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एक रात आंटी के साथ –हॉट

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Ek Raat Aunty Ke Sath – Hot

मेरा नाम कमलेश भाटी, उम्र २१ साल राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले से हूँ। मुझे चुदाई करने का बहुत शौक है। मेरा नाम चुदाई करने वालो की लिस्ट में सर्वप्रथम आता है। मेरा सच्चा अनुभव मुझे Free Hindi Sex Stories से मिला। मैं पाठको को कहना चाहूंगा कि वो मेरी कहानी पढ़ें।

तब की है जब मैं गर्मियों की छुटि्‌टया मनाने मैं अपनी आंटी के घर गया था। मेरी आंटी के दो बच्चे एक का नाम राहुल १२ साल का व रीना ८ साल की है। मेरे चाचा बिजनेस के मामले में ज्यादातर बाहर ही रहते हैं।

आंटी बहुत सैक्सी लग रही थी। आंटी का फिगर ३६ २८ ३८ था। आंटी के बूब्स बहुत ही सुडौल थे। आंटी मुझे बहुत ही पसंद थी। मैं सपने में सोचता रहता थी कि आंटी को किस तरह से चोदा जाये। कभी-कभी रात में आंटी के नाम का मुठ भी मारता रहता था।

आंटी के दोनों बच्चे परीक्षाएँ खत्म करके अपने ननिहाल नाना के साथ चले गये और अंकल किसी काम से बाहर चले गये। फिर मैं और आंटी दोनों ही घर में अकेले थे। आंटी भी मेरे इशारे समझ गई थी।

एक दिन की बात है जब आंटी ने सुबह-सुबह किसी काम से मुझे बाजार में भेज दिया। जब मैं बाजार से लौटते समय घर आया तो क्या देखता हूँ कि आंटी ड्राईंग-रूम एकदम नंगी खड़ी जैसे तुरन्त ही नहाकर बाहर आई थी। गलती से दरवाजा खुला होने के कारण मैं एकदम अन्दर चला गया। अन्दर जाते वक्त मैंने आंटी का भरा-पूरा बदन बिल्कुल नंगा देख लिया। आंटी झटाक से बाथरूम की तरफ दौड़ी और कपड़े पहनकर बाहर आई।

बाहर आते ही मुझे पूछा- तुम कब आये?

मैंने कहा- आंटी मैं तो अभी आया।

आंटी और मैंने मिलकर नाश्ता किया। आंटी मेरे सामने मुझे देखकर हंस रही थी। मैं समझ गया कि मैंने आंटी को तो नंगा देख लिया है, अब आंटी भी मुझे मदहोश नजरों से देख रही थी। और मेरा मन भी रख रही थी।

आंटी ने मुझसे कहा- शाम को हम खाना साथ में खायेंगे।

मैंने कहा- ठीक है आंटी, जैसी आपकी इच्छा।

मैं अपने रूम में जाकर टी.वी. पर सैक्सी सी.डी. देखने लग गया। रात को होने को आई। आंटी ने मुझे खाने पर बुलाया। हम दोनों ने साथ में खाना खाया। खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में सोने के लिये जाने लगा तो आंटी ने कहा- कमलेश, तुम्हारे अंकल यहाँ पर हैं नहीं। ऐसा करो तुम आज की रात मेरे कमरे में ही सो जाओ।

मैं मन में आंटी का इशारा समझ गया कि आंटी आज मुझसे चुदवाना चाहती है, मैने कहा- ठीक है, मैं अभी अपने कपड़े बदल कर आता हूँ। मैं कपड़े बदल कर जैसे ही आंटी के कमरे में जाने लगा तो मैं क्या देखता हूँ कि आंटी बिल्कुल नंगी पलंग पर लेटी हैं। मैं एक बार तो चकरा गया।

फिर आंटी ने मुझसे कहा- शरमा क्यों रहे हो, सुबह तुमने मुझे नंगा तो देख ही लिया है। अब जरा चोद भी लो। तुम्हारे अंकल से चुदवाये काफी महीने हो गये, मेरी खुजली को मिटो दो प्लीज।

मैं आंटी का इशारा समझते हुए एकदम आंटी पर टूट पड़ा। ऐसे मौके तलाश कर रहा था वो अपने आप ही मुझे मिल गया। सबसे पहले आंटी के मम्मों को जोर-जोर से चूसने लगा। आंटी भी मेरा साथ देने लगी। धीरे-धीरे मैं आंटी की बुर की तरफ बढ़ने लगा। आंटी की बुर एकदम क्लीन थी उस पर एक भी बाल नहीं था। मैंने आंटी की चूत में अंगुली डालकर हिलाना शुरू किया।

आंटी आहहहहहहहह आहहहहहह……..आहहहहहहहहहह. बस करो। अब मेरी चूत को फाड़ डाल दो प्लीज । कई महीने से मेरी चूत प्यासी है। प्लीज……….. प्लीज…………

मैंने समय खराब न करते हुए अपना पजामा उतार कर अपने ८ इंच के लंड को आंटी की चूत पर रख दिया। एक धक्का दिया तो ४ इंच लंड आंटी की चिकनी चूत में घुस गया। आंटी ने कहा- आह…. दर्द हो रहा है। इतना लम्बा लण्ड तो तेरे अंकल का भी नहीं है मेरे राजा। इतना लम्बा लण्ड कहाँ छुपा के रखा था। आज तू मेरी चूत को भौसड़ा बनाकर ही छोड़ना। मैंने कहा- मेरी रानी, मैं भी तुम्हें चोदने की फिराक में था, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिला। आज तो मैं दो इंच चूत को भौसड़ा बनाकर ही छोडूंगा। फिर मैंने अपनी चुदाई तेज कर दी। आंटी इस बीच दो बार झड़ गई। मैं भी झड़ने की तैयारी में था।

आंटी ने कहा- मैं तुम्हारे लण्ड महाराज का दूध अपने मुँह में पीना चाहती हूँ।

मैं झड़ने वाला ही था, मैंने अपना लण्ड चूत से निकाल कर आंटी के मुँह में रख दिया। आंटी के मुँह में दूध की बरसात हो गई। आंटी ने मेरा सारा रस चाट-चाटकर पीया। फिर मैं झड़ने के बाद आंटी के ऊपर ही सो गया।

इस बीच हमने ४ बार सैक्स किया। मुझे आंटी बहुत ही पंसद है। आंटी ने मुझे ऐसा मजा दिया मैं उसे भूला नहीं पाउंगा।


होटल में चुदाई

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Hotel Mein Chudai :

आज मैं आपको एक स्टोरी शेयर कर रहा हू, श्रुति जिसकी मैंने चुदाई होटल में की   मेरा लंड 8″ लंबा और 4″ मोटा है. श्रुति बड़ी ही हॉट एंड सेक्सी लड़की है, मुझे उसको चोदने का मन करने लगा क्यों की मुझे जो फोटोग्राफ भेजी थी वो काफी सेक्सी थी.

मुझे देखते ही उसे चोदने का मान करने लगा. उसने बताया की वह शादीशुदा है और उसका एक 3 साल का बच्चा है… शादी को 5 साल हो गये है आफ्टर बेबी उसके हज़्बेंड के साथ रीलेशन अच्छे नही रहे और उसका पति भी उसे ढंग से नही चोदता है. ना ही उसकी तरफ ध्यान देता है. श्रुति का फिगर 34-30-38 बताया.

मैने श्रुति से पूछा की तुम कहा रहती हो और मैं तुमसे कहा मिल सकता हू. तो श्रुति बोली मैं दिल्ली के करोलबाग़ में रहती हु, उसने कहा की मुझे 2 दिन बाद कुछ काम से चंडीगढ़ जाना है और मैं वह एक होटेल मैं रुकूंगी. और वही मैं तुम्हे मिलूंगी.मैने कहा ठीक है हम आफ्टर 2 डेज़ मिलते है चंडीगढ़ मैं. और फिर हम सेक्स की बातें करने लगे. सेक्स टॉक के दौरान श्रुति सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी.

श्रुति फिंगरिंग कर रही थी और मुझे भी जोश आ रहा था और मैं भी अपना लंड पकड़ कर हिलने लगा…. श्रुति ने ज़ोर दार आवाज़ के साथ ही कहा साहिल मैं झड़ने वाली हू. आआआहह!!!! और वो झड़ गई.

आफ्टर 2 डेज़ ई रीच इन चंगीगढ़ और उसके बताए हुए होटेल पर मैं पहुंच गया.जब मैने श्रुति को देखा तो क्या मस्त लग रही थी.और उसके देख कर मैने उसे कहा की श्रुति आज तो तुम कयामत लग रही हो. लगता है जान लेने का इरादा है…उसने कहा ऐसा कुछ नही है. आज पहली बार किसी अनजान सक्स के साथ अजीब सा लग रहा है. मैने कहा क्यू घबरा रही हो जानेमन.बहुत मज़ा आएगा क्यू घबरा रही हो…उसने स्माइल कर दी… फिर हम होटेल मैं हम एक साथ गये और वाहा एक रूम बुक किया. रूम की चाबी लेकर हम रूम मैं एंटर हुए. और रूम मैं आते ही हमने समान छोडा और मैने श्रुति को पीछे से कस के पकड़ लिया और उसे अपनी और खींच लिया. उसने कहा क्या कर रहे हो रूको तो पहले समान तो रख ले. मैने कहा समान को यही रहने दो. और मेरे पास आओ. मुझे टाइम वेस्ट करना पसंद नही है…

मैने और शरमाना बिलकुल भी नही. जैसे फर्स्ट टाइम तुम अपने हज़्बेंड के साथ किया था. मुझे उससे भी ज्यादा तुम्हारे साथ प्यार करना है. और फिर मैने उसे उल्टा करके उसे बेड पर धक्का दे दिया और उसपर टूट पड़ा… और उसे लगातार किस करने लगा. मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे.क्या मस्त बूब्स थे. एक दम फुटबॉल की तरह.मैं उसे बहुत जोर जोर से चूस रहा था और निप्पल को डाट से काट कर रहा था. और जोर से प्रेस कर रहा था. वो चिल्ला रही थी. साहिल डियर दर्द हो रहा है. मैने कहा दर्द मैं ही मज़ा है जान. और फिर मैं उसे स्मूच करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. उसके दोनो हाथ मेरे बालो में थे … श्रुति की जीब मेरी जीभ से टकरा रही थी. उसकी साँसे मुझे पागल बना रही थी… उसके होंटो का स्वस्त बहुत जबरदस्त था.

फिर मैंधीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा. मेरा एक हाथ उसकी पाजामा के उपर से ही उसकी चूत पर पहुंच गया और उसे रब करने लगा. उसे मज़ा आने लगा. और उसने अपनी टाँगे चौड़ी कर ली. मेरा एक हाथ उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था. और मैं उसकी ब्रेस्ट पर क़िस्सीस कर रहा था.मैने उस उठा कर उसकी कमीज़ उतार दी. उसने काली ब्रा पह्न रखी थी. आस्क फुटबॉल जैसे बूब्स ब्रा मैं क़ैद थे. मुझसे रहा ना गया तो मैने उसे पलट कर उसकी ब्रा के हुक को अपने मूह मैं दल कर खोलने लगा. उसे सरसराहट सी होने लगी. श्रुति ने कहा साहिल गुदगुदी हो रही है. हाथ से खोल दो. मैं हुक खोलने मैं मस्त था. और फिर मैने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया. उसके बड़े बड़े निपल. उसे सिद्धा करके मैने उसके बूब्स को फिर से अपने मूह मैं पूरा ड़ाल लिया और उसके निपल को चूसने लगा. .

धीरे धीरे मैं और नीचे बढ़ने लगा उसकी नेवेल बहुत गहरी थी. उसके अपनी जीब गुसा कर चूसने लगा. उसने मेरे सिर पर अपना हाथ रख कर दबाने लगी. और उसे गुदगुदी हो रही थी. फिर मैने उसकी पाजामा का नडा खोल दिया और एक ही जटके मैं उसकी पाजामा को उसकी टॅंगो से अलग कर दिया. उसने ब्लॅक कलर की ही पेंटी पहनी थी. ट्रॅन्स्परेंट टाइप. बिल्कुल छोटी सी. जिससे उसकी फूली हुई चूत नज़र आ रही थी. मैने उसकी चूत पर हाथ फेरा और अपने होंटो से उसकी पेंटी के उपर से ही उसकी चूत को चूमा. उसकी पेंटी गीली हो गई थी… और एक बार श्रुति झड़ भी गई थी…फिर मैने उसकी पेंटी को भी खोल दिया… श्रुति अब मेरे सामने पूरी नगी थी.

वो किसी भी रूप से एक बचे की मा नही लग रही थी. काफ़ी मेनटेन रखा है उसने अपने आपको. मैने उसकी टाँगे उठाई. और अपनी जीब उसकी चूत मैं धीरे धीरे गुमाने लगा. और उसकी गीली चूत की चाटने लगा. क्या स्वादिस्ट चूत थी. ह्म्‍म्म्मम. उूउुआअ. बहुत मज़ा आ रहा था उसकी चूत का बहता हुआ पानी पीने का. उसने अपनी कमर उपर उठा कर मेरे मूह को कसकर अपनी चूत पर दबा दिया… मुझे और जोश आने लगा. मैने अपनी जीब पूरी बाहर निकल कर श्रुति की चूत की गहराई मैं गुसा दी.

और फिर उसकी चूत के दाने को अपने दातो मैं दबा कर. जोर जोर से काटने लगा. श्रुति चिल्लाने लगी आआआहााहह… साहिल दर्द हो रहा है. डियर चाटो काटो मत . पर मैं उसके दाने को दंटो मैं दबा कर काट रहा. और उसकी चूत का पानी लगातार बहता जा रहा था… जिसे मैं अपनी जीब से साफ कर रहा था. और मज़े लेकर पी रहा था….तब उसने अपने सरीर को कसना सुरू कर दिया और मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर कसकर दबाद दिया और आआअहह!! की आवाज़ निकलते हू झड़ गई. मैने उसकी चूत को साफ कर दिया. फिर मैने अगले राउंड के लिए तैयार हो गया. उसकी चूत भी काफ़ी टाइट थी. ज्यादा चुदी ना होने के कारण वो कुंवारी ही लग रही थी….

मैने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए… श्रुति मेरा लंड देख कर पागल सी हो गई. मैने अपना लंड उसके हाथ मैं दे दिया और उसे चूसने को बोला. श्रुति ने भी बिना डियर किए अपने मूह मैं ड़ाल लिया और लॉलिपोप की तरह चूसने लगी. मैने उसके बालो को पकड़ कर अपने लंड को उसके गले तक उतार दिया.

और उसके मूह को जोर से ढके मार कर चोदने लगा. लगातार उसके मूह को चोदने के बाद मैं उसके मूह मैं ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गई…मैने उसे दोआबारा स्मूच करनी सुरू कर दी. उसने मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैने श्रुति को अपनी टाँगे खोलने को कहा. उसने अपनी टाँगे खोली… मैने उसकी टाँगे उपर की तरफ उठाई और अपने दोनो हटो की उंगलियो से उसकी चूत को फैला करने लगा… उसकी चूत को खोल कर अंडर तक झाँकना था… श्रुति ने पूछा क्या कर र्हे हो साहिल. मेरी चूत को चीरने का इरादा है क्या. मैने कहा मैं चूत की गेह देख रा हू. कितनी लाल है तुम्हारी चूत अंदर से.

और फिर मैने अपना पूरा मूह उसकी चूत की गहराई मैं रख कर चूमा और फिर मैं उसके उपर आ गया और और उसकी टाँगे उठा कर अपने शोल्डर पर रख दी. और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मारा और अपना सारा लंड उसकी चूत की गहराई मैं घुसा दिया. पहले भी चुदी होने के कारण उसे ज्यादा तकलीफ़ नही हू. पर उसकी चीख निकल गई. काफ़ी टाइम से ना चुदबाने के कारण उसकी चूत टाइट थी…मैने धीरे धीरे उसे धक्के मारना सुरू कर दिए. उसे भी मज़ा आने लगा. वो भी अपनी कमर उछाल उछाल कर चुदबाने लगी… मैं अपने धक्को की स्पीड और तेज कर दी. लगातार तेज तेज धक्के मारने लगा. 10 मिनट तक चोदने के बाद मैने उसे घोड़ी बनने को कहा. और वो घोड़ी बन गई.

फिर मैने उसे घोड़ी बना कर चोदा . 5 मिनट तक उसे घोड़ी बना कर चोदने के बाद. फिर उसे अपने उपर बैठने को कहा. और उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत मैं डाला और उपर नीचे उछालने लगी. मुझे भी मज़ा आने लगा. फिर मैने उसकी कमर के नीचे हाथ रखा और नीचे से लगातार धक्के मरने लगा. और आफ्टर १० मिनट के बाद मैं झड़ने लगा तो मैने उसे पूछा की कहा छोड़ू अपना पानी. उसने कहा मेरी मूह मैं छोड़ो. फिर मैने ढके तेज सुरू कर दिए. और लास्ट 3-4 ढाको मैं मैने उसे उठने को कहा और फिर मैं उसके मूह मैं झड़ गया और वो मेरे लंड का सारा पानी पी गई. और उसने अपने मूह से मेरे लंड को साफ किया. और फिर मैने उसकी बगल मैं लेट गया. उस दिन मैने उसे 3 बार चोदा, और वो बोली की देखो तुम मुझे नेक्स्ट टाइम जब भी चोदने का हो मुझे ५ दिन पहले बता देना मैं नौकरी की इंटरव्यू के बहाने मैं दिल्ली के आस पास या तो दिल्ली में ही एक दिन के आ सकती हु. अब नेक्स्ट प्लानिंग मेरी है ग़ज़िआबाद में चोदने का, मैं आपको ये कहानी भी जल्द ही पोस्ट करने बाला हु.

भाभी की सहेली ने चुपके से अपनी चूत चुदवाई

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Bhabhi Ki Saheli Ne Chupke Se Apni Choot Chudwai :

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नमस्कार मित्रों! मेरा नाम किशोर है। मैं मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से हूँ। मेरी उम्र 27 वर्ष है। मै संतुलित शरीर और करीब छः फुट का नौजवान हूँ। मैं एक साफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर हूँ। मित्रों मैं स्वभाव से शांत और कम बोलने वाला हूँ इस कारण दूसरों से मतलब भी कम ही रखता हूँ। मैं अपने परिवार में दो भाईयों में छोटा हूं। बड़े भईया की शादी दो साल पहले हुयी थी। भाभी भी जबलपुर से ही हैं, और हमारे घर से करीब 20 किमी दूर उनकी ससुराल है। अब बात को ज्यादा घुमाये बिना मैं मुद्दे पर आता हूँ, और आपको मेरी पिछले साल घटी एक सच्ची सेक्सी कहानी सुनाना चाहता हूँ। यह कहानी मेरी भाभी की एक बहुत खास सहेली के साथ चुदाई की है जिसमें हम दोनों ने पूरी रात खूब मजे किये।

तो मित्रों, बात यह है कि भाभी शादी से पहले काॅलेज में पढ़ाई कर रही थी और वहाँ उनकी कई सहेलियां भी थी। पर उन सभी में उनकी एक पक्की सहेली थी जिसका नाम रीना था। वह गोरे रंग की और भूरी आखों वाली थी। उसके शरीर की कसावट बिल्कुल बेबी डाॅल जैसी थी और ऐसा लगता था कि उसके हर अंग में करंट सा दौड़ता था और उसे देखने वाले को इसका अहसास आसानी से हो जाता था। और देखने वाला उसका दिवाना हो जाता था। भाभी ज्यादातर उसके साथ ही रहती थी। और जब हम भाभी को देखने उनके घर गये थे। तब रीना भी वहाँ थी और उसी समय मैंने उसे पहली बार देखा और उसके रूप को निहारता रह गया। और इस तरह वह भाभी की शादी तक वह उनके साथ रही। दूल्हे का भाई होने के कारण भाभी की सहेलियां मेरी खिचाई कर रही थी।

वह भी उनमें शामिल थी, और इस बीच कई बार हमारी नजरें आपस में टकराई पर अपने शर्मीले स्वभाव के कारण मैं उससे बात तक नहीं कर पाया। और इस तरह शादी सम्पन्न होने के बाद वह अपने घर चली गयी। और मेरे अरमान अधूरे ही रह गये। और धीरे धीरे उसकी याद धुंधली होती गयी। और मैं भी अपने नये जाॅब में बिजी हो गया।

पर मित्रों करीब एक साल बाद मेरी जिंदगी ने एक हसीन मोड़ लिया। एक दिन जब मैं शाम को जाब से छूट कर घर आया तो मैंने हाल में सोफे पर भाभी के साथ किसी को बैठे देखा। गौर से देखने पर पता चला कि वह भाभी की सहेली रीना थी। उसे देखकर मैं कुछ देर रूका, फिर हमने एक दूसरे को हाॅय हैलो किया। उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया। पर उसे देखते ही मेरी यादें ताजा हो गयी। इसके बाद उसका हमारे घर आना बढ़ने लगा। लेकिन इस बार मैंने बिना किसी हिचक के उससे बातचीत शुरू कर दी क्योंकि मैं फिर से यह मौका नहीं छोड़ना चाहता था और शायद वह भी यही चाहती थी, इसलिए उसने भी बातचीत के सिलसिले को जारी रखा। और कुछ ही दिनों में हम दोनों काफी नजदीक आ गये। और एक दिन बातों बातों में उसने बताया कि वह भी मुझे पहले दिन से पसंद करती है। यह सुनकर तो मानो जैसे मेरा जैकपाॅट ही लग गया हो। और मेरी उसके करीब जाने की इच्छा और बढ़ गयी।

लेकिन इस मामले में भी वह मुझसे एक कदम आग हीे निकली। एक शाम जब मैं ऑफिस से घर आया तो रीना भाभी के कमरे में थी और मेरे कमरे में आते ही वह उठ खड़ी हुई और मुझसे बिना बात किये कमरे से बाहर चली गयी। पर जाते जाते उसने मेरी जेब में चुपके से एक कागज की पर्ची डाल दी। सबकुछ इतना जल्दी हुआ कि मैं समझ ही नहीं पाया और उदास होकर अपने कमरे में आ गया। फिर अचानक मेरा ध्यान शर्ट की जेब पर गया जिसमें एक पर्ची थी। मैंने उसे खोलकर पढ़ा तो उस पर लिखा था कि ‘आज घर पर कोई नहीं है तुम रात को घर आ जाना’। उसे पढ़कर मैं खुशी से उछल पड़ा। और बिना कुछ सोचे डिनर कर के रीना के घर के लिये निकल गया। और घर पर किसी दोस्त के घर पर रूकने का बहाना बना दिया। और थोड़ी देर बाद ही मैं रीना के घर के दरवाजे पर था। मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था, पर फिर भी मैंने हिम्मत करके घंटी बजा दी।

दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि रीना मेरे सामने खड़ी थी और हल्की गुलाबी सी नाइटी पहने हुये थी और दबे होठों से मुस्कुरा रही थी, फिर उसने मुझे अंदर कर लिया। वह उस नाइटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी और मानो उसने यह मेरे लिये ही पहनी थी। उसकी आँखों में एक अनोखी चमक थी पर फिर भी मैंने अनजान बनते हुए उससे पूछा कि तुमने मुझे क्यों बुलाया। तो वह हँसते हुये बोली कि इतना नहीं जानते हो बुद्धू कहीं के। और यह कहते ही मुझसे आकर जोर से लिपट गयी। उसकी चूचियां मेरे सीने से इस कदर जुड़ी थी कि बीच से हवा का गुजरना भी मुश्किल था। और उसके जिस्म की महक मुझे पागल बना रही थी और मेरे सोए अरमानों को जगा रही थी। फिर धीरे से उसने मेरी शर्ट और बनियान उतार दी। अब मुझसे भी सब्र न हुआ और मैंने उसे बेड पर पटक दिया और उसके होठों को चूमने लगा।

और बिना इंतजार किये दोनों हाथों से उसकी नाइटी उतार दी। और सिर्फ ब्रा और पैंटी से ढका उसका गोरा बदन मेरी आँखों के सामने था। और मैंने भी अपनी पैंट उतार दी। फिर मैंने उसकी ब्रा को ऊपर की ओर खिसका कर उसकी चूचियां खोल दी और बारी बारी से उनका रस चूसने लगा। और एक हाथ से उसकी नीली पैंटी के अंदर छिपी चूत को धीरे से सहलाने लगा। मेरा हाथ रीना की चूत पर पड़ते ही उसके बदन में आग सी फेल गयी और वह फड़कने लगी। मैंने धीरे से उसकी चूचियों के निप्पलों को मसलना शुरू किया तो उसकी आवाजें निकलने लगी। और फिर बिजली की फुर्ती से उसने मेरे लौड़े को अंडरवियर से निकाल कर उसे जोर से दबाने लगी। और उसके कोमल हाथों को छूते ही मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा और सख्त हो गया। और अपने आवेश में आ गया।

जल्द ही मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी मक्खन सी मुलायम चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा जो पानी छोड़ने के कारण गीली हो चुकी थी। और उसकी सिसकियां बढ़ने लगी। अब वह बेकाबू हो चुकी थी। बस अब मुझे चाद दो, और इंतजार नहीं होता, अपने मोटे लंड को मेरी चूत में पूरा घुसा दो, यही कहे जा रही थी। और फिर मैंने बिना इंतजार किये बिना अपने लंड को उसके चूत के पानी से गीला करके उसकी चूत में हल्के से डाल कर धीरे धीरे आगे पीछे करके उसकी चूत में रगड़ने लगा। और अब हम दोनों ने ही चुदाई का मजा लेना शुरू कर दिया। और फिर मैंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी और लंड को तेजी से रगड़ने लगा।

मैंने पहले उसको जाघों पर रखकर चोदा। इसके बाद हाई स्पीड में कुतिया बनाकर चुदाई की। और बीच बीच में उसके होठों को चूमता तो कभी उसकी चूचियां चूसता। इस बीच उसकी आह आई मर गई की आवाजें और भी तेजी से कमरे में गूँजने लगी। और फिर मैंने भी एक एक करके पूरी रात में उसकी पांच बार चुदाई की। और मैंने झड़ने के बाद सारा पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया। इस तरह हमने सुबह तक चुदाई की और पूरी रात खूब मस्ती की। फिर मैं भोर से पहले ही उसके घर से चला आया।

मित्रों इस तरह मैंने अपनी भाभी की सहेली की चुदाई उसी के घर पर जा कर की। आशा करता हूँ कि आपको यह कहानी पसंद आयी होगी। इसलिए इसे खूब लाइक और शेयर करें। पढ़ने के लिये धन्यवाद।

मकान मालकिन आंटी की चूत की आग बुझाई

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Makan Malkin Aunty Ki Choot Ki Aag Bujhai :

नमस्कार दोस्तों! मैं हूं अमन दिल्ली से, आपने मेरी पिछली कहानी तो पढ़ी होगी और इसी श्रंखला मैं आज फिर से अपनी एक नई और सच्ची सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूं। इस बार मैंने अपनी मकान मालकिन आंटी की चूत मारी।

दोस्तों मैं साउथ दिल्ली में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ तीसरी मंजिल पर रहता हंू। पहली मंजिल पर मकान मालिक का परिवार रहता है। दूसरी मंजिल पर जो भईया और भाभी रहते थे, उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हो गया पिछले महीने वे कमरा छोड़ कर चले गये। दोस्तों भाभी से मेरी सेटिंग अच्छी चल रही थी और अचानक उनके जाने से मुझे बहुत दुख हुआ, और काफी उदास रहने लगा।

इसी बीच मेरा मेलजोल मकान मालिक से बढ़ने लगा। मैं उन्हे अंकल और आंटी कहता था, क्योंकि दोनों की उम्र करीब 32 का पड़ाव पार कर चुकी थी और उनकी एक 11 साल की बेटी और एक 3 साल का बेटा था। और धीरे धीरे आंटी मुझे घर के छोटे मोटे कामों के लिये बुला लिया करती और घंटों हम दोनों गपसप करते रहते। हालांकि दो बच्चों की मां होने पर भी आंटी गजब का माल थी और काफी स्लिम ट्रिम थी। वह ज्यादातर साड़ी पहनती थी। साड़ी में लिपटी आंटी बहुत ही सेक्सी लगती थी। उनके स्लीवलेस और चुस्त ब्लाउज से बाहर की ओर उभार लिये मम्में कयामत ढाते थे। बीच की खुली चिकनी गोरी कमर और बेहद मांस से भरे कूल्हे किसी को भी ठरकी बना देने वाले थे। इस तरह मेरा आंटी को ताड़ना जारी था।

आंटी भी मेरा उनके प्रति आकर्षण महसूस कर रही थी लेकिन पूरी तरह से अंजान बनने की कोशिश करती रहती थी। एक दिन आंटी ने मुझे किसी काम से नीचे बुलाया। मैं नीचे हाॅल में जाकर कुर्सी पर बैठ गया, कुछ देर बाद आंटी पीछे से आयी और मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ फंसाकर उन्हें सहलाते हुए बोली कि आज कल तुम बड़े उदास रहते हो, बात क्या है। पहले मैं कुछ समझ नहीं पाया पर जल्द ही उनकी आँखों से झलकती शरारत को मैनें महसूस कर लिया बिना मौका गवाए एक शातिर खिलाड़ी की तरह मैंने अपना दांव चल दिया और अपने सिर को उनकी छाती से सटाकर अपना हाथ से आंटी की चिकनी कमर को सहलाने हुए अपने असंयमित हो चुके विचारों को एक एक करके बयां करता चला गया। उन्होेंने मेरे इरादों को भाँपते हुए हल्की मुस्कान के साथ अपनी सहमति का परिचय दिया और मेरे कुछ कहने के पहले ही मुझे रात में आने का इन्विटेशन दे दिया। क्योंकि आज अंकल नाइट शिफ्ट में आॅफिस जाने वाले थे। यह सुनकर मेरी आँखों की चमक बड़ गई और मैं रात के विचारों में खोया अपने कमरे में आ गया।

रात को आंटी के पास जाने के लिये आज मैंने अपनी चारपाई बाहर खुली छत पर बिछा ली जिससे किसी को मुझ पर शक न हो और मैं आसानी से आंटी के पास जा सकूँ। अब रात के करीब 10 बज चुके थे और सभी लोग सो चुके थे, मैं बिना कोई आवाज किए हल्के कदमों से सीढ़ियां उतरते हुये आंटी के कमरे की ओर पहुँचकर दरवाजे को थोड़ा धक्का दिया और वह खुल गया क्योंकि अंकल के जाने के बाद आंटी ने दरवाजे पर कड़ी नहीं लगाई थी इसलिए मैं आसानी से अन्दर दाखिल हो गया। और दबे पांव आंटी के कमरे में घुसा। आंटी भी जाग रही थी और मेरा इंतजार कर रही थी, मुझे देखते ही उन्होंने मुझको बगल वाले कमरे में रूकने को कहा और उनके कहे अनुसार मैं दूसरे कमरे में आंटी का इंतजार करने लगा। जैसे ही मुझे आंटी के अन्दर आने की आहट मिली मैं सोने का बहाना करने लगा। वह मेरे पास आकर पलंग पर बैठ गई और मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए बोली आज हमें पूरी रात मस्ती करनी है। यह सुनते ही मैंने तेजी से उठकर उनको अपनी बाहों में भर लिया और अपने होठों से उनके होठों का रस चूसने लगा। कभी मैं होठों के ऊपरी हिस्से कोे और कभी निचले हिस्से को दबाकर पूरा मजा ले रहा था। अब आंटी ने भी अपनी जीभ मेरी जीभ से टकरानी शुरू कर दी।

हमनें काफी देर तक एक दूसरे को किस किया। अब मैं उनकी गर्दन को चूमता हुआ छाती तक पहुँच गया था, आंटी के शरीर की महक मुझे मदहोश कर रही थी। अब मैं उनके मम्मों को ब्लाउज के बटनोें को को खोलकर उनकी रंगीन ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। इसके बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने ब्रा खोल दी और संतरे जैसे गोल गोल मम्मों को बारी बारी से मुँह में भरकर उनको चूसने लगा। फिर पेटीकोट के ऊपर से ही उनकी चूत में उंगली करने लगा। जैसे ही मैंने उनकी चूत खोदनी शुरू की उनकी सिसकियां बढ़ने लगी। फिर बिना देर किये मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और आंटी की गोरी गोरी टांगों और जांघों को सहलाने लगा। और मुझसे रहा न गया और मैंने उन्हें पूरा नंगा कर दिया और अपने भी सारे कपड़े उतार कर उनके मखमली बदन और टांगों के बीच छिपी हल्की गुलाबी चूत को निहारने लगा। आंटी की चूत गीली और और उसका दाना फूल चूका था। मैंने आंटी की चूत को चाटना शुरू कर दिया, उस पर एक भी बाल नहीं था। आंटी भी अब परम सुख का अनुभव करते हुए एक हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी और एक हाथ से अपने मम्मों को सहला रही थी। आंटी की चूत एक 16 साल की लड़की के जैसी सख्त थी जो कहीं से भी उनकी उम्र का अहसास नहीं दे रही थी।

और मैं उनके झड़ने तक चूत चाटता रहा जो मुझे अनोखा अहसास दे रही थी। साथ ही आंटी की चुदने की बेककारी बढ़ती जा रही थी। फिर आंटी ने मेरे खड़े लंड को सहलाना शुरू कर दिया। और देखते ही देखते करीब 7 इंच के मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया, और जोर जोर से चूसने लगी। मैंने भी भरपूर मजा लेने के लिए लंड को उनके गले तक ढकेल दिया और साथ ही उनकी गीली चूत में उंगली करने लगा, अब आंटी अपना काबू खो चुकी थी, मेरे लंड को मुँह से निकालते ही उन्होंने मुझे चोदने के लिए कहा, और मेरे लंड को अपनी भूखी चूत में डालने को कहा, मैंने भी बिना इंतजार किये अपने लंड को आंटी की चूत में एक तेज झटके के साथ पूरा डाल दिया। मेरा लंड धारदार चाकू की तरह आंटी की चूत को चीरते हुए अंदर घुसता चला गया, और आंटी को चीखने के लिए के लिये मजबूर कर दिया। आंटी की चुदने की तड़प को देखते हुए मैंने अपने झटकों को और तेज कर दिया, और आंटी चुदते हुए कह रहीं थी कि अमन मेरी चूत तुम्हारे जैसे लंड के लिए प्यासी थी, आज मुझे इतना चोदो कि इसकी प्यास बुझ जाए, यह सुनते ही मैंने अपनी स्पीड बढ़ाते हुए आंटी को खूब चोदा, कभी मैं ऊपर तो कभी आंटी मेरे ऊपर होती थी। और एक के बाद एक मैंने उन्हें कई स्टाइलों में चोदा। और इस तरह मैंने आंटी की सारी रात कई रांउड में चुदाई की और उनकी चूत की आग बुझायी।
हां तो दोस्तों! यह थी मेरी एक और सच्ची कहानी, पढ़ने के लिए धन्यवाद, इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें।

चुलबुली चाची ने मुझसे अपनी चूत चुदवा कर मजा लिया

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Chulbuli Chachi Ne Mujhse Apni Choot Chudwakar Maza Liya :

हाय दोस्तों! मेरा नाम सौरभ है, मैं 21 वर्ष का हूँ। मैं नई दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में रहता हूँ। मेरी हाइट 6 फिट है और मेरा लिंग भी करीब 7 इंच का है। तो दोस्तों आज मैं आपको अपनी चाची की चूत चुदाई की अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
दोस्तों, हमारे घर में मैं अपने परिवार और चाचा व चाची के साथ संयुक्त से रहता हूँ। मैं अपने पिता जी का अकेला लड़का हूँ। मेरे चाचा की शादी 3 साल पहले हुई थी। चाची भी दिल्ली से ही हैं। सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते है और एक दूसरे की मदद करते रहते है। इस तरह मेरा और चाची में बोलचाल बहुत ही अच्छा था। चाचा के कोई भी बच्चा नहीं था।

इस कारण चाची मेरे साथ अच्छा व्यवहार करती थी। मैं भी काॅलेज से लौटने के बाद ज्यादातर समय चाची के साथ ही बिताता था। चाची स्वभाव से काफी हसमुख और चुलबुली थी, और उनकी उम्र करीब 28 साल थी। और हम अक्सर एक दूसरे से हँसी मजाक करते रहते थे। चाचा पिता जी के साथ फर्नीचर की शॉप पर बैठते थे। मेरी माँ सरकारी टीचर हैं और रोज पढ़ाने के लिए जाती थी। इस तरह मैं और चाची घर पर अकेले बचते थे। चाची गोरे रंग की और पतले दुबले शरीर की थी। उन्होंने अपनी बॉडी को अच्छा मेनटेन कर रखा था। इसलिए काफी आकर्षक लगती थी, और कभी कभी तो मेरी निगाहें भी उन पर टिक जाती थी और चुपके से उनको तड़ लिया करता था। चाची अपने चुलबुले स्वभाव के कारण मुझे तंग करती रहती, और मैं उनकी हरकतों को इग्नोर कर देता था,

पर जब कभी उनक शरीर मेरे तन से टकरा जाता तो मेरे शरीर में सनसनी सी मचा देता। एक बार मैं दोपहर में चाची से बातें करते करते उनके बेड पर ही सो गया और जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरे बगल में चाची सो रही थी और उनके कूल्हें मेरे कूल्हों से सटे हुए थे। मैं तुरंत उठकर उनके कमरे से बाहर चला गया, पर मेरे विचारों में उथल पुथल होना शुरू हो गया। इसके बाद मैं धीरे धीरे चाची की शरारतों को समझने लगा। उनका मेरी ओर रूझान बढ़ रहा था और अब मैंने भी उनकी आँखों को पढ़ना शुरू कर दिया, जिनमें एक अधूरापन झलकता था। शायद चाची, चाचा से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थी। अब मैं समझ चुका था कि चाची मुझसे कुछ उम्मीदें लगा रही है, और मेरी तरफ से भी पहल का इंतजार कर रही थीं।

अब मैंने भी चाची के साथ करीबी बनाना शुरू कर दिया। और मौका मिलते ही हम दोनों में नजदीकियाँ आने लगी। पर मेरा दिल अभी भी अन्दर से कमजोर पड़ रहा था, लेकिन चाची अपनी सेक्सी अदायें दिखाकर मेरे ठंडे पड़े अरमानों को जगा देती थी। इसी क्रम में एक दिन चाची ने अचानक पीछे से आकर मेरे गाल पर किस कर दिया और मेरे कुछ समझने से पहले ही तेजी से अपने कमरे की ओर भाग गयी। यह चाची की ओर से मुझे पहला किस था जिसका स्वाद मुझे बहुत ही मीठा अहसास दे गया। इसके बाद मैंने भी हिम्मत जुटाकर सबकी नजरें बचाते हुए चाची के आस पास रहकर शरारतें करना शुरू कर दिया। अब दोनों ही एक दूसरे के करीब आने का मौका खोजने लगे। इसी बीच एक दिन पिता जी, माँ और चाचा को जमीन के बटवारे के लिए गाँव जाने के लिए फोन आया। अब मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था और मैं उनके गाँव जाने का इंतजार करने लगा। अगले दिन शाम को 5 बजे की ट्रेन से तीनों लोग गाँव के लिए रवाना हो गये। इस बीच मेरे और चाची दोनों के ही मन में लड्डू फूट रहे थे और रात होने का इंतजार करने लगे।

रात को करीब 8 बजे हम दोनों ने एक साथ खाना खाया। इसके बाद चाची अपने रूम में शावर लेने चली गयी। मैं भी अपने कमरे में आराम करने लगा, मैं हाफ पैंट और बनियान में था और चाची के ही बारे सोच रहा था। कुछ देर बाद मैं अपने को रोक न पाया और खुद ही चाची के रूम में चला गया। चाची बाथरूम में ही थी और मैं जाकर उनके बेड पर बैठ गया। इतने में चाची बाथरूम से बाहर निकली। उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने ऊपर ब्रा नहीं पहनी थी। मुझे देखकर वह मुस्कुराते हुए आईने के सामने खड़े होकर खुद को निहारने लगी। उन्हें इस तरह देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा। मैंने भी तुरंत बेड से उतर कर चाची को पीछे से बाहों में भर लिया, और इसके बार उनकी गर्दन को अपनी जीभ से चाटने लगा। मैंने दोनों हाथों से उनके गुदगुदे, नरम नरम बूब्स को दबाने लगा और निप्पलों को जोर जोर से मसलने लगा। ऐसा करते ही चाची बेचैन होने लगी।

इसके बाद मैंने अपने एक हाथ से उनकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया क्योंकि चाची ने पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी। मैं उनके जोश को जगाने के लिये चूत में दो उंगलियाँ डालकर उसे तेजी से कुरेदने लगा। इसी बीच मेरा लंड उनकी गांड से रगड़ रहा था। फिर मैं चाची को अपनी ओर घुमाकर उनके होठों पर किस करने लगा। इस तरह मैं उनको चूमता हुआ कमर तक पहुँचा और फिर उनकी चूत पर आकर रूक गया। मैं चाची की रसभरी चूत को रगड़ रगड़ कर चाटने लगा और उनके चूत के पानी का मजा लेने लगा और इसी के साथ चाची की आह आई के आवाजें भी पूरे कमरे में गूँजने लगी। अब चाची से भी सब्र न हुआ और उन्होंने मेरी पैंट उतार कर मेरे लंड को अपने हाथों में जकड़ लिया और बोली कि तुम्हारा लंड तो चाचा से भी बड़ा है, इससे चुदने में मजा आ जायेगा, इतना कहते हुए उसको मुँह में डालकर चूसने लगी। मैं भी लंड चुसाई का मजा लेने लगा। थोड़ी देर बाद चाची ने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाला और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी और बोली कि आज मेरी ऐसी चुदाई करो कि मैं कभी न भूलूं।

इतना कहते ही उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत में थोड़ा सा अंदर कर लिया, फिर मैंने भी झटका मारकर पूरा लंड चाची की टाइट चूत में डाल दिया। और चाची जोर जोर से आवाजे भरने लगी। पहले कुछ देर मैंने चाची को हवा में उठाकर चोदा, फिर उनको अपनी जांघों पर रखकर चोदा और एक दूसरे को किस करते रहे और चाची ने अपने नाखून मेरी पीठ में घुसा दिये और मुझे कसकर अपनी छाती से लगाये रहीं। मैं करीब 20 मिनट तक बिना रूके चाची को चोदता रहा और दोनों ही पोजीशन में भरपूर चुदाई का मजा लिया। और फिर चाची की चूत में ही झड़ गया। इसके बाद मैंने पूरी रात कई पोजीशनों में जमकर चुदाई की। और अपनी चाची की चूत की आग ठंडी की।
हां तो दोस्तों, यह थी मेरी सच्ची सेक्स स्टोरी। इसे पढ़कर ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और शेयर करें। धन्यवाद।

फ्लैट में लड़की की सील तोड़ी और चुदाई की

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Flat Mein Ladki Ki Seal Todi Aur Chudai Ki :

हाय दोस्तों! मेरा नाम विरेन्द्र है। मैं 28 साल हूँ और यूपी के एक गाॅव से हूँ और मुंबई में एक टेलीकाम कंपनी में एरिया मैनेजर हूँ। मैं वर्सोवा के अपार्टमेंट में रेंट पर रहता हूँं। आज मैं आपको मेरे साथ पिछले दिसम्बर में घटा एक सेक्सी और यादगार किस्सा बताने जा रहा हूँ, जो पूरी तरह से सच है। और उन दिनों मैंने अपने फ्लैट में एक ताजी जवान हुयी लड़की की सील तोड़कर पूरी रात उसकी जमकर चूत मारी।

तो दोस्तों, बात ऐसी है कि मैं अपार्टमेंट के सातवें फ्लोर पर रह रहा था। मेरे ठीक सामने वाले फ्लैट में एक यूपी के लखनऊ का परिवार रहता था। उनके परिवार में करीब 50 वर्ष बूढ़े के माता पिता और उनका बेटा जो करीब मेरे ही उम्र का था जो मुंबई के ही किसी कालेज में टीचर था। मैं भी अपने जाॅब में ज्यादातर व्यस्त रहता था। यूपी के होने के कारण कुछ ही दिनों में हम दोनों में दोस्ती हो गई, और हमने साथ में पार्टी व मौज मस्ती शुरू कर दी। अब अंकल आंटी भी मुझसे काफी घुल मिल गये थे। कुछ दिनों बाद उनके बेटे को अमेरिका के किसी काॅलेज में पढ़ाने का आॅफर आ गया और वह अमेरिका चला गया। अब अंकल और आंटी अकेले हो गये। और छोटे मोटे कामों के लिये मुझे बुला लेते थे। मेरी इस कहानी में रोमांचक मोड़ तब आया, जब आंटी ने गाॅव से अपने छोटे भाई की बेटी को मुंबई बुला लिया, क्योंकि बेटे के जाने के बाद वे अकेले घर में उबने लगे थे। जब पहली बार मैंने आंटी की भांजी को देखा तो मेरे होश उड़ गये।

वह गोरे रंग और पतले छरहरे शरीर की बला की खूबसूरत थी। उसका नाम शशि था और शायद ही वह अपने 18वें सावन को पार कर पायी होगी, क्योंकि उसके चेहरे की मासूमियत और आँखों की शर्म उसके यौवन को और भी निखार रही थी। और उसको देखकर मेरे वासनाओं के सांपों ने अपने आप ही फुॅफकारना शुरू कर दिया। अब मैं जब भी अंकल के यहाँ जाता तो बातों में कम और शशि को ताड़ने में ज्यादा समय बिताने लगा और उससे बातें करने के बहाने खोजने लगा। पहले तो उसने मुझपर जरा भी ध्यान न दिया, लेकिन फिर धीरे धीरे हमारी नजरें लड़ने लगी और बातों का सिलसिला बढ़ने लगा। और मैं उसे तरह तरह की बातें और किस्से सुनाकर रिझाने की कोशिश करने लगा। जल्द ही मैं समझ चुका था कि शशि को मेरा उसके पास होना भाने लगा था, क्योंकि वह आस पास बहुत ही कम बात करती थी और शायद ही कभी अपार्टमेंट के बाहर जाती थी। मैंे भी उसके अकेलेपन का फायदा उठाने लगा और जैसे ही जाॅब से फ्री होता, शशि के पास पहुंच जाता। अब उसकी शर्म भी खुलने लगी थी और हम दोनों में हर तरह की बातें होने लगी।

अंकल आंटी को मुझ पर पूरा भरोसा था, इस कारण वे मुझपर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। दिसम्बर में महीने में ठंड अपने चरम पर थी और इसी समय मेरे व शशि के बीच नजदीकियाँ बढ़ने लगी।

एक बार संडे की शाम को मैं अंकल और आंटी का हाल चाल लेने उनके फ्लैट में गया, क्योंकि उस दिन ठंड बहुत अधिक थी। मैंने अंदर जाकर देखा वे खाना खाकर अपने बेडरूम में सोने के लिये जा रहे थे, इस कारण मैंने उनसे ज्यादा बात नहीं की और उन्हें आराम करने के लिये छोड़ दिया। अब मैं शशि को ढूढने लगा जो कि किचेन में बर्तन साफ कर रही थी। उसे देखकर न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मेरे पास उसकी चूत मारने का फुल चांस है। और मन में यही ख्याल लिये मैंने शरारत के बहाने पीछे से उसके गाल पर हाथ फेर दिया तो वह सिहर उठी और मेरी ओर देखते हुए बोली कि आज तो आप बड़े मूड में लग रहे हैं।

मैंने उसकी आखों को जल्द ही पढ़ लिया जो कि मुझे शरारत करने की पूरी छूट दे रही थी और शायद मौसम की नजाकत भी इसी ओर इशारा कर रही थी। अब वह फिर से अपने काम में लग गयी और मैंने भी अपना इरादा मजबूत कर लिया। फिर मैंने धीरे से उसके पिछवाड़े पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, इस बार उसने कुछ भी नहीं कहा तो मुझमें भी हिम्मत आ गयी और मैं उसके पुट्ठो को दबाने लगा और उसकी गांड में उंगली करने लगा। शशि का पूरा बदन कांपने लगा और उसने भी मजा लेना शुरू कर दिया। मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी कुर्ती में डालकर उसे छाती तक ले गया। और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा, जो कि भरपूर उभरे हुए और गोल थे। फिर धीरे से मैं साइड से उसके गालों को चाटने लगा। फिर अपने दूसरे हाथ को उसकी सलवार में डाल कर चूत पर ले गया और पैंटी के ऊपर से ही उंगली से उसकी चूत को खोदने की कोशिश करने लगा,

उसकी चूत इतनी सख्त थी कि मेरी उंगली बड़ी मुश्किल से उसकी चूत में जा सकी और मुझे यह समझने में जरा भी देर नहीं कि अभी उसकी सील नहीं टूटी है और आज उसकी सील तोड़ने का सुख मुझे ही प्राप्त होगा। जैसे ही मैंने उसकी चूत में उंगली करने लगा, शशि के मुँह स आहहहह आइइइइइइ की आवाजें तेज होने लगी क्योंकि उसे सह अहसास पहली बार हो रहे थे। अब उसने अपना काम बीच में ही छोड़ दिया और मुझपर निढाल हो कर गिरने लगी। उसकी आहें तेज होने लगी और मैं समझ गया कि शशि अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है। मैंने बिना इंतजार किये उसको गोद में उठा लिया और उसके कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा दिया। और जल्दी से पहले उसके कपडे़ उतारे और फिर उसकी सफेद ब्रा उतार कर उसके रसीले बूब्स पर टूट पड़ा, फिर एक एक करके उनको चूसने लगा। उसकी पैंटी भी गीली हो गयी इसलिए मैंने उसे खीच कर उतार दिया। पैंटी हटाते ही उसकी हल्के बालों से भरी चूत मेरे सामने थी,

जिसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और अपनी मोटाई को बढ़ाने लगा। मैंने भी झटपट अपने सारे उतार दिए और अपने खड़े लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। जब मेरा लंड थोड़ा गीला हो गया तो फिर हलके से लंड के अगले हिस्से को शशि की चूत में डाल दिया तो वह बोली कि उसे बाहर निकाल दो, बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाउगी। मैं उसे समझाते हुए बोला कि थोड़ा सा दर्द होगा फिर बहुत मजा आयेगा। पर तेज तेज आहहहह उउउउउ मां मैं मर गयी चिल्लाने लगी। अब मैंने उसके मुँह को हाथ से दबा लिया और तेज झटके के साथ ताकत का इस्तेमाल करते हुये उसकी सील को तोड़ते हुये पूरा चूत में डाल दिया और उसकी चूत फट गयी। शशि की आँखों में आंसू भरे थे और वह दर्द से कराह रही थी, मैंने धीरे से उसके मुँह से हाथ हटाया और धीरे से उसके चेहरे को सहलाने लगा।

और चूत में धीरे से आगे पीछे करने लगा। और जल्द ही उसने आंसू पोछते हुये इस अहसास को महसूस करते हुए मेरा साथ देने लगी। जब मैंने देखा कि उसे भी मजा आने लगा तो मैंने अपने झटके बड़ा दिये और उछल उछल कर उसकी चुदाई करने लगा। शशि बराबर आवाजें कर रही थी पर अब खुश थी। और इस तरह मैंने शशि की रात 3 बजे तक खूब चुदाई की और रात सर्दी में गर्मी का मजा लेते रहे। और इसके बाद मैं चुपके से अपने फ्लैट में आ गया।
तो दोस्तों, इस तरह मैंने चूत चुदाई का मजा लिया। मेरी कहानी पढ़ने के लिये आप को धन्यवाद। इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें।

पड़ोस वाली भाभी की चुदाई

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Padosh Wali Bhabhi Ki Chudai :

हैलो दोस्तों मेरा नाम अमन है। मैं साउथ दिल्ली में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहता हंू। दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूं। हां तो मैं मकान के तीसरे फ्लोर पर रहता हंू, दूसरे फ्लोर पर एक नया शादीशुदा जोड़ा रहता है। लड़के की उम्र करीब 28 साल और लड़की की उम्र यही कोई 25 साल होगी। इसलिये मैं उनको भैया और भाभी बोलता था।

मेरे हसमुख स्वभाव के कारण दोनो परिवारों के बीच अच्छे संबंध हो गए थे और अक्सर एक दूसरे के यहां आना जाना शुरू हो गया। भाभी ग्रेजुएट थी, इसलिये मैं उनसे स्टडी टिप्स लेने जाना शुरू कर दिया। लेकिन दोस्तों उनके 36-24-36 फिगर को देखकर उन्हे ऊपर से लेकर नीचे तक देखे बिना रहा नहीं जाता था। उनके चुस्त सलवार कमीज से गजब का उभार लिए उनका अध ढके गोरे बूब्स और मस्त टाईट गांड मेरे सेक्स अरमानों में हलचल सी मचाने लगते थे। उनके कुर्ते से दिखती ब्रा मेरी आखों को ठंडक तो देती थी और साथ ही मेरे जिस्म में सनसनी सी मचा देती थी। मेरी उन हरकतों पर भाभी ध्यान तो देती थी पर न जाने क्यों हलकी सी मुस्कराहट के साथ नजरअंदाज कर देती थी। धीरे धीरे मेरे और भाभी के बीच बातचीत का सिलसिला बढ़ने लगा और अब भईया के जाने के बाद भाभी मुझे टाइमपास करने के लिए अक्सर बुलाने लगी और इसके साथ ही मेरी कामुक इच्छाओ का तालाब धीरे धीरे सागर बनता जा रहा था। फिर मैने सेक्सी बातें करना शुरू कर दिया, पहले तो उन्होंने कोई रिसपांस नहीं दिया लेकिन बाद में भाभी ने मजा लेना शुरू कर दिया।

एक दिन मैंने उन्हें हल्के गुलाबी सलवार कमीज में देखकर कहा भाभी आज तो आप बहुत गजब की लग रही हो, मन कर रहा है कि आपको बाहों में भर कर एक जोर का किस कर लंू। पहले तो वो एकदम अवाक रह गयी फिर थोड़ा रूककर बोली कि अगर इतना ही मन है तो आज तुम्हारे पास चांस है क्योंकि आज भईया दिल्ली से बाहर गये है। फिर क्या था मुझे भाभी का मन पढ़ने में जरा भी समय न लगा, और मैने भाभी को पूरी तरह बाहों में भर लिया जोर से उनके होठों को चूमने लगा। अब हम दोनों एक दूसरे के शरीर की गर्मी अच्छे से महसूस कर रहे थे। करीब 5 मिनट तक किस करने के बाद मैंने भाभी के नरम नरम बूब्स दबाने शुरू कर दिये और इसी के साथ भाभी का मचलना शुरू हो गया। अब बिना इंतजार किये मैने उनका कुर्ता उतार दिया और सफेद ब्रा में लिपटे गोरे गोरे मम्मों को चूसने लगा और धीरे से उनकी ब्रा का हुक खोलकर उसे हटा दिया और उनके सख्त सफेद मम्मों को पके आम की तरह चूसना शुरू कर दिया।

भाभी के निप्पल इतने टाइट थे कि चूसने का मजा दुगुना कर रहे थे। अब मैं कभी उनको किस करता तो कभी उनके मम्मों को चूसता। फिर धीरे से मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और गोरी, मुलायम टांगों के बीच लाल पेंटी में छिपी चूत को निहारने लगा, फिर जल्द ही मैंने उनकी लाल पेंटी उतार दी जो पूरी तरह से उनकी चूत के पानी से गीली हो चुकी थी, भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था फिर मैं उनकी चूत को उंगली से धीरे धीरे सहलाने लगा फिर जैसे ही मैंने उनकी चूत के दाने को मसलना शुरू किया भाभी की सिसकियां निकलने लगी। भाभी का पानी निकल चुका था और वह एक बार झड़ चुकी थी इसके बाद भाभी ने खुद अपनी ब्रा और मेरी शर्ट और पैन्ट उतारी। अब हम दोनो पूरी तरह से नंगे थे, इसके बाद मैंने चूत चाटना शुरू किया, दोंस्तों यह मेरा चूत चाटने का फस्र्ट टाइम था और मैंने इसे खूब एंज्वाय किया जिसमें भाभी मेरा भरपूर साथ दे रही थी।

अब बारी थी मेरे लंड की, मेरे करीब 7 इंच लंबे, मोटे और तने लंड को देखकर भाभी से न रहा गया और उसे दोनो हाथों से कस कर पकड़ते हुए बोली कि तुम्हारा लंड तो भईया से भी बड़ा है, फिर मैंने भी कह दिया कि कुछ कमाल तुम भी तो करो और मेरा इशारा समझते ही भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से लंड चूसने लगी, और मुझे एक अनोखा अहसास मिलने लगा। फिर मैंै भी जोर से झटके देने लगा और भाभी का पूरा साथ दिया, करीब 5 मिनट तक चूसने के बाद भाभी ने मेरा लंड अपने मुह से निकाला। अब जो मेरा लंड पूरी तरह से गीला हो चुका था मैने उसको भाभी की गीली चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और इसी के साथ भाभी की आहें निकलने लगी। और भाभी बोली कि अमन अब जल्दी से मुझे चोद डालो अपने मोटे करारे लंड से मेरी फड़कती चूत की गर्मी शांत कर दो पर मै अपनी पहली चूत चुदाई को पूरा एंज्वाय करना चाहता था इसलिये मै भाभी के चूत के दाने के साथ अपने लंड से खेलने लगा। इसी के साथ भाभी की जोश अपने चरम पर पहंुच गया था। भाभी ने फिर से कहा कि मुझसे रहा नहीं जा रहा प्लीज अमन अब तो मेरी चुदाई करो।

इस बार मैंने उनकी बात मान ली और तने अपने लंड को भाभी की गुलगुली चूत में हलके झटके के साथ डाल दिया और चूत में जाते ही मेरा लंड का टोपा पूरा हट गया और मुझे थोड़े दर्द का अहसास हुआ लेकिन यह दर्द मेरी उस खुशी को दुगना कर रहा था जो मुझे पहली बार किसी की चूत चोदने पर मिल रही थी। इसके बाद मैने एक तेज झटका देकर पूरा लंड भाभी की चूत मे घुसा दिया और उनके मुंह से जोर की चीख निकल गई। फिर मैंने झटके तेज कर दिए और भाभी की आवाजें बदलने लगी, और हम दोनों चुदाई का भरपूर मजा ले रहे थे।

मेरा लंड भाभी की टाईट चूत में रगड़ रगड़ कर अपना कमाल दिखा रहा था और भाभी कसकर मुझे अपनी बाहों में भरे हुए थी, काफी देर तक चोदने के बाद जब मेरे झड़ने के साथ मेरा पानी निकलने का समय आया तो मैंने भाभी से पूछा कि पानी कहां निकालूंू तो भाभी ने कहा कि अन्दर ही छोड़ दो। और उनके कहने पर मै भाभी की चूत में ही झड़ गया। और फिर धीरे से अपना लंड भाभी की चूत से निकाल दिया, मेरे लंड पर हल्का खून लगा हुआ था जिसे भाभी ने कपड़े से पोंछ दिया। इस तरह हमने चुदाई का भरपूर मजा लिया।
हां, तो दोस्तों यह मेरी पहली चूत चुदाई की कहानी थी। उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को पसंद आयी होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद।

 

चोद दिया भाभी को

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Chod Diya Bhabhi Ko :

मेरा नाम राहुल  है और में कानपूर का रहने वाला हु.ये बात आज से दो साल पहले की है जब में 12th में था मेरे पड़ोस में एक फॅमिली रहती थी वो लोग 20 साल से वही रहते है. उनके घर में टोटल चार लोग है,भाभी के पति जो जॉब करते है, एक बेटा जो कामचोर है और एक बेटी जों एक दम माल है उसकी सील मैंने ही तोड़ी थी जैसे की उनका लड़का काम चोर था तो मोनिका बहुत सारा काम मुझसे ही करवाती थी. यहाँ तक की अपनी ब्रा और पेंटी भी मेरे साथ ही लेने जाती थी, वो सोचती थी की में बच्चा हु मुझे कुछ नहीं समाज नहीं आता है मगर असलियत में तो में ही उसे चोदने की तयारी में था.

मोनिका हर दिन नहाती थी तो में हर दिन उनकी ब्रा और पेंटी उठा लेता था और उसमे अपना स्पर्म गिरा देता था. ऐसे रोज होने लगा और मुझे पता भी नहीं चला की कब मुझे किसी की आदत लग  गयी, मैंने सोच लिया था की अब मोनिका की चुदाई करके ही रहूँगा कब तक ब्रा और पेंटी में स्पर्म गिरता रहूँगा…

और मोनिका का कोई बिरोध देख कर मेरे को बिस्वास हो गया की यह कुछ न कुछ चाहती है मतलब इसे भी मेरा स्पर्म पसं%


माँ ने गोपाल से चुदवाया

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Maa Ne Gopal Se Chudwaya :

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम शिवा है मेरे माँ शोभा और हमारे नौकर गोपाल की ये कहानी कुछ दो साल पहले की है जब में 18 साल का था मेरे घर में मेरी माँ और में और एक नौकर रहते थे पापा अक्सर घर से बाहर काम पे रहते थे वो मैहिने में एक बार घर आते है और में उनका एकलौता बेटा हु और हमारा घर भी बड़ा है.

मेरी माँ देखने में बहुत सेक्सी है और हमारा नौकर भी हमारे साथ रहता था क्यों की उसका भी फॅमिली गाव में रहते थे वो दिखने में कला है और हटा कटा है उसका लंड भी कुछ कम नही.

रातको माँ अलग कमरे में सोती थी मेरा कमरा भी अलग था और गोपाल ऊपर हॉल में सोता था ऐसे ही रोज जैसे में सोया था रात को अचानक पेशाब जाने के लिए मेरी आँख खुली और में कमरे से बहार आ गया तो मुझे कुछ आवाजे सुने दे रही थी.

में सुनते हुए आगे बड़ा तो माँ के कमरे से कुछ आवाजे आ रही थी हसने की और बाते करने की तो मैंने क्या चल रहा है देखने के लिए माँ के दरवाजे के ऊपर वाली छेद से अन्दर देखा तो देखा की माँ बेड पे बैठी थी और हमारा नौकर गोपाल भी उनके साथ बेड पे बैठके बाते कर रहे थे में देखने लगा की यह क्या हो रहा है और ये इतनी रात को तिन बजे माँ के कमरे में डोर  लॉक करके क्या बात कर रहे है.

थोड़ी देर बाद गोपाल ने माँ को किस किया में ये सब साफ साफ देख रहा था क्यों की रूम की लाइट ऑन थी मैंने देखा वो माँ के लिप्स पर किस कर रहा था और माँ भी साथ दे रही  थी.

फिर उसने माँ के गर्दन पे किस किया थोड़ी देर बाद वो माँ के कपडे के अन्दर हाथ दल कर उसके बूब्स को दबाने लगा और देखते देखते नाईटी उतर दी मेरी माँ अब बस ब्लैक  ब्रा और पेंटी में थी क्या कयामत लग रही थी. मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अपने पेंट में हाथ दाल दिया और लंड को सहलाने लगा थोड़ी देर बाद वो दोनो एक दुसरे से लिपट गये और जोर जोर से एक दुसरे को किस कर रह इथे और कमरे से आवाज आ रही थी किस करने की छ्हह्प्प्प छ्प्पप्प्प .

ये आवाज इतनी सेक्सी थी की मेरा माल बहार निकल गया फिर वो दोनो एक दुसरे से लिपट कर किस करने लगे फिर माँ ने गोपाल के कपडे उतर दिए वो सिर्फ अपनी अंडरवियर में था.

फिर उसने माँ की ब्रा को ऊपर कर दिया और उनके बूब्स को चूसने लगे और जोर से दबाने भी लगा और माँ वो सब एन्जॉय कर रही थी आँखे बंद करके. तभी गोपाल एक हाथ से बूब्स को दबा रह अता और एक हाथ से माँ की चूत में हाथ दाल कर ऊँगली को अन्दर बहार कर रहा था.और माँ के चूत में अपना मुह को दाल कर चूसने लगा.

थोड़ी देर तक ये सब चला फिर माँ ने अपना हतः गोपाल के चड्डी में दाल दिया और उसका लंड जी खड़ा था वो सहलाने लगी हिलाने लगी और कुछ देर बाद अपनी चड्डी निकल दी अब दोनो नंगे  थे, थोड़ी देर बाद माँ निचे झूकी और गोपाल का लंड अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी कुछ देर बाद गोपाल ने माँ को खड़ा किया और बेड पर घोड़ी बनने को कहा माँ घोड़ी बन गयी और उसने अपना लंड अन्दर दाल डाल दिया वो भी एक ही झटके में और वो माँ के लटके हुए बूब्स को पकड़ के मसल रहा था कभी माँ के बाल पकड़ के चोदता है और गली बक रहा था.

आह्ह्ह्ह आह्ह्ह मेरी रंडी कितनी मस्त है साली बहुत सेक्सी है और बिच में माँ के गांड पे झापड़ मारता माँ कहती चोद अपने रंडी को ..

ऐसे ही एक दुसरे को गाली देते. गोपाल ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और माँ के चूत में झड गया तब दोनो  झड गया तब दोनो शांत होके बेड पे नंगे ही लेते रहे फिर वैसे ही सो गये और में वह खड़े हिला हिलाके अपना माल पेंट दाल के अपने रूम में जा कर सो गया.

दुसरे दिन जब दोनो को देखा तो दोनो बड़े खुश थे हसी मजाक कर रहे थे और वो नौकर होक भी कभी काम नही करता था सिर्फ किचन में जाके खड़ा रहता था और माँ की गांड पे मरता था.

 

नौकरानी का बुर

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Naukrani Ka Boor :

है फ्रेंड्स मेरा नाम विकाश है, मेरी उम्र 30 साल है और मेरी वाइफ की उम्र 27साल, वैसे तो मेरी वाइफ बेहद खुबसूरत है लेकिन मर्द होना भी आशन नही.

में हमेशा दूसरी लड़कियों और औरतों पर नजर रखता हु और जब मौका मिल जाये, जम कर चुदायी करता हु, मैंने अपने सिक्यूरिटी  गार्ड से कहा की उसे घर भेज देना में बात करूँगा. अगले दिन सुबह मेरी डोर बेल बजी, जैसे मैंने दरवाजा खोला, नौकरानी अपनी दरवाजे पर कड़ी थी, दिखने में ठीक ठाक थी.

रंग सांवला, दुबली पतली थी, बूब्स भी ज्यादा बड़े नही थे उसने एक ब्लैक साडी पहनी थी, मैंने पुचा तो मालूम हुआ की उसका नाम सलमा है. मैंने कहा बहुत खुबसूरत नाम है, मैंने पुचा वो कौन से गाँव से है और उसकी शाद्दी कब हुई.

कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा और में धीरे धीरे सलमा के करीब आने लगा.

एक दिन में बैठा टीवी देख रहा था तभी सलमा पोचा करने लगी, जब वो झुकती और पोचा करती तो उसका ब्लाउज लूस होने के कारन मुझे उसके बूब्स नजर आते थे, सलमा को मेरी नज़र का पता नही था लेकिन पोचा करते करते वो मेरे करीब पहुच गयी थी, में सोफे पर बैठा था और मेरे पैर निचे फर्श पर थे.

वो फर्श पर कपडे से पोचा करते करते मेरे पैरो के पास पहुची और पैर हटाने को बोला, जैसे ही उसने मेरी तरफ देखा, वो समाज गयी मेरी नज़र कहा है, सलमा ने पोचा लगाया और धीरे धीरे से आगे बढ़ते हुए मेरी तरफ अपनी पीठ कर ली.

मुझे सलमा को छोड़ने की इतनी ज्यादा खवाइश थी की मेरी नज़र उसके मखमली सरीर से हट ही नही रही थी. मेरे मनन में सिर्फ सलमा की चुचे दिख रहे थे में  चाह रहा था की सलमा को जल्दी से चोदु मेरा मन बिलकुल भी नही मान रहा था एक दिन मुझे मौका मिला और  में घर अकेला था वो काम पे आई और अपना काम स्टार्ट कर दिया वो फिर से पोचा लगाने लगी तो में उसे देखता ही रहा और फिर वो बाथरूम साफ करने गयी जैसे ही वो अन्दर गयी में धीरे धीर वही जा रहा था.

और वो बाथरूम साफ कर रही थी में नहाने लगा और वो बोली साहब थोडा सरुक जाइये तो मैंने अपना शर्ट उतरा और पेंट भी उतरा वो कुछ नही बोल रही थी मैंने अपना लंड बहार निकला जिसे वो देखती ही रह गयी और कड़ी रही तब मैंने धीरे से बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया और उसके पास जा कर बोला में तुमसे बहुत प्यार करता हु मैंने उसे कास कर पकड़ लिया और किस करने लगा वो कुछ नही बोल रही थी  वो भी मुझे किस कर रही थी.

हम दोनो किस करते करते नहाने लगे वो भीग चुकी थी तो मैंने धीरे धीरे उसके सारी को उतरना सुरु किया और देखते ही देखते मैंने उसकी सारी उतार दी और उसके बूब्स अन्दर ही थे अब मैंने उसे भी खोल दिया और उसके बूब्स को आजाद कर दिया मैंने कहा में तुम्हे रोज चोदना चाहता हु तो उसने कहा साहब मेरे पति रात को ड्यूटी पर रहते है तो आप रात को घर पर आ जाया करना हम दोनो सेक्स करेंगे फिर मैंने देर न करते हुए उसकी चड्डी उतारी और उसके चूत को देख कर तो जैसे मेरा लंड बेताब हो गया पूरा खड़ा हो ह्या था

वो मेरे लंड को देख कर बहुत डर गयी थी ,एरा लंड सच में बहुत बड़ा था पर उसे भी मेरा लंड लेने का बहुत मन कर रहा था तो मैंने अपनी ऊँगली उसके चूत में घुसना सुरु किया और हिलाता रहा वो सिसक रही थी और उसके मुह से आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह आह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह जैसी आवाजे बहार आ रही थी .

अब मैंने उसे उठा के बेड पर ले गया और में भी पूरा नंगा हो गया था,  मैंने उसे कुते की तरह खड़ा किया और अपना लंड का निशाना उसके गांड में लगा दिया और हलकी सी तेल लगा कर उसके गांड में धुका रहा था पर अछे से धुक नही रहा था तब मैंने  उसके गांड में भी थोडा सा तेल लगाया और लंड को फिर से उसकी गांड में दाल दिया अब पूरा लंड तेज़ी से उसके गांड में पूरा अन्दर तक चला गया था उसकी आवाजे बहुत बड गयी थी वो चिल्ला रही थी छोड़ दो मुझे निकालो इसे बहार मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

पर मैंने कुछ नही सुना और लगातार उसके गांड में अपना लंड पलता रहा कुछ देर बाद उसके गांड में से खून निकल आया मैंने उसे कुछ नही बताया और चोदता ही रहा अब मैंने उसे सीधा लेता दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा.

और अपना लंड उसकी चूत में रखा और उसके ऊपर लेट गया तो मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक चला गया मैंने उसे किस भी किया और किस करते करते लंड को अन्दर बहार करता रहा वो मुझे कस कर पकड़ ली थी, और में उसे चोदता ही रहा और कह रही थी की और कास के करो फाड़ दो मेरी चूत  पूरा घुसो मेरी चूत में.

मैंने ये सुन कर बहुत ही कस कस के चोदना सुरु कर दिया मैंने उसके चूत को इतना चोदा की पूरा खून ही खून  कर दिया  फिर  वो झड़ने लगी  में भी जड़ गया , और हम दोनो नहाने के लिए बाथरूम में चले गये  हम दोनो साथ में नहा रहे थे हम नहाते नहाते भी सेक्स करने लगे मैंने नहाते वक़्त उसके बूब्स को दबा दिया और किस भी कर रा था बहुत माँ आ रहा था जब ऊपर से पानी गिर रहा था और हम दोनो  किस करते करते सेक्स भी कर रहे थे तो मैंने फिर से अपना लंड उस के चूत में डाल के घुसाने लगा और हम नहाते रहे.

उसके बाद में रोज उसके घर जाता और उसके साथ सेक्स कर अपनी और उसकी प्यास मिटाता.

पड़ोसन के साथ चुदाई

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Padosan Ke Sath Chudai :

है दोस्तों मेरा नाम रतन है, मैंने ज़िन्दगी मई इतनी चुदाई की है के अब तो जिस दिन चूत न मरू वो दिन जीवन में जैसे था ही नहीं में बहुत छोटी उम्र में ही पड़ोशन अमृता जो 21 साल की थी मुझे बताया के सेक्स क्या हिया तब मेरी लूली उया करती है.

जिसे वो चुस्ती थी और मेरा हाथ अपनी चूत में डाली मुझे भी अहिस्ता अहिस्ता समाज आने लगा के ये क्या मजा लेती है, में भी अब उसके बूब्स चूसता  और उसके कहने पर काटता भी था. वो मुझ से अपनी चूत भी चतवती  थी, पहले बहुत बुरा लगता था फिर में भी मजा लेने लगा और अब में बड़ा भी हो रहा था तो हम सब फॅमिली दुसरे सेहर शिफ्ट हो गये.

तब में 12th का स्टूडेंट था मैंने एक स्कूल में अपना एडमिशन करवाया सब बोर चल रहा था जब टीचर तनु नही आई थी उसको देख के मुझे हमेशा झटका लगता था वो बिलकुल प्रियंका चोप्रा लगती थी.

वो बायो पढाती थी तो में जन बूझ कर उलटे सवाल पूछता था, वो नया स्कूल था तो जादा स्टूडेंट नही थे मेरी क्लास में सिर्फ एक ही और लड़का था, में टीचर से बहुत फ्री होता था कभी टच भी करता था उसकी आँखों में भी मुझे वासना कभी कभी नजर आती थी. एक  दिन मैंने मिस से पूछा आपकी मुनिया का नंबर है, सब के सामने वो बहुत सोक हुई और मुझे कहा ये कैसा सवाल है, तो मैंने अपनी मुनिया शर्ट निकल के दिखाई तो वो हस पड़ी और कहा बाद में बतौंगी अभी पढो.

में पड़ी में बिजी हो गया, एक दिन मेरी क्लास का वो एक लड़का नही आया था में क्लास में अकेला था मिस के आते ही में उनके पास चला गे और कहा आज तो उदय बी नही आया है मुझे नही पढना. तो मिस बोली तो क्या प्रोग्राम है, मेने कहा कुछ खेलते है, वो मन करने लगी तो मैंने उससे पुचा आप मुझे उठा सकती हो मिस ने कहा क्यूँ नही वो मेरे पास आई और उठाने की कोशिस की पर न उटाह सकी मगर कोसिस करते सामने से उसके बूब्स मेरे पेट पर छाती पर खूब रगड़े जिससे मुझे तो मजा आ गया.

मुझे मिस को भी ऐसे ही मजा देना था मिस की ब्रा की स्तरप मुझे दिकती तो मैंने पूछा मिस ये क्या है, तो मिस ने कहा ये मेरी बनिया है, मैंने कहा ये कैशे नाजन बन्ने का नाटक कर रहा था जिससे वो भी समाज रही थी.

तो मिस ने कहा लेडीज की बनियान नही होती ब्रा होती है, मेने पूछा वो कैसी होती है, तो मिस ने कहा जाओ बहार देख के आओ कोई आ तो नही रहा, में देखने जा रहा था  और ख़ुशी से पागल हुआ जा रहा था.

बहार कोई नही था सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर हमारी एक ही क्लास थी में भाग के वापस आया और का कोई नही है तो मिस मिस ने कहा ये सब हम दोनो तक रहना चाहिए, मैंने यकीं दिलाया की ये बात हु  दोनो में ही रहेगी.  जब मिस ने अपनी ज़िप खोली तो मुझे नजर आई वो दूध जैसी गोरी कमर और ब्लैक ब्रा, मिस ने आगे से कमीज को पकड़ रखा था और बोली देखा ये होती है ब्रा, मैंने अगला तीर चलाया और बोला ये तो एक पति सी है, तो मिस ने मुझे कहा ये बात कभी किसी को भी मत बोलना तो सब दिखौंगी, में मान गया तो उसने आगे से भी कमीज  गिरा दी.

तो मिजे नजर आये वो बड़े बड़े बूब्स जिनको सोच सोच के मेरा दिमाग और लंड थक गये थे तो मैंने कहा मिस अप्प इस तरह कोम्फोर्ताब्ले रहती हो, तो मिस ने कहा अगर न पहने तो ये बहुत हिलते है, मैंने कहा मिस मेरे तो नही हिलते में आपके हिला के देख सकता हु ?

मिस ने कहा बस एक बार, तो मैंने उनको ब्रा के ऊपर से छु लिया, क्या मुलायम थे मेरा दिल किया के इनको काट के खा जाऊ मेरे करते ही आँखे लाल होने लगी. मैंने भी मौका देख के चौका मरने का सोचा और मिस से कहा क्या में इनको बिना ब्रा के देख लू छु लू, तो मिस ने कहा एक बार जल्दी से देख लो में ब्रा उतरूंगी नही वरना कोई आ गया तो बदनामी होगी.

तो मुझे लगा मिस बस डर रही थी वरना दिल उसका मुझ से भी ज्यादा है, मैंने बोला में चेक करके आता हु, तो मैं निचे गया जहा सब अपनी अपनी क्लास मई बिजी है.

में वापस आया और आके बोला दरो नही कोई नही आएगा मैंने खुद उनकी ब्रा की हुक खोली और उनके बूब्स को आजाद किया यार में तो दांग रह गया पिंक निप्पल और इतने बड़े मगर टाइट भी कमल के ज़रा नही लटके हुए थे.

मैंने उनके हाथो में लिया और दबाने लगा, मिस  के सामने चिर के निचे बैठा उनको मुह के सामने रख कर दबा रहा था, तभी मिस ने मेरा सिर अपनी छाती पर लगा दिया और में भी पागल कुते की तरह टूट पड़ा चूस चूस के लाल लार दिए मिस को कोई होश नही था जय हो रहा है वो तो बस हांफ रही थी.

फिर मैंने मिस की गोद में सर रखा और उनकी चूत को सुंगने लगा मिस भी बात समझ गयी और पैर थोड़ी खोल दी, में कमीज उठा के सलवार के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा, मिस तो जैसे मरने वाली हो गयी और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी मिस की सलवार और पेंटी मैंने एक दम आगे से खिची और मुह अन्दर ले गया और चूसने लगा.

मगर सलवार नही उतारी, मिस दो बार झड चुकी थी के मेरी नजर दरवाजे पर गयी जहा मिस मंजीत खड़ी अपना मुह खोले हमें देख रही थी, वो कब आई हमे होश ही कहा था मगर एक बात अजीब थी, उसका हाथ मेरे देखने के बाद भी चूत पर था,

प्रोफ़ेसर की चुदाई

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Professor Ki Chudai :

हे दोस्तों में प्रिंस हु. ये कहानी तब की है जब में मेडिकल कॉलेज कॉलेज के फाइनल इयर में था और वह से ट्रान्सफर कर अपने सहर लुधियाना में रह था.  मेरी क्लास की एन्नातोमी की प्रोफेसर शिल्पा एक दम सुन्दर और स्मार्ट थी जिसकी निगाहे बहुत ही कातिलाना थी. हम चार दोस्त थे जिसमे तीन  लड़के और एक लड़की रुपाली थी. और हम मेम के कौसे को बहुत अछे से पड़ते थे.

एक दिन की बात है मेरा मूड एडल्ट मूवी देखने को किया जो की ठेअतुरे में लगी थी इस लिए में चल  पड़ा पर रस्ते में प्रोफेसरे शिल्पा जी का फ़ोन आया और उन्होंने मुझे हॉस्पिटल आने को कहा. मेरे पास मेम का पहली बार फ़ोन आया जो को में चाहता था की उनसे मेरी बात सुरु हो जाये और तभी मैंने भी हॉस्पिटल का नाम सुन कर वह आने के लिए हां कह दिया.

वह पहुच कर मैंने देखा की उनकी मम्मी वह एडमिट थी और उनके साथ कोई नही है, इस लिए उनका ख्याल रखने के लिए मुझे वह बुलाया है.

शिल्पा-  प्रिंस तुझे कोई प्रॉब्लम तो नही होगी?

में- नही. में तो चाहता ही था की मेम के करीब आऊ यह तो चौका लग गया और में बहुत खुश था.

शिल्पा मेम ने मुझसे पुचा की तुम्हे कोई और काम तो मही था ?

मैंने तब उन्हें बता दिया की में मूवी देखने जा रहा था और हॉस्पिटल का नाम सुनते जी आ गया तो इसमें कोई काम नही था जी ये तो मेरा फ़र्ज़ है.

शिल्पा मेम- मुझे अच लगा एक डॉक्टर मर यही क्वालिटी होनी चाहिए.

शिल्पा मेम- तुमने डीनर कर लिया ?

में- नही मेम हॉस्टल जा कर करूँगा क्योंकि किसी को नही पता की में यहाँ आया हु.

तब उन्होंने मुझसे एक साथ डिनर करने को कहा और ये भी कहा की अगर हॉस्टल जाना ज्यादा जरुरी नही है तो तुम मेरे साथ रुक कर इनका ख्याल रख सकते हो. तब मैंने उनकी बात मान ली और वाही रुक गया और उनके साथ डिनर करने लग गया.

डिनर करने के बाद हम थोडा घूम रहे थे, शिल्पा मेम अन्दर सोफे पर अकेली बैठी हुई थी और डॉक्टर को कह दिया था की जरुरत होगी बुला लुंगी मेम अकेली थी तो में उनके पास जा कर बैठ गया.

मेरा लंड खड़ा था और जीन्स टाइट हो चुका था शिल्पा मेम भी मुझे बड़े धयान से देख रही थी और मेरे लंड को भी.

शिल्पा मेम- अगर युम्हे मुझे ठीक करना हो तो कैसे करोगे ?

मेम ने अब मुझे कुरता पैजामा दिया और खुद भी अपने ले कर वाशरूम चली गयी.

में अभी चंगे कर रहा था की मेम आ गयी और मुझे नंगा देख कर मुस्कुरा रही थी, अब मेम बहार आई और अपने कपडे बहार रह्क कर फिर से वाशरूम में चली गयी और तब मुझे लगा की वो टॉयलेट सीट पर है.

शिल्पा मेम ने मुझे आवाज लगे और में भी ये सोच कर की अब तो मेरे लंड उनकी चूत में घुसेगा इस लिए फटाफट अन्दर चल गया और मेम को नंगा देख कर पागल होने लगा.

शिल्पा मेम- आओ  प्रिंस मेरे पास आओ और मेरे चूत को साबुन लगा कर अछे से साफ़ करो. क्या हुआ कोई प्रॉब्लम तो नही ?

में- नही मेम बस घबराहट है और दर भी है की कहीं मम्मी न उठ जाये.

मेम में तो कब से चाहता था की आपकी चूत मिले पर कभी ये नही सोचा था की मुझे ऐसे मोका मिलेगा.

शिल्पा मेम- हां वो तो है क्यों की में भी अपनी चूत तुम्हारे लंड से चुदवाना छाती थी और आज मौका मिला है तू मेरी चूत अछे से छोड़ डालो.

मैंने मेम को बाथरूम में गोद में उठाया और बहार सोफे पर लेता दिया, उनकी टंगे खोल कर अपना मुह उनकी चूत में रख कर जीब से चाटने लगा, और चुने लगा मुझसे सोफे पर उनकी चूत अछे से नही चूसा जा रहा था इसलिए मैंने उन्हें बेड पर लेटाया और उनके ऊपर आ कर लेट गया और उनके बूब्स को चूसने लगा मेम भी अब मधोस हो गयी थी.

मेम मेरा लंड मुह में ले कर चूसने लगी और मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और फिर मैंने अपना लंड पर हल्का सा थूक लगाया और थोडा सा उनकी चूत में और अपना लंड उनकी चूत में रख कर घुसाने लगा जैसे ही मेरा लंड मेम की चूत में गया वो मरने लगी उनके मुह से आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह

आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आने लगी कुछ देर बाद उन्हें मजा आने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी वो मुझ से उचल उचल कर चुदवा रही थी में लगातार मेम को चोदता रहा मेम जैसे पागल हो रही थी जैसे बहुत प्यासी थी.

मैंने उन्हें उल्टा लेटाया फिर उनके गांड को देखा क्या गांड थी मेरे तो होश ही उड़ गये एस लग रहा था की जल्दी से छोड़ कर फाड़ दू तब मैंने देर न करते हुय जल्दी से अपना लंड मेम की गांड में पेल दिया मेम रोंर लगी मैंने पहले धीर धीर किया और थोड़ी देर में जोर जर से कैने लगा और मेरे लंड ने वाइट पानी छोड़ दिया. और हम रत भर वही एक साथ सोये रहे.

हवस ही हवस

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Hawas Hi Hawas :

Read Free Hindi Sex Stories Here :

हेल्लो दोस्तों मै आपका दोस्त दीपक हाजिर हूँ एक नयी कहानी लेकर, मै २८ साल का एक नौजवान लड़का हूँ और देहरादून से हूँ और मल्टीमीडिया का जॉब कर रहा हूँ, मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट ५ फूट ७ इंच की है और मेरा लंड ३ इंच मोटा और ७ इंच लम्बा है|

यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

दोस्तों यह कहानी तब की है जब मै २२ साल का था यानी नया नया जवान हुआ था, मुझे चूत और चूत चुदाई के बारे मे कुछ पता नहीं था, मेरा मन हमेशा चूत चोदने के लिए उतावला होता था लेकिन चूत न मिलने की वजह से मै अकेले में जाकर मुठ मार लेता था, एक दिन की बात है मै कॉलेज गया और अपने क्लास की एक लड़की से लेक्चर की कॉपी मांगी, कॉपी खोलते ही मुझे कुछ ऐसा दिखा जिस से मेरी आँखें शर्म से लाल हो गयी, उसमे एक मस्तराम की एडल्ट मैगज़ीन थी|

मै यह देख के एकदम शॉक हो गया और कॉपी बंद करके एकदम चुपचाप बैठा रहा, तभी मेरे दोस्तों से बाहर आने के लिए कहाँ और मै कॉपी वही पर रखकर बाहर चला गया, लेकिन मेरा दिमाग बार बार उस एडल्ट मैगज़ीन के बारे में सोच रहा था, मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो गया था और मै बाथरूम में चला गया और वहां जाकर मैंने मुठ मार ली, उसके बाद मै वापस क्लास में आ गया|

२ लेक्चर होने के बाद कॉलेज की छुटी हो गयी और मै वापस घर आ गया, घर आकर मै लंच करके सो गया और जब वापस उठा तो मेरा ध्यान फिर से उसी एडल्ट मैगज़ीन की तरफ चला गया,  उस वक़्त मै घर पर अकेले था और मेरा लंड भी टाइट हो रहा था, तभी मेरे घर की डोर बेल बजी और मैंने जाकर दरवाजा खोला तो सामने मेरे पड़ोस की लड़की खड़ी थी, उसका नाम संध्या था और हमदोनो सेम ऐज के थे, वो दिखने में गोरी थी और उसका फिगर ३२-२८-३२ था, मैंने उसे अंदर आने को कहा और वो अंदर आकर मेरे साथ बात करने लगी|

हमने कुछ देर इधर उधर की बातें करी और जब उसने मुझे कैरम खेलने के लिए कहा तो मैंने मना कर दिया तो उसने पूछा क्यूँ क्या हुआ?

मेरा मन कर रहा था की मै अपने दिल की बात किसी से ज़रूर शेयर करू और उस टाइम मेरे सामने संध्या बैठी हुई थी, मुझे उससे बताने में डर लग रहा था की अगर उसने ये बात किसी को बता दी तो मेरा क्या हाल होगा, संध्या मुझसे जिद करने लग गयी तो मैंने उसे अपनी कसम देते हुए कहा की जो बात मै तुम्हे बताना जा रहा हूँ यह बात किसी को मत बताना, संध्या बोली ठीक है!

तब मैंने डरते हुए कॉलेज की कॉपी वाली बात उसको बता दी जिसे सुनकर वो भी शर्मा गयी और मै भी…फिर मैंने उस से कहा प्लीज ये बात किसी को मत बताना, संध्या ने कहा ठीक है!

संध्या : मै भी तुम्हे एक बात बतानी चाहती हूँ.

मै : हाँ बताओ..

संध्या : तुम्हे पता है मै और मेरे कजिन अकेले में ममी पापा वाला खेल खेलते है.

मै यह सुनकर शॉक हो गया और मैंने उस से पूछा इसका क्या मतलब होता है तो उसने कहा हम स्टोर में जाकर सेक्स करते है| यह सुनकर तो जैसे मेरे लंड में आग लग गयी और मैंने मन ही मन सोचा शायद अब मेरा काम हो जाये! फिर मैंने संध्या की तरफ देखा जो सेक्सी नजरो से मेरी तरफ देख रही थी, मुझे लगा शायद ये सेक्सी नजरे मुझसे कुछ कहना चाहती है|

अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा था तो मैंने संध्या को अपनी बाहों में भीच लिया और पूछा ‘संध्या जी क्या हम भी ये खेल खेले’?

संध्या : किसी को पता चल गया तो?

मै समझ गया की वो तैयार है लेकिन मेरे सामने थोड़ा शर्मा रही है, इसलिए मैंने उसे बाहों में जकड़ा और उसके ओठों में ओठ डाल कर चूसते हुए बोला ‘संध्या डार्लिंग यह बात किसी को कभी पता नहीं चलेगी’!

संध्या : ठीक है

अब संध्या भी मेरा साथ देने के मूड में आ गयी थी, हमलोगों ने करीब १० मिनट तक चुम्बन किया, अब मेरा सपना सच होने जा रहा था, अब हम दोनों गर्म होने लगे थे और दोनों एक दुसरे की बाहों में प्यार से जकड़े हुए थे, अब संध्या ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और और मुझे धक्का देकर खुद से ही मेरे सारे कपड़े उतार दिए, और मेरे लंड को हाथों से पकड़कर जमीन पर बैठ गयी, यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

अब संध्या ने मेरा मोटा लंड अपने मुहं में लेकर चुसना शुरू कर दिया, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्यूंकि ये मेरे जीवन का पहला सेक्स अनुभव जो था, संध्या मेरा लंड चूसती रही और मै खड़े खड़े मज़ा लेता रहा|

अब मै उसकी चुचियों को धीरे धीरे करके दबाने लगा, पुरे कमरे में आह उह आई उह आह की मोहक आवाजें गूंज रही थी, हम दोनों को इतना मज़ा आ रहा था जैसे हम दोनों जन्नत की सैर पर हो, अब मैंने संध्या के पुरे कपड़े उतार दिए और उसकी चुचियों को हाथों में लेकर मसलने लगा उसके बाद मैंने उसकी गुलाबी निप्प्लेस को अपने मुहं में ले लिया और आहिस्ता आहिस्ता चूसने लगा, आह आह उह….

फिर मैंने उसे पलंग पर लिटा दिया और उसकी चूत पर अपना मुहं का रखकर उसकी चूत को चाटने लगा, उसकी चूत का रस एकदम नमकीन था और हम दोनों मदहोश हो रहे थे, उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से सटा दिया और उसकी झांटों से रगड़ने लगा फिर मैंने एक ही झटके में अपनी लंड का सुपारा उसकी चूत में पेल दिया, संध्या के मुहं से आह निकल गयी….

मैंने कहा संध्या मज़ा आ रहा है न? उसने कहा हाँ बहुत मज़ा आ रहा है बस तुम मेरी चूत का भोसड़ा बना दो यह सुनकर मै बहुत जोश में आ गया और जोर जोर से झटके लगाने लगा, संध्या भी अपनी गांड उठाकर मेरा भरपूर साथ दे रही थी, हमदोनो की चुदाई लगभग १० मिनट चली उसके बाद मै उसकी चूत में ही अपना माल गिरा दिया! लगभग ५ मिनट तक हमलोग वैसे ही लेटे रहे उसके बाद हमदोनो ने एक राउंड और चुदाई करी….

कजिन के साथ मज़ा

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Cousin Ke Sath Maza :

है मेरा नाम सौरव है. यर स्टोरी मेरे कजिन बरखा की है बरखा की उम्र 20 साल है देखने में पूरा सनी लियॉन की तरह है  पड़ोस में रहने वाले सभी लड़के उसको चोदने के लिए तड़पते है और बार उसको याद करके मुठ मरते है,में भी कई बार उसको सोच कर मुठ मरता हु पर उसको कभी चोद नही पाया,

बढती उम्र में वो चुदाई की प्याशी हो गयी थी उसके चुचे बहुत नरम है पूरा कॉटन की तरह गोरा बदन चूत में एक भी बाल नहीं उसकी बड़ा गांड देख कर मेरा हाल पूरा बुरा हो जाता है, वो जब भी चलती थी उसकी गांड मटकती थी उसे देख कर कोई भी पागल हो जायेगा. उसका एक भाई भी था जो अपनी बीवी को हर दिन चोदता था.

बरखा कई बार उसकी चुदाई की आवाज सुन कर कीहोल से देखती थी,और चुप चाप जा कर रूम में ऊँगली करती थी, वो कभी कभी सेक्स स्टोरी पढ़ कर या पोर्न देख कर तड़पती थी, कभी कभी वो बेगान से भी अपनी काम करी थी. उसके घर के पड़ोस में एक लड़का रहता था उसक नाम था साहिल पड़ोस में होने के नाते वो दोनो अछे दोस्त थे, पहले वो दोनो सिर्फ दोस्त थे फिर दोनो ऐसे ही बात करते करते डबल मीनिंग बात करना सुरु करदी,फिर बरखा और वो चुप छुपकर मिलने लगे. दोनो बहुत बार लिप किस कर चुके थे,साहिल कभी कभी उसके बूब्स दबाता था, एक दो बार उसकी चूत भी छठा है,  बरखा ने भी साहिल का लंड चूसा है.

एक दिन दोपहर के वक़्त वो दोनो चाट में मिले, घर पे कोई नहीं था, फिर ऐसे बात करते करते साहिल ने बरखा को अपने तरफ खीच लिया और उसकी कमर पकड़ कर उसकी गर्दन को किस करने लगा, बरखा तो पहले से ही चुदाई की प्यासी थी वो उसके साथ देने लगी, ऐसे ही साहिल ने उअको कुछ देर तक किस करने के बाद फिर साहिल ने उसकी गुलाबी होठ जो चूसने सुरु कर दिए, वो भी साथ दे रही थी. फिर साहिल ने उसकी टॉप्स के ऊपर से उसकी बूब्स को मसलने लगा,बरखा  शिस्करिया ले रही थी, फिर साहिल उसकी टॉप्स को उठा कर ब्रा के ऊपर से ही उसकी चुच्यां दबाने लगा. फिर उसको पीछे घुमा के पीछे से उसकी ब्रा की हुक खोल दिया, तो उसकी बड़े नादे गोर चूचियां आजाद हो कर बहार आ गए, साहिल  उसकी बूब्स को देखते रह गया.

फिर उसने दोनो हाथ से दोनो निप्पल को छेद एः था और उसको किस कर रहा था, बरखा अन्दर ही अन्दर बहुत गरम हो चुकी थी. फिर बरखा ने साहिल का लंड पेंटके ऊपर से ही मसल रही थी,तभी बरखा का भाई ऊपर आ गया और उन दोनो को इस हालत में देख कर चोक गया, बरखा दर गयी और रोने लगी, और बोली कि साहिल उसके साथ जबरदस्ती कर रहा था, फिर अमित जो उसका भाई था साहिल को बहुत मारा, पर बरखा तो अन्दर ही अन्दर तड़प रही थी, उसकी प्यास अभी तक नहीं बुझी थी. ये खबर मेरे पास भी आया एक बार में उनके घर भी आया था तब उनके घर पर कोई नहीं था बरखा एक लम्बा नाइटी पहनी थी,

उसको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, में जान बुझ कर उसके बूब्स और गांड को छु रहा था, उसको जैसे ही पता चला वो बोली तुम मेरे भाई जैसे हो ये सब करना गलत हे, तो मेरा मन उदास हो गया, फिर में बाथरूम जा कर उसको सोच कर मुठ मारा.  बरखा की एक दोस्त थी सुमन उसका एक भाई था रॉकी, जब रॉकी को बरखा और साहिल के बारे में पता चला तो वो  बरखा को चोदने के लिए प्लान बनाया, फिर वो सुमन के फ़ोन से बरखा का नंबर लेकर उसे मेसेज करने लगा, बरखा भी अच रेस्पोंसे दे रहा था, फिर एक दिन रॉकी ने बरखा को प्रोपोस किआ तो बरखा ने भी हा कह दी .

फिर वो दोनो धीरे धीरे सेक्स तक पहुच गए और रॉकी ने उसके साथ बहुत सेक्स किया उसके बाद से वो दोनो रोज सेक्स करते थे .

 

एक हसीना की ज़बरदस्त चुदाई

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Ek Haseena Ki Zabardast Chudai :

मेरा नाम अमन है मेरी लाइफ बहुत अच्छी चल रही थी पर मेरी एक कमजोरी थी. में गुजरात में जॉब करता हु ये कहानी तब की है जब जब में एक प्राइवेट स्चोल्ल में टीचर की जॉब करता था.

चलो दोस्तों अब में अपनी कहानी शुरू करता हु में जिस स्कूल में टीचर की जॉब करता था उस स्कूल में एक चप्रशन थी उसका नाम रानी था उसकी उम्र भी लगभग मेरे जितनी ही थी उसका रंग थोडा सावला था पर वो बहुत सेक्सी थी उसके बूब्स एक दम टाइट थे जिसे देख कर उसे छोड़ने को दिल करता था.

पर मैंने उसके बारे में कभी ऐसा नही सोचा था उसकी और मेरी बहुत बनती थी वो मुझे अपनी सारी बातें शेयर करती थी उसने मुझे वो भी बताया था जो की कोई भी औरत किसी को नही बताती.

रानी ने कहा- सिर जी मेरी साडी को तिन साल हो गये है पर अभी तक मुझे कोई बचचा नही हुआ.

मैंने कहा- क्यूँ क्या हुआ तुम अपने और हुसबंद का टेस्ट करवा लो.

रानी बोली- नही सिर जी ऐसे कोई बात नही है दरशल मेरे मर्द के अन्दर दम ही नही है बचचा पैदा करने की में आप को अपना सच्च दोस्त मानती हु इस लिए आप से अपने दिल की बात शेयर की.

मैंने कहा-  देखो रानी तुम किसी खास दोस्त या ऐसे आदमी से सेक्स करो जिस पे तुम्हे पूरा बिस्वास है और तुम्हारी घर की बात घर में ही रह जाये

फिर कोई वह आ गया और हमारी बात वही रुक गयी कुछ दिन बीत गये रानिसे कोई ऐसी वैसी बात नही हुई.

एक दिन हमने स्कूल की छुटी जल्दी कर दी क्यों की मौसम ख़राब होने वाला था इस लिए. और स्कूल सारा खली हो गया मैंने सोचा अब में भी घर चला जाता हु पर मैंने देखा की मेरे अलावा रानी भी स्कूल में है.

मैंने उस से कहा- क्या बात है आज अपने घर नही जाना ?

उसने कहा- सिर जी इतना रोमांटिक मौसम हो रहा है में घर जा कर क्या करुँगी, इतने में जो से बदल गरजा और रानी मेरे सिने से लिपट गयी और डर के मरे सहम गयी.

मैंने उसे अलग करने ककी कोसिस की पर वो मुझसे चिपकी रही और बोली- सर जी मुझे आपके बाँहों में ऐसे  ही रहने दो बहुत अच लग रहा है.

मैंने कहा- रानी कोई आ जाएगा ऐसे अच नही लगता, फिर वो मुझसे अलग हुई मुझे क्लास रूम में ले गयी और बोला सीए देखो मेरी आँखों में..

ये कह कर उसने मुझसे किस करना शुरू किया, मुझसे इसकी उम्मीद नही थी पर ये हो रहा था अच् था, फिर मैंने भी मौका का फायदा उठाया.

रानी को कास कर पकड़ लिया उसे किस करने लगा, वो किस में आज तक भूल नही पाया हु.उस किस ने मेर लंड खड़ा कर दिया  था.

अब मेरे हाथ रानी के बूब्स के तरफ बढ़ रहे थे और बहर से दबाने लगा, इतने में रानी ने एक हाथ से मेरे पेंट को खोल दिया जो निचे गिर गयी, फे उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.

मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था अब रानी निचे बैठ गयी और मेरा लंड देख कर बोली आज पहली बार इतना बड़ा लंड देखा है और उसे मुह में ले कर चूस ने लगी.

रानी लंड को चुशी जा रही थी और वो लंड को पूरा अपने गले के अन्दर तक ले जा रही थी जिससे मेरा लंड ज्यादा देर तक नही टिक पाया.और जवाब दे दिया मेरा सारा माल उसके मुह में ही निकल गया. और उसने सारा माल चाट गयी अब मैंने उसके सरे कपडे उतर दिए और सबसे पहले उसके बूब्स को चूसा क्या कमल के बूब्स थे.

फिर मैंने उसे टेबल पर लेता दिया और में निचे बैठ कर उसकी चूत के पास चला गया और ऐसा लग रहा था की वो मुझे बुला रही हो.

मैंने देर न करते हुए उसकी चूत के लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और उसकी चूत को चुसना सुरु कर दिया. रानी भी अपने चूत को बड़े मजे से चुसवा रही थी.

अब में खड़ा हुआ और अपना लंड उसकी चूत में रख कर और एक जोरदार झटका मारा, चूत के माल की वजह से चूत पूरी गीली थी इस लिए एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में चला गया रानी ने बहुत जोर से चिलाया आआह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह  मर गयी आज तो में ऐसी ही बोलती रही.

ये सुन कर मेरा जोश और भी बढ़ गया आयर जोर जोर से चूत मारने  लगा थोड़ी देर बाद रानी भी अपनी गांड उठा कर मेरे झटको का जवाब दे रही थी  इतने में हम दोनो का पानी बहार आ गया हम दोनो कुछ देर तक एक दुसरे के ऊपर ही सोये रहे और फिर उठ कर कपडे पहन कर रेडी हो गये और हम फिर रोज सेक्स करते थे एक दिन पता चला रानी माँ बन गयी है में बहुत खुश था क्यों की ये मेरा पहला बच्चा था .


अम्मी चुद गयी नौकर से

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Ammi Chud Gayi Naukar Se :

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकुर है और में हरयाणा में रहता हु, मेरी उम्र 19 साल है, मेरे घर में माँ और पापा और एक छोटा भाई है मेरे पापा एक बुसिनीस्मन है इस लिए वो हमेशा ही घर से बहार रहते हे.

में कॉलेज में स्टडी करता हु और मेरा भाई भी फाइव क्लास में सत्यदे करता है मेरी मम्मी मेरे घर के नौकर रामू से चूदी थी

एक दिन में कॉलेज नही गया था और निचे वाले रूम बे स्टडी कर रहा था रामू उस दिन सफाई करने के लिए मम्मी के कमरे में गया मुझे पता था की घर में रामू आया है.

इसलिए में अपने रूम में ही बैठा रहा थोड़ी देर बाद  मुझे लगा की घर में कोई और भी आया है और घर को बंद भी कर दिया है. में चुपके से बहार आया तो घर में बहुत शांति थी मुझे दर लगने लगा और इस लिए चुपके से माँ के रूम की खिड़की पर गया और मैंने देख मेरे होश उड़ गये.

रामू अपने किसी दोस्त के साथ मेरी मूमी के साथ अन्दर रूम में था और मेरी मम्मी पर लेती हुई थी शायद वो बेहोश की हालत में थी रामू और उसका दोस्त बोल रहे थे आज तो इसकी गांड और चूत दोनो फाड़ देंगे हम दोनो साली ने बहुत दिनों से तडपा रखा था.

फिर रामू ने मम्मी की सरे कपडे उतार दिए अब मम्मी को देख कर तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया था में भी अब अपने लंड को अपने हाथ से हिलाने लगा.  रामू तो मम्मी पर टूट पड़ा और मेरे मम्मी के बूब्स को चूसने लगे वो दोनो मेरे मम्मी के बॉडी से ऐसे खेल रहे थे जैसे दोनो के दोनो मम्मी से कुस्ती लड़ रहे हो.

मैंने ये सब देख कर इस लिए कुछ नही किया क्यों की इस से मम्मी की इज्जत ख़राब हो जाती और साथ में हमारी भी इस लिए में चुप रहा जो हो रहा था उस का मजा लेने लगा.

अब रामू ने अपना लंड बहार निकला उसका लंड बहुत बड़ा था उसने अपना लंड मम्मी की बूब्स की बिच में रख कर  घसड़ने  लगा और उसका दोस्त मेरे मम्मी की चूत में ऊँगली डालने लगा जिस से मेरे मम्मी की चूत में से पानी बहार आने लगा और उसने भी अपना कपडा उतार दिया और अपना लंड मम्मी की चूत में दल दिया उसने इतनी जोर से अन्दर डाला की मम्मी बेहोश होने के बाद भी हिलने लगी.

तभी रामू ने उससे कहा सेल आराम से कर वरना ये उठ जाएगी तब वो आराम आराम से मम्मी की चूत चोदने  लगा और रामू ने मम्मी का मुह खोला उर अपना लंड मम्मी की मुह में दल दिया. फिर दोनो ने जगह बदल ली और मुह में ही हिअलने लगा जिससे उसका पानी निकल गया और मम्मी की मुह में ही सारा माल गिरा दिया और मम्मी का मुह भर दिया था.

रामू बोला साला इतना जल्दी  निकल गया . उसके दोस्त ने कहा हा यार बस बहुत हो गया अब तू भी निकाल ले चल चलते है.

तो रामू ने कहा की अभी तो इसकी गांड मारनी है मुझे.

इतना कहते ही रामू ने लंड को चूत से निकल के मम्मी की गांड में धुका दिया और म्य्म्मी के ऊपर ही लेट गया और मम्मी की गांड मरने लग गया मेरी भी हालत बहुत ख़राब हो गया था में भी अब मुठ मरने लगा था क्या कमल की चुदाई हो रही थी मम्मी की और में लाइव देख रहा था.

दस मिनट बाद रामू का भी पानी निकल गया और उसने भी अपना माल मम्मी की गांड में ही डाल दिया.

बा मेरी मम्मी अकेली रूम में लेती हुई थी उनके जाने के बाद में नादर गया मेरे लंड वैसे ही खड़ा था लेकिन मैंने ऐसा कुछ नही किया और मम्मी की ऊपर कपडे डाले और मम्मी को सोने के लिए वही छोड़ दिया और मम्मी साम को उठी और ऐसे हरकत कर रही थी जैसे कुछ नही हुआ हो.

 

इंग्लिश वाली मैडम की चुदाई

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English Wali Madam Ki Chudai :

है  दोस्तों में राजस्थान से हु मेरा नाम हरीश है, में इंजिनियर हु, मेरा फेस चिकना हे में ज्यादा मासूम सा दीखता था कुछ दिन कॉलेज में ऐसे ही गुजर गये, फिर हमे कम्युनिकेशन सब्जेक्ट पढाने एक मामा आई उनका नाम अंजलि था वो थोड़ी मोती थी, में हिंदी मध्यम  का स्टूडेंट था इस लिए इंग्लिश मेरा वीक था. जब  मेम पढाती  तो मेरी और उनकी आखे चार हो जाती थी वो भी मुझे देखती और में भी उन्हें देखता वो शायद मुझे इंटेलीजेंट समजती हती, जब एग्जाम हुआ तो में उनके सब्जेक्ट में फ़ैल हो गया और मैथ में टॉप किया मैंने, जो मेरी मैथ की टीचर थी वो उनकी फ्रेंड थी, रिजल्ट आने के बाद मेम ने मुझे केबिन में बुलाया.

में-  में आई कम इन मेम.

अंजलि मेम- एस कम इन, तुमसे ये एक्स्पेक्ट नही किया था मैंने, मैंने ये भी सुना है की तुम मैथ्स तोपेर हो बाकि सब्जेक्ट्स में भी मार्क्स अच्छे है तुम्हारे.

में- एस मेम.

मेम- तो मेरे सब्जेक्ट में क्या हुआ तुम्हे, मेरा पद्य हुआ कुछ समाज न आ रहा हो या कुछ भी प्रॉब्लम है तो बताओ लेकिन में चाहती हु मैथ्स की तरह मेरे सब्जेक्ट में तुम ही टॉप करो.

में- मेम कोशिश करूँगा की ऐसा हो.

मेम- कोशिस नहीं मुझे फाइनल में रिजल्ट चाहिए.

में- मेम मेरी इंग्लिश कमजोर है और मुझे ये सब्जेक्ट को टाइम देने की जरुरत है.

मेम- लंच में फ्री होती हु आ जाया करो मेरे पास अगर तुम नही आये तो.

इंटरनल बेक पक्की तुम्हारी.

में- जरुर आऊंगा मेम.

कुछ टाइम में उनके पास जाता रहा जब वो मुझे कुछ बता रही थी तो उनके पलु गिरे हुए थे मेरी नजर बार बार उधर ही जा रही थी. मेमे ने मुझे ये सब देखते हुए देख लिया, मुझे लगा मेम से डांट खाऊंगा और मेरी इंटरनल बेक पक्की  लेकिन जो उनका रिप्लाई था उस से में चोक गया.

मेम- ये सब बाद में पहले तुम्हारी पड़ी है, फिर कुछ दिनों तक हम ऐसे ही पड़ते रहे फाइनल से एक दिन पहले में रोल नो लेने गया रोल नो उनके पास ही था.

जल्दी आ गये सब अपना रोल नंबर ले जा चुके है एक तुम ही जिसका रोल नंबर मेरे पास है.

में- सॉरी मेम.

फिर मे केबिन में गया और रोल नंबर ले रहा था तो मेम बोली.

मेम- में कॉलेज छोड़ रही हु.

में- क्या मे मेम, प्लीज नही चोदना.

मेम- यहाँ कोन्दितिओन्स कलश हो रही है.

में- मेम मेरा क्या होगा आपके बिना इस कॉलेज में चार साल रहना मुस्किल हो है.

मेम- क्यों लेकिन मुझ में ऐसा क्या है.

में- बिकॉज़ आई लव यू.

मैंने कह तो दिया था लेकिन ये अज्जेब था मुझसे सहन्न्ही हो रहा था की मेम कॉलेज चुद रही है.

मेम- ऐसा कैसे में मैरिड हु.

में- तो मैरिड से प्यार नही हो सकता.

अब कुछ देर की ख़ामोशी छा गयी फिर जैसे ही मेम ने रोल नंबर मुझे दिया.

मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और मेरी आँखों से अनसु बहाने लगे मेम मेरे कर्रेब आई और मुझे समझने लगी लेकिन मेरे आंसू जैसे रुकने का नाम ही नही ले रही थी, फिर मेम ने मुझे गले से लगा लिया था फिर मेम ने कुछ न सोचते हुए मुझे किस किया.  किस कर के हम किसी भी उदास इंसान को नार्मल कर सकते है उसके बाद जो हमारे जिस्मो के ऊपर तूफान उठा वो सब कुछ होने के बाद ही ठंडा हुआ, फिर मेम को गरम करने के लिए मैंने तुरंत मेम के गले पर किस करने लगा में किस कर रहा था  और मेम बोल रही थी

मेम- ये सब गलत होगा बेटा, में शादी शुदा हु.

उनकी बातो को इगनोरे करते हुए गरम कर रहा था क्योंकि मुझे पता था एक बार मेम गरम हुई तो बिना चुदे मुझे नही छोड़ेंगी . में मेम की गर्दन को किस कर रहा था और मेरे हाथ मेम के पेट पर बड़े आराम से घूम रहे थे मेम ने भी बोलना बंद कर दिया था फिर मैंने मेम का टॉप उतरा बिलकुल सफ़ेद रंग था और ऊपर से वाइट ब्रा में केद मेम के बूब्स क्या बताऊ यारो बस में ही उस वक़्त अपनी कंडीशन को समाज सकता हु  इतने में मेरे लंड ने अपने औकात पे आना सुरु कर दिया.

मैंने वक़्त की नजकात को समझा और मेम की ब्रा उतर दी अब मैंने मेम के बूब्स की बड़े मज़े से चूसने लगा और दबाया फिर फिर मेम को निचे बैठा के अपना कला सा मोटा लम्बा लंड निकला और मेम के बूब्स के बिच में रगड़ रहा था फिर मेम ने मेरे लंड को मुह में ले के चूसने लगी में बोला में झड जाऊंगा फिर भी मेम चुसे जा रही थी उनको कोई फरक नही पद रहा था फिर में झड गया, ऐसा कर के मेम ने अपने लिए दिक्कत कड़ी की थी क्यूँ की दुसरे बार में अपने मन का मालिक होता हु जब चाहुंगा तब झादुंगा.

अब मैंने मेम की जीन्स उतारी और पूरी नंगी कर दिया और पेंटी  भी उतर दी, फिर मैंने मेम को टेबल पर झुकाया और लंड को चूत पर सेट किया और जोर का झटका मारा और लंड आधे से भी ज्यादा अन्दर चला गया मेम की चीख निकल गयी आह्ह्ह  आह्ह्हह्ह,.. मर गयी आराम से सकता क्या.

फिर मेम की आवाजे वही गूंजती रही और में तब तक धक्का मरता रहा जब तक की में थक के चूर न हो जाता फिर में थक चूका था और मेरा लंड पानी भी चो दिया था  फिर हम अपने अपने कपडे पहन कर बहार जा रहे थे तो वह मैथ की टीचर आ रही थी उनको देख कर मेरी तो फट गयी पर मुझे तो कुछ होने वाला नही था पर मेम के बदनामी हो जाती.

नेहा की चुदाई

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Neha Ki Chudai :

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मिहिर है में रांची का रहने वाला हु अभी में कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रहा था मेरे पापा का मेडिकल एजेंसी है हमारा एक बहुत ही पुराना और भरोसे मंद स्टाफ है जो की बहुत सालो स हमारे यहाँ काम कर रहा है.

उसकी पत्नी भी हमारे घर पे काम करती है और इनकी एक बेटी है जिसका नाम नेहा है, हम दोनो की आगे सेम  है नेहा बहुत ही सुन्दर है एक दम पतली है.और गांड एक दम टाइट है उसे देख कर किसी का भी मन करेगा की उसे चोदे.

पति पत्नी काम में होने के कारन नेहा को भी साथ में रखना पड़ता था. इनका और हमारे परिवार के बिच अछे सम्बन्ध थे और हमारा घर बड़ा होने के कारन इन्हें रहने के लिए रूम दे दिया बचपन से ही हम दोनो एक दुसरे के साथ खेलते.

जब हम 11 क्लास में थे तो उसकी चुचिया आकर में आने लगी थी और मेरा भी लड़किओं को देख कर बाद होने लगा था धीरे धीरे हम दोनो जवान होने लगे.जब हम दोनो साथ खेलते थे तो में किसी न किसी बहाने से उसे छूता  था.कभी कभी उसकी चुचिया चुने की कोसिस करता था.

शायद उसे भी मजा आता था.  मेरे पापा ने हम दोनो को पास में ट्यूटन लगा दिया.

हम दोनो साथ में रोज़ शाम को आया जाया करते थे और साथ में ही पढ़ते थे उसकी चुचिया पहले से और बड़ी हो गयी थी.

जब हम दोनो साथ में पढ़ते थे तो वो जब जब झुकती थी तो उसके में उसके चुचे को घुर करता था. ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आता था.

क्या मस्त बूब्स थे उसके मन तो करता था बस उसी में समा जाऊ, कई बार उसने मुझे ऐसा करते देखा पर हमेशा नज़र अंदाज़ कर देती थी.

जैसे जैसे वक़्त बीतता गया उसकी जवानी और निखरती गयी और मेरे भी लंड का साइज़ बढ़  गया वो बहुत सेक्सी दिखने लगी ट्यूटन के सरे लड़के मुझसे बहुत जलते थे. क्यों की वो किसी से बात नही करती थी सिर्फ मुझे भाव देती थी.

जब हमारी बोर्ड एग्जाम सामने आ गये तो मैंने मम्मी से परमिशन ली की हम दोनो देर रात तक साथ में पढेंगे. वो रात में छोटे कपडे   पहना करती थी. और उसकी गोरी गोरी जंघे देख के मुझे कण्ट्रोल नही होता था. हम दोनो कुछ देर पढाई करते थे और बाकि टाइम बात करते थे में उसे फ़्लर्ट करता था वो भी मुझे छेड़ा करती. में उसका हाथ भी पकड़ लेता पर उसने आज तक कभी कुछ नही कहा में मन ही मन उसे चोदने  का सोचने लगा, मैंने फिर सोच ही लिया की इसे ज़रूर चोदुंगा अब मुझसे और देख देख के रहा नही जा रहा था सन्डे का दिन था और घर के सरे लोग किसी की शाद्दी में गये थे मैंने पढने का बहाना दे कर मन कर दिया, उसी दिन प्लान बनाया की नेहा को इसी बारे में  करूँगा, रात के आठ बजे थे मैंने उसे पढने बुला लिया. हमेशा की तरह वो आधे कपडे में थी थोडा कण्ट्रोल कर के कुछ देर पढने के बाद मैंने उससे कहा की और पढने का मूड नही आज उसने भी कहा मेरा खुद मन नही है. मई तो और ज्यादा खुश हो गया और तुरंत कह की चलो इंग्लिश मूवी देखते है.

मैंने पहले से ही मूवी की डीवीडी निकल रखी  थी जिसमे बहुत सारे रोमांटिक सीन थे, ठण्ड का मौसम था तो हमने रजाई खोल ली और दोनो ने अपना पैर अन्दर कर लिया, मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. रोमांटिक सिन चल रह अता वो बड़े ही ध्यान सेड एख रही थी मैंने अपना हाथ रजाई के अन्दर कर लिया, और धीरे से उसकी जांघो में रख दिया तभी नेहा ने कहा तुझे क्या हो गया तो मैंने कहा मुझे भी रोमांस करना है,तेरे साथ तो वो हसने लगी.

मैंने तुरंत उसके कमर में अपना हाथ अख दिया और अपने पास ले आया तो नेहा ने बोला की चोर यार क्या कर रहा है कोई देख लेगा मैंने उसे बोला की में तुझे बहुत पसंद करता हु और तेरी इतनी सेक्सी बॉडी देख के मुझसे अब कण्ट्रोल नही होता, नेहा मुझे देखे जा रही थी मैंने तुरंत उसे किस कर दिया वो पीछे होने लगी और उसने कहा की ये गलत है मुझे छोर दो कोई देख लेगा.

तभी मैंने गुस्सा होने का नाटक किया तो नेहा ने कहा  की वो भी मुझे बहुत पसंद करती है पर कहने से डरती थी.

तभी मैंने उसे जोर से जले लगा लिया और उसकी बड़ी बड़ी चुचिया मेरे सीने में तब रही थी बहुत ही अच एहसास था, में समझ गया की आग दोनो तरफ लगी है मौका का फायदा उठाते हुए मैंने उसे वापस किस कर दिया और उसने भी मेरा साथ दिया.

तभी उसने कहा की गेट लॉक कर दो कोई आ जायेगा में उसका इशारा समझ गया.मैंने तुरंत गेट लॉक कर दिया और उससे लिपट गया उसे बहुत जोर से किस करने लगा और कब हाथ मेरा उसकी चूची पे गया पता ही नही चला.

एक दम गरम गरम एहसास था, मैंने उसका टॉप उतर दिया और ब्रा भी, और जोरो से उसकी चुचियो को चूसने लगा क्या बताऊ दूध पि के तो और जोश आ गया था.

मेरा हाथ अब निचे उसकी चूत के अन्दर चला गया मैंने उसकी चूत में बहुत ऊँगली की.तभी नेहा ने अचानक से मेरा लंड पकड़ लिया और कहने लगी की मुझे देखना है, मैंने कहा की निचे बैठो तभी दिखाऊंगा और तभी अपना पायजामा खोल दिया और वो मेरा लंड देख कर दर गयी कहने लगा की बहुत मोटा है बहुत दर्द होगा तो मैंने कुछ न सुना और तुरंत उसके चूत में अपना लंड दाल दिया वो सच में रोने लगी तो आवाज बहार न जाये इस लिए मैंने उसे किस किया और चोदता ही रहा कुछ देर चुदाई के बाद में झड गया और अपना पानी उस के मुह में डाल  दिया वो सब पि गयी मैंने उसे उठाया वो दर्द से रो रही थी और किस करने लगा . और साथ में ही सो गये.

दोस्त की गर्लफ्रेंड ने अपनी चूत मुझसे चुदवाई

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Dost Ki Girlfriend Ne Apni Choot Mujhse Chudwai :

हैलो दोस्तों! मेरा नाम रितिक है, और मैं 24 साल का हूँ। मैं लुधियाना शहर में रहता हूँ। दोस्तों आज इस वेबसाइट पर यह मेरी पहली कहानी है। मैं आज आपको जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ उसमें मैने अपने एक खास दोस्त की चूत चुदाई की। आप को ज्यादा बोर न करते हुये मैं सीधे मेन टाॅपिक पर आता हूँ।

तो दोस्तों बात ऐसी है कि मेरा एक करीबी दोस्त था रोनित। हम दोनों काॅलेज से ही फ्रेंड थे। साथ में घूमा फिरा करते थे, और खूब पार्टियां एंज्वाय किया करते थे। उसकी एक गर्लफ्रेंड भी थी और वह माडर्न टाइप थी इसलिये वह भी हमारे साथ फुल एंज्वाय करती थी। उसका नाम नैन्सी था और रंग गोरा। पतली चिकनी कमर और सुडौल बूब्स और फुल मांस भरा पिछवाड़ा था। वह मिनी ड्रेस में एकदम माॅडल सी लगती थी और कोई भी पहली ही नजर में उसका दिवाना हो सकता था। उसे और रोनित को मिले करीब दो महीने ही हुये थे, पर वह जल्द ही हमारे साथ पूरी तरह घुल मिल गई थी। उस समय मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी,

इस कारण कभी कभी उसको देखकर मेरे अरमान भी मचल उठते थे। और उसकी ब्यूटी और सेक्सी फिगर मुझे उसकी ओर आकर्षित करती थी, और मन ही मन उसकी चूत मारने के बारे सोचता रहता पर अपने अंदर उठे वासना के तूफान को यह सोचकर शांत कर लेता कि वह मेरे बेस्ट फ्रेंड का माल है। और इस तरह हम तीनों के मस्ती भरे दिन बीत रहे थे। एक दिन हम तीनों अपने एक दोस्त की शादी अटेंड करने गये। मैं टेबल के पास खड़ा था और नैन्सी मेरे पीछे कुर्सी पर बैठी थी और रोनित हमारे लिये ड्रिंक लेने गया था। उसी समय दुल्हन की एंट्री हुयी तो सभी स्टेज की ओर जाने लगे। अचानक मुझे किसी का धक्का लगा और मैं लड़खड़ाकर नैन्सी की ओर गिरा और मेरे हाथ उसके बूब्स पर जा रूके और मुझे उनके दबने का अहसास हुआ तो मैंने उससे साॅरी बोला लेकिन वह यह कहकर हंस दी कि कोई बात नहीं, तुम्हारे ही तो है। उस दिन तो मुझे यह बात समझ में नहीं आई पर कुछ दिन बाद मैंने नैन्सी को नोटिस किया कि वह रोनित की गैर मौजुदगी में मुझे रिझानें की कोशिश कर रही थी। मुझे यह समझने में जरा भी देर न लगी कि वह मुझसे नजदीकियां बना रही थी।

अब तो यह सोचकर मेरे मन में लड्डू फूट रहे क्योंकि वह तो वैसे भी गजब का माल थी और मैं तो शुरू से ही उसको चोदना चाहता था। इसलिये मैंने भी जैसा चल रही था वैसे ही चलने दिया और जल्द ही हम दोनों के बीच सबकुछ साफ होने लगा और इस तरह हम दोनों करीब आने को मौका ढूंढने लगे, और जी भर कर मजे करना चाहते थे। पर ज्यादातर रोनित हमारे साथ होता था इस कारण सही मौका न मिलने की वजह से दोनों ही तड़प रहे थे। लेकिन कुछ दिनों के बाद हमें यह मौका मिल गया। हुआ ऐसा कि एक दिन नैन्सी को किसी फ्रेंड की पार्टी के लिये चंडीगढ़ जाना था। और रोनित मुझे लेने घर आया पर मैंने न जाने का नाटक किया, लेकिन वह न माना और हम तीनों उसकी कार से सफर करके चंडीगढ़ पहुंच गये, और पूरे रास्ते खूब मस्ती की। वहां पहुंच कर हमने थोड़ा रेस्ट किया और रात तैयार होकर हम पार्टी एंज्वाय करने के लिये वहां पहुंच गये। फिर हमनें थोड़ी स्नैक्स और ड्रिंक ली। पर उस दिन रोनित ने ज्यादा पी ली और फुल टल्ली हो गया,

और हम दोनों भी हल्के नशे के सुरूर में थे। लेकिन कुछ देर बाद रोनित नशे में चूर हो गया तो पार्टी छोड़कर मैं और नैन्सी उसे लेकर अपने रूम में आ गये और बेड पर सुला दिया। मैं समझ गया था कि हमारे पास मौका हैं क्योंकि उसका सुबह तक उठने का कोई चांस नहीं था। फिर नैन्सी कपड़े चेंज करने दूसरे रूम में चली गयी और मैं भी फ्रेश होने के लिये बाथरूम में चला गया। मैं कपड़े उतार कर टाॅवेल पहने अपना मुंह धुल ही रहा था, कि किसी ने डोर नाॅक किया। जब मैंने डोर खोला तो सामने नाइटी पहने नैन्सी खड़ी और मेरे कुछ समझने से पहले ही मुझे धक्का देकर अंदर आ गयी और डोर लाॅक कर दिया। फिर मेरे नजदीक आकर मेरे होठों पर टूट पड़ी और मुझे बेतहासा किस करने लगी। पहले तो मैं साॅक्ड रह गया पर फिर किस में उसका साथ देने लगा और मन में उसकी इस हरकत पर खुश था।

और हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे को चूमते रहे। अब नैन्सी के शरीर की सनसनाहट बढ़ रही थी और मेरा लंड सख्त होकर अपना आकार बढ़ाने लगा। मेरा भी जोश बढ़ने लगा और फिर मैंने उसकी नाइटी उतार दी और ब्रा उतार कर उसके मम्में का रस पीने लगा और टागों के बीच हाथ डालकर उसकी चूत सहलाने लगा। इसी बीच मेरी टाॅवेल खुलकर गिर गई और मेरा 9 इंच मोटा और टाईट लंड उसकी आंखों के सामने था। जिसे देखते ही वह बोली कि यह तो रोनित से भी बड़ा है, तो मैंने कहा कि मैं रोनित नहीं हूँ। और इतना कह कर मैंने अपने लंड को एक ही बार में पूरा उसके मुंह में गले तक ठूस कर आगे पीछे करने लगा तो उसकी आंखें बड़ी हो गयी और वह चूसने लगी और अपने हाथ से अपनी चूत रगड़ती जा रही थी। थोड़ी देर बाद मुंह से लंड निकाल कर खड़ी हुई और अपनी गीली पैंटी उतार दी। मैं उसकी गुलाबी, गीली चूत देखकर पागल हो गया। और कमोड पर बैठ कर उसे अपनी जांघों पर बैठा लिया और उसकी टांगों को फैला कर अपने खड़े मोटे लंड को उसकी चूत में डालकर झटके देते हुये उसे चोदने लगा। वह भी सिसकियां लेते हुये मजे लेने लगी।

मैंने स्पीड बढ़ा दी और उसकी आहहह आइइइइ उहहह भी तेज होने लगी। और मैं करीब 20 मिनट तक उसे कमोड पर बैठकर चोदता रहा। और उसके उछलते मम्मों को चूसता रहा। और बीच बीच में उसको किस करता रहा। फिर उसी की चूत में झड़ गया और लंड बाहर कर लिया। नैन्सी शावर खोलकर अपने बदन को भिगोने लगी। और दूसरी तरफ मेरा लंड उसे नहाता देख फिर से खड़ा हो गया। और मैंने पीछे से जाकर अपना लंड उसकी चूत डालकर चुदाई का दूसरा राउंड वही खड़े हो कर किया। और इस तरह मैंने नैन्सी को पूरी रात चार बार चोदा और खूब मजे किये और सुबह होने से पहले अलग हो कर अपने अपने कमरों में जाकर सो गये।

और इस तरह आखिर मैंने नैन्सी को चोद ही डाला। तो फ्रेंड्स यह थी मेरी पहली पोर्न स्टोरी और जल्द ही अगली के साथ फिर मिलेगें और मेरी स्टोरी पढ़ने के लिये आपको बहुत सारा थैंक्स।

सुनीता की चुदाई

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Sunita Ki Chudai :

दोस्तों आज मै आपके सामने अपनी एक सच्ची घटना रखना चाहता हूं , मेरा नाम लव गुर्जर है मै कैथल अर्बन एसटेट मे रहता हुं।
यह कहानी मेरी पडोसन आंटी सुनीता की है
अब कहानी पे आता हू

हमारे पडोस मे घर के सामने एक आंटी है , उनका एक बेटा एक बेटी है जो कालेज मे पढते है
आंटी की उमर चालिस के आस पास है ।
आंटी के लंबे सिलकी बाल है , मै शुरू से ही लंबे बालो का दीवाना था अक्सर बस और रेल मे भीड का फायदा उठाकर लेडिस के बालो मे हाथ घुमाता था और खुशबू फील करता था

सुनीता आंटी का घर हमारे घर के सामने था और मेरा रुम छत पर था जब भी आंटी अपने बाल धोती तो वो उनको सुखाने के लिये उनकी छत पर आ जाती थी ,मै उन्हे अपने रुम की खिडकी से छुप कर देखता था और मुठ मारता था

वो छत पर आकर बालो को तोलिये से पोछ रही थी उनके लंबे बालो से पानी टपक रहा था तभी वो छत पर निचे बैठ गयी और धुप मे जुलफो को सूखा रही थी , मै मन ही मन सोच रहा था के आखिर कब वो दिन आयेगा जब मै आंटी के बालो से खेलूगा

तभी आंटी अपने बालो मे कंघी करने लगी और कंघी करके कंघी मे फसे बालो को निचे गली मे फेक दिया मै झट से निचे गया और उनके बालो को उठा लाया उनके बालो को सूंघा और अपने लोडे पर रगडने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था

फिर एसे ही दो साल निकल गये ,मै दिल्ली जाब करने चला गया

मै दिल्ली से कैथल आया मेरे मामा के लडके की शादी थी सब घर वाले शादी मे जाने की तैयारी कर रहे थे मै भी तैयार था लेकिन उस दिन मुझे शादी के लिये कपडे लेने थे , मै शादी मे अगले दिन जाने वाला था , मेरे पापा मम्मी , भाई सब शादी मे चले गये
मै घर पर अकेला था
तकरीबन शाम के चार बजे हुये थे
तभी डोर बैल बजी मैने दरवाजा खोला तो देखा सामने सुनीता अांटी थी

मैने उनको नमस्ते की उन्होने सलवार कमीज पहन रखी थी और बहुत सुंदर लग रही थी उनका गठीला बदन देखके मेरा दिल मचल रहा था
आंटी अंदर आयी और पुछने लगी के तेरी मम्मी कंहा है ,मैने कह दिया के सब शादी मे गये है
बोलिये कया काम है तो उन्होने कहा कुछ नही

मैने पुछा ऎसे कैसे कुछ तो काम होगा बता दीजिए मै कर दुगा काम तो उनहोने कहा नही काम तुम्हारी मम्मी से था बालों मे तेल लगवाना था कोई बात नही मै खूद लगा लूंगी।
वो वापिस अपने घर जाने लगी सुनहरा मॊका मेरे हाथ से जा रहा था ,मैने थोडा सोचा और आंटी को अावाज लगायी और कहा आंटी आप मेरे लिये चाय बना दीजिए तो उन्होने कहा ठीक है आंटी किचन मे गयी उनके बाल खुले थे भीगे हुये उनसे पानी टपक कर सलवार भीगी हुई थी ,दिल कर रहा था बस अभी पकड लू उनको लेकिन ये सब इतना आसान नही होता ,मै डर रहा था डर के मारे लंड भी नही खडा हो रहा था

तभी आंटी दो कप मे चाय ले आयी और हमारे बैड पर आगे बैठ गयी हम दोनो चाय पी रहे थे। आंटी ने मुझसे पुछा नौकरी कैसी चल रही है मैने कहा सब अच्छा है मै शर्मा रहा था

अांटी ने बैठे बैठे चाय का कप नीचे रखा और अपने बालो मे हाथ फेरने लगी मैने पंखा चला दिया
आंटी को कहा के अब सुखा लो अब जल्दी सूख जायेगे आंटी ने मुझे समाईल दी , सारा कमरा बालो की खुशबू से महक रहा था, मैने आंटी से को कहा के बडी अच्छी खुशबू है ,वो बोली हा शैम्पू की खुशबू है
मैने डरते डरते आंटी से कहा के ये लो आप कंघी यही बैठके करलो कंघी, उन्होने कहा ठीक है और वो कंघी करने लगी मेरे मन का सैतान जाग रहा था मैने अपनी चाय खत्म कर दी और आंटी चाय पी रही था मैने आंटी से कहा आप चाय पी लीजिए वरना ठंडी हो जायेगी। अापके बालो मे कंघी मै कर देता हू

मेरे माथे से पसीना आ रहा था लेकिन आंटी ने कहा ठीक है और वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके बैठ गयी मै हैरान था के आज मेरा सपना पूरा होगा जिन बालों का मै दिवाना था , आज वो बाल मेरे हाथों मे थे
मैने झट से कंघी ली और उनके बालो मे डाल दी उनहोने कहा जरा आराम से दर्द मत करना मैने कहा ठीक है उनके बालो हाथ मे लेके देखा बहुत मजा आ रहा था जैसे सवर्ग मे हूं , कंघी करते करते उनके बाल मेरी टांगो पे आ रहे थे ,मै खुशबू से पागल हुआ जा रहा था
मुझे पता ही नही चला कब मै आंटी के बहुत करीब पहुच गया मैने अपनी टांगे फैला ली और उनकी गांड से सट गया आंटी आराम से बैठी थी
मैने बालो मे अपना चेहरा डाल लिया उसी टाईम आंटी ने देख लिया मै डर गया
लेकिन अांटी ने कुछ नही कहा आंटी के बाल सहलाने से उनको भी बहुत मजा आ रहा होगा और वो थोडा और पिछे की तरफ हो गयी मेरा लोडा उनके चूतडो से बिल्कुल चिपक गया मैने उनसे कहा के आपके बाल बहुत सिलकी है क्या मै इनको चूम सकता हूं उन्होने कहा चूम लो लेकिन जल्दी करो मुझे घर जाना है तेरे अंकल आने वाले है मै उनको बालो को चुमने चाटने लगा उनको भी मजा अा रहा था , आंटी मेरी तरफ देखकर बोली के बस करो अब इतना प्यार करते हो कया मेरे बालों से, मैने उनको देखा और कहा हा मै आपको और अापके बाल दोनो का दिवाना हू

आंटी गुस्सा हुई बोली के ये क्या कह रहा है मै तुम्से बहुत बडी हूं सोच समझ कर बोलो और वो उठने लगी दरवाजे की तरफ जाने लगी मैने पिछे से उनको जोर की जफ्फी डाल ली उनकी पीठ को चूमने लगा उनहोने कहा नही ये ठीक नही है
कोई देख लेगा हमारी बदनामी होगी मैने कहा आज मेरे घर कोई नही है , हम किसी को नही बतायेंगे मैने उनको बांहो मे भर लिया वो मेरा साथ देने लगी मै उनके लंबे बालो से खेलने लगा
उनके मोटे चूतडो को दबाने लगा उनकी सांस तेज चलने लगी तभी मैने उनके गाल चूमने शुरु कर दिये
उन्होने मेरे होठ अपने होठों मे ले लिये और मेरी जीभ को चूसने लगी मैने भी उनका सारा थूक पी लिया उनकी जीभ को खाने लगा सांसों से सांस टकरा रही थी ,उनका थूक बहुत मिट्ठा था जैसे शहद हो
मै पांच मिनट तक होठों को चाटता रहा

फीर मैने उनको बैड पे लिटा दिया उनकी गर्दन को चुमने लगा उनके चु्चे बडे बडे दिख रहे थे मैने उनका सूट निकाल दिया और उनके टाईट चूचो का दूध पीने लगा इस उमर मे भी उनके बूबस बहुत प्यारे थे बहुत गोरे थे, हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये मै उनकी नंगी गांड को देखता ही रह गया उनका फिगर और गांड के उपर लंबे बाल देखकर पागल हुआ जा रहा था वो मेरे उपर आयी और अपने बालो को मेरे सिने पे रख दिया मुझे गुदगुदी होने लगी उनहोने मेरे लोडे को अपने बालो मे छुपा लिया मै मजे से पागल हुआ जा रहा था ,उनके कोमल बालो का एहसास मेरे लंड को और मजबूत बना रहा था, उनका थोडा पेट निकला हुआ था लेकिन चूतड विशाल थे मै उनके हिप्स को चाटने लगा वो गांड को हिलाने लगी

कहने लगी आज टाईम नही है तेरे अंकल आने वाले है इतना प्यार फेर कर लेना वो डर रही थी कल को तुम शादी से जल्दी आ जाना फिर जितना मरजी चूम लेना

अभी जल्दी करो मैने तभी उनको घोडी बनाया और उनकी प्यारी चूत मे लंड डालने लगा उनको ज्यादा दर्द नही हो रहा था उनकी चूत इतनी टाइट नही थी लोडा झट से अंदर चला गया मैने उनके बालो को पकडा और लोडे को अंदर बाहर करने लगा हम दोनो को बोहत मजा आ रहा था ,उनहोने मुझसे आई लव यू कहा और गांड आगे पिछे करने लगी मै उनके बडे स्तन को दबाने लगा और लगभग आठ मिनट बाद मैने अपना वीर्य निकाल दिया ,विर्य चूत के अंदर जाते ही शरीर चर्म सीमा पर था
हम दोनो बाहो मे बाहे डालकर लेट गये एक दुसरे को चुमने चाटने लगे सांसों की खुशबू लेने लगे
मैने आंटी को कहा जान मै तुमसे बहुत प्यार करता है और एसे ही करता रहूगा उन्होने ने कहा के मैने आज पहली बार किसी दूसरे इंसान से सैक्स किया है प्लीज मेरी इज्जत रखना ,कभी किसी को मत बताना मैने उनको कहा आई लव यू अब तुम मेरी हो सुनीता फीकर मत करो जोर के गले से लगा लिया

मै उनको सूट सलवार पहनाने लगा उनके बालो का जुडा बना दिया उनहोने मुझे टी सर्ट पहना दी हम दोनो एसे ही पांच मिनट लेटे रहे
अंधेरा हो गया था वो अपने घर चली गयी
उसके बाद मै बहुत बार उनको चोदता हूं वो भी मुझे बहुत प्यार करती है उनके बालो से खेलता हू ब मेरी शादी हो गयी है लेकिन मेरी पत्नी के बाल उनके बालो की तरह रेशमी नही है उनके बालो मे सोने का मजा बस उनके बालो मे ही है
उनके बाद मैने किसी और महिला से सेक्स नही किया बस मेरी पत्नी और सुनीता आंटी मै बस उन दोनो को चाहता हूं कोई भी कैथल की आंटी भाभी मुझसे मिलने की कोशिश ना करे

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