभी एक दिन में घर पर अकेली थी और तरुण कॉलेज से घर आया था। अब में आपको बता दूँ कि तरुण मेरी ही उम्र का लड़का था, जो मेरे पति का भाई है।

फिर वो अपने रूम में गया और दरवाजा बंद कर लिया। फिर में उसके लिए पानी लेकर उसके कमरे में गयी तो उसने सिर्फ़ रूम का दरवाजा लगाया था और लॉक नहीं किया था। फिर वो मुझे अंदर देखकर डर गया और सीधा बाथरूम में चला गया, क्योंकि वो मुठ मार रहा था। फिर मैंने उसको आवाज़ देखर बाहर बुलाया तो अब वो खामोश खड़ा था। अब में समझ गयी कि वो डर गया है और अब में उसको पटा सकती हूँ।

में : क्या कर रहे थे तुम?

तरुण : भाभी कुछ नहीं बस पेंट टाईट कर रहा था।

में : अच्छा।

तरुण : आपको क्या लगा?

में : कुछ नहीं इस उम्र में सबका यही हाल होता है।

अब इतने में मेरे पति दरवाजे के पास खड़े थे, अब में डर गयी थी। फिर वो बोले कि अच्छा तो तुम दोनों का हाल बुरा है।

में (रोते हुए) : आप ग़लत सोच रहे है।

फिर तरुण और रवि दोनों ज़ोर-जोर से हँसने लगे और बोले कि में तुझे बता दूँ कि अब तू इस घर में एक ही औरत है, तुम्हें मेरे भाईयों का ख्याल अच्छे से रखना होगा।

में :  मतलब?

रवि :  कुछ ज्यादा ही अच्छे से।

में : क्या आप सच बोल रहे है?

रवि :  हाँ, मेरी रंडी।

अब में बहुत खुश हुई कि अब मेरी सील टूट जाएगी। तभी तरुण मेरे पास आया, अब वो मेरे बूब्स पर अपना हाथ फैर रहा था। फिर हम हॉल में गये और मेरे पति रवि ने कहा कि तू बहुत चुदक्कड़ औरत है, तुम्हें पूरी आजादी है कि तुम घर में किसी से भी चुदवा सकती हो।

में :  हाँ, में सबका ख्याल रखूंगी।

तभी डोर बेल बजी, अब राज भी कॉलेज से आ गया था, वो बहुत नॉटी था। फिर वो मुझसे कहने लगा कि मेरे लिए पानी लाओ और सोफे पर बैठ गया। फिर में पानी लेकर आई तो तरुण ने मुझे आँख मारी और मैंने उस पर पानी गिरा दिया।

रवि : रंडी देखकर काम कर।

फिर मैंने पानी हटाने के बहाने उसके लंड पर अपना हाथ फैर दिया तो वो बहुत खुश हुआ और बोला कि मेरे कपड़े बदल दे रंडी कही की। फिर उसने मुझे अपने पास बैठाकर मेरी गांड पर अपना हाथ फैरते हुए कहा कि भैया आपने तो इसकी गांड को सुजा दिया है। आपके लंड से इसकी चूत का क्या हाल हुआ होगा? फिर में उसको किस करने लगी और अब वो मेरे बूब्स मसल रहा था। फिर तरुण ने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए और फिर मैंने उन तीनों मर्दो को नंगा कर दिया। अब में उन तीनों के लंड चूस रही थी, राज का लंड 8 इंच का था और मोटा कम था, तरुण का लंड एकदम बड़ा 9 इंच का था और 3 इंच मोटा था। अब में उसका लंड देखकर डर गयी थी, अब वो सब मेरे जिस्म के एक-एक अंग से खेल रहे थे,  अब में जोश में झड़ चुकी थी। फिर रवि ने राज से कहा कि आज इसको चोदकर इसका बैंड बजा दे।  फिर राज ने झट से अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और तीन ज़ोर के झटको में मेरी सील तोड़कर मेरी कमसिन जवानी को चमका दिया, अब में इतनी खुश थी कि उस दर्द को भी सह गई थी।

फिर 30 मिनट के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया और हट गया। फिर तरुण ने अपना फौलादी लंड मेरी चूत पर रखा और एक ही शॉट में मेरी चूत में डालकर मुझे किस करने लगा। अब मेरी चूत से पानी निकल गया था और अब वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था। फिर वो मुझे चोदते-चोदते मेरी चूत में ही झड़ गया। अब मेरी चूत भोसड़े में बदल रही थी, अब रवि अपना 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड मेरी चूत में आसानी से डाल रहा था और में तरुण का लंड चूस रही थी। तभी रवि रुका और मुझे अपनी गोद में बैठाया और अपनी तरफ करके मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। तभी राज अपना लंड मेरे मुँह में डालकर चोदने लगा और तरुण मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा, जिसमें एक लंड पहले से ही था। फिर रवि रुका और तरुण ने मेरी चूत की फाँको को फैलाया और अपना लंड पेलने लगा।  अब मेरी चूत में दो मोटे-मोटे लंड थे। अब राज अपना लंड मेरी गांड में डालकर चोद रहा था। अब में आसानी से तीन लंड ले रही थी, मेरी ऐसी चुदाई होगी मैंने कभी सोचा भी नहीं था ।।

धन्यवाद …

कामवाली नीतू की मस्त चुदाई

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Kaamwali Nitu Ki Mast Chudai : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 28 साल है, मेरी हाईट 6 फुट 1 इंच है और बॉडी सामान्य है। में हरियाणा से हूँ और मुझे दिन रात बस सेक्स ही दिखता है और सारा दिन घर पर भी छुप-छुपकर आस पड़ोस वाली आंटी, भाभी, और गर्ल्स को देखकर मुठ मारता रहता हूँ। मेरे मम्मी पापा दोनों जॉब करते है तो दिन में घर पर कोई नहीं होता है। ऐसे ही एक दिन में घर में फर्स्ट फ्लोर वाले ड्रॉइग रूम की विंडो से सामने वाली भाभी जो कि झाड़ू लगा रही थी, उनको देख-देखकर मुठ मार रहा था। फर्स्ट फ्लोर पर होने की वजह से उनके बूब्स मुझे बीच-बीच में बिल्कुल साफ़ साफ़ दिख जाते थे, तभी भाभी झाड़ू लगाकर अंदर चली गयी और मेरा लंड ऐसे ही तड़पता रह गया तो मैंने सोचा कि ब्लू फिल्म देखकर ही मुठ मार लेता हूँ।

फिर मैंने अपना लेपटॉप चालू किया और ब्लू फिल्म चला कर देखने लगा, में बिल्कुल हल्की-हल्की आवाज करके ब्लू फिल्म देख रहा था और में आप सबको बता दूँ कि मुझे ब्लू फिल्म बिना पुच-पुच आअहह ऊऊहह की आवाज के अच्छी नहीं लगती है। ऐसे ही थोड़ी देर फिल्म देखने के बाद जब मेरे लंड का पानी निकलने वाला था तो मैंने थोड़ी आवाज तेज कर रखी थी, तभी अचानक घर का दरवाजा किसी ने खटखटाया। फिर मैंने हड़बड़ी में ब्लू फिल्म का साउंड बंद किया और जल्दी से अपना अंडरवियर पहना और दरवाजे के पास जाकर पूछा कौन है? तो बाहर से हमारी कामवाली नीतू की आवाज़ आई। फिर मैंने दरवाजा खोल दिया और वो अंदर आई और बालकनी में झाड़ू लेने चली गयी, में चुपचाप आकर बेडरूम में बैठ गया।

फिर वो अंदर आई और सफाई करने लगी और बेडरूम साफ करके जब वो ड्रॉइग रूम में गयी तो शायद उसकी नज़र मेरे लेपटॉप पर पड़ गयी और उसने लेपटॉप की स्क्रीन को बंद कर दिया और सफाई करके चली गयी। उसके जाने के बाद मैंने दरवाजा अंदर से लॉक किया और फटाफट से लेपटॉप के पास आकर मुठ मारने की तैयारी करने लगा। फिर मैंने देखा कि लेपटॉप का बंद है तो मैंने भी यही सोचा कि नीतू ने कर दिया होगा। फिर मैंने लेपटॉप का फ्लेप वापस से उठाया तो में देखकर दंग रह गया, उसमें अभी भी ब्लू फिल्म चल रही थी, क्योंकि जब दरवाजा बजा तब हड़बड़ी की वजह से में ब्लू फिल्म को बंद करना भूल गया था और सिर्फ़ आवाज बंद करके दरवाजा खोलने चला गया था।

तब मेरे दिमाग़ में एक बात आई कि अगर नीतू (कामवाली) ने लेपटॉप का फ्लेप बंद किया है तो उसने ब्लू फिल्म भी ज़रूर देखी होगी। तब मेरे दिमाग में नीतू की चूत मारने का ख्याल आया। फिर अगले दिन जब वो आने वाली थी तो उससे पहले ही मैंने कुछ ब्लू फिल्म के पोस्टर अपनी टी.वी. ट्रॉली में डी.वी.डी. प्लेयर के ऊपर रख दिए। फिर वो आकर सफाई करने लगी तो मैंने उससे बोला कि नीतू आज़ टी.वी. ट्रॉली भी साफ कर देना। फिर वो जब टी.वी. ट्रॉली की सफाई करने लगी तो में लॉबी मे छुपकर उसे देखने लगा और जैसे ही उसने डी.वी.डी. प्लेयर के ऊपर से मैगज़ीन आदि उठाये तो उसे वो ब्लू फिल्म के पोस्टर दिख गए। तभी उसने झट से पीछे मुड़कर देखा कि कहीं में उसे देख तो नहीं रहा हूँ और में भी साईड में हो गया ताकि में उसे ना दिख सकूँ। फिर उसने बड़े ही ध्यान से पोस्टर पर नंगी फोटो देखी और एक हाथ से अपने बूब्स मसलने लगी।

फिर उसने थोड़ी देर तक देखने के बाद वो पोस्टर वहीं रख दिए और सफाई करके चली गयी। अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और जब वो अगले दिन आई और सफाई करके सीढ़ियों पर पोछा लगाने गयी तो में चुपचाप उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया। वो झुककर बाल्टी में पोछा धो रही थी, मेरा लंड बिल्कुल तना खड़ा था और उसके झुके होने की वजह से बिल्कुल उसकी चूत के पास ही था। वो जैसे ही सीधी खड़ी होने लगी तो उसकी गांड मेरा मतलब उसकी चूत मेरे खड़े लंड से टच हो गयी और वो कुछ देर तक जानबूझ कर ऐसे ही रही और फिर कुछ देर बाद अचानक पीछे मुड़ी। फिर मैंने बोला कि मुझे नीचे जाना है तो इसलिए में यहाँ आया हूँ तो उसने मुझे साईड दे दी। फिर में नीचे आया और सोचने लगा कि आज तो नीतू की चूत मारनी ही है। फिर में कुछ देर के बाद जब ऊपर जाने लगा तो वो बाल्टी और पोछा ऊपर रखकर वापस जा रही थी।

फिर मैंने थोड़ी हिम्मत की और उसे आवाज़ लगाई और बोला कि नीतू एक मिनट ऊपर आओ तो वो आई और बोली कि क्या हुआ साहब? फिर मैंने कहा कि मेरे बेडरूम में एक कॉर्नर में पोछा सही से नहीं लगा है तो वो गयी और पोछा लेकर आई और मुझसे बोली कि कहाँ पर साहब। तभी मैंने उसे ज़ोर से पकड़ लिया और उसे दिवार के सहारे लगाकर ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स दबाने लगा और वो छुड़ाने की कोशिश करने लगी और बोली कि साहब ये क्या कर रहे हो? मुझे जाने दो और ये कहकर वो अपने आपको मुझसे छुड़ाकर जाने लगी। फिर मैंने उसे बोला कि नीतू में इतने दिन से प्यासा हूँ क्या तुम मेरी इतनी हेल्प भी नहीं कर सकती? तो उसने मना कर दिया और जाने लगी। फिर मैंने उसे वापस बुलाया और बोला कि प्लीज़ मम्मी पापा को कुछ नहीं बताना, नहीं तो वो मुझे घर से निकाल देंगे। फिर वो बोली कि साहब में आपकी बहुत इज़्ज़त करती हूँ और आप चिंता मत करो, में किसी को कुछ नहीं बोलूंगी और वैसे भी आपने अब तक मेरे साथ कुछ ग़लत नहीं किया है। तभी में उसके सामने हाथ जोड़कर बोला कि नीतू प्लीज़ सिर्फ़ 5 मिनट रुक जाओ तो वो फिर से मना करने लगी।

(TBC)…..


मेरी क्लासमेट ज़ारा की चुदाई

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मैं एक कंपनी मे हू पर ये तब की बात है जॉब मैं फाइनल एअर का स्टूडेंट था, हमारी क्लास मे टोटल 66 स्टूडेंट्स थे जिनमे 22 गर्ल्स थी. उन्ही मे से एक थी ज़ारा, जब हमारी रिपोर्टिंग हुई तो उसे मैने पहली बार देखा त और सोचा था की इसे तो मैं आपनी गर्लफ्रेंड बनौँगा चाहे कुच्छ भी करना पड़े.

हमारी 1स्ट्रीट एअर की क्लासस स्टार्ट हुई,मैने 1स्ट्रीट दे से ही क्लास लेना स्टार्ट कर दिया थे क्योंकि मैं कोई चान्स नही लेना चाहता थे की कोई और ज़ारा पर दूरे डाले, वो 4 दिन बाद कॉलेज आई. कुछ दिन बाद रेजिंग के डॉरॅन मेरे एक सिनिओर ने मुझसे पूछ की मुझे क्लास मे सबसे ज़्यादा पसन कोन सी लड़की है तो मैने कहा की ज़ारा, बस मैने तो इतना ही कहा था और मेरे गाल पर एक जोरदार छाँटा पड़ा, बाद मे मुझे पता चला की वो उस सीनियर की कज़िन है. अब तो मेरा इरादा और पक्का हो गया क्योंकि मुझे उसकी वजह से छाँटा भी प़ड़ चुका था.

ज़ारा से मैं क्लास मैं थोड़ी बहुत बाते कराता था, हालाँकि मैं शुरू से ही को-एड स्कूल्स मैं पड़ा हू लेकिन कभी मैने लड़कियो को भाव नही दिया क्योंकि मैं क्लास का 2न्ड टॉपर था और लड़किया खुद ही मेरे पास आती थी. यहा की बात ही कुछ और थी, कॉलेज का 1 फ्रेंडशिप दे था सभी एक दूसरे को बंद बाँध रहे थे, मैं फ्रेंडशिप बंद लेकर ज़ारा के पास गया और उसे वो आक्सेप्ट करने के लिए कहा.

उसने मुझे देखा, उस बंद को देखा और कहा “हाउ डरे उ तो प्रपोज़ मे फॉर फ्रेंडशिप” क्या हो तुम. उसने सारी क्लास के सामने मुझसे ऐसा कहा, मुझे उस वक़्त इतना बुरा लगा की क्या बताउ, मेरी इतनी बेइज़्ज़ती कभी नही हुई थी. तब तक मैं सिर्फ़ ज़ारा से दोस्ती करना चाहता था, उसे चोदूगा या और कुछ ऐसी कोई चाहत नही थी मेरी लेकिन उस दिन मैने सोच लिया की इस दिन का बदला मैं ज़रूर लंग. उसके बाद मेरे कई अच्छे दोस्त बन गये, लड़किया भी थी क्योंकि मैं हमेशा पड़ाई मे और प्रॅक्टिकल्स मे सबकी मदद कराता था.

अब हम 2न्ड एअर मे आ गये, हमारे क्वालिटी ग्रूप बने तो उसमे ज़ारा भी थी, ई वाज़ थे मोस्ट इंटेलिजेंट स्टूडेंट ऑफ और ग्रूप, अब सबको मेरी हेल्प चाहिए होती थी, मैं सबकी हेल्प कराता था ख़ासकर प्रॅक्टिकल्स मे ज़ारा की भी कराता लेकिन उससे उस दिन के बाद कभी बात नही की थी, इस बार फ्रेंडशिप दे पर ज़ारा ने मुझे प्रपोज़ किया, लेकिन मैने उसे माना कर दिया, लेकिन मेरे क्वालिटी ग्रूप मेंबर्ज़ के कहने पर मैने बंद बँधवा लिया लेकिन बात तब भी नही की, वक़्त सारी बातो को भुला देता है, हम सभी सबकुछ भूल कर मस्ती और पड़ाई करने लगे अब ज़ारा मेरी गर्लफ्रेंड बन चुकी थी और सारा कॉलेज इस बात को जानता था. सेप. 20, 2003 मैने ज़ारा से मेरे साथ मेरे मामा की लड़की की शादी मैं चलने को कहा तो उसने हा कर दिया, बाकी फ्रेंड्स भी हमारे साथ थे, यहा एक बात बठाना चाहूँगा की हम दोनो ही हॉस्टिल मैं रहते थे,

26 सेप. को हम मेरे मामा जी के घर पर थे हम कॉलेज से 18 दिन की लीव लेकर आए थे, टीचर्स से कॉंटॅक्ट होने के कारण कोई परेसानी नही थी, शादी 29 सेप. की थी, मस्ती मैं शादी कंप्लीट हो गयी, उसके बाद मेरे सारे फ्रेंड्स आपने होमटाउन चले गये, ज़ारा ने भी कहा तो मैने उसे नही जाने दिया, उसे मैं आपने होमे टाउन के आया, मेरे सारे फॅमिली मेंबर्ज़ अभी मामा के यहा ही थे और अगले 5 दिन तक नही आने वाले थे, मैने पड़ोस की आंटी से के ली और सीधा सीधा बेड पर जाकर गिरा, ज़ारा ने हम दोनो के लिए चाय बनाई,मैने उसे सारा घर दिखाया और नहाने चला गया, ज़ारा कंप्यूटर पर सॉंग्स सुन रही थी. मैं बात लेकर बाहर आया तो देखा की ज़ारा का गोरा चेहरा एक दम लाल हो रा था और वो तेज तेज साँसे ले रही थी, जब मैने पूछा की क्या हुआ तो उसने कहा कुछ नही और तेज़ी से कपड़े लेकर बाथरूम चली गयी, मेरी समझ मे कुच्छ भी नही आया, उसने सॉंग्स बंद कर दिए थे,

मैने सोच की मैं सॉंग्स स्टार्ट कराता हू, जैसे ही मैने विंडोस मीडीया प्लेयर ओपन किया उसमे जो फाइल ऑलरीडी स्टोर थी वो प्ले हो गयी और उसे देखते ही मेरी समझ मे सबकुछ आ गया, आक्च्युयली तट कंप्यूटर इस फॉर माई यंगर ब्रदर, उस पर ब्लू फिल्म लोड थी, फिर मैने देखा तो वो सारी क्लीपिंग्स थी जो हॉलीवुड मूवीस मैं होती तो है लेकिन जब उन्हे एशिया मे रिलीस करते है तो हटा देते है, अब मुझे मज़ा आने लगा था और जूनियर पर हँसी भी आ रही थी लेकिन वो भी तो लड़का है, वो व्ह सोचता आयी, मैं उन्हे देखता रहा एक से एक क्लिप था, अचानक मुझे ध्यान आया की बहुत देर हो गयी लेकिन ज़ारा अभी था बात लेकर नही आई, मेरा लंड तो टाइट होना ही था वो था, आक्च्युयली अब मैं सोच रहा था क्यो नही ज़ारा को चोदा जाए, घर मे हम दोनो ही थे कोई ड्ऱ नही था, वो भी एग्ज़ाइटेड थी इधर मैं भी था. मैं चुपके से बहटरूम के पास गया लेकिन वाहा कोई साउंड नही था, एक बार सोचा की ज़ारा को आवाज़ डॉन, लेकिन मैने धीरे से दरवाज़े पर हाथ रखा तो वो खुल गया यानी अंदर से लॉक नही था,

मैने देखा ज़ारा आपने पर फेलकर बैठी है और आपनी चुत को रग़ाद रही है,मेरा लंड पहले से ही टाइट था इस सीन को देखकर तो वो हाफ पेंट से बाहर आने को तड़पने लगा, मैने कुछ भी नही सोचा और सारे कपड़े बाहर ही उतारकर एकदम से अंदर गया, ज़ारा मुझे देखार एक दम चोणकी लेकिन मुझे भी नंगा देखकर उसने आपना मूह दूसरी तरफ कर किया, ई साइड: क्या हुआ मेरी जान तुम भी नंगे हम भी नंगे तो शर्म कैसी, ज़ारा: बदमाश बाहर जाओ, ई साइड: नही ज़ाऊगा मैं तो तुम्हे प्यार करूँगा बोलो क्या करोगी, ज़ारा: तो मैं भी तुम्हे प्यार करूँगी मैने उसे आपने सिने से लगा लिया और उसे गले एप्र किस करने लगा. ज़ारा: प्ल्ज़ मुझे और मत तड़पाव, इतनी देर से तो तुम्हारा इंतेज़ार कर रही हूँ, मैं उसके लिप्स को किस करने लगा और उसकी चुत पर आपना हाथ फिरने लगा, वो पूरी तरह एग्ज़ाइटेड थी. उसने आपने हाथ जोड़कर कहा प्ल्ज़ मुझे और मत तड़पाव, अगली बार जब करो तो चाहो जैसे करना पर इस बार मेरी चुत मे आपना लंड डाल कर इसकी खुजली मिटा दो वरना मैं पागल हो जौंगी.

ठीक है मैने कहा और उसे बाथरूम के गीले फर्श पर लिटा दिया,उसकी चुत पर छोटे बाल उगे हुए थे लग रहा था की उसने कुछ दिल पहले ही शेविंग की है, मैने आपने लंड को पकड़ा और उसकी चुत पर टीका दिया,और हल्का सा आयेज दबाया लेकिन मेरा लंड फिसल कर नीचे चला गया, पफिर मैने कुछ सोचा और वाहा न्यू एअर पॉंड्स करीम लाया और उसे आपनी फिंगर पर लेकर उसकी चुत मे लगाया और थोड़ी आपने लड़ पर भी लगाई, मैने उसकी दोनो पर आपने कंधो पर रख लिए, उसने आपने दोनो हॅंड्ज़ से आपने चुत के मुहाने को .और वाइड करने की कोशिस की, एक बार फिर मैने आपना लंड ज़ारा की चुत पर टीक्या और कहा डालो क्या, उसने कहा हाँ तो मैने एकदम ज़ोर से शॉट मारा और ऑलमोस्ट 1.5 इंच लंड घुसा लेकिन वो एक दम से चिल्लाने लगी ओह मम्मी मार गयी..प्ल्ज़ ज़ैन निकालइसे बाहर वरना मार जौंगी मैं..प्ल्ज़ मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हू निकालो इसे…मुझे नही चुदयाना,

उसकी आँखो मैं आँसू आ गये, मैने सोच की अगर इस बार निकल लिया तो ये दुबारा डालने ही नही देगी, इसलये मैने कहा ठीक है निकलता हू, और उसके बूब्स को दबाने लगा और उसके लिप्स को किस करने लगा. आफ्टर ऑलमोस्ट 2 मीं. ज़ारा थोड़ी रिलॅक्स हुई तो मैने लंड को थोड़ा हिलाया लेकिन वो . माना करने लगी मैने कहा अरे मैं डाल नही रहा निकल रहा हू, जैसे ही उसने आपनी बॉडी को रिलॅक्स किया मैने एकदम जोरदार शॉट मारा और मोरे तन वन थर्ड लंड अंदर चला गया. आआहह….मार डाला मुझे….ओह मम्मी….मैने तुम्हे माना किया था ना मत डालना….लेकिन तुम नही माने ….बहुत दर्द हो रहा है…..मैं मार जौंगी……ओह मा मार डाला इसने मुझ……… ऐसे चिल्लाने लगी और रोने लगी तो मैने सोचा की शायद बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है और मैने आपना लंड बाहर निकाला इसके लिए भी मुझे ज़ोर लगाना पड़ा था, जैसे ही मेरा लंड बाहर आया उसे देखार मेरी तो जान ही निकल गयी क्यॉंके मेरा पूरा लंड खून से भरा हुआ था और ज़ारा की चुत से भी खून . रहा था,

उसे देखते ही,…..ओह माई गोद तुमने मेरी चुत फाड़ दी…देखो कितना ब्लड आ रहा है…..आअहह…..ऊऊहह….ओह मम्मी. और फिर रोने लगी, मैने फिर से उसके लिप्स चूसना और बूब्स दबाना स्टार्ट किया इस बार उसने मुझे आपना लंड दुबारा नही डालने दिया लगभग 15-20 मीं. बाद वो रिलॅक्स हुई तो मैने लंड फिर घुसना चाहा तो उसने कहा ज़ारा: नही मुझे नही चुदयाना मेरी जान निकल दी तुमने ई साइड: पहले तो बोल रही थी चोदा वरना मैं मार जौंगी, पागल हो जौंगी, ज़ारा: मुझे क्या पता था की इतना दर्द होता है ई साइड: ओक अब मैं धीरे से घुसौंगा और दर्द भी नही होगा, अगर हुआ तो स्टार्ट मे थोड़ा सा होगा फिर तुम्हे जन्नत का मज़्ज़ा आएगा, जैसे तैसे मैने उसे मनाया और सोच लिया इस बार नही मानूँगा, मैने दुबारा करीम लगाई और लंड को ज़ारा की ब्लड से भारी चुत पर रखा और आपने पूरे दूं से धक्का मारा,…

ज़ारा की आँखे बाहर होने को आई वो ऐसे तड़पने लगी जैसे फिश को पानी से बाहर नकालने पर वो तड़पाती है, उसने छूटने की बहुत कोशिस की लेकिन मैने उसे जाने नही दिया और उसके लिप्स पर आपने लिप्स रखकर स्ट्रोक लगाने लगा, वो रोने लगी लेकिन मैं नही माना 3-4 मीं बाद वो रिलॅक्स लगने लगी तो मैने आपने लिप्स उसके लिप्स से हटाए लगता है आज मुझे मारकर ही मनोगे……तुम सेक्स कर रहे हो या रेप कर रहे हो….हटो वरना मैं चिल्लौंगी.लेकिन मैने कुछ नही कहा और स्ट्रोख्क्स लगाना जारी रखा , थोड़ी देर बाद ज़ारा को भी मज़ा आने लगा था….और अंदर डालो…मेरी चुत के टुकड़े कर दो…..ओह मेरे राजा, मुझे क्या पता था चुदाई मैं इतना मज़ा आता है….और ज़ोर से ..मेरी चुत को भोसड़ी बना डालो….चोदो मुझे..और ज़ोर से धक्का मरो इस तरह से वो चिल्लाने लगी, घर मे कोई नही था इसलिए हमे किसी तरह की कोई प्रेशानि नही थी.

अचानक ज़ारा बोली अब मैं चोदूँगी तुम्हे और वो मुझे नीचे लिटा कर खुद मेरे उपर आ गये और ज़ोर ज़ोर से शॉट लगाने लगी, वो उपर से शॉट लगा रही थी और मैं नीचे से ऐसा लग रहा था जैसे कोई कोम्पतेटिओं चल रहा है ..ओह मेरे राजा मेरे ज़ैन….ऐसा लग रहा है जैसे मैं हेवेन मे हू…चोदो मुझे… वह मेरे राजा आज मेरी चुत को फाड़ ही डालो…. सडन्ली ई फील ई आन कमिंग. मैने ज़ारा को नीचे पटका और तूफ़ानी रफ़्तार से शॉट मरने लगा. सडन्ली ज़ारा एकदम मुझसे चिपक गयी मैं समझ गया की ऐसा क्यो हुआ है, एक दो शॉट के बाद मैं भी खल्लास हो गया. हम दोनो वही फर्श पर लेते रहे….. शाम हो चुकू थी इसलिए हम रात का प्रोग्राम सेट करने लगे.. रात को मैने ज़ारा की गांड भी मारी……

मौसी की आग बुझाई

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Mausi Ki Aag Bujhai :

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरा घर भुवनेश्वर का नयापल्ली में है और इस स्टोरी की हिरोइन मेरी मौसी है। मेरी उम्र 31 साल है और में शादीशुदा हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच और स्लिम फिट बॉडी है, मेरे लंड का साईज़ 5 इंच लम्बा है। ये बात 8 नवम्बर 2015 की है, जब में अपने घर में अकेला था और बोर हो रहा था तो मैंने सोचा कि कुछ घर की सफाई कर ली जाए तो में घर की सफाई कर रहा था क्योंकि दीवाली जो आने वाली थी।

तभी मेरी मौसी मेरे घर आई तो मैंने जैसे ही उन्हें देखा तो बस देखता ही रह गया। उसने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी, उस पर उसका गोरा चिट्ठा सा रंग निखर रहा था। फिर मैंने उनसे कहा कि आइए  आपका स्वागत है, तो वो अंदर आ गई और सोफे पर बैठ गई। अब में आपको थोड़ा मौसी के बारे में बता दूँ, उनका जून 2013 में तलाक हो चुका है और उनके एक 10 साल का लड़का भी है, लेकिन क्या बताऊँ? वो आज भी क़यामत है। जब वो चलती है तो उनकी गांड में अजीब सी लचक आती है और फिगर साईज तो मानो 36-30-34 है। फिर उसने पूछा कि घर पर कोई नहीं है क्या? तो मैंने कहा कि सब बाज़ार गये हुए है, थोड़ी देर में आ जाएगें। अब में सफाई कर रहा था तो में थोड़ा ऊपर था और वो मेरे ठीक नीचे आकर बैठ गई, जिससे मुझे उसकी दूध भरी चूची की गहराई साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी।

फिर मैंने जानबूझ कर रंग की कुछ बूंदे उनके स्तन पर गिरा दी, ताकि वो जाकर कपड़े साफ करे और मुझे उनकी चूची देखने को मिले। फिर वो थोड़ा सा चिल्लाते हुए बोली कि क्या करता है? थोड़ा देखकर रंग लगा तो मैंने उनसे कहा कि आप बैठे ही ऐसी जगह पर है जहाँ पर रंग तो गिरेगा ही, वैसे आपको एक बात बताऊँ ये रंग गिरने से आप बहुत सुंदर दिख रही हो। तो उसने हट कहा और हँसते हुए बाथरूम की और जाने लगी। फिर वो थोड़ी देर में वापस आई। अब उसने अपनी ड्रेस भी चेंज कर ली थी और कहने लगी कि लाओ में भी तुम्हारा हाथ बटा दूँ। फिर मैंने कहा कि रहने दीजिए, लेकिन वो जिद करने लगी और मैंने उनसे कहा कि जैसी आपकी मर्ज़ी। अब वो भी काम कर रही थी, फिर लगभग 1 घंटे के बाद वो थक गई तो वो आराम करने के लिए बेड पर चली गई। फिर मैंने भी आराम करने के लिए काम करना छोड़ दिया। फिर मैंने मौसी से कहा कि चाय पीओगी, तो वो बोली कि ठीक है। फिर मैंने जल्दी ही चाय बना दी, अब जब वो चाय पी रही थी तो उनका आँचल बार-बार नीचे गिर रहा था।

फिर मैंने कहा कि आँचल तो ठीक रखो, तो वो उठकर ठीक करने लगी, लेकिन उनका पल्लू नीचे गिर गया और मेरे मुँह से अचानक निकल गया कि क्या चूची है? तो वो हट कहते हुए कहने लगी कि हाँ तेरे मौसा जी भी ऐसे ही कहते थे, लेकिन अब तो बस। फिर मैंने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि क्या अब आपको उनकी याद नहीं आती? तो वो मुझसे लिपट गई, जिससे उनका स्तन मेरे सीने में रगड़ रहा था। फिर मैंने भी उन्हें अपनी बाँहो में ले लिया और उनके गले पर किस कर दिया। अब वो भी अपने आपको फ्री करते हुए मुझे किस करने लगी थी। फिर मैंने कहा कि मौसी क्या आपको मौसा जी के बिना रात अच्छी लगती है? तो वो नहीं का जवाब देते हुए कहने लगी कि आज तूने एक औरत को जगाया है। तो मैंने उन्हें अपनी बाँहो में उठाकर बेड पर प्यार से रखा और कहा कि क्या आपको अपनी इच्छा का कोई ख्याल नहीं है? तो वो बस रोने लगी।

फिर मैंने उन्हें शांत किया और धीरे से उनकी टांगो को सहलाना शुरू कर दिया और उनकी साड़ी को ऊपर करने लगा। अब वो भी कुछ समझ गई थी कि लड़का बड़ा हो गया है और औरत मर्द के रिश्ते को समझता है, तो वो कुछ नहीं बोली और फिर मेरे हौसले बढ़ते गये। फिर मैंने धीरे-धीरे उनकी पूरी साड़ी उतार दी, फिर मैंने उनकी चूची को मसलते हुए उनका ब्लाउज भी उतार दिया। अब उनकी चूची देखकर तो में किस करने लगा, अब उनका निप्पल सख्त हो गया था। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अब में उनकी पेंटी को उतारने लगा था और वो गर्म होने लगी और मैंने धीरे से अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया। अब मेरा लंड तो खड़ा हो गया था, अब मौसी ने मेरे लंड को पकड़ लिया था। फिर मैंने उनकी दोनों टांगो को फैलाते हुए अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया और चाटने लगा। अब उनकी चूत पर मेरी जीभ लगते ही वो पागल सी हो उठी और कहने लगी कि आईईइ प्लीज़ और ज़ोर से किस कर। अब में अपने एक हाथ से उनकी चूची मसल रहा था और अपनी जीभ से उनकी चूत को चाट रहा था।

फिर लगभग 5 मिनट के बाद मैंने उनकी दोनों टांगो को अपने कंधे पर रख लिया। अब मेरे लंड को देखकर मौसी ने कहा कि इतना तो तेरे मौसा का भी नहीं था, अब मत रुक, प्लीज़ मुझे कुछ कर। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के ऊपर रखा और एक हल्का सा धक्का दिया तो मेरा सुपाड़ा उनकी चूत में घुस गया और उसके मुँह से आआहाआ असशह अशसस्स्स्स की आवाज़ आने लगी, क्योंकि उनकी चुदाई पिछले 2 सालों से नहीं हुई थी और उनकी चूत थोड़ी टाईट हो गई थी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, फिर मैंने अपना लंड बाहर निकालकर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा आधा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया और फिर हम दोनों मस्ती में डूब गये। फिर वो उनके हाथ से मेरे कूल्हों को पकड़कर अपनी और खींचने लगी और मेरा लंड पूरा ही उनकी चूत में घुस गया।

अब पूरे कमरे में पच-पच की आवाजे आने लगी थी और अब हम दोनों पूरी मस्ती में आ गये थे। अब मुझे ज़ोर से चोद, आज में बड़े दिनों के बाद चुदी हूँ ऐसी आवाजे आने लगी थी। फिर थोड़ी देर के बाद में झड़ने वाला था, लेकिन मौसी अभी झड़ने वाली नहीं थी तो में उनकी चुदाई रोककर उन्हें किस करने लगा और फिर उनका पानी आने को हो गया। फिर मैंने एक बार में जोरदार धक्का मारकर अपना लंड उनकी चूत में अंदर डाल दिया। अब पच-पच की आवाज के साथ में भी झड़ने वाला था तो मैंने पूछा कि क्या आपका पीरियड टाईम ख़त्म हो गया है? तो वो बोली कि नहीं। फिर मैंने कहा कि अंदर गिरा दूँ तो उन्होंने कहा कि गिरा दे और मैंने पूरे जोश में पच-पच की आवाज के साथ उनकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया। अब हम दोनों बहुत मज़े ले रहे थे, फिर में उनके ही ऊपर ही लेट गया और उन्हें किस पे किस करता रहा। फिर मौसी ने कहा कि सचमुच तुम बहुत अच्छा चोदते हो और में तुझसे चुदकर धन्य हो गई ।।

धन्यवाद …

शादी में आंटी की सहेली की चुदाई

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Shaadi Mein Aunty Ki Saheli Ki Chudai : हैल्लो दोस्तों, में साहिल मालगावं से हूँ और मेरी इस साईट पर ये दूसरी घटना है जो में आप सबको बताने जा रहा हूँ। पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ कि मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है और में 25 साल का हूँ और मेरा लंड 6 इंच का है और में चुदाई करने में बहुत एक्सपर्ट हूँ। अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ, ये बात आज से कुछ महीनों पहले की है। एक दिन मेरी आंटी ने मुझे शाम को कॉल किया और बोला कि उनकी बेस्ट फ्रेंड की बेटी की शादी है और आज मेहन्दी की रस्म है और तुम्हारे अंकल आज बाहर जा रहे है, क्या तुम मेरे साथ चलोगे प्लीज? क्योंकि शादी में जाने के लिए कोई और नहीं है। फिर में तैयार हो गया और शाम को अपनी बाईक पर आंटी के घर पहुँच गया और आंटी को लेकर निकल पड़ा और कुछ देर के बाद हम वहाँ पहुँच गये।

अब वहाँ पहुँचने पर आंटी की बेस्ट फ्रेंड ने हमारा स्वागत किया और उनके साथ एक आंटी और थी जो बहुत टाईट कपड़ों में अपने बूब्स को टाईट करके हमसे मिली। उसके बहुत बड़े-बड़े बूब्स थे और जब वो पलटी तो उनकी गांड बाप रे बाप, बहुत ही मस्त थी। उनकी गांड बहुत ज़्यादा बाहर निकली थी। फिर मैंने आंटी से पूछा कि ये कौन है? तो वो बोली ये सपना है। अब में बार-बार उनको ही देख रहा था और वो भी मुझे नोटीस कर चुकी थी। फिर वो मेरे पास आई और हम नॉर्मल बातें करने लगे, अब जब हम बातें कर रहे थे कि तभी में उनके बड़े-बड़े बूब्स को ही देख रहा था। फिर हमें आंटी ने आवाज़ देकर बुलाया, क्योंकि दुल्हन की मेहन्दी दिखाई जा रही थी और सब एक के पीछे एक खड़े हो कर देख रहे थे।

अब में सपना आंटी के पीछे खड़ा था और अब मेरा दिल उनकी बाहर निकली हुई गांड देखकर मचलने लगा तो मैंने सोचा क्यों ना एक चान्स मारा जाए? फिर मैंने अपना लंड जो कि आधा खड़ा था वो आंटी की गांड पर टच कर दिया और वो झट से पीछे पलट कर देखने लगी, तो में डर गया, लेकिन आंटी ने एक नॉटी स्माइल देकर फिर आगे देखने लगी। अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चुका था। अब में और आगे होकर लंड को गांड पर महसूस करने लगा और वो भी अपनी गांड पीछे करके लंड को दबाने लगी। फिर मैंने इधर उधर देखा तो अब हमें कोई नहीं देख रहा था और फिर में अपना एक हाथ आंटी की गांड पर रखकर आगे झुककर देखने लगा और फिर धीरे-धीरे गांड को सहलाने लगा। फिर सब वहाँ से हटने लगे और में थोड़ा दूर हटकर खड़ा हो गया। फिर आंटी मेरे पास आई और मुस्कुराते हुए बोली कि मज़ा आया तो में बोला कि अभी कहाँ मज़ा आया? तो वो बोली जब रात में सब सो जायेंगे तो पीछे स्टोर रूम में आ जाना। अब में बहुत खुश हो गया और सबके सोने का इंतजार करने लगा।

फिर रात के 2 बजे में छुपते हुए स्टोर रूम में गया और कोई आधे घंटे के बाद सपना आंटी भी अंदर आई, आंटी लाल नाइटी पहने थी और वो बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने झट से आंटी को हग कर लिया और अपने होंठ उनके होठों पर रखकर फ़्रेच किस करने लगा और एक हाथ से बूब्स और दूसरे हाथ से उनकी गांड दबाने लगा। अब वो भी सिसकारी निकालने लगी ओह्ह्ह साहिल कम ऑन, तो में भी जोश में आ गया। अब मैंने आंटी के मुँह में अपनी जीभ डाल दी तो अब आंटी मेरी जीभ आइसक्रीम की तरह चूसने लगी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने उनकी नाईटी उतार दी। वो ब्लेक ब्रा और ब्लेक पेंटी में थी। अब में ब्रा के ऊपर से ही उनके बड़े-बड़े बूब्स दबाने लगा और अब वो मेरा लंड पेंट से बाहर निकालकर सहलाने लगी। फिर मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी और ज़मीन पर लेटाकर बूब्स के एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। अब वो मेरा सिर अपने बूब्स पर दबाने लगी थी।

फिर मैंने उनके दोनों बूब्स को चूस-चूस कर निचोड़ डाला और अब में किस करते हुए नीचे सरकने लगा तो अब वो मौन कर रही थी। फिर में उनकी पेंटी के ऊपर से ही किस करने लगा। अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी और उन्होंने मुझे उठाकर एक जोरदार किस करते हुए मेरे पूरे कपड़े निकाल दिए और नीचे बैठकर मेरा लंड चूसने लगी। अब मेरे मुँह से सिसकारी निकल रही थी। अब मेरा लंड एकदम कड़क हो चुका था और वो मेरे लंड के आगे वाले हिस्से पर अपनी जीभ बहुत मस्त तरीके से घुमा रही थी। फिर आंटी बोली कि अब मुझे चोदो प्लीज। फिर मैंने उन्हे डॉगी पोजिशन में किया और पीछे से लंड एक बार ही में पूरा डाल दिया। फिर वो बोली कि आराम से करो, अब में उन्हें तेज़-तेज़ चोदने लगा और दोनों हाथों से बूब्स भी दबा रहा था। अब वो भी अपनी गांड आगे पीछे करके चुदवा रही थी। अब मुझे वो बहुत ही अनुभव वाली लग रही थी, क्योंकि वो मेरे लंड को बहुत अंदर तक ले रही थी। अब उन्होंने मुझे नीचे लेटाकर मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया और दोनों हाथ मेरे पैरों पर रखकर बहुत स्पीड में अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुद रही थी, अब में बहुत मज़ा ले रहा था।

फिर मैंने उन्हें खड़ा करके दीवार के सहारे चिपका कर उनका एक पैर हाथ में पकड़ कर अपना लंड चूत में डाल दिया और चोदने लगा। अब वो बस याहह एस्स एस्स बोले जा रही थी और हम दोनों पसीना- पसीना हो चुके थे। अब वो बार-बार मेरे लंड को बाहर निकालती और फिर दोबारा चूत में डालती जिससे मुझे और भी मज़ा आ रहा था। अब मैंने उनको ज़मीन पर लेटाकर उनके दोनों पैरो को अपने कंधो पर रखकर चोदने लगा और अपने हाथ से बूब्स को निचोड़ भी रहा था। अब उनकी चूत पूरी गीली होकर बहने लगी थी, शायद वो दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन अभी भी मज़े से चुदवा रही थी। अब मेरा लंड भी हार नहीं मान रहा था और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था।

फिर आंटी मुझे नीचे करके मेरे लंड पर सवार हो गई, तो अब में उनके बूब्स मुँह लेकर चूस भी रहा था।  अब वो ऊपर से और में नीचे से धक्के लगा रहा था और फिर मेरा पानी उनकी चूत में ही निकल गया और वो भी मेरे साथ में ही झड़ गई और झट से मेरा लंड मुँह में लेकर चाटने लगी। अब वो मेरा पानी ऐसे चाट रही थी, जैसे उनको शहद का मज़ा मिल रहा हो और चाट-चाटकर मेरा पूरा लंड चिकना कर दिया। फिर मुझे किस करके बोली कि तूने तो आज बहुत मज़ा दे दिया साहिल। फिर में बोला कि मज़ा तो आपने मुझे दिया थैंक यू। उसके बाद हम अपनी-अपनी जगह पर जा कर सो गये ।।

धन्यवाद …

देवर से चुदवाया खुश होकर

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Devar Se Chudwaya Khush Hokar : हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम नीलू है और में गोरखपुर की रहने वाली हूँ। दोस्तों में पहली बार इस साईट पर कुछ लिख रही हूँ.. मैंने इस पर बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है.. जो मुझे बहुत अच्छी लगी और जिन्हें पढ़कर मुझे यह कहानी लिखने की इच्छा हुई और आज में जो कहानी बताने जा रही हूँ.. वो मेरे जीवन मैं घटी हुई एक सच्ची घटना है। जिसे कुछ लोग शायद झूठ समझ लेंगे या कुछ लोग समझ लेंगे कि कॉपी की हुई है.. लेकिन मुझे इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप क्या सोचते हैं। बस में लिख रही हूँ और मुझसे इसमें कोई गलती हो तो मुझे माफ़ करना। दोस्तों मेरे देवर ने ज़रूर मेरी कई बार चुदाई कर डाली.. लेकिन वो मेरे घर की बात है। मेरी उम्र 27 साल है और में एक सामान्य फिगर की औरत हूँ। मेरी चूचियाँ बहुत बड़ी तो नहीं.. लेकिन हाँ इतनी मस्त तो ज़रूर है कि मेरे देवर उन्हे मसलकर खुश हो जाते है और वो ऐसे ही उन्हे मसलने की कोशिश में रहते है। मेरे देवर की उम्र 25 साल है और वो देवरिया में रहता है।

फिर वो जब भी मेरे घर पर आता है.. तो बस मेरे साथ छेड़खानी करता रहता है। मेरे देवर के साथ मेरी चुदाई की घटना उस वक़्त हुई.. जब में एक शादी में शामिल होने देवरिया गयी हुई थी। फिर शादी के दो दिनों के बाद ही मेरे पति वापस हमारे घर पर लौट गये और में वहीं पर कुछ दिनों के लिए रुक गयी। तभी अचानक एक दिन मेरे सास, ससुर को एक रिश्तेदार के यहाँ पर किसी जरूरी काम से जाना पड़ा और फिर उसी शाम को उन्होंने फोन करके कह दिया कि वो आज रात नहीं आएँगे। उस दिन हम सभी (मेरा मतलब है में, मेरे देवर और उनकी पत्नी) एक ही कमरे में सोए हुए थे।

फिर एक पलंग पर मेरी देवरानी उनकी बेटी और एक पलंग पर में और दूसरे पलंग पर देवर जी.. ऐसे हम सभी सो रहे थे कि अचानक मुझे मेरे पैरों पर कुछ हरकत सी महसूस हुई और फिर जब मैंने आँखें खोली तो पूरा अंधेरा था.. क्योंकि देवर जी ने सारी लाईटे बंद कर दी थी.. तो मुझे कुछ भी नहीं दिख रहा था। बस मेरे पैरों पर कुछ हरकत महसूस हो रही थी और में समझ गयी कि यह ज़रूर देवर जी ही होंगे और वो धीरे धीरे मेरी साड़ी को ऊपर की तरफ उठा रहे थे.. तो मैं उनके हाथों को छुड़ाने के लिए ताक़त लगा रही थी.. लेकिन वो छोड़ना ही नहीं चाह रहे थे और में चीख भी नहीं पा रही थी.. क्योंकि मुझे अपनी देवरानी के उठ जाने का डर था.. लेकिन वो उठ जाती तो देवर जी के साथ में भी बदनाम हो जाती।

में बस किसी तरह अपने पैरों को छुड़ा लेना चाहती थी.. लेकिन वो पूरी ताक़त से मेरी साड़ी को ऊपर की तरफ सरकाए जा रहे थे और उनका एक हाथ धीरे धीरे मेरी जांघों तक पहुँच गया और वो मेरी जांघों को हल्के हल्के दबाने लगे। मुझे भी अब मज़ा तो आ रहा था.. लेकिन बहुत डर भी लग रहा था। फिर उनका एक हाथ मेरी जांघों को सहला रहा था और दूसरे हाथ को उन्होंने मेरे पेट पर रख दिया और सहलाने लगे और धीरे धीरे अपना हाथ मेरे बूब्स की तरफ बढ़ाने लगे। तो मैंने उनका हाथ पकड़ा तो भी उनका हाथ मेरी चूचियों तक पहुँच ही गया और अब धीरे धीरे वो मेरी चूचियों को सहलाने लगे.. लेकिन में डर से कांप रही थी कि तभी देवरानी ने करवट बदली तो मेरे देवर जी हड़बड़ा कर वहाँ से उठकर अपने पलंग पर चले गए और मैंने तब चैन की सांस ली।

मेरी धड़कने बहुत तेज हो गयी थी और फिर मैंने तुरंत अपने बेटे को अपने सामने की तरफ सुला दिया और में खुद दीवार की तरफ जाकर सो गयी.. लेकिन कुछ देर बाद मेरा देवर फिर से आया और उसने मेरे बेटे को उठाकर अपने पलंग पर सुला दिया और खुद मेरे पलंग पर आकर लेट गया। फिर में डरते हुए फुसफुसाकर उनके कान में बोली कि प्लीज़ ऐसा मत करो मुझे बहुत डर लग रहा है.. लेकिन उसने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया और मेरी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा। फिर उसने मेरे ब्लाउज के हुक को खोल दिया.. लेकिन में चीख भी नहीं पा रही थी और ना ही खुलकर मज़े ले पा रही थी। मेरे ब्लाउज के हुक खुलते ही मेरी दोनों नंगी चूचियों को उसने बड़े प्यार से मसलना शुरू कर दिया। फिर धीरे धीरे उसका हाथ मेरे पेट से होते हुए मेरे पैरों तक गया और मेरी साड़ी को ऊपर खींचने लगा और में उसे रोक नहीं पा रही थी। फिर उसने मेरी साड़ी को मेरे पेट तक उठा दिया और मैंने उसके हाथों का एहसास अपनी चूत पर किया..

में कभी भी पेंटी नहीं पहनती हूँ और इसलिए उसे बड़ी आसानी से मेरी नंगी चूत हाथ लग गयी और वो धीरे धीरे मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरी चूत तो पहले ही पानी पानी हो गयी थी और उसके हाथ लगते ही फूलकर रोटी बन गयी थी और फिर उसने मेरी चूत को सहलाते सहलाते अचानक अपनी दो उंगली मेरी चूत में डाल दी.. तो मेरे मुहं से अब सिसकियाँ निकलने लगी थी.. लेकिन में उन्हे दबाने की पूरी कोशिश कर रही थी.. लेकिन मेरी सिसकियाँ रुक नहीं पा रही थी। फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चूचियों को मसलने में लगाया हुआ था और दूसरे को मेरी चूत पर रखकर मेरी चूत को सहला रहा था। तभी अचानक उसने अपना मुहं मेरे चूचियों पर लगा दिया और मेरी चूचियों को चूसने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे उस मज़े में एक डर भी था।

फिर मेरा देवर अंधेरे में ही मेरी दोनों चूचियों को चूस रहा था और मेरी चूत से खेल रहा था। तभी अचानक मैंने महसूस किया कि उसने अपनी पेंट उतार दी है और उसके लंड का एहसास मुझे अपनी चूत के पास हो रहा था। उसने अपने दोनों हाथों को मेरी पैरों के पास ले जाकर मेरे पैरों को सहलाते हुए फैला दिया और अपना लंड मेरी चूत में मुहं पर सटा दिया और में बहुत डर रही थी कि अब में अपनी चीख को कैसे रोकूँ.. लेकिन देवर पूरा पक्का खिलाड़ी था और वो धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर धीरे धीरे देवर जी ने लगातार चोदना जारी रखा और में बहुत खुश हो रही थी और मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया था। फिर वो धीरे धीरे करीब 30 मिनट तक मुझे लगातार चोदता रहा और में इन 30 मिनट में दो बार झड़ चुकी थी। तभी अचानक उसने मुझे बहुत मजबूती से पकड़ लिया और उसका शरीर मुझे ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा और उसने अपना सारा माल मेरी चूत में ही डाल दिया और मेरे ऊपर निढाल होकर सो गया और कुछ देर बाद मैंने उसे उठाया और कहा कि अपने बिस्तर पर जाओ।

तो वो चुपचाप उठकर अपने बिस्तर पर गया और मेरे बेटे को मेरे पास सुलाकर खुद अपने बिस्तर पर जाकर लेट गया और मुझे उसकी इस चुदाई से बहुत मज़ा मिला था.. लेकिन ज्यादा अंधेरा होने के कारण और देवरानी के भी पास में रहने के कारण जो मज़ा मुझे मिलना चाहिए था वो नहीं मिल पाया और में उससे दोबारा चुदवाना चाहती थी.. लेकिन मुझे सही मौका नहीं मिल रहा था। फिर दूसरे दिन मेरे सास, ससुर भी आ गये और फिर तो मौके का कोई सवाल ही नहीं उठता था। फिर दूसरे दिन मैंने देवर जी से पूछा कि तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? तो उसने कहा कि में उसे बहुत अच्छी लगती हूँ और वो मुझसे बहुत प्यार भी करता है। तो मैंने भी उससे कहा कि तुमने जो सुख मुझे दिया उसके बाद से तो में भी तुम्हे प्यार करने लगी हूँ।

फिर कुछ दिनों के बाद में वापस गोरखपुर आ गयी.. लेकिन अब में रोज अपने देवर से मोबाईल पर बातें करने लगी और एक दिन देवर जी खुद गोरखपुर आ गया। दिन में घर के और भी लोग साथ में सोते थे.. तो में उनसे दूर ही रहती थी.. क्योंकि वो मेरे पीछे ही पड़ा रहता था और रात में मेरे पति.. लेकिन मेरे पति के रहने के बावजूद उसने मुझे फिर से कई बार चोदा और मैंने भी उसे प्यार से चोदने दिया और अब तो वो जब भी गोरखपुर आता है तो वो मेरी जमकर चुदाई करता है और में भी उससे बड़े प्यार से चुदवाती हूँ। दोस्तों सच में मुझे उसकी चुदाई में बहुत मज़ा आता है.. क्योंकि वो मेरे पति से बहुत ज्यादा जमकर मेरी चुदाई करता है और मेरी चूत की आग को ठंडा कर देता है.. क्योंकि मेरे पति का लंड उसके लंड से थोड़ा छोटा और पतला है और में उसकी इस चुदाई से बहुत खुश हूँ ।।

पापा ने मुझे कही का नहीं छोड़ा

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Papa Ne Mujhe Kahi Ka Nahi Choda : हेलो मेरा नाम रूपा है और मेरी ऐज २१ इयर्स है. मेरी फिगर ३६सी – २८ – ३५ है और मैं अभी अनमैरिड हु. मैं आज आपको अपनी फर्स्ट सेक्स की स्टोरी बताने जा रही हु. मैं एक फ्लैट में रहती हु. जिसमे ४ बेडरूम और १ ड्राइंगरूम है. १ रूम मेरा है और १ मेरे भाई का और १ मदर – फादर का है और एक गेस्ट रूम है. जब मैं ११थ स्टैण्डर्ड में थी, तब से मैं पोर्न मूवी देखती थी और पोर्न मूवी देखते हुए मास्टरबेट भी करती थी.

मैं कई बार अपनी चूत में ऊँगली डाल कर झडती थी और कभी गाजर, ककड़ी और मुली या बेलन डाल कर अपनी वासना को शांत करती थी. लेकिन इस से मेरी भूख और भी बढ़ने लग जाती थी. मैं १२थ स्टैण्डर्ड में थी, तब मेरी नानी की तबियत बहुत ख़राब हो गयी और इस वजह से मेरी माँ उनके वहां कुछ दिनों के लिए रहने गयी. मेरा भाई इंजीनियरिंग में पड़ता था. इसलिए वो पुणे हॉस्टल में रहता था और मैं और मेरे पापा घर अकेले रह गये थे. मेरी माँ के जाने के बाद, दूसरी रात मैंने सारा काम ख़तम कर दिया और गाजर – मुली को अपने कमरे में ले गयी.

और फिर मैंने कंप्यूटर पर पोर्न मूवी लगा दी और अपने सारे कपड़े उतार दिए और रोज की तरह बिस्तर में बैठ गयी और फिर धीरे – धीरे अपने बूब्स दबाने लगी. थोड़ी देर बूब्स दबाने के बाद, मैं ने मुली अपने हाथ में ली और उसको मेरी चूत में डाल दिया और उसको अन्दर बाहर करने लगी. मैं पूरी तरह एक्साइट हो गयी थी. तभी मेरे पापा ने दरवाजा खटखटाया और बोले – रूपा दरवाजा खोल. मैं इतनी घबरा गयी, कि मुझे कुछ पता ही नहीं चला, क्योंकि मैं पूरी नंगी थी. मैंने फटाफट कपड़े पहन ने शुरू किये और जैसे – तैसे कपड़े पहने और दरवाजा खोलने चली गयी. जल्दबाजी में मैं कंप्यूटर पर चल रही पोर्न मूवी बंद करना भूल गयी. मैंने दरवाजा खोला.

पापा – इतनी देर क्यों लगा दी. क्या कर रही थी?
मैं – कुछ नहीं पापा.. पढाई कर रही थी.
पापा – मुझे नींद नहीं आ रही थी. तो सोचा, की तुमसे थोड़ी देर बात ही कर लू.
मैं – लेकिन पापा, मैं थक चुकी हु. बस सोने ही जा रही हु.
(दरवाजे से कंप्यूटर नहीं दिख सकता था).
पापा – थोड़ी देर बेटा, बस ५ मिनट और वो अन्दर आ गये. अन्दर आते ही, मैं और वो दोनों शौक हो गए. क्योंकि कंप्यूटर पर वो पोर्न मूवी चल रही थी. ये है तेरी पढाई?

मैं – वो पापा (मुझ से कुछ बोला नहीं जा रहा था). तभी पापा की नजर बिस्तर पर पड़े गाजर और मुली पर पड़ी.
पापा ने मुली हाथ में ली. वो गीली थी. मैं ब्रा पहनना भूल गयी थी. और ब्रा भी बिस्तर में ही पड़ी थी.
पापा – ये सब क्या है रूपा? अपने कपड़े अच्छी तरह से पहन कर मेरे कमरे में आ जाओ. पापा ने कंप्यूटर में से सीडी निकाल कर अपने साथ ले ली और चले गये. मैंने टॉप निकाला और ब्रा पहन ली. आप को बता दू, उस समय मैंने ब्लैक कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी. उस पर मैंने रेड लोअर और वाइट टॉप पहना हुआ था. मैंने कंप्यूटर बंद किया और पापा के रूम में गयी. पापा ने वो सीडी अपने डीवीडी प्लेयर पर लगा रखी थी. पापा ने मुझे रूम को बंद करने के लिए बोला और मैंने रूम को लॉक कर दिया.

पापा – ये क्या है रूपा? ये तुम्हारी पढाई है? तू ब्लू फिल्मे देखती हु?
मैं – वो पापा बस…
पापा – कब से देख रही हो तुम?
मैं – ११थ स्टैण्डर्ड से.
पापा – ओह माय गॉड. और ये सीडी तुम कहाँ से मिली.
मैं – मेरी सहेलिया लाती है.
पापा – ये देखने में मज़ा आता है?
मैं (शरमाते हुए) – हाँ.

पापा – तुम जानती हो.. ये सब शादी के बाद होता है.
मै – हाँ. लेकिन मेरी सहेली कहती है, लेकिन शादी से पहले ही सब जानना जरुरी होता है.
पापा – अच्छा, तो क्या क्या करती हो देखने के बाद, मुझे भी बताओ. शरमाओ मत.
मैं – मैं अपने हाथो से अपने स्तन दबाती हु और …
पापा – हाँ बोलो – शरमाओ मत..
मैं – पहले नीचे ऊँगली डालती थी और अब गाजर, मुली वो सब डालती हु.
पापा – तुम्हे मज़ा आता है?
मैं – हाँ.

फिर पापा ने मुझे अपने पास बुलाया और अपनी गोद में बैठा लिया.
पापा – रूपा, आज हम दोनों इस मूवी में जो चल रहा है, ऐसा करेंगे. मेरा साथ दोगी?
मैं – लेकिन?
पापा – लेकिन वेकिन कुछ नहीं. मैं तुम्हे एकदम ट्रेन कर दूंगा. मैं जानता हु, कि तेरी सेक्स की भूख बहुत बढ़ चुकी है.
मैं – ठीक है पापा. वैसे मैं किसी से सेक्स तो करना ही चाहती थी.

अब पापा ने मेरे होठो को चूमना शुरू कर दिया और मेरे होठ चूसने लगे. करीब ७ से ८ मिनट तक वो मेरे होठो को चूसते रहे और उस वक्त उनको दोनों हाथ मेरे स्तनों पर थे और दबा रहे थे. मुझे मज़ा आने लगा था. अब पापा ने मेरा टॉप निकाल दिया और अब मैं ब्रा में आ गयी थी. वो मेरी पूरी बॉडी को किस करने लगे थे और धीरे से उन्होंने मेरी ब्रा भी निकाल दी. अब वो मेरे निप्पल को चूस रहे थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. पापा का हाथ मेरी गांड पर था. वो मेरी गांड को सहला रहे थे और मेरे निपल को चूस रहे थे. अब पापा ने भी अपनी बनियान उतार दी. लगातार् १ओ मिनट तक वो मेरे निपल को चूसते रहे. मैं उतेजित होने लगी थी. अब पापा ने मेरा लोअर उतार दिया और अब मैं सिर्फ पेंटी में आ गयी. फिर पापा ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और उन्होंने अपनी लुंगी निकाल दी. मैं शौक हो गयी. पापा ने अन्दर कुछ नहीं पहना था और उनका लंड टाइट हो चूका था. वो काफी ज्यादा लम्बा था.

मै – पापा इसको लंड कहते है ना?
पापा बहुत उतेजित हो चुके थे मुझे नंगा देख कर और बोले – हाँ. इसी से तेरा जनम हुआ है. फिर पापा ने मेरे सारे बदन को चाटना शुरू कर दिया और किस करने लगे. मैं बहुत उतेजित हो गयी. अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था. और मैं झड गयी. मेरी पेंटी भी गीली हो चुकी थी. फिर पापा ने मेरी पेंटी उतारी और मेरी चूत के रस को चाटने लगे. और मेरी चूत पर अपनी टंग फेरने लगे. अब मेरी उतेजना बढने लगी और
मैं – पापा, कुछ हो रहा है.

पापा – अच्छा बेटी. अब इसको शांत करते है. आज तक तूने गाजर, मुली, ककड़ी और बेलन और ऊँगली ट्राई की है. आज अपने पापा का लंड अपनी चूत में लेकर देख? मैं – लेकिन पापा. आपका लंड तो बहुत ही ज्यादा लम्बा और मोटा है. मेरी चूत तो बहुत छोटी सी है. फिर पापा ने मेरी दोनों टांगो को अलग किया और अपने लंड को मेरी चूत पर लगा कर रगड़ने लगे. इस वजह से मैं मदहोश होने लगी. तभी अचानक से पापा ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और पापा के लंड की केप वाला भाग अन्दर चले गया.

मेरे मुह से चीख निकली अहहाह आआअ ऊऊऊ माँ मर गयी… फिर पापा ने और जोर लगाया.. और उनका आधा लंड अन्दर चले गया. मैं फिर से चिल्लाने लगी हाहाहा अहहाह माया.. ओह्ह्ह्ह माँ मर गयी…और फिर एक और झटके के साथ उन्होंने अपना पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर डाल दिया. फिर वो २ मिनट तक वैसे ही रुके रहे. मैंने बेडशीट को पकड़ लिया टाइट. आज तक मैंने मुली, गाजर ही लिए थे और उसमे मुझे दर्द नहीं होता था. लेकिन आज मुझे बहुत दर्द हो रहा था. २ मिनट के बाद, पापा ने लंड को बाहर खीच कर निकाला और तुरंत ही अन्दर डाल दिया. दर्द के मारे मैं चिल्लाई… ऊओहोहोहो होहोहोह माँ.. फिर पापा लगातार अपने लंड को अन्दर – बाहर करने लगे. वो धीरे – धीरे ये कर रहे थे.

इस वजह से मुझे थोड़ा – थोड़ा दर्द कम होने लगा. लेकिन उतेजना बड गयी. करीब ५ मिनट तक ऐसा करने के बाद, पापा ने स्पीड बढ़ा दी और वो लोकल ट्रेन से सुपरफ़ास्ट ट्रेन बन गये.. और अहहाह अहः अहहाह अहहाह ऊऊओ ऊओह्होहो ऊफोफोफोफोफो.. करने लगे.. २ मिनट तक की चुदाई के बाद, पापा की पिचकारी छुट गयी और उन्होंने अपना सारा पानी मेरी चूत में डाल दिया. फिर वो मेरे ऊपर ही सो गए. पानी गरम था और मुझे जन्नत का अहसास होने लगा.

करीब २० मिनट के बाद, वो फिर उठे और मुझे अपने लंड को होठो से रगड़ने को कहा. मैं उनके लंड को अपने होठो से रगड़ रही थी, बिलकुल ब्लू मूवी की तरह. थोड़ी देर के बाद, उनका लंड फिर से टाइट हो गया और उन्होंने मुझे कुतिया बनाया और पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और अन्दर बाहर करने लगे. इस से मैं फिर से उतेजित हो गयी और वो जोर – जोर से झटके मारने लगे. इस बार करीब २५ मिनट तक वो झटके मारते रहे और फिर उन्होंने अपनी स्पीड तेज कर दी. तभी मैं झड गयी. लेकिन वो तो लगातार झटके मरते रहे. मैंने पापा को कहा – पापा मेरे फेस पर अपना वीर्य निकालना प्लीज.

पापा – ठीक है बेटी. और फिर करीब ३५ मिनट के बाद, जब उनका लंड झड़ने को आया. तो वो मेरे मुह के पास आ गये. जैसे ही वो मेरे मुह पास आये, उनके लंड से एक पिचकारी निकली और मेरे होठ, गाल, नोज, आईज पर सब जगह वीर्य गिर गया. उसके बाद हम एक साथ बिस्तर पर नंगे सो गये. हम फिर सुबह ५ बजे उठे और फिर से पापा ने मुझे चोदा और फिर हम वापस सो गये. दुसरे दिन छुट्टी थी और इसी वजह से हम ९ बजे तक सोते रहे. फिर उठने के बाद, मैं बाथरूम में गयी.

तब भी पापा मेरे साथ चले आये और हमने बाथरूम में भी सेक्स किया और फिर मैंने नंगी ही रह कर चाय बनायीं और नाश्ता भी बनाया और पापा के साथ डाईंगटेबल पर नंगी ही होकर नाश्ता किया और चाय ली. फिर १२ बजे, जब कामवाली के आने का टाइम हुआ, तब मैं नाइटी पहन ली और पापा ने लुंगी और बनियान. हमने अन्दर कुछ भी नहीं पहनना हुआ था. और उसके जाते ही हम फिर से नंगे हो गये और लंड लिया और दोपहर को फिर से २ बार चुदाई की. जब तक माँ वापस नहीं आ गयी. हम दोनों ने रोजाना ऐसे ही चुदाई का मज़ा लिया. मैं पापा के साथ उनके बिस्तर में नंगी ही सोती थी. एक बार मैं पापा के साथ नंगी ही थी बिस्तर में. तभी माँ का फ़ोन आ गया.

माँ – कैसे हो बेटी?
मैं – मैं ठीक हु और यहाँ भी सब ठीक है.
माँ – बेटी, मुझे ज्यादा दिन यहाँ रुकना पड़ेगा. वहां तुम सब संभाल लोगी ना.
मैं – हाँ माँ. मैं देख लुंगी. तुम यहाँ की चिंता मत करो.

ऐसे ही १ महिना बीत गया और हर रात पापा मुझे चोदते बिना कंडोम के. और बिना कंडोम की चुदाई की वजह से मेरा पीरियड मिस हो गया और जब टेस्ट करवाया, तो पता चला, की मैं प्रेग्नेंट हो गयी हु. मैंने फिर एबॉर्शन पिल्स लेना शुरू किया और कुछ दिन के सब ठीक हो गया. फिर पापा ने मुझे कंडोम के साथ चोदना शुरू किया और मुझे मज़ा देना शुरू किया. लेकिन मुझे कंडोम के साथ चुदाई में मज़ा नहीं आता था. इसलिए पापा ने मुझे बिना कंडोम के ही चोदना शुरू किया और मैंने एबॉर्शन पिल लेनी शुरू कर दी, ताकि मैं फिर से प्रेग्नेंट ना हो जाऊ. मेरे बाप ने मुझे पूरा रंडी बना दिया और रोजाना चोदा.

जब मेरा भाई घर वापस आया और उसने पापा और मेरा ये वासना का खेल देखा, तो उसने भी मुझे रंडी बना कर मस्ती में पेला.. तो दोस्तों, कैसी लगी.. आपको एक ठरकी लड़की की कहानी, तो अपने बाप और भाई के द्वारा ही रंडी बनायीं गयी.. मुझे जरुर बताना और अगर आपके लंड मेरे ताकत हो.. लम्बा हो और मोटा हो और मेरी चूत की गरमी को शांत करने की ताकत हो, तो मुझे जरुर लिखना… मैं इंतज़ार करुँगी, आप लोगो के कमेंट का…

पहली बार में ही कुतिया बन गयी

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीरा है और में 21 साल की हूँ। ये कहानी तब की है जब में कॉलेज के फर्स्ट ईयर में थी। मेरी हाईट 5 फुट 2 इंच है और मेरे बूब्स की साईज 34C-28-37 है, गोरा रंग और तीखे नैन नक्श है, कुल मिलाकर मस्त फिगर और सुन्दर चेहरा है। कॉलेज में हमारे ग्रुप में राज नाम का एक लड़का था, जिसके में ज़्यादा नजदीक थी। हम लोग काफ़ी टाईम साथ में बिताते थे और दिल ही दिल में एक दूसरे को पसंद करते थे, लेकिन कभी अपनी फीलिंग को बताया नहीं था। राज 5 फुट 10 इंच की हाईट वाला सुंदर लड़का था।

एक दिन की बात है हम लोग कॉलेज कैम्पस में कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे, तभी पास में क्रिकेट खेल रहे लड़को की बॉल मेरे बूब्स पर लगी और मेरी कोल्ड ड्रिंक मेरे टॉप पर गिर गयी। मैंने उस दिन सफ़ेद टॉप पहना था, जिसका कपड़ा पतला था। अब गीली होने के कारण मेरा टॉप मेरे बूब्स से चिपक गया और मेरे बूब्स साफ दिखाई देने लगे। उस टाईम वहाँ पर मौजूद सारे लड़को की नज़र मेरे बूब्स पर टिक गयी और वो लोग घूर कर मेरे बूब्स को देखने लगे। तभी मेरी एक फ्रेंड ने अपना स्टॉल मेरे ऊपर डाला और मुझसे कहा कि में घर जाकर ड्रेस चेंज करके आ जाऊं, वरना कोल्ड ड्रिंक का दाग नहीं निकलेगा। फिर मैंने उसकी बात मान ली और राज को अपने साथ बाइक पर चलने को बोला। मेरा घर कॉलेज से 10 मिनट की दूरी पर ही था, अब घर पहुँच कर राज ने मुझसे बोला कि में बाहर इंतजार करता हूँ तू चेंज करके जल्दी आजा। फिर मैंने उसे बोला बाहर खड़ा होना अच्छा नहीं लगता तू अंदर ही आजा, उस टाईम मेरे घर पर कोई नहीं था, मेरे मम्मी-पापा दोनों ऑफिस गये हुए थे।

अब अंदर आकर जैसे ही में दरवाजा बंद करने के लिए मुड़ी तो राज ने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया और मेरे टॉप के अंदर हाथ डालकर मेरे बूब्स दबाने लगा। फिर एक झटके में उसने मेरी टॉप उतार दी और मेरी ब्रा खोल दी और मुझे अपनी तरफ घुमाकर मुझे किस करने लगा। अब में भी उसे किस करने लगी, अब उसके हाथ मेरे बूब्स पर थे और वो उन्हें ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था। अब में उसके सामने टॉपलेस थी, में सिर्फ़ अपनी स्कर्ट में थी। अब उसने मुझे सोफे पर लेटा दिया और मेरे बूब्स चूसने लगा, जैसे छोटा बच्चा दूध पीता है। अब वो धीरे-धीरे मेरी पूरी बॉडी को किस करता हुआ नीचे की तरफ जाने लगा और अपना एक हाथ मेरी स्कर्ट में डालकर मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगा। अब मेरी चूत गीली हो चुकी थी। फिर उसने एक झटके से मेरी पेंटी खींचकर उतार दी और मेरी चूत को चूसना शुरू ही किया था कि मेरी फ्रेंड का का फोन आया और बोली कि तू तो घर जाकर ही बैठ गयी, लेक्चर शुरू होने वाला है।

फिर हम लोग जल्दी-जल्दी तैयार होकर कॉलेज पहुँच गये और चुपचाप क्लास में लास्ट की सीठ पर बैठ गये। अब लेक्चर के बीच-बीच में राज मेरी स्कर्ट में हाथ डालकर मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से रब कर देता, जिससे पूरे लेक्चर में मेरी पेंटी गीली रही। फिर थोड़ी देर में मेरे फोन पर उसका मैसेज आया “बाकी का काम कॉलेज के बाद पूरा करेंगे” अब मैसेज पढ़ते ही मेरी पूरी बॉडी में जैसे करंट दौड़ गया था। अब कॉलेज ख़त्म होते ही हम सीधे मेरे घर पहुँचे और दरवाजा लॉक करते ही वो मुझ पर टूट पड़ा और मुझे जोर-जोर से किस करने लगा। अब हम मेरे बेडरूम में चले गये थे। अब बेडरूम में ले जाकर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरी ब्रा उतार कर मेरी पूरी बॉडी पर किस करने लगा और मेरे बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। अब मेरे मुँह से ज़ोर-ज़ोर की आवाज़े निकल रही थी और अब में बहुत गर्म हो चुकी थी।

फिर उसने मेरी पेंटी उतारी और मेरे पैर उठाकर मेरी चूत को चाटने लगा, जैसे कोई बच्चा आइसक्रीम चूसता है अहह उम्म्म्मम अब में मस्ती में झूम रही थी। फिर उसने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी और ज़ोर-ज़ोर से फिंगरिंग करने लगा। अब मुझे हल्का-हल्का दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था। फिर थोड़ी देर फिंगरिंग करने के बाद उसने अपनी अंडरवियर उतारी ओह गॉड उसका 6 इंच का लंड देखकर तो में घबरा गयी और मैंने बोला कि प्लीज राज में नहीं ले पाऊँगी, लेकिन वो नहीं रुका और अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा, अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मैंने दर्द के मारे रोना शुरू कर दिया था। तब वो उठा और मुझे अपने ऊपर बैठने को बोला और मेरी कमर पकड़ कर मुझे अपने लंड पर बैठाने लगा।

(TBC)…

बुआ की लड़की को चोदा रंडी बनाकर

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Bua Ki Ladki Ko Choda Randi Banakar : हैल्लो दोस्तों.. में दिल्ली का रहने वाला हूँ और दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब मैं 19 साल का था और मेरी बुआ की तबीयत ज़्यादा खराब हो गई और हम सभी वहाँ पर चले गए। फिर 10 दिनों के बाद बुआ की तबीयत में थोड़ा सुधार आया तो मम्मी पापा आ गए.. लेकिन में वहीं पर रुक गया छुट्टियाँ मनाने के लिए और मेरे फूफा जी बाहर नौकरी करते थे। जिस कारण से वो घर पर नहीं आ पाते थे.. मेरी बुआ की 2 लड़कियां है। एक 21 साल की ऋतु और एक 18 की अर्चना। लेकिन अर्चना का शरीर बहुत गदराया हुआ सा हो गया था। उसका फिगर 36-34-36 था। इतनी सी उम्र में इतनी अच्छा फिगर। उसे पहली बार देखकर में तो हैरान ही हो गया था। वो मिनी स्कर्ट में स्कूल जाया करती थी.. जिसमे वो और भी ज़्यादा खूबसूरत लगती थी।

उसकी चिकनी चिकनी टाँगे बड़ी ही मस्त थी तो अपनी जांघो तक की स्कर्ट पहनती थी और मैंने अपनी कज़िन होने के कारण अपने मन को बहला लिया और उसके बारे में ना सोचने की कोशिश करने लगा.. लेकिन मेरा लंड नहीं मानता था.. क्योंकि मैंने बहुत दिनों से चुदाई नहीं की थी। में उसके जिस्म को याद कर करके मूठ मारने लगा। फिर 5-6 दिनों तक ऐसा ही चला एक दिन में जब ऋतु को हिंदी पड़ा रहा था तो उसके पास डस्टर नहीं था। तभी मैंने अर्चना के बेग में ढूंडा.. मुझे डस्टर तो नहीं मिला लेकिन एक चीज़ मिली.. एक सीडी जिस पर A7 बना हुआ था। मैंने बहुत ब्लू फिल्म देखी है तो मुझे पता था कि यह A7 एक इंग्लीश ब्लू फिल्म है। मैंने उसे वापस रख दिया और रात को में उसी बारे में सोचने लगा और बाहर आकर पानी पीने लगा। में वापस जा रहा.. लेकिन मैंने सोचा कि एक बार क्यों ना अर्चना के कमरे में जाकर देखूं वो बंद था।

तभी मैंने दरवाजे पर अपने कान लगाए तो मुझे हल्की हल्की आवाज़े सुनाई दी और मैंने जब गोर से सुना तो वो आह्ह्ह उुउउहह ईएआआह हाँ ओह्ह्ह बेबी चोदो मुझे की जैसी आवाज़े लगी। तभी में समझ गया कि यह ज़रूर वो ब्लूफिल्म वाली सीडी देख रही है और में कुछ ना करते हुए वापस कमरे में गया और एक और बार मूठ मार कर सो गया। फिर जब सुबह उठा तो अर्चना तैयार होकर जा रही थी। मैंने उसकी तरफ देखा तो उसकी आँखो में एक अजीब सी हवस दिखी वो मुझे देखकर हंसी मुझे थोड़ा सा अजीब लगा.. क्योंकि मैंने उसे आज तक इतना गौर से कभी भी नहीं देखा था और ऐसा लगभग 2-4 दिनों तक चलता रहा.. अब मेरा नज़रिया बदल चुका था और अब में उसे हवस भरी निगाहों से उसके पूरे बदन को देखता था। वो भी बहुत हवस में आ गई थी लगता है ब्लूफिल्म की वजह से।

तभी एक दिन में उसके बारे में सोच रहा था तो मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे मूठ मारने का मन किया तो में अपना लोवर नीचे करके नंगा हो गया और मूठ मारने लग गया। में मूठ मारने में इतना मग्न हो गया कि पता ही नहीं चला कि मैंने गेट खुला छोड़ दिया है और ना जाने अचानक वो कहाँ से आ गई और सहमी सी खड़ी मुझे देखती रही थी। में अब झड़ने ही वाला था तो में उठा और बाथरूम में झड़ने के लिए जाने लगा.. लेकिन अचानक सामने उसे देख मेरी फट गई। वो मेरे लंड को देखे जा रही थी जैसे अभी खा जाएगी। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा और मैंने फर्श पर ही झाड़ दिया। यह सब देख वो मुस्कुराई और मेरे पास आकर कहने लगी कि भैया आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले.. यह सब क्या है? और उसने मेरे गालो पर किस किया..

मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया.. उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और कहा कि भैया आज रात को आप मेरे कमरे में आ जाना.. आपको कुछ दिखना है। तभी मैंने कहा कि क्या? तो उसने कहा कि सर्प्राइज़ है और फिर वो मेरे लंड की और देखकर बोली कि आपके लंड के लिए। तभी मैंने कहा कि मैंने फर्श पर ही झाड़ दिया यह सब देखकर क्या तुम्हे अजीब सा नहीं लगा? फिर उसने कहा कि नहीं भैया.. बल्कि मुझे तो बड़ा मज़ा आया और यह कहकर उसने झड़ा हुआ माल फर्श से चाटकर साफ किया और रात को आने को कह कर चली गई और में रात होने का इंतजार कर रहा था।

फिर रात होते ही जब सब सो गए तो में उसके कमरे में गया दरवाजा खुला था और में अंदर चला गया और मैंने अंदर जाकर दरवाजा बंद कर दिया। तभी मैंने उसे देखा तो वो एक पारदर्शी नाईटी में बेड पर लेटी हुई ब्लूफिल्म देख रही थी और में बहुत हैरान था मैंने उसे आवाज़ लगाई।

में : कहाँ हो तुम अर्चना।

अर्चना : अरे भैया आ गए आप.. बड़ी देर कर दी आपने आने में.. आ जाओ बैठ जाओ बेड पर।

तभी में बेड पर बैठ गया उसने मुझे ब्लूफिल्म देखने को कहा.. में थोड़ा हैरान था। फिर उसने कहा कि क्या हुआ भैया? तभी मैंने कहा कि कुछ नहीं। उसने कहा कि तो देखो ना और हम दोनों देखने लगे। मैंने उसकी तरफ देखा तो वो बहुत गरम लग रही थी और में भी बहुत गरम था। उसने तभी टीवी बंद किया और मुझसे पूछने लगी कि में आज किस को याद करके मूठ मार रहा था। तभी उसके मुहं से ऐसी बातें सुनकर मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा और उसने कहा कि बताओ ना भैया.. क्या आप अपनी बहन को नहीं बताओगे? तभी मैंने पूछा कि तुझे ये सब कैसे पता तो उसने कहा कि इस उम्र में इतना तो चल ही जाता। फिर मैंने कहा कि तुझे याद करके तो वो थोड़ा शरमाते हुए मुस्कुराई और कहा कि क्या भैया आप भी ना.. में तो यहीं पर हूँ आपके साथ ही तो मुझे याद करके मुठ क्यों मारा करते हो? तभी मैंने कहा कि मुझे तेरा जिस्म बहुत पसंद है। फिर उसने कहा कि अगर ऐसा था तो कहा क्यों नहीं?

तभी मैंने कहा कि मुझे डर था कि कहीं तू नाराज़ होकर घर में सभी को ना बता दे इसलिए। फिर अर्चना ने कहा कि ओहो भैया आप भी ना.. इतना क्यों डरते थे? फिर मैंने कहा कि अर्चना तू मुझे बहुत पसंद है और में तुझे प्यार करना चाहता हूँ। तभी उसने कहा कि भैया तो करते क्यों नहीं हो? में भी तो कब से यही चाहती थी और उसके ग्रीन सिग्नल मिलने के साथ ही मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके लाल होठों को चूमना शुरू कर दिया। वो भी मेरा साथ दे रही थी। उसके होंठ एकदम गुलाब की पंखुड़ियों की तरह लग रहे थे और में उसे चूमे जा रहा और उसकी जीभ को चूस रहा था।

वो भी यह सब करके मेरा साथ दे रही थी और फिर मेरा लंड खड़ा होकर मेरे पाजामे में टेंट बन चुका था। फिर मैंने धीरे धीरे उसके कपड़े खोलने शुरू किए और उसके बूब्स को उसकी ब्रा से आजाद किया और उन्हें पकड़ कर सहलाने लगा और चूमने लगा क्या मस्त बूब्स थे उसके.. एकदम सेक्सी बड़े बड़े.. फिर में धीरे धीरे उसकी पेंटी तक पहुंचा और मैंने उसे भी खोलकर दूर हटा दिया और उसकी चूत को देखने लगा। तभी वो बोली कि क्या देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी? और फिर में अपने मुहं को उसकी चूत के पास ले जाकर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया और जीभ से चोदने लगा।

तभी करीब दस मिनट बाद मैंने उसके दोनों पैरो को फैलाकर अपना लंड चूत पर सेट किया और अचानक से एक जोर का धक्का दिया और फिर वो जोर से चीख पड़ी। तभी मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालकर धीरे धीरे चोदने लगा.. लेकिन वो दर्द से अपनी आंखे बंद करके मुझे जोर से पकड़कर चुपचाप पड़ी रही और कहने लगी कि भैया और जोर से चोदो मुझे.. कर दो आज मुझे पूरा.. दो मुझे आज चुदाई का पूरा मजा.. लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी और चूत से खून भी निकलने लगा था.. क्योंकि वो अभी तक वर्जिन थी। तभी में उसे स्पीड बड़ा कर चोदे जा रहा था और उसे जबरदस्त धक्को के साथ चोदने लगा और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में उसकी चूत में झड़ गया और अपना पूरा वीर्य चूत में छोड़कर उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसके बूब्स को चूसने लगा।

फिर वो मुझे अपनी बाहों में लेकर कहने लगी कि भैया थेंक्स। आज आपने मुझे चुदना सिखा दिया.. वरना में तो बस ब्लूफिल्म देखकर ही मजे लेती रहती और फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में लिया और बड़े मजे से चूसने लगी। फिर उसने चूसकर पूरा लंड साफ किया और अपने कपड़े पहनने लगी। उसके बाद मैंने उसे बहुत बार चोदा और उसकी चूत के मजे लिए और उसे भी चुदाई का सही मतलब सिखा दिया। तो दोस्तों यह थी मेरी चुदाई भरी कहानी ।।


आंटी की गान्ड का नज़ारा

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क्या मस्त गान्ड है ना! मेरी आंटी की है दोस्तो. 40 की पंजाबी गान्ड को देख कर किसी का भी लंड एकदम से कड़क होने लगता था. मैने कभी ढयन नही दिया था. लेकिन, जब मैने देखा. की मेरे सारे दोस्त घर पर फालतू मे आ कर बेठे रहते है ओर आंटी की बाहर उभरी हुई गान्ड को घूराते है. मेी उनको कुछ बोलता तो नही था. लेकिन जब मैने देखा, की आंटी भी उन के इशारो को समझ कर मुस्कुरा देती थी. मुझे समझ आ गया था, की बुड्दे बदन मे जवान लंड के लिए आग लगी है.

वो दिन मे आराम कर रही थी. मेी उसी रूम मे पड़ाई कर रहा था. कूलर चल रहा था. मेरी नज़र उनकी गान्ड पर पड़ी, तो उनके मस्त उभर को देख कर मेरे लंड मे बेचेनी होने लगी. मैने कूलर को घुमा दिया ओर उनका कुर्ता उसने लगा. मुझे उनकी गान्ड का उभर ओर उनकी गान्ड की लकीर नज़र आने लगी.

मेरा लंड तो एकदम से तंन गया ओर जीन मे तंबबू बना रहा था. मैने उनकी गान्ड को हल्के से टच कर के देखा, तो मेरे लंड मे करेंट लग गया. क्या मस्त फदाक रहा था. मैने आपने लंड को बाहर निकाल लिया ओर आंटी की गान्ड को देख कर मूठ माने का मज़ा लिया. क्या आप मे है इतनी सेक्स की तारक.

वकील ने बुआ को अपना लंड चूसने को कहा

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Wakil Ne Bua Ko Apna Lund Chusne Ko Kaha : हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम जिमित है। एक बार फिर में अपनी लाईफ की एक और सेक्सी सच्ची घटना आप सभी के सामने लेकर आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि मेरी कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी। अब आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों.. जैसा कि मैंने आपको पिछली स्टोरी में बताया था.. कि मैंने कैसे अपनी बुआ को पटाकर चोदा था। उनका घर मेरे घर से केवल एक किलोमीटर की दूरी पर है और मेरा हमेशा ही वहाँ पर आना-जाना लगा ही रहता था और जब से मैंने उन्हें चोदा है तब से तो मुझे वहाँ पर जाने का खास मकसद भी मिल गया है हम लोग यानी कि में और बुआ जब भी मौका मिलता सेक्स किया करते और

जिन्होंने मेरी पुरानी स्टोरी नहीं पढ़ी में उन्हे बता दूं कि में मार्च 2012 में 21 साल का हो गया हूँ मेरी ठीक ठाक बॉडी है और कलर बहुत साफ है और मेरी बुआ 40 साल की हैं उनका फिगर 32-30-36 है। फिर एक दिन में बुआ के घर यह सोचकर गया कि में आज तो बुआ को बहुत चोदुंगा और उन्होंने उनके घर की दूसरी चाबी मुझे दे रखी थी। मैंने उससे घर का गेट खोला और सीधा अंदर चला गया और मैंने सोचा कि आज चुपके से जाकर उन्हें पीछे से पकड़ लूँगा और चकित कर दूँगा.. लेकिन घर में घुसते ही चकित तो में खुद ही हो गया क्योंकि मुझे बुआ के बेडरूम से कुछ आवाज़ें आ रही थी और वो आवाजे चुदाई के समय आती है।

में जल्दी से उनके बेडरूम की तरफ गया और देखा तो गेट अंदर से बंद था और मुझे अंदर से ऐसी आवाज़ें सुनाई दे रही थी कि जैसे कोई किस कर रहा हो। फिर मैंने इधर उधर देखा.. लेकिन मुझे कुछ नहीं सूझा कि में कहाँ से देखूं कि अंदर क्या हो रहा है? फिर मुझे याद आया कि रक्षित और बुआ का कमरा जुड़ा हुआ है और उसके रूम और बुआ के रूम में दोनों के कमरों की एक ही खिड़की है और वो खिड़की इसलिए बनाई थी ताकि रक्षित जो कि अभी केवल 11 साल का है अगर रात के समय नींद में उठ जाए या डरकर रोने लगे तो बुआ फुफाजी तक आवाज़ जाए। पहले यह तरीका मुझे अजीब लगता था.. लेकिन आज मुझे यह बहुत अच्छा लग रहा था। दोस्तों ये कहानी आप सेक्स समाचार डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

में बहुत धीरे धीरे और बिना आवाज़ के दूसरे कमरे में गया और बड़ी सावधानी से एक कुर्सी उस खिड़की के नीचे रखी और उस पर चड़ गया और फिर जो मुझे दिखा वो तो एक बहुत बड़ा झटका था.. मेरी बुआ किसी आदमी को बहुत ही गरम होकर किस कर रही थी और वो दोनों बेड पर नंगे पड़े थे और उस आदमी की पीठ मेरी तरफ थी। तो मुझे पता नहीं चल पा रहा था कि वो कौन है? और फिर मुझे इस बात का बहुत दुःख: भी था कि शायद मेरा अब यहाँ पर चुदाई का काम खत्म हो गया.. लेकिन अब उनकी किसिंग देखकर और कामुक आवाज़ें सुनकर मेरा लंड तो खड़ा हो गया था और में लोवर्स के ऊपर से अपने लंड को मसलने लगा।

फिर थोड़ी देर के बाद उनकी किस टूटी और फिर उस आदमी ने बुआ से कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और यह बात कहकर उसने उनके कान पर हल्का सा काटा। तभी मुझे ऐसा लगा कि जैसे यह आवाज़ मैंने पहले कभी सुनी है.. लेकिन फिर मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर उसने बुआ को लेटाया और उनके ऊपर आकर उनके सीधे बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को अपने हाथ से दबाने लगा।

बुआ के मुहं से आवाज़े निकलने लगी आह्ह्ह आह्ह्ह उम्म आह और फिर वो अपनी दोनों आँखे बंद करके मज़ा ले रही थी। तभी मुझे उस आदमी का चेहरा दिखा और में उस आदमी को देखकर बहुत चकित रह गया क्योंकि वो संजीव अंकल थे और वो हमारे सलाहकार है। जो पापा के ऑफिस में काम करते है.. इनकी उम्र 34 साल है वो एक शादीशुदा आदमी है और उनकी एक 5 साल की बेटी है। फिर यह सब देखकर तो में पागल ही हो गया और अब तो मेरा लंड मेरे काबू से बाहर हो चला था और अब में चुपचाप इनकी चुदाई का शो मजे से देख रहा था और खुद ही अपने लंड को शांत कर रहा था।

वो बुआ के बूब्स चूस रहा था और कभी कभी बुआ के बूब्स को दाँतों से काट भी रहा था और बुआ तब एकदम से चींख पड़ती और फिर 10-15 मिनट ऐसे ही बुआ के बूब्स चूसने और काटने के बाद उन्होंने फिर एक ज़ोरदार लिप किस किया और फिर उसने बुआ को अपना लंड चूसने को कहा.. लेकिन बुआ ने साफ मना कर दिया।

वकील अंकल : चलो अब आप मेरा लंड भले ही ना चूसे.. लेकिन में तो आपकी चूत चाट सकता हूँ की उसमे भी कोई दिक्कत है? बुआ ने कुछ नहीं कहा बस शरारत भरी स्माईल पास की और उसके सर को पकड़कर नीचे करने लगी। फिर अंकल ने बुआ के दोनों पैरों को फैलाया और उनकी चूत को ऐसे चाटने लगी जैसे एक कुत्ता हड्डी को चाटता है और बुआ अब ज़ोर ज़ोर से मोनिंग कर रही थी अहहुहह अहउहह और ज़ोर ज़ोर से अपनी गांड को ऊपर नीचे करके चूत चटवा रही थी। फिर अंकल ने बुआ की चूत तब तक चाटी जब तो वो एक बार झड़ नहीं गयी और फिर उन्होंने बुआ की चूत का सारा पानी पी लिया और उन्हें देखकर में बहुत गरम हो रहा था। फिर वो बुआ के ऊपर आ गये और किस करने लगे।

वकील अंकल : क्या तुम तैयार हो अपनी चुदाई के लिए?

बुआ : हाँ में तैयार हूँ.. लेकिन तुम पहले कंडोम तो पहन लो।

वकील अंकल : क्यों आप अभी भी हमारी इस चुदाई से प्रेग्नेंट हो सकती हैं क्या?

बुआ : नहीं.. लेकिन में बिना कंडोम के तुम्हे अपनी चुदाई करने के लिए हाँ नहीं कहूंगी जाओ और मेरी अलमारी से कंडोम निकाल लो।

वकील अंकल उठे और अलमारी से कंडोम निकालने लगे.. में बुआ को देखे जा रहा था तभी इतने में पता नहीं कैसे बुआ की नज़र मुझ पर पड़ गयी और वो चकित हो गयीं.. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला और एक शरारती स्माईल पास की। फिर अंकल ने अलमारी से कंडोम निकाला और उसे अपने खड़े 7 इंच के लंड पर चढ़ा लिया.. फिर वो बुआ के पास आए और उनके ऊपर आकर किस करने लगे। उन्होंने अपने हाथों से लंड को बुआ की चूत पर सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का लगाया.. बुआ की चीख निकल गयी अहह उफ्फ्फ माँ में मरी प्लीज थोड़ा आराम से करो में तुम्हे छोड़कर कहीं भाग नहीं रही हूँ.. अहह और वो बड़ी लम्बी लम्बी सिसकियाँ लेने लगी।

फिर कुछ देर रुककर उन्होंने एक और धक्का मारा और उनका पूरा लंड बुआ की चूत में चला गया था और अब उन्होंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब उनके हर एक धक्के के साथ साथ बुआ भी आवाज़े निकाल रही थी.. आहआह आह्ह्ह ईईईई। फिर धीरे धीरे उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूरा रूम बुआ की चीखों से आह हः आहा हः आह आह उम्म्म आह और उनके जिस्म के टकराने की आवाज़ो से भर गया था.. ठपठप छप और बीच बीच में अंकल बुआ को किस भी करते और उनके बूब्स भी दबाते और बुआ के बूब्स तो वो इतने बुरी तरह मसलते की बुआ चीख ही पड़ती अहह धीरे उहह।

बुआ अब अपनी गांड हिला हिलाकर उनका साथ दे रही थी और उनकी पीठ और बालों में हाथ घुमा रही थी और अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी। फिर उन्होंने करीब 10-12 मिनट तक बुआ को ऐसे ही लगातार धक्के देकर चोदा और फिर झड़ गये और फिर थककर उनके ऊपर गिर गये और उनका लंड अभी तक भी बुआ की चूत में था और चूत से धीरे धीरे वीर्य बहकर बाहर आने लगा। लेकिन उनकी चुदाई को देखकर में बहुत गरम हो गया था और मुझे संजीव अंकल से इससे बेहतर चुदाई की उम्मीद थी.. उनका केवल एक ही पोज़िशन में सारा सेक्स खत्म हो गया और उनकी चुदाई केवल 10 मिनट तक ही चल सकी खैर मुझे क्या वैसे भी यह उनकी पहली चुदाई थी। फिर वो कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे और बुआ ने अपने आप को एक चादर से ढक लिया.. तभी अंकल उठकर बैठ गये और फिर बोले

वकील अंकल : क्यों देखा आप तो बेकार ही डर रही थी.. सेक्स के लिए मना कर रही थी और अब कितना मज़ा ले रहीं थी।

तो बुआ ने उनकी बात को सुनकर उनको एक स्माईल दी

वकील अंकल : कुछ सीखो अपने भाई से यहाँ पर अंकल मेरे पापा की बात कर रहे हैं और फिर बुआ बहुत आशचर्यचकित हो गई और बहुत कन्फ्यूज़्ड होकर अपनी आंखे फाड़ फाड़कर अंकल की तरफ देख रही थी।

अंकल : एक और आपका भाई है जो कितनी ही औरतों को चोदता है और आपसे बड़ा है और उनका एक 21 साल का बेटा है.. लेकिन आज भी जितनी औरतो को वो चोदते हैं शायद ही कोई चोदता होगा। बुआ बहुत चकित हो गई और कुछ नहीं बोली।

अंकल : हँसे और बोले कि और नहीं तो क्या सर (यानी की मेरे पापा) ने उनकी सेक्रेटरी, मेरी सेक्रेटरी, मेरी कज़िन, हमारे 2-3 क्लाइंट किस किस को नहीं चोदा और अभी उनका नया माल है वो नीलम.. शायद आप उसे बहुत अच्छी तरह से जानती हो.. आपके घर की कितनी ही पार्टी में भी वो कई बार आईं है।

बुआ : हाँ हाँ में जानती हूँ उस समाज सेवी को और यह कहकर वो स्माईल करने लगी।

फिर बुआ ने अंकल से हंसते हुए बोला।

बुआ : खैर वो तो जब नाबालिक था जब से ही ऐसा है और उस पर कॉलेज के टाईम पर भी कितनी ही लड़कियाँ मरती थी.. लेकिन अब तो उसे थोड़ा बहुत सुधार जाना चाहिए।

अंकल : आप सर को सुधरने को कह रहीं हैं और आप खुद क्या कर रहीं हैं?

बुआ : मेरी और उसकी बात अलग है.. मेरा पति एक बहुत बड़ा शराबी है और वो मुझसे कभी भी ढंग से बात तक नहीं करता और भाभी यानी कि मेरी माँ कितनी अच्छी हैं हमारे घर में सबसे सुंदर है.. इसलिए में यह सब कह रही हूँ कि अब तो उसे यह सब छोड़ देना चाहिए। इतनी अच्छी और सुंदर बीवी के होते हुए भी वो दूसरों के साथ चुदाई करता फिरता है।

अंकल : ऐसा नहीं है आप बेवजह ही गुस्सा हो रहीं हैं प्यार तो सच्चा वो मेडम मतलब मेरी माँ से ही करते हैं.. लेकिन लाईफ में सेक्स भी तो बहुत जरूरी है। खैर यह सब छोड़िए आपको सर के बारे में और उनकी गर्लफ्रेंड के बारे में कैसे पता कहीं आप भी तो? दोस्तों ये कहानी आप सेक्स समाचार डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

बुआ : गुस्से से अंकल को देखते हुए बोली कि ज़रा ज़बान संभालकर बात करो और तुम अपनी औकात मत भूलो कि जिस कंपनी में तुम काम करते हो मेरा भाई उसका मलिक है और अगर दोबारा ऐसी कुछ बात कही तो अच्छा नहीं होगा।

अंकल : सॉरी मेरा वो मतलब नहीं था।

फिर उन्होंने अपना सर नीचे झुका लिया। बुआ उनके पास गयीं और उनके गालों को दोनों हाथों से पकड़ कर बोलीं कि तुम बिल्कुल पागल हो इतने अच्छे से सेक्स करने के बाद ऐसी बातें कोई करता है और उनके होंठ पर एक जबरदस्त किस किया और फिर अंकल बुआ को बाय बोलकर चले गये। अब तक में उनकी चुदाई को देखकर दो बार दूसरे कमरे की दीवार को मुठ मारकर गंदी कर चुका था और में अंकल के जाते ही में बुआ के पास गया और उनको चोदने के लिए बोला लेकिन बुआ बोली कि अभी तुमने देखा ना कि कैसे वकील मुझे चोदकर गया है अब हम बाद में चुदाई करेंगे ।।

धन्यवाद …

अंकल आंटी की अजीब दास्ताँ

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Uncle Aunty Ki Ajeeb Dastan : हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रोहित है और में भारत से हूँ और फिलहाल यूरोप में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरी उम्र 25 साल है और में इस साईट की कहानियां 2 साल से पढ़ रहा हूँ.. और इसके कारण में बहुत सारे सेक्स करने के तरीके सीख चुका हूँ और इसी के कारण मुझे लगता है कि में सेक्स के मामले में बहुत सुधरा भी हूँ.. मगर नीयत के बारे में बिगड़ भी गया हूँ। दोस्तों यह स्टोरी आराम आराम से हॉट फिर सेक्सी होती जाएगी तो में उम्मीद करता हूँ कि कहानी पढ़कर ही आपकी चूत गीली और लंड टाईट हो जाएगा।

चलो अब में अपनी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों यह बात आज से तीन साल पहले की है जब में पढ़ाई कर रहा था और में दीवाली की छुट्टियों में मेरे अंकल आंटी के घर पर गया था। वो महाराष्ट्र में रहते है और में करीब शाम 8 बजे उनके यहाँ पर पहुंचा और मैंने घर की बेल बजाई और मेरे अंकल ने घर का गेट खोला और अंकल के गले मिला। फिर हम दोनों घर के अंदर गये.. अंकल मुझसे मिलकर बहुत खुश थे और हम दोनों बिल्कुल अच्छे दोस्त की तरह है। अंकल–आंटी की शादी को 4 साल हो गए थे लेकिन फिर भी उनको कोई बच्चा नहीं था.. लेकिन शायद हो सकता है उनकी कोई फेमिली प्लॅनिंग हो और वो अभी बच्चा नहीं चाहते हो।

चलो लेकिन मुझे क्या फिर हम हॉल में गए और अंकल ने मुझे बैठने को कहा में आराम से गांड टिकाकर सोफे पर बैठ गया। अंकल ने मुझे पीने का पानी दिया और वो भी मेरे साथ बैठ गये। तभी मैंने आंटी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी आंटी अभी मार्केट से शॉपिंग करके आई है इसलिए बाथरूम में शावर लेने गयी है। तभी मेरे अंकल ने मुझे पूछा कि क्या तुम दारू पीना चाहते हो? तो मैंने कहा कि क्यों नहीं? और में बियर पीने के मूड में था और उन्हें भी दारू के लिए कोई साथी मिल गया था। यह सुन कर वो बहुत खुश हो गए और कार की चाबी लेने बेडरूम में चले गये रूम से वापस आकर वो बोले कि रोहित में आधे घंटे में आता हूँ.. तुम तब तक आराम करो और मैंने तुम्हारी आंटी को बोल दिया है वो आती ही होगी।

फिर अंकल के जाने के 5 मिनट बाद में ही में आंटी से मिलने उनके बेडरूम में चला गया और बेडरूम में पीले लेम्प की रोशनी थी और ड्रेसिंग टेबल के सामने आंटी खड़ी थी। आंटी ने गहरे नीले कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना था.. ब्लाउज पीछे से पूरा का पूरा खुला था और उसकी डोरी बहुत छोटी थी और उनकी पीठ लगभग नंगी लग रही थी और साड़ी शरीर से टाईट थी.. जिसमे उनकी गांड उभर कर बाहर आ रही थी और उनको पीछे से देखकर ऐसा लग रहा था कि उनके पीछे जाकर उनको किस करूं.. लेकिन में मजबूर था। मेरी आंटी की हाईट 5.4 इंच है उनके बूब्स बड़े और मुलायम है। मुलायम इतने कि अगर वो पूरी की पूरी नंगी सो जाए तो बूब्स इधर उधर हिलने लगे और उनकी उम्र पता नहीं है और उनकी गांड तो उनके शरीर का एक बहुत अच्छा हिस्सा है उनकी गांड बड़ी कोमल है.. इतनी कोमल है कि हाथ लगाए तो उछलती है और अगर चांटा मारो तो लाल लाल हो जाती है लेकिन में आप सभी को आंटी का नाम बताना भूल गया.. उनका नाम मधु है।

तो जब में उनके बेडरूम पहुंचा और उनको मेरी आहट हुई और उन्होंने मुझे देखा और खुश होकर मुझसे पूछा कि रोहित कैसे हो? और वो मेरे पास आई.. आते हुए उनकी चूड़ियां साड़ी ब्लाउज और बिंदी देखकर में तो पागल हो गया और उनका चलने का स्टाईल भी बड़ा प्यारा था। वो मेरे पास आई और मेरे माथे पर किस करके बोली कि रोहित तुम्हे देखकर मुझे हमेशा बहुत अच्छा लगता है। अब मेरे बाथरूम में जाकर जल्दी से फ्रेश हो जाओ और फिर हम साथ में खाना खाएँगे। मैंने तेरी पसंद की मटन हांड़ी बनाई है। तभी मैंने कहा कि ठीक है में मेरा बेग लेकर आता हूँ। तभी वो बोली कि नहीं में लाती हूँ तुम फ्रेश होने लग जाओ। में तुरंत उनके बाथरूम में गया और बाथरूम में बड़ी अच्छी खुश्बू आ रही थी।

आंटी हमेशा अच्छी कम्पनी के शावर जेल काम में लेती थी.. वो बड़ी सेक्सी महक देते है। में भी बहुत सारा शावर जेल डालकर नहाया.. नहाते समय मेरी नज़र आंटी की पेंटी पर गयी वो वहीं पर सूख रही थी। शायद आंटी ने अभी ही शावर लिया था.. पेंटी पीले कलर की जाली वाली थी और में उसे देखकर पागल हो गया और में मेरे लंड को टाईट करके मसलने लगा और कभी कभी ऐसा एहसास होता था कि आंटी मुझे कहीं होल से देख रही है तो में और ज़ोर ज़ोर से मस्ती से मालिश करता.. लेकिन मेरी आंटी बेडरूम में ही होगी मुझे पता था.. क्योंकि वो ऐसे छिछोरे काम करने वालो में से नहीं है इसका मुझे अंदाज़ा था। फिर मेरा नहाना पूरा हुआ और में टावल लपेट कर बाहर आ गया और बाहर आकर में अपने बाल सुखा रहा था।

तभी मेरी आंटी आई और मेरे बेग में से मेरी पेंट और टी-शर्ट निकालने लगी। फिर मैंने अचानक से घूमकर उनको देखा तो वो बोली कि क्या बात है रोहित? आज कल खाना जमकर खा रहा है.. तूने तो बड़ी अच्छी बॉडी बना ली है और फिर मेरे पास आकर मेरे पेट पर हाथ घुमाकर बोलने लगी कि अब तो तेरा पेट भी बड़ा हो गया है और तू कुछ ही दिन में सेठ की तरह दिखेगा.. ज़रा एक्सर्साइज़ किया कर और यह पेट ज्यादा ना बड़ने दे.. इसका ध्यान रखा कर नहीं तो तेरे पैट के कारण तेरी बीवी बोर हो जाएगी। तभी मैंने कहा कि मधु आंटी में समझा नहीं.. मेरे पैट के कारण मेरी बीवी क्यों बोर हो जाएगी? तभी आंटी बात काटकर बोली कि तू तेरे अंकल से पूछ लेना वो तुझे बता देंगे और तेरी शरीर से बड़ी मस्त खुश्बू आ रही है। फिर में बोला कि क्यों नहीं आएगी?

आपका ही शावर जेल मैंने काम में लिया है। तो वो मुस्कुराने लगी। फिर में तैयार होकर हॉल में आया तब तक अंकल आ गए थे और ग्लास में ड्रिंक्स भर रहे थे और फिर हम दोनों ने पीना शुरू किया। मैंने दो बियर पी और उन्होंने एक विस्की खत्म कर दी। फिर हम तीनों खाना खाने लगे और खाते हुए भी उन्होंने बहुत विस्की पी ली। फिर आंटी ने जब उनको कहा कि बस हो गया.. तब जाकर वो रुके। हमारा खाना होने के बाद हम तीनों सोफे पर बैठ गये। मैंने और आंटी ने आईसक्रीम खाई और अंकल को बहुत दारू चड़ गयी थी तो में उनको बेडरूम में लेकर गया और सुला दिया।

फिर उन्होंने कहा कि गेस्ट रूम का एयर कंडीशनर खराब है इसलिए तुम हमारे बेड रूम में ही सो जाओ। अंकल ने फोर्स किया कि में उनके साथ सो जाऊँ और उनका बेड बड़ी साईज़ का था। तीनों आराम से सो सकते है और आंटी ने मुझे बोला कि रोहित क्या तुम दो मिनट बाहर जा सकते हो.. मुझे चेंज करना है? लेकिन अंकल अभी मस्ती के मूड में थे वो मज़ाक करते करते बोले कि उसे क्यों भाहर भेज रही हो? वो तो अभी बच्चा है.. सिर्फ़ बियर पीता है। उसके सामने ही चेंज कर लो तो आंटी बोली कि आप चुप रहो वरना आपको भी बाहर जाना होगा। फिर में बाहर गया और 5 मिनट में आंटी ने मुझे बुलाया। वाह क्या लग रही थी मधु आंटी? उन्होंने लाल कलर की बहुत सेक्सी नाईटी पहनी थी.. लेकिन पारदर्शी नहीं थी।

तभी हम तीनों आराम से सो गये और मुझे कल्पना भी नहीं थी कि अगले एक घंटे में मेरे साथ क्या होने वाला था? अंकल बेड पर बीच में सोए थे.. आंटी ड्रेसिंग टेबल की साईड में सोई थी और में दूसरे बेड साईड पर सोया था। तो करीब एक घंटे बाद जब मैंने करवट बदली और हल्की सी आँखे खोलकर देखा तो अंकल और आंटी एक दूसरे के ऊपर लेटे हुए एक दूसरे को मसल रहे थे। उन्होंने एक कम्बल लिया हुआ था और में कुछ नहीं देख पा रहा था और उन्होंने सर से लेकर पैर तक कम्बल ओढ़ा हुआ था। वो दोनों एक दूसरे पर बदन घिस रहे थे और कुछ सेकेंड बाद बात करने लगे.. लेकिन पता नहीं क्या कह रहे थे और फिर कम्बल उनके बदन से निकलने लगा और मेरा लंड पत्थर की तरह टाईट हो गया।

तभी मेरा दिमाग सोचने लगा कि वो क्या कर रहे है और में मेरा हाथ पेंट में डालकर लंड को सहलाने लगा। तभी अचानक वो लोग कम्बल दूसरी तरफ हटाने लगे और मैंने डर के मारे करवट बदल दी और दीवार की साईड देखने लगा। 5 मिनट बाद मेरे लंड से रहा नहीं गया और मैंने करवट बदलकर उनको सोचने लगा लेकिन आँखे बंद कर रखी थी। करीब 2 मिनट के बाद आंटी की अयाहह हाहााहह ऐसी आवाज़ आने लगी। तभी मैंने हल्के से आँख खोली और देखा तो अंकल आंटी ने एक दूसरे को किस कर रहे थे.. लेकिन में सिर्फ़ मेरे अंकल को देख सकता था। वो सिर्फ़ उनके अंडरवियर में थे और आंटी का एक हाथ उनके गले में था।

उस हाथ में मस्त चूड़ियाँ थी और आंटी का दूसरा हाथ अंकल के अंडरवियर में जा रहा था। आंटी ने फिर अंकल की गांड को ज़ोर से दबा दिया और अंकल ने जल्दी से आंटी को खींचकर साईड चेंज कर ली। अब में मधु आंटी का पिछला हिस्सा देख रहा था.. वाह मेरी किस्मत। उन्होंने सिर्फ़ ब्रा पेंटी पहनी थी। उन्होंने गहरे लाल कलर की पेंटी पहनी थी और उसी कलर की सेक्सी ब्रा पहनी थी। अंकल ने आंटी की पेंटी में हाथ डालकर उनकी गांड रगड़ने लगे.. वाह क्या गांड थी साली वो? ऐसा लग रहा था कि उसमे मेरा लंड घुसा दूँ। मादरचोद अंकल ने मधु आंटी की गांड जोर जोर से रगड़ते रगड़ते आंटी के पिछवाड़े में यानी गांड में उंगली घुसा दी और आंटी धीरे से चिल्लाकर अंकल को ज़ोर से चिपक गयी और अपनी चूत उनके अंडरवियर पर घिसने लगी।

आंटी ने फिर अंकल का हाथ निकाला और उसी हाथ को उनकी पेंटी के अंदर डाल दिया। कुछ सेकिण्ड आंटी की चूत में उंगली करने के बाद अंकल ने आंटी के ऊपर आकर उनको किस किया तो आंटी बोली कि पति देव थोड़ा जल्दी करो.. आज हम अकेले नहीं है। अंकल आहह मेरी जान तुझे अकेले कहाँ पसंद आता है.. आज में तुझे रोहित के सामने जोर जोर से चोदू क्या? तभी आंटी गरम हो गई और जल्दी से अंकल की अंडरवियर नीचे खींच दी और खुद की भी निकाल दी। आंटी की चूत इतनी गीली थी कि मुझे उनकी चिकनाई की चिप चिप आवाज़ आ रही थी। तभी आंटी ने झट से अंकल का लंड लिया और खुद की चूत में घुसा दिया और बोली कि हरामी पति रोहित के सामने क्यों चोदता है मुझे? क्या पत्नी की इज़्ज़त का ख्याल नहीं है? आआहह। अंकल बोले कि हरामी तो तू है रोहित का नाम सुनते ही जोश में आ गई रांड। आंटी बोली कि चोद ज़ोर से चोद और जोर से मादरचोद आहह चोद तेरी बीवी को और ज़ोर से चोद।

तभी अंकल ने आंटी के मुहं को दबाया और बोले कि ओहह छिनाल साली बड़ा मजा आ रहा है। आज तो में साली तुझे मार दूंगा और अंकल ने आंटी को ऊपर लिया और वो नीचे आ गये। आंटी ज़ोर ज़ोर से अंकल पर कूद रही थी और अंकल गाली और प्यार ज़ोर ज़ोर से दे रहे थे और आंटी बोली कि आह आराम से रोहित उठ ना जाए। फिर अंकल ने आंटी को बोला कि साली तुझे उससे चुदवाना है क्या? बोल तुझे खुश करने के लिए आज में बहुत मूड में हूँ। आंटी बोली कि साले सच में चुदवाउंगी ना तो आपकी गांड जल जाएगी और वो बड़ी ज़ोर से उनकी चूत को उनके लंड पर दबाने लगी। अंकल जोश में आकर आंटी को चूमते हुए मेरे और करीब लेकर आ गये। आंटी और मेरे बीच में सिर्फ़ एक उंगली का अंतर था और फिर अंकल आंटी की चूत को चाटने लगे।

उन्होंने शायद उनकी पूरी जीभ उनकी चूत में डाल दी थी। तभी आंटी का चेहरा मेरे सर के पास ही था तो में उनकी सिसकियाँ सुन रहा था। वो आआअहह उफफ्फ्फ् स्वामी और चाटो और चाटो मेरे स्वामी। तभी अंकल बोले कि आज में तुझे डरा डराकर चोदूंगा। तभी आंटी बोली कि वो कैसे? फिर वो आंटी को सरकाकर मेरे पास लाए और मैंने आंखे बंद कर दी और करीब 2 मिनट बाद मैंने अपने आस पास कुछ हलचल महसूस की और आंटी के मुहं से सुना कि आज मत करो रोहित उठ जाएगा। अंकल बोले कि वो नहीं उठ सकता है उसने दारू पी रखी है। तभी मैंने हल्के से जब 3 मिनट बाद आँखे खोली तो मेरे चहरे की साईड में आंटी का एक ही पैर दिखाई दिया.. जैसे कि वो मेरे पास में खड़ी है और में हैरान हो गया..

यह देखकर कि मधु आंटी का पैर मेरी सीधी साईड में था और एक पैर उलटी साईड में था और उनको लग रहा था कि में गहरी नींद में सो रहा हूँ और मैंने जब ऊपर देखा तो आंटी की प्यारी चूत दिखी जिसमे अंकल का टाईट लंड था। जो कि ज़ोर ज़ोर से आंटी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। वो दोनों भी मुझे नहीं देख सकते थे। आंटी के दोनों हाथ दीवार पर टिके थे.. उनकी चूत बिल्कुल मेरे मुहं के एक फिट ऊपर थी और अंकल आंटी की कमर को पीछे से पकड़कर चोद रहे थे और बोले कि कैसा लग रहा है मेरी हरामी पत्नी को भतीजे के ऊपर चुदने में? तभी आंटी बोली कि गांडू अगर भतीजा उठ गया तो माँ चुद जाएगी आअहह। वाह क्या सीन था वो.. में तो पागल हो रहा था साला में मूठ भी नहीं मार पा रहा था.. क्योंकि उनको पता चल जाता।

तभी चुदते चुदते आंटी सिसकियाँ लेने लगी.. गांडू चोद और चोद आहह आ चोद मदारचोद और चोद नहीं तो में इसके मुहं पर बैठ जाऊंगी। तभी अंकल ने यह सुनते ही आंटी की गांड पर तमाचे मारते हुए उनको और जोर जोर से चोदने लगे और आंटी की गांड में उंगली डाल दी। आंटी ने ज़ोर से गाली दी गांडू भडवे और एक हाथ अपनी चूत के पास लाकर उंगलियों से अपनी चूत की चमड़ी को खींचने लगी और पागल हो गई। अंकल और ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे और आंटी ज़ोर ज़ोर से चूत घिस रही थी और अचानक एक हादसा हुआ.. आंटी की चूत का पानी इतना बड़ गया कि उसकी एक छोटी सी बूंद मेरे होंठो पर गिर गई और मधु आंटी की चूत का पानी मेरे होंठो को छूकर मुझे और पागल कर गया। मैंने वो पी लिया। अंकल ने फिर आंटी की ब्रा को पीछे से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से चोदा।

मुझे आंटी के बूब्स देखने थे.. लेकिन उस रात नहीं देखने को मिले। अंकल ने आंटी की ब्रा को पीछे से दोनों हाथ से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से स्पीड बड़ाकर चोदने लगे और आंटी के बूब्स झूल रहे थे और वो बोल रही थी कि और जोर से चोदो में झड़ने वाली हूँ.. कमीने हरामखोर चोद चुदक्कड़ और वो दोनों झड़ गये और उन दोनों का थोड़ा सा जूस मेरी छाती और गर्दन पर गिरा। आंटी और अंकल अलग हुए तो अंकल तुरंत दारू के नशे में सो गये और आंटी ने तुरंत अपनी पेंटी से मेरे ऊपर के गिरे जूस को आराम से साफ किया और रोहित नाम से मुझे पुकारा चेक करने के लिये कि में सो रहा हूँ या नहीं.. लेकिन में सोने का नाटक कर रहा था। अब आंटी भी नंगी ही मेरे पास में मतलब हम दोनों के बीच में सो गई। दोस्तों मेने आज तक कभी अंकल आंटी को उस रात का अहसास नहीं होने दिया। तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी ।।

दीदी की मदद से मामी को चोदा

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Didi Ki Madad Se Maami Ko Choda : हेल्लो दोस्तो.. मेरा नाम रोहित है। पहले मैं अपने बारे मैं बता देता हूँ.. मेरी उम्र 20 साल हाइट 5.8″ शरीर मजबूत, लंड 7 इंच है और में नागपुर से हूँ और मेरी दीदी नेहा और मामी का नाम नीतू है और उनकी उम्र 26 साल हाइट 5.5 फिगर 38-32-38 और रंग साफ़ है तो मामा की शादी को सिर्फ़ एक साल हुआ था तो उन्हे कोई बच्चा नहीं था। में और मेरी मामी काफी फ्रेंक है.. क्योकी उनकी और मेरी उम्र में ज्यादा अंतर नहीं है.. वो मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे मे पूछती रहती थी और मुझे काफ़ी छेड़ती भी थी।

उस दिन के बाद मैंने मेरी बहन के साथ काफ़ी बार सेक्स किया लेकिन रोज रोज नहीं.. लेकिन महीने मे 2-3 बार करता था लेकिन मेरी खुशी को किसी की नज़र लग गई और मेरी मामी हमारे यहाँ 6 महीने के लिए रहने आ गई.. क्योकी मामा को ऑफिस के काम की वजह से मुंबई जाना पड़ा। जैसा मैंने बताया था कि मम्मी पापा दोनो जॉब करते है तो ज्यादातर मामी और बहन घर पर ही रहते थे और मामी की नज़र से बचते हुये हमने 2-3 बार और सेक्स किया लेकिन अब हम दोनो से रहा नहीं जा रहा था लेकिन हम कुछ कर भी नहीं सक़ते थे। एक दिन मेरा फोन मेरे रूम में ही छूट गया.. सुबह के वक़्त मम्मी पापा रोज 9 बजे ही जॉब पर जाते है तो में उसे लेने के लिए रूम में गया.. उस वक़्त मामी नहा रही थी और जैसे ही मैंने फोन उठाया तो वैसे ही मामी बाहर आई। मामी के बदन के उपर सिर्फ़ टॉवल ही था और मोटी, नंगी जांघ देखकर में पागल हो गया और मेरा लंड खड़ा हो गया।

ये सब कुछ सेकेंड मे हुआ और में मामी को सॉरी बोल कर रूम से बाहर आ गया। उस दिन मैंने सोच लिया कि मामी को चोद के रहूँगा तो मैंने अपनी बहन को इस बारे मे बताया तो वो बोली कि ट्राय करके देखते है। एक महिना हो चुका था और मामी के चेहरे पर थोड़ी उदासी थी.. क्योंकि उनकी चुदाई नहीं हो रही थी। ये मुझे मेरी बहन ने बताया.. फिर उसने मामी से बात की तो पता चला कि अब मैंने अपना खेल शुरू कर दिया.. अब जब भी में नहाने जाता तो टॉवल लेकर नहीं जाता और मामी मुझे लाकर देती और में अपनी बॉडी मामी को दिखाता और एक दिन जब मामी आई तो मैंने जानबूझ कर फिसलने का नाटक किया.. उस वक़्त मामी ने मुझे गिरने से बचाया और मेरा खड़ा लंड देख लिया और नॉटी सी हंसी देकर चली गई.. उस दिन से मामी मुझसे बहुत ज्यादा फ्रेंक हो गई।

अब वो मुझसे खूब चिपकती और कभी कभी नहाते वक़्त टॉवल भी मांगती थी और उस वक़्त थोड़े से बूब्स भी दिखाती थी। जब में घर से बाहर जाता या वापस आता तो मुझे हग भी करती थी.. अब मैंने थोड़ा आगे बड़ने की सोची और मैंने अगले दिन अपनी बहन को बाहर जाने को बोला ताकि मामी और में अकेले रहे और में उस दिन लेट उठा.. मामी कुछ बना रही थी। ये सारी बातें मेरे मम्मी पापा जब घर पर नहीं होते थे तब ही होती थी और फिर मैंने पीछे के से मामी हो हग किया.. गुड मॉर्निंग मामी।

मामी : गुड मॉर्निंग.. रोहित जल्दी से ब्रश कर लो.. में नाश्ता लगाती हूँ।

मे : ओके में जल्दी से ब्रश करके आया.. फिर नाश्ता भी किया और में फिर नहाने चला गया और मामी को पीठ घिसने बुलाया और में नंगा ही बैठा था।

मामी : ये क्या है?

मे : अरे मामी.. अब तुमसे क्या छुपाना।

लेकिन मामी ने सब जल्दी जल्दी किया और वो वहां से जाने लगी लेकिन फिर मैंने मामी को पीछे से हग करते हुये दबोच लिया और बोला.. मामी आई लव यू और मेरा खड़ा लंड मामी की गांड से चिपक गया था।

मामी : ये ग़लत है रोहित.. में तुम्हारी मामी हूँ।

मैंने मामी को सीधा किया और उनकी आँखों मे देखते हुये उन्हे बोला मामी मुझे पता है.. यू लव मी और मैंने उन्हे किस करना स्टार्ट कर दिया। अकेले में पहले वो थोड़ा मना कर रही थी लेकिन थोड़ी देर के बाद वो मेरा साथ देने लगी.. मैंने मामी का गाउन उतार दिया और मामी ने पिंक कलर की ब्रा और पेंटी पहन रखी थी। मैंने उनकी ब्रा उतारी और उनके बूब्स को चूसने लग गया.. करीब 3 मिनिट तक बूब्स चूसने के बाद मैंने उनकी पेंटी उतारी.. फिर उनकी चूत को चूसने लगा और वो मेरा सर उनकी चूत मे दबाने लगी और आह आह और लंबी लंबी सांसे भरने लगी।

यह सब कुछ 2 मिनिट तक चल रहा था। मामी बोली जानू अब मुझसे रहा नहीं जा रहा.. शांत कर दो। मेरी इस आग को.. मुझे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी दे दो। ये सुनते ही में जोश मे आ गया.. मैंने मामी की टाँगे चौड़ी की और फिर अपना लंड उनकी चूत मे लगाया लेकिन मामी की चूत थोड़ी टाइट थी। मैंने ज़ोर से धक्के दिये 3 धक्को मे मेरा लंड अंदर घुस गया.. मामी की थोड़ी सी चीख निकल पड़ी तो में 1 मिनिट तक शांत रहा और फिर मैंने चोदना शुरू किया।

मामी के मुँह से आह जानू आह की आवाज़े आ रही थी और इसी बीच में बोल पड़ा.. मामी मुझे पता है कि तुम सेक्स की कितनी भूखी हो.. मुझे दीदी ने सब बता दिया है और तब से मैंने सोच लिया था कि में अपनी मामी को वो प्यार दूंगा.. जो मामा अभी तक नहीं दे पा रहे है।

मामी : आह और जिस दिन से तेरा लंड मैंने देखा है.. में उसकी दीवानी हो गई हूँ। मन तो कर रहा था कि उस दिन जब मैंने एक बार तेरा लंड देखा.. तभी तुझसे अपनी आग बुझा लूँ लेकिन नेहा रहती है ना हमेशा ओह जानू लव यू.. मेरा निकलने वाला है तो ये सुनकर मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और हम दोनो साथ मे झड़ गये ।।

ऋतू की चूत का भोसड़ा बनाया

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Ritu Ki Choot Ka Bhosda Banaya : हैल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम राजेश अरोड़ा है और में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ। दोस्तों आज में एक अपने जीवन की सबसे अनोखी कहानी सुनाता हूँ जो मेरे साथ आज से 3 साल पहले हुई थी.. तब में एक कॉलेज में पढ़ता था और मेरे सर का थोड़ी ही दूरी पर एक प्राईवेट एजुकेशन सेंटर था तो स्टूडेंट्स पेपर के लिए जयपुर जाते थे। तब एक स्टूडेंट की अपनी कुछ समस्या के चलते जाना नहीं हो पा रहा था और इससे उसका पूरा एक साल खराब हो सकता था तो ये बात दोस्तों तक पहुंची फिर सभी ने एक सेटिंग की तो उसकी जगह कोई और भी पेपर दे सकता था। तो वो स्टूडेंट मुझे कहने लगा कि प्लीज़ मेरी जगह आप पेपर देने चले जाओ। तभी मैंने कहा कि ठीक है और फिर में जब अपने सर के साथ जयपुर पहुँचा।

फिर मेरा एक अच्छे होटल में रुकने का इंतज़ाम किया था और में वहाँ पर रुका गया। मुझे बहुत अच्छा लगा लेकिन अफ़सोस की बात तो यह थी कि वहाँ पर हमारे साथ कोई लड़की नहीं थी। तभी मैंने सर को बोला कि कहाँ बोरिंग जगह ले आए। फिर सर बोले कि सिर्फ दो दिन बाद लड़कियाँ भी पेपर देने आ जाएँगी। तभी में बहुत खुश हुआ और जयपुर का मौसम बहुत अच्छा था। हम रोज शाम को छत पर बैठ कर बियर पीते और मजे करते और फिर किसी तरह दो दिन निकल गए और सभी लड़कियाँ भी आ गई। अब तो हमारा एक बहुत अच्छा माहोल भी बन गया। सारा दिन मजे मस्ती करना और उनमे एक लड़की थी ऋतु.. जो एक स्कूल में टीचर थी.. वो भी अपने पेपर देने आई हुई थी वो दिखने में बहुत गोरी थी।

सर ने बताया कि यह लड़की चालू है और सर ने बहुत ट्राई मारी लेकिन बात नहीं बनी.. लेकिन सर बहुत उम्र के थे लेकिन उनकी मुझसे बहुत अच्छी बनती थी और हम अक्सर देर रात तक एक साथ बैठकर बातें करते थे और इसी तरह हमारा जयपुर का टूर भी खत्म हो गया और हम लोग वापस आ गये और इसी दौरान रास्ते में मैंने और ऋतु ने एक दूसरे का नंबर भी ले लिया और फिर घर आकर हम अक्सर फोन पर बातें करते थे और हमारा अफेयर शुरू हो गया। वो बोली कि मुझे आपके साथ वहीं पर चलना है जहाँ पर हम पहली बार मिले थे.. तो हम दोनों निकल पड़े चंडीगढ़ से जयपुर के लिए। हम लोग करीब दो बजे रात को वहाँ पर पहुँचे और पहुँचते ही शुरू हुआ हमारा खेल। रूम पर जाते ही हम फ्रेश हुए और हमने अपने कपड़े पहने और बेड पर आ गये।

बेड पर आते ही हमारी किस शुरू हो गई पता ही नहीं चला कि हमे कब जोश आ गया और मैंने उसे पटक कर लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया और मैंने अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डाला और उसके बूब्स बहुत अच्छे थे। थोड़ी देर में उसकी टी-शर्ट भी उतार दी और में ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को चूस रहा था। मैंने जब उसकी ब्रा उतारी तो देखता ही रह गया उसकी चूची एकदम गुलाबी कलर की थी और मैंने पहली बार किसी लड़की की चूची का दाना पिंक देखा था और उसे चूसने में बहुत मजा आया। उसके बूब्स लगभग 32 के होंगे.. लेकिन थे बहुत टेस्टी। उसके बाद में नीचे उसका लोवर उतारने लगा तो वो मना करने लगी और मैंने उसे जोर से किस किया और वो उसमे खो गई और मैंने उसका लोवर उतार दिया। ऋतु बहुत गोरी लड़की थी उसकी जांघे देखकर मेरा जोश और भी बड़ गया और मैंने एक हाथ उसकी पेंटी में घुसा दिया। उसकी चूत बहुत मुलायम थी। तभी उसकी पेंटी उतारी तो उसकी चूत के दर्शन भी हुए.. वाह क्या चूत थी उसकी और चूत बहुत टाईट थी लेकिन सर ने बताया था कि वो पहले भी चुदवा चुकी है.. लेकिन उससे मुझे क्या करना था?

तभी मैंने धीरे से उसकी चूत पर एक किस किया और वो मचल उठी और बोलने लगी कि जान अब और बर्दाश्त नहीं होता प्लीज़ अपना लंड डाल दो और वो अपना हाथ मेरे लोवर के अंदर डालने लग गई। फिर मैंने अपनी बनियान उतारी और लोवर भी और सिर्फ़ अंडरवियर में आ गया फिर उसने धीरे से मेरा अंडरवियर भी उतारा और तभी वो चोंक गई.. क्योंकि मेरा लंड थोड़ा बड़ा है और मोटा भी.. वो बोली कि जान तुम्हारा बहुत बड़ा है मुझसे नहीं होगा। तभी मैंने सोचा कि यह तो खड़े लंड पर लाठी लगने वाली बात हो गई। फिर मैंने उसे थोड़ी देर उसके पूरे शरीर को किस किया और वो अपने आपे से बाहर हो गई.. क्योंकि वो बहुत गरम हो चुकी थी और फिर वो मान गई।

तभी मैंने उसे सीधा लेटाया और एक पैर उठाया और उसकी तरफ मोड़ दिया। फिर में उसके ऊपर आ गया.. अब मैंने अपनी पोज़िशन सेट की और लंड को उसकी चूत से सटाया उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी। तभी मैंने जैसे ही थोड़ा सा दबाव डाला लंड फिसल गया और एकदम से चूत के नीचे चला गया। मैंने फिर से पोज़िशन सेट की.. उसकी चूत सही में बहुत टाईट थी.. लेकिन इस बार थोड़ा ज़्यादा प्रेशर से लंड को चूत में डाला तो मेरे लंड का थोड़ा सा मुहं अंदर चला गया और वो छटपटाने लगी और कहने लगी कि.. प्लीज़ मान जाओ ना.. आज ये सब नहीं करते है.. प्लीज। फिर में थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा और उसे अपनी इधर उधर की बातों में लगाने लगा। फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो एक और झटका मारा। मेरा लंड आधा ही गया था कि वो अधमरी सी हो गई और बहुत ज़ोर से रोने और चिल्लाने लगी और में भी थोड़ा सा डर गया और लंड को बाहर निकाला। उसके बाद उसे थोड़ी देर लेटने दिया।

फिर में सिगरेट पीने के लिए रूम से बाहर चला गया। थोड़ी देर में वो बहुत ठीक हो चुकी थी फिर में उसके पास आकर लेट गया.. वो अभी भी नंगी ही लेटी हुई थी। फिर मैंने जैसे ही उसके बूब्स दबाए मुझे फिर से जोश आ गया तो मैंने उसे दोबारा ट्राई करने के लिये लेटा ही लिया। इस बार मैंने उसके बेग से एक क्रीम निकाली और अपने एक हाथ से उसकी चूत और अपने लंड पर लगाकर लंड को चिकना कर लिया और फिर एक ज़ोर का धक्का लगाया और फिर लंड आधा ही गया था कि उसकी हालत फिर वैसी ही हो गई.. लेकिन इस बार में रुकने वाला नहीं था फिर मैंने और ज़ोर लगाकर लगभग पूरा लंड चूत के अंदर डाल ही दिया। लेकिन उसकी जैसे जान ही निकल गई। फिर में ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और उसे किस करने लगा उसके बूब्स पर, उसके होंठो पर, वो पांच मिनट में कुछ ठीक हो गई.. फिर मैंने धीरे धीरे अपना काम शुरू किया। थोड़ी ही देर में वो अकड़ कर झड़ गई और ढीली पड़ गई.. लेकिन मेरा तो मौसम अभी अभी बनना शुरू हुआ था। फिर मैंने उसे तेज तेज धक्के देने शुरू किए तो वो फिर दर्द से चिल्लाने लगी। थोड़ी देर में वो फिर से गरम हो गई और मेरा साथ देने लगी। फिर में उसके जोश को देखकर और जोश में आ गया और जोर जोर से चोदने लगा।

फिर करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद वो फिर से झड़ गई। में अभी भी झड़ने नहीं वाला था तो फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके कुल्हे पकड़ कर चोदने लगा। 15 मिनट की चुदाई के बाद वो फिर झड़ गई और अब मेरा भी होने वाला था लेकिन वो ढेर हो गई और बोली कि मुझसे अब और नहीं होगा। फिर मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और उसने मेरा पकड़ कर अपने मुहं में ले लिया और अपने मुहं में ही मुझे ठंडा किया और उसने सारा वीर्य चाटकर साफ कर दिया। फिर उसके चहरे से साफ नजर आ रहा था कि वो अब पूरी तरह संतुष्ट है और उसकी चूत में दर्द भी शायद कम हो गया था। उस चुदाई के बाद मैंने उसे वहाँ पर दो बार और चोदा और फिर हम थक कर सो गये ।।

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