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चोद दिया भाभी को

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Chod Diya Bhabhi Ko :

मेरा नाम राहुल  है और में कानपूर का रहने वाला हु.ये बात आज से दो साल पहले की है जब में 12th में था मेरे पड़ोस में एक फॅमिली रहती थी वो लोग 20 साल से वही रहते है. उनके घर में टोटल चार लोग है,भाभी के पति जो जॉब करते है, एक बेटा जो कामचोर है और एक बेटी जों एक दम माल है उसकी सील मैंने ही तोड़ी थी जैसे की उनका लड़का काम चोर था तो मोनिका बहुत सारा काम मुझसे ही करवाती थी. यहाँ तक की अपनी ब्रा और पेंटी भी मेरे साथ ही लेने जाती थी, वो सोचती थी की में बच्चा हु मुझे कुछ नहीं समाज नहीं आता है मगर असलियत में तो में ही उसे चोदने की तयारी में था.

मोनिका हर दिन नहाती थी तो में हर दिन उनकी ब्रा और पेंटी उठा लेता था और उसमे अपना स्पर्म गिरा देता था. ऐसे रोज होने लगा और मुझे पता भी नहीं चला की कब मुझे किसी की आदत लग  गयी, मैंने सोच लिया था की अब मोनिका की चुदाई करके ही रहूँगा कब तक ब्रा और पेंटी में स्पर्म गिरता रहूँगा…

और मोनिका का कोई बिरोध देख कर मेरे को बिस्वास हो गया की यह कुछ न कुछ चाहती है मतलब इसे भी मेरा स्पर्म पसं%


एक हसीना की ज़बरदस्त चुदाई

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Ek Haseena Ki Zabardast Chudai :

मेरा नाम अमन है मेरी लाइफ बहुत अच्छी चल रही थी पर मेरी एक कमजोरी थी. में गुजरात में जॉब करता हु ये कहानी तब की है जब जब में एक प्राइवेट स्चोल्ल में टीचर की जॉब करता था.

चलो दोस्तों अब में अपनी कहानी शुरू करता हु में जिस स्कूल में टीचर की जॉब करता था उस स्कूल में एक चप्रशन थी उसका नाम रानी था उसकी उम्र भी लगभग मेरे जितनी ही थी उसका रंग थोडा सावला था पर वो बहुत सेक्सी थी उसके बूब्स एक दम टाइट थे जिसे देख कर उसे छोड़ने को दिल करता था.

पर मैंने उसके बारे में कभी ऐसा नही सोचा था उसकी और मेरी बहुत बनती थी वो मुझे अपनी सारी बातें शेयर करती थी उसने मुझे वो भी बताया था जो की कोई भी औरत किसी को नही बताती.

रानी ने कहा- सिर जी मेरी साडी को तिन साल हो गये है पर अभी तक मुझे कोई बचचा नही हुआ.

मैंने कहा- क्यूँ क्या हुआ तुम अपने और हुसबंद का टेस्ट करवा लो.

रानी बोली- नही सिर जी ऐसे कोई बात नही है दरशल मेरे मर्द के अन्दर दम ही नही है बचचा पैदा करने की में आप को अपना सच्च दोस्त मानती हु इस लिए आप से अपने दिल की बात शेयर की.

मैंने कहा-  देखो रानी तुम किसी खास दोस्त या ऐसे आदमी से सेक्स करो जिस पे तुम्हे पूरा बिस्वास है और तुम्हारी घर की बात घर में ही रह जाये

फिर कोई वह आ गया और हमारी बात वही रुक गयी कुछ दिन बीत गये रानिसे कोई ऐसी वैसी बात नही हुई.

एक दिन हमने स्कूल की छुटी जल्दी कर दी क्यों की मौसम ख़राब होने वाला था इस लिए. और स्कूल सारा खली हो गया मैंने सोचा अब में भी घर चला जाता हु पर मैंने देखा की मेरे अलावा रानी भी स्कूल में है.

मैंने उस से कहा- क्या बात है आज अपने घर नही जाना ?

उसने कहा- सिर जी इतना रोमांटिक मौसम हो रहा है में घर जा कर क्या करुँगी, इतने में जो से बदल गरजा और रानी मेरे सिने से लिपट गयी और डर के मरे सहम गयी.

मैंने उसे अलग करने ककी कोसिस की पर वो मुझसे चिपकी रही और बोली- सर जी मुझे आपके बाँहों में ऐसे  ही रहने दो बहुत अच लग रहा है.

मैंने कहा- रानी कोई आ जाएगा ऐसे अच नही लगता, फिर वो मुझसे अलग हुई मुझे क्लास रूम में ले गयी और बोला सीए देखो मेरी आँखों में..

ये कह कर उसने मुझसे किस करना शुरू किया, मुझसे इसकी उम्मीद नही थी पर ये हो रहा था अच् था, फिर मैंने भी मौका का फायदा उठाया.

रानी को कास कर पकड़ लिया उसे किस करने लगा, वो किस में आज तक भूल नही पाया हु.उस किस ने मेर लंड खड़ा कर दिया  था.

अब मेरे हाथ रानी के बूब्स के तरफ बढ़ रहे थे और बहर से दबाने लगा, इतने में रानी ने एक हाथ से मेरे पेंट को खोल दिया जो निचे गिर गयी, फे उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.

मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था अब रानी निचे बैठ गयी और मेरा लंड देख कर बोली आज पहली बार इतना बड़ा लंड देखा है और उसे मुह में ले कर चूस ने लगी.

रानी लंड को चुशी जा रही थी और वो लंड को पूरा अपने गले के अन्दर तक ले जा रही थी जिससे मेरा लंड ज्यादा देर तक नही टिक पाया.और जवाब दे दिया मेरा सारा माल उसके मुह में ही निकल गया. और उसने सारा माल चाट गयी अब मैंने उसके सरे कपडे उतर दिए और सबसे पहले उसके बूब्स को चूसा क्या कमल के बूब्स थे.

फिर मैंने उसे टेबल पर लेता दिया और में निचे बैठ कर उसकी चूत के पास चला गया और ऐसा लग रहा था की वो मुझे बुला रही हो.

मैंने देर न करते हुए उसकी चूत के लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और उसकी चूत को चुसना सुरु कर दिया. रानी भी अपने चूत को बड़े मजे से चुसवा रही थी.

अब में खड़ा हुआ और अपना लंड उसकी चूत में रख कर और एक जोरदार झटका मारा, चूत के माल की वजह से चूत पूरी गीली थी इस लिए एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में चला गया रानी ने बहुत जोर से चिलाया आआह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह  मर गयी आज तो में ऐसी ही बोलती रही.

ये सुन कर मेरा जोश और भी बढ़ गया आयर जोर जोर से चूत मारने  लगा थोड़ी देर बाद रानी भी अपनी गांड उठा कर मेरे झटको का जवाब दे रही थी  इतने में हम दोनो का पानी बहार आ गया हम दोनो कुछ देर तक एक दुसरे के ऊपर ही सोये रहे और फिर उठ कर कपडे पहन कर रेडी हो गये और हम फिर रोज सेक्स करते थे एक दिन पता चला रानी माँ बन गयी है में बहुत खुश था क्यों की ये मेरा पहला बच्चा था .

दोस्त की गर्लफ्रेंड ने अपनी चूत मुझसे चुदवाई

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Dost Ki Girlfriend Ne Apni Choot Mujhse Chudwai :

हैलो दोस्तों! मेरा नाम रितिक है, और मैं 24 साल का हूँ। मैं लुधियाना शहर में रहता हूँ। दोस्तों आज इस वेबसाइट पर यह मेरी पहली कहानी है। मैं आज आपको जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ उसमें मैने अपने एक खास दोस्त की चूत चुदाई की। आप को ज्यादा बोर न करते हुये मैं सीधे मेन टाॅपिक पर आता हूँ।

तो दोस्तों बात ऐसी है कि मेरा एक करीबी दोस्त था रोनित। हम दोनों काॅलेज से ही फ्रेंड थे। साथ में घूमा फिरा करते थे, और खूब पार्टियां एंज्वाय किया करते थे। उसकी एक गर्लफ्रेंड भी थी और वह माडर्न टाइप थी इसलिये वह भी हमारे साथ फुल एंज्वाय करती थी। उसका नाम नैन्सी था और रंग गोरा। पतली चिकनी कमर और सुडौल बूब्स और फुल मांस भरा पिछवाड़ा था। वह मिनी ड्रेस में एकदम माॅडल सी लगती थी और कोई भी पहली ही नजर में उसका दिवाना हो सकता था। उसे और रोनित को मिले करीब दो महीने ही हुये थे, पर वह जल्द ही हमारे साथ पूरी तरह घुल मिल गई थी। उस समय मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी,

इस कारण कभी कभी उसको देखकर मेरे अरमान भी मचल उठते थे। और उसकी ब्यूटी और सेक्सी फिगर मुझे उसकी ओर आकर्षित करती थी, और मन ही मन उसकी चूत मारने के बारे सोचता रहता पर अपने अंदर उठे वासना के तूफान को यह सोचकर शांत कर लेता कि वह मेरे बेस्ट फ्रेंड का माल है। और इस तरह हम तीनों के मस्ती भरे दिन बीत रहे थे। एक दिन हम तीनों अपने एक दोस्त की शादी अटेंड करने गये। मैं टेबल के पास खड़ा था और नैन्सी मेरे पीछे कुर्सी पर बैठी थी और रोनित हमारे लिये ड्रिंक लेने गया था। उसी समय दुल्हन की एंट्री हुयी तो सभी स्टेज की ओर जाने लगे। अचानक मुझे किसी का धक्का लगा और मैं लड़खड़ाकर नैन्सी की ओर गिरा और मेरे हाथ उसके बूब्स पर जा रूके और मुझे उनके दबने का अहसास हुआ तो मैंने उससे साॅरी बोला लेकिन वह यह कहकर हंस दी कि कोई बात नहीं, तुम्हारे ही तो है। उस दिन तो मुझे यह बात समझ में नहीं आई पर कुछ दिन बाद मैंने नैन्सी को नोटिस किया कि वह रोनित की गैर मौजुदगी में मुझे रिझानें की कोशिश कर रही थी। मुझे यह समझने में जरा भी देर न लगी कि वह मुझसे नजदीकियां बना रही थी।

अब तो यह सोचकर मेरे मन में लड्डू फूट रहे क्योंकि वह तो वैसे भी गजब का माल थी और मैं तो शुरू से ही उसको चोदना चाहता था। इसलिये मैंने भी जैसा चल रही था वैसे ही चलने दिया और जल्द ही हम दोनों के बीच सबकुछ साफ होने लगा और इस तरह हम दोनों करीब आने को मौका ढूंढने लगे, और जी भर कर मजे करना चाहते थे। पर ज्यादातर रोनित हमारे साथ होता था इस कारण सही मौका न मिलने की वजह से दोनों ही तड़प रहे थे। लेकिन कुछ दिनों के बाद हमें यह मौका मिल गया। हुआ ऐसा कि एक दिन नैन्सी को किसी फ्रेंड की पार्टी के लिये चंडीगढ़ जाना था। और रोनित मुझे लेने घर आया पर मैंने न जाने का नाटक किया, लेकिन वह न माना और हम तीनों उसकी कार से सफर करके चंडीगढ़ पहुंच गये, और पूरे रास्ते खूब मस्ती की। वहां पहुंच कर हमने थोड़ा रेस्ट किया और रात तैयार होकर हम पार्टी एंज्वाय करने के लिये वहां पहुंच गये। फिर हमनें थोड़ी स्नैक्स और ड्रिंक ली। पर उस दिन रोनित ने ज्यादा पी ली और फुल टल्ली हो गया,

और हम दोनों भी हल्के नशे के सुरूर में थे। लेकिन कुछ देर बाद रोनित नशे में चूर हो गया तो पार्टी छोड़कर मैं और नैन्सी उसे लेकर अपने रूम में आ गये और बेड पर सुला दिया। मैं समझ गया था कि हमारे पास मौका हैं क्योंकि उसका सुबह तक उठने का कोई चांस नहीं था। फिर नैन्सी कपड़े चेंज करने दूसरे रूम में चली गयी और मैं भी फ्रेश होने के लिये बाथरूम में चला गया। मैं कपड़े उतार कर टाॅवेल पहने अपना मुंह धुल ही रहा था, कि किसी ने डोर नाॅक किया। जब मैंने डोर खोला तो सामने नाइटी पहने नैन्सी खड़ी और मेरे कुछ समझने से पहले ही मुझे धक्का देकर अंदर आ गयी और डोर लाॅक कर दिया। फिर मेरे नजदीक आकर मेरे होठों पर टूट पड़ी और मुझे बेतहासा किस करने लगी। पहले तो मैं साॅक्ड रह गया पर फिर किस में उसका साथ देने लगा और मन में उसकी इस हरकत पर खुश था।

और हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे को चूमते रहे। अब नैन्सी के शरीर की सनसनाहट बढ़ रही थी और मेरा लंड सख्त होकर अपना आकार बढ़ाने लगा। मेरा भी जोश बढ़ने लगा और फिर मैंने उसकी नाइटी उतार दी और ब्रा उतार कर उसके मम्में का रस पीने लगा और टागों के बीच हाथ डालकर उसकी चूत सहलाने लगा। इसी बीच मेरी टाॅवेल खुलकर गिर गई और मेरा 9 इंच मोटा और टाईट लंड उसकी आंखों के सामने था। जिसे देखते ही वह बोली कि यह तो रोनित से भी बड़ा है, तो मैंने कहा कि मैं रोनित नहीं हूँ। और इतना कह कर मैंने अपने लंड को एक ही बार में पूरा उसके मुंह में गले तक ठूस कर आगे पीछे करने लगा तो उसकी आंखें बड़ी हो गयी और वह चूसने लगी और अपने हाथ से अपनी चूत रगड़ती जा रही थी। थोड़ी देर बाद मुंह से लंड निकाल कर खड़ी हुई और अपनी गीली पैंटी उतार दी। मैं उसकी गुलाबी, गीली चूत देखकर पागल हो गया। और कमोड पर बैठ कर उसे अपनी जांघों पर बैठा लिया और उसकी टांगों को फैला कर अपने खड़े मोटे लंड को उसकी चूत में डालकर झटके देते हुये उसे चोदने लगा। वह भी सिसकियां लेते हुये मजे लेने लगी।

मैंने स्पीड बढ़ा दी और उसकी आहहह आइइइइ उहहह भी तेज होने लगी। और मैं करीब 20 मिनट तक उसे कमोड पर बैठकर चोदता रहा। और उसके उछलते मम्मों को चूसता रहा। और बीच बीच में उसको किस करता रहा। फिर उसी की चूत में झड़ गया और लंड बाहर कर लिया। नैन्सी शावर खोलकर अपने बदन को भिगोने लगी। और दूसरी तरफ मेरा लंड उसे नहाता देख फिर से खड़ा हो गया। और मैंने पीछे से जाकर अपना लंड उसकी चूत डालकर चुदाई का दूसरा राउंड वही खड़े हो कर किया। और इस तरह मैंने नैन्सी को पूरी रात चार बार चोदा और खूब मजे किये और सुबह होने से पहले अलग हो कर अपने अपने कमरों में जाकर सो गये।

और इस तरह आखिर मैंने नैन्सी को चोद ही डाला। तो फ्रेंड्स यह थी मेरी पहली पोर्न स्टोरी और जल्द ही अगली के साथ फिर मिलेगें और मेरी स्टोरी पढ़ने के लिये आपको बहुत सारा थैंक्स।

सेक्स का अनोखा अनुभव

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Sex Ka Anokha Anubhav :

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यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है, हेल्लो दोस्तों मेरा नाम चन्दन है और मै बलिया जिले से हूँ, मै फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज का रेगुलर पाठक हूँ और मुझे ये साईट बहुत पसंद है, तो अब मै आपलोगों का ज्यादा टाइम न लेते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ, यह कहानी आज से लगभग ५ साल पुरानी है|

उस समय हमारे मोहल्ले में एक नए अंकल आंटी आये हुए थे, आंटी दिखने में एकदम माधुरी की तरह थी, मै पहले दिन से ही उनको चोदने का प्लान बनाने लगा, उस समय लंड हर समय चूत चोदने के लिए बेताब ही रहता था, अब वो आआआहह, आआहहाहह कर रही थी और में उन्हें चूसे ही जा रहा था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी साड़ी हटाकर उसको चड्डी में ही कर दिया।

मुझे तेरे लंड से चुदवाने में आज बहुत मज़ा आएगा। फिर मैंने कहा कि यह 9 इंच का है, तब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।

और वो मेरे लंड को देखते ही बोली कि इतना लंबा तो तेरे दोस्त का भी नहीं है, मुझे तेरे लंड से चुदवाने में आज बहुत मज़ा आएगा। फिर मैंने कहा कि यह 9 इंच का है, तब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी।

अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। फिर तभी मैंने एक ज़ोर से धक्का लगाकर मेरे लंड को 7 इंच तक उसकी चूत में घुसा दिया। फिर वो अचानक से चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वो बोली कि आज फाड़ डाल मेरी चूत को, वो तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है।

फिर वो कुछ नहीं बोली। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ गयी और शांत पड़ गयी। फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया।

लेकिन मेरा पानी तो अभी भी नहीं निकला था तो मैंने अपनी गति थोड़ी और बढ़ा दी और अपनी पूरी गति से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है, कहाँ निकालूं? तब वो बोली कि मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ दो।

और उसके बाद वो मुझे बाथरूम में ले गयी और मेरे लंड को साबुन से अच्छे से साफ किया। फिर उसने मुझसे पूछा कि मज़ा आया तो मैंने कहा कि बहुत मज़ा आया। फिर वो बोली कि तुम्हारा लंड तो अभी भी टाईट है, क्यों? तो मैंने कहा कि ये अभी भी भूखा सा लगता है।

अब मैंने अपना लंड उनके मुहं से निकाला और उनकी चूत को चाटने लगा, उनके चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था, अब मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी, अब मैंने आंटी को अलग अलग पोजीशन से खूब चोदा, उस दिन हमलोगों ने करीब ३ बार चुदाई की|

मै ब्रा के ऊपर से ही उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनकी पैंटी निकाल दी और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा, उन्होंने मेरा सारा कपड़ा अपने हाथों से निकाल दिया और मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड, लंड न होकर केला हो|

अब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था और अब में थोड़ा डर गया था, लेकिन मुझे मज़ा भी आ रहा था, क्योंकि मैंने पहली बार उनकी त्वचा को छुआ था,

लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई, क्योंकि सभी वहाँ बैठे हुए थे और में नहीं जानता था कि उनको अच्छा लगेगा या बुरा। फिर कुछ देर के बाद उन्होंने मेरा एक हाथ अपनी कमर पर रख दिया, लेकिन मैंने अपना हाथ सरका लिया। अब मेरा हाथ उनकी चूत पर था और अब में बहुत गर्म हो गया था और उनकी चूत ढूँढने लगा था, लेकिन उनकी साड़ी की वजह से नहीं ढूँढ पा रहा था।

फिर मैंने धीरे-धीरे अपने पैर से उनके पैर को टच करना शुरू किया, उउउफफफफफ्फ़ क्या चीज़ थी मेरी मामी? में आपको नहीं बता सकता। अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। फिर में अपना पैर धीरे-धीरे उनके घुटनों तक ले आया, उफ़ क्या मखमली स्पर्श था? अब हम दोनों एक दूसरे को पैर से सहलाने लगे थे। फिर ये सिलसिला चलता रहा,

धन्यवाद….

लंड का सील

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Lund Ka Seal :

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यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है, हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मधुबन है और मै बिहार क्व सिवान जिले से हूँ, मै फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज का रेगुलर पाठक हूँ और मुझे ये साईट बहुत पसंद है, तो अब मै आपलोगों का ज्यादा टाइम न लेते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ, यह कहानी आज से लगभग ३ साल पुरानी है|

उस समय हमारे मोहल्ले में एक नए अंकल आंटी आये हुए थे, आंटी दिखने में एकदम माधुरी की तरह थी, मै पहले दिन से ही उनको चोदने का प्लान बनाने लगा, उस समय लंड हर समय चूत चोदने के लिए बेताब ही रहता था, अब वो आआआहह, आआहहाहह कर रही थी और में उन्हें चूसे ही जा रहा था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी साड़ी हटाकर उसको चड्डी में ही कर दिया।

मुझे तेरे लंड से चुदवाने में आज बहुत मज़ा आएगा। फिर मैंने कहा कि यह 9 इंच का है, तब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।

और वो मेरे लंड को देखते ही बोली कि इतना लंबा तो तेरे दोस्त का भी नहीं है, मुझे तेरे लंड से चुदवाने में आज बहुत मज़ा आएगा। फिर मैंने कहा कि यह 9 इंच का है, तब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी।

अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। फिर तभी मैंने एक ज़ोर से धक्का लगाकर मेरे लंड को 7 इंच तक उसकी चूत में घुसा दिया। फिर वो अचानक से चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वो बोली कि आज फाड़ डाल मेरी चूत को, वो तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है।

फिर वो कुछ नहीं बोली। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ गयी और शांत पड़ गयी। फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया।

लेकिन मेरा पानी तो अभी भी नहीं निकला था तो मैंने अपनी गति थोड़ी और बढ़ा दी और अपनी पूरी गति से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है, कहाँ निकालूं? तब वो बोली कि मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ दो।

और उसके बाद वो मुझे बाथरूम में ले गयी और मेरे लंड को साबुन से अच्छे से साफ किया। फिर उसने मुझसे पूछा कि मज़ा आया तो मैंने कहा कि बहुत मज़ा आया। फिर वो बोली कि तुम्हारा लंड तो अभी भी टाईट है, क्यों? तो मैंने कहा कि ये अभी भी भूखा सा लगता है।

धन्यवाद….

मस्त लड़की की चुदाई

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Mast Ladki Ki Chudai :

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम राज है और में अपनी बीवी के साथ गुर्गावं में रहता हु, दोस्तों मैंने आप को पहले ही बताया था की मैं अपनी बीवी के साथ गुर्गावं में रहता था,में अपने दोस्तों के साथ मिल कर कभी किसी लड़की को घर ले आ कर चोदते थे तो  कभी बहार कॉल गर्ल के साथ करते थे. मुझे इसमें बहुत मजा आता था .

पायल मेरे दोस्त को बस में मिली थी जो उसकी साथ वाली सीट में बैठी थी, पायल दिखने में बहुत सुन्दर और दुबली पतली थोड़े बड़ेबड़े बूब्स वाली थी, लम्बा सफ़र था और दोनो ने एक ही जगह जाना था इसलिए वो एक दुसरे के साथ बाते करते हुए आये और अँधेरा होनिं की वजह से मेरे दोस्त ने उसे सही सलामत उसके घर तक छोड़ा और फिर वो अपने घर आ गया.अगले दिन मुझे उसने बताया की बस में मुझे एक लड़की मिली है जिसका नाम पायल है जो की तेरी एक गर्लफ्रेंड जैसी लगती है.

मैंने उसकी ये बात सुनी तो मुझे उसको मिलने की इच्छा होने लगी और मैंने अपने दोस्त को पायल से मिलवाने को कहा और जोड़ करने लगा,फिर वो उसे मिलने बुलाया, उस रात मुझे एक पल भी नींद नहीं आया और मेरा सारा दिमाग उसके खयालो में खो रखा था. सुबह होते ही में और मेरे दोस्त उससे  मिलने जूस कैफ़े चले गए और पायल के आने का इंतज़ार करने लगे.पायल जैसे ही हारे पास आई और हेल्लो की तो मैंने हैंडशेक करते हुए उसे भी जवाब दिया और उसे देखता ही रह गया क्योंकि वो इतनी सुन्दर थी और उसकी शकल बिलकुल मेरी एक्स गिर्ल्ग्रिएन्द से मिलती थी. हम दोनो बाते करने लगे और मस्ती मजाक करते हुए एक दुसरे के नंबर भी ले लिए और फिर हम वहा से निकल पड़े.मैंने उसी दिन घर आ कर उसे फ़ोन किया और फ़ोन पर ढेरो बाते करने के बाद मूवी देखने का प्लान बनाया और उसने भी मेरे साथ चलने के लिए हा कह दिया . हमने मूवी देखि और बर्गर खाया,हम एक दुरे के साथ में इतने घुल गये थे की हमे ऐसा लगने लगा था की हम पिछले जनम से ही एक दुसरे को जानते है फिर मैंने एक दिन उसे घर पर बुलाया.

पायल ने मुझे हा कही और अगले दिन मेरे घर आ गयी.पायल ने घर के बहार खड़े हो कर दूर बेल बजाया तो में दूर खोलने चल गया और दूर खोला तो में पायल को देखता ही रह गया.पायल ने जीन्स और ऊपर सेक्सी टॉप डाली हुई थी कानो में बड़ेबड़े झुमके थे होंठो पर पिंक कलर की लिपस्टिक ये सब देख कर में हेरान रह गया और मेरी आँखे मानो फटी की फटी रह गयी मैंने उसे आने के बारे में पूछा की कोई तकलीफ  तो नहीं हुई तो वो बोली नही आराम से मिल गया आपका पता.

अब मैंने उसे चाय के लिए पुचा पर उसने पिने के लिए मन कर दी, मैंने उसे अब बियर पिने के लिए पूछा तो उसने हा कर दी. अब में बेडरूम में जा कर बियर और स्नैक्स की तयारी की  और पायल के पास जा कर उसे अन्दर आने को कहा ,पायल अन्दर आती और बेड पर एक तरफ हो कर बेठ गयी मैंने बियर खोल कर ड्रिंक ग्लासेज में दाल दी और ड्रिंक ऑफर करी.फिर उसने कहा राज जीन्स बहुत टाइट है ढंग से बैठा नहीं जा रहा.मैंने उसे जीन्स उतरने को कहा पर उसने मना कर दिया फिर मैंने थोड़ी जबरदस्ती के साथ उसकी जीन्स उतरवा दी और वो पिंक पेंटी में मेरे आगे बैठीं.में उसकी चिकनी गोरी गोरी पतली टैंगो को निखरता रहा और अपनी ड्रिंक भी पि गया. हम बाते करते करते एक बोतल पि गए  और में अब दूसरी बोतल खोलने लगा तो मुझे पायल ने रोक लिया पर मैंने उसे कहा थोडा और हो जाये तो वो मान गयी.फिर उसे नस आ गया था और व सो गयी फिर मैंने उसकी पिंक पेंटी को उतर दिया और अपन लंड बहार निकल लिया मेरा लंड खड़ा था तब मैंने अपना लंड उसके चूत में घुस्सा दिया वो चिल्ला उठी मना करने लगी फिर मान गयी और हम पूरी रात सेक्स करते रहे .

हवस ही हवस

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Hawas Hi Hawas :

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हेल्लो दोस्तों मै आपका दोस्त दीपक हाजिर हूँ एक नयी कहानी लेकर, मै २८ साल का एक नौजवान लड़का हूँ और देहरादून से हूँ और मल्टीमीडिया का जॉब कर रहा हूँ, मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट ५ फूट ७ इंच की है और मेरा लंड ३ इंच मोटा और ७ इंच लम्बा है|

यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

दोस्तों यह कहानी तब की है जब मै २२ साल का था यानी नया नया जवान हुआ था, मुझे चूत और चूत चुदाई के बारे मे कुछ पता नहीं था, मेरा मन हमेशा चूत चोदने के लिए उतावला होता था लेकिन चूत न मिलने की वजह से मै अकेले में जाकर मुठ मार लेता था, एक दिन की बात है मै कॉलेज गया और अपने क्लास की एक लड़की से लेक्चर की कॉपी मांगी, कॉपी खोलते ही मुझे कुछ ऐसा दिखा जिस से मेरी आँखें शर्म से लाल हो गयी, उसमे एक मस्तराम की एडल्ट मैगज़ीन थी|

मै यह देख के एकदम शॉक हो गया और कॉपी बंद करके एकदम चुपचाप बैठा रहा, तभी मेरे दोस्तों से बाहर आने के लिए कहाँ और मै कॉपी वही पर रखकर बाहर चला गया, लेकिन मेरा दिमाग बार बार उस एडल्ट मैगज़ीन के बारे में सोच रहा था, मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो गया था और मै बाथरूम में चला गया और वहां जाकर मैंने मुठ मार ली, उसके बाद मै वापस क्लास में आ गया|

२ लेक्चर होने के बाद कॉलेज की छुटी हो गयी और मै वापस घर आ गया, घर आकर मै लंच करके सो गया और जब वापस उठा तो मेरा ध्यान फिर से उसी एडल्ट मैगज़ीन की तरफ चला गया,  उस वक़्त मै घर पर अकेले था और मेरा लंड भी टाइट हो रहा था, तभी मेरे घर की डोर बेल बजी और मैंने जाकर दरवाजा खोला तो सामने मेरे पड़ोस की लड़की खड़ी थी, उसका नाम संध्या था और हमदोनो सेम ऐज के थे, वो दिखने में गोरी थी और उसका फिगर ३२-२८-३२ था, मैंने उसे अंदर आने को कहा और वो अंदर आकर मेरे साथ बात करने लगी|

हमने कुछ देर इधर उधर की बातें करी और जब उसने मुझे कैरम खेलने के लिए कहा तो मैंने मना कर दिया तो उसने पूछा क्यूँ क्या हुआ?

मेरा मन कर रहा था की मै अपने दिल की बात किसी से ज़रूर शेयर करू और उस टाइम मेरे सामने संध्या बैठी हुई थी, मुझे उससे बताने में डर लग रहा था की अगर उसने ये बात किसी को बता दी तो मेरा क्या हाल होगा, संध्या मुझसे जिद करने लग गयी तो मैंने उसे अपनी कसम देते हुए कहा की जो बात मै तुम्हे बताना जा रहा हूँ यह बात किसी को मत बताना, संध्या बोली ठीक है!

तब मैंने डरते हुए कॉलेज की कॉपी वाली बात उसको बता दी जिसे सुनकर वो भी शर्मा गयी और मै भी…फिर मैंने उस से कहा प्लीज ये बात किसी को मत बताना, संध्या ने कहा ठीक है!

संध्या : मै भी तुम्हे एक बात बतानी चाहती हूँ.

मै : हाँ बताओ..

संध्या : तुम्हे पता है मै और मेरे कजिन अकेले में ममी पापा वाला खेल खेलते है.

मै यह सुनकर शॉक हो गया और मैंने उस से पूछा इसका क्या मतलब होता है तो उसने कहा हम स्टोर में जाकर सेक्स करते है| यह सुनकर तो जैसे मेरे लंड में आग लग गयी और मैंने मन ही मन सोचा शायद अब मेरा काम हो जाये! फिर मैंने संध्या की तरफ देखा जो सेक्सी नजरो से मेरी तरफ देख रही थी, मुझे लगा शायद ये सेक्सी नजरे मुझसे कुछ कहना चाहती है|

अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा था तो मैंने संध्या को अपनी बाहों में भीच लिया और पूछा ‘संध्या जी क्या हम भी ये खेल खेले’?

संध्या : किसी को पता चल गया तो?

मै समझ गया की वो तैयार है लेकिन मेरे सामने थोड़ा शर्मा रही है, इसलिए मैंने उसे बाहों में जकड़ा और उसके ओठों में ओठ डाल कर चूसते हुए बोला ‘संध्या डार्लिंग यह बात किसी को कभी पता नहीं चलेगी’!

संध्या : ठीक है

अब संध्या भी मेरा साथ देने के मूड में आ गयी थी, हमलोगों ने करीब १० मिनट तक चुम्बन किया, अब मेरा सपना सच होने जा रहा था, अब हम दोनों गर्म होने लगे थे और दोनों एक दुसरे की बाहों में प्यार से जकड़े हुए थे, अब संध्या ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और और मुझे धक्का देकर खुद से ही मेरे सारे कपड़े उतार दिए, और मेरे लंड को हाथों से पकड़कर जमीन पर बैठ गयी, यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

अब संध्या ने मेरा मोटा लंड अपने मुहं में लेकर चुसना शुरू कर दिया, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्यूंकि ये मेरे जीवन का पहला सेक्स अनुभव जो था, संध्या मेरा लंड चूसती रही और मै खड़े खड़े मज़ा लेता रहा|

अब मै उसकी चुचियों को धीरे धीरे करके दबाने लगा, पुरे कमरे में आह उह आई उह आह की मोहक आवाजें गूंज रही थी, हम दोनों को इतना मज़ा आ रहा था जैसे हम दोनों जन्नत की सैर पर हो, अब मैंने संध्या के पुरे कपड़े उतार दिए और उसकी चुचियों को हाथों में लेकर मसलने लगा उसके बाद मैंने उसकी गुलाबी निप्प्लेस को अपने मुहं में ले लिया और आहिस्ता आहिस्ता चूसने लगा, आह आह उह….

फिर मैंने उसे पलंग पर लिटा दिया और उसकी चूत पर अपना मुहं का रखकर उसकी चूत को चाटने लगा, उसकी चूत का रस एकदम नमकीन था और हम दोनों मदहोश हो रहे थे, उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से सटा दिया और उसकी झांटों से रगड़ने लगा फिर मैंने एक ही झटके में अपनी लंड का सुपारा उसकी चूत में पेल दिया, संध्या के मुहं से आह निकल गयी….

मैंने कहा संध्या मज़ा आ रहा है न? उसने कहा हाँ बहुत मज़ा आ रहा है बस तुम मेरी चूत का भोसड़ा बना दो यह सुनकर मै बहुत जोश में आ गया और जोर जोर से झटके लगाने लगा, संध्या भी अपनी गांड उठाकर मेरा भरपूर साथ दे रही थी, हमदोनो की चुदाई लगभग १० मिनट चली उसके बाद मै उसकी चूत में ही अपना माल गिरा दिया! लगभग ५ मिनट तक हमलोग वैसे ही लेटे रहे उसके बाद हमदोनो ने एक राउंड और चुदाई करी….

भाभी का यौवन

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Bhabhi Ka Youvan :

हे दोस्तों मेरा नाम वरुण है. में एक स्कूल में इंग्लिश का टीचर हु. में जहा रहता हु वही पास में एक करियाना की शॉप है जिसमे करियाना लेता हु. वहा एक औरत गेहू पीसने आती है, उसका नाम रमा है, उसकी उम्र 25 साल थी,और शाद्दी शुदा थी. वो दिखने में बहुत अच्छी थी और उसकी फिगर भी कमाल की थी पर उसकी हाइट बहुत छोटी थी पर फिगर के आगे उसकी हाइट ने जवाब दे दिया था.

मेरा मोटा हथियार किसी की चूत मरने के लिए बेताब हो रहा था. इस लिए नेने उसे पटाने के बारे में प्लान बनाया.पर उसे पटाना बहुत मुस्किल था और न कही दर भी लगता खी इस चक्कर में फस कर पिट न जाऊ.

में उसे पटाने के लिए उस दुकान पर किसी न किसी बहाने से चला जाता था और उसी बहाने से बात किया करता था और वो भी मेरे से इशारो में बात किया करती थी. मैंने किसी बहाने से उससे पुचा- मेरे घर पर गेहू पड़ी है, क्या तुम मेरे घर गेहू पीसने आ जाओगी ?

रमा- हां आ जाउंगी जी.

एक  दो बार वो मेरे घर आ गयी भी थी पर दोनो बार घर का कोई न कोई बाँदा यही होता था क्यों की मेरे घर मूमी पापा और छोटा भाई रहते है.

मैंने उसकी गांड और चूत मरने के लिए जगह धुन्ध्नी चाही पर तभी याद आई की पहले उसे भी तैयार करना चाहिए.

उसे अपना बनाने के लिए में जब भी उस दुकान पर जाता तो उससे इशारो मर बाते करता और 100 रूपया पकड़ा देता जिससे वो भी मेरे पास ए और मेरे लंड की कुझ्ली को दूर कर दे.

धीरे धीरे हम एक दुसरे से खुल कर बात करने लग गयी. तब मैंने उससे मिलने के लिए खा और पुचा- क्या तुम ऐसी जगह जानती हो ? जहा हम मिल सके.

उसने मुझे जवाब में कहा- नही में नही जानती और पास में एक फैक्ट्री है झा मेरी पति काम करते है.

रमा ने बहुत प्यार से खा- “जहा तुम ले जाओगे चल पडूँगी”.

मैंने भी आँख मरते हुए खा- “एक बार तो तेरी गांड चूत जरुर मरूँगा”.

मैंने उसी दिन से ही खोजना शुरू कर दिया और आखिर कर मेरी खोज पूरी हो गयी. में होटल में जा कर वह का सब कुछ पुच लिया और वह के लड़के ने बोला- तुम्हे  जब भी  आना होगा आजाना पर किराया  दूंगा लगेगा और सिर्फ 2 घंटे ही मिलेंगे. में अगले दिन रमा से मिला और उसे बता दिया की मैंने होटल देख लिया है जहा हम मिल सकते है. अब तुम कब चलोगी ?

उसके अन्दर भी जैसे चूत को मरवाने की तड़प हो और झट से बोली में कल सुबह 9 बजे  मिलती हु. में उसकी ये बात सुन कर पागल सा हो गया और घर आ कर कल मिलने के बारे में सोचने लगा. मेरे लंड तो अभी से ही उछल उछल कर चलेंगे मर रहा था जैसे उसको चूत की चुदाई की खुसबू आ गयी हो.

उस रात में और मेरा हथियार दोनो रात में टर्रे गीने लग गये और सोचने लग गया की कल मेरे लंड की प्यास भुज जाएगी. अगले दिन मेरे स्कूल की छुट्टी और में रात को न सोने की वजह से 6 बजे उठ कर ही तयार होने लग गया और  तयार  हो कर उसके फ़ोन का इंतज़ार करने लगा. तभी उसका फ़ोन आया और उसने कहा- में पहुच गयी हु आप कहा हो !! मैं कहा बस आ गया.

मैंने अपनी बाइक उठाई और वह पहुँचते ही देखा की वो वही बहार चौराहे पर कड़ी है. मैंने उसे वही खड़ा होने के लिये बोला और खुद पहले होटल के अन्दर गया और मुझे काउंटर पर कल वाला लड़का ही मिला, मैंने उसे रूम देने को कहा.

वो बोला आप की साथ वाली खा है ? में खिड़की की तरफ से इशारा करते हुए निचे सारी में कड़ी है. उसने मुझे रूम में ले कर चला गया और मुझे रूम की चाभी दे दी. अब मैंने उससे कहा – निचे जो मेरे साथ ई है उसे ऊपर भेज दे.

वो रमा को मेरे रूम तक ले आया और मैंने उससे 500 रूपया दे दिए. वो खुश हो कर बोला- जाओ मैडम अन्दर जाओ और एन्जॉय करो आप के पास सिर्फ 2 घंटे है.

मैंने कमरे को बंद कर कुण्डी लगा दी और अब में और रमा एक दुसरे की निगाहों में निगाहे दाल कर आँखों ही आँखों में बाते करने लग गये और वो मुह निचे कर के ऐसे मुस्कुराई जैसे नयी नवेली दुल्हन सुहागरात मानाने आई हो.

मैंने बिना कोई समाये गवाए उसके पास गया और बहो में भर लिया. वो मेरी बहो में आ कर ऐसे कंप उठी जैसे पहली बार चूत मरवा रही हो.

मेरा हथियार भी पूरी तरह रेडी था बस अब गोलियां निशाने पर लगनी रह गयी थी. अब मैंने उससे कहा अपने कपडे उतारो.

रमा- क्या ये जरुरी है ?

मैं उससे अपनी बहो में भर लिया और किस करते हुए बोला “हां मेरी जान “.

अब उसने भी मुझे लिप किस करना शुरू कर दिया और हम एक दुसरे की गरम साँसे एक दुसरे की गरम साँसे एक दुसरे के अन्दर महसूस करने लगे और अपनी जीब को एक दुसरे के मुह में दाल कर चूसने लग गये.

अब में बेड पर लेट गया और उसने बेड पर खड़े हो कर मेरी आँखों के सामने अपना पल्लू निचे किया और धीरे धीरे अपना ब्लाउज उतर कर अपनी ब्रा भी उतर दी. इतना होते ही उसके बड़े बड़े बूब्स मेरी आँखों के सामने नंगे हो गये फिर उसने अपनी साड़ी  कमर से उतार चड्डी भी उतार डाला. मैंने देखा उसने पेंटी नही डाली मैंने देखा उसने पेंटी नही डाली हुई थी उसकी चिकनी चूत मेरी आँखों के सामने थी जिससे देख मेरा लंड खड़ा हो गया.

वो सावली थी पर पर उसका बदन कमाल का था और उसके बूब्स उससे भी कामल के थे.

मैंने अब झट से अपने कपडे उतारे और अपनी पेंट से कंडोम निकल कर साइड में रख दिए. अब पूरा नंगा हो कर उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को अपने मुह में दाल कर चूसने लग गया वो भी आह्ह्ह आह्ह्ह्ह करने लगी. वो मेरे लंड को अपने मुह में दाल कर चूसने लगी कुछ देर बाद में  अपने लंड को उसकी चूत में दल कर अन्दर कर दिया वो चीखने लगी अपने लंड को उसकी चूत में दल कर अन्दर कर दिया वो चीखने लगी और रोने लगी मैंने उसे फिर किस किया और अन्दर करके कुछ देर लेता रहा और फिर अब जोर जोर से  चोदना सुरु किया हम दोनो को अच लग रहा था और फिर हम दोनो ही झड चुके थे और ऐसे ही कुछ देर सोये रहे और अपने अपने कपडे पहन कर  वह से चले गये हम हर सफ्ताह मिलते थे उस होटल में. और हमारा प्यार ऐसे ही चलता रहा.


कजिन की चुदाई

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Cousin Ki Chudai :

सुबह का टाइम था और हम सब उठे ही थे और फ्रेश हो रहे थे और में मुत्थ मार रहा था टॉयलेट में फिर फ्रेश होक हम सब ब्रेकफास्ट करने बैठे थे की तभी कुछ लोग घर पर आ गये, जो हमारे दूर के रिश्तेदार थे उनका परिचय एक बाप, एक माँ और एक जवान बिन बिहाई बेटी जिसके जिस्म से जवानी का रस टपक रहा था  मई जवान लड़का उसकी जवानी के रस से अपना गला गिला करने के लिए मच्चल रहा था.

मुझे पता चला की ये रिश्ते में मेरे चाचा लगते है और यहाँ पे अपनी लड़की के लिए लड़का देखने आये है.

उस लड़की का नाम था निहारिका उसका नाम सुनके मज़ा आ गया था माँ बाप ने सोच समाज कर उसका नाम निहारिका रखा था बाद में हम सब ने एक साथ ब्रेकफास्ट किया और सब अपने काम में लग गये और में निहारिका के पीछे लग गया वो छत पर अकेली थी.

तो में भी छत पे चला गया उसको निहारने के लिए वो सलवार सूट में गज़ब लग रही थी, मेरा लंड खड़ा हो गया फिर में वही बैठ गया ताकि वो मेरे लंड की हरकत को न देख पाए.

थोड़ी देर बाद वो मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी, कुछ देर बाद वो निचे चली गयी, दोपहर में उसके घर वाले और मेरी माँ जी लड़का देखने के लिए गये एक पार्क में जहा वो लड़के वाले आ रहे थे.

अब में घर में अकेला  गया था तो मैंने उनके जाने के बाद सबसे पहले तो निहारिका को इमेजिन करके अलंद पे सरसों का तेल लगा के मस्त मुठ मरी जैसा की में हमेशा करता था.

दो घंटे बाद वो लोग आ गये तो मुझे बहुत ख़ुशी हुई क्यों की माल भी आ चुकी थी वो लोग खुस लग रहे थे, तो मैंने पुचा की क्या हुआ वहा पे कुछ बात बनी की नही तो उन्होंने बताया हा और फिर मिठाई  खिलाई रिश्ता पक्का होने की ख़ुशी में, फिर खेतो में काम होने की वजह से वो लोग चले गये पर माँ जी ने निहारिका को रोक लिया कुछ दिन के लिए, मेरा दिल तो खिल गया था.

अब रात को खाना खाके सब सोने जा रहे थे, मैंने देखा की निहारिका बिस्तर लेके ऊपर वाले कमरे में जा रही है तो में भी ऊपर पहुच गया और उससे बाते करने लगा.

में- निहारिका जी मुबारक हो.

निहारिका- हा थैंक यू.

में – आप खुश तो हो न, वो लड़का कैसा है,

निहारिका- हा में खुश हु, वो बहुत अच्छा है

इतने में माँ जी ने उसे बुला लिया और वो निचे चलाई गयी और में वही सोने का नाटक करने लग गया.

जब वो आई तो में सोने का नाटक करने लग गया,उसने मुझे उठाना चाह तो में गहरी नींद में होने का नाटक करने लगा आखिर में वो मेरे बगल में ही सो गयी दूसरी तरफ घूम कर उसने अपना गांड मेरी तरफ कर दिया था. थोड़ी देर में मुझे कब नींद आ गयी कुछ पता ही नही चला रात को एक बजे मेरी नींद खुली तो महसूस हुआ की मेरा लंड खड़ा है.

तब मुझे याद आया की मुझे तो अपने काम को अंजाम देना है, मैंने धीरे से एक टांग और एक हाथ उसकी ऊपर रख दी,मैंने अपने हाथ उसके बूब्स के ऊपर रख दिया और उसकी तरफ से कोई रिएक्शन नही आया.

में डर रहा था की कही ये जग न जाये और हिम्मत कर के उसके बूब्स को दबाने लगा फिर में अपने हाथो को उसके चूत के ऊपर ले गया और उसकी चूत को सलवार सूट के ऊपर से दबाने लगा.

कुछ देर बाद मुझे रहा नही गया तो में वहा से उठ के मुठ मारने बाहर आ गया और मुठ मार्के ठंडा होक सो गया सुबह उठा तो देखा की वो मेरी तरफ ही घूरे जा रही है मैंने उससे पूछा क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो तो कहने लगी कुछ नही बस ऐसे ही ये कह के वो चली गयी.

फिर रात को मैंने वैसा ही किया इस बार कोई चुक नही होनी चाहिए बोलके पहे ही जा के सोने का नाटक करने लग गया वो आई उसने आज रात मेरी माँ जी की राखी हुई नाइटी पेहें राखी थी जो उसपे काफी खिल रहा था वो बिना कुछ बोले मेरे बगल में सो गयी में हैरान था की आज इसने मुझे उठाया नही क्यों क्या बात है.

फिर रात को मैंने उसके बूब्स दबाये पहले की तरह और फिर बूब्स को छोड़ कर उसके चूत के पास आ गया और सुर उसकी चूत को रगड़ने लगा थोड़ी देर में ही उसके मुह से ह्म्म्म की आवाजे बदने लगी थी और नाइटी गीली हो गयी थी फिर मैंने धीरे धीरे उसकी नाइटी ऊपर करी उसकी कमर तक.

आज उसने अपनी पेंटी नही पहनी थी मैंने अपनी पूरी ऊँगली उसके चूत में डाल दी थी और आअह्ह्ह्ह आह्ह की आवाज आने लगी तो मैंने देखा की वो जग गयी है मैंने कहा टब जग रही हो वो बोली हां में कब से जग रही हु, में कल से देख रही हु तुम क्या कर रहे हो.

मैंने बोला अब जब सब कुछ पता चल ही गया है तो में भी नंगा हो गया उसके सामने ओसे उसे भी नंगी कर दिया और उसे लेटा कर उसके ऊपर सो गया  और अपने लंड को उसकी चूत में पेल दिया वो आअह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह करने लगी, में चोदता रहा मुझे बहुत मजा आ रहा था अब वो भी मजे लेने लगो हम दोनो चुदाई में मस्त थे उस रात मैंने उसकी चूत को चोद चोद कर फाड़ दिया था उसके चूत से खून गिरने लगा.

और मेरे लंड से वाइट जैसा पानी बहार आ गया जिसे मैंने उसकी चूत में दाल दिया. और  हम दोनो एक साथ लिपट कर सो गये.

इंग्लिश वाली मैडम की चुदाई

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English Wali Madam Ki Chudai :

है  दोस्तों में राजस्थान से हु मेरा नाम हरीश है, में इंजिनियर हु, मेरा फेस चिकना हे में ज्यादा मासूम सा दीखता था कुछ दिन कॉलेज में ऐसे ही गुजर गये, फिर हमे कम्युनिकेशन सब्जेक्ट पढाने एक मामा आई उनका नाम अंजलि था वो थोड़ी मोती थी, में हिंदी मध्यम  का स्टूडेंट था इस लिए इंग्लिश मेरा वीक था. जब  मेम पढाती  तो मेरी और उनकी आखे चार हो जाती थी वो भी मुझे देखती और में भी उन्हें देखता वो शायद मुझे इंटेलीजेंट समजती हती, जब एग्जाम हुआ तो में उनके सब्जेक्ट में फ़ैल हो गया और मैथ में टॉप किया मैंने, जो मेरी मैथ की टीचर थी वो उनकी फ्रेंड थी, रिजल्ट आने के बाद मेम ने मुझे केबिन में बुलाया.

में-  में आई कम इन मेम.

अंजलि मेम- एस कम इन, तुमसे ये एक्स्पेक्ट नही किया था मैंने, मैंने ये भी सुना है की तुम मैथ्स तोपेर हो बाकि सब्जेक्ट्स में भी मार्क्स अच्छे है तुम्हारे.

में- एस मेम.

मेम- तो मेरे सब्जेक्ट में क्या हुआ तुम्हे, मेरा पद्य हुआ कुछ समाज न आ रहा हो या कुछ भी प्रॉब्लम है तो बताओ लेकिन में चाहती हु मैथ्स की तरह मेरे सब्जेक्ट में तुम ही टॉप करो.

में- मेम कोशिश करूँगा की ऐसा हो.

मेम- कोशिस नहीं मुझे फाइनल में रिजल्ट चाहिए.

में- मेम मेरी इंग्लिश कमजोर है और मुझे ये सब्जेक्ट को टाइम देने की जरुरत है.

मेम- लंच में फ्री होती हु आ जाया करो मेरे पास अगर तुम नही आये तो.

इंटरनल बेक पक्की तुम्हारी.

में- जरुर आऊंगा मेम.

कुछ टाइम में उनके पास जाता रहा जब वो मुझे कुछ बता रही थी तो उनके पलु गिरे हुए थे मेरी नजर बार बार उधर ही जा रही थी. मेमे ने मुझे ये सब देखते हुए देख लिया, मुझे लगा मेम से डांट खाऊंगा और मेरी इंटरनल बेक पक्की  लेकिन जो उनका रिप्लाई था उस से में चोक गया.

मेम- ये सब बाद में पहले तुम्हारी पड़ी है, फिर कुछ दिनों तक हम ऐसे ही पड़ते रहे फाइनल से एक दिन पहले में रोल नो लेने गया रोल नो उनके पास ही था.

जल्दी आ गये सब अपना रोल नंबर ले जा चुके है एक तुम ही जिसका रोल नंबर मेरे पास है.

में- सॉरी मेम.

फिर मे केबिन में गया और रोल नंबर ले रहा था तो मेम बोली.

मेम- में कॉलेज छोड़ रही हु.

में- क्या मे मेम, प्लीज नही चोदना.

मेम- यहाँ कोन्दितिओन्स कलश हो रही है.

में- मेम मेरा क्या होगा आपके बिना इस कॉलेज में चार साल रहना मुस्किल हो है.

मेम- क्यों लेकिन मुझ में ऐसा क्या है.

में- बिकॉज़ आई लव यू.

मैंने कह तो दिया था लेकिन ये अज्जेब था मुझसे सहन्न्ही हो रहा था की मेम कॉलेज चुद रही है.

मेम- ऐसा कैसे में मैरिड हु.

में- तो मैरिड से प्यार नही हो सकता.

अब कुछ देर की ख़ामोशी छा गयी फिर जैसे ही मेम ने रोल नंबर मुझे दिया.

मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और मेरी आँखों से अनसु बहाने लगे मेम मेरे कर्रेब आई और मुझे समझने लगी लेकिन मेरे आंसू जैसे रुकने का नाम ही नही ले रही थी, फिर मेम ने मुझे गले से लगा लिया था फिर मेम ने कुछ न सोचते हुए मुझे किस किया.  किस कर के हम किसी भी उदास इंसान को नार्मल कर सकते है उसके बाद जो हमारे जिस्मो के ऊपर तूफान उठा वो सब कुछ होने के बाद ही ठंडा हुआ, फिर मेम को गरम करने के लिए मैंने तुरंत मेम के गले पर किस करने लगा में किस कर रहा था  और मेम बोल रही थी

मेम- ये सब गलत होगा बेटा, में शादी शुदा हु.

उनकी बातो को इगनोरे करते हुए गरम कर रहा था क्योंकि मुझे पता था एक बार मेम गरम हुई तो बिना चुदे मुझे नही छोड़ेंगी . में मेम की गर्दन को किस कर रहा था और मेरे हाथ मेम के पेट पर बड़े आराम से घूम रहे थे मेम ने भी बोलना बंद कर दिया था फिर मैंने मेम का टॉप उतरा बिलकुल सफ़ेद रंग था और ऊपर से वाइट ब्रा में केद मेम के बूब्स क्या बताऊ यारो बस में ही उस वक़्त अपनी कंडीशन को समाज सकता हु  इतने में मेरे लंड ने अपने औकात पे आना सुरु कर दिया.

मैंने वक़्त की नजकात को समझा और मेम की ब्रा उतर दी अब मैंने मेम के बूब्स की बड़े मज़े से चूसने लगा और दबाया फिर फिर मेम को निचे बैठा के अपना कला सा मोटा लम्बा लंड निकला और मेम के बूब्स के बिच में रगड़ रहा था फिर मेम ने मेरे लंड को मुह में ले के चूसने लगी में बोला में झड जाऊंगा फिर भी मेम चुसे जा रही थी उनको कोई फरक नही पद रहा था फिर में झड गया, ऐसा कर के मेम ने अपने लिए दिक्कत कड़ी की थी क्यूँ की दुसरे बार में अपने मन का मालिक होता हु जब चाहुंगा तब झादुंगा.

अब मैंने मेम की जीन्स उतारी और पूरी नंगी कर दिया और पेंटी  भी उतर दी, फिर मैंने मेम को टेबल पर झुकाया और लंड को चूत पर सेट किया और जोर का झटका मारा और लंड आधे से भी ज्यादा अन्दर चला गया मेम की चीख निकल गयी आह्ह्ह  आह्ह्हह्ह,.. मर गयी आराम से सकता क्या.

फिर मेम की आवाजे वही गूंजती रही और में तब तक धक्का मरता रहा जब तक की में थक के चूर न हो जाता फिर में थक चूका था और मेरा लंड पानी भी चो दिया था  फिर हम अपने अपने कपडे पहन कर बहार जा रहे थे तो वह मैथ की टीचर आ रही थी उनको देख कर मेरी तो फट गयी पर मुझे तो कुछ होने वाला नही था पर मेम के बदनामी हो जाती.

मज़ा आ गया

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Maza Aa Gaya :

हेल्लो दोस्तों मै आपका दोस्त दिनेश हाजिर हूँ एक नयी कहानी लेकर, मै ३० साल का एक नौजवान लड़का हूँ और लखनऊ से हूँ और सॉफ्टवेयर का जॉब कर रहा हूँ, मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट ५ फूट ७ इंच की है और मेरा लंड ३ इंच मोटा और ७ इंच लम्बा है|

यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

दोस्तों यह कहानी तब की है जब मै २२ साल का था यानी नया नया जवान हुआ था, मुझे चूत और चूत चुदाई के बारे मे कुछ पता नहीं था, मेरा मन हमेशा चूत चोदने के लिए उतावला होता था लेकिन चूत न मिलने की वजह से मै अकेले में जाकर मुठ मार लेता था, एक दिन की बात है मै कॉलेज गया और अपने क्लास की एक लड़की से लेक्चर की कॉपी मांगी, कॉपी खोलते ही मुझे कुछ ऐसा दिखा जिस से मेरी आँखें शर्म से लाल हो गयी, उसमे एक मस्तराम की एडल्ट मैगज़ीन थी|

मै यह देख के एकदम शॉक हो गया और कॉपी बंद करके एकदम चुपचाप बैठा रहा, तभी मेरे दोस्तों से बाहर आने के लिए कहाँ और मै कॉपी वही पर रखकर बाहर चला गया, लेकिन मेरा दिमाग बार बार उस एडल्ट मैगज़ीन के बारे में सोच रहा था, मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो गया था और मै बाथरूम में चला गया और वहां जाकर मैंने मुठ मार ली, उसके बाद मै वापस क्लास में आ गया|

२ लेक्चर होने के बाद कॉलेज की छुटी हो गयी और मै वापस घर आ गया, घर आकर मै लंच करके सो गया और जब वापस उठा तो मेरा ध्यान फिर से उसी एडल्ट मैगज़ीन की तरफ चला गया,  उस वक़्त मै घर पर अकेले था और मेरा लंड भी टाइट हो रहा था, तभी मेरे घर की डोर बेल बजी और मैंने जाकर दरवाजा खोला तो सामने मेरे पड़ोस की लड़की खड़ी थी, उसका नाम संध्या था और हमदोनो सेम ऐज के थे, वो दिखने में गोरी थी और उसका फिगर ३२-२८-३२ था, मैंने उसे अंदर आने को कहा और वो अं

माँ के संग नंगा मसाज

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Maa Ke Sang Nanga Massage :

Read Hindi Sex Stories :

मैं स्टडी कर रहा था के मुझे मम्मी की आवाज़ अयी। मैं कमरे के बाहर गया तो देखा कि मम्मी फ़र्श पर गिरी पड़ी थी। मैने फ़ौरन जाकर मम्मी को उठाया और पूछा “क्या हुआ””फ़र्श पर पानी पड़ा था, मैने देखा नहीं और गिर गयी””चोट तो नहीं लगी””टांग मुड़ गयी””हल्दी वाला दूध पी लो””नहीं, उसकी ज़रूरत नहीं। बस टांग में दर्द हो रहा है, लगता है नश पे नश चढ़ गयी है””थोड़ी देर लेट जाओ””मुझसे चला नहीं जा रहा, मुझे बस मेरे कमरे तक छोड़ आ””आराम से लेट जाओ और अब कोई काम करने की ज़रूरत नहीं है””हाय रे, टांग हिलाई भी नहीं जा रही””मैं कुछ देर दबा दूं क्या””दबा दे”मैने टांग दबानी शुरू की।

मैं पूरी टांग दबा रहा था, पैर से लेकर जांघ तक”कुछ आराम मिल रहा है?””हां””मेरे ख्याल से तो आप थोड़ा तेल लगा लो, जल्दी आराम मिल जायेगा””कौन सा तेल लगाऊं””वो ही, जो बोडी ओयल मेरे पास है””चल ले आ”मैं अपने कमरे से जाकर तेल ले आया। मम्मी ने अपनी शलवार ऊपर उठा ली लेकिन वो घुटने से ऊपर नहीं उठ पयी। मैने कहा “अगर आपको ऐतराज़ न हो तो मैं ही लगा दूं”इतने में फोन की बेल बजी। फोन पे पापा ने कहा कि वो आज खाना खाने नहीं आयेंगे।”किसका फोन था”” पापा का था कि वो खाना खाने नहीं आ रहे””अच्छा””तेल लगा दूं?””लगा दे”फिर मैने मम्मी के पैर से लेकर घुटने तक तेल लगाना शुरू कर दिया कुछ देर बाद मम्मी बोली “पर दर्द तो मेरे घुटने के ऊपर हो रहा है””एक काम करते हैं।

आप तांग के ऊपर कम्बल कर लो, मैं कम्बल के अन्दर हाथ डाल के आपके जांघ की मालिश कर दूंगा””मैं खुद ही कर लूंगी””मैं एक बार कर देता हूं आपको आराम जल्दी मिल जायेगा””अलमारी से कम्बल निकाल के मेरे ऊपर कर दे”मैने मम्मी के ऊपर कम्बल कर दिया. फिर मैने कम्बल के अन्दर हाथ डाल के मम्मी की शलवार का नाड़ा खोला और शलवार घुटनों के नीचे सरका दी। मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली। मैने मम्मी की जांघ पर तेल लगाना शुरु किया। ऊऊओह। मम्मी की जांघ का अनुभव बहुत ही मादक था।”मम्मी कहां तक लगाऊं तेल””बेटे थोड़ा तेल जांघ पर”मैने मम्मी की जांघ पर अंदर की तरफ़ तेल लगाना शुरु किया तब मम्मी ने अपनी टांगे थोड़ी फ़ैला ली।

मैं तेल मलते हुए कभी कभी अपना हाथ मम्मी की पैंटी और चूत के पास फेरता रहा। मैं कम्बल में खिसक गया और मम्मी की टांगें अपनी कमर की साइद पे रख के तेल लगाता रहा।”मम्मी, अगर आप उलटी लेत जाओ तो मैं पीछे से भी तेल लगा दूंगा””अच्छा””मम्मी शलवार का कोई काम नहीं है, इसे उतार दो””नहीं, खोल के घुटनों तक सरका दे””अच्छा”फिर मम्मी पेट के बल लेत गयीअब मैं मम्मी की दोनो टांगों के बीच में बैठा हुआ था”मम्मी कुछ आराम मिल रहा है””हम्म””मम्मी एक बात बोलूं””हम?””आपकी जांघें सोफ़्टी की तरह मुलायम हैं”मम्मी इस पर कुछ नहीं बोली। मैने तेल मम्मी की हिप्स पर लगाना शुरु कर दिया”मम्मी आपकी हिप्स को छू के …””छू के क्या?””

कुछ नहीं””बता न छू के क्या?””आपके हिप्स को छू के दिल करता है कि इन्हें छूता और मसलता जाऊं। आपकी जांघें और हिप्स बहुत चिकनी हैं। तेल से भी ज़्यादा चिकनी। मम्मी क्या आपकी कमर भी इतनी ही चिकनी है?””तुझे नहीं पता? खुद ही देख ले””मम्मी आप पहले के जैसे पीठ के बल लेट जाओ””ठीक है”फिर मैं मम्मी के पेट और कमर पर हाथ फेरने लगा”बेटे अब मैं बहुत मोटी होती जा रही हूं, है न?””नहीं मम्मी, आप पहले से ज्यादा सेक्सी लगने लगी हो?””क्या लगने लगी हूं?””सेक्सी””बेटे सेक्सी का क्या मतलब होता है?””सेक्सी का मतलब होता है कामुक””सच्ची, मैं तुझे कामुक लगती हूं?””हां, मम्मी मैने आज तक इतनी चिकनी हिप्स नहीं देखी,

क्या मैं आपकी हिप्स पे किस कर सकता हूं?””क्या””प्लीज़ मम्मी, बस एक बार””पर किसी को बताना मत””बिल्कुल नहीं बताऊंगा”मैं मम्मी की हिप्स पे किस करने लगा और जीभ से चाटने भी लगा”बेटे कम्बल निकाल दे”मैंने कम्बल निकाल दिया”मम्मी आपकी हिप्स के सामने तो अमूल बटर भी बेकार है””अच्छा””मम्मी मैं एक बार आपकी धूनी(नाभि) पे किस करना चाहता हूं””नहीं, तूने हिप्स पे कहा था और वो मैंने करने दिया और तूने तो उसे चाटा भी है, अब और नहीं””प्लीज़ मम्मी, जब हिप्स पे कर लिया तो धूनी से क्या फ़र्क पड़ता है?””तो आखिर करना क्या चाहता है?””मैं तो आपकी जांघों को भी चूमना चाहता हूं, आपकी जांघों की शेप किसी को भी ललचा सकती है, आपकी कच्छी(पैंटी) आपकी कमर पे इतनी अच्छी तरह फ़िट हो रही है के मैं बता नहीं सकता, आपकी जांघें देख कर तो मेरे मुँह में पानी आ रहा है,

क्या मैं आपकी जांघों पे भी किस कर सकता हूं?””पता नहीं तूने मुझ में ऐसा क्या देख लिया है, हम दोनो जो भी करेंगे सिर्फ़ आज करेंगे और आज के बाद कभी इसको डिस्कस भी नहीं करेंगे, प्रोमिस?””प्रोमिस….. मम्मी मैं आपकी शलवार निकाल दूं?””हम्मम्मम…निकाल दे”अब मम्मी बिना शलवार के थी। फिर मैं मम्मी की धूनी को चाटने लगा। मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली। फिर मैं मम्मी की जांघों को दबाने, चूमने और चाटने लगा।फिर मैने एक चुम्मा पैंटी के ऊपर से ही मम्मी की चूत का लिया”अह्हह, बेता, ऊउस्सस्सशह्हह्हह्हह..यह क्या..अच्छा लग रहा है””मम्मी मैं आपकी चूत चखना चाहता हूं””क्या चखना चाहता है?””चूत””चूत क्या होती है?””चूम के बताऊं?””बता”मैंने फिर से पैंटी के ऊपर से मम्मी की चूत को चूमा। मम्मी ने कहा “आआह्हह्हह्हह्हह्हह…..ईईएस्सस्सस्सस्सस्सस्स…बेटा मेरी चूत को थोड़ा और चूम””कच्छी के ऊपर से ही?””नहीं, कच्छी निकाल दे”मम्मी के इतना कहने की देर थी कि मैंने कच्छी निकाल दी और मम्मी की चूत को चाटना शुरु कर दिया। मम्मी सिसकने लगी “ईईएस्सशह्हह्हह्ह…आआआह्हह्हह..बेटा।

बहुत आनन्द आ रहा है। मेरी चूत पे तेरी जीभका स्पर्श कमाल का मज़ा दे रहा है” मैं कुछ देर तक मम्मी की चूत चाटता रहा। इतने सब होने के बाद तो मेरा लौड़ा भी तैयार था “मम्मी अब मेरा लौड़ा बेचैन हो रहा है””लौड़ा क्या होता है”मैंने अपना पैंट उतार कर अपना लौड़ा मम्मी के सामने रख दिया और बोला “मम्मी इसे कहते हैं लौड़ा””हाय माँ..तू इतना गंदा कब से बन गया कि अपना यह..क्या नाम बताया तूने इसका””लौड़ा””हां, लौड़ा, की अपना लौड़ा अपनी ही माँ के सामने रख दे””माँ मेरा लौड़ा मेरी माँ की चूत के लिये मचल रहा है””लेकिन बेटे माँ की चूत में उसके अपने बेटे का लौड़ा नहीं घुस सकता””लेकिन क्यों माँ?””क्योंकि यह पाप है””माँ तू क्या है? “”मैं तेरी मा हूं””मेरी माँ होने से पहले तू क्या है””इंसान””और उसके बाद?””एक औरत””बस, सबसे पहले तू एक औरत है और मैं एक मर्द, और एक मर्द का लौड़ा औरत की चूत में नहीं घुसेगा तो कहां घुसेगा””लेकिन….””क्या माँ, जब मैंने तेरी चूत तक चाट ली तो क्या तुझे चोद नहीं सकता””चोद मतलब?””मतलब अपना लौड़ा तेरी चूत में””तू मेरी चूत चाहे कितनी ही चाट ले, मुझे चटवाने में ही मज़ा आ रहा है””माँ चुदाई में जो आनंद है वो और किसी चीज़ में नहीं””तू जानता नहीं मेरी चूत इस वक्त लौड़े की भूखी है।

पर कहीं बच्चा न हो जाये””नहीं माँ, मैं अपना माल तेरी चूत में नहीं गिराऊंगा””प्रोमिस””प्रोमिस””तो अपनी माँ की बेकरार चूत को ठंडा कर दे न, बेटे मेरी चूत की आग बुझा दे न””पहले तू बैठ जा””ले बैठ गयी””अब तु मेरे लौड़े पे बैठ जा”फिर माँ मेरे लौड़े पर बैथ गयी और मैंने धक्के मारने शुरु कर दिये”ऊऊऊऊओ… बेटे …..अह्हह्हह्हह्हह””ओह, ओह, मा तेरी चूत तो टाइट है””ऊऊऊओह्हह्हह्हह….अपने बेटे जे लिये ही रखी है””हां..माँ की चूत बेटे के काम नहीं आयेगी तो किसके काम आयेगी””ऊऊऊओ…मेरा प्यारा बेटा..मेरा अच्छा बेटा..और ज़ोर लगा””ऊह्ह….मेरी माँ कितनी अच्चही है”फिर मैं और मम्मी चुदाई के साथ फ़्रेंच किस भी करते रहे”ऊऊऊऊ माँ मेरा माल निकलने वाला है””मेरा भी””करूं अपने लौड़े को तेरी चूत से अलग?””नहीं..नहीं, प्लीज़, चोदता रह तेरे लौड़े में मेरी चूत की जान है””और तेरी चूत में मेरे लौड़े की जान है””आआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्ह।।।।।।ऊऊऊऊऊऊऊऊ”

बस में चुदाई

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Bus Mein Chudai :

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम गौरव है वैसे तो मुझे बहुत सर्रेफ़ मन जाता है कॉलोनी मई लेकिन सेक्स के समय मेरे अन्दर एक जानवर जग जाता है, में बस से नेहरु प्लेस जा रहा था और बस में बहुत भीड़ थी  में किसी तरह से ध्ह्का मूकी क्र क्र अन्दर घुस गया दोस्तों में दुबला पतला लड़का हु तो अन्दर घुसने के बाद जो धाक आई में संभल नही पाया और एक आंटी से चिपक गया वो पहले तो थोडा गुस्सा करने लगी उसके बाद मेरी सिचुएशन देख कर चुप हो गयी में पूरा जोर से चिपका हुआ था वैसे में उससे लम्बा था लेकिन मौके का फायदा उठा के में उससे बिलकुल चिपक गया और बहाना बना रहा था की बहुत भीड़ है दोस्तों क्या बताऊ जब में उसके बूब्स पर ध्यान दिया.

में धीरे धीरे उसकी गांड पर प्रेस कर रहा था वो कुछ नही बोली में क्या लिया अपना बेग आगे कर के किसी को पता न लगे इस लिए अपने पेंट में हाथ दल कर अंडर वियर से लंड को बहार निकल लिया क्यों की में उसको अपने लंड का एहसास दिलवा सकू और फिर में उससे चिपका रहा और जब उसे एहसास ह गया की की कोई हमे नही देख रहा तब वो आराम से खड़ी हो गयी और में पीछे से उसको लगातार अपना लंड गदा रहा था और जैसे बस थोड़ी इधा उधर होती तो उसके कमर को पीछे से छु लेता अब वो बिलकुल संत चिपकी हुई थी मुझे अब थोडा पता करना था वो क्या सोच रही है में हल्का सा पीछे हटा तो एक मिनट बाद वो पीछे हो कर फिर मुझसे चिपक गई में समाज गया लोहा दोनो तरफ से गरम है मैंने धीरे धीरे से उसके कमर को पकड़ा लेकिन वो गबरा गयी और मेरा हाथ हटा दी मैंने धीरे धीरे से उसके काम में बोला आंटी टाइम क्या हो रहा है.

उसने बोला पता नही तो मैंने बोला आप न मुझे अची लगी उसे बोला पता है मैंने धीरे से अपना उसकी गांड की छेद की तलाश में पूरा कस के गडा दिया वो मुस्कुरा दी उसने भी पूरी जोर के साथ अपनी गांड पीछे की मैंने फिर उसके कान में बोला अगर जोर अजमाइश करना है तो यही बगल में मेरा रूम है देख लेते है किसके अन्दर कितना जोर है ये सुनकर अचानक वो आगे बढ़ी और बस से उतरने लगी में भी उसके पीछे उतर गया मैंने उसे अपना नाम बताया.

उसका नाम पूछा  तो बोली नाम जानकर क्या करोगे मैंने बोला चलो रूम चलते है लेकिन वो बोली की में इसलिए नही उतरी की तुम्हारे रूम जाऊ मुझे यही उतरना था मैंने बोला इसका मतलब आप ने हार मान ली, उसने हस्ते हुए बोला बहुत नॉटी हो मैंने बोला नॉटी आप जैसे फिगर वाली आंटी ने बनाया है मुझे.

वो बोली अभी बच्चे हो जा कर अपने उम्र की लड़की से आँख लड़ो मैंने बोला एक बार चांस दो दुबारा में तुम्हे चांस नही दूंगा मेरी बात सुन कर हसने लगी बोली ज्यादा रिस्क तो नही है.

मैंने बोला वो रूम आप जैसे के लिए ही है वो बोली कितने के साथ किये हो मैंने बोला अब इससे अंदाजा लगा लो की जो रूम मालिक है उसकी बीवी को भी नही छोड़ा और वो मुझे पैसे भी देती है वो हसने लगी बोली

आदमी इंट्रेस्टिंग लगते हो मैंने मौका को देखते हुए बोला अब चले, वो बोली लेकिन एक घंटे में वापस आना है मुझे मैंने बोला आप जब आना चाहो आ जाना में रोकूंगा नही ये सुन कर दुबारा हसने लगी और मेरे साथ चलते हुए बहुत कॉन्फिडेंस है अपने ऊपर मैंने बोला हा है थोरा सा..

फिर हम घर पहुचे आंटी को साथ देख कर रूम मालिक की बीवी आई औए मेरे से बोली इससे अच्छी तो में हु और आज वो है भी नही घर पर मैंने उनको मानते हुए बोला भाभी अब  सड़ी हुई चीज़ को इस्तेमाल करूँगा तभी तो आपकी खूबसूरती को अच्छे से समाज पाउँगा.

ये बात तो वैसे सच थी लेकिन क्या करे उसने मेरा लंड खड़ा किया था तो उसे भी कुछ मिलना चाहिए भाभी ने उससे पुचा की आप कुछ लोगी तो उसने मना कर दिया तो भाभी बोली हां आज जो मिलेगा दुबारा फिर कभी लेने आओगी तो चाय पी लेना आज ज्यादा टाइम बर्बाद मत करो वो सरमा गई भाभी को बोला भाभी पहली बार ई है थोडा रहने दो.

अभी वो उसके सामने बोली की भैया नही है और आप वैसे भी इनको संत करने के बाद भी रहोगे मैंने हाथ जोर्के भाभी को जाने को बोला वो इठलाती हुई चली गयी में उसके पास जाकर बैठ गया वो थोडा उन्कोम्फोर्ताब्ले फील कर रही थी में उसके बगल में जाके बैठ गया और आंटी को बला सॉरी उसकी बातो का बुरा मत मानना.

वो मुस्कुराई और उसके बाद में सीधा उसके बूब्स पर हाथ रख के बोला अब रहा नही जा रहा वो बोली गेट तो बंद कर लो में उठ के गया गेट बंद के दिया यो उठ के कड़ी हो गई में मैंने जल्दी से उसके पास जा कर उसके होठ में अपने होठ रख दिए और उसको जोर से पकड़ लिया और किस करने लगा.

वो तो पहले घबरा गयी लेकिन वो मेरे जोस को देखते हुए मेरा साथ देने लगी में उसकी निचे वाली होठ को अपने दोनो होट से दबा कर चूस रहा था उसे बेड पर लेता दिया और उसके बूब्स को आजाद कर दिया और जोर जोर से उसके बूब्स को चुने लगा वो सिसक रही थी वो बोली कास कर और कास कर पि लो मेरे दूध को पूरा पि लो मैंने उसको बेड पर पूरा चित कर दिया और उसकी चड्डी को निकल दिया और उसके चूत को चाटने लगा अब वो पुरे जोस में आ गयी थी मैंने भी अपना लंड निकला और देर न करते हुए मैंने अपना लंड को उसके चूत में दाल कर घुसा दिया वो भी पूरा अन्दर तक उसका हालत ख़राब हो गया था वो चिल्ला रही थी वो इतना रो रही थी की उसकी आवाज बहार तक जा रही थी तो मैंने उसे और जोर जोर से चोदना सुरु कर दिया अपनी पूरी ताकत से छोड़ने लगा उनको बहुत मजा आ रहा था  मई कुछ देर इस तरह से चोदते रहा और फिर झड गया  और आंटी तैयार  होकर जाने लगी तो मैंने कहा की अब कब मिलेंगे तो बोली में हर हफ्ते युमसे मिला करुंगे कभी कभी मेरे हुसबंद घर पर नही रहते है तो में बता दूंगी तुम आ जाना .

कजिन के साथ मज़ा

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Cousin Ke Sath Maza :

है मेरा नाम सौरव है. यर स्टोरी मेरे कजिन बरखा की है बरखा की उम्र 20 साल है देखने में पूरा सनी लियॉन की तरह है  पड़ोस में रहने वाले सभी लड़के उसको चोदने के लिए तड़पते है और बार उसको याद करके मुठ मरते है,में भी कई बार उसको सोच कर मुठ मरता हु पर उसको कभी चोद नही पाया,

बढती उम्र में वो चुदाई की प्याशी हो गयी थी उसके चुचे बहुत नरम है पूरा कॉटन की तरह गोरा बदन चूत में एक भी बाल नहीं उसकी बड़ा गांड देख कर मेरा हाल पूरा बुरा हो जाता है, वो जब भी चलती थी उसकी गांड मटकती थी उसे देख कर कोई भी पागल हो जायेगा. उसका एक भाई भी था जो अपनी बीवी को हर दिन चोदता था.

बरखा कई बार उसकी चुदाई की आवाज सुन कर कीहोल से देखती थी,और चुप चाप जा कर रूम में ऊँगली करती थी, वो कभी कभी सेक्स स्टोरी पढ़ कर या पोर्न देख कर तड़पती थी, कभी कभी वो बेगान से भी अपनी काम करी थी. उसके घर के पड़ोस में एक लड़का रहता था उसक नाम था साहिल पड़ोस में होने के नाते वो दोनो अछे दोस्त थे, पहले वो दोनो सिर्फ दोस्त थे फिर दोनो ऐसे ही बात करते करते डबल मीनिंग बात करना सुरु करदी,फिर बरखा और वो चुप छुपकर मिलने लगे. दोनो बहुत बार लिप किस कर चुके थे,साहिल कभी कभी उसके बूब्स दबाता था, एक दो बार उसकी चूत भी छठा है,  बरखा ने भी साहिल का लंड चूसा है.

एक दिन दोपहर के वक़्त वो दोनो चाट में मिले, घर पे कोई नहीं था, फिर ऐसे बात करते करते साहिल ने बरखा को अपने तरफ खीच लिया और उसकी कमर पकड़ कर उसकी गर्दन को किस करने लगा, बरखा तो पहले से ही चुदाई की प्यासी थी वो उसके साथ देने लगी, ऐसे ही साहिल ने उअको कुछ देर तक किस करने के बाद फिर साहिल ने उसकी गुलाबी होठ जो चूसने सुरु कर दिए, वो भी साथ दे रही थी. फिर साहिल ने उसकी टॉप्स के ऊपर से उसकी बूब्स को मसलने लगा,बरखा  शिस्करिया ले रही थी, फिर साहिल उसकी टॉप्स को उठा कर ब्रा के ऊपर से ही उसकी चुच्यां दबाने लगा. फिर उसको पीछे घुमा के पीछे से उसकी ब्रा की हुक खोल दिया, तो उसकी बड़े नादे गोर चूचियां आजाद हो कर बहार आ गए, साहिल  उसकी बूब्स को देखते रह गया.

फिर उसने दोनो हाथ से दोनो निप्पल को छेद एः था और उसको किस कर रहा था, बरखा अन्दर ही अन्दर बहुत गरम हो चुकी थी. फिर बरखा ने साहिल का लंड पेंटके ऊपर से ही मसल रही थी,तभी बरखा का भाई ऊपर आ गया और उन दोनो को इस हालत में देख कर चोक गया, बरखा दर गयी और रोने लगी, और बोली कि साहिल उसके साथ जबरदस्ती कर रहा था, फिर अमित जो उसका भाई था साहिल को बहुत मारा, पर बरखा तो अन्दर ही अन्दर तड़प रही थी, उसकी प्यास अभी तक नहीं बुझी थी. ये खबर मेरे पास भी आया एक बार में उनके घर भी आया था तब उनके घर पर कोई नहीं था बरखा एक लम्बा नाइटी पहनी थी,

उसको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, में जान बुझ कर उसके बूब्स और गांड को छु रहा था, उसको जैसे ही पता चला वो बोली तुम मेरे भाई जैसे हो ये सब करना गलत हे, तो मेरा मन उदास हो गया, फिर में बाथरूम जा कर उसको सोच कर मुठ मारा.  बरखा की एक दोस्त थी सुमन उसका एक भाई था रॉकी, जब रॉकी को बरखा और साहिल के बारे में पता चला तो वो  बरखा को चोदने के लिए प्लान बनाया, फिर वो सुमन के फ़ोन से बरखा का नंबर लेकर उसे मेसेज करने लगा, बरखा भी अच रेस्पोंसे दे रहा था, फिर एक दिन रॉकी ने बरखा को प्रोपोस किआ तो बरखा ने भी हा कह दी .

फिर वो दोनो धीरे धीरे सेक्स तक पहुच गए और रॉकी ने उसके साथ बहुत सेक्स किया उसके बाद से वो दोनो रोज सेक्स करते थे .

 

नेहा की चुदाई

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Neha Ki Chudai :

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मिहिर है में रांची का रहने वाला हु अभी में कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रहा था मेरे पापा का मेडिकल एजेंसी है हमारा एक बहुत ही पुराना और भरोसे मंद स्टाफ है जो की बहुत सालो स हमारे यहाँ काम कर रहा है.

उसकी पत्नी भी हमारे घर पे काम करती है और इनकी एक बेटी है जिसका नाम नेहा है, हम दोनो की आगे सेम  है नेहा बहुत ही सुन्दर है एक दम पतली है.और गांड एक दम टाइट है उसे देख कर किसी का भी मन करेगा की उसे चोदे.

पति पत्नी काम में होने के कारन नेहा को भी साथ में रखना पड़ता था. इनका और हमारे परिवार के बिच अछे सम्बन्ध थे और हमारा घर बड़ा होने के कारन इन्हें रहने के लिए रूम दे दिया बचपन से ही हम दोनो एक दुसरे के साथ खेलते.

जब हम 11 क्लास में थे तो उसकी चुचिया आकर में आने लगी थी और मेरा भी लड़किओं को देख कर बाद होने लगा था धीरे धीरे हम दोनो जवान होने लगे.जब हम दोनो साथ खेलते थे तो में किसी न किसी बहाने से उसे छूता  था.कभी कभी उसकी चुचिया चुने की कोसिस करता था.

शायद उसे भी मजा आता था.  मेरे पापा ने हम दोनो को पास में ट्यूटन लगा दिया.

हम दोनो साथ में रोज़ शाम को आया जाया करते थे और साथ में ही पढ़ते थे उसकी चुचिया पहले से और बड़ी हो गयी थी.

जब हम दोनो साथ में पढ़ते थे तो वो जब जब झुकती थी तो उसके में उसके चुचे को घुर करता था. ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आता था.

क्या मस्त बूब्स थे उसके मन तो करता था बस उसी में समा जाऊ, कई बार उसने मुझे ऐसा करते देखा पर हमेशा नज़र अंदाज़ कर देती थी.

जैसे जैसे वक़्त बीतता गया उसकी जवानी और निखरती गयी और मेरे भी लंड का साइज़ बढ़  गया वो बहुत सेक्सी दिखने लगी ट्यूटन के सरे लड़के मुझसे बहुत जलते थे. क्यों की वो किसी से बात नही करती थी सिर्फ मुझे भाव देती थी.

जब हमारी बोर्ड एग्जाम सामने आ गये तो मैंने मम्मी से परमिशन ली की हम दोनो देर रात तक साथ में पढेंगे. वो रात में छोटे कपडे   पहना करती थी. और उसकी गोरी गोरी जंघे देख के मुझे कण्ट्रोल नही होता था. हम दोनो कुछ देर पढाई करते थे और बाकि टाइम बात करते थे में उसे फ़्लर्ट करता था वो भी मुझे छेड़ा करती. में उसका हाथ भी पकड़ लेता पर उसने आज तक कभी कुछ नही कहा में मन ही मन उसे चोदने  का सोचने लगा, मैंने फिर सोच ही लिया की इसे ज़रूर चोदुंगा अब मुझसे और देख देख के रहा नही जा रहा था सन्डे का दिन था और घर के सरे लोग किसी की शाद्दी में गये थे मैंने पढने का बहाना दे कर मन कर दिया, उसी दिन प्लान बनाया की नेहा को इसी बारे में  करूँगा, रात के आठ बजे थे मैंने उसे पढने बुला लिया. हमेशा की तरह वो आधे कपडे में थी थोडा कण्ट्रोल कर के कुछ देर पढने के बाद मैंने उससे कहा की और पढने का मूड नही आज उसने भी कहा मेरा खुद मन नही है. मई तो और ज्यादा खुश हो गया और तुरंत कह की चलो इंग्लिश मूवी देखते है.

मैंने पहले से ही मूवी की डीवीडी निकल रखी  थी जिसमे बहुत सारे रोमांटिक सीन थे, ठण्ड का मौसम था तो हमने रजाई खोल ली और दोनो ने अपना पैर अन्दर कर लिया, मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. रोमांटिक सिन चल रह अता वो बड़े ही ध्यान सेड एख रही थी मैंने अपना हाथ रजाई के अन्दर कर लिया, और धीरे से उसकी जांघो में रख दिया तभी नेहा ने कहा तुझे क्या हो गया तो मैंने कहा मुझे भी रोमांस करना है,तेरे साथ तो वो हसने लगी.

मैंने तुरंत उसके कमर में अपना हाथ अख दिया और अपने पास ले आया तो नेहा ने बोला की चोर यार क्या कर रहा है कोई देख लेगा मैंने उसे बोला की में तुझे बहुत पसंद करता हु और तेरी इतनी सेक्सी बॉडी देख के मुझसे अब कण्ट्रोल नही होता, नेहा मुझे देखे जा रही थी मैंने तुरंत उसे किस कर दिया वो पीछे होने लगी और उसने कहा की ये गलत है मुझे छोर दो कोई देख लेगा.

तभी मैंने गुस्सा होने का नाटक किया तो नेहा ने कहा  की वो भी मुझे बहुत पसंद करती है पर कहने से डरती थी.

तभी मैंने उसे जोर से जले लगा लिया और उसकी बड़ी बड़ी चुचिया मेरे सीने में तब रही थी बहुत ही अच एहसास था, में समझ गया की आग दोनो तरफ लगी है मौका का फायदा उठाते हुए मैंने उसे वापस किस कर दिया और उसने भी मेरा साथ दिया.

तभी उसने कहा की गेट लॉक कर दो कोई आ जायेगा में उसका इशारा समझ गया.मैंने तुरंत गेट लॉक कर दिया और उससे लिपट गया उसे बहुत जोर से किस करने लगा और कब हाथ मेरा उसकी चूची पे गया पता ही नही चला.

एक दम गरम गरम एहसास था, मैंने उसका टॉप उतर दिया और ब्रा भी, और जोरो से उसकी चुचियो को चूसने लगा क्या बताऊ दूध पि के तो और जोश आ गया था.

मेरा हाथ अब निचे उसकी चूत के अन्दर चला गया मैंने उसकी चूत में बहुत ऊँगली की.तभी नेहा ने अचानक से मेरा लंड पकड़ लिया और कहने लगी की मुझे देखना है, मैंने कहा की निचे बैठो तभी दिखाऊंगा और तभी अपना पायजामा खोल दिया और वो मेरा लंड देख कर दर गयी कहने लगा की बहुत मोटा है बहुत दर्द होगा तो मैंने कुछ न सुना और तुरंत उसके चूत में अपना लंड दाल दिया वो सच में रोने लगी तो आवाज बहार न जाये इस लिए मैंने उसे किस किया और चोदता ही रहा कुछ देर चुदाई के बाद में झड गया और अपना पानी उस के मुह में डाल  दिया वो सब पि गयी मैंने उसे उठाया वो दर्द से रो रही थी और किस करने लगा . और साथ में ही सो गये.


अम्मी चुद गयी नौकर से

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Ammi Chud Gayi Naukar Se :

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकुर है और में हरयाणा में रहता हु, मेरी उम्र 19 साल है, मेरे घर में माँ और पापा और एक छोटा भाई है मेरे पापा एक बुसिनीस्मन है इस लिए वो हमेशा ही घर से बहार रहते हे.

में कॉलेज में स्टडी करता हु और मेरा भाई भी फाइव क्लास में सत्यदे करता है मेरी मम्मी मेरे घर के नौकर रामू से चूदी थी

एक दिन में कॉलेज नही गया था और निचे वाले रूम बे स्टडी कर रहा था रामू उस दिन सफाई करने के लिए मम्मी के कमरे में गया मुझे पता था की घर में रामू आया है.

इसलिए में अपने रूम में ही बैठा रहा थोड़ी देर बाद  मुझे लगा की घर में कोई और भी आया है और घर को बंद भी कर दिया है. में चुपके से बहार आया तो घर में बहुत शांति थी मुझे दर लगने लगा और इस लिए चुपके से माँ के रूम की खिड़की पर गया और मैंने देख मेरे होश उड़ गये.

रामू अपने किसी दोस्त के साथ मेरी मूमी के साथ अन्दर रूम में था और मेरी मम्मी पर लेती हुई थी शायद वो बेहोश की हालत में थी रामू और उसका दोस्त बोल रहे थे आज तो इसकी गांड और चूत दोनो फाड़ देंगे हम दोनो साली ने बहुत दिनों से तडपा रखा था.

फिर रामू ने मम्मी की सरे कपडे उतार दिए अब मम्मी को देख कर तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया था में भी अब अपने लंड को अपने हाथ से हिलाने लगा.  रामू तो मम्मी पर टूट पड़ा और मेरे मम्मी के बूब्स को चूसने लगे वो दोनो मेरे मम्मी के बॉडी से ऐसे खेल रहे थे जैसे दोनो के दोनो मम्मी से कुस्ती लड़ रहे हो.

मैंने ये सब देख कर इस लिए कुछ नही किया क्यों की इस से मम्मी की इज्जत ख़राब हो जाती और साथ में हमारी भी इस लिए में चुप रहा जो हो रहा था उस का मजा लेने लगा.

अब रामू ने अपना लंड बहार निकला उसका लंड बहुत बड़ा था उसने अपना लंड मम्मी की बूब्स की बिच में रख कर  घसड़ने  लगा और उसका दोस्त मेरे मम्मी की चूत में ऊँगली डालने लगा जिस से मेरे मम्मी की चूत में से पानी बहार आने लगा और उसने भी अपना कपडा उतार दिया और अपना लंड मम्मी की चूत में दल दिया उसने इतनी जोर से अन्दर डाला की मम्मी बेहोश होने के बाद भी हिलने लगी.

तभी रामू ने उससे कहा सेल आराम से कर वरना ये उठ जाएगी तब वो आराम आराम से मम्मी की चूत चोदने  लगा और रामू ने मम्मी का मुह खोला उर अपना लंड मम्मी की मुह में दल दिया. फिर दोनो ने जगह बदल ली और मुह में ही हिअलने लगा जिससे उसका पानी निकल गया और मम्मी की मुह में ही सारा माल गिरा दिया और मम्मी का मुह भर दिया था.

रामू बोला साला इतना जल्दी  निकल गया . उसके दोस्त ने कहा हा यार बस बहुत हो गया अब तू भी निकाल ले चल चलते है.

तो रामू ने कहा की अभी तो इसकी गांड मारनी है मुझे.

इतना कहते ही रामू ने लंड को चूत से निकल के मम्मी की गांड में धुका दिया और म्य्म्मी के ऊपर ही लेट गया और मम्मी की गांड मरने लग गया मेरी भी हालत बहुत ख़राब हो गया था में भी अब मुठ मरने लगा था क्या कमल की चुदाई हो रही थी मम्मी की और में लाइव देख रहा था.

दस मिनट बाद रामू का भी पानी निकल गया और उसने भी अपना माल मम्मी की गांड में ही डाल दिया.

बा मेरी मम्मी अकेली रूम में लेती हुई थी उनके जाने के बाद में नादर गया मेरे लंड वैसे ही खड़ा था लेकिन मैंने ऐसा कुछ नही किया और मम्मी की ऊपर कपडे डाले और मम्मी को सोने के लिए वही छोड़ दिया और मम्मी साम को उठी और ऐसे हरकत कर रही थी जैसे कुछ नही हुआ हो.

 

मकान मालकिन आंटी की चूत की आग बुझाई

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Makan Malkin Aunty Ki Choot Ki Aag Bujhai :

नमस्कार दोस्तों! मैं हूं अमन दिल्ली से, आपने मेरी पिछली कहानी तो पढ़ी होगी और इसी श्रंखला मैं आज फिर से अपनी एक नई और सच्ची सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूं। इस बार मैंने अपनी मकान मालकिन आंटी की चूत मारी।

दोस्तों मैं साउथ दिल्ली में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ तीसरी मंजिल पर रहता हंू। पहली मंजिल पर मकान मालिक का परिवार रहता है। दूसरी मंजिल पर जो भईया और भाभी रहते थे, उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हो गया पिछले महीने वे कमरा छोड़ कर चले गये। दोस्तों भाभी से मेरी सेटिंग अच्छी चल रही थी और अचानक उनके जाने से मुझे बहुत दुख हुआ, और काफी उदास रहने लगा।

इसी बीच मेरा मेलजोल मकान मालिक से बढ़ने लगा। मैं उन्हे अंकल और आंटी कहता था, क्योंकि दोनों की उम्र करीब 32 का पड़ाव पार कर चुकी थी और उनकी एक 11 साल की बेटी और एक 3 साल का बेटा था। और धीरे धीरे आंटी मुझे घर के छोटे मोटे कामों के लिये बुला लिया करती और घंटों हम दोनों गपसप करते रहते। हालांकि दो बच्चों की मां होने पर भी आंटी गजब का माल थी और काफी स्लिम ट्रिम थी। वह ज्यादातर साड़ी पहनती थी। साड़ी में लिपटी आंटी बहुत ही सेक्सी लगती थी। उनके स्लीवलेस और चुस्त ब्लाउज से बाहर की ओर उभार लिये मम्में कयामत ढाते थे। बीच की खुली चिकनी गोरी कमर और बेहद मांस से भरे कूल्हे किसी को भी ठरकी बना देने वाले थे। इस तरह मेरा आंटी को ताड़ना जारी था।

आंटी भी मेरा उनके प्रति आकर्षण महसूस कर रही थी लेकिन पूरी तरह से अंजान बनने की कोशिश करती रहती थी। एक दिन आंटी ने मुझे किसी काम से नीचे बुलाया। मैं नीचे हाॅल में जाकर कुर्सी पर बैठ गया, कुछ देर बाद आंटी पीछे से आयी और मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ फंसाकर उन्हें सहलाते हुए बोली कि आज कल तुम बड़े उदास रहते हो, बात क्या है। पहले मैं कुछ समझ नहीं पाया पर जल्द ही उनकी आँखों से झलकती शरारत को मैनें महसूस कर लिया बिना मौका गवाए एक शातिर खिलाड़ी की तरह मैंने अपना दांव चल दिया और अपने सिर को उनकी छाती से सटाकर अपना हाथ से आंटी की चिकनी कमर को सहलाने हुए अपने असंयमित हो चुके विचारों को एक एक करके बयां करता चला गया। उन्होेंने मेरे इरादों को भाँपते हुए हल्की मुस्कान के साथ अपनी सहमति का परिचय दिया और मेरे कुछ कहने के पहले ही मुझे रात में आने का इन्विटेशन दे दिया। क्योंकि आज अंकल नाइट शिफ्ट में आॅफिस जाने वाले थे। यह सुनकर मेरी आँखों की चमक बड़ गई और मैं रात के विचारों में खोया अपने कमरे में आ गया।

रात को आंटी के पास जाने के लिये आज मैंने अपनी चारपाई बाहर खुली छत पर बिछा ली जिससे किसी को मुझ पर शक न हो और मैं आसानी से आंटी के पास जा सकूँ। अब रात के करीब 10 बज चुके थे और सभी लोग सो चुके थे, मैं बिना कोई आवाज किए हल्के कदमों से सीढ़ियां उतरते हुये आंटी के कमरे की ओर पहुँचकर दरवाजे को थोड़ा धक्का दिया और वह खुल गया क्योंकि अंकल के जाने के बाद आंटी ने दरवाजे पर कड़ी नहीं लगाई थी इसलिए मैं आसानी से अन्दर दाखिल हो गया। और दबे पांव आंटी के कमरे में घुसा। आंटी भी जाग रही थी और मेरा इंतजार कर रही थी, मुझे देखते ही उन्होंने मुझको बगल वाले कमरे में रूकने को कहा और उनके कहे अनुसार मैं दूसरे कमरे में आंटी का इंतजार करने लगा। जैसे ही मुझे आंटी के अन्दर आने की आहट मिली मैं सोने का बहाना करने लगा। वह मेरे पास आकर पलंग पर बैठ गई और मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए बोली आज हमें पूरी रात मस्ती करनी है। यह सुनते ही मैंने तेजी से उठकर उनको अपनी बाहों में भर लिया और अपने होठों से उनके होठों का रस चूसने लगा। कभी मैं होठों के ऊपरी हिस्से कोे और कभी निचले हिस्से को दबाकर पूरा मजा ले रहा था। अब आंटी ने भी अपनी जीभ मेरी जीभ से टकरानी शुरू कर दी।

हमनें काफी देर तक एक दूसरे को किस किया। अब मैं उनकी गर्दन को चूमता हुआ छाती तक पहुँच गया था, आंटी के शरीर की महक मुझे मदहोश कर रही थी। अब मैं उनके मम्मों को ब्लाउज के बटनोें को को खोलकर उनकी रंगीन ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। इसके बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने ब्रा खोल दी और संतरे जैसे गोल गोल मम्मों को बारी बारी से मुँह में भरकर उनको चूसने लगा। फिर पेटीकोट के ऊपर से ही उनकी चूत में उंगली करने लगा। जैसे ही मैंने उनकी चूत खोदनी शुरू की उनकी सिसकियां बढ़ने लगी। फिर बिना देर किये मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और आंटी की गोरी गोरी टांगों और जांघों को सहलाने लगा। और मुझसे रहा न गया और मैंने उन्हें पूरा नंगा कर दिया और अपने भी सारे कपड़े उतार कर उनके मखमली बदन और टांगों के बीच छिपी हल्की गुलाबी चूत को निहारने लगा। आंटी की चूत गीली और और उसका दाना फूल चूका था। मैंने आंटी की चूत को चाटना शुरू कर दिया, उस पर एक भी बाल नहीं था। आंटी भी अब परम सुख का अनुभव करते हुए एक हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी और एक हाथ से अपने मम्मों को सहला रही थी। आंटी की चूत एक 16 साल की लड़की के जैसी सख्त थी जो कहीं से भी उनकी उम्र का अहसास नहीं दे रही थी।

और मैं उनके झड़ने तक चूत चाटता रहा जो मुझे अनोखा अहसास दे रही थी। साथ ही आंटी की चुदने की बेककारी बढ़ती जा रही थी। फिर आंटी ने मेरे खड़े लंड को सहलाना शुरू कर दिया। और देखते ही देखते करीब 7 इंच के मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया, और जोर जोर से चूसने लगी। मैंने भी भरपूर मजा लेने के लिए लंड को उनके गले तक ढकेल दिया और साथ ही उनकी गीली चूत में उंगली करने लगा, अब आंटी अपना काबू खो चुकी थी, मेरे लंड को मुँह से निकालते ही उन्होंने मुझे चोदने के लिए कहा, और मेरे लंड को अपनी भूखी चूत में डालने को कहा, मैंने भी बिना इंतजार किये अपने लंड को आंटी की चूत में एक तेज झटके के साथ पूरा डाल दिया। मेरा लंड धारदार चाकू की तरह आंटी की चूत को चीरते हुए अंदर घुसता चला गया, और आंटी को चीखने के लिए के लिये मजबूर कर दिया। आंटी की चुदने की तड़प को देखते हुए मैंने अपने झटकों को और तेज कर दिया, और आंटी चुदते हुए कह रहीं थी कि अमन मेरी चूत तुम्हारे जैसे लंड के लिए प्यासी थी, आज मुझे इतना चोदो कि इसकी प्यास बुझ जाए, यह सुनते ही मैंने अपनी स्पीड बढ़ाते हुए आंटी को खूब चोदा, कभी मैं ऊपर तो कभी आंटी मेरे ऊपर होती थी। और एक के बाद एक मैंने उन्हें कई स्टाइलों में चोदा। और इस तरह मैंने आंटी की सारी रात कई रांउड में चुदाई की और उनकी चूत की आग बुझायी।
हां तो दोस्तों! यह थी मेरी एक और सच्ची कहानी, पढ़ने के लिए धन्यवाद, इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें।

एक रात आंटी के साथ –हॉट

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Ek Raat Aunty Ke Sath – Hot

मेरा नाम कमलेश भाटी, उम्र २१ साल राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले से हूँ। मुझे चुदाई करने का बहुत शौक है। मेरा नाम चुदाई करने वालो की लिस्ट में सर्वप्रथम आता है। मेरा सच्चा अनुभव मुझे Free Hindi Sex Stories से मिला। मैं पाठको को कहना चाहूंगा कि वो मेरी कहानी पढ़ें।

तब की है जब मैं गर्मियों की छुटि्‌टया मनाने मैं अपनी आंटी के घर गया था। मेरी आंटी के दो बच्चे एक का नाम राहुल १२ साल का व रीना ८ साल की है। मेरे चाचा बिजनेस के मामले में ज्यादातर बाहर ही रहते हैं।

आंटी बहुत सैक्सी लग रही थी। आंटी का फिगर ३६ २८ ३८ था। आंटी के बूब्स बहुत ही सुडौल थे। आंटी मुझे बहुत ही पसंद थी। मैं सपने में सोचता रहता थी कि आंटी को किस तरह से चोदा जाये। कभी-कभी रात में आंटी के नाम का मुठ भी मारता रहता था।

आंटी के दोनों बच्चे परीक्षाएँ खत्म करके अपने ननिहाल नाना के साथ चले गये और अंकल किसी काम से बाहर चले गये। फिर मैं और आंटी दोनों ही घर में अकेले थे। आंटी भी मेरे इशारे समझ गई थी।

एक दिन की बात है जब आंटी ने सुबह-सुबह किसी काम से मुझे बाजार में भेज दिया। जब मैं बाजार से लौटते समय घर आया तो क्या देखता हूँ कि आंटी ड्राईंग-रूम एकदम नंगी खड़ी जैसे तुरन्त ही नहाकर बाहर आई थी। गलती से दरवाजा खुला होने के कारण मैं एकदम अन्दर चला गया। अन्दर जाते वक्त मैंने आंटी का भरा-पूरा बदन बिल्कुल नंगा देख लिया। आंटी झटाक से बाथरूम की तरफ दौड़ी और कपड़े पहनकर बाहर आई।

बाहर आते ही मुझे पूछा- तुम कब आये?

मैंने कहा- आंटी मैं तो अभी आया।

आंटी और मैंने मिलकर नाश्ता किया। आंटी मेरे सामने मुझे देखकर हंस रही थी। मैं समझ गया कि मैंने आंटी को तो नंगा देख लिया है, अब आंटी भी मुझे मदहोश नजरों से देख रही थी। और मेरा मन भी रख रही थी।

आंटी ने मुझसे कहा- शाम को हम खाना साथ में खायेंगे।

मैंने कहा- ठीक है आंटी, जैसी आपकी इच्छा।

मैं अपने रूम में जाकर टी.वी. पर सैक्सी सी.डी. देखने लग गया। रात को होने को आई। आंटी ने मुझे खाने पर बुलाया। हम दोनों ने साथ में खाना खाया। खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में सोने के लिये जाने लगा तो आंटी ने कहा- कमलेश, तुम्हारे अंकल यहाँ पर हैं नहीं। ऐसा करो तुम आज की रात मेरे कमरे में ही सो जाओ।

मैं मन में आंटी का इशारा समझ गया कि आंटी आज मुझसे चुदवाना चाहती है, मैने कहा- ठीक है, मैं अभी अपने कपड़े बदल कर आता हूँ। मैं कपड़े बदल कर जैसे ही आंटी के कमरे में जाने लगा तो मैं क्या देखता हूँ कि आंटी बिल्कुल नंगी पलंग पर लेटी हैं। मैं एक बार तो चकरा गया।

फिर आंटी ने मुझसे कहा- शरमा क्यों रहे हो, सुबह तुमने मुझे नंगा तो देख ही लिया है। अब जरा चोद भी लो। तुम्हारे अंकल से चुदवाये काफी महीने हो गये, मेरी खुजली को मिटो दो प्लीज।

मैं आंटी का इशारा समझते हुए एकदम आंटी पर टूट पड़ा। ऐसे मौके तलाश कर रहा था वो अपने आप ही मुझे मिल गया। सबसे पहले आंटी के मम्मों को जोर-जोर से चूसने लगा। आंटी भी मेरा साथ देने लगी। धीरे-धीरे मैं आंटी की बुर की तरफ बढ़ने लगा। आंटी की बुर एकदम क्लीन थी उस पर एक भी बाल नहीं था। मैंने आंटी की चूत में अंगुली डालकर हिलाना शुरू किया।

आंटी आहहहहहहहह आहहहहहह……..आहहहहहहहहहह. बस करो। अब मेरी चूत को फाड़ डाल दो प्लीज । कई महीने से मेरी चूत प्यासी है। प्लीज……….. प्लीज…………

मैंने समय खराब न करते हुए अपना पजामा उतार कर अपने ८ इंच के लंड को आंटी की चूत पर रख दिया। एक धक्का दिया तो ४ इंच लंड आंटी की चिकनी चूत में घुस गया। आंटी ने कहा- आह…. दर्द हो रहा है। इतना लम्बा लण्ड तो तेरे अंकल का भी नहीं है मेरे राजा। इतना लम्बा लण्ड कहाँ छुपा के रखा था। आज तू मेरी चूत को भौसड़ा बनाकर ही छोड़ना। मैंने कहा- मेरी रानी, मैं भी तुम्हें चोदने की फिराक में था, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिला। आज तो मैं दो इंच चूत को भौसड़ा बनाकर ही छोडूंगा। फिर मैंने अपनी चुदाई तेज कर दी। आंटी इस बीच दो बार झड़ गई। मैं भी झड़ने की तैयारी में था।

आंटी ने कहा- मैं तुम्हारे लण्ड महाराज का दूध अपने मुँह में पीना चाहती हूँ।

मैं झड़ने वाला ही था, मैंने अपना लण्ड चूत से निकाल कर आंटी के मुँह में रख दिया। आंटी के मुँह में दूध की बरसात हो गई। आंटी ने मेरा सारा रस चाट-चाटकर पीया। फिर मैं झड़ने के बाद आंटी के ऊपर ही सो गया।

इस बीच हमने ४ बार सैक्स किया। मुझे आंटी बहुत ही पंसद है। आंटी ने मुझे ऐसा मजा दिया मैं उसे भूला नहीं पाउंगा।

होटल में चुदाई

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Hotel Mein Chudai :

आज मैं आपको एक स्टोरी शेयर कर रहा हू, श्रुति जिसकी मैंने चुदाई होटल में की   मेरा लंड 8″ लंबा और 4″ मोटा है. श्रुति बड़ी ही हॉट एंड सेक्सी लड़की है, मुझे उसको चोदने का मन करने लगा क्यों की मुझे जो फोटोग्राफ भेजी थी वो काफी सेक्सी थी.

मुझे देखते ही उसे चोदने का मान करने लगा. उसने बताया की वह शादीशुदा है और उसका एक 3 साल का बच्चा है… शादी को 5 साल हो गये है आफ्टर बेबी उसके हज़्बेंड के साथ रीलेशन अच्छे नही रहे और उसका पति भी उसे ढंग से नही चोदता है. ना ही उसकी तरफ ध्यान देता है. श्रुति का फिगर 34-30-38 बताया.

मैने श्रुति से पूछा की तुम कहा रहती हो और मैं तुमसे कहा मिल सकता हू. तो श्रुति बोली मैं दिल्ली के करोलबाग़ में रहती हु, उसने कहा की मुझे 2 दिन बाद कुछ काम से चंडीगढ़ जाना है और मैं वह एक होटेल मैं रुकूंगी. और वही मैं तुम्हे मिलूंगी.मैने कहा ठीक है हम आफ्टर 2 डेज़ मिलते है चंडीगढ़ मैं. और फिर हम सेक्स की बातें करने लगे. सेक्स टॉक के दौरान श्रुति सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी.

श्रुति फिंगरिंग कर रही थी और मुझे भी जोश आ रहा था और मैं भी अपना लंड पकड़ कर हिलने लगा…. श्रुति ने ज़ोर दार आवाज़ के साथ ही कहा साहिल मैं झड़ने वाली हू. आआआहह!!!! और वो झड़ गई.

आफ्टर 2 डेज़ ई रीच इन चंगीगढ़ और उसके बताए हुए होटेल पर मैं पहुंच गया.जब मैने श्रुति को देखा तो क्या मस्त लग रही थी.और उसके देख कर मैने उसे कहा की श्रुति आज तो तुम कयामत लग रही हो. लगता है जान लेने का इरादा है…उसने कहा ऐसा कुछ नही है. आज पहली बार किसी अनजान सक्स के साथ अजीब सा लग रहा है. मैने कहा क्यू घबरा रही हो जानेमन.बहुत मज़ा आएगा क्यू घबरा रही हो…उसने स्माइल कर दी… फिर हम होटेल मैं हम एक साथ गये और वाहा एक रूम बुक किया. रूम की चाबी लेकर हम रूम मैं एंटर हुए. और रूम मैं आते ही हमने समान छोडा और मैने श्रुति को पीछे से कस के पकड़ लिया और उसे अपनी और खींच लिया. उसने कहा क्या कर रहे हो रूको तो पहले समान तो रख ले. मैने कहा समान को यही रहने दो. और मेरे पास आओ. मुझे टाइम वेस्ट करना पसंद नही है…

मैने और शरमाना बिलकुल भी नही. जैसे फर्स्ट टाइम तुम अपने हज़्बेंड के साथ किया था. मुझे उससे भी ज्यादा तुम्हारे साथ प्यार करना है. और फिर मैने उसे उल्टा करके उसे बेड पर धक्का दे दिया और उसपर टूट पड़ा… और उसे लगातार किस करने लगा. मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे.क्या मस्त बूब्स थे. एक दम फुटबॉल की तरह.मैं उसे बहुत जोर जोर से चूस रहा था और निप्पल को डाट से काट कर रहा था. और जोर से प्रेस कर रहा था. वो चिल्ला रही थी. साहिल डियर दर्द हो रहा है. मैने कहा दर्द मैं ही मज़ा है जान. और फिर मैं उसे स्मूच करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. उसके दोनो हाथ मेरे बालो में थे … श्रुति की जीब मेरी जीभ से टकरा रही थी. उसकी साँसे मुझे पागल बना रही थी… उसके होंटो का स्वस्त बहुत जबरदस्त था.

फिर मैंधीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा. मेरा एक हाथ उसकी पाजामा के उपर से ही उसकी चूत पर पहुंच गया और उसे रब करने लगा. उसे मज़ा आने लगा. और उसने अपनी टाँगे चौड़ी कर ली. मेरा एक हाथ उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था. और मैं उसकी ब्रेस्ट पर क़िस्सीस कर रहा था.मैने उस उठा कर उसकी कमीज़ उतार दी. उसने काली ब्रा पह्न रखी थी. आस्क फुटबॉल जैसे बूब्स ब्रा मैं क़ैद थे. मुझसे रहा ना गया तो मैने उसे पलट कर उसकी ब्रा के हुक को अपने मूह मैं दल कर खोलने लगा. उसे सरसराहट सी होने लगी. श्रुति ने कहा साहिल गुदगुदी हो रही है. हाथ से खोल दो. मैं हुक खोलने मैं मस्त था. और फिर मैने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया. उसके बड़े बड़े निपल. उसे सिद्धा करके मैने उसके बूब्स को फिर से अपने मूह मैं पूरा ड़ाल लिया और उसके निपल को चूसने लगा. .

धीरे धीरे मैं और नीचे बढ़ने लगा उसकी नेवेल बहुत गहरी थी. उसके अपनी जीब गुसा कर चूसने लगा. उसने मेरे सिर पर अपना हाथ रख कर दबाने लगी. और उसे गुदगुदी हो रही थी. फिर मैने उसकी पाजामा का नडा खोल दिया और एक ही जटके मैं उसकी पाजामा को उसकी टॅंगो से अलग कर दिया. उसने ब्लॅक कलर की ही पेंटी पहनी थी. ट्रॅन्स्परेंट टाइप. बिल्कुल छोटी सी. जिससे उसकी फूली हुई चूत नज़र आ रही थी. मैने उसकी चूत पर हाथ फेरा और अपने होंटो से उसकी पेंटी के उपर से ही उसकी चूत को चूमा. उसकी पेंटी गीली हो गई थी… और एक बार श्रुति झड़ भी गई थी…फिर मैने उसकी पेंटी को भी खोल दिया… श्रुति अब मेरे सामने पूरी नगी थी.

वो किसी भी रूप से एक बचे की मा नही लग रही थी. काफ़ी मेनटेन रखा है उसने अपने आपको. मैने उसकी टाँगे उठाई. और अपनी जीब उसकी चूत मैं धीरे धीरे गुमाने लगा. और उसकी गीली चूत की चाटने लगा. क्या स्वादिस्ट चूत थी. ह्म्‍म्म्मम. उूउुआअ. बहुत मज़ा आ रहा था उसकी चूत का बहता हुआ पानी पीने का. उसने अपनी कमर उपर उठा कर मेरे मूह को कसकर अपनी चूत पर दबा दिया… मुझे और जोश आने लगा. मैने अपनी जीब पूरी बाहर निकल कर श्रुति की चूत की गहराई मैं गुसा दी.

और फिर उसकी चूत के दाने को अपने दातो मैं दबा कर. जोर जोर से काटने लगा. श्रुति चिल्लाने लगी आआआहााहह… साहिल दर्द हो रहा है. डियर चाटो काटो मत . पर मैं उसके दाने को दंटो मैं दबा कर काट रहा. और उसकी चूत का पानी लगातार बहता जा रहा था… जिसे मैं अपनी जीब से साफ कर रहा था. और मज़े लेकर पी रहा था….तब उसने अपने सरीर को कसना सुरू कर दिया और मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर कसकर दबाद दिया और आआअहह!! की आवाज़ निकलते हू झड़ गई. मैने उसकी चूत को साफ कर दिया. फिर मैने अगले राउंड के लिए तैयार हो गया. उसकी चूत भी काफ़ी टाइट थी. ज्यादा चुदी ना होने के कारण वो कुंवारी ही लग रही थी….

मैने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए… श्रुति मेरा लंड देख कर पागल सी हो गई. मैने अपना लंड उसके हाथ मैं दे दिया और उसे चूसने को बोला. श्रुति ने भी बिना डियर किए अपने मूह मैं ड़ाल लिया और लॉलिपोप की तरह चूसने लगी. मैने उसके बालो को पकड़ कर अपने लंड को उसके गले तक उतार दिया.

और उसके मूह को जोर से ढके मार कर चोदने लगा. लगातार उसके मूह को चोदने के बाद मैं उसके मूह मैं ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गई…मैने उसे दोआबारा स्मूच करनी सुरू कर दी. उसने मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैने श्रुति को अपनी टाँगे खोलने को कहा. उसने अपनी टाँगे खोली… मैने उसकी टाँगे उपर की तरफ उठाई और अपने दोनो हटो की उंगलियो से उसकी चूत को फैला करने लगा… उसकी चूत को खोल कर अंडर तक झाँकना था… श्रुति ने पूछा क्या कर र्हे हो साहिल. मेरी चूत को चीरने का इरादा है क्या. मैने कहा मैं चूत की गेह देख रा हू. कितनी लाल है तुम्हारी चूत अंदर से.

और फिर मैने अपना पूरा मूह उसकी चूत की गहराई मैं रख कर चूमा और फिर मैं उसके उपर आ गया और और उसकी टाँगे उठा कर अपने शोल्डर पर रख दी. और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मारा और अपना सारा लंड उसकी चूत की गहराई मैं घुसा दिया. पहले भी चुदी होने के कारण उसे ज्यादा तकलीफ़ नही हू. पर उसकी चीख निकल गई. काफ़ी टाइम से ना चुदबाने के कारण उसकी चूत टाइट थी…मैने धीरे धीरे उसे धक्के मारना सुरू कर दिए. उसे भी मज़ा आने लगा. वो भी अपनी कमर उछाल उछाल कर चुदबाने लगी… मैं अपने धक्को की स्पीड और तेज कर दी. लगातार तेज तेज धक्के मारने लगा. 10 मिनट तक चोदने के बाद मैने उसे घोड़ी बनने को कहा. और वो घोड़ी बन गई.

फिर मैने उसे घोड़ी बना कर चोदा . 5 मिनट तक उसे घोड़ी बना कर चोदने के बाद. फिर उसे अपने उपर बैठने को कहा. और उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत मैं डाला और उपर नीचे उछालने लगी. मुझे भी मज़ा आने लगा. फिर मैने उसकी कमर के नीचे हाथ रखा और नीचे से लगातार धक्के मरने लगा. और आफ्टर १० मिनट के बाद मैं झड़ने लगा तो मैने उसे पूछा की कहा छोड़ू अपना पानी. उसने कहा मेरी मूह मैं छोड़ो. फिर मैने ढके तेज सुरू कर दिए. और लास्ट 3-4 ढाको मैं मैने उसे उठने को कहा और फिर मैं उसके मूह मैं झड़ गया और वो मेरे लंड का सारा पानी पी गई. और उसने अपने मूह से मेरे लंड को साफ किया. और फिर मैने उसकी बगल मैं लेट गया. उस दिन मैने उसे 3 बार चोदा, और वो बोली की देखो तुम मुझे नेक्स्ट टाइम जब भी चोदने का हो मुझे ५ दिन पहले बता देना मैं नौकरी की इंटरव्यू के बहाने मैं दिल्ली के आस पास या तो दिल्ली में ही एक दिन के आ सकती हु. अब नेक्स्ट प्लानिंग मेरी है ग़ज़िआबाद में चोदने का, मैं आपको ये कहानी भी जल्द ही पोस्ट करने बाला हु.

भाभी की सहेली ने चुपके से अपनी चूत चुदवाई

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Bhabhi Ki Saheli Ne Chupke Se Apni Choot Chudwai :

Read Free Hindi Sex Stories Here….

नमस्कार मित्रों! मेरा नाम किशोर है। मैं मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से हूँ। मेरी उम्र 27 वर्ष है। मै संतुलित शरीर और करीब छः फुट का नौजवान हूँ। मैं एक साफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर हूँ। मित्रों मैं स्वभाव से शांत और कम बोलने वाला हूँ इस कारण दूसरों से मतलब भी कम ही रखता हूँ। मैं अपने परिवार में दो भाईयों में छोटा हूं। बड़े भईया की शादी दो साल पहले हुयी थी। भाभी भी जबलपुर से ही हैं, और हमारे घर से करीब 20 किमी दूर उनकी ससुराल है। अब बात को ज्यादा घुमाये बिना मैं मुद्दे पर आता हूँ, और आपको मेरी पिछले साल घटी एक सच्ची सेक्सी कहानी सुनाना चाहता हूँ। यह कहानी मेरी भाभी की एक बहुत खास सहेली के साथ चुदाई की है जिसमें हम दोनों ने पूरी रात खूब मजे किये।

तो मित्रों, बात यह है कि भाभी शादी से पहले काॅलेज में पढ़ाई कर रही थी और वहाँ उनकी कई सहेलियां भी थी। पर उन सभी में उनकी एक पक्की सहेली थी जिसका नाम रीना था। वह गोरे रंग की और भूरी आखों वाली थी। उसके शरीर की कसावट बिल्कुल बेबी डाॅल जैसी थी और ऐसा लगता था कि उसके हर अंग में करंट सा दौड़ता था और उसे देखने वाले को इसका अहसास आसानी से हो जाता था। और देखने वाला उसका दिवाना हो जाता था। भाभी ज्यादातर उसके साथ ही रहती थी। और जब हम भाभी को देखने उनके घर गये थे। तब रीना भी वहाँ थी और उसी समय मैंने उसे पहली बार देखा और उसके रूप को निहारता रह गया। और इस तरह वह भाभी की शादी तक वह उनके साथ रही। दूल्हे का भाई होने के कारण भाभी की सहेलियां मेरी खिचाई कर रही थी।

वह भी उनमें शामिल थी, और इस बीच कई बार हमारी नजरें आपस में टकराई पर अपने शर्मीले स्वभाव के कारण मैं उससे बात तक नहीं कर पाया। और इस तरह शादी सम्पन्न होने के बाद वह अपने घर चली गयी। और मेरे अरमान अधूरे ही रह गये। और धीरे धीरे उसकी याद धुंधली होती गयी। और मैं भी अपने नये जाॅब में बिजी हो गया।

पर मित्रों करीब एक साल बाद मेरी जिंदगी ने एक हसीन मोड़ लिया। एक दिन जब मैं शाम को जाब से छूट कर घर आया तो मैंने हाल में सोफे पर भाभी के साथ किसी को बैठे देखा। गौर से देखने पर पता चला कि वह भाभी की सहेली रीना थी। उसे देखकर मैं कुछ देर रूका, फिर हमने एक दूसरे को हाॅय हैलो किया। उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया। पर उसे देखते ही मेरी यादें ताजा हो गयी। इसके बाद उसका हमारे घर आना बढ़ने लगा। लेकिन इस बार मैंने बिना किसी हिचक के उससे बातचीत शुरू कर दी क्योंकि मैं फिर से यह मौका नहीं छोड़ना चाहता था और शायद वह भी यही चाहती थी, इसलिए उसने भी बातचीत के सिलसिले को जारी रखा। और कुछ ही दिनों में हम दोनों काफी नजदीक आ गये। और एक दिन बातों बातों में उसने बताया कि वह भी मुझे पहले दिन से पसंद करती है। यह सुनकर तो मानो जैसे मेरा जैकपाॅट ही लग गया हो। और मेरी उसके करीब जाने की इच्छा और बढ़ गयी।

लेकिन इस मामले में भी वह मुझसे एक कदम आग हीे निकली। एक शाम जब मैं ऑफिस से घर आया तो रीना भाभी के कमरे में थी और मेरे कमरे में आते ही वह उठ खड़ी हुई और मुझसे बिना बात किये कमरे से बाहर चली गयी। पर जाते जाते उसने मेरी जेब में चुपके से एक कागज की पर्ची डाल दी। सबकुछ इतना जल्दी हुआ कि मैं समझ ही नहीं पाया और उदास होकर अपने कमरे में आ गया। फिर अचानक मेरा ध्यान शर्ट की जेब पर गया जिसमें एक पर्ची थी। मैंने उसे खोलकर पढ़ा तो उस पर लिखा था कि ‘आज घर पर कोई नहीं है तुम रात को घर आ जाना’। उसे पढ़कर मैं खुशी से उछल पड़ा। और बिना कुछ सोचे डिनर कर के रीना के घर के लिये निकल गया। और घर पर किसी दोस्त के घर पर रूकने का बहाना बना दिया। और थोड़ी देर बाद ही मैं रीना के घर के दरवाजे पर था। मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था, पर फिर भी मैंने हिम्मत करके घंटी बजा दी।

दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि रीना मेरे सामने खड़ी थी और हल्की गुलाबी सी नाइटी पहने हुये थी और दबे होठों से मुस्कुरा रही थी, फिर उसने मुझे अंदर कर लिया। वह उस नाइटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी और मानो उसने यह मेरे लिये ही पहनी थी। उसकी आँखों में एक अनोखी चमक थी पर फिर भी मैंने अनजान बनते हुए उससे पूछा कि तुमने मुझे क्यों बुलाया। तो वह हँसते हुये बोली कि इतना नहीं जानते हो बुद्धू कहीं के। और यह कहते ही मुझसे आकर जोर से लिपट गयी। उसकी चूचियां मेरे सीने से इस कदर जुड़ी थी कि बीच से हवा का गुजरना भी मुश्किल था। और उसके जिस्म की महक मुझे पागल बना रही थी और मेरे सोए अरमानों को जगा रही थी। फिर धीरे से उसने मेरी शर्ट और बनियान उतार दी। अब मुझसे भी सब्र न हुआ और मैंने उसे बेड पर पटक दिया और उसके होठों को चूमने लगा।

और बिना इंतजार किये दोनों हाथों से उसकी नाइटी उतार दी। और सिर्फ ब्रा और पैंटी से ढका उसका गोरा बदन मेरी आँखों के सामने था। और मैंने भी अपनी पैंट उतार दी। फिर मैंने उसकी ब्रा को ऊपर की ओर खिसका कर उसकी चूचियां खोल दी और बारी बारी से उनका रस चूसने लगा। और एक हाथ से उसकी नीली पैंटी के अंदर छिपी चूत को धीरे से सहलाने लगा। मेरा हाथ रीना की चूत पर पड़ते ही उसके बदन में आग सी फेल गयी और वह फड़कने लगी। मैंने धीरे से उसकी चूचियों के निप्पलों को मसलना शुरू किया तो उसकी आवाजें निकलने लगी। और फिर बिजली की फुर्ती से उसने मेरे लौड़े को अंडरवियर से निकाल कर उसे जोर से दबाने लगी। और उसके कोमल हाथों को छूते ही मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा और सख्त हो गया। और अपने आवेश में आ गया।

जल्द ही मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी मक्खन सी मुलायम चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा जो पानी छोड़ने के कारण गीली हो चुकी थी। और उसकी सिसकियां बढ़ने लगी। अब वह बेकाबू हो चुकी थी। बस अब मुझे चाद दो, और इंतजार नहीं होता, अपने मोटे लंड को मेरी चूत में पूरा घुसा दो, यही कहे जा रही थी। और फिर मैंने बिना इंतजार किये बिना अपने लंड को उसके चूत के पानी से गीला करके उसकी चूत में हल्के से डाल कर धीरे धीरे आगे पीछे करके उसकी चूत में रगड़ने लगा। और अब हम दोनों ने ही चुदाई का मजा लेना शुरू कर दिया। और फिर मैंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी और लंड को तेजी से रगड़ने लगा।

मैंने पहले उसको जाघों पर रखकर चोदा। इसके बाद हाई स्पीड में कुतिया बनाकर चुदाई की। और बीच बीच में उसके होठों को चूमता तो कभी उसकी चूचियां चूसता। इस बीच उसकी आह आई मर गई की आवाजें और भी तेजी से कमरे में गूँजने लगी। और फिर मैंने भी एक एक करके पूरी रात में उसकी पांच बार चुदाई की। और मैंने झड़ने के बाद सारा पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया। इस तरह हमने सुबह तक चुदाई की और पूरी रात खूब मस्ती की। फिर मैं भोर से पहले ही उसके घर से चला आया।

मित्रों इस तरह मैंने अपनी भाभी की सहेली की चुदाई उसी के घर पर जा कर की। आशा करता हूँ कि आपको यह कहानी पसंद आयी होगी। इसलिए इसे खूब लाइक और शेयर करें। पढ़ने के लिये धन्यवाद।

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