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रंगीन सुहागरात

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Rangeen Suhagraat :

मेरी दीदी का नाम नीतू है, वो मुझसे तीन साल बड़ी है, उनका रंग गोरा चिट्टा है और हाँ उनके होंटों के नीचे एक काला तिल है, जिसकी वजह से वो बहुत सेक्सी लगती है! उनकी शादी एक अनिवासी भारतीय लड़के से यानि कि मेरे जीजा जी से हो गई, जो कि दुबई में नौकरी करते हैं ! दीदी उन्हीं के साथ रहती है। वैसे तो वो दोनों बहुत खुश रहते हैं मगर शादी के दो साल गुजर जाने के बाद भी उनकी कोई औलाद न होने से दीदी उदास सी रहती है!

मेरा नाम राज है मैं भी एक अनिवासी भारतीय हूँ और कनाडा में एक कम्पनी में जॉब करता हूँ। यहाँ आने से पहले मेरे माँ-बाप का स्वर्गवास हो गया था इसलिए दीदी, जीजाजी के सिवा मेरा और कोई नहीं है!

एक दिन मैं अपने जीजा जी के साथ फ़ोन पर बात कर रहा था तो बातों ही बातों में मैंने जीजा जी को दीदी के साथ अपने पास घूमने आने का निमंत्रण दे दिया। तभी जीजाजी ने यह कह कर टाल दिया कि उनको अभी छुट्टी नहीं मिल सकती, उन पर कम्पनी के काम का बहुत भार है।

थोड़ा रुकने के बाद जीजा जी ने कहा- मैं कुछ दिनों के लिए तेरी दीदी को तेरे पास भेज देता हूँ, उसकी नौकरी भी छुट गई है, सारे दिन भर घर में बोर हो जाती है, वो पहले से काफी उदास सी रहने लगी है, कुछ दिन पहले तुझे ही याद कर रही थी, शायद वो तुझको देखना-मिलना चाहती है। वैसे भी राखी का त्यौहार नजदीक आ रहा है, दोनों भाई-बहन मिल भी लेना और उसको कहीं घुमा भी देना, शायद इसी बहाने उसका मन ही बहल जाए !

मैंने कहा- ठीक है जीजा जी ! जैसा आप कहें !

और कुछ दिन बाद वो दिन भी आ गया जब दीदी मेरे पास आने के लिए दुबई से रवाना हुई। मैं भी दीदी को लेने के लिए ठीक समय पर एयरपोर्ट पहुँच चुका था। कुछ समय बाद दीदी की फ्लाईट लैण्ड होने की घोषणा हुई। मैंने अपनी आँखें एग्जिट-गेट पर जमा दी।

कुछ समय बाद मैंने दीदी को लोगों के साथ बाहर आते देखा तो मैं दीदी को देखता ही रह गया। सच क्या लग रही थी दीदी ! मैंने कभी भी दीदी को इस रूप में नहीं देखा था। उन्होंने ऊँची ऐड़ी की सेंडल पहनी हुई थी और काले रंग की फेंसी साड़ी और हाफ कट वाला ब्लैक ब्लाउज़ पहना हुआ था। ब्लाउज़ का गला काफी खुला और बड़ा होने से उनके आधे नंगे स्तन ऊपर से साफ दिखाई दे रहे थे। उनके वक्ष के ऊपर एक काला तिल था जो अलग ही चमक रहा था जैसे दूध में मक्खी !

तभी दीदी की नज़र मुझ पर पड़ी तो मैंने हाथ हिला कर उनको अपने होने का इशारा किया और दीदी ने एक हल्की सी मुस्कान देकर मेरी ओर बढ़ी और मेरे नजदीक आकर मेरे गले लगने लगी। मैंने भी मोके का फ़ायदा उठाया और दीदी की नंगी गोरी चिकनी कमर को अपने दोनों हाथों से सहलाते हुए जकड़ लिया। वहाँ खड़े सारे लोग शायद यही सोच रहे होंगे कि हम पति पत्नी हैं। फिर मैंने दीदी का सामान उठाया और हम दोनों घर की ओर चल दिए !

घर पहुँच कर दीदी फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई ( क्यूँकि गर्मी के दिन थे और मेरी दीदी को बहुत पसीना आता है और वो तो उस दिन पसीने से बहुत भीग चुकी थी) मैंने दीदी जी का सामान सेट कर दिया और थोड़ी देर बाद दीदी भी फ्रेश हो कर बाथरूम से बाहर आ गई !

जैसे ही मैंने उनको देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गई। दीदी सिर्फ पेटीकोट-ब्लाउज़ में ही बाथरूम से बाहर आ गई थी। काले पेटीकोट और ब्लाउज में उनका गोरा-गोरा अंग एकदम सोने की तरह चमक रहा था। दीदी को देख कर मेरे अंदर थोड़ी अजीब सी घबराहट होनी शुरु हो गई। मैं दीदी को न चाह कर भी देखना चाहता था ! मैं कभी दीदी के वक्ष के ऊपर विराजमान काले तिल को देखता तो कभी उनकी नंगी कमर को, तो कभी उनके नाड़े वाले नंगे हिस्से को !

तभी दीदी ने मेरे पास आकर मेरे सर में प्यार से हाथ फेर कर पूछा- किया हुआ भईया? कहाँ खो गए ?

मैं थोड़ा घबरा कर और शरमा कर बोला- कुछ नहीं दीदी ! बस मैं….. आप काले कपड़ों में बहुत सुंदर लगती हो !

दीदी समझ गई कि मैं क्यों ऐसे बोल रहा हूँ। दीदी शरमा कर बोली- भाई मैं क्या करूं, बहुत गर्मी है और साड़ी में बहुत घुटन हो रही थी, इसलिए मैंने साड़ी अलग निकाल दी!

मैं बोला- दीदी कोई बात नहीं, हम दोनों के सिवा और कोई भी नहीं है यहाँ पर ! और मैं बिल्कुल फ्रैंक लड़का हूँ, तुम निश्चिंत रहो, मैं तालिबानी जैसा भी नहीं हूँ कि जो अपनी इतनी सुन्दर दीदी को बुरके में पसंद करे !

दीदी हंस दी और बोली- भईया, तू तो बहुत शैतान हो गया है ! चल जल्दी से तू भी नहा धो ले ! आज राखी है राखी नहीं बंधवानी क्या !

फिर मैं भी बाथरूम मैं नहाने चले गया। बाथरूम में बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी। आज से पहले कभी ऐसी खुशबू बाथरूम में नहीं थी ! मैं समझ गया कि यह खुशबू दीदी के बदन की है! आज मैं इस खुशबू में समां जाना चाहता था और मैंने पहली बार अपनी दीदी के बारे में कर उनके नाम की मुठ मार दी। इसका एक अलग ही आनंद आया और जब मैं बाथरूम से नहा धो कर बाहर आया तो दीदी बोली- क्या बात है, बड़ी देर लगा दी तूने?

मैं बोला- क्या करूँ दीदी जी ! आज मेरा तो बाथरूम से बाहर आने का मन ही नहीं कर रहा था !

दीदी बोली- क्यों ?

मैं चुप रहा और मैंने दीदी को एक स्माइल दी ! दीदी भी शायद मेरा इशारा समझ गई थी और वो शरमाकर बोली- लगता है अब जल्द से जल्द तेरे लिए एक लड़की तलाशनी पड़ेगी ! बोल मेरे राजा भइया, तुझको कैसी लड़की पसंद है, मैं अपने राजा भइया के लिए वैसी ही लड़की लाउंगी !

मैं दीदी से बोला- सच !

दीदी हँस कर बोली- मुच !

मैंने तुंरत ही दीदी का हाथ पकड़ा और उनको शीशे के आगे ले जा कर बोला- मुझे ऐसी लड़की चाहिए !

दीदी थोड़ी शरमा कर बोली- पागल ऐसी लड़की लायेगा तो सुहागरात के बदले रक्षा बंधन मनाना पड़ेगा तुझे !

और जोर जोर से हँसने लगी!

मैं दीदी के पीछे की तरफ खड़ा था और दीदी मेरे आगे थी। हम दोनों भाई बहन एक दूसरे को शीशे में देख कर बातें कर रहे थे !

मैं बोला- दीदी अगर आप जैसी सुंदर लड़की मुझे मिल जाए तो मैं उससे राखी भी बंधवाने के लिए तैयार हूँ !

दीदी बोली- ऐसा क्या है मुझमें जो तू अपनी दीदी का इतना दीवाना हुआ पड़ा है ! क्या देखा तूने मुझमें ?

मैं बोला- दीदी आप गुस्सा तो नहीं होंगी ना !

दीदी बोली- मैं आज तक अपने राजा भइया से गुस्सा हुई हूँ जो अब होंऊगी !

मैं बोला- दीदी ! मैं सच में तुम्हारा दीवाना हूँ !

जब से मैंने तुम्हें एयर पोर्ट पर देखा है, मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ। पता नहीं क्यों मैं तुम्हें पाना चाहता हूँ, तुम्हें छूना चाहता हूँ, तुम्हें तुम्हारे नाज़ुक होटों के नीचे काले तिल का अहसास दिलाना चाहता हूँ !

और मैंने आव देखा न ताव ! और दीदी की गर्दन के नीचे प्यार से एक किस कर दिया। दीदी मुझे शीशे में देख रही थी और वो वैसे ही खड़े रह कर मेरे गाल पर प्यार से हाथ फेरने लगी ! मैंने भी दीदी को अपने दोनों हाथों से आगे से जकड़ लिया और दीदी ने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली जिससे मेरा थोड़ा और साहस बढ़ा और दीदी के कान में मैंने हल्की सी आवाज में ‘ आई लव यू दीदी ‘ बोल दिया और बोला- अगर आप मेरी बहन न होती तो मैं आप को ज़रूर प्रपोज़ करता ! आप कितनी सुंदर हो ! मैंने आप सी सुंदर कोई लड़की नहीं देखी ! हम भाई बहन क्यों हैं ?

दीदी ने अभी तक अपनी आँखें बंद कर रखी थी क्योंकि मैं उनके पेट पर, नाभि पर हल्का-हल्का हाथ फेर रहा था। अचानक मैंने दीदी के पेटीकोट के नाड़े की तरफ हाथ बढ़ाया तो दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और गर्दन हिला कर मना करने लगी और बोली- भईया मैं तुम्हारी बहन हूँ !

मैंने बोला- मैं जानता हूँ ! आज मैं सारे रिश्तों को भुला देना चाहता हूँ, तुम मेरी हो और मैं आज अपनी बहन की बाँहों मैं समा जाना चाहता हूँ !

दीदी बोली- किसी को मालूम चल गया तो समाज में हमारी थू-थू हो जायेगी !

मैंने कहा- हमें समाज देखने थोड़े ना आ रहा है !

दीदी चुप हो गई और कुछ सोचने के बाद मेरे से लिपट गई और रोने लगी।

मैंने पूछा- दीदी क्या हुआ? क्यों रो रही हो ?

तो बोली- मैं बहुत प्यासी हूँ ! तेरे जीजाजी से मुझे वो खुशी नहीं मिली जो हर औरत को शादी के बाद अपने पति से मिलती है !

मैं बोला- दीदी साफ साफ बताओ ना ! मैं समझ नहीं पा रहा हूँ !

वो बोली- तेरे जीजा जी मर्द नहीं हैं !

यह सुनकर मुझे तो पसीना आ गयाऔर मैं अंदर ही अंदर सोचने लगा- यानि कि दीदी अभी कुँवारी हैं और उनकी सील भी नहीं टूटी !

मैंने दीदी के आँसू को अपनी जीभ से चाट कर साफ किया और बोला- दीदी ! तुम चिंता मत करो मैं हूँ ना ! तुम बस मुझको यह बताओ कि तुम मुझको पसंद करती हो?

दीदी बोली- जान से भी ज्यादा !

क्या तुम मुझे भाई की जगह अपना पति मानोगी? मैं तुम्हें हर वो खुशी दूंगा जो तुम चाहती हो !

दीदी ने फ़ौरन मेरे होटों पर किस कर दिया और बोली- आज से तुम ही मेरे पति हो ! मेरा तन-मन सब तुम्हारा है ! जो तुम बोलोगे, वो मैं करूंगी !

मैंने दीदी को बोला- आज मैं तुमसे शादी करूंगा !

यह सुन कर दीदी जल्दी से सिंदूर और अपना मंगल सूत्र ले कर मेरे पास आ गई। मैंने उनकी मांग भर कर मंगल सूत्र उनके गले में पहना दिया।

दीदी बोली- भइया ! मैं अपने कमरे में जा रही हूँ, तुम थोड़ी देर बाद कमरे के अंदर आ जाना ! मैं तुम्हारा इन्तजार करूंगी !

और जब मैं थोड़ी देर बाद दीदी के कमरे में गया तो दीदी सज-संवर के अपने शादी के जोड़े में घूँघट ओढ़े पलंग पर बैठी मेरा बेसबरी से इंतजार कर रही थी। मैं दीदी के पास गया और प्यार से उनका घूँघट उठाया और उनकी ठुडी को अपने हाथ से ऊपर उठाने के साथ ही उनके होटों का चुम्बन ले कर बोला- ओह दीदी ! आई लव यू ! मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी !

और उनके होटों के नीचे वाले काले तिल को अपने दाँतों में बुरी तरह दबोच लिया और चूसने लगा। दीदी को दर्द हो रहा था मगर दीदी मुझ से भी ज्यादा प्यासी थी, उसे दर्द में भी मज़ा आ रहा था।

तभी मैंने दीदी के ब्लाउज़ को अपने दोनों हाथों से फाड़ दिया और उनके गोरे गोरे आम के जैसे बूब्स बाहर आ गये। मैं उनको चूसने लगा। थोड़ी देर बाद दीदी ने मेरी पैन्ट की ज़िप खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाला और अपने कोमल गोरे हाथों से उसे सहलाने लगी। कुछ देर बाद जब मेरा लंड लौड़ा बन गया तो उसको अपनी जीभ से चाटने, सहलाने लगी और होटों से रगड़ कर उसे खड़ा कर दिया !

हम दोनों भाई बहन नंगे थे, मैंने दीदी को बिस्तर में लिटा दिया और उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा।

दीदी ओह माय भईया डार्लिंग ! आई लव यू ! बोल रही थी।

मैंने अपनी दीदी को गीध की तरह नौचना शुरु कर दिया। कुछ देर बाद जब मैंने अपनी बहन की चूत में अपना लौड़ा डाला तो दीदी ने उई माँ ! बोल कर मुझको जोर से जकड़ लिया और मुझको फ्रेंच किस करने लगी और अपने दोनों हाथों को मेरे चूतड़ों पर रख कर भइया और जोर से ! और जोर से ! बोलने लगी।

कुछ देर बाद मैंने दीदी को डौगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। दीदी के गद्देदार चूतड़ को देख मैं ललचा गया और उनके चूतड़ चाटने लगा। दीदी को मैंने सारी रात चोदा !

सुबह जब मैं जागा तो दीदी मेरे लंड को चूस रही थी, मुझको प्यासी आँखों से देख रही थी और मेरा लौड़ा खड़ा करके उसके ऊपर बैठ गई और फिर दुबारा से मैंने दीदी को चोदना शुरु कर दिया।

हम दोनों चार साल बीत जाने के बाद भी हमेशा एक दूसरे के साथ सेक्स में डूबे रहते हैं।

सच अपनी बहन के साथ कितना मजा आता है, मैं क्या बताऊँ !

अब हम दोनों भाई बहन एक पति पत्नी की तरहं जिन्दगी जी रहे हैं। मेरी दीदी से मेरी एक लड़की हुई है …..!


होटल में जबरदस्त चुदाई

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Hotel Mein Zabardast Chudai :

आज मैं आपको एक स्टोरी शेयर कर रहा हू, श्रुति जिसकी मैंने चुदाई होटल में की   मेरा लंड 8″ लंबा और 4″ मोटा है. श्रुति बड़ी ही हॉट एंड सेक्सी लड़की है, मुझे उसको चोदने का मन करने लगा क्यों की मुझे जो फोटोग्राफ भेजी थी वो काफी सेक्सी थी.

मुझे देखते ही उसे चोदने का मान करने लगा. उसने बताया की वह शादीशुदा है और उसका एक 3 साल का बच्चा है… शादी को 5 साल हो गये है आफ्टर बेबी उसके हज़्बेंड के साथ रीलेशन अच्छे नही रहे और उसका पति भी उसे ढंग से नही चोदता है. ना ही उसकी तरफ ध्यान देता है. श्रुति का फिगर 34-30-38 बताया.

मैने श्रुति से पूछा की तुम कहा रहती हो और मैं तुमसे कहा मिल सकता हू. तो श्रुति बोली मैं दिल्ली के करोलबाग़ में रहती हु, उसने कहा की मुझे 2 दिन बाद कुछ काम से चंडीगढ़ जाना है और मैं वह एक होटेल मैं रुकूंगी. और वही मैं तुम्हे मिलूंगी.मैने कहा ठीक है हम आफ्टर 2 डेज़ मिलते है चंडीगढ़ मैं. और फिर हम सेक्स की बातें करने लगे. सेक्स टॉक के दौरान श्रुति सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी.

श्रुति फिंगरिंग कर रही थी और मुझे भी जोश आ रहा था और मैं भी अपना लंड पकड़ कर हिलने लगा…. श्रुति ने ज़ोर दार आवाज़ के साथ ही कहा साहिल मैं झड़ने वाली हू. आआआहह!!!! और वो झड़ गई.

आफ्टर 2 डेज़ ई रीच इन चंगीगढ़ और उसके बताए हुए होटेल पर मैं पहुंच गया.जब मैने श्रुति को देखा तो क्या मस्त लग रही थी.और उसके देख कर मैने उसे कहा की श्रुति आज तो तुम कयामत लग रही हो. लगता है जान लेने का इरादा है…उसने कहा ऐसा कुछ नही है. आज पहली बार किसी अनजान सक्स के साथ अजीब सा लग रहा है. मैने कहा क्यू घबरा रही हो जानेमन.बहुत मज़ा आएगा क्यू घबरा रही हो…उसने स्माइल कर दी… फिर हम होटेल मैं हम एक साथ गये और वाहा एक रूम बुक किया. रूम की चाबी लेकर हम रूम मैं एंटर हुए. और रूम मैं आते ही हमने समान छोडा और मैने श्रुति को पीछे से कस के पकड़ लिया और उसे अपनी और खींच लिया. उसने कहा क्या कर रहे हो रूको तो पहले समान तो रख ले. मैने कहा समान को यही रहने दो. और मेरे पास आओ. मुझे टाइम वेस्ट करना पसंद नही है…

मैने और शरमाना बिलकुल भी नही. जैसे फर्स्ट टाइम तुम अपने हज़्बेंड के साथ किया था. मुझे उससे भी ज्यादा तुम्हारे साथ प्यार करना है. और फिर मैने उसे उल्टा करके उसे बेड पर धक्का दे दिया और उसपर टूट पड़ा… और उसे लगातार किस करने लगा. मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे.क्या मस्त बूब्स थे. एक दम फुटबॉल की तरह.मैं उसे बहुत जोर जोर से चूस रहा था और निप्पल को डाट से काट कर रहा था. और जोर से प्रेस कर रहा था. वो चिल्ला रही थी. साहिल डियर दर्द हो रहा है. मैने कहा दर्द मैं ही मज़ा है जान. और फिर मैं उसे स्मूच करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. उसके दोनो हाथ मेरे बालो में थे … श्रुति की जीब मेरी जीभ से टकरा रही थी. उसकी साँसे मुझे पागल बना रही थी… उसके होंटो का स्वस्त बहुत जबरदस्त था.

फिर मैंधीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा. मेरा एक हाथ उसकी पाजामा के उपर से ही उसकी चूत पर पहुंच गया और उसे रब करने लगा. उसे मज़ा आने लगा. और उसने अपनी टाँगे चौड़ी कर ली. मेरा एक हाथ उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था. और मैं उसकी ब्रेस्ट पर क़िस्सीस कर रहा था.मैने उस उठा कर उसकी कमीज़ उतार दी. उसने काली ब्रा पह्न रखी थी. आस्क फुटबॉल जैसे बूब्स ब्रा मैं क़ैद थे. मुझसे रहा ना गया तो मैने उसे पलट कर उसकी ब्रा के हुक को अपने मूह मैं दल कर खोलने लगा. उसे सरसराहट सी होने लगी. श्रुति ने कहा साहिल गुदगुदी हो रही है. हाथ से खोल दो. मैं हुक खोलने मैं मस्त था. और फिर मैने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया. उसके बड़े बड़े निपल. उसे सिद्धा करके मैने उसके बूब्स को फिर से अपने मूह मैं पूरा ड़ाल लिया और उसके निपल को चूसने लगा. .

धीरे धीरे मैं और नीचे बढ़ने लगा उसकी नेवेल बहुत गहरी थी. उसके अपनी जीब गुसा कर चूसने लगा. उसने मेरे सिर पर अपना हाथ रख कर दबाने लगी. और उसे गुदगुदी हो रही थी. फिर मैने उसकी पाजामा का नडा खोल दिया और एक ही जटके मैं उसकी पाजामा को उसकी टॅंगो से अलग कर दिया. उसने ब्लॅक कलर की ही पेंटी पहनी थी. ट्रॅन्स्परेंट टाइप. बिल्कुल छोटी सी. जिससे उसकी फूली हुई चूत नज़र आ रही थी. मैने उसकी चूत पर हाथ फेरा और अपने होंटो से उसकी पेंटी के उपर से ही उसकी चूत को चूमा. उसकी पेंटी गीली हो गई थी… और एक बार श्रुति झड़ भी गई थी…फिर मैने उसकी पेंटी को भी खोल दिया… श्रुति अब मेरे सामने पूरी नगी थी.

वो किसी भी रूप से एक बचे की मा नही लग रही थी. काफ़ी मेनटेन रखा है उसने अपने आपको. मैने उसकी टाँगे उठाई. और अपनी जीब उसकी चूत मैं धीरे धीरे गुमाने लगा. और उसकी गीली चूत की चाटने लगा. क्या स्वादिस्ट चूत थी. ह्म्‍म्म्मम. उूउुआअ. बहुत मज़ा आ रहा था उसकी चूत का बहता हुआ पानी पीने का. उसने अपनी कमर उपर उठा कर मेरे मूह को कसकर अपनी चूत पर दबा दिया… मुझे और जोश आने लगा. मैने अपनी जीब पूरी बाहर निकल कर श्रुति की चूत की गहराई मैं गुसा दी.

और फिर उसकी चूत के दाने को अपने दातो मैं दबा कर. जोर जोर से काटने लगा. श्रुति चिल्लाने लगी आआआहााहह… साहिल दर्द हो रहा है. डियर चाटो काटो मत . पर मैं उसके दाने को दंटो मैं दबा कर काट रहा. और उसकी चूत का पानी लगातार बहता जा रहा था… जिसे मैं अपनी जीब से साफ कर रहा था. और मज़े लेकर पी रहा था….तब उसने अपने सरीर को कसना सुरू कर दिया और मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर कसकर दबाद दिया और आआअहह!! की आवाज़ निकलते हू झड़ गई. मैने उसकी चूत को साफ कर दिया. फिर मैने अगले राउंड के लिए तैयार हो गया. उसकी चूत भी काफ़ी टाइट थी. ज्यादा चुदी ना होने के कारण वो कुंवारी ही लग रही थी….

मैने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए… श्रुति मेरा लंड देख कर पागल सी हो गई. मैने अपना लंड उसके हाथ मैं दे दिया और उसे चूसने को बोला. श्रुति ने भी बिना डियर किए अपने मूह मैं ड़ाल लिया और लॉलिपोप की तरह चूसने लगी. मैने उसके बालो को पकड़ कर अपने लंड को उसके गले तक उतार दिया.

और उसके मूह को जोर से ढके मार कर चोदने लगा. लगातार उसके मूह को चोदने के बाद मैं उसके मूह मैं ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गई…मैने उसे दोआबारा स्मूच करनी सुरू कर दी. उसने मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैने श्रुति को अपनी टाँगे खोलने को कहा. उसने अपनी टाँगे खोली… मैने उसकी टाँगे उपर की तरफ उठाई और अपने दोनो हटो की उंगलियो से उसकी चूत को फैला करने लगा… उसकी चूत को खोल कर अंडर तक झाँकना था… श्रुति ने पूछा क्या कर र्हे हो साहिल. मेरी चूत को चीरने का इरादा है क्या. मैने कहा मैं चूत की गेह देख रा हू. कितनी लाल है तुम्हारी चूत अंदर से.

और फिर मैने अपना पूरा मूह उसकी चूत की गहराई मैं रख कर चूमा और फिर मैं उसके उपर आ गया और और उसकी टाँगे उठा कर अपने शोल्डर पर रख दी. और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मारा और अपना सारा लंड उसकी चूत की गहराई मैं घुसा दिया. पहले भी चुदी होने के कारण उसे ज्यादा तकलीफ़ नही हू. पर उसकी चीख निकल गई. काफ़ी टाइम से ना चुदबाने के कारण उसकी चूत टाइट थी…मैने धीरे धीरे उसे धक्के मारना सुरू कर दिए. उसे भी मज़ा आने लगा. वो भी अपनी कमर उछाल उछाल कर चुदबाने लगी… मैं अपने धक्को की स्पीड और तेज कर दी. लगातार तेज तेज धक्के मारने लगा. 10 मिनट तक चोदने के बाद मैने उसे घोड़ी बनने को कहा. और वो घोड़ी बन गई.

फिर मैने उसे घोड़ी बना कर चोदा . 5 मिनट तक उसे घोड़ी बना कर चोदने के बाद. फिर उसे अपने उपर बैठने को कहा. और उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत मैं डाला और उपर नीचे उछालने लगी. मुझे भी मज़ा आने लगा. फिर मैने उसकी कमर के नीचे हाथ रखा और नीचे से लगातार धक्के मरने लगा. और आफ्टर १० मिनट के बाद मैं झड़ने लगा तो मैने उसे पूछा की कहा छोड़ू अपना पानी. उसने कहा मेरी मूह मैं छोड़ो. फिर मैने ढके तेज सुरू कर दिए. और लास्ट 3-4 ढाको मैं मैने उसे उठने को कहा और फिर मैं उसके मूह मैं झड़ गया और वो मेरे लंड का सारा पानी पी गई. और उसने अपने मूह से मेरे लंड को साफ किया. और फिर मैने उसकी बगल मैं लेट गया. उस दिन मैने उसे 3 बार चोदा, और वो बोली की देखो तुम मुझे नेक्स्ट टाइम जब भी चोदने का हो मुझे ५ दिन पहले बता देना मैं नौकरी की इंटरव्यू के बहाने मैं दिल्ली के आस पास या तो दिल्ली में ही एक दिन के आ सकती हु. अब नेक्स्ट प्लानिंग मेरी है ग़ज़िआबाद में चोदने का, मैं आपको ये कहानी भी जल्द ही पोस्ट करने बाला हु.

बंद कमरे में स्टूडेंट की मां की चूत चुदाई की

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Band Kamre Mein Student Ki Maa Ki Choot Chudai Ki :

नमस्कार मित्रों! मेरा नाम रवि चैधरी है। मैं 23 साल का हूँ और भोपाल के पास एक छोटे से गांव से हूँ। और भोपाल के हबीबगंज इलाके में किराये का रूम लेकर रहता हूँ और पास के ही काॅलेज से बीएससी कर रहा हूँ। मैं पार्ट टाइम में अपने आस पास के मोहल्ले में होम ट्यूशन भी देता हूँ। तो दोस्तों आज मैं आपको जो पार्न स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ उसमें मैंने अपने स्टूडेंट की मां की चूत चुदाई की।

दोस्तों, मैं अपनी स्टोरी पर आता हूँ और विस्तार से बताना शुरू करता हूँ। तो बात ऐसी है कि मैं पास में ही एक होम ट्यूशन देने जाता था। बच्चा इंग्लिश मीडियम की आठवीं क्लास का था। मैं उसे बहुत मेहनत से पढ़ाता था और उसके पेरेंट्स मुझसे बहुत खुश थे। लेकिन अचानक एक दिन बच्चे के पिता का ट्रांस्फर दूसरे शहर हो गया और मुझे फोन करके पढ़ाने के लिये मना कर दिया। पर मेरे व्यवहार को देखते हुये उन्होंने मुझे एक पता दिया जो उनके किसी रिश्तेदार का था और कहा कि उस पते पर चले जाना क्योंकि उनको एक होम ट्यूटर की जरूरत थी। और मैं अगले दिन उनके बताये हुये पते पर पहुंचा और डोरबेल बजायी। और दरवाजा एक तीस साल की युवती ने खोला जो शायद बच्चे की मां थी, एक मिनट तो मैं उन्हें निहारता ही रहा, क्योंकि वह थी ही इतनी टनाटन माल।

गोल फेसकट वाला दूध सा उजला चेहरा और भरे भरे गाल, गुलाब की पंखुड़ियों से उनके होठ और माथे पर छोटी सी लाल बिंदी तो कयामत थी। पर्फेक्ट ट्रिम्ड शेप वाली बाॅडी, और उस पर 32 इंच की कमर, उनकी ब्यूटी को और भी बढ़ा रही थी। लेकिन मैंने अपने आप को संभाला और फिर अपना परिचय दिया तो उन्होंने मुझे अंदर बुला कर बैठाया। मैंने उनको अपने बारे में पूरी जानकारी दी और थोड़ी बातचीत की, उनका नाम नेहा था, फिर वह मुझे उनके बच्चे को पढ़ाने के लिये राजी हो गयी क्योंकि उनके रिश्तेदार मेरी तारीफ पहले ही उनसे कर चुके थे। फिर अपने बच्चे को बुलाया, जो फोर्थ क्लास में था और करीब सात साल का था

और उसका नाम उत्कर्ष था। इसके बाद उन्होंने मुझे अगले दिन से शाम को पढ़ाने का समय दे दिया। मैं तुरंत राजी हो गया क्योंकि उनकी ब्यूटी के आगे मैं फेल हो चुका था, मैं तो उनके बेटे को फ्री में भी पढ़ाने को तैयार हो जाता। और इस तरह अगले दिन से मेरा ट्यूशन का रूटीन शुरू हो गया। और पूरी मेहनत से उनके बच्चे को पढ़ाने लगा लेकिन जब भी वे मुझे ट्यूशन के दौरान चाय वगैरह देने आती तो मैं धीरे से उनको तड़ लिया करता और फिर वे अपने दूसरे रूम में चली जाती थी। करीब बीस दिन हो चुके था और उनको तड़तेहुए उन पर पूरी तरह मोहित था। इस बीच अब तक मैंने उनके पति को नहीं देखा था, शायद वह कोई प्राइवेट जाॅब करते थे और इसी कारण घर लेट आते थे।
रोज की तरह मैं अगले दिन ट्यूशन के लिये गया और बच्चे को पढ़ाने लगा। कुछ देर बाद वे मेरे लिये चाय लेकर आयी। कयामत तो उस समय आयी जब वह चाय का कप मेरी टेबल पर रखने के लिये झुकी तो साड़ी का पल्लू उनके कंधे से सरक गया और उनके गहरे कट वाले ब्लाउज से आधे से ज्यादा बाहर झांकते हुये गोल मटोल बूब्स मेरी आखों के सामने थे।

और मेरी भी नजरें उन पर गढ़ गयी और मेरे सेक्सी अरमान मचल गये। इसी बीच नेहा आंटी ने मुझे देखा और धीरे से पल्लू उठाते हुये मुस्कुरा कर चल दी। यह हमारे बीच वाली नजदीकियों की शुरूआत थी। क्योंकि उस किस्से के बाद उनके लटके झटके धीरे धीरे बढ़ने लगे, और मैं समझ गया कि वह भी मेरे हट्टे कट्टे शरीर की ओर आकर्षित हो रही थी। और इस तरह कुछ ही दिन बाद हम बातों बातों में करीब आने लगे। और मेरी नेहा आंटी की चूत मारने की बेताबी और बढ़ने लगी और धीरे धीरे उनके अंदर भी जोश जगाने की कोशिश करने लगा। और एक दिन वह सुनहरा मौका आ गया। रोज की तरह मैं उस दिन भी ट्यूशन पढ़ाने के लिये नेहा आंटी के घर पहुंचा। उस समय उत्कर्ष सो रहा था और उनके जगाने पर वह रोने लगा तो उन्होंने कहा कि आज मत पढ़ाइये,फिर मैं जाने लगा तो बोली कि चाय पी लो और चायबनाने किचेन में चली गयी। फिर मैं भी उठकर किचेन में चला गया और वहीं खड़े होकर उनसे बातें करने लगा।

और फिर धीरे से उनके गाल पर किस कर दिया। पहले तो वह मुझे गुस्से से घूरी पर मुस्कुराकर अपना काम करने लगी। और मैं समझ गया कि उनकी सहमति हां में है। और झटके से उनको अपनी ओर खीच कर उनके होठों को दबाकर जोर से किस कर दिया, पर उन्होंने मुझे धक्का देकर दूर कर दियाऔर चाय को बीच में छोड़कर गैस बंद करके किचेन से बाहर चली गयी। इस पर मैं भी घबरा कर उनकी ओर दौड़ा कि कहीं वे नाराज तो नहीं है। निकल कर देखा कि वे धीरे से उस कमरे की कड़ी बंद कर रही थी जिसमें उत्कर्ष सो रहा था। और मेरे कुछ समझने से पहले ही मेरे पास आकर मेरी शर्ट का काॅलर पकड़ कर मुझे अपने बेडरूम में लाकर अपने बेड पर ढकेल दिया और दरवाजा बंद कर लिया। और मेरे देखते ही देखते अपनी साड़ी उतार दी।

अब मुझे यह समझने में जरा भी देर न लगी नेहा आंटी भी चुदने के लिये उतनी ही उतावली हैं जितना मैं उनकी चूत में अपना लंड पेलने के लिये बेकरार था। और बिना एक पल रूके मेरे ऊपर चढ़कर मेरे होठों को चूमने लगी तो मैं भीउनका साथ देने लगा और चूमने लगा। और हमारी जीभें आपस में लड़ने लगी। और उनको चूमते हुये अपने हाथों से उनकी ब्लाउज खोल दिया और पीछे हाथ डालकर ब्रा के हुक खोलकर उसे भी हटा दिया। अब उनके सेब जैसे बूब्स हवा में लटक रहे थे। फिर मैंने उनके बूब्स को दबाना और निपल्लों को मसलना शुरू कर दिया जिसके कारण उनकी बाॅडी फड़फड़ाने लगी। और हम एक दूसरे को बेतहासा चूमने में बिजी थे और तभी मैंने अपनी शर्ट और बनियान उतार दी। इसके बाद नेहा आंटी मुझे चूमते हुये नीचे नाभी तक उतर आयी और खुद ही मेरी पैंट खोलकर मेरी अंडरवियर में अपना हाथ डालकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। अब मेरा आठ इंच लंबा और करीब दो इंच मोटा पूरी तरह से तन कर टाइट हो चुका लौड़ा हवा में लहरा रहा था। जिसे देखकर नेहा आंटी की आंखें चकाचैंध हो गयी।

और बिना इंतजार किये उसे अपन मुंह में लेकर जोर जोर से माउथ फकिंग करने लगी और मेरी वासना की भूख को और बढ़ाने लगी। फिर इसके बाद हम दोनों की गर्मी बढ़ने लगी और आंटी चुदने के लिये तैयार थी। इसलिये खुद सारे कपड़े उतार कर नंगी और मैं भी नंगा हो गया।उनकी चूत से पानी निकल रहा था और वह एक बार झड़ चुकी थी। फिर वे मुझसे बेड पर लेटने को बोली तो मैं सीधा लेट गया और मेरा लंड तन कर हवा में खड़ा था। और फिर नेहा आंटी मेरे ऊपर बैठ गयी और गीली अपनी चूत के मुहाने को मेरे लंड पर रख दिया जिससे मुझे लंड का सुपाड़ा उनकी गर्म चूम में घुसने का अहसास हुआ और आंटी भी थोड़ा सिसक गई।

लेकिन मुझसे बर्दास्त न हुआ और मैंने उनकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर उन्हें नीचे ढकेल लिया और मेरा पूरा लंड उनकी करारी चूत को फाड़ता हुआ बच्चेदानी से टकरा गया और वे दर्द से चीख पड़ी। पर कुछ देर बाद उछल उछल कर अपनी चूत चुदवाने लगी। और फिर हम दोनों चुदाई का मजा लेने और मैं उनकी चूत में ही झड़ गया। जब दोबारा मेरा लंड खड़ा हुआ तो मैंने इस बार उनको कुतिया बनाकर डाॅगी स्टाइल में करीब 30 मिनट तक चोदा। और चुदाई के भरपूर मजे लूटे। चुदाई करते करते दो घण्टे कब बीत गये पता ही नहीं चला। शाम हो चुकी थी और इसके बाद हमने कपड़े पहन लिये और फिर तुरंत ही मैं वहां से निकल आया।

तो दोस्तों इस तरह मैंने अपने स्टुडेंट की मां की चूत मार कर मजे लिये। मेरी यह स्टोरी पढ़ने के लिये थैंक्स। फिर मिलेंगे अगली स्टोरी के साथ।

मकान मालकिन की सहेली की फड़कती चूत चोदी

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Makan Malkin Ki Saheli Ki Fadakti Choot Chodi :

नमस्कार दोस्तों! मैं अमन, मेरे पुराने पाठक तो मुझे जानते ही होगें। और अपने नये पोर्न स्टोरी पाठको को मेरा परिचय यह है कि मैं साउथ दिल्ली से हूं और एक किराये के मकान में रहता हूं। दोस्तों आप को पता ही होगा कि कैसे मैंने अपनी मकान मालकिन की चुदाई की थी और अपने अड़ियल लंड से पूरी रात चोद कर उनकी चूत की गर्मी शांत की थी। और उस दिन से वह मेरे लंड की दिवानी हो गयी और जब कभी भी मौका मिलता तो वे चुदने के लिये मुझे बुला लेती थी और मैं भी उनकी भरपूर चुदाई करता था।

और इस तरह मैंने उसे पूरा रंडी बना दिया।
पिछले गुरूवार की बात है, उस दिन फिर आंटी अकेली थी, क्योंकि अंकल की शिफ्ट बदल चुकी थी। और वे रात को आॅफिस चले गये । और फिर आंटी चूत खुजलायी तो उन्होंने मुझे ही याद किया। दोस्तों अब मैं एक ही चूत चोद चोद कर ऊब चुका था पर आंटी की भूख शांत ही नहीं होती। लेकिन वह मेरी मकान मालकिन हैं, इस कारण मैं उनको मना भी नहीं कर सकता था और जब भी वे बुलाती मुझे जाना पड़ता। और उस दिन भी ऐसा ही हुआ। मैं उनके कमरे में गया तो वह ब्रा और पैंटी में अपने बेड पर लेटी थी। मैं चुपचाप जा कर उनके पास बैठ गया तो उन्होंने मेरा लंड निकाल लिया और उससे खेलने लगी पर मैंने कोई हरकत नहीं की, इसलिये वह जल्द ही समझ गयी कि आज मैं उन पर खास ध्यान नहीं दे रहा था। और मुझसे बोली कि आखिर बात क्या हैं, तो मैंने भी अपने दिल की सारी बात उनको बता दी।

इस पर वे हंस कर बोली कि बस इतनी सी बात। इसके बाद वे बोली कि उनकी एक दोस्त है, जिसका नाम मोना है। उन्होंने उसको हमारी चुदाई का किस्सा बताया था, और तब से वह मेरे लंड के दर्शन करना चाहती है। और उन्होंने कई बार आंटी से मुझसे मिलने के लिये कहा। यह सुनते ही मैं खुशी से उछल गया, और आंटी से बोला कि प्लीज आंटी एक बार मिलवा दो ना। तो वह बोली कि ठीक है, मैं उसे कल शाम को बुला लूंगी। यह सुनकर मेरे ठंडे पड़े शरीर में जान आ गयी और आंटी की सहेली के बारे में सोचते हुये रात भर मैंने आंटी की खूब चुदाई की और हमेशा की तरह सुबह होने से पहले चुपचाप छत पर आकर अपनी चारपाई पर सो गया। अगला दिन शुरू हुआ, मैं उठा, पर मेरे दिमाग में आंटी की बात गूंज रही थी और पूरी शिद्दत से उनकी फ्रेंड मोना के आने का इंतजार कर रहा था। और इस तरह इंतजार में पूरा दिन पहाड़ जैसा लग रहा था। इस बीच मैं कई दफें मकान मालकिन के कमरे के चक्कर काट चुका था। और दोपहर को जब मैं उनके पास गया तो आंटी ने मुझसे कहा कि जब मोना आये तो उसे यह पता न चले कि मैं पहले से उसके बारे में जानता हूं ।

तो मैंने उनकी सारी बात समझ ली और हां में सिर हिला दिया और फिर अपने रूम में वापस चला आया। और पढ़ाई करने लगा पर मेरा मन पढ़ने में भी नहीं लग रहा था और इस तरह धीरे धीरे शाम हो गयी। करीब छः बजे थे और मैं यह देखने के लिये मकान मालकिन के कमरे की ओर बढ़ा कि उनकी दोस्त मोना आयी है, या नहीं। और जैसे ही मैं उनके डोर पर पहुंचा तो मुझे आंटी के साथ किसी अन्य महिला की आवाजें आ रही थी। मैं तुरंत ही समझ गया कि वह उनकी दोस्त मोना है। पर आंटी के कहे अनुसार अंजान बन कर मैंने अंदर प्रवेश किया, तो देखा कि आंटी और उनकी फ्रेंड सामने सोफे पर बैठी थी। मैं चुपचाप बहाने से उनके पास गया और बोला कि आंटी मैं बाजार जा रहा हूं, आपको कोई काम तो नहीं है। उन्होंने कहा नहीं है, फिर जैसे ही मैं मुड़ा तो आंटी ने पीछे से मुझे आवाज लगाई, तो मैं पलट गया। और उसके बाद उन्होंने मेरा परिचय अपनी फ्रेंड मोना से कराया और तब मैंने मोना को भरपूर नजरों से निहारा। साली एक नंबर माल थी ऊपर से लेकर नीचे तक, और उसके हुस्न का झटका का मुझे ऐसा लगा कि मेरा लंड भी पैंट के अंदर से फड़फड़ाने लगा पर फिर मैंने किसी तरह उसे थाम लिया। वह बहुत ही गोरी बिल्कुल वन टच माल थी और देखने में उम्र करीब 28 साल की लग रही थी।

गोल गोल बूब्स से भरी उसकी छाती और भरे भरे गालों के साथ उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। और होठों की बनावट तो ऐसी थी, अगर कोई एक बार उनका रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मोना डार्लिंग की खूबसूरती के आगे मेरी मकान मालकिन भी भीकी थी। उनका बेहद टाइट कसा कुर्ता उनकी मस्त बत्तीस इंची कमर पर चिपका था। फिर आंटी ने मुझे सामने सोफे पर बैठने को कहा तो मैं बैठ गया और इस तरह हम तीनों आपस में गपशप करने लगे। और बीच बीच में मोना आंटी मुझे तिरछी नजरें से तड़ लेती थी और मैं भी आखों ही आखों में उनके शरीर के हर हिस्से को निहार रहा था। जब वह पैर पर पैर रख कर बैठी थी तो कुर्ते के किनारों से दिखती उनकी मांसल जांघे और भी ज्यादा सेक्सी थी। और इस तरह हमनें खूब बातें की और लगभग एक घंटे बाद आंटी किचेन में खाना रेडी करने चली गयी और मोना भी जाकर उनका हाथ बटानें लगी, तो मैं भी वापस अपने कमरे में आ गया और रात होने का इंतजार करने लगा।

रात को खाना खाने के बाद मैं हमेशा की तरह बाहर चारपाई बिछाकर लेट गया और मोना आंटी की याद में आसमान को देखकर करवटे बदलते रहा। और दस बजे के आस पास मैं धीरे से आंटी के कमरे में गया और पूछा कि मोना कहां है तो आंटी ने बताया कि वह बगल वाले कमरे में सो रही है, यह सुनकर मैं मोना के कमरे की ओर बढ़ा और मकान मालकिन अपने बच्चों के साथ फिर से सो गयी। मैंने बिना आहट किये मैंने मोना के कमरे के डोर को धक्का दिया तो वह खुल गया। और मैं भी यह समझ गया कि उन्होंने भी चुदने की पूरी व्यवस्था कर रखी थी। और फिर मैं बेड की ओर बढ़ा तो मैंने देखा कि मोना आंटी करवट लिये लेटी थी और उनके बदन पर एक हल्की क्रीम कलर की नाइटी थी जिसमें से उनकी बाॅडी के सभी उभार बखूबी दिख रहे थे। फिर मैंने अपनी शर्ट और लोवर उतार दी और बेड पर जाकर उनसे सट कर लेट गया। और कमर मैं हाथ डालकर उसे सहलाते हुये सीमा मेरी जान बोला ताकि अगर कुछ गड़बड़ी हो मैं यह कह सकूं कि मैं उन्हें सीमा आंटी समझ रहा था और बच सकूं क्योंकि सीमा मेरी मकान मालकिन का नाम था।

और फिर मैंने अपने हाथों को ऊपर करते हुये उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। इस पर भी मोना आंटी चुपचाप अपनी करवट लेटी रही और मैं समझ गया आज वह पूरे चुदने के मन आयी है। और उनकी खामोशी को हां समझ कर मैंने उनके बूब्स को और जोर से मसलना शुरू कर दिया तो धीरे धीरे उनकी सिसकियां निकलने लगी। इसी बीच मेरा लंड भी अपना आकार बढ़ाने लगा और उनकी फूली गाड़ से टकराने लगा। आज बहुत दिन बाद मेरा लंड किसी नई और हरी भरी गाड़ से टकरा रहा था। फिर मैं उनको सीधा करके जब मैं उनके होठों के पास पहुंचा तो जानबूझ कर झटके से उठकर उनसे अलग हो गया और बोला कि मोना आंटी आप हैं, मैं तो अपनी मकान मालकिन को समझ रहा था और साॅरी बोलकर झूठे मन से कमरे के बाहर आने लगा तो मोना ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे रोक लिया और बोली कि ऐसा क्या तुम्हारी सीमा आंटी में जो मुझमें नहीं, मैं भी स्मार्ट हूं, जवान हूं और अगर मैं चाहू तो मेरे पीछे भी लड़को की लाइन लग जाये, पर मैंने सीमा से तेरी बहुत तारीफ सुनी थी इसलिये मैं तेरे पास आयी हूं और इतना कहते ही वह मेरे पास आयी और मेरे कंधो में अपने हाथ डालकर अपने रसीले होठों को मेरे होठों पर रख दिया और धीरे धीरे से चूमने लगी।

अब मैं भी मन ही मन खुश था क्योंकि मेरा प्लान एकदम सही रास्ते पर जा रहा था। पर फिर भी मैंने जानबूझ कर कोई रिसपांस नहीं दिखाया तो मोना आंटी ने मेरे होठों को दबाना शुरू कर दिया तो फिर मुझसे न रहा गया और मैं भी उनका साथ देने लगा और उनके होठों को दबाकर चूमने लगा। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उनको बेड पर लाकर पटक दिया और उन पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा। और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

(TBC)…

कजिन भाभी की रात भर चुदाई की

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Cousin Bhabhi Ki Raat Bhar Chudai Ki :

नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम नीरज है। मैं आगरा उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं 26 वर्ष का करीब 6 फिट, गेरूवे रंग का नौजवान हूँ। लेकिन मैं इलाहाबाद में वकालत की पढ़ाई के लिए अपने कजिन भाई के घर उनके साथ रहता हूँ। मेरे कजिन भाई शादीशुदा हैं और उनकी एक 5 साल की बेटी भी है। भाई जी एक सेल्स कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर हैं और भाभी एक हाउस वाइफ हैं। तो दोस्तों मैं आज आपको अपनी भाभी के साथ बितायी गई चुदाई भरी रात का सच्चा वाकया सुनाने जा रहा हूँ।

तो बात उस समय की है, जब मेरा लाॅ का पहला सेमेस्टर चल रहा था, और मैं देर रात तक पढ़ाई करता था। भईया और भाभी मेरी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखते थे, और हर समय मेरी जरूरत और खानपान का सामान मुझे देते रहते थे। इसी क्रम में भाभी का मेरे आस पास रहना मुझे भाने लगा। भाभी बहुत ही सरल स्वभाव की थी, इस कारण जल्द ही मेरा आकर्षण उनकी ओर बढ़ने लगा। जब कभी मैं पढ़ते हुए कुर्सी पर ही सो जाता था तो वह मुझे जगाती और बेड पर सोने को कहकर चली जाती। और रोज भोर होते ही मेरे कमरे में आकर मुझे उठाया करती थी। अब मैंने भी उनके शरीर के कई हिस्सों पर अपनी आँखे गढ़ानी शुरू कर दी। और जब कभी भी मैं उनको बाथरूम से नहाकर निकलते हुए गीले बालों में और हल्के लिबास लिपटे उनके बदन को देखता तो देखता तो चाह कर भी अपने वासनाओं से भरी इच्छाओं को रोकने में असमर्थ सा हो जाता था।

समय बीतने के साथ ही साथ भाभी मेरे उनके प्रति बदलते इरादों को भाँपने लगी पर न जाने क्यों मुझसे आँखे मिलाने से कतराने लगी। लेकिन उनका छिपी निगाहों से मेरे लंबे चैड़े कठे बदन को निहारना और अनचाही कामनाओं से भरी उनकी आँखे मुझे बेचैन कर रही थी, क्योंकि मुझे उनमें कुछ अधूरेपन का अहसास दिखने लगा था। क्योंकि भईयाके ऊपर कम का दबाव ज्यादा रहता था और वे भाभी को पर्याप्त समय नहीं दे पाते थे। और इसलिए मैंने नये नये बहाने बनाकर उनसे बातें करना शुरू किया, और उनकी दबी हुई कामनाओं को कुरेदना शुरू कर दिया। और जल्द ही भाभी सेक्स से भरे अरमानों को समझने लगी। इसी बीच एक दिन मैंने देखा कि भाभी रसोई में खाना तैयार कर रही थी और भईया बाथरूम में थे। मैं बिना आहट किए रसोई में गया और पीछे से भाभी को कस कर अपनी बाहों में भर लिया और उनके गले को पीछे से चूमने लगा, अब भाभी के बदन में भी हरकत सी होने लगी। फिर मैंने अपने हाथ को भाभी के ब्लाउज में डालना शुरू किया तो भाभी ने मेरे हाथ को बीच में ही रोकते हुए झटके से मुझे अपने से अलग कर दिया, क्योंकि भईया ने बाथरूम से तौलिये के लिए बुलाया और हम दोनों ही बिना आँखें मिलाए अलग हो गये। इतना सब कुछ हो जाने पर हम एक दूसरे की भावनाओं को समझ चुके थे।

फिर भी इसके बाद भाभी ने मुझसे दूरियां बना ली। पर मैंने हार नहीं मानी और उनके पास जाने के बहानें ढूढने लगा। और कुछ दिनों बाद मुझे यह मौका मिल ही गया, क्योंकि भईया को 2 दिन के लिये मीटिंग के सिलसिले में बाहर चले गये। अब घर में मैं भाभी और उनकी बेटी थी। उस दिन भी पूरे समय भाभी मुझसे दूरी बनाये रहीं। और अब मैं भी खाना खाने के बाद चुपचाप अपने स्टडी रूम में आकर पढ़ने लगा। और करीब 10 बजे उनकी बेटी के सोने के बाद भाभी मुझे दूध देने के लिये मेरे स्टडी रूम में आयी, और जैसे ही भाभी ने दूध का गिलास मेज पर रखा, हम दोनों की आँखें एक दूसरे से टकरा गई। भाभी हल्की नीले रंग की कसावदार नाइटी पहनें थी, और मैं अपने प्रवाह को नहीं रोक सका, भाभी के पलटते ही मैंने उनका हाथ पकड़ लिया। फिर उन्होंने हाथ छुड़ाने का प्रयास किया तो मैंने तेज झटके से उनको अपनी ओर खींच लिया और बिना कुछ सोचे समझे उनके होठों को अपने होठों से चूमने लगा। भाभी ने मुझे धक्का देकर दूर करने की कोशिश की लेकिन मेरी शक्ति के आगे उनका जोर न चला। और मैंने उन्हें चूमते हुए पूरी तरह से अपनी बाहों में उठा लिया।

अब भाभी की भी वासना की आग भड़क चुकी थी, और वे भी मुझे बाहों में भरकर चूमने लगी। भाभी का साथ मिलते ही मैंने उनको बेड पर गिरा लिया। और उनके होठों, गालों और गले पर किस करने लगा। और नाइटी में उभरे उनके बूब्स को चूसने लगा और उनकी नाइटी को धीरे से ऊपर की ओर सरकाने लगा। मैंे भाभी की नरम नरम टांगों और जांघों को सहलाने लगा, और भाभी सिसकियां लेती हुई मचलने लगी। फिर मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी और साथ ही भाभी की नाइटी भी। अब भाभी के शरीर पर सिर्फ ब्रा और पैंटी थी। मैं पैंटी के ऊपर से भाभी की चूत को सहलाने और चूमने लगा, और अपने एक हाथ से भाभी के सख्त मम्मों को दबाने लगा। भाभी का गोरा बदन गजब का नशीला कर देने वाला था। और मैंने जल्द ही उनके शरीर से बचे हुए कपड़े भी हटा दिये। अब भाभी पूरी नंगी थी। मैं भाभी के होठों को कस कर चूमने लगा और उनकी चूत को फिंगर टच देने लगा। अब भाभी ने भी मदहोश होना शुरू कर दिया और एक हाथ से अपने मम्मों को दबाने लगी और एक हाथ मेरी पीठ पर फेरने लगी। और जैसे ही भाभी के चूत से पानी निकलने लगा मैं तुरंत उनकी चूत चाटने लगा। भाभी का शरीर जोर से कांपने लगा और वह मचलने लगी, और फिर वे मेरे लंबे मोटे लंड को उनकी चूत मे डालने के लिए बोली कि नीरज अब मुझसे नहीं रूका जाता, अपने लंड से मेरी चुदाई कर दो, मैं बहुत दिनों की प्यासी हूँ,

अब मुझे चोद ही डालो। मैं भी उसी समय का इंतजार कर रहा था, और बिना देर किये मैंने अपने मोटे, तने लंड को भाभी की चूत में हल्के से डाल दिया, और फिर एक ही झटके में अपना पूरा लंड भाभी चूत के अन्दर घुसा दिया। मेरे लंड के चूत में जाते ही भाभी दर्द से चीख निकल गयी और बोली कि तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है। इसी के साथ मैंने भाभी की टांगों को फैलाकर तेज झटकों के साथ उनको चोदने लगा। और बीच बीच में उनके मम्मों को चूसने और दबाने लगा। काफी देर तक मैंने उन्हें वैसे ही चोदा फिर मैंने बाद में उनको घोड़ी स्टाइल में चोदा। और फिर झड़ने के साथ ही अपना पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया। और इस तरह मैंने भाभी को पूरी रात कई बार चोदा और भाभी ने भी भरपूर मजा लेते हुए अपनी चुदाई करवायी। और हम दोनों ने खूब मजे किये।
इस तरह दोस्तों मैंने रात भर अपनी कजिन भाभी की चुदाई की। इस कहानी को पढ़ने के लिये आपका धन्यवाद। इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें।

एक रात टीचर के साथ भाग १

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Ek Raat Teacher Ke Sath Part 1 :

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राहुल है और में आज आप सभी के सामने Freehindisexstories.com पर अपनी पहली कहानी शेयर करने जा रहा हूँ। में 25 साल का हूँ और मुझे सेक्स करने में बहुत मज़ा आता है। दोस्तों यह कहानी जो में आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ यह मेरी और मेरी बायो टीचर के साथ हुई एक सेक्स घटना पर आधारित है। दोस्तों में बचपन से ही चूत के लिए दीवाना था और में मुठ मार मारकर काम चलाता था। दोस्तों मेरी क्लास में मेरी एक बायो टीचर थी जिनका में नाम नहीं बताऊंगा.. क्योंकि में उनकी बहुत इज्जत करता हूँ और मुझे वो बहुत पसंद थी। उनकी उम्र 28 साल के करीब होगी.. मेरी मेडम मस्त ज़बरदस्त फिगर, गोरी, लंबी और बड़े बड़े बूब्स, पतली कमर, गदराया हुआ बदन और एक बहुत अच्छी गांड की मालकिन थी।

उनको देखकर स्कूल में सभी के लंड एक साथ खड़े होकर सलामी देते और पूरे स्कूल के स्टूडेंट, टीचर उनके दीवाने थे। उनके चाहने वाले स्कूल के बाहर भी थे। उनके घर के आस पास के लोग भी उन्हे ताकते रहते थे.. लेकिन वो ज्यादा इन सभी बातों पर ध्यान नहीं देती थी। तो में भी जमकर उनको लाईन मारता था और में उनकी याद में बहुत बार मुठ मारता और उनकी चुदाई के सपने देखता और स्कूल में उनके पीरियड का सुबह से ही इंतज़ार करता। उनको सोचता और जब उनका पीरियड स्टार्ट होता तो उनके चहरे से मेरी नज़र नहीं हटती थी। जब भी उनसे मेरी नजरें मिलती तो मेरे दिल की धड़कन थम सी जाती थी और जिस दिन वो स्कूल नहीं आती तो उस दिन मुझे बहुत बुरा लगता था।

फिर हमारे स्कूल में नवम्बर के महीने में अर्धवार्षिक परीक्षा हो चुकी थी और जब रिज़ल्ट निकला तो में बायो में फैल हो गया। तो मेडम ने मुझसे कहा कि अपने माता पिता को लेकर आना और जब में अपने पापा को लेकर पेरेंट्स मीटिंग में गया तो में मेडम को देखकर एकदम दीवाना हो गया.. वो उस दिन काली कलर की साड़ी पहने हुई थी और क्या ग़ज़ब लग रही थी।

में पास में खड़ा था और पापा मेडम से बात कर रहे थे और फिर मेडम ने उन्हे बताया कि यह क्लास में ठीक तरह से नहीं पड़ते है और इनका ध्यान हमेशा कहीं और रहता है.. तो मैंने मन ही मन में कहा कि जान मेरा ध्यान तो सिर्फ आप पर रहता है। तो पापा ने कहा कि आप इसकी पिटाई लगा दिया करो.. लेकिन मेडम ने कहा कि अब यह बड़े हो गये हैं.. इनको क्या मारना? अगर यह अच्छे से पढ़ाई नहीं करेंगे तो बोर्ड की परीक्षा में फैल हो जाएँगे। तो पापा ने यह बात सुनकर मेडम से प्राईवेट ट्यूशन के लिए कहा.. लेकिन मेडम ने मना कर दिया।

फिर में पहले तो बहुत खुश हुआ.. लेकिन बाद में जब मेडम ने मना किया तो मेरा दिल टूट गया और पापा ने एक बार फिर से उनसे आग्रह किया तो मेडम ने कहा कि में अपने ससुराल में रहती हूँ और मेरी फेमिली वाले यह सब करने से साफ मना कर देंगे और वैसे भी में किसी को भी प्राईवेट ट्यूशन नहीं देती और प्लीज मुझे माफ़ करें। पापा ने एक बार फिर उनसे कहा तो मेडम मान गयी और उन्होंने कहा कि ठीक है.. आप कल से इनको ठीक 5 बजे मेरे घर पर भेज दीजिए और में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ.. लेकिन घर पर पहुंचकर तो पापा ने मेरी वाट लगा दी और मुझसे कहा कि थोड़ा अच्छी तरह पढ़ाई करो और ज्यादा से ज्यादा ध्यान अपनी पढ़ाई पर दो।

फिर मैंने उनसे पक्का वादा किया और में बहुत खुश था क्योंकि मुझे वो चीज़ मिल गयी जो में सोचता था और में अगले दिन मेडम के घर एकदम पूरा हीरो बनकर चला गया और जब मैंने दरवाजा बजाया तो मेडम के ससुर जी दरवाजा खोलेने आए। फिर में अंदर गया और चुपचाप जाकर बैठ गया.. लेकिन कुछ देर बड़ी बेसब्री से इंतजार करने के बाद भी मेडम नहीं आई.. शायद वो कुछ काम कर रही थी। अंदर उनकी सास भी थी और उनका एक दो साल का लड़का भी था जो कि मेडम की तरह बहुत सुंदर था। में उस रूम में एकदम अकेला बैठा था और मेडम के आने का इंतज़ार कर रहा था।

तभी कुछ देर में मेडम अंदर आ गयी और में उनको देखकर बहुत खुश हुआ.. मेरे दिल पर तो हज़ारों बूंदे गिर गयी और मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धक धक कर रहा था। आज रूम में सिर्फ़ में और मेडम ही थे और सभी सदस्य दूसरे रूम में थे। फिर मेडम ने मुझे पढ़ाना शुरू कर दिया.. में टॉपिक्स पर कम ध्यान देता और उन पर ज्यादा ध्यान देता। तो मेडम मुझे डाँटती और कहती कि तुम मुझ पर कम ध्यान दो और अपनी पढ़ाई करो l

वो कभी कभी मेरा हाथ पकड़कर मुझे लिखने का इशारा भी देती जिससे उनके बूब्स मुझे छू जाते वो कभी कभी मुझे थप्पड़ मारने की जगह मेरे गाल पर अपना हाथ घुमा देती और बस उनके छू जाने से ही मेरे जिस्म में आग सी लग जाती। फिर बस ऐसे ही दिन कटने लगे और फिर में घर पर पहुंचकर हर रोज उनको याद करके जमकर मुठ मारता। एक दिन में उनके घर पहुंचा तो मेडम ने ही आकर गेट खोला वो क्या कयामत लग रही थी? और उस दिन मेडम ने बाल खोल रखे थे और उन्होंने लाल कलर की साड़ी पहन रखी थी।

एकदम टाईट ब्लाउज के साथ उनके बूब्स बहुत ग़ज़ब दिख रहे थे और में उनको गेट पर ही देखता रह गया। मेडम ने कहा कि अब अंदर भी आओगे या यहीं खड़े रहोगे? फिर में अंदर आया और उस दिन घर पर कोई नहीं था और मैंने पूछा कि अंकल, आंटी कहाँ गये? तो मेडम ने बताया कि वो लोग बाहर गये है और उनके पति भी साथ में गये थे।

तो में बहुत खुश हुआ कि शायद आज अच्छा मौका मिले.. मेडम ने पढ़ना शुरू किया और में मेडम के चहरे पर आखें टिकाए बैठा उनको निहार रहा था। तभी मेडम ने मुझे देखा और कहा कि राहुल कहाँ खोए रहते हो? क्या आज पढ़ाई नहीं करनी है? तो मैंने कहा कि हाँ मेडम आज मेरा पड़ने का मूड नहीं है तो मेडम ने कहा कि ठीक है बैठकर नक्शा बनाओ। मैंने कहा कि ठीक है और इतने में उनका लड़का रोने लगा जो कि दूसरे रूम में सो रहा था।

मेडम ने कहा कि यह नक्शा बनाओ और में सन्नी (उनका बेटा) को देखती हूँ। फिर में नक्शा बनाने लगा। 10 मिनट में मेरा नक्शा बन गया और में उसको दिखाने उनके रूम में चला गया.. अंदर जाकर मैंने देखा कि मेडम सन्नी को दूध पिला रही थी और उनके बड़े बड़े बूब्स देखकर में पागल हो गया और में उनको एकटक नजर से देखता रहा।

(TBC)…

एक रात टीचर के साथ भाग २

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Ek Raat Teacher Ke Sath Part 2 :

तो मेडम ने मुझे वहाँ पर खड़े हुए देखा और मुझ पर बहुत ज़ोर से चिल्लाई और कहा कि राहुल क्या तुम्हे जरा भी तमीज नहीं है? तो मैंने पहले उनको सॉरी कहा.. लेकिन आज शायद मेरे सब्र का बाँध टूट गया और फिर मैंने कहा कि मेडम में आपका दीवाना हूँ और में आपको मन ही मन बहुत चाहता हूँ.. तभी मेडम मेरी यह बात सुनकर बहुत परेशान हो गयी और मेरी आखों से आंसू बाहर आ गये और में शायद वास्तव में पागल हो गया था।

फिर में वहाँ से चले जाने के लिए दूसरे रूम में अपनी किताबे और बेग लेने गया और में जाने लगा.. लेकिन जैसे ही में घर के दरवाजे पर पहुंचा तो मेडम ने कहा कि रूको राहुल.. मेरी बात सुनो। तो में रुक गया और उनके सामने नज़रे झुकाकर खड़ा हो गया। शायद में बहुत घबरा गया था.. मेडम मेरे पास आई और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा उनके हाथ पकड़ने से मेरा हाथ काँपने लगा और वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी जहाँ सन्नी एक साईड में सो रहा था और मेडम ने मुझे बेड पर बैठने को कहा।

तो में बैठ गया.. लेकिन में अपना सर नीचे झुकाकर बैठा हुआ था तो उन्होंने कहा कि राहुल यह सब बेबकूफी है और अभी तुम बहुत छोटे हो.. में जानती हूँ तुम मुझ पर लाईन मारते हो और मुझे घूरते रहते हो.. लेकिन में तुमसे 10 साल बड़ी हूँ। मेरी नज़रें शर्म से और भी नीचे झुक गई और आख़िर में भी सिर्फ़ 18 साल का ही था। तब उन्होंने पूछा कि क्या तुम मुझे पसंद करते हो? तो मैंने अपना सर हाँ में हिला दिया..

उन्होंने कहा कि मेरी आखों में देखो। मैंने पूरी हिम्मत जुटाकर उनकी आखों में देखा और मुस्कराया। फिर उन्होंने मेरे गालों पर किस करके कहा कि मेरे सेक्सी लविंग स्टूडेंट और में तो मन ही मन एकदम उछल पड़ा.. लेकिन कुछ नहीं कहा। दोस्तों यह कहानी आप Freehindisexstories.com पर पढ़ रहे हैं !

फिर मैंने भी मेडम के गाल पर किस कर दिया। मेडम ने पूछा अरे यार क्या तुम वर्जिन हो? तो मैंने कहा कि हाँ और मेडम हंस पड़ी और वो बोली कि तभी तुम इतना परेशान हो.. चलो आज में तुमको सेक्स का लेसन भी सिखाती हूँ.. लेकिन उन्होंने मुझसे वादा करवाया कि कभी भी इसके बारे में किसी को ना बताना। तो मैंने भी हाँ कर दी.. लेकिन उस दिन एक बात तो मेरी समझ में आ गई कि मुठ मारना जितना आसान होता है उतना ही कठिन पहली बार चूत मारना होता है।

मेरी उस दिन गांड फट रही थी। फिर मेडम ने अपने सारे कपड़े एक एक करके निकाल दिए और अब वो मेरे ठीक सामने पेटीकोट और ब्लाउज में थी। तभी मैंने उनके बड़े बड़े बूब्स को दबाने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे रोक दिया और कहा कि इनको अभी मत दबाओ.. इनमें दूध है, क्या तुम पीना चाहते हो? तो मैंने कहा कि हाँ जरुर मेरी जान और उन्होंने ब्लाउज भी निकाल दिया और ब्रा भी।

में पागलों की तरह उन पर टूट पड़ा और मैंने बहुत जमकर दबा दबाकर, चूसकर उनका दूध पिया.. मेडम भी मेरे सर पर अपना हाथ घुमाकर सिसकियाँ भरने लगी थी और आहह उफफ्फ्फ्फ़ आईईईईइ की आवाज़ निकाल रही थी और उन्होंने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ रखा था और वो उसे धीरे धीरे सहला रही थी और मेरा लंड पूरा तूफ़ानी हो रहा था। वो एकदम कड़क और सख़्त मोटा और लंबा हो गया था।

तभी मेडम ने कहा कि राहुल तुम्हारे पास तो बहुत लंबी और ताकतवर तलवार है और फिर मैंने कहा कि हाँ जान इस पर सिर्फ़ तुम्हारा ही हक़ है क्योंकि तुम वो पहली औरत हो जो आज मेरी वर्जिनिटी खत्म करने जा रही है। तो मेडम मेरी यह बात सुनकर हंसने लगी। मेडम अब मेरे ऊपर आ गयी और उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और अब तो मेरा लंड और भी मोटा हो गया था।

मेडम बड़ी मुश्किल से मेरे लंड को अपने मुहं में ले पा रही थी.. लेकिन वो फिर भी एक पागल की तरह उसको चूस रही थी और इधर में पागल हुआ जा रहा था। मेरे मुहं से सिसकियाँ फूटने लगी। फिर मैंने कहा कि आज में दुनिया का सबसे खुश इंसान हूँ और मेडम अपने पूरे शबाब पर थी.. जमकर चूसने के बाद मेडम लेट गयी और में मेडम के पैरों के बीच में आ गया। में उनके ऊपर चड़ने लगा तो मेडम ने रोक दिया और कहा कि पहले मेरी चूत को चाट लो मेरे राज़ा और यह सुनकर मुझे बड़ा अजीब लगा क्योंकि मैंने ब्लूफिल्म में तो बहुत देखा था.. लेकिन अपनी असल लाईफ में मुझे पसंद नहीं था और मुझे बहुत घिन आती थी।

तो मेडम ने कहा कि क्या हुआ? मैंने कहा कि कुछ नहीं। पहले मैंने उनकी कामुक, गीली चूत पर हाथ फिराया और मैंने बड़ी मुश्किल से चूत चाटने का मन बनाया। में उनके दोनों पैरों के एकदम बीच में था और अपनी जीभ उनकी चूत के ऊपर फिराने लगा। मेडम ने अपने पैर फैला दिए और अपने एक हाथ से चूत को और भी खोल दिया और कहा कि हाँ यहाँ पर चाटो.. ज़रा इसका मज़ा लो.. तुमने ज़िंदगी में ऐसी रसमलाई कभी नहीं खाई होगी।

फिर जैसे ही मैंने अपनी जीभ चूत पर लगाई तो मुझे एकदम करंट सा लगा। उसका बड़ा अजीब सा टेस्ट था नमकीन और क्रीमी.. लेकिन थोड़ी देर में मुझे भी मज़ा आने लगा और फिर मैंने चूत की ज़बरदस्त तरीके से चटाई की। मेडम पूरे गरम जोश में थी और चिल्ला रही थी और चाटो अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह और ज़ोर से चाटो मेरे राजा। चाटो अह्ह्ह्ह और फिर मैंने चाटकर पूरी जीभ उनकी चूत में डाल दी।

फिर इधर मेडम मेरे सर को पकड़कर चूत में दबा रही थी और चिल्ला रही थी कि हाँ और ज़ोर से चाटो और मेडम की ऐसे आवाज़ सुनकर मेरा लंड फौलादी हुआ जा रहा था और में ऊपर आ गया तो मेडम ने मेरा लंड अपने हाथों में पकड़ लिया और कहा कि इसको थोड़ा आराम से डालना नहीं तो में मार जाउंगी.. मैंने कहा कि ठीक है जानू और उन्होंने लंड को चूत के छेद पर रगड़ना शुरू कर दिया और में पागल हो रहा था।

फिर मैंने एक हल्का सा धक्का दिया तो लंड का टोपा अंदर चला गया। मेडम ने ज़ोर से आहह की आवाज़ निकाली और उसी आवाज़ के साथ मेरी गांड भी फट गई क्योंकि मैंने अपना लंड पहली बार चूत में लंड डाला था उनकी चूत इतनी गरम थी कि में शब्दों क्या बताऊँ? अब मेरा लंड का टोपा जलने लगा और जोश में मैंने एक ही झटके में जड़ तक पूरा लंड मेडम की चूत में उतार दिया और इधर मेडम चिल्ला रही थी.. धीरे धीरे डाल।

मेरा लंड पूरा आग में जल रहा था और में धक्का मार रहा था और मेडम नीचे से चिल्ला रही थी। मेडम जल्दी ही किनारे आ गयी में भी जल्दी आ गया और हम दोनों एक साथ ठंडे हो गये और मेडम के मुहं से ज़ोर की आवाज़ निकली.. आअहह उह्ह्ह्ह और कहने लगी कि मुझे कसकर जकड़ लो राहुल वरना में हवा में उड़ जाउंगी।

फिर मैंने उनको ज़ोर से दबा लिया और वो धीरे धीरे शांत होने लगी और में भी धीरे धीरे शांत होने लगा.. लेकिन अभी भी मेडम ने मुझे बुरी तरह पकड़ रखा था और कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए तो मेडम मेरे ऊपर आ गयी और मुझे जमकर किस पे किस करने लगी और कहने लगी कि में आज से तुम्हारी दीवानी हो गयी हूँ राहुल मुझे बहुत ख़ुशी हुई तुम्हारी वर्जिनिटी ख़त्म करने में।

फिर उन्होंने मुझे बताया कि मेरे पति के अलावा तुम दूसरे इंसान हो जिसके साथ मैंने सेक्स किया है। में बहुत खुश था और उसके बाद जोश ही जोश में मैंने उनकी 3 बार खूब चुदाई की और मैंने उनको बहुत जमकर चोदा। वो भी अब थक गयी थी और में भी रात हो चुकी थी और मुझे घर भी जाना था। फिर में तैयार होकर अपने घर चला गया। मेरा मन तो बहुत कर रहा था कि मेडम के साथ ही रात भर रुक जाऊँ.. लेकिन में नहीं रुक सकता था.. क्योंकि मेडम ने कहा कि मेरे घर वाले 4 दिन के लिए गये हैं। तो मैंने लगातार उनकी 4 दिन तक बहुत अच्छी तरह चुदाई की ।।

धन्यवाद …

बीवी की चुदास

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Biwi Ki Chudas :

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नरेन्द्र है और में उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 32 साल है और मेरी बीवी काजल की उम्र 28 साल है, उसकी गांड मस्त गोल मटोल है, उसका फिगर साईज 36-34-38 है। हमारी शादी को 6 साल हो गये है और हमारे कोई संतान नहीं है। हमने डिसाइड किया था कि हम बच्चे 5 साल के बाद करेंगे, क्योंकि हम लाईफ का असली मज़ा लेना चाहते थे।

मेरी बीवी को चुदाई बहुत पसंद है और उसे तो रोज सेक्स चाहिए। काजल की आदत है कि रात होते ही जब हम खा पीकर निपट जाते है तो वो सोने से पहले अपने सारे कपड़े उतार देती है और सिर्फ़ पेंटी-ब्रा पहनती है। उसका जिस्म इतना मादक है कि नहीं चाहते हुए भी मेरा लंड उसे चोदने के लिए खड़ा हो जाता है, वो इतना अच्छा लंड चूसती है कि में उसके मुँह में ही झड़ जाता हूँ और वो मेरा सारा पानी पी जाती है। फिर भी वो मेरा लंड चूसती रहती है जब तक उसकी तड़प कम नहीं होती। वो अपनी चूत चटवाने की भी बड़ी शौकीन है।

मुझे भी उसकी चूत में शहद लगाकर चाटने में बड़ा मजा आता है। वो चुदते समय बहुत सेक्सी सिसकारियां लेती है आहा जानू और चोदो मुझे आआहह आआहह। मेरा मन करता है कि उसको रातभर चोदता ही रहूँ, वो इतनी सेक्सी और हावी हो जाती है और यह हमारा रोजाना का काम है पहले हम ब्लू फ़िल्म देखते है और फिर सेक्स करते है।

दोस्तों कुछ समय से मेरे मन में यह ख्याल आने लगा कि में अपनी बीवी की जबरदस्त चुदाई करवाऊँ, जहाँ 2-3 बन्दे उसे बहुत बेदर्दी से चोद रहे हो और एक लंड उसके मुँह में हो और एक लंड उसकी गांड में और एक लंड उसकी चूत में हो। अब मुझे बुरी तरह से बीवी को चुदवाने का नशा चढ़ गया था और में जानता था कि ऐसे पूछने में वो भड़क जाएगी, लेकिन जब उसकी चूत में मेरा लंड होगा तब शायद वो मान जाए।

फिर एक दिन जब हम चुदाई कर रहे थे तो मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि जान कितना अच्छा होता अगर मेरे पास 3 लंड होते तो, एक लंड को तुम चूसती और बाकी 2 लंड से में एक साथ तुम्हारी गांड और चूत का मज़ा लेता। वो यह सुनकर हंस पड़ी और बोली कि भला ऐसा भी कभी होता है। फिर मैंने अपना लंड ज़ोर-ज़ोर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।

अब वो बहुत उत्तेजित हो गई थी और ज़ोर- ज़ोर से अपनी चूत ऊपर उठा रही थी। फिर मैंने उससे कहा कि यार 3-4 लोग मिलकर सेक्स करे तो कितना मज़ा आए? अब यह सुनकर उसने कहा कि हाँ मजा तो बहुत आएगा और वो सिसकारियां निकालने लगी तो में भी उत्तेजित हो गया।

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी चोटी खींचते हुए उसकी चूत पर थप्पड़ लगाने लगा और अपनी स्पीड भी बढ़ा दी, फिर थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गये। फिर रिलेक्स होते हुए मैंने उसे किस किया और उसके बूब्स को मसलते हुए पूछा कि जान एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानोगी। तो उसने कहा कि पूछ लो, इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है? फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों ना हम 2-3 लोगों के साथ सेक्स करे?

तो उसने कहा कि क्या बात है, आजकल बड़े शौकीन बन रहे हो? मुझे पता है तुम क्या चाहते हो?

तो मैंने पूछा कि बताओ क्या? तो उसने कहा कि नहीं तुम ही बताओ। अब मेरे जिस्म में एक अजीब सी लहर दौड़ रही थी, फिर मैंने कहा कि में तुम्हें दूसरे मर्दो के साथ मिलकर चोदना चाहता हूँ। अब यह सुनकर वो मुस्कुराई, अब उसकी आँखो में एक अजीब सी चमक थी। अब में समझ गया था कि वो तैयार है, फिर उसने कहा कि देखते है पहले इंतज़ाम तो करो।

अब में चौंक गया था कि वो गुस्सा क्यों नहीं हुई? अब में बहुत खुश हो गया था, लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि बन्दों का इंतज़ाम कहाँ से करूँ? फिर मैंने सोचा कि इंटरनेट पर कोशिश करता हूँ। फिर मैंने बहुत सारी साईट्स पर ट्राई किया और अपना नंबर दिया। फिर 3-4 महीने के बाद मुझे 3 लोगों का एक ग्रुप मिला, जो दिल्ली में थे।

फिर वो तैयार हो गये और उन लोनो ने अपनी नंगी फोटो मेरी बीवी को दिखाने के लिए शेयर की, उनमें से एक के लंड का साईज़ 10 इंच था। अब मेरी बीवी ने जब उसका लंड देखा तो वो बस उसे देखती ही रह गई। फिर मैंने पूछा कि क्या इरादा है? तो वो थोड़ी शर्माते हुए बोली कि में तो आपकी प्रॉपर्टी हूँ, जब जिससे बोलोगे उससे चुदवा लूँगी। फिर मैंने उसे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डालकर उसकी चूत को मसलने लगा।

उस रात हमने काफी जबरदस्त सेक्स किया था, आज तो सेक्स का नशा ही कुछ अलग था। अब में भी उससे कह रहा था कि साली रंडी तेरी तो में ऐसी चुदाई कराऊंगा की तू जिंदगीभर याद रखेगी। अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, फिर उसने कहा कि मेरी जान आअहह जितना मर्ज़ी चाहे उतना चुदवा लो अपनी रंडी को आहह आहह और चोदो और चोदो मुझे, मेरी चूत पूरी फाड़ दो।

फिर हमने एक हफ्ते के बाद दिल्ली जाने का प्लान बनाया और फिर हमने वहाँ पहुँचकर 7 दिनों के लिए एक होटल बुक किया। अब हमारा प्लान था कि जी भरकर पूरे एक हफ्ते तक ग्रुप सेक्स करेंगे।

फिर मैंने उन तीनों कृष्णा, सुदेश और रंजित को कॉल किया और शाम को आने को कहा। अब मेरी बीवी बहुत बेताब थी, उसने पूरी तैयारी कर रखी थी, उसने अपनी चूत को शेव करके बिल्कुल मक्खन की तरह चिकना बना रखा था। फिर शाम होते ही वो सब लोग आ गये, फिर हमने चाय पी और थोड़ी देर तक इधर उधर की बातें करते रहे।

अब वो तीनों काजल को घूर-घूरकर देख रखे थे, काजल ने सिर्फ सफेद पारदर्शी मैक्सी पहन रखी थी और अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था। अब उसके बड़े-बड़े बूब्स और काले निपल्स साफ-साफ दिखाई दे रहे थे आज तो मेरी बीवी पूरी रंडी लग रही थी। अब मेरी बीवी थोड़ी नर्वस हो रही थी, लेकिन बहुत ज़्यादा उत्तेजित थी।

अब मुझे उसकी खुशी साफ झलक रही थी, फिर मैंने काजल को बुलाया और अपनी गोद में बैठने को कहा। अब सब उसे ही देख रहे थे, फिर मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी जांघो पर फैरना शुरू किया और उसकी मेक्सी ऊपर उठाने लगा। अब यह देखकर बाकी लोग भी गर्म हो गये थे, फिर मैंने कहा कि यार शरमाओ मत, यह आज हम सबकी है।

अब काजल नीचे बैठी और रंजित की पेन्ट की जिप पर अपना हाथ रखा और उसे खोल दिया। अब में समझ गया था कि उसे रंजित का 10 इंच का लंड चूसना है, उसने रियल में पहले कभी इतने बड़े लंड का मज़ा नहीं लिया था। फिर रंजित ने उसकी मैक्सी उतार दी, अब मेरी बीवी पूरी नंगी हो गई थी।

फिर काजल ने रंजित की पेंट खोली और उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और मस्ती में चूसने लगी। अब रंजित तो जैसे पागल ही हो गया था, अब वो आवाजे निकालने लगा आहह पूरा ले लो मेरी जान आहह पूरा चूस लो बहुत मजा आ रहा है। दोस्तों उसके बाद उन तीनों ने मेरी बीवी को बहुत मस्ती से चोदा और हमने उन 7 दिनों में बहुत मजा किया ।।


सुनीता की चुदाई

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Sunita Ki Chudai :

दोस्तों आज मै आपके सामने अपनी एक सच्ची घटना रखना चाहता हूं , मेरा नाम लव गुर्जर है मै कैथल अर्बन एसटेट मे रहता हुं।
यह कहानी मेरी पडोसन आंटी सुनीता की है
अब कहानी पे आता हू

हमारे पडोस मे घर के सामने एक आंटी है , उनका एक बेटा एक बेटी है जो कालेज मे पढते है
आंटी की उमर चालिस के आस पास है ।
आंटी के लंबे सिलकी बाल है , मै शुरू से ही लंबे बालो का दीवाना था अक्सर बस और रेल मे भीड का फायदा उठाकर लेडिस के बालो मे हाथ घुमाता था और खुशबू फील करता था

सुनीता आंटी का घर हमारे घर के सामने था और मेरा रुम छत पर था जब भी आंटी अपने बाल धोती तो वो उनको सुखाने के लिये उनकी छत पर आ जाती थी ,मै उन्हे अपने रुम की खिडकी से छुप कर देखता था और मुठ मारता था

वो छत पर आकर बालो को तोलिये से पोछ रही थी उनके लंबे बालो से पानी टपक रहा था तभी वो छत पर निचे बैठ गयी और धुप मे जुलफो को सूखा रही थी , मै मन ही मन सोच रहा था के आखिर कब वो दिन आयेगा जब मै आंटी के बालो से खेलूगा

तभी आंटी अपने बालो मे कंघी करने लगी और कंघी करके कंघी मे फसे बालो को निचे गली मे फेक दिया मै झट से निचे गया और उनके बालो को उठा लाया उनके बालो को सूंघा और अपने लोडे पर रगडने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था

फिर एसे ही दो साल निकल गये ,मै दिल्ली जाब करने चला गया

मै दिल्ली से कैथल आया मेरे मामा के लडके की शादी थी सब घर वाले शादी मे जाने की तैयारी कर रहे थे मै भी तैयार था लेकिन उस दिन मुझे शादी के लिये कपडे लेने थे , मै शादी मे अगले दिन जाने वाला था , मेरे पापा मम्मी , भाई सब शादी मे चले गये
मै घर पर अकेला था
तकरीबन शाम के चार बजे हुये थे
तभी डोर बैल बजी मैने दरवाजा खोला तो देखा सामने सुनीता अांटी थी

मैने उनको नमस्ते की उन्होने सलवार कमीज पहन रखी थी और बहुत सुंदर लग रही थी उनका गठीला बदन देखके मेरा दिल मचल रहा था
आंटी अंदर आयी और पुछने लगी के तेरी मम्मी कंहा है ,मैने कह दिया के सब शादी मे गये है
बोलिये कया काम है तो उन्होने कहा कुछ नही

मैने पुछा ऎसे कैसे कुछ तो काम होगा बता दीजिए मै कर दुगा काम तो उनहोने कहा नही काम तुम्हारी मम्मी से था बालों मे तेल लगवाना था कोई बात नही मै खूद लगा लूंगी।
वो वापिस अपने घर जाने लगी सुनहरा मॊका मेरे हाथ से जा रहा था ,मैने थोडा सोचा और आंटी को अावाज लगायी और कहा आंटी आप मेरे लिये चाय बना दीजिए तो उन्होने कहा ठीक है आंटी किचन मे गयी उनके बाल खुले थे भीगे हुये उनसे पानी टपक कर सलवार भीगी हुई थी ,दिल कर रहा था बस अभी पकड लू उनको लेकिन ये सब इतना आसान नही होता ,मै डर रहा था डर के मारे लंड भी नही खडा हो रहा था

तभी आंटी दो कप मे चाय ले आयी और हमारे बैड पर आगे बैठ गयी हम दोनो चाय पी रहे थे। आंटी ने मुझसे पुछा नौकरी कैसी चल रही है मैने कहा सब अच्छा है मै शर्मा रहा था

अांटी ने बैठे बैठे चाय का कप नीचे रखा और अपने बालो मे हाथ फेरने लगी मैने पंखा चला दिया
आंटी को कहा के अब सुखा लो अब जल्दी सूख जायेगे आंटी ने मुझे समाईल दी , सारा कमरा बालो की खुशबू से महक रहा था, मैने आंटी से को कहा के बडी अच्छी खुशबू है ,वो बोली हा शैम्पू की खुशबू है
मैने डरते डरते आंटी से कहा के ये लो आप कंघी यही बैठके करलो कंघी, उन्होने कहा ठीक है और वो कंघी करने लगी मेरे मन का सैतान जाग रहा था मैने अपनी चाय खत्म कर दी और आंटी चाय पी रही था मैने आंटी से कहा आप चाय पी लीजिए वरना ठंडी हो जायेगी। अापके बालो मे कंघी मै कर देता हू

मेरे माथे से पसीना आ रहा था लेकिन आंटी ने कहा ठीक है और वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके बैठ गयी मै हैरान था के आज मेरा सपना पूरा होगा जिन बालों का मै दिवाना था , आज वो बाल मेरे हाथों मे थे
मैने झट से कंघी ली और उनके बालो मे डाल दी उनहोने कहा जरा आराम से दर्द मत करना मैने कहा ठीक है उनके बालो हाथ मे लेके देखा बहुत मजा आ रहा था जैसे सवर्ग मे हूं , कंघी करते करते उनके बाल मेरी टांगो पे आ रहे थे ,मै खुशबू से पागल हुआ जा रहा था
मुझे पता ही नही चला कब मै आंटी के बहुत करीब पहुच गया मैने अपनी टांगे फैला ली और उनकी गांड से सट गया आंटी आराम से बैठी थी
मैने बालो मे अपना चेहरा डाल लिया उसी टाईम आंटी ने देख लिया मै डर गया
लेकिन अांटी ने कुछ नही कहा आंटी के बाल सहलाने से उनको भी बहुत मजा आ रहा होगा और वो थोडा और पिछे की तरफ हो गयी मेरा लोडा उनके चूतडो से बिल्कुल चिपक गया मैने उनसे कहा के आपके बाल बहुत सिलकी है क्या मै इनको चूम सकता हूं उन्होने कहा चूम लो लेकिन जल्दी करो मुझे घर जाना है तेरे अंकल आने वाले है मै उनको बालो को चुमने चाटने लगा उनको भी मजा अा रहा था , आंटी मेरी तरफ देखकर बोली के बस करो अब इतना प्यार करते हो कया मेरे बालों से, मैने उनको देखा और कहा हा मै आपको और अापके बाल दोनो का दिवाना हू

आंटी गुस्सा हुई बोली के ये क्या कह रहा है मै तुम्से बहुत बडी हूं सोच समझ कर बोलो और वो उठने लगी दरवाजे की तरफ जाने लगी मैने पिछे से उनको जोर की जफ्फी डाल ली उनकी पीठ को चूमने लगा उनहोने कहा नही ये ठीक नही है
कोई देख लेगा हमारी बदनामी होगी मैने कहा आज मेरे घर कोई नही है , हम किसी को नही बतायेंगे मैने उनको बांहो मे भर लिया वो मेरा साथ देने लगी मै उनके लंबे बालो से खेलने लगा
उनके मोटे चूतडो को दबाने लगा उनकी सांस तेज चलने लगी तभी मैने उनके गाल चूमने शुरु कर दिये
उन्होने मेरे होठ अपने होठों मे ले लिये और मेरी जीभ को चूसने लगी मैने भी उनका सारा थूक पी लिया उनकी जीभ को खाने लगा सांसों से सांस टकरा रही थी ,उनका थूक बहुत मिट्ठा था जैसे शहद हो
मै पांच मिनट तक होठों को चाटता रहा

फीर मैने उनको बैड पे लिटा दिया उनकी गर्दन को चुमने लगा उनके चु्चे बडे बडे दिख रहे थे मैने उनका सूट निकाल दिया और उनके टाईट चूचो का दूध पीने लगा इस उमर मे भी उनके बूबस बहुत प्यारे थे बहुत गोरे थे, हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये मै उनकी नंगी गांड को देखता ही रह गया उनका फिगर और गांड के उपर लंबे बाल देखकर पागल हुआ जा रहा था वो मेरे उपर आयी और अपने बालो को मेरे सिने पे रख दिया मुझे गुदगुदी होने लगी उनहोने मेरे लोडे को अपने बालो मे छुपा लिया मै मजे से पागल हुआ जा रहा था ,उनके कोमल बालो का एहसास मेरे लंड को और मजबूत बना रहा था, उनका थोडा पेट निकला हुआ था लेकिन चूतड विशाल थे मै उनके हिप्स को चाटने लगा वो गांड को हिलाने लगी

कहने लगी आज टाईम नही है तेरे अंकल आने वाले है इतना प्यार फेर कर लेना वो डर रही थी कल को तुम शादी से जल्दी आ जाना फिर जितना मरजी चूम लेना

अभी जल्दी करो मैने तभी उनको घोडी बनाया और उनकी प्यारी चूत मे लंड डालने लगा उनको ज्यादा दर्द नही हो रहा था उनकी चूत इतनी टाइट नही थी लोडा झट से अंदर चला गया मैने उनके बालो को पकडा और लोडे को अंदर बाहर करने लगा हम दोनो को बोहत मजा आ रहा था ,उनहोने मुझसे आई लव यू कहा और गांड आगे पिछे करने लगी मै उनके बडे स्तन को दबाने लगा और लगभग आठ मिनट बाद मैने अपना वीर्य निकाल दिया ,विर्य चूत के अंदर जाते ही शरीर चर्म सीमा पर था
हम दोनो बाहो मे बाहे डालकर लेट गये एक दुसरे को चुमने चाटने लगे सांसों की खुशबू लेने लगे
मैने आंटी को कहा जान मै तुमसे बहुत प्यार करता है और एसे ही करता रहूगा उन्होने ने कहा के मैने आज पहली बार किसी दूसरे इंसान से सैक्स किया है प्लीज मेरी इज्जत रखना ,कभी किसी को मत बताना मैने उनको कहा आई लव यू अब तुम मेरी हो सुनीता फीकर मत करो जोर के गले से लगा लिया

मै उनको सूट सलवार पहनाने लगा उनके बालो का जुडा बना दिया उनहोने मुझे टी सर्ट पहना दी हम दोनो एसे ही पांच मिनट लेटे रहे
अंधेरा हो गया था वो अपने घर चली गयी
उसके बाद मै बहुत बार उनको चोदता हूं वो भी मुझे बहुत प्यार करती है उनके बालो से खेलता हू ब मेरी शादी हो गयी है लेकिन मेरी पत्नी के बाल उनके बालो की तरह रेशमी नही है उनके बालो मे सोने का मजा बस उनके बालो मे ही है
उनके बाद मैने किसी और महिला से सेक्स नही किया बस मेरी पत्नी और सुनीता आंटी मै बस उन दोनो को चाहता हूं कोई भी कैथल की आंटी भाभी मुझसे मिलने की कोशिश ना करे

नौकरानी का बुर

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Naukrani Ka Boor :

है फ्रेंड्स मेरा नाम विकाश है, मेरी उम्र 30 साल है और मेरी वाइफ की उम्र 27साल, वैसे तो मेरी वाइफ बेहद खुबसूरत है लेकिन मर्द होना भी आशन नही.

में हमेशा दूसरी लड़कियों और औरतों पर नजर रखता हु और जब मौका मिल जाये, जम कर चुदायी करता हु, मैंने अपने सिक्यूरिटी  गार्ड से कहा की उसे घर भेज देना में बात करूँगा. अगले दिन सुबह मेरी डोर बेल बजी, जैसे मैंने दरवाजा खोला, नौकरानी अपनी दरवाजे पर कड़ी थी, दिखने में ठीक ठाक थी.

रंग सांवला, दुबली पतली थी, बूब्स भी ज्यादा बड़े नही थे उसने एक ब्लैक साडी पहनी थी, मैंने पुचा तो मालूम हुआ की उसका नाम सलमा है. मैंने कहा बहुत खुबसूरत नाम है, मैंने पुचा वो कौन से गाँव से है और उसकी शाद्दी कब हुई.

कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा और में धीरे धीरे सलमा के करीब आने लगा.

एक दिन में बैठा टीवी देख रहा था तभी सलमा पोचा करने लगी, जब वो झुकती और पोचा करती तो उसका ब्लाउज लूस होने के कारन मुझे उसके बूब्स नजर आते थे, सलमा को मेरी नज़र का पता नही था लेकिन पोचा करते करते वो मेरे करीब पहुच गयी थी, में सोफे पर बैठा था और मेरे पैर निचे फर्श पर थे.

वो फर्श पर कपडे से पोचा करते करते मेरे पैरो के पास पहुची और पैर हटाने को बोला, जैसे ही उसने मेरी तरफ देखा, वो समाज गयी मेरी नज़र कहा है, सलमा ने पोचा लगाया और धीरे धीरे से आगे बढ़ते हुए मेरी तरफ अपनी पीठ कर ली.

मुझे सलमा को छोड़ने की इतनी ज्यादा खवाइश थी की मेरी नज़र उसके मखमली सरीर से हट ही नही रही थी. मेरे मनन में सिर्फ सलमा की चुचे दिख रहे थे में  चाह रहा था की सलमा को जल्दी से चोदु मेरा मन बिलकुल भी नही मान रहा था एक दिन मुझे मौका मिला और  में घर अकेला था वो काम पे आई और अपना काम स्टार्ट कर दिया वो फिर से पोचा लगाने लगी तो में उसे देखता ही रहा और फिर वो बाथरूम साफ करने गयी जैसे ही वो अन्दर गयी में धीरे धीर वही जा रहा था.

और वो बाथरूम साफ कर रही थी में नहाने लगा और वो बोली साहब थोडा सरुक जाइये तो मैंने अपना शर्ट उतरा और पेंट भी उतरा वो कुछ नही बोल रही थी मैंने अपना लंड बहार निकला जिसे वो देखती ही रह गयी और कड़ी रही तब मैंने धीरे से बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया और उसके पास जा कर बोला में तुमसे बहुत प्यार करता हु मैंने उसे कास कर पकड़ लिया और किस करने लगा वो कुछ नही बोल रही थी  वो भी मुझे किस कर रही थी.

हम दोनो किस करते करते नहाने लगे वो भीग चुकी थी तो मैंने धीरे धीरे उसके सारी को उतरना सुरु किया और देखते ही देखते मैंने उसकी सारी उतार दी और उसके बूब्स अन्दर ही थे अब मैंने उसे भी खोल दिया और उसके बूब्स को आजाद कर दिया मैंने कहा में तुम्हे रोज चोदना चाहता हु तो उसने कहा साहब मेरे पति रात को ड्यूटी पर रहते है तो आप रात को घर पर आ जाया करना हम दोनो सेक्स करेंगे फिर मैंने देर न करते हुए उसकी चड्डी उतारी और उसके चूत को देख कर तो जैसे मेरा लंड बेताब हो गया पूरा खड़ा हो ह्या था

वो मेरे लंड को देख कर बहुत डर गयी थी ,एरा लंड सच में बहुत बड़ा था पर उसे भी मेरा लंड लेने का बहुत मन कर रहा था तो मैंने अपनी ऊँगली उसके चूत में घुसना सुरु किया और हिलाता रहा वो सिसक रही थी और उसके मुह से आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह आह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह जैसी आवाजे बहार आ रही थी .

अब मैंने उसे उठा के बेड पर ले गया और में भी पूरा नंगा हो गया था,  मैंने उसे कुते की तरह खड़ा किया और अपना लंड का निशाना उसके गांड में लगा दिया और हलकी सी तेल लगा कर उसके गांड में धुका रहा था पर अछे से धुक नही रहा था तब मैंने  उसके गांड में भी थोडा सा तेल लगाया और लंड को फिर से उसकी गांड में दाल दिया अब पूरा लंड तेज़ी से उसके गांड में पूरा अन्दर तक चला गया था उसकी आवाजे बहुत बड गयी थी वो चिल्ला रही थी छोड़ दो मुझे निकालो इसे बहार मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

पर मैंने कुछ नही सुना और लगातार उसके गांड में अपना लंड पलता रहा कुछ देर बाद उसके गांड में से खून निकल आया मैंने उसे कुछ नही बताया और चोदता ही रहा अब मैंने उसे सीधा लेता दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा.

और अपना लंड उसकी चूत में रखा और उसके ऊपर लेट गया तो मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक चला गया मैंने उसे किस भी किया और किस करते करते लंड को अन्दर बहार करता रहा वो मुझे कस कर पकड़ ली थी, और में उसे चोदता ही रहा और कह रही थी की और कास के करो फाड़ दो मेरी चूत  पूरा घुसो मेरी चूत में.

मैंने ये सुन कर बहुत ही कस कस के चोदना सुरु कर दिया मैंने उसके चूत को इतना चोदा की पूरा खून ही खून  कर दिया  फिर  वो झड़ने लगी  में भी जड़ गया , और हम दोनो नहाने के लिए बाथरूम में चले गये  हम दोनो साथ में नहा रहे थे हम नहाते नहाते भी सेक्स करने लगे मैंने नहाते वक़्त उसके बूब्स को दबा दिया और किस भी कर रा था बहुत माँ आ रहा था जब ऊपर से पानी गिर रहा था और हम दोनो  किस करते करते सेक्स भी कर रहे थे तो मैंने फिर से अपना लंड उस के चूत में डाल के घुसाने लगा और हम नहाते रहे.

उसके बाद में रोज उसके घर जाता और उसके साथ सेक्स कर अपनी और उसकी प्यास मिटाता.

पड़ोसन के साथ चुदाई

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Padosan Ke Sath Chudai :

है दोस्तों मेरा नाम रतन है, मैंने ज़िन्दगी मई इतनी चुदाई की है के अब तो जिस दिन चूत न मरू वो दिन जीवन में जैसे था ही नहीं में बहुत छोटी उम्र में ही पड़ोशन अमृता जो 21 साल की थी मुझे बताया के सेक्स क्या हिया तब मेरी लूली उया करती है.

जिसे वो चुस्ती थी और मेरा हाथ अपनी चूत में डाली मुझे भी अहिस्ता अहिस्ता समाज आने लगा के ये क्या मजा लेती है, में भी अब उसके बूब्स चूसता  और उसके कहने पर काटता भी था. वो मुझ से अपनी चूत भी चतवती  थी, पहले बहुत बुरा लगता था फिर में भी मजा लेने लगा और अब में बड़ा भी हो रहा था तो हम सब फॅमिली दुसरे सेहर शिफ्ट हो गये.

तब में 12th का स्टूडेंट था मैंने एक स्कूल में अपना एडमिशन करवाया सब बोर चल रहा था जब टीचर तनु नही आई थी उसको देख के मुझे हमेशा झटका लगता था वो बिलकुल प्रियंका चोप्रा लगती थी.

वो बायो पढाती थी तो में जन बूझ कर उलटे सवाल पूछता था, वो नया स्कूल था तो जादा स्टूडेंट नही थे मेरी क्लास में सिर्फ एक ही और लड़का था, में टीचर से बहुत फ्री होता था कभी टच भी करता था उसकी आँखों में भी मुझे वासना कभी कभी नजर आती थी. एक  दिन मैंने मिस से पूछा आपकी मुनिया का नंबर है, सब के सामने वो बहुत सोक हुई और मुझे कहा ये कैसा सवाल है, तो मैंने अपनी मुनिया शर्ट निकल के दिखाई तो वो हस पड़ी और कहा बाद में बतौंगी अभी पढो.

में पड़ी में बिजी हो गया, एक दिन मेरी क्लास का वो एक लड़का नही आया था में क्लास में अकेला था मिस के आते ही में उनके पास चला गे और कहा आज तो उदय बी नही आया है मुझे नही पढना. तो मिस बोली तो क्या प्रोग्राम है, मेने कहा कुछ खेलते है, वो मन करने लगी तो मैंने उससे पुचा आप मुझे उठा सकती हो मिस ने कहा क्यूँ नही वो मेरे पास आई और उठाने की कोशिस की पर न उटाह सकी मगर कोसिस करते सामने से उसके बूब्स मेरे पेट पर छाती पर खूब रगड़े जिससे मुझे तो मजा आ गया.

मुझे मिस को भी ऐसे ही मजा देना था मिस की ब्रा की स्तरप मुझे दिकती तो मैंने पूछा मिस ये क्या है, तो मिस ने कहा ये मेरी बनिया है, मैंने कहा ये कैशे नाजन बन्ने का नाटक कर रहा था जिससे वो भी समाज रही थी.

तो मिस ने कहा लेडीज की बनियान नही होती ब्रा होती है, मेने पूछा वो कैसी होती है, तो मिस ने कहा जाओ बहार देख के आओ कोई आ तो नही रहा, में देखने जा रहा था  और ख़ुशी से पागल हुआ जा रहा था.

बहार कोई नही था सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर हमारी एक ही क्लास थी में भाग के वापस आया और का कोई नही है तो मिस मिस ने कहा ये सब हम दोनो तक रहना चाहिए, मैंने यकीं दिलाया की ये बात हु  दोनो में ही रहेगी.  जब मिस ने अपनी ज़िप खोली तो मुझे नजर आई वो दूध जैसी गोरी कमर और ब्लैक ब्रा, मिस ने आगे से कमीज को पकड़ रखा था और बोली देखा ये होती है ब्रा, मैंने अगला तीर चलाया और बोला ये तो एक पति सी है, तो मिस ने मुझे कहा ये बात कभी किसी को भी मत बोलना तो सब दिखौंगी, में मान गया तो उसने आगे से भी कमीज  गिरा दी.

तो मिजे नजर आये वो बड़े बड़े बूब्स जिनको सोच सोच के मेरा दिमाग और लंड थक गये थे तो मैंने कहा मिस अप्प इस तरह कोम्फोर्ताब्ले रहती हो, तो मिस ने कहा अगर न पहने तो ये बहुत हिलते है, मैंने कहा मिस मेरे तो नही हिलते में आपके हिला के देख सकता हु ?

मिस ने कहा बस एक बार, तो मैंने उनको ब्रा के ऊपर से छु लिया, क्या मुलायम थे मेरा दिल किया के इनको काट के खा जाऊ मेरे करते ही आँखे लाल होने लगी. मैंने भी मौका देख के चौका मरने का सोचा और मिस से कहा क्या में इनको बिना ब्रा के देख लू छु लू, तो मिस ने कहा एक बार जल्दी से देख लो में ब्रा उतरूंगी नही वरना कोई आ गया तो बदनामी होगी.

तो मुझे लगा मिस बस डर रही थी वरना दिल उसका मुझ से भी ज्यादा है, मैंने बोला में चेक करके आता हु, तो मैं निचे गया जहा सब अपनी अपनी क्लास मई बिजी है.

में वापस आया और आके बोला दरो नही कोई नही आएगा मैंने खुद उनकी ब्रा की हुक खोली और उनके बूब्स को आजाद किया यार में तो दांग रह गया पिंक निप्पल और इतने बड़े मगर टाइट भी कमल के ज़रा नही लटके हुए थे.

मैंने उनके हाथो में लिया और दबाने लगा, मिस  के सामने चिर के निचे बैठा उनको मुह के सामने रख कर दबा रहा था, तभी मिस ने मेरा सिर अपनी छाती पर लगा दिया और में भी पागल कुते की तरह टूट पड़ा चूस चूस के लाल लार दिए मिस को कोई होश नही था जय हो रहा है वो तो बस हांफ रही थी.

फिर मैंने मिस की गोद में सर रखा और उनकी चूत को सुंगने लगा मिस भी बात समझ गयी और पैर थोड़ी खोल दी, में कमीज उठा के सलवार के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा, मिस तो जैसे मरने वाली हो गयी और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी मिस की सलवार और पेंटी मैंने एक दम आगे से खिची और मुह अन्दर ले गया और चूसने लगा.

मगर सलवार नही उतारी, मिस दो बार झड चुकी थी के मेरी नजर दरवाजे पर गयी जहा मिस मंजीत खड़ी अपना मुह खोले हमें देख रही थी, वो कब आई हमे होश ही कहा था मगर एक बात अजीब थी, उसका हाथ मेरे देखने के बाद भी चूत पर था,

प्रोफ़ेसर की चुदाई

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Professor Ki Chudai :

हे दोस्तों में प्रिंस हु. ये कहानी तब की है जब में मेडिकल कॉलेज कॉलेज के फाइनल इयर में था और वह से ट्रान्सफर कर अपने सहर लुधियाना में रह था.  मेरी क्लास की एन्नातोमी की प्रोफेसर शिल्पा एक दम सुन्दर और स्मार्ट थी जिसकी निगाहे बहुत ही कातिलाना थी. हम चार दोस्त थे जिसमे तीन  लड़के और एक लड़की रुपाली थी. और हम मेम के कौसे को बहुत अछे से पड़ते थे.

एक दिन की बात है मेरा मूड एडल्ट मूवी देखने को किया जो की ठेअतुरे में लगी थी इस लिए में चल  पड़ा पर रस्ते में प्रोफेसरे शिल्पा जी का फ़ोन आया और उन्होंने मुझे हॉस्पिटल आने को कहा. मेरे पास मेम का पहली बार फ़ोन आया जो को में चाहता था की उनसे मेरी बात सुरु हो जाये और तभी मैंने भी हॉस्पिटल का नाम सुन कर वह आने के लिए हां कह दिया.

वह पहुच कर मैंने देखा की उनकी मम्मी वह एडमिट थी और उनके साथ कोई नही है, इस लिए उनका ख्याल रखने के लिए मुझे वह बुलाया है.

शिल्पा-  प्रिंस तुझे कोई प्रॉब्लम तो नही होगी?

में- नही. में तो चाहता ही था की मेम के करीब आऊ यह तो चौका लग गया और में बहुत खुश था.

शिल्पा मेम ने मुझसे पुचा की तुम्हे कोई और काम तो मही था ?

मैंने तब उन्हें बता दिया की में मूवी देखने जा रहा था और हॉस्पिटल का नाम सुनते जी आ गया तो इसमें कोई काम नही था जी ये तो मेरा फ़र्ज़ है.

शिल्पा मेम- मुझे अच लगा एक डॉक्टर मर यही क्वालिटी होनी चाहिए.

शिल्पा मेम- तुमने डीनर कर लिया ?

में- नही मेम हॉस्टल जा कर करूँगा क्योंकि किसी को नही पता की में यहाँ आया हु.

तब उन्होंने मुझसे एक साथ डिनर करने को कहा और ये भी कहा की अगर हॉस्टल जाना ज्यादा जरुरी नही है तो तुम मेरे साथ रुक कर इनका ख्याल रख सकते हो. तब मैंने उनकी बात मान ली और वाही रुक गया और उनके साथ डिनर करने लग गया.

डिनर करने के बाद हम थोडा घूम रहे थे, शिल्पा मेम अन्दर सोफे पर अकेली बैठी हुई थी और डॉक्टर को कह दिया था की जरुरत होगी बुला लुंगी मेम अकेली थी तो में उनके पास जा कर बैठ गया.

मेरा लंड खड़ा था और जीन्स टाइट हो चुका था शिल्पा मेम भी मुझे बड़े धयान से देख रही थी और मेरे लंड को भी.

शिल्पा मेम- अगर युम्हे मुझे ठीक करना हो तो कैसे करोगे ?

मेम ने अब मुझे कुरता पैजामा दिया और खुद भी अपने ले कर वाशरूम चली गयी.

में अभी चंगे कर रहा था की मेम आ गयी और मुझे नंगा देख कर मुस्कुरा रही थी, अब मेम बहार आई और अपने कपडे बहार रह्क कर फिर से वाशरूम में चली गयी और तब मुझे लगा की वो टॉयलेट सीट पर है.

शिल्पा मेम ने मुझे आवाज लगे और में भी ये सोच कर की अब तो मेरे लंड उनकी चूत में घुसेगा इस लिए फटाफट अन्दर चल गया और मेम को नंगा देख कर पागल होने लगा.

शिल्पा मेम- आओ  प्रिंस मेरे पास आओ और मेरे चूत को साबुन लगा कर अछे से साफ़ करो. क्या हुआ कोई प्रॉब्लम तो नही ?

में- नही मेम बस घबराहट है और दर भी है की कहीं मम्मी न उठ जाये.

मेम में तो कब से चाहता था की आपकी चूत मिले पर कभी ये नही सोचा था की मुझे ऐसे मोका मिलेगा.

शिल्पा मेम- हां वो तो है क्यों की में भी अपनी चूत तुम्हारे लंड से चुदवाना छाती थी और आज मौका मिला है तू मेरी चूत अछे से छोड़ डालो.

मैंने मेम को बाथरूम में गोद में उठाया और बहार सोफे पर लेता दिया, उनकी टंगे खोल कर अपना मुह उनकी चूत में रख कर जीब से चाटने लगा, और चुने लगा मुझसे सोफे पर उनकी चूत अछे से नही चूसा जा रहा था इसलिए मैंने उन्हें बेड पर लेटाया और उनके ऊपर आ कर लेट गया और उनके बूब्स को चूसने लगा मेम भी अब मधोस हो गयी थी.

मेम मेरा लंड मुह में ले कर चूसने लगी और मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और फिर मैंने अपना लंड पर हल्का सा थूक लगाया और थोडा सा उनकी चूत में और अपना लंड उनकी चूत में रख कर घुसाने लगा जैसे ही मेरा लंड मेम की चूत में गया वो मरने लगी उनके मुह से आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह

आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आने लगी कुछ देर बाद उन्हें मजा आने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी वो मुझ से उचल उचल कर चुदवा रही थी में लगातार मेम को चोदता रहा मेम जैसे पागल हो रही थी जैसे बहुत प्यासी थी.

मैंने उन्हें उल्टा लेटाया फिर उनके गांड को देखा क्या गांड थी मेरे तो होश ही उड़ गये एस लग रहा था की जल्दी से छोड़ कर फाड़ दू तब मैंने देर न करते हुय जल्दी से अपना लंड मेम की गांड में पेल दिया मेम रोंर लगी मैंने पहले धीर धीर किया और थोड़ी देर में जोर जर से कैने लगा और मेरे लंड ने वाइट पानी छोड़ दिया. और हम रत भर वही एक साथ सोये रहे.

मस्त आंटी

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Mast Aunty :

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यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है| मेरा नाम सुजीत सिंह है और मै दुर्गापुर में रहता हूँ, अब मै अपने साथ हुई घटना बताता हूँ की किस तरह मैंने आंटी के साथ चुदाई करी| उस वक़्त मेरी उम्र १८ साल की थी और उसी समय मेरे घर के पास एक आंटी रहने के लिए आई|

आंटी दिखने में बहुत सेक्सी थी, उनको देखकर ऐसे ही लंड खड़ा हो जाता था| आंटी की उम्र करीब ३० की होगी, एक दिन उनके घर में कोई मेहमान आया हुआ था तो उन्होंने मुझे बुलाया और कहा बेटा जाकर मार्किट से कोल्ड्रिंक लेकर आओ| मै मार्किट से गया और उनके लिए कोल्ड्रिंक लेकर आ गया|

जैसे ही मै दरवाजे के पास गया मुझे आंटी के कराहने की आवाजे आ रही थी, मै खिड़की से छुपकर सब कुछ देखने लगा, मैंने देखा उस आदमी का लंड आंटी के चूत में घुसा हुआ था और वो बहुत तेज़ी से आंटी के चूत में धक्के दे रहा था, यह सब देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया, मैंने फ़ौरन अपना मोबाइल फ़ोन निकाला और उनकी चुदाई का विडियो बनाने लगा| उनलोगों की चुदाई करीब ३० मिनट तक चली और मेरे पास भी आंटी के ३० मिनट का ब्लू फिल्म बन गया|

अब मै अक्सर उस ब्लू फिल्म को देखकर मुठ मारा करता था, एक दिन मैंने सोचा क्यूँ न आंटी को वो ब्लू फिल्म दिखाकर ब्लैकमेल किया जाये और उनकी जबरदस्त चुदाई की जाये, यह सोचकर ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगा और मै जैसे ख़ुशी से पागल होने लगा, मै मौके की तलाश में रहने लगा की कब मौका मिले और आंटी को वो ब्लू फिल्म दिखाकर चोदु|

आखिरकार मुझे वो मौका मिल ही गया, एक दिन आंटी दोपहर में घर पर अकेली बैठी थी मैंने उनके पास गया और डायरेक्ट कहा आंटी मुझे आपकी चुदाई करनी है, मेरी बात सुनकर वो जैसे सन्न रह गयी, वो बोली क्या बक रहे हो सुजीत? फिर मैंने मोबाइल निकालकर उस अनजान अंकल और उनकी चुदाई का विडियो दिखा दिया|

विडियो देखकर वो जैसे सन्न रह गयी, मै समझ गया की अब उनके पास कोई चारा नहीं है, मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, पहले तो उन्होंने रोकने की कोशिश की लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी, मैंने उनकी साड़ी अपने हाथों से उतार दी अब वो ब्रा और पैंटी में थी,

मै ब्रा के ऊपर से ही उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनकी पैंटी निकाल दी और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा, उन्होंने मेरा सारा कपड़ा अपने हाथों से निकाल दिया और मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड, लंड न होकर केला हो|

अब मैंने अपना लंड उनके मुहं से निकाला और उनकी चूत को चाटने लगा, उनके चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था, अब मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी, अब मैंने आंटी को अलग अलग पोजीशन से खूब चोदा, उस दिन हमलोगों ने करीब ३ बार चुदाई की|

अब मै और आंटी मौका मिलते ही चुदाई कर लेते है| अगली कहानी में आप लोगो को बताना चाहता हूँ की किस तरह मैंने आंटी की गांड भी मारी, तब तक के लिए आप लोग जाइये और मुठ मारिये और इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे|

थैंक यू……

एक रात आंटी के साथ –हॉट

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Ek Raat Aunty Ke Sath – Hot

मेरा नाम कमलेश भाटी, उम्र २१ साल राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले से हूँ। मुझे चुदाई करने का बहुत शौक है। मेरा नाम चुदाई करने वालो की लिस्ट में सर्वप्रथम आता है। मेरा सच्चा अनुभव मुझे Free Hindi Sex Stories से मिला। मैं पाठको को कहना चाहूंगा कि वो मेरी कहानी पढ़ें।

तब की है जब मैं गर्मियों की छुटि्‌टया मनाने मैं अपनी आंटी के घर गया था। मेरी आंटी के दो बच्चे एक का नाम राहुल १२ साल का व रीना ८ साल की है। मेरे चाचा बिजनेस के मामले में ज्यादातर बाहर ही रहते हैं।

आंटी बहुत सैक्सी लग रही थी। आंटी का फिगर ३६ २८ ३८ था। आंटी के बूब्स बहुत ही सुडौल थे। आंटी मुझे बहुत ही पसंद थी। मैं सपने में सोचता रहता थी कि आंटी को किस तरह से चोदा जाये। कभी-कभी रात में आंटी के नाम का मुठ भी मारता रहता था।

आंटी के दोनों बच्चे परीक्षाएँ खत्म करके अपने ननिहाल नाना के साथ चले गये और अंकल किसी काम से बाहर चले गये। फिर मैं और आंटी दोनों ही घर में अकेले थे। आंटी भी मेरे इशारे समझ गई थी।

एक दिन की बात है जब आंटी ने सुबह-सुबह किसी काम से मुझे बाजार में भेज दिया। जब मैं बाजार से लौटते समय घर आया तो क्या देखता हूँ कि आंटी ड्राईंग-रूम एकदम नंगी खड़ी जैसे तुरन्त ही नहाकर बाहर आई थी। गलती से दरवाजा खुला होने के कारण मैं एकदम अन्दर चला गया। अन्दर जाते वक्त मैंने आंटी का भरा-पूरा बदन बिल्कुल नंगा देख लिया। आंटी झटाक से बाथरूम की तरफ दौड़ी और कपड़े पहनकर बाहर आई।

बाहर आते ही मुझे पूछा- तुम कब आये?

मैंने कहा- आंटी मैं तो अभी आया।

आंटी और मैंने मिलकर नाश्ता किया। आंटी मेरे सामने मुझे देखकर हंस रही थी। मैं समझ गया कि मैंने आंटी को तो नंगा देख लिया है, अब आंटी भी मुझे मदहोश नजरों से देख रही थी। और मेरा मन भी रख रही थी।

आंटी ने मुझसे कहा- शाम को हम खाना साथ में खायेंगे।

मैंने कहा- ठीक है आंटी, जैसी आपकी इच्छा।

मैं अपने रूम में जाकर टी.वी. पर सैक्सी सी.डी. देखने लग गया। रात को होने को आई। आंटी ने मुझे खाने पर बुलाया। हम दोनों ने साथ में खाना खाया। खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में सोने के लिये जाने लगा तो आंटी ने कहा- कमलेश, तुम्हारे अंकल यहाँ पर हैं नहीं। ऐसा करो तुम आज की रात मेरे कमरे में ही सो जाओ।

मैं मन में आंटी का इशारा समझ गया कि आंटी आज मुझसे चुदवाना चाहती है, मैने कहा- ठीक है, मैं अभी अपने कपड़े बदल कर आता हूँ। मैं कपड़े बदल कर जैसे ही आंटी के कमरे में जाने लगा तो मैं क्या देखता हूँ कि आंटी बिल्कुल नंगी पलंग पर लेटी हैं। मैं एक बार तो चकरा गया।

फिर आंटी ने मुझसे कहा- शरमा क्यों रहे हो, सुबह तुमने मुझे नंगा तो देख ही लिया है। अब जरा चोद भी लो। तुम्हारे अंकल से चुदवाये काफी महीने हो गये, मेरी खुजली को मिटो दो प्लीज।

मैं आंटी का इशारा समझते हुए एकदम आंटी पर टूट पड़ा। ऐसे मौके तलाश कर रहा था वो अपने आप ही मुझे मिल गया। सबसे पहले आंटी के मम्मों को जोर-जोर से चूसने लगा। आंटी भी मेरा साथ देने लगी। धीरे-धीरे मैं आंटी की बुर की तरफ बढ़ने लगा। आंटी की बुर एकदम क्लीन थी उस पर एक भी बाल नहीं था। मैंने आंटी की चूत में अंगुली डालकर हिलाना शुरू किया।

आंटी आहहहहहहहह आहहहहहह……..आहहहहहहहहहह. बस करो। अब मेरी चूत को फाड़ डाल दो प्लीज । कई महीने से मेरी चूत प्यासी है। प्लीज……….. प्लीज…………

मैंने समय खराब न करते हुए अपना पजामा उतार कर अपने ८ इंच के लंड को आंटी की चूत पर रख दिया। एक धक्का दिया तो ४ इंच लंड आंटी की चिकनी चूत में घुस गया। आंटी ने कहा- आह…. दर्द हो रहा है। इतना लम्बा लण्ड तो तेरे अंकल का भी नहीं है मेरे राजा। इतना लम्बा लण्ड कहाँ छुपा के रखा था। आज तू मेरी चूत को भौसड़ा बनाकर ही छोड़ना। मैंने कहा- मेरी रानी, मैं भी तुम्हें चोदने की फिराक में था, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिला। आज तो मैं दो इंच चूत को भौसड़ा बनाकर ही छोडूंगा। फिर मैंने अपनी चुदाई तेज कर दी। आंटी इस बीच दो बार झड़ गई। मैं भी झड़ने की तैयारी में था।

आंटी ने कहा- मैं तुम्हारे लण्ड महाराज का दूध अपने मुँह में पीना चाहती हूँ।

मैं झड़ने वाला ही था, मैंने अपना लण्ड चूत से निकाल कर आंटी के मुँह में रख दिया। आंटी के मुँह में दूध की बरसात हो गई। आंटी ने मेरा सारा रस चाट-चाटकर पीया। फिर मैं झड़ने के बाद आंटी के ऊपर ही सो गया।

इस बीच हमने ४ बार सैक्स किया। मुझे आंटी बहुत ही पंसद है। आंटी ने मुझे ऐसा मजा दिया मैं उसे भूला नहीं पाउंगा।

होटल में चुदाई

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Hotel Mein Chudai :

आज मैं आपको एक स्टोरी शेयर कर रहा हू, श्रुति जिसकी मैंने चुदाई होटल में की   मेरा लंड 8″ लंबा और 4″ मोटा है. श्रुति बड़ी ही हॉट एंड सेक्सी लड़की है, मुझे उसको चोदने का मन करने लगा क्यों की मुझे जो फोटोग्राफ भेजी थी वो काफी सेक्सी थी.

मुझे देखते ही उसे चोदने का मान करने लगा. उसने बताया की वह शादीशुदा है और उसका एक 3 साल का बच्चा है… शादी को 5 साल हो गये है आफ्टर बेबी उसके हज़्बेंड के साथ रीलेशन अच्छे नही रहे और उसका पति भी उसे ढंग से नही चोदता है. ना ही उसकी तरफ ध्यान देता है. श्रुति का फिगर 34-30-38 बताया.

मैने श्रुति से पूछा की तुम कहा रहती हो और मैं तुमसे कहा मिल सकता हू. तो श्रुति बोली मैं दिल्ली के करोलबाग़ में रहती हु, उसने कहा की मुझे 2 दिन बाद कुछ काम से चंडीगढ़ जाना है और मैं वह एक होटेल मैं रुकूंगी. और वही मैं तुम्हे मिलूंगी.मैने कहा ठीक है हम आफ्टर 2 डेज़ मिलते है चंडीगढ़ मैं. और फिर हम सेक्स की बातें करने लगे. सेक्स टॉक के दौरान श्रुति सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी.

श्रुति फिंगरिंग कर रही थी और मुझे भी जोश आ रहा था और मैं भी अपना लंड पकड़ कर हिलने लगा…. श्रुति ने ज़ोर दार आवाज़ के साथ ही कहा साहिल मैं झड़ने वाली हू. आआआहह!!!! और वो झड़ गई.

आफ्टर 2 डेज़ ई रीच इन चंगीगढ़ और उसके बताए हुए होटेल पर मैं पहुंच गया.जब मैने श्रुति को देखा तो क्या मस्त लग रही थी.और उसके देख कर मैने उसे कहा की श्रुति आज तो तुम कयामत लग रही हो. लगता है जान लेने का इरादा है…उसने कहा ऐसा कुछ नही है. आज पहली बार किसी अनजान सक्स के साथ अजीब सा लग रहा है. मैने कहा क्यू घबरा रही हो जानेमन.बहुत मज़ा आएगा क्यू घबरा रही हो…उसने स्माइल कर दी… फिर हम होटेल मैं हम एक साथ गये और वाहा एक रूम बुक किया. रूम की चाबी लेकर हम रूम मैं एंटर हुए. और रूम मैं आते ही हमने समान छोडा और मैने श्रुति को पीछे से कस के पकड़ लिया और उसे अपनी और खींच लिया. उसने कहा क्या कर रहे हो रूको तो पहले समान तो रख ले. मैने कहा समान को यही रहने दो. और मेरे पास आओ. मुझे टाइम वेस्ट करना पसंद नही है…

मैने और शरमाना बिलकुल भी नही. जैसे फर्स्ट टाइम तुम अपने हज़्बेंड के साथ किया था. मुझे उससे भी ज्यादा तुम्हारे साथ प्यार करना है. और फिर मैने उसे उल्टा करके उसे बेड पर धक्का दे दिया और उसपर टूट पड़ा… और उसे लगातार किस करने लगा. मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे.क्या मस्त बूब्स थे. एक दम फुटबॉल की तरह.मैं उसे बहुत जोर जोर से चूस रहा था और निप्पल को डाट से काट कर रहा था. और जोर से प्रेस कर रहा था. वो चिल्ला रही थी. साहिल डियर दर्द हो रहा है. मैने कहा दर्द मैं ही मज़ा है जान. और फिर मैं उसे स्मूच करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. उसके दोनो हाथ मेरे बालो में थे … श्रुति की जीब मेरी जीभ से टकरा रही थी. उसकी साँसे मुझे पागल बना रही थी… उसके होंटो का स्वस्त बहुत जबरदस्त था.

फिर मैंधीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा. मेरा एक हाथ उसकी पाजामा के उपर से ही उसकी चूत पर पहुंच गया और उसे रब करने लगा. उसे मज़ा आने लगा. और उसने अपनी टाँगे चौड़ी कर ली. मेरा एक हाथ उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था. और मैं उसकी ब्रेस्ट पर क़िस्सीस कर रहा था.मैने उस उठा कर उसकी कमीज़ उतार दी. उसने काली ब्रा पह्न रखी थी. आस्क फुटबॉल जैसे बूब्स ब्रा मैं क़ैद थे. मुझसे रहा ना गया तो मैने उसे पलट कर उसकी ब्रा के हुक को अपने मूह मैं दल कर खोलने लगा. उसे सरसराहट सी होने लगी. श्रुति ने कहा साहिल गुदगुदी हो रही है. हाथ से खोल दो. मैं हुक खोलने मैं मस्त था. और फिर मैने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया. उसके बड़े बड़े निपल. उसे सिद्धा करके मैने उसके बूब्स को फिर से अपने मूह मैं पूरा ड़ाल लिया और उसके निपल को चूसने लगा. .

धीरे धीरे मैं और नीचे बढ़ने लगा उसकी नेवेल बहुत गहरी थी. उसके अपनी जीब गुसा कर चूसने लगा. उसने मेरे सिर पर अपना हाथ रख कर दबाने लगी. और उसे गुदगुदी हो रही थी. फिर मैने उसकी पाजामा का नडा खोल दिया और एक ही जटके मैं उसकी पाजामा को उसकी टॅंगो से अलग कर दिया. उसने ब्लॅक कलर की ही पेंटी पहनी थी. ट्रॅन्स्परेंट टाइप. बिल्कुल छोटी सी. जिससे उसकी फूली हुई चूत नज़र आ रही थी. मैने उसकी चूत पर हाथ फेरा और अपने होंटो से उसकी पेंटी के उपर से ही उसकी चूत को चूमा. उसकी पेंटी गीली हो गई थी… और एक बार श्रुति झड़ भी गई थी…फिर मैने उसकी पेंटी को भी खोल दिया… श्रुति अब मेरे सामने पूरी नगी थी.

वो किसी भी रूप से एक बचे की मा नही लग रही थी. काफ़ी मेनटेन रखा है उसने अपने आपको. मैने उसकी टाँगे उठाई. और अपनी जीब उसकी चूत मैं धीरे धीरे गुमाने लगा. और उसकी गीली चूत की चाटने लगा. क्या स्वादिस्ट चूत थी. ह्म्‍म्म्मम. उूउुआअ. बहुत मज़ा आ रहा था उसकी चूत का बहता हुआ पानी पीने का. उसने अपनी कमर उपर उठा कर मेरे मूह को कसकर अपनी चूत पर दबा दिया… मुझे और जोश आने लगा. मैने अपनी जीब पूरी बाहर निकल कर श्रुति की चूत की गहराई मैं गुसा दी.

और फिर उसकी चूत के दाने को अपने दातो मैं दबा कर. जोर जोर से काटने लगा. श्रुति चिल्लाने लगी आआआहााहह… साहिल दर्द हो रहा है. डियर चाटो काटो मत . पर मैं उसके दाने को दंटो मैं दबा कर काट रहा. और उसकी चूत का पानी लगातार बहता जा रहा था… जिसे मैं अपनी जीब से साफ कर रहा था. और मज़े लेकर पी रहा था….तब उसने अपने सरीर को कसना सुरू कर दिया और मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर कसकर दबाद दिया और आआअहह!! की आवाज़ निकलते हू झड़ गई. मैने उसकी चूत को साफ कर दिया. फिर मैने अगले राउंड के लिए तैयार हो गया. उसकी चूत भी काफ़ी टाइट थी. ज्यादा चुदी ना होने के कारण वो कुंवारी ही लग रही थी….

मैने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए… श्रुति मेरा लंड देख कर पागल सी हो गई. मैने अपना लंड उसके हाथ मैं दे दिया और उसे चूसने को बोला. श्रुति ने भी बिना डियर किए अपने मूह मैं ड़ाल लिया और लॉलिपोप की तरह चूसने लगी. मैने उसके बालो को पकड़ कर अपने लंड को उसके गले तक उतार दिया.

और उसके मूह को जोर से ढके मार कर चोदने लगा. लगातार उसके मूह को चोदने के बाद मैं उसके मूह मैं ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गई…मैने उसे दोआबारा स्मूच करनी सुरू कर दी. उसने मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैने श्रुति को अपनी टाँगे खोलने को कहा. उसने अपनी टाँगे खोली… मैने उसकी टाँगे उपर की तरफ उठाई और अपने दोनो हटो की उंगलियो से उसकी चूत को फैला करने लगा… उसकी चूत को खोल कर अंडर तक झाँकना था… श्रुति ने पूछा क्या कर र्हे हो साहिल. मेरी चूत को चीरने का इरादा है क्या. मैने कहा मैं चूत की गेह देख रा हू. कितनी लाल है तुम्हारी चूत अंदर से.

और फिर मैने अपना पूरा मूह उसकी चूत की गहराई मैं रख कर चूमा और फिर मैं उसके उपर आ गया और और उसकी टाँगे उठा कर अपने शोल्डर पर रख दी. और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मारा और अपना सारा लंड उसकी चूत की गहराई मैं घुसा दिया. पहले भी चुदी होने के कारण उसे ज्यादा तकलीफ़ नही हू. पर उसकी चीख निकल गई. काफ़ी टाइम से ना चुदबाने के कारण उसकी चूत टाइट थी…मैने धीरे धीरे उसे धक्के मारना सुरू कर दिए. उसे भी मज़ा आने लगा. वो भी अपनी कमर उछाल उछाल कर चुदबाने लगी… मैं अपने धक्को की स्पीड और तेज कर दी. लगातार तेज तेज धक्के मारने लगा. 10 मिनट तक चोदने के बाद मैने उसे घोड़ी बनने को कहा. और वो घोड़ी बन गई.

फिर मैने उसे घोड़ी बना कर चोदा . 5 मिनट तक उसे घोड़ी बना कर चोदने के बाद. फिर उसे अपने उपर बैठने को कहा. और उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत मैं डाला और उपर नीचे उछालने लगी. मुझे भी मज़ा आने लगा. फिर मैने उसकी कमर के नीचे हाथ रखा और नीचे से लगातार धक्के मरने लगा. और आफ्टर १० मिनट के बाद मैं झड़ने लगा तो मैने उसे पूछा की कहा छोड़ू अपना पानी. उसने कहा मेरी मूह मैं छोड़ो. फिर मैने ढके तेज सुरू कर दिए. और लास्ट 3-4 ढाको मैं मैने उसे उठने को कहा और फिर मैं उसके मूह मैं झड़ गया और वो मेरे लंड का सारा पानी पी गई. और उसने अपने मूह से मेरे लंड को साफ किया. और फिर मैने उसकी बगल मैं लेट गया. उस दिन मैने उसे 3 बार चोदा, और वो बोली की देखो तुम मुझे नेक्स्ट टाइम जब भी चोदने का हो मुझे ५ दिन पहले बता देना मैं नौकरी की इंटरव्यू के बहाने मैं दिल्ली के आस पास या तो दिल्ली में ही एक दिन के आ सकती हु. अब नेक्स्ट प्लानिंग मेरी है ग़ज़िआबाद में चोदने का, मैं आपको ये कहानी भी जल्द ही पोस्ट करने बाला हु.


भाभी की सहेली ने चुपके से अपनी चूत चुदवाई

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Bhabhi Ki Saheli Ne Chupke Se Apni Choot Chudwai :

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नमस्कार मित्रों! मेरा नाम किशोर है। मैं मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से हूँ। मेरी उम्र 27 वर्ष है। मै संतुलित शरीर और करीब छः फुट का नौजवान हूँ। मैं एक साफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर हूँ। मित्रों मैं स्वभाव से शांत और कम बोलने वाला हूँ इस कारण दूसरों से मतलब भी कम ही रखता हूँ। मैं अपने परिवार में दो भाईयों में छोटा हूं। बड़े भईया की शादी दो साल पहले हुयी थी। भाभी भी जबलपुर से ही हैं, और हमारे घर से करीब 20 किमी दूर उनकी ससुराल है। अब बात को ज्यादा घुमाये बिना मैं मुद्दे पर आता हूँ, और आपको मेरी पिछले साल घटी एक सच्ची सेक्सी कहानी सुनाना चाहता हूँ। यह कहानी मेरी भाभी की एक बहुत खास सहेली के साथ चुदाई की है जिसमें हम दोनों ने पूरी रात खूब मजे किये।

तो मित्रों, बात यह है कि भाभी शादी से पहले काॅलेज में पढ़ाई कर रही थी और वहाँ उनकी कई सहेलियां भी थी। पर उन सभी में उनकी एक पक्की सहेली थी जिसका नाम रीना था। वह गोरे रंग की और भूरी आखों वाली थी। उसके शरीर की कसावट बिल्कुल बेबी डाॅल जैसी थी और ऐसा लगता था कि उसके हर अंग में करंट सा दौड़ता था और उसे देखने वाले को इसका अहसास आसानी से हो जाता था। और देखने वाला उसका दिवाना हो जाता था। भाभी ज्यादातर उसके साथ ही रहती थी। और जब हम भाभी को देखने उनके घर गये थे। तब रीना भी वहाँ थी और उसी समय मैंने उसे पहली बार देखा और उसके रूप को निहारता रह गया। और इस तरह वह भाभी की शादी तक वह उनके साथ रही। दूल्हे का भाई होने के कारण भाभी की सहेलियां मेरी खिचाई कर रही थी।

वह भी उनमें शामिल थी, और इस बीच कई बार हमारी नजरें आपस में टकराई पर अपने शर्मीले स्वभाव के कारण मैं उससे बात तक नहीं कर पाया। और इस तरह शादी सम्पन्न होने के बाद वह अपने घर चली गयी। और मेरे अरमान अधूरे ही रह गये। और धीरे धीरे उसकी याद धुंधली होती गयी। और मैं भी अपने नये जाॅब में बिजी हो गया।

पर मित्रों करीब एक साल बाद मेरी जिंदगी ने एक हसीन मोड़ लिया। एक दिन जब मैं शाम को जाब से छूट कर घर आया तो मैंने हाल में सोफे पर भाभी के साथ किसी को बैठे देखा। गौर से देखने पर पता चला कि वह भाभी की सहेली रीना थी। उसे देखकर मैं कुछ देर रूका, फिर हमने एक दूसरे को हाॅय हैलो किया। उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया। पर उसे देखते ही मेरी यादें ताजा हो गयी। इसके बाद उसका हमारे घर आना बढ़ने लगा। लेकिन इस बार मैंने बिना किसी हिचक के उससे बातचीत शुरू कर दी क्योंकि मैं फिर से यह मौका नहीं छोड़ना चाहता था और शायद वह भी यही चाहती थी, इसलिए उसने भी बातचीत के सिलसिले को जारी रखा। और कुछ ही दिनों में हम दोनों काफी नजदीक आ गये। और एक दिन बातों बातों में उसने बताया कि वह भी मुझे पहले दिन से पसंद करती है। यह सुनकर तो मानो जैसे मेरा जैकपाॅट ही लग गया हो। और मेरी उसके करीब जाने की इच्छा और बढ़ गयी।

लेकिन इस मामले में भी वह मुझसे एक कदम आग हीे निकली। एक शाम जब मैं ऑफिस से घर आया तो रीना भाभी के कमरे में थी और मेरे कमरे में आते ही वह उठ खड़ी हुई और मुझसे बिना बात किये कमरे से बाहर चली गयी। पर जाते जाते उसने मेरी जेब में चुपके से एक कागज की पर्ची डाल दी। सबकुछ इतना जल्दी हुआ कि मैं समझ ही नहीं पाया और उदास होकर अपने कमरे में आ गया। फिर अचानक मेरा ध्यान शर्ट की जेब पर गया जिसमें एक पर्ची थी। मैंने उसे खोलकर पढ़ा तो उस पर लिखा था कि ‘आज घर पर कोई नहीं है तुम रात को घर आ जाना’। उसे पढ़कर मैं खुशी से उछल पड़ा। और बिना कुछ सोचे डिनर कर के रीना के घर के लिये निकल गया। और घर पर किसी दोस्त के घर पर रूकने का बहाना बना दिया। और थोड़ी देर बाद ही मैं रीना के घर के दरवाजे पर था। मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था, पर फिर भी मैंने हिम्मत करके घंटी बजा दी।

दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि रीना मेरे सामने खड़ी थी और हल्की गुलाबी सी नाइटी पहने हुये थी और दबे होठों से मुस्कुरा रही थी, फिर उसने मुझे अंदर कर लिया। वह उस नाइटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी और मानो उसने यह मेरे लिये ही पहनी थी। उसकी आँखों में एक अनोखी चमक थी पर फिर भी मैंने अनजान बनते हुए उससे पूछा कि तुमने मुझे क्यों बुलाया। तो वह हँसते हुये बोली कि इतना नहीं जानते हो बुद्धू कहीं के। और यह कहते ही मुझसे आकर जोर से लिपट गयी। उसकी चूचियां मेरे सीने से इस कदर जुड़ी थी कि बीच से हवा का गुजरना भी मुश्किल था। और उसके जिस्म की महक मुझे पागल बना रही थी और मेरे सोए अरमानों को जगा रही थी। फिर धीरे से उसने मेरी शर्ट और बनियान उतार दी। अब मुझसे भी सब्र न हुआ और मैंने उसे बेड पर पटक दिया और उसके होठों को चूमने लगा।

और बिना इंतजार किये दोनों हाथों से उसकी नाइटी उतार दी। और सिर्फ ब्रा और पैंटी से ढका उसका गोरा बदन मेरी आँखों के सामने था। और मैंने भी अपनी पैंट उतार दी। फिर मैंने उसकी ब्रा को ऊपर की ओर खिसका कर उसकी चूचियां खोल दी और बारी बारी से उनका रस चूसने लगा। और एक हाथ से उसकी नीली पैंटी के अंदर छिपी चूत को धीरे से सहलाने लगा। मेरा हाथ रीना की चूत पर पड़ते ही उसके बदन में आग सी फेल गयी और वह फड़कने लगी। मैंने धीरे से उसकी चूचियों के निप्पलों को मसलना शुरू किया तो उसकी आवाजें निकलने लगी। और फिर बिजली की फुर्ती से उसने मेरे लौड़े को अंडरवियर से निकाल कर उसे जोर से दबाने लगी। और उसके कोमल हाथों को छूते ही मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा और सख्त हो गया। और अपने आवेश में आ गया।

जल्द ही मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी मक्खन सी मुलायम चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा जो पानी छोड़ने के कारण गीली हो चुकी थी। और उसकी सिसकियां बढ़ने लगी। अब वह बेकाबू हो चुकी थी। बस अब मुझे चाद दो, और इंतजार नहीं होता, अपने मोटे लंड को मेरी चूत में पूरा घुसा दो, यही कहे जा रही थी। और फिर मैंने बिना इंतजार किये बिना अपने लंड को उसके चूत के पानी से गीला करके उसकी चूत में हल्के से डाल कर धीरे धीरे आगे पीछे करके उसकी चूत में रगड़ने लगा। और अब हम दोनों ने ही चुदाई का मजा लेना शुरू कर दिया। और फिर मैंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी और लंड को तेजी से रगड़ने लगा।

मैंने पहले उसको जाघों पर रखकर चोदा। इसके बाद हाई स्पीड में कुतिया बनाकर चुदाई की। और बीच बीच में उसके होठों को चूमता तो कभी उसकी चूचियां चूसता। इस बीच उसकी आह आई मर गई की आवाजें और भी तेजी से कमरे में गूँजने लगी। और फिर मैंने भी एक एक करके पूरी रात में उसकी पांच बार चुदाई की। और मैंने झड़ने के बाद सारा पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया। इस तरह हमने सुबह तक चुदाई की और पूरी रात खूब मस्ती की। फिर मैं भोर से पहले ही उसके घर से चला आया।

मित्रों इस तरह मैंने अपनी भाभी की सहेली की चुदाई उसी के घर पर जा कर की। आशा करता हूँ कि आपको यह कहानी पसंद आयी होगी। इसलिए इसे खूब लाइक और शेयर करें। पढ़ने के लिये धन्यवाद।

फ्लैट में लड़की की सील तोड़ी और चुदाई की

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Flat Mein Ladki Ki Seal Todi Aur Chudai Ki :

हाय दोस्तों! मेरा नाम विरेन्द्र है। मैं 28 साल हूँ और यूपी के एक गाॅव से हूँ और मुंबई में एक टेलीकाम कंपनी में एरिया मैनेजर हूँ। मैं वर्सोवा के अपार्टमेंट में रेंट पर रहता हूँं। आज मैं आपको मेरे साथ पिछले दिसम्बर में घटा एक सेक्सी और यादगार किस्सा बताने जा रहा हूँ, जो पूरी तरह से सच है। और उन दिनों मैंने अपने फ्लैट में एक ताजी जवान हुयी लड़की की सील तोड़कर पूरी रात उसकी जमकर चूत मारी।

तो दोस्तों, बात ऐसी है कि मैं अपार्टमेंट के सातवें फ्लोर पर रह रहा था। मेरे ठीक सामने वाले फ्लैट में एक यूपी के लखनऊ का परिवार रहता था। उनके परिवार में करीब 50 वर्ष बूढ़े के माता पिता और उनका बेटा जो करीब मेरे ही उम्र का था जो मुंबई के ही किसी कालेज में टीचर था। मैं भी अपने जाॅब में ज्यादातर व्यस्त रहता था। यूपी के होने के कारण कुछ ही दिनों में हम दोनों में दोस्ती हो गई, और हमने साथ में पार्टी व मौज मस्ती शुरू कर दी। अब अंकल आंटी भी मुझसे काफी घुल मिल गये थे। कुछ दिनों बाद उनके बेटे को अमेरिका के किसी काॅलेज में पढ़ाने का आॅफर आ गया और वह अमेरिका चला गया। अब अंकल और आंटी अकेले हो गये। और छोटे मोटे कामों के लिये मुझे बुला लेते थे। मेरी इस कहानी में रोमांचक मोड़ तब आया, जब आंटी ने गाॅव से अपने छोटे भाई की बेटी को मुंबई बुला लिया, क्योंकि बेटे के जाने के बाद वे अकेले घर में उबने लगे थे। जब पहली बार मैंने आंटी की भांजी को देखा तो मेरे होश उड़ गये।

वह गोरे रंग और पतले छरहरे शरीर की बला की खूबसूरत थी। उसका नाम शशि था और शायद ही वह अपने 18वें सावन को पार कर पायी होगी, क्योंकि उसके चेहरे की मासूमियत और आँखों की शर्म उसके यौवन को और भी निखार रही थी। और उसको देखकर मेरे वासनाओं के सांपों ने अपने आप ही फुॅफकारना शुरू कर दिया। अब मैं जब भी अंकल के यहाँ जाता तो बातों में कम और शशि को ताड़ने में ज्यादा समय बिताने लगा और उससे बातें करने के बहाने खोजने लगा। पहले तो उसने मुझपर जरा भी ध्यान न दिया, लेकिन फिर धीरे धीरे हमारी नजरें लड़ने लगी और बातों का सिलसिला बढ़ने लगा। और मैं उसे तरह तरह की बातें और किस्से सुनाकर रिझाने की कोशिश करने लगा। जल्द ही मैं समझ चुका था कि शशि को मेरा उसके पास होना भाने लगा था, क्योंकि वह आस पास बहुत ही कम बात करती थी और शायद ही कभी अपार्टमेंट के बाहर जाती थी। मैंे भी उसके अकेलेपन का फायदा उठाने लगा और जैसे ही जाॅब से फ्री होता, शशि के पास पहुंच जाता। अब उसकी शर्म भी खुलने लगी थी और हम दोनों में हर तरह की बातें होने लगी।

अंकल आंटी को मुझ पर पूरा भरोसा था, इस कारण वे मुझपर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। दिसम्बर में महीने में ठंड अपने चरम पर थी और इसी समय मेरे व शशि के बीच नजदीकियाँ बढ़ने लगी।

एक बार संडे की शाम को मैं अंकल और आंटी का हाल चाल लेने उनके फ्लैट में गया, क्योंकि उस दिन ठंड बहुत अधिक थी। मैंने अंदर जाकर देखा वे खाना खाकर अपने बेडरूम में सोने के लिये जा रहे थे, इस कारण मैंने उनसे ज्यादा बात नहीं की और उन्हें आराम करने के लिये छोड़ दिया। अब मैं शशि को ढूढने लगा जो कि किचेन में बर्तन साफ कर रही थी। उसे देखकर न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मेरे पास उसकी चूत मारने का फुल चांस है। और मन में यही ख्याल लिये मैंने शरारत के बहाने पीछे से उसके गाल पर हाथ फेर दिया तो वह सिहर उठी और मेरी ओर देखते हुए बोली कि आज तो आप बड़े मूड में लग रहे हैं।

मैंने उसकी आखों को जल्द ही पढ़ लिया जो कि मुझे शरारत करने की पूरी छूट दे रही थी और शायद मौसम की नजाकत भी इसी ओर इशारा कर रही थी। अब वह फिर से अपने काम में लग गयी और मैंने भी अपना इरादा मजबूत कर लिया। फिर मैंने धीरे से उसके पिछवाड़े पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, इस बार उसने कुछ भी नहीं कहा तो मुझमें भी हिम्मत आ गयी और मैं उसके पुट्ठो को दबाने लगा और उसकी गांड में उंगली करने लगा। शशि का पूरा बदन कांपने लगा और उसने भी मजा लेना शुरू कर दिया। मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी कुर्ती में डालकर उसे छाती तक ले गया। और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा, जो कि भरपूर उभरे हुए और गोल थे। फिर धीरे से मैं साइड से उसके गालों को चाटने लगा। फिर अपने दूसरे हाथ को उसकी सलवार में डाल कर चूत पर ले गया और पैंटी के ऊपर से ही उंगली से उसकी चूत को खोदने की कोशिश करने लगा,

उसकी चूत इतनी सख्त थी कि मेरी उंगली बड़ी मुश्किल से उसकी चूत में जा सकी और मुझे यह समझने में जरा भी देर नहीं कि अभी उसकी सील नहीं टूटी है और आज उसकी सील तोड़ने का सुख मुझे ही प्राप्त होगा। जैसे ही मैंने उसकी चूत में उंगली करने लगा, शशि के मुँह स आहहहह आइइइइइइ की आवाजें तेज होने लगी क्योंकि उसे सह अहसास पहली बार हो रहे थे। अब उसने अपना काम बीच में ही छोड़ दिया और मुझपर निढाल हो कर गिरने लगी। उसकी आहें तेज होने लगी और मैं समझ गया कि शशि अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है। मैंने बिना इंतजार किये उसको गोद में उठा लिया और उसके कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा दिया। और जल्दी से पहले उसके कपडे़ उतारे और फिर उसकी सफेद ब्रा उतार कर उसके रसीले बूब्स पर टूट पड़ा, फिर एक एक करके उनको चूसने लगा। उसकी पैंटी भी गीली हो गयी इसलिए मैंने उसे खीच कर उतार दिया। पैंटी हटाते ही उसकी हल्के बालों से भरी चूत मेरे सामने थी,

जिसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और अपनी मोटाई को बढ़ाने लगा। मैंने भी झटपट अपने सारे उतार दिए और अपने खड़े लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। जब मेरा लंड थोड़ा गीला हो गया तो फिर हलके से लंड के अगले हिस्से को शशि की चूत में डाल दिया तो वह बोली कि उसे बाहर निकाल दो, बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाउगी। मैं उसे समझाते हुए बोला कि थोड़ा सा दर्द होगा फिर बहुत मजा आयेगा। पर तेज तेज आहहहह उउउउउ मां मैं मर गयी चिल्लाने लगी। अब मैंने उसके मुँह को हाथ से दबा लिया और तेज झटके के साथ ताकत का इस्तेमाल करते हुये उसकी सील को तोड़ते हुये पूरा चूत में डाल दिया और उसकी चूत फट गयी। शशि की आँखों में आंसू भरे थे और वह दर्द से कराह रही थी, मैंने धीरे से उसके मुँह से हाथ हटाया और धीरे से उसके चेहरे को सहलाने लगा।

और चूत में धीरे से आगे पीछे करने लगा। और जल्द ही उसने आंसू पोछते हुये इस अहसास को महसूस करते हुए मेरा साथ देने लगी। जब मैंने देखा कि उसे भी मजा आने लगा तो मैंने अपने झटके बड़ा दिये और उछल उछल कर उसकी चुदाई करने लगा। शशि बराबर आवाजें कर रही थी पर अब खुश थी। और इस तरह मैंने शशि की रात 3 बजे तक खूब चुदाई की और रात सर्दी में गर्मी का मजा लेते रहे। और इसके बाद मैं चुपके से अपने फ्लैट में आ गया।
तो दोस्तों, इस तरह मैंने चूत चुदाई का मजा लिया। मेरी कहानी पढ़ने के लिये आप को धन्यवाद। इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें।

माँ ने गोपाल से चुदवाया

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Maa Ne Gopal Se Chudwaya :

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम शिवा है मेरे माँ शोभा और हमारे नौकर गोपाल की ये कहानी कुछ दो साल पहले की है जब में 18 साल का था मेरे घर में मेरी माँ और में और एक नौकर रहते थे पापा अक्सर घर से बाहर काम पे रहते थे वो मैहिने में एक बार घर आते है और में उनका एकलौता बेटा हु और हमारा घर भी बड़ा है.

मेरी माँ देखने में बहुत सेक्सी है और हमारा नौकर भी हमारे साथ रहता था क्यों की उसका भी फॅमिली गाव में रहते थे वो दिखने में कला है और हटा कटा है उसका लंड भी कुछ कम नही.

रातको माँ अलग कमरे में सोती थी मेरा कमरा भी अलग था और गोपाल ऊपर हॉल में सोता था ऐसे ही रोज जैसे में सोया था रात को अचानक पेशाब जाने के लिए मेरी आँख खुली और में कमरे से बहार आ गया तो मुझे कुछ आवाजे सुने दे रही थी.

में सुनते हुए आगे बड़ा तो माँ के कमरे से कुछ आवाजे आ रही थी हसने की और बाते करने की तो मैंने क्या चल रहा है देखने के लिए माँ के दरवाजे के ऊपर वाली छेद से अन्दर देखा तो देखा की माँ बेड पे बैठी थी और हमारा नौकर गोपाल भी उनके साथ बेड पे बैठके बाते कर रहे थे में देखने लगा की यह क्या हो रहा है और ये इतनी रात को तिन बजे माँ के कमरे में डोर  लॉक करके क्या बात कर रहे है.

थोड़ी देर बाद गोपाल ने माँ को किस किया में ये सब साफ साफ देख रहा था क्यों की रूम की लाइट ऑन थी मैंने देखा वो माँ के लिप्स पर किस कर रहा था और माँ भी साथ दे रही  थी.

फिर उसने माँ के गर्दन पे किस किया थोड़ी देर बाद वो माँ के कपडे के अन्दर हाथ दल कर उसके बूब्स को दबाने लगा और देखते देखते नाईटी उतर दी मेरी माँ अब बस ब्लैक  ब्रा और पेंटी में थी क्या कयामत लग रही थी. मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अपने पेंट में हाथ दाल दिया और लंड को सहलाने लगा थोड़ी देर बाद वो दोनो एक दुसरे से लिपट गये और जोर जोर से एक दुसरे को किस कर रह इथे और कमरे से आवाज आ रही थी किस करने की छ्हह्प्प्प छ्प्पप्प्प .

ये आवाज इतनी सेक्सी थी की मेरा माल बहार निकल गया फिर वो दोनो एक दुसरे से लिपट कर किस करने लगे फिर माँ ने गोपाल के कपडे उतर दिए वो सिर्फ अपनी अंडरवियर में था.

फिर उसने माँ की ब्रा को ऊपर कर दिया और उनके बूब्स को चूसने लगे और जोर से दबाने भी लगा और माँ वो सब एन्जॉय कर रही थी आँखे बंद करके. तभी गोपाल एक हाथ से बूब्स को दबा रह अता और एक हाथ से माँ की चूत में हाथ दाल कर ऊँगली को अन्दर बहार कर रहा था.और माँ के चूत में अपना मुह को दाल कर चूसने लगा.

थोड़ी देर तक ये सब चला फिर माँ ने अपना हतः गोपाल के चड्डी में दाल दिया और उसका लंड जी खड़ा था वो सहलाने लगी हिलाने लगी और कुछ देर बाद अपनी चड्डी निकल दी अब दोनो नंगे  थे, थोड़ी देर बाद माँ निचे झूकी और गोपाल का लंड अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी कुछ देर बाद गोपाल ने माँ को खड़ा किया और बेड पर घोड़ी बनने को कहा माँ घोड़ी बन गयी और उसने अपना लंड अन्दर दाल डाल दिया वो भी एक ही झटके में और वो माँ के लटके हुए बूब्स को पकड़ के मसल रहा था कभी माँ के बाल पकड़ के चोदता है और गली बक रहा था.

आह्ह्ह्ह आह्ह्ह मेरी रंडी कितनी मस्त है साली बहुत सेक्सी है और बिच में माँ के गांड पे झापड़ मारता माँ कहती चोद अपने रंडी को ..

ऐसे ही एक दुसरे को गाली देते. गोपाल ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और माँ के चूत में झड गया तब दोनो  झड गया तब दोनो शांत होके बेड पे नंगे ही लेते रहे फिर वैसे ही सो गये और में वह खड़े हिला हिलाके अपना माल पेंट दाल के अपने रूम में जा कर सो गया.

दुसरे दिन जब दोनो को देखा तो दोनो बड़े खुश थे हसी मजाक कर रहे थे और वो नौकर होक भी कभी काम नही करता था सिर्फ किचन में जाके खड़ा रहता था और माँ की गांड पे मरता था.

 

चुलबुली चाची ने मुझसे अपनी चूत चुदवा कर मजा लिया

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Chulbuli Chachi Ne Mujhse Apni Choot Chudwakar Maza Liya :

हाय दोस्तों! मेरा नाम सौरभ है, मैं 21 वर्ष का हूँ। मैं नई दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में रहता हूँ। मेरी हाइट 6 फिट है और मेरा लिंग भी करीब 7 इंच का है। तो दोस्तों आज मैं आपको अपनी चाची की चूत चुदाई की अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
दोस्तों, हमारे घर में मैं अपने परिवार और चाचा व चाची के साथ संयुक्त से रहता हूँ। मैं अपने पिता जी का अकेला लड़का हूँ। मेरे चाचा की शादी 3 साल पहले हुई थी। चाची भी दिल्ली से ही हैं। सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते है और एक दूसरे की मदद करते रहते है। इस तरह मेरा और चाची में बोलचाल बहुत ही अच्छा था। चाचा के कोई भी बच्चा नहीं था।

इस कारण चाची मेरे साथ अच्छा व्यवहार करती थी। मैं भी काॅलेज से लौटने के बाद ज्यादातर समय चाची के साथ ही बिताता था। चाची स्वभाव से काफी हसमुख और चुलबुली थी, और उनकी उम्र करीब 28 साल थी। और हम अक्सर एक दूसरे से हँसी मजाक करते रहते थे। चाचा पिता जी के साथ फर्नीचर की शॉप पर बैठते थे। मेरी माँ सरकारी टीचर हैं और रोज पढ़ाने के लिए जाती थी। इस तरह मैं और चाची घर पर अकेले बचते थे। चाची गोरे रंग की और पतले दुबले शरीर की थी। उन्होंने अपनी बॉडी को अच्छा मेनटेन कर रखा था। इसलिए काफी आकर्षक लगती थी, और कभी कभी तो मेरी निगाहें भी उन पर टिक जाती थी और चुपके से उनको तड़ लिया करता था। चाची अपने चुलबुले स्वभाव के कारण मुझे तंग करती रहती, और मैं उनकी हरकतों को इग्नोर कर देता था,

पर जब कभी उनक शरीर मेरे तन से टकरा जाता तो मेरे शरीर में सनसनी सी मचा देता। एक बार मैं दोपहर में चाची से बातें करते करते उनके बेड पर ही सो गया और जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरे बगल में चाची सो रही थी और उनके कूल्हें मेरे कूल्हों से सटे हुए थे। मैं तुरंत उठकर उनके कमरे से बाहर चला गया, पर मेरे विचारों में उथल पुथल होना शुरू हो गया। इसके बाद मैं धीरे धीरे चाची की शरारतों को समझने लगा। उनका मेरी ओर रूझान बढ़ रहा था और अब मैंने भी उनकी आँखों को पढ़ना शुरू कर दिया, जिनमें एक अधूरापन झलकता था। शायद चाची, चाचा से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थी। अब मैं समझ चुका था कि चाची मुझसे कुछ उम्मीदें लगा रही है, और मेरी तरफ से भी पहल का इंतजार कर रही थीं।

अब मैंने भी चाची के साथ करीबी बनाना शुरू कर दिया। और मौका मिलते ही हम दोनों में नजदीकियाँ आने लगी। पर मेरा दिल अभी भी अन्दर से कमजोर पड़ रहा था, लेकिन चाची अपनी सेक्सी अदायें दिखाकर मेरे ठंडे पड़े अरमानों को जगा देती थी। इसी क्रम में एक दिन चाची ने अचानक पीछे से आकर मेरे गाल पर किस कर दिया और मेरे कुछ समझने से पहले ही तेजी से अपने कमरे की ओर भाग गयी। यह चाची की ओर से मुझे पहला किस था जिसका स्वाद मुझे बहुत ही मीठा अहसास दे गया। इसके बाद मैंने भी हिम्मत जुटाकर सबकी नजरें बचाते हुए चाची के आस पास रहकर शरारतें करना शुरू कर दिया। अब दोनों ही एक दूसरे के करीब आने का मौका खोजने लगे। इसी बीच एक दिन पिता जी, माँ और चाचा को जमीन के बटवारे के लिए गाँव जाने के लिए फोन आया। अब मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था और मैं उनके गाँव जाने का इंतजार करने लगा। अगले दिन शाम को 5 बजे की ट्रेन से तीनों लोग गाँव के लिए रवाना हो गये। इस बीच मेरे और चाची दोनों के ही मन में लड्डू फूट रहे थे और रात होने का इंतजार करने लगे।

रात को करीब 8 बजे हम दोनों ने एक साथ खाना खाया। इसके बाद चाची अपने रूम में शावर लेने चली गयी। मैं भी अपने कमरे में आराम करने लगा, मैं हाफ पैंट और बनियान में था और चाची के ही बारे सोच रहा था। कुछ देर बाद मैं अपने को रोक न पाया और खुद ही चाची के रूम में चला गया। चाची बाथरूम में ही थी और मैं जाकर उनके बेड पर बैठ गया। इतने में चाची बाथरूम से बाहर निकली। उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने ऊपर ब्रा नहीं पहनी थी। मुझे देखकर वह मुस्कुराते हुए आईने के सामने खड़े होकर खुद को निहारने लगी। उन्हें इस तरह देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा। मैंने भी तुरंत बेड से उतर कर चाची को पीछे से बाहों में भर लिया, और इसके बार उनकी गर्दन को अपनी जीभ से चाटने लगा। मैंने दोनों हाथों से उनके गुदगुदे, नरम नरम बूब्स को दबाने लगा और निप्पलों को जोर जोर से मसलने लगा। ऐसा करते ही चाची बेचैन होने लगी।

इसके बाद मैंने अपने एक हाथ से उनकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया क्योंकि चाची ने पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी। मैं उनके जोश को जगाने के लिये चूत में दो उंगलियाँ डालकर उसे तेजी से कुरेदने लगा। इसी बीच मेरा लंड उनकी गांड से रगड़ रहा था। फिर मैं चाची को अपनी ओर घुमाकर उनके होठों पर किस करने लगा। इस तरह मैं उनको चूमता हुआ कमर तक पहुँचा और फिर उनकी चूत पर आकर रूक गया। मैं चाची की रसभरी चूत को रगड़ रगड़ कर चाटने लगा और उनके चूत के पानी का मजा लेने लगा और इसी के साथ चाची की आह आई के आवाजें भी पूरे कमरे में गूँजने लगी। अब चाची से भी सब्र न हुआ और उन्होंने मेरी पैंट उतार कर मेरे लंड को अपने हाथों में जकड़ लिया और बोली कि तुम्हारा लंड तो चाचा से भी बड़ा है, इससे चुदने में मजा आ जायेगा, इतना कहते हुए उसको मुँह में डालकर चूसने लगी। मैं भी लंड चुसाई का मजा लेने लगा। थोड़ी देर बाद चाची ने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाला और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी और बोली कि आज मेरी ऐसी चुदाई करो कि मैं कभी न भूलूं।

इतना कहते ही उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत में थोड़ा सा अंदर कर लिया, फिर मैंने भी झटका मारकर पूरा लंड चाची की टाइट चूत में डाल दिया। और चाची जोर जोर से आवाजे भरने लगी। पहले कुछ देर मैंने चाची को हवा में उठाकर चोदा, फिर उनको अपनी जांघों पर रखकर चोदा और एक दूसरे को किस करते रहे और चाची ने अपने नाखून मेरी पीठ में घुसा दिये और मुझे कसकर अपनी छाती से लगाये रहीं। मैं करीब 20 मिनट तक बिना रूके चाची को चोदता रहा और दोनों ही पोजीशन में भरपूर चुदाई का मजा लिया। और फिर चाची की चूत में ही झड़ गया। इसके बाद मैंने पूरी रात कई पोजीशनों में जमकर चुदाई की। और अपनी चाची की चूत की आग ठंडी की।
हां तो दोस्तों, यह थी मेरी सच्ची सेक्स स्टोरी। इसे पढ़कर ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और शेयर करें। धन्यवाद।

पड़ोस वाली भाभी की चुदाई

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Padosh Wali Bhabhi Ki Chudai :

हैलो दोस्तों मेरा नाम अमन है। मैं साउथ दिल्ली में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहता हंू। दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूं। हां तो मैं मकान के तीसरे फ्लोर पर रहता हंू, दूसरे फ्लोर पर एक नया शादीशुदा जोड़ा रहता है। लड़के की उम्र करीब 28 साल और लड़की की उम्र यही कोई 25 साल होगी। इसलिये मैं उनको भैया और भाभी बोलता था।

मेरे हसमुख स्वभाव के कारण दोनो परिवारों के बीच अच्छे संबंध हो गए थे और अक्सर एक दूसरे के यहां आना जाना शुरू हो गया। भाभी ग्रेजुएट थी, इसलिये मैं उनसे स्टडी टिप्स लेने जाना शुरू कर दिया। लेकिन दोस्तों उनके 36-24-36 फिगर को देखकर उन्हे ऊपर से लेकर नीचे तक देखे बिना रहा नहीं जाता था। उनके चुस्त सलवार कमीज से गजब का उभार लिए उनका अध ढके गोरे बूब्स और मस्त टाईट गांड मेरे सेक्स अरमानों में हलचल सी मचाने लगते थे। उनके कुर्ते से दिखती ब्रा मेरी आखों को ठंडक तो देती थी और साथ ही मेरे जिस्म में सनसनी सी मचा देती थी। मेरी उन हरकतों पर भाभी ध्यान तो देती थी पर न जाने क्यों हलकी सी मुस्कराहट के साथ नजरअंदाज कर देती थी। धीरे धीरे मेरे और भाभी के बीच बातचीत का सिलसिला बढ़ने लगा और अब भईया के जाने के बाद भाभी मुझे टाइमपास करने के लिए अक्सर बुलाने लगी और इसके साथ ही मेरी कामुक इच्छाओ का तालाब धीरे धीरे सागर बनता जा रहा था। फिर मैने सेक्सी बातें करना शुरू कर दिया, पहले तो उन्होंने कोई रिसपांस नहीं दिया लेकिन बाद में भाभी ने मजा लेना शुरू कर दिया।

एक दिन मैंने उन्हें हल्के गुलाबी सलवार कमीज में देखकर कहा भाभी आज तो आप बहुत गजब की लग रही हो, मन कर रहा है कि आपको बाहों में भर कर एक जोर का किस कर लंू। पहले तो वो एकदम अवाक रह गयी फिर थोड़ा रूककर बोली कि अगर इतना ही मन है तो आज तुम्हारे पास चांस है क्योंकि आज भईया दिल्ली से बाहर गये है। फिर क्या था मुझे भाभी का मन पढ़ने में जरा भी समय न लगा, और मैने भाभी को पूरी तरह बाहों में भर लिया जोर से उनके होठों को चूमने लगा। अब हम दोनों एक दूसरे के शरीर की गर्मी अच्छे से महसूस कर रहे थे। करीब 5 मिनट तक किस करने के बाद मैंने भाभी के नरम नरम बूब्स दबाने शुरू कर दिये और इसी के साथ भाभी का मचलना शुरू हो गया। अब बिना इंतजार किये मैने उनका कुर्ता उतार दिया और सफेद ब्रा में लिपटे गोरे गोरे मम्मों को चूसने लगा और धीरे से उनकी ब्रा का हुक खोलकर उसे हटा दिया और उनके सख्त सफेद मम्मों को पके आम की तरह चूसना शुरू कर दिया।

भाभी के निप्पल इतने टाइट थे कि चूसने का मजा दुगुना कर रहे थे। अब मैं कभी उनको किस करता तो कभी उनके मम्मों को चूसता। फिर धीरे से मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और गोरी, मुलायम टांगों के बीच लाल पेंटी में छिपी चूत को निहारने लगा, फिर जल्द ही मैंने उनकी लाल पेंटी उतार दी जो पूरी तरह से उनकी चूत के पानी से गीली हो चुकी थी, भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था फिर मैं उनकी चूत को उंगली से धीरे धीरे सहलाने लगा फिर जैसे ही मैंने उनकी चूत के दाने को मसलना शुरू किया भाभी की सिसकियां निकलने लगी। भाभी का पानी निकल चुका था और वह एक बार झड़ चुकी थी इसके बाद भाभी ने खुद अपनी ब्रा और मेरी शर्ट और पैन्ट उतारी। अब हम दोनो पूरी तरह से नंगे थे, इसके बाद मैंने चूत चाटना शुरू किया, दोंस्तों यह मेरा चूत चाटने का फस्र्ट टाइम था और मैंने इसे खूब एंज्वाय किया जिसमें भाभी मेरा भरपूर साथ दे रही थी।

अब बारी थी मेरे लंड की, मेरे करीब 7 इंच लंबे, मोटे और तने लंड को देखकर भाभी से न रहा गया और उसे दोनो हाथों से कस कर पकड़ते हुए बोली कि तुम्हारा लंड तो भईया से भी बड़ा है, फिर मैंने भी कह दिया कि कुछ कमाल तुम भी तो करो और मेरा इशारा समझते ही भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से लंड चूसने लगी, और मुझे एक अनोखा अहसास मिलने लगा। फिर मैंै भी जोर से झटके देने लगा और भाभी का पूरा साथ दिया, करीब 5 मिनट तक चूसने के बाद भाभी ने मेरा लंड अपने मुह से निकाला। अब जो मेरा लंड पूरी तरह से गीला हो चुका था मैने उसको भाभी की गीली चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और इसी के साथ भाभी की आहें निकलने लगी। और भाभी बोली कि अमन अब जल्दी से मुझे चोद डालो अपने मोटे करारे लंड से मेरी फड़कती चूत की गर्मी शांत कर दो पर मै अपनी पहली चूत चुदाई को पूरा एंज्वाय करना चाहता था इसलिये मै भाभी के चूत के दाने के साथ अपने लंड से खेलने लगा। इसी के साथ भाभी की जोश अपने चरम पर पहंुच गया था। भाभी ने फिर से कहा कि मुझसे रहा नहीं जा रहा प्लीज अमन अब तो मेरी चुदाई करो।

इस बार मैंने उनकी बात मान ली और तने अपने लंड को भाभी की गुलगुली चूत में हलके झटके के साथ डाल दिया और चूत में जाते ही मेरा लंड का टोपा पूरा हट गया और मुझे थोड़े दर्द का अहसास हुआ लेकिन यह दर्द मेरी उस खुशी को दुगना कर रहा था जो मुझे पहली बार किसी की चूत चोदने पर मिल रही थी। इसके बाद मैने एक तेज झटका देकर पूरा लंड भाभी की चूत मे घुसा दिया और उनके मुंह से जोर की चीख निकल गई। फिर मैंने झटके तेज कर दिए और भाभी की आवाजें बदलने लगी, और हम दोनों चुदाई का भरपूर मजा ले रहे थे।

मेरा लंड भाभी की टाईट चूत में रगड़ रगड़ कर अपना कमाल दिखा रहा था और भाभी कसकर मुझे अपनी बाहों में भरे हुए थी, काफी देर तक चोदने के बाद जब मेरे झड़ने के साथ मेरा पानी निकलने का समय आया तो मैंने भाभी से पूछा कि पानी कहां निकालूंू तो भाभी ने कहा कि अन्दर ही छोड़ दो। और उनके कहने पर मै भाभी की चूत में ही झड़ गया। और फिर धीरे से अपना लंड भाभी की चूत से निकाल दिया, मेरे लंड पर हल्का खून लगा हुआ था जिसे भाभी ने कपड़े से पोंछ दिया। इस तरह हमने चुदाई का भरपूर मजा लिया।
हां, तो दोस्तों यह मेरी पहली चूत चुदाई की कहानी थी। उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को पसंद आयी होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद।

 

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