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फ्लैट में लड़की की सील तोड़ी और चुदाई की

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Flat Mein Ladki Ki Seal Todi Aur Chudai Ki :

हाय दोस्तों! मेरा नाम विरेन्द्र है। मैं 28 साल हूँ और यूपी के एक गाॅव से हूँ और मुंबई में एक टेलीकाम कंपनी में एरिया मैनेजर हूँ। मैं वर्सोवा के अपार्टमेंट में रेंट पर रहता हूँं। आज मैं आपको मेरे साथ पिछले दिसम्बर में घटा एक सेक्सी और यादगार किस्सा बताने जा रहा हूँ, जो पूरी तरह से सच है। और उन दिनों मैंने अपने फ्लैट में एक ताजी जवान हुयी लड़की की सील तोड़कर पूरी रात उसकी जमकर चूत मारी।

तो दोस्तों, बात ऐसी है कि मैं अपार्टमेंट के सातवें फ्लोर पर रह रहा था। मेरे ठीक सामने वाले फ्लैट में एक यूपी के लखनऊ का परिवार रहता था। उनके परिवार में करीब 50 वर्ष बूढ़े के माता पिता और उनका बेटा जो करीब मेरे ही उम्र का था जो मुंबई के ही किसी कालेज में टीचर था। मैं भी अपने जाॅब में ज्यादातर व्यस्त रहता था। यूपी के होने के कारण कुछ ही दिनों में हम दोनों में दोस्ती हो गई, और हमने साथ में पार्टी व मौज मस्ती शुरू कर दी। अब अंकल आंटी भी मुझसे काफी घुल मिल गये थे। कुछ दिनों बाद उनके बेटे को अमेरिका के किसी काॅलेज में पढ़ाने का आॅफर आ गया और वह अमेरिका चला गया। अब अंकल और आंटी अकेले हो गये। और छोटे मोटे कामों के लिये मुझे बुला लेते थे। मेरी इस कहानी में रोमांचक मोड़ तब आया, जब आंटी ने गाॅव से अपने छोटे भाई की बेटी को मुंबई बुला लिया, क्योंकि बेटे के जाने के बाद वे अकेले घर में उबने लगे थे। जब पहली बार मैंने आंटी की भांजी को देखा तो मेरे होश उड़ गये।

वह गोरे रंग और पतले छरहरे शरीर की बला की खूबसूरत थी। उसका नाम शशि था और शायद ही वह अपने 18वें सावन को पार कर पायी होगी, क्योंकि उसके चेहरे की मासूमियत और आँखों की शर्म उसके यौवन को और भी निखार रही थी। और उसको देखकर मेरे वासनाओं के सांपों ने अपने आप ही फुॅफकारना शुरू कर दिया। अब मैं जब भी अंकल के यहाँ जाता तो बातों में कम और शशि को ताड़ने में ज्यादा समय बिताने लगा और उससे बातें करने के बहाने खोजने लगा। पहले तो उसने मुझपर जरा भी ध्यान न दिया, लेकिन फिर धीरे धीरे हमारी नजरें लड़ने लगी और बातों का सिलसिला बढ़ने लगा। और मैं उसे तरह तरह की बातें और किस्से सुनाकर रिझाने की कोशिश करने लगा। जल्द ही मैं समझ चुका था कि शशि को मेरा उसके पास होना भाने लगा था, क्योंकि वह आस पास बहुत ही कम बात करती थी और शायद ही कभी अपार्टमेंट के बाहर जाती थी। मैंे भी उसके अकेलेपन का फायदा उठाने लगा और जैसे ही जाॅब से फ्री होता, शशि के पास पहुंच जाता। अब उसकी शर्म भी खुलने लगी थी और हम दोनों में हर तरह की बातें होने लगी।

अंकल आंटी को मुझ पर पूरा भरोसा था, इस कारण वे मुझपर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। दिसम्बर में महीने में ठंड अपने चरम पर थी और इसी समय मेरे व शशि के बीच नजदीकियाँ बढ़ने लगी।

एक बार संडे की शाम को मैं अंकल और आंटी का हाल चाल लेने उनके फ्लैट में गया, क्योंकि उस दिन ठंड बहुत अधिक थी। मैंने अंदर जाकर देखा वे खाना खाकर अपने बेडरूम में सोने के लिये जा रहे थे, इस कारण मैंने उनसे ज्यादा बात नहीं की और उन्हें आराम करने के लिये छोड़ दिया। अब मैं शशि को ढूढने लगा जो कि किचेन में बर्तन साफ कर रही थी। उसे देखकर न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मेरे पास उसकी चूत मारने का फुल चांस है। और मन में यही ख्याल लिये मैंने शरारत के बहाने पीछे से उसके गाल पर हाथ फेर दिया तो वह सिहर उठी और मेरी ओर देखते हुए बोली कि आज तो आप बड़े मूड में लग रहे हैं।

मैंने उसकी आखों को जल्द ही पढ़ लिया जो कि मुझे शरारत करने की पूरी छूट दे रही थी और शायद मौसम की नजाकत भी इसी ओर इशारा कर रही थी। अब वह फिर से अपने काम में लग गयी और मैंने भी अपना इरादा मजबूत कर लिया। फिर मैंने धीरे से उसके पिछवाड़े पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, इस बार उसने कुछ भी नहीं कहा तो मुझमें भी हिम्मत आ गयी और मैं उसके पुट्ठो को दबाने लगा और उसकी गांड में उंगली करने लगा। शशि का पूरा बदन कांपने लगा और उसने भी मजा लेना शुरू कर दिया। मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी कुर्ती में डालकर उसे छाती तक ले गया। और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा, जो कि भरपूर उभरे हुए और गोल थे। फिर धीरे से मैं साइड से उसके गालों को चाटने लगा। फिर अपने दूसरे हाथ को उसकी सलवार में डाल कर चूत पर ले गया और पैंटी के ऊपर से ही उंगली से उसकी चूत को खोदने की कोशिश करने लगा,

उसकी चूत इतनी सख्त थी कि मेरी उंगली बड़ी मुश्किल से उसकी चूत में जा सकी और मुझे यह समझने में जरा भी देर नहीं कि अभी उसकी सील नहीं टूटी है और आज उसकी सील तोड़ने का सुख मुझे ही प्राप्त होगा। जैसे ही मैंने उसकी चूत में उंगली करने लगा, शशि के मुँह स आहहहह आइइइइइइ की आवाजें तेज होने लगी क्योंकि उसे सह अहसास पहली बार हो रहे थे। अब उसने अपना काम बीच में ही छोड़ दिया और मुझपर निढाल हो कर गिरने लगी। उसकी आहें तेज होने लगी और मैं समझ गया कि शशि अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है। मैंने बिना इंतजार किये उसको गोद में उठा लिया और उसके कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा दिया। और जल्दी से पहले उसके कपडे़ उतारे और फिर उसकी सफेद ब्रा उतार कर उसके रसीले बूब्स पर टूट पड़ा, फिर एक एक करके उनको चूसने लगा। उसकी पैंटी भी गीली हो गयी इसलिए मैंने उसे खीच कर उतार दिया। पैंटी हटाते ही उसकी हल्के बालों से भरी चूत मेरे सामने थी,

जिसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और अपनी मोटाई को बढ़ाने लगा। मैंने भी झटपट अपने सारे उतार दिए और अपने खड़े लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। जब मेरा लंड थोड़ा गीला हो गया तो फिर हलके से लंड के अगले हिस्से को शशि की चूत में डाल दिया तो वह बोली कि उसे बाहर निकाल दो, बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाउगी। मैं उसे समझाते हुए बोला कि थोड़ा सा दर्द होगा फिर बहुत मजा आयेगा। पर तेज तेज आहहहह उउउउउ मां मैं मर गयी चिल्लाने लगी। अब मैंने उसके मुँह को हाथ से दबा लिया और तेज झटके के साथ ताकत का इस्तेमाल करते हुये उसकी सील को तोड़ते हुये पूरा चूत में डाल दिया और उसकी चूत फट गयी। शशि की आँखों में आंसू भरे थे और वह दर्द से कराह रही थी, मैंने धीरे से उसके मुँह से हाथ हटाया और धीरे से उसके चेहरे को सहलाने लगा।

और चूत में धीरे से आगे पीछे करने लगा। और जल्द ही उसने आंसू पोछते हुये इस अहसास को महसूस करते हुए मेरा साथ देने लगी। जब मैंने देखा कि उसे भी मजा आने लगा तो मैंने अपने झटके बड़ा दिये और उछल उछल कर उसकी चुदाई करने लगा। शशि बराबर आवाजें कर रही थी पर अब खुश थी। और इस तरह मैंने शशि की रात 3 बजे तक खूब चुदाई की और रात सर्दी में गर्मी का मजा लेते रहे। और इसके बाद मैं चुपके से अपने फ्लैट में आ गया।
तो दोस्तों, इस तरह मैंने चूत चुदाई का मजा लिया। मेरी कहानी पढ़ने के लिये आप को धन्यवाद। इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें।


चुलबुली चाची ने मुझसे अपनी चूत चुदवा कर मजा लिया

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Chulbuli Chachi Ne Mujhse Apni Choot Chudwakar Maza Liya :

हाय दोस्तों! मेरा नाम सौरभ है, मैं 21 वर्ष का हूँ। मैं नई दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में रहता हूँ। मेरी हाइट 6 फिट है और मेरा लिंग भी करीब 7 इंच का है। तो दोस्तों आज मैं आपको अपनी चाची की चूत चुदाई की अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
दोस्तों, हमारे घर में मैं अपने परिवार और चाचा व चाची के साथ संयुक्त से रहता हूँ। मैं अपने पिता जी का अकेला लड़का हूँ। मेरे चाचा की शादी 3 साल पहले हुई थी। चाची भी दिल्ली से ही हैं। सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते है और एक दूसरे की मदद करते रहते है। इस तरह मेरा और चाची में बोलचाल बहुत ही अच्छा था। चाचा के कोई भी बच्चा नहीं था।

इस कारण चाची मेरे साथ अच्छा व्यवहार करती थी। मैं भी काॅलेज से लौटने के बाद ज्यादातर समय चाची के साथ ही बिताता था। चाची स्वभाव से काफी हसमुख और चुलबुली थी, और उनकी उम्र करीब 28 साल थी। और हम अक्सर एक दूसरे से हँसी मजाक करते रहते थे। चाचा पिता जी के साथ फर्नीचर की शॉप पर बैठते थे। मेरी माँ सरकारी टीचर हैं और रोज पढ़ाने के लिए जाती थी। इस तरह मैं और चाची घर पर अकेले बचते थे। चाची गोरे रंग की और पतले दुबले शरीर की थी। उन्होंने अपनी बॉडी को अच्छा मेनटेन कर रखा था। इसलिए काफी आकर्षक लगती थी, और कभी कभी तो मेरी निगाहें भी उन पर टिक जाती थी और चुपके से उनको तड़ लिया करता था। चाची अपने चुलबुले स्वभाव के कारण मुझे तंग करती रहती, और मैं उनकी हरकतों को इग्नोर कर देता था,

पर जब कभी उनक शरीर मेरे तन से टकरा जाता तो मेरे शरीर में सनसनी सी मचा देता। एक बार मैं दोपहर में चाची से बातें करते करते उनके बेड पर ही सो गया और जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरे बगल में चाची सो रही थी और उनके कूल्हें मेरे कूल्हों से सटे हुए थे। मैं तुरंत उठकर उनके कमरे से बाहर चला गया, पर मेरे विचारों में उथल पुथल होना शुरू हो गया। इसके बाद मैं धीरे धीरे चाची की शरारतों को समझने लगा। उनका मेरी ओर रूझान बढ़ रहा था और अब मैंने भी उनकी आँखों को पढ़ना शुरू कर दिया, जिनमें एक अधूरापन झलकता था। शायद चाची, चाचा से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थी। अब मैं समझ चुका था कि चाची मुझसे कुछ उम्मीदें लगा रही है, और मेरी तरफ से भी पहल का इंतजार कर रही थीं।

अब मैंने भी चाची के साथ करीबी बनाना शुरू कर दिया। और मौका मिलते ही हम दोनों में नजदीकियाँ आने लगी। पर मेरा दिल अभी भी अन्दर से कमजोर पड़ रहा था, लेकिन चाची अपनी सेक्सी अदायें दिखाकर मेरे ठंडे पड़े अरमानों को जगा देती थी। इसी क्रम में एक दिन चाची ने अचानक पीछे से आकर मेरे गाल पर किस कर दिया और मेरे कुछ समझने से पहले ही तेजी से अपने कमरे की ओर भाग गयी। यह चाची की ओर से मुझे पहला किस था जिसका स्वाद मुझे बहुत ही मीठा अहसास दे गया। इसके बाद मैंने भी हिम्मत जुटाकर सबकी नजरें बचाते हुए चाची के आस पास रहकर शरारतें करना शुरू कर दिया। अब दोनों ही एक दूसरे के करीब आने का मौका खोजने लगे। इसी बीच एक दिन पिता जी, माँ और चाचा को जमीन के बटवारे के लिए गाँव जाने के लिए फोन आया। अब मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था और मैं उनके गाँव जाने का इंतजार करने लगा। अगले दिन शाम को 5 बजे की ट्रेन से तीनों लोग गाँव के लिए रवाना हो गये। इस बीच मेरे और चाची दोनों के ही मन में लड्डू फूट रहे थे और रात होने का इंतजार करने लगे।

रात को करीब 8 बजे हम दोनों ने एक साथ खाना खाया। इसके बाद चाची अपने रूम में शावर लेने चली गयी। मैं भी अपने कमरे में आराम करने लगा, मैं हाफ पैंट और बनियान में था और चाची के ही बारे सोच रहा था। कुछ देर बाद मैं अपने को रोक न पाया और खुद ही चाची के रूम में चला गया। चाची बाथरूम में ही थी और मैं जाकर उनके बेड पर बैठ गया। इतने में चाची बाथरूम से बाहर निकली। उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने ऊपर ब्रा नहीं पहनी थी। मुझे देखकर वह मुस्कुराते हुए आईने के सामने खड़े होकर खुद को निहारने लगी। उन्हें इस तरह देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा। मैंने भी तुरंत बेड से उतर कर चाची को पीछे से बाहों में भर लिया, और इसके बार उनकी गर्दन को अपनी जीभ से चाटने लगा। मैंने दोनों हाथों से उनके गुदगुदे, नरम नरम बूब्स को दबाने लगा और निप्पलों को जोर जोर से मसलने लगा। ऐसा करते ही चाची बेचैन होने लगी।

इसके बाद मैंने अपने एक हाथ से उनकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया क्योंकि चाची ने पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी। मैं उनके जोश को जगाने के लिये चूत में दो उंगलियाँ डालकर उसे तेजी से कुरेदने लगा। इसी बीच मेरा लंड उनकी गांड से रगड़ रहा था। फिर मैं चाची को अपनी ओर घुमाकर उनके होठों पर किस करने लगा। इस तरह मैं उनको चूमता हुआ कमर तक पहुँचा और फिर उनकी चूत पर आकर रूक गया। मैं चाची की रसभरी चूत को रगड़ रगड़ कर चाटने लगा और उनके चूत के पानी का मजा लेने लगा और इसी के साथ चाची की आह आई के आवाजें भी पूरे कमरे में गूँजने लगी। अब चाची से भी सब्र न हुआ और उन्होंने मेरी पैंट उतार कर मेरे लंड को अपने हाथों में जकड़ लिया और बोली कि तुम्हारा लंड तो चाचा से भी बड़ा है, इससे चुदने में मजा आ जायेगा, इतना कहते हुए उसको मुँह में डालकर चूसने लगी। मैं भी लंड चुसाई का मजा लेने लगा। थोड़ी देर बाद चाची ने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाला और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी और बोली कि आज मेरी ऐसी चुदाई करो कि मैं कभी न भूलूं।

इतना कहते ही उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत में थोड़ा सा अंदर कर लिया, फिर मैंने भी झटका मारकर पूरा लंड चाची की टाइट चूत में डाल दिया। और चाची जोर जोर से आवाजे भरने लगी। पहले कुछ देर मैंने चाची को हवा में उठाकर चोदा, फिर उनको अपनी जांघों पर रखकर चोदा और एक दूसरे को किस करते रहे और चाची ने अपने नाखून मेरी पीठ में घुसा दिये और मुझे कसकर अपनी छाती से लगाये रहीं। मैं करीब 20 मिनट तक बिना रूके चाची को चोदता रहा और दोनों ही पोजीशन में भरपूर चुदाई का मजा लिया। और फिर चाची की चूत में ही झड़ गया। इसके बाद मैंने पूरी रात कई पोजीशनों में जमकर चुदाई की। और अपनी चाची की चूत की आग ठंडी की।
हां तो दोस्तों, यह थी मेरी सच्ची सेक्स स्टोरी। इसे पढ़कर ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और शेयर करें। धन्यवाद।

पड़ोस वाली भाभी की चुदाई

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Padosh Wali Bhabhi Ki Chudai :

हैलो दोस्तों मेरा नाम अमन है। मैं साउथ दिल्ली में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहता हंू। दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूं। हां तो मैं मकान के तीसरे फ्लोर पर रहता हंू, दूसरे फ्लोर पर एक नया शादीशुदा जोड़ा रहता है। लड़के की उम्र करीब 28 साल और लड़की की उम्र यही कोई 25 साल होगी। इसलिये मैं उनको भैया और भाभी बोलता था।

मेरे हसमुख स्वभाव के कारण दोनो परिवारों के बीच अच्छे संबंध हो गए थे और अक्सर एक दूसरे के यहां आना जाना शुरू हो गया। भाभी ग्रेजुएट थी, इसलिये मैं उनसे स्टडी टिप्स लेने जाना शुरू कर दिया। लेकिन दोस्तों उनके 36-24-36 फिगर को देखकर उन्हे ऊपर से लेकर नीचे तक देखे बिना रहा नहीं जाता था। उनके चुस्त सलवार कमीज से गजब का उभार लिए उनका अध ढके गोरे बूब्स और मस्त टाईट गांड मेरे सेक्स अरमानों में हलचल सी मचाने लगते थे। उनके कुर्ते से दिखती ब्रा मेरी आखों को ठंडक तो देती थी और साथ ही मेरे जिस्म में सनसनी सी मचा देती थी। मेरी उन हरकतों पर भाभी ध्यान तो देती थी पर न जाने क्यों हलकी सी मुस्कराहट के साथ नजरअंदाज कर देती थी। धीरे धीरे मेरे और भाभी के बीच बातचीत का सिलसिला बढ़ने लगा और अब भईया के जाने के बाद भाभी मुझे टाइमपास करने के लिए अक्सर बुलाने लगी और इसके साथ ही मेरी कामुक इच्छाओ का तालाब धीरे धीरे सागर बनता जा रहा था। फिर मैने सेक्सी बातें करना शुरू कर दिया, पहले तो उन्होंने कोई रिसपांस नहीं दिया लेकिन बाद में भाभी ने मजा लेना शुरू कर दिया।

एक दिन मैंने उन्हें हल्के गुलाबी सलवार कमीज में देखकर कहा भाभी आज तो आप बहुत गजब की लग रही हो, मन कर रहा है कि आपको बाहों में भर कर एक जोर का किस कर लंू। पहले तो वो एकदम अवाक रह गयी फिर थोड़ा रूककर बोली कि अगर इतना ही मन है तो आज तुम्हारे पास चांस है क्योंकि आज भईया दिल्ली से बाहर गये है। फिर क्या था मुझे भाभी का मन पढ़ने में जरा भी समय न लगा, और मैने भाभी को पूरी तरह बाहों में भर लिया जोर से उनके होठों को चूमने लगा। अब हम दोनों एक दूसरे के शरीर की गर्मी अच्छे से महसूस कर रहे थे। करीब 5 मिनट तक किस करने के बाद मैंने भाभी के नरम नरम बूब्स दबाने शुरू कर दिये और इसी के साथ भाभी का मचलना शुरू हो गया। अब बिना इंतजार किये मैने उनका कुर्ता उतार दिया और सफेद ब्रा में लिपटे गोरे गोरे मम्मों को चूसने लगा और धीरे से उनकी ब्रा का हुक खोलकर उसे हटा दिया और उनके सख्त सफेद मम्मों को पके आम की तरह चूसना शुरू कर दिया।

भाभी के निप्पल इतने टाइट थे कि चूसने का मजा दुगुना कर रहे थे। अब मैं कभी उनको किस करता तो कभी उनके मम्मों को चूसता। फिर धीरे से मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और गोरी, मुलायम टांगों के बीच लाल पेंटी में छिपी चूत को निहारने लगा, फिर जल्द ही मैंने उनकी लाल पेंटी उतार दी जो पूरी तरह से उनकी चूत के पानी से गीली हो चुकी थी, भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था फिर मैं उनकी चूत को उंगली से धीरे धीरे सहलाने लगा फिर जैसे ही मैंने उनकी चूत के दाने को मसलना शुरू किया भाभी की सिसकियां निकलने लगी। भाभी का पानी निकल चुका था और वह एक बार झड़ चुकी थी इसके बाद भाभी ने खुद अपनी ब्रा और मेरी शर्ट और पैन्ट उतारी। अब हम दोनो पूरी तरह से नंगे थे, इसके बाद मैंने चूत चाटना शुरू किया, दोंस्तों यह मेरा चूत चाटने का फस्र्ट टाइम था और मैंने इसे खूब एंज्वाय किया जिसमें भाभी मेरा भरपूर साथ दे रही थी।

अब बारी थी मेरे लंड की, मेरे करीब 7 इंच लंबे, मोटे और तने लंड को देखकर भाभी से न रहा गया और उसे दोनो हाथों से कस कर पकड़ते हुए बोली कि तुम्हारा लंड तो भईया से भी बड़ा है, फिर मैंने भी कह दिया कि कुछ कमाल तुम भी तो करो और मेरा इशारा समझते ही भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से लंड चूसने लगी, और मुझे एक अनोखा अहसास मिलने लगा। फिर मैंै भी जोर से झटके देने लगा और भाभी का पूरा साथ दिया, करीब 5 मिनट तक चूसने के बाद भाभी ने मेरा लंड अपने मुह से निकाला। अब जो मेरा लंड पूरी तरह से गीला हो चुका था मैने उसको भाभी की गीली चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और इसी के साथ भाभी की आहें निकलने लगी। और भाभी बोली कि अमन अब जल्दी से मुझे चोद डालो अपने मोटे करारे लंड से मेरी फड़कती चूत की गर्मी शांत कर दो पर मै अपनी पहली चूत चुदाई को पूरा एंज्वाय करना चाहता था इसलिये मै भाभी के चूत के दाने के साथ अपने लंड से खेलने लगा। इसी के साथ भाभी की जोश अपने चरम पर पहंुच गया था। भाभी ने फिर से कहा कि मुझसे रहा नहीं जा रहा प्लीज अमन अब तो मेरी चुदाई करो।

इस बार मैंने उनकी बात मान ली और तने अपने लंड को भाभी की गुलगुली चूत में हलके झटके के साथ डाल दिया और चूत में जाते ही मेरा लंड का टोपा पूरा हट गया और मुझे थोड़े दर्द का अहसास हुआ लेकिन यह दर्द मेरी उस खुशी को दुगना कर रहा था जो मुझे पहली बार किसी की चूत चोदने पर मिल रही थी। इसके बाद मैने एक तेज झटका देकर पूरा लंड भाभी की चूत मे घुसा दिया और उनके मुंह से जोर की चीख निकल गई। फिर मैंने झटके तेज कर दिए और भाभी की आवाजें बदलने लगी, और हम दोनों चुदाई का भरपूर मजा ले रहे थे।

मेरा लंड भाभी की टाईट चूत में रगड़ रगड़ कर अपना कमाल दिखा रहा था और भाभी कसकर मुझे अपनी बाहों में भरे हुए थी, काफी देर तक चोदने के बाद जब मेरे झड़ने के साथ मेरा पानी निकलने का समय आया तो मैंने भाभी से पूछा कि पानी कहां निकालूंू तो भाभी ने कहा कि अन्दर ही छोड़ दो। और उनके कहने पर मै भाभी की चूत में ही झड़ गया। और फिर धीरे से अपना लंड भाभी की चूत से निकाल दिया, मेरे लंड पर हल्का खून लगा हुआ था जिसे भाभी ने कपड़े से पोंछ दिया। इस तरह हमने चुदाई का भरपूर मजा लिया।
हां, तो दोस्तों यह मेरी पहली चूत चुदाई की कहानी थी। उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को पसंद आयी होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद।

 

चोद दिया भाभी को

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Chod Diya Bhabhi Ko :

मेरा नाम राहुल  है और में कानपूर का रहने वाला हु.ये बात आज से दो साल पहले की है जब में 12th में था मेरे पड़ोस में एक फॅमिली रहती थी वो लोग 20 साल से वही रहते है. उनके घर में टोटल चार लोग है,भाभी के पति जो जॉब करते है, एक बेटा जो कामचोर है और एक बेटी जों एक दम माल है उसकी सील मैंने ही तोड़ी थी जैसे की उनका लड़का काम चोर था तो मोनिका बहुत सारा काम मुझसे ही करवाती थी. यहाँ तक की अपनी ब्रा और पेंटी भी मेरे साथ ही लेने जाती थी, वो सोचती थी की में बच्चा हु मुझे कुछ नहीं समाज नहीं आता है मगर असलियत में तो में ही उसे चोदने की तयारी में था.

मोनिका हर दिन नहाती थी तो में हर दिन उनकी ब्रा और पेंटी उठा लेता था और उसमे अपना स्पर्म गिरा देता था. ऐसे रोज होने लगा और मुझे पता भी नहीं चला की कब मुझे किसी की आदत लग  गयी, मैंने सोच लिया था की अब मोनिका की चुदाई करके ही रहूँगा कब तक ब्रा और पेंटी में स्पर्म गिरता रहूँगा…

और मोनिका का कोई बिरोध देख कर मेरे को बिस्वास हो गया की यह कुछ न कुछ चाहती है मतलब इसे भी मेरा स्पर्म पसं%

माँ ने गोपाल से चुदवाया

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Maa Ne Gopal Se Chudwaya :

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम शिवा है मेरे माँ शोभा और हमारे नौकर गोपाल की ये कहानी कुछ दो साल पहले की है जब में 18 साल का था मेरे घर में मेरी माँ और में और एक नौकर रहते थे पापा अक्सर घर से बाहर काम पे रहते थे वो मैहिने में एक बार घर आते है और में उनका एकलौता बेटा हु और हमारा घर भी बड़ा है.

मेरी माँ देखने में बहुत सेक्सी है और हमारा नौकर भी हमारे साथ रहता था क्यों की उसका भी फॅमिली गाव में रहते थे वो दिखने में कला है और हटा कटा है उसका लंड भी कुछ कम नही.

रातको माँ अलग कमरे में सोती थी मेरा कमरा भी अलग था और गोपाल ऊपर हॉल में सोता था ऐसे ही रोज जैसे में सोया था रात को अचानक पेशाब जाने के लिए मेरी आँख खुली और में कमरे से बहार आ गया तो मुझे कुछ आवाजे सुने दे रही थी.

में सुनते हुए आगे बड़ा तो माँ के कमरे से कुछ आवाजे आ रही थी हसने की और बाते करने की तो मैंने क्या चल रहा है देखने के लिए माँ के दरवाजे के ऊपर वाली छेद से अन्दर देखा तो देखा की माँ बेड पे बैठी थी और हमारा नौकर गोपाल भी उनके साथ बेड पे बैठके बाते कर रहे थे में देखने लगा की यह क्या हो रहा है और ये इतनी रात को तिन बजे माँ के कमरे में डोर  लॉक करके क्या बात कर रहे है.

थोड़ी देर बाद गोपाल ने माँ को किस किया में ये सब साफ साफ देख रहा था क्यों की रूम की लाइट ऑन थी मैंने देखा वो माँ के लिप्स पर किस कर रहा था और माँ भी साथ दे रही  थी.

फिर उसने माँ के गर्दन पे किस किया थोड़ी देर बाद वो माँ के कपडे के अन्दर हाथ दल कर उसके बूब्स को दबाने लगा और देखते देखते नाईटी उतर दी मेरी माँ अब बस ब्लैक  ब्रा और पेंटी में थी क्या कयामत लग रही थी. मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अपने पेंट में हाथ दाल दिया और लंड को सहलाने लगा थोड़ी देर बाद वो दोनो एक दुसरे से लिपट गये और जोर जोर से एक दुसरे को किस कर रह इथे और कमरे से आवाज आ रही थी किस करने की छ्हह्प्प्प छ्प्पप्प्प .

ये आवाज इतनी सेक्सी थी की मेरा माल बहार निकल गया फिर वो दोनो एक दुसरे से लिपट कर किस करने लगे फिर माँ ने गोपाल के कपडे उतर दिए वो सिर्फ अपनी अंडरवियर में था.

फिर उसने माँ की ब्रा को ऊपर कर दिया और उनके बूब्स को चूसने लगे और जोर से दबाने भी लगा और माँ वो सब एन्जॉय कर रही थी आँखे बंद करके. तभी गोपाल एक हाथ से बूब्स को दबा रह अता और एक हाथ से माँ की चूत में हाथ दाल कर ऊँगली को अन्दर बहार कर रहा था.और माँ के चूत में अपना मुह को दाल कर चूसने लगा.

थोड़ी देर तक ये सब चला फिर माँ ने अपना हतः गोपाल के चड्डी में दाल दिया और उसका लंड जी खड़ा था वो सहलाने लगी हिलाने लगी और कुछ देर बाद अपनी चड्डी निकल दी अब दोनो नंगे  थे, थोड़ी देर बाद माँ निचे झूकी और गोपाल का लंड अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी कुछ देर बाद गोपाल ने माँ को खड़ा किया और बेड पर घोड़ी बनने को कहा माँ घोड़ी बन गयी और उसने अपना लंड अन्दर दाल डाल दिया वो भी एक ही झटके में और वो माँ के लटके हुए बूब्स को पकड़ के मसल रहा था कभी माँ के बाल पकड़ के चोदता है और गली बक रहा था.

आह्ह्ह्ह आह्ह्ह मेरी रंडी कितनी मस्त है साली बहुत सेक्सी है और बिच में माँ के गांड पे झापड़ मारता माँ कहती चोद अपने रंडी को ..

ऐसे ही एक दुसरे को गाली देते. गोपाल ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और माँ के चूत में झड गया तब दोनो  झड गया तब दोनो शांत होके बेड पे नंगे ही लेते रहे फिर वैसे ही सो गये और में वह खड़े हिला हिलाके अपना माल पेंट दाल के अपने रूम में जा कर सो गया.

दुसरे दिन जब दोनो को देखा तो दोनो बड़े खुश थे हसी मजाक कर रहे थे और वो नौकर होक भी कभी काम नही करता था सिर्फ किचन में जाके खड़ा रहता था और माँ की गांड पे मरता था.

 

नौकरानी का बुर

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Naukrani Ka Boor :

है फ्रेंड्स मेरा नाम विकाश है, मेरी उम्र 30 साल है और मेरी वाइफ की उम्र 27साल, वैसे तो मेरी वाइफ बेहद खुबसूरत है लेकिन मर्द होना भी आशन नही.

में हमेशा दूसरी लड़कियों और औरतों पर नजर रखता हु और जब मौका मिल जाये, जम कर चुदायी करता हु, मैंने अपने सिक्यूरिटी  गार्ड से कहा की उसे घर भेज देना में बात करूँगा. अगले दिन सुबह मेरी डोर बेल बजी, जैसे मैंने दरवाजा खोला, नौकरानी अपनी दरवाजे पर कड़ी थी, दिखने में ठीक ठाक थी.

रंग सांवला, दुबली पतली थी, बूब्स भी ज्यादा बड़े नही थे उसने एक ब्लैक साडी पहनी थी, मैंने पुचा तो मालूम हुआ की उसका नाम सलमा है. मैंने कहा बहुत खुबसूरत नाम है, मैंने पुचा वो कौन से गाँव से है और उसकी शाद्दी कब हुई.

कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा और में धीरे धीरे सलमा के करीब आने लगा.

एक दिन में बैठा टीवी देख रहा था तभी सलमा पोचा करने लगी, जब वो झुकती और पोचा करती तो उसका ब्लाउज लूस होने के कारन मुझे उसके बूब्स नजर आते थे, सलमा को मेरी नज़र का पता नही था लेकिन पोचा करते करते वो मेरे करीब पहुच गयी थी, में सोफे पर बैठा था और मेरे पैर निचे फर्श पर थे.

वो फर्श पर कपडे से पोचा करते करते मेरे पैरो के पास पहुची और पैर हटाने को बोला, जैसे ही उसने मेरी तरफ देखा, वो समाज गयी मेरी नज़र कहा है, सलमा ने पोचा लगाया और धीरे धीरे से आगे बढ़ते हुए मेरी तरफ अपनी पीठ कर ली.

मुझे सलमा को छोड़ने की इतनी ज्यादा खवाइश थी की मेरी नज़र उसके मखमली सरीर से हट ही नही रही थी. मेरे मनन में सिर्फ सलमा की चुचे दिख रहे थे में  चाह रहा था की सलमा को जल्दी से चोदु मेरा मन बिलकुल भी नही मान रहा था एक दिन मुझे मौका मिला और  में घर अकेला था वो काम पे आई और अपना काम स्टार्ट कर दिया वो फिर से पोचा लगाने लगी तो में उसे देखता ही रहा और फिर वो बाथरूम साफ करने गयी जैसे ही वो अन्दर गयी में धीरे धीर वही जा रहा था.

और वो बाथरूम साफ कर रही थी में नहाने लगा और वो बोली साहब थोडा सरुक जाइये तो मैंने अपना शर्ट उतरा और पेंट भी उतरा वो कुछ नही बोल रही थी मैंने अपना लंड बहार निकला जिसे वो देखती ही रह गयी और कड़ी रही तब मैंने धीरे से बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया और उसके पास जा कर बोला में तुमसे बहुत प्यार करता हु मैंने उसे कास कर पकड़ लिया और किस करने लगा वो कुछ नही बोल रही थी  वो भी मुझे किस कर रही थी.

हम दोनो किस करते करते नहाने लगे वो भीग चुकी थी तो मैंने धीरे धीरे उसके सारी को उतरना सुरु किया और देखते ही देखते मैंने उसकी सारी उतार दी और उसके बूब्स अन्दर ही थे अब मैंने उसे भी खोल दिया और उसके बूब्स को आजाद कर दिया मैंने कहा में तुम्हे रोज चोदना चाहता हु तो उसने कहा साहब मेरे पति रात को ड्यूटी पर रहते है तो आप रात को घर पर आ जाया करना हम दोनो सेक्स करेंगे फिर मैंने देर न करते हुए उसकी चड्डी उतारी और उसके चूत को देख कर तो जैसे मेरा लंड बेताब हो गया पूरा खड़ा हो ह्या था

वो मेरे लंड को देख कर बहुत डर गयी थी ,एरा लंड सच में बहुत बड़ा था पर उसे भी मेरा लंड लेने का बहुत मन कर रहा था तो मैंने अपनी ऊँगली उसके चूत में घुसना सुरु किया और हिलाता रहा वो सिसक रही थी और उसके मुह से आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह आह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह जैसी आवाजे बहार आ रही थी .

अब मैंने उसे उठा के बेड पर ले गया और में भी पूरा नंगा हो गया था,  मैंने उसे कुते की तरह खड़ा किया और अपना लंड का निशाना उसके गांड में लगा दिया और हलकी सी तेल लगा कर उसके गांड में धुका रहा था पर अछे से धुक नही रहा था तब मैंने  उसके गांड में भी थोडा सा तेल लगाया और लंड को फिर से उसकी गांड में दाल दिया अब पूरा लंड तेज़ी से उसके गांड में पूरा अन्दर तक चला गया था उसकी आवाजे बहुत बड गयी थी वो चिल्ला रही थी छोड़ दो मुझे निकालो इसे बहार मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

पर मैंने कुछ नही सुना और लगातार उसके गांड में अपना लंड पलता रहा कुछ देर बाद उसके गांड में से खून निकल आया मैंने उसे कुछ नही बताया और चोदता ही रहा अब मैंने उसे सीधा लेता दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा.

और अपना लंड उसकी चूत में रखा और उसके ऊपर लेट गया तो मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक चला गया मैंने उसे किस भी किया और किस करते करते लंड को अन्दर बहार करता रहा वो मुझे कस कर पकड़ ली थी, और में उसे चोदता ही रहा और कह रही थी की और कास के करो फाड़ दो मेरी चूत  पूरा घुसो मेरी चूत में.

मैंने ये सुन कर बहुत ही कस कस के चोदना सुरु कर दिया मैंने उसके चूत को इतना चोदा की पूरा खून ही खून  कर दिया  फिर  वो झड़ने लगी  में भी जड़ गया , और हम दोनो नहाने के लिए बाथरूम में चले गये  हम दोनो साथ में नहा रहे थे हम नहाते नहाते भी सेक्स करने लगे मैंने नहाते वक़्त उसके बूब्स को दबा दिया और किस भी कर रा था बहुत माँ आ रहा था जब ऊपर से पानी गिर रहा था और हम दोनो  किस करते करते सेक्स भी कर रहे थे तो मैंने फिर से अपना लंड उस के चूत में डाल के घुसाने लगा और हम नहाते रहे.

उसके बाद में रोज उसके घर जाता और उसके साथ सेक्स कर अपनी और उसकी प्यास मिटाता.

पड़ोसन के साथ चुदाई

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Padosan Ke Sath Chudai :

है दोस्तों मेरा नाम रतन है, मैंने ज़िन्दगी मई इतनी चुदाई की है के अब तो जिस दिन चूत न मरू वो दिन जीवन में जैसे था ही नहीं में बहुत छोटी उम्र में ही पड़ोशन अमृता जो 21 साल की थी मुझे बताया के सेक्स क्या हिया तब मेरी लूली उया करती है.

जिसे वो चुस्ती थी और मेरा हाथ अपनी चूत में डाली मुझे भी अहिस्ता अहिस्ता समाज आने लगा के ये क्या मजा लेती है, में भी अब उसके बूब्स चूसता  और उसके कहने पर काटता भी था. वो मुझ से अपनी चूत भी चतवती  थी, पहले बहुत बुरा लगता था फिर में भी मजा लेने लगा और अब में बड़ा भी हो रहा था तो हम सब फॅमिली दुसरे सेहर शिफ्ट हो गये.

तब में 12th का स्टूडेंट था मैंने एक स्कूल में अपना एडमिशन करवाया सब बोर चल रहा था जब टीचर तनु नही आई थी उसको देख के मुझे हमेशा झटका लगता था वो बिलकुल प्रियंका चोप्रा लगती थी.

वो बायो पढाती थी तो में जन बूझ कर उलटे सवाल पूछता था, वो नया स्कूल था तो जादा स्टूडेंट नही थे मेरी क्लास में सिर्फ एक ही और लड़का था, में टीचर से बहुत फ्री होता था कभी टच भी करता था उसकी आँखों में भी मुझे वासना कभी कभी नजर आती थी. एक  दिन मैंने मिस से पूछा आपकी मुनिया का नंबर है, सब के सामने वो बहुत सोक हुई और मुझे कहा ये कैसा सवाल है, तो मैंने अपनी मुनिया शर्ट निकल के दिखाई तो वो हस पड़ी और कहा बाद में बतौंगी अभी पढो.

में पड़ी में बिजी हो गया, एक दिन मेरी क्लास का वो एक लड़का नही आया था में क्लास में अकेला था मिस के आते ही में उनके पास चला गे और कहा आज तो उदय बी नही आया है मुझे नही पढना. तो मिस बोली तो क्या प्रोग्राम है, मेने कहा कुछ खेलते है, वो मन करने लगी तो मैंने उससे पुचा आप मुझे उठा सकती हो मिस ने कहा क्यूँ नही वो मेरे पास आई और उठाने की कोशिस की पर न उटाह सकी मगर कोसिस करते सामने से उसके बूब्स मेरे पेट पर छाती पर खूब रगड़े जिससे मुझे तो मजा आ गया.

मुझे मिस को भी ऐसे ही मजा देना था मिस की ब्रा की स्तरप मुझे दिकती तो मैंने पूछा मिस ये क्या है, तो मिस ने कहा ये मेरी बनिया है, मैंने कहा ये कैशे नाजन बन्ने का नाटक कर रहा था जिससे वो भी समाज रही थी.

तो मिस ने कहा लेडीज की बनियान नही होती ब्रा होती है, मेने पूछा वो कैसी होती है, तो मिस ने कहा जाओ बहार देख के आओ कोई आ तो नही रहा, में देखने जा रहा था  और ख़ुशी से पागल हुआ जा रहा था.

बहार कोई नही था सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर हमारी एक ही क्लास थी में भाग के वापस आया और का कोई नही है तो मिस मिस ने कहा ये सब हम दोनो तक रहना चाहिए, मैंने यकीं दिलाया की ये बात हु  दोनो में ही रहेगी.  जब मिस ने अपनी ज़िप खोली तो मुझे नजर आई वो दूध जैसी गोरी कमर और ब्लैक ब्रा, मिस ने आगे से कमीज को पकड़ रखा था और बोली देखा ये होती है ब्रा, मैंने अगला तीर चलाया और बोला ये तो एक पति सी है, तो मिस ने मुझे कहा ये बात कभी किसी को भी मत बोलना तो सब दिखौंगी, में मान गया तो उसने आगे से भी कमीज  गिरा दी.

तो मिजे नजर आये वो बड़े बड़े बूब्स जिनको सोच सोच के मेरा दिमाग और लंड थक गये थे तो मैंने कहा मिस अप्प इस तरह कोम्फोर्ताब्ले रहती हो, तो मिस ने कहा अगर न पहने तो ये बहुत हिलते है, मैंने कहा मिस मेरे तो नही हिलते में आपके हिला के देख सकता हु ?

मिस ने कहा बस एक बार, तो मैंने उनको ब्रा के ऊपर से छु लिया, क्या मुलायम थे मेरा दिल किया के इनको काट के खा जाऊ मेरे करते ही आँखे लाल होने लगी. मैंने भी मौका देख के चौका मरने का सोचा और मिस से कहा क्या में इनको बिना ब्रा के देख लू छु लू, तो मिस ने कहा एक बार जल्दी से देख लो में ब्रा उतरूंगी नही वरना कोई आ गया तो बदनामी होगी.

तो मुझे लगा मिस बस डर रही थी वरना दिल उसका मुझ से भी ज्यादा है, मैंने बोला में चेक करके आता हु, तो मैं निचे गया जहा सब अपनी अपनी क्लास मई बिजी है.

में वापस आया और आके बोला दरो नही कोई नही आएगा मैंने खुद उनकी ब्रा की हुक खोली और उनके बूब्स को आजाद किया यार में तो दांग रह गया पिंक निप्पल और इतने बड़े मगर टाइट भी कमल के ज़रा नही लटके हुए थे.

मैंने उनके हाथो में लिया और दबाने लगा, मिस  के सामने चिर के निचे बैठा उनको मुह के सामने रख कर दबा रहा था, तभी मिस ने मेरा सिर अपनी छाती पर लगा दिया और में भी पागल कुते की तरह टूट पड़ा चूस चूस के लाल लार दिए मिस को कोई होश नही था जय हो रहा है वो तो बस हांफ रही थी.

फिर मैंने मिस की गोद में सर रखा और उनकी चूत को सुंगने लगा मिस भी बात समझ गयी और पैर थोड़ी खोल दी, में कमीज उठा के सलवार के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा, मिस तो जैसे मरने वाली हो गयी और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी मिस की सलवार और पेंटी मैंने एक दम आगे से खिची और मुह अन्दर ले गया और चूसने लगा.

मगर सलवार नही उतारी, मिस दो बार झड चुकी थी के मेरी नजर दरवाजे पर गयी जहा मिस मंजीत खड़ी अपना मुह खोले हमें देख रही थी, वो कब आई हमे होश ही कहा था मगर एक बात अजीब थी, उसका हाथ मेरे देखने के बाद भी चूत पर था,

प्रोफ़ेसर की चुदाई

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Professor Ki Chudai :

हे दोस्तों में प्रिंस हु. ये कहानी तब की है जब में मेडिकल कॉलेज कॉलेज के फाइनल इयर में था और वह से ट्रान्सफर कर अपने सहर लुधियाना में रह था.  मेरी क्लास की एन्नातोमी की प्रोफेसर शिल्पा एक दम सुन्दर और स्मार्ट थी जिसकी निगाहे बहुत ही कातिलाना थी. हम चार दोस्त थे जिसमे तीन  लड़के और एक लड़की रुपाली थी. और हम मेम के कौसे को बहुत अछे से पड़ते थे.

एक दिन की बात है मेरा मूड एडल्ट मूवी देखने को किया जो की ठेअतुरे में लगी थी इस लिए में चल  पड़ा पर रस्ते में प्रोफेसरे शिल्पा जी का फ़ोन आया और उन्होंने मुझे हॉस्पिटल आने को कहा. मेरे पास मेम का पहली बार फ़ोन आया जो को में चाहता था की उनसे मेरी बात सुरु हो जाये और तभी मैंने भी हॉस्पिटल का नाम सुन कर वह आने के लिए हां कह दिया.

वह पहुच कर मैंने देखा की उनकी मम्मी वह एडमिट थी और उनके साथ कोई नही है, इस लिए उनका ख्याल रखने के लिए मुझे वह बुलाया है.

शिल्पा-  प्रिंस तुझे कोई प्रॉब्लम तो नही होगी?

में- नही. में तो चाहता ही था की मेम के करीब आऊ यह तो चौका लग गया और में बहुत खुश था.

शिल्पा मेम ने मुझसे पुचा की तुम्हे कोई और काम तो मही था ?

मैंने तब उन्हें बता दिया की में मूवी देखने जा रहा था और हॉस्पिटल का नाम सुनते जी आ गया तो इसमें कोई काम नही था जी ये तो मेरा फ़र्ज़ है.

शिल्पा मेम- मुझे अच लगा एक डॉक्टर मर यही क्वालिटी होनी चाहिए.

शिल्पा मेम- तुमने डीनर कर लिया ?

में- नही मेम हॉस्टल जा कर करूँगा क्योंकि किसी को नही पता की में यहाँ आया हु.

तब उन्होंने मुझसे एक साथ डिनर करने को कहा और ये भी कहा की अगर हॉस्टल जाना ज्यादा जरुरी नही है तो तुम मेरे साथ रुक कर इनका ख्याल रख सकते हो. तब मैंने उनकी बात मान ली और वाही रुक गया और उनके साथ डिनर करने लग गया.

डिनर करने के बाद हम थोडा घूम रहे थे, शिल्पा मेम अन्दर सोफे पर अकेली बैठी हुई थी और डॉक्टर को कह दिया था की जरुरत होगी बुला लुंगी मेम अकेली थी तो में उनके पास जा कर बैठ गया.

मेरा लंड खड़ा था और जीन्स टाइट हो चुका था शिल्पा मेम भी मुझे बड़े धयान से देख रही थी और मेरे लंड को भी.

शिल्पा मेम- अगर युम्हे मुझे ठीक करना हो तो कैसे करोगे ?

मेम ने अब मुझे कुरता पैजामा दिया और खुद भी अपने ले कर वाशरूम चली गयी.

में अभी चंगे कर रहा था की मेम आ गयी और मुझे नंगा देख कर मुस्कुरा रही थी, अब मेम बहार आई और अपने कपडे बहार रह्क कर फिर से वाशरूम में चली गयी और तब मुझे लगा की वो टॉयलेट सीट पर है.

शिल्पा मेम ने मुझे आवाज लगे और में भी ये सोच कर की अब तो मेरे लंड उनकी चूत में घुसेगा इस लिए फटाफट अन्दर चल गया और मेम को नंगा देख कर पागल होने लगा.

शिल्पा मेम- आओ  प्रिंस मेरे पास आओ और मेरे चूत को साबुन लगा कर अछे से साफ़ करो. क्या हुआ कोई प्रॉब्लम तो नही ?

में- नही मेम बस घबराहट है और दर भी है की कहीं मम्मी न उठ जाये.

मेम में तो कब से चाहता था की आपकी चूत मिले पर कभी ये नही सोचा था की मुझे ऐसे मोका मिलेगा.

शिल्पा मेम- हां वो तो है क्यों की में भी अपनी चूत तुम्हारे लंड से चुदवाना छाती थी और आज मौका मिला है तू मेरी चूत अछे से छोड़ डालो.

मैंने मेम को बाथरूम में गोद में उठाया और बहार सोफे पर लेता दिया, उनकी टंगे खोल कर अपना मुह उनकी चूत में रख कर जीब से चाटने लगा, और चुने लगा मुझसे सोफे पर उनकी चूत अछे से नही चूसा जा रहा था इसलिए मैंने उन्हें बेड पर लेटाया और उनके ऊपर आ कर लेट गया और उनके बूब्स को चूसने लगा मेम भी अब मधोस हो गयी थी.

मेम मेरा लंड मुह में ले कर चूसने लगी और मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और फिर मैंने अपना लंड पर हल्का सा थूक लगाया और थोडा सा उनकी चूत में और अपना लंड उनकी चूत में रख कर घुसाने लगा जैसे ही मेरा लंड मेम की चूत में गया वो मरने लगी उनके मुह से आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह

आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आने लगी कुछ देर बाद उन्हें मजा आने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी वो मुझ से उचल उचल कर चुदवा रही थी में लगातार मेम को चोदता रहा मेम जैसे पागल हो रही थी जैसे बहुत प्यासी थी.

मैंने उन्हें उल्टा लेटाया फिर उनके गांड को देखा क्या गांड थी मेरे तो होश ही उड़ गये एस लग रहा था की जल्दी से छोड़ कर फाड़ दू तब मैंने देर न करते हुय जल्दी से अपना लंड मेम की गांड में पेल दिया मेम रोंर लगी मैंने पहले धीर धीर किया और थोड़ी देर में जोर जर से कैने लगा और मेरे लंड ने वाइट पानी छोड़ दिया. और हम रत भर वही एक साथ सोये रहे.


सेक्स का अनोखा अनुभव

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Sex Ka Anokha Anubhav :

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यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है, हेल्लो दोस्तों मेरा नाम चन्दन है और मै बलिया जिले से हूँ, मै फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज का रेगुलर पाठक हूँ और मुझे ये साईट बहुत पसंद है, तो अब मै आपलोगों का ज्यादा टाइम न लेते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ, यह कहानी आज से लगभग ५ साल पुरानी है|

उस समय हमारे मोहल्ले में एक नए अंकल आंटी आये हुए थे, आंटी दिखने में एकदम माधुरी की तरह थी, मै पहले दिन से ही उनको चोदने का प्लान बनाने लगा, उस समय लंड हर समय चूत चोदने के लिए बेताब ही रहता था, अब वो आआआहह, आआहहाहह कर रही थी और में उन्हें चूसे ही जा रहा था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी साड़ी हटाकर उसको चड्डी में ही कर दिया।

मुझे तेरे लंड से चुदवाने में आज बहुत मज़ा आएगा। फिर मैंने कहा कि यह 9 इंच का है, तब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।

और वो मेरे लंड को देखते ही बोली कि इतना लंबा तो तेरे दोस्त का भी नहीं है, मुझे तेरे लंड से चुदवाने में आज बहुत मज़ा आएगा। फिर मैंने कहा कि यह 9 इंच का है, तब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी।

अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। फिर तभी मैंने एक ज़ोर से धक्का लगाकर मेरे लंड को 7 इंच तक उसकी चूत में घुसा दिया। फिर वो अचानक से चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वो बोली कि आज फाड़ डाल मेरी चूत को, वो तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है।

फिर वो कुछ नहीं बोली। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ गयी और शांत पड़ गयी। फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया।

लेकिन मेरा पानी तो अभी भी नहीं निकला था तो मैंने अपनी गति थोड़ी और बढ़ा दी और अपनी पूरी गति से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है, कहाँ निकालूं? तब वो बोली कि मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ दो।

और उसके बाद वो मुझे बाथरूम में ले गयी और मेरे लंड को साबुन से अच्छे से साफ किया। फिर उसने मुझसे पूछा कि मज़ा आया तो मैंने कहा कि बहुत मज़ा आया। फिर वो बोली कि तुम्हारा लंड तो अभी भी टाईट है, क्यों? तो मैंने कहा कि ये अभी भी भूखा सा लगता है।

अब मैंने अपना लंड उनके मुहं से निकाला और उनकी चूत को चाटने लगा, उनके चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था, अब मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी, अब मैंने आंटी को अलग अलग पोजीशन से खूब चोदा, उस दिन हमलोगों ने करीब ३ बार चुदाई की|

मै ब्रा के ऊपर से ही उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनकी पैंटी निकाल दी और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा, उन्होंने मेरा सारा कपड़ा अपने हाथों से निकाल दिया और मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड, लंड न होकर केला हो|

अब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था और अब में थोड़ा डर गया था, लेकिन मुझे मज़ा भी आ रहा था, क्योंकि मैंने पहली बार उनकी त्वचा को छुआ था,

लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई, क्योंकि सभी वहाँ बैठे हुए थे और में नहीं जानता था कि उनको अच्छा लगेगा या बुरा। फिर कुछ देर के बाद उन्होंने मेरा एक हाथ अपनी कमर पर रख दिया, लेकिन मैंने अपना हाथ सरका लिया। अब मेरा हाथ उनकी चूत पर था और अब में बहुत गर्म हो गया था और उनकी चूत ढूँढने लगा था, लेकिन उनकी साड़ी की वजह से नहीं ढूँढ पा रहा था।

फिर मैंने धीरे-धीरे अपने पैर से उनके पैर को टच करना शुरू किया, उउउफफफफफ्फ़ क्या चीज़ थी मेरी मामी? में आपको नहीं बता सकता। अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। फिर में अपना पैर धीरे-धीरे उनके घुटनों तक ले आया, उफ़ क्या मखमली स्पर्श था? अब हम दोनों एक दूसरे को पैर से सहलाने लगे थे। फिर ये सिलसिला चलता रहा,

धन्यवाद….

एक हसीना की ज़बरदस्त चुदाई

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Ek Haseena Ki Zabardast Chudai :

मेरा नाम अमन है मेरी लाइफ बहुत अच्छी चल रही थी पर मेरी एक कमजोरी थी. में गुजरात में जॉब करता हु ये कहानी तब की है जब जब में एक प्राइवेट स्चोल्ल में टीचर की जॉब करता था.

चलो दोस्तों अब में अपनी कहानी शुरू करता हु में जिस स्कूल में टीचर की जॉब करता था उस स्कूल में एक चप्रशन थी उसका नाम रानी था उसकी उम्र भी लगभग मेरे जितनी ही थी उसका रंग थोडा सावला था पर वो बहुत सेक्सी थी उसके बूब्स एक दम टाइट थे जिसे देख कर उसे छोड़ने को दिल करता था.

पर मैंने उसके बारे में कभी ऐसा नही सोचा था उसकी और मेरी बहुत बनती थी वो मुझे अपनी सारी बातें शेयर करती थी उसने मुझे वो भी बताया था जो की कोई भी औरत किसी को नही बताती.

रानी ने कहा- सिर जी मेरी साडी को तिन साल हो गये है पर अभी तक मुझे कोई बचचा नही हुआ.

मैंने कहा- क्यूँ क्या हुआ तुम अपने और हुसबंद का टेस्ट करवा लो.

रानी बोली- नही सिर जी ऐसे कोई बात नही है दरशल मेरे मर्द के अन्दर दम ही नही है बचचा पैदा करने की में आप को अपना सच्च दोस्त मानती हु इस लिए आप से अपने दिल की बात शेयर की.

मैंने कहा-  देखो रानी तुम किसी खास दोस्त या ऐसे आदमी से सेक्स करो जिस पे तुम्हे पूरा बिस्वास है और तुम्हारी घर की बात घर में ही रह जाये

फिर कोई वह आ गया और हमारी बात वही रुक गयी कुछ दिन बीत गये रानिसे कोई ऐसी वैसी बात नही हुई.

एक दिन हमने स्कूल की छुटी जल्दी कर दी क्यों की मौसम ख़राब होने वाला था इस लिए. और स्कूल सारा खली हो गया मैंने सोचा अब में भी घर चला जाता हु पर मैंने देखा की मेरे अलावा रानी भी स्कूल में है.

मैंने उस से कहा- क्या बात है आज अपने घर नही जाना ?

उसने कहा- सिर जी इतना रोमांटिक मौसम हो रहा है में घर जा कर क्या करुँगी, इतने में जो से बदल गरजा और रानी मेरे सिने से लिपट गयी और डर के मरे सहम गयी.

मैंने उसे अलग करने ककी कोसिस की पर वो मुझसे चिपकी रही और बोली- सर जी मुझे आपके बाँहों में ऐसे  ही रहने दो बहुत अच लग रहा है.

मैंने कहा- रानी कोई आ जाएगा ऐसे अच नही लगता, फिर वो मुझसे अलग हुई मुझे क्लास रूम में ले गयी और बोला सीए देखो मेरी आँखों में..

ये कह कर उसने मुझसे किस करना शुरू किया, मुझसे इसकी उम्मीद नही थी पर ये हो रहा था अच् था, फिर मैंने भी मौका का फायदा उठाया.

रानी को कास कर पकड़ लिया उसे किस करने लगा, वो किस में आज तक भूल नही पाया हु.उस किस ने मेर लंड खड़ा कर दिया  था.

अब मेरे हाथ रानी के बूब्स के तरफ बढ़ रहे थे और बहर से दबाने लगा, इतने में रानी ने एक हाथ से मेरे पेंट को खोल दिया जो निचे गिर गयी, फे उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.

मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था अब रानी निचे बैठ गयी और मेरा लंड देख कर बोली आज पहली बार इतना बड़ा लंड देखा है और उसे मुह में ले कर चूस ने लगी.

रानी लंड को चुशी जा रही थी और वो लंड को पूरा अपने गले के अन्दर तक ले जा रही थी जिससे मेरा लंड ज्यादा देर तक नही टिक पाया.और जवाब दे दिया मेरा सारा माल उसके मुह में ही निकल गया. और उसने सारा माल चाट गयी अब मैंने उसके सरे कपडे उतर दिए और सबसे पहले उसके बूब्स को चूसा क्या कमल के बूब्स थे.

फिर मैंने उसे टेबल पर लेता दिया और में निचे बैठ कर उसकी चूत के पास चला गया और ऐसा लग रहा था की वो मुझे बुला रही हो.

मैंने देर न करते हुए उसकी चूत के लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और उसकी चूत को चुसना सुरु कर दिया. रानी भी अपने चूत को बड़े मजे से चुसवा रही थी.

अब में खड़ा हुआ और अपना लंड उसकी चूत में रख कर और एक जोरदार झटका मारा, चूत के माल की वजह से चूत पूरी गीली थी इस लिए एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में चला गया रानी ने बहुत जोर से चिलाया आआह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह  मर गयी आज तो में ऐसी ही बोलती रही.

ये सुन कर मेरा जोश और भी बढ़ गया आयर जोर जोर से चूत मारने  लगा थोड़ी देर बाद रानी भी अपनी गांड उठा कर मेरे झटको का जवाब दे रही थी  इतने में हम दोनो का पानी बहार आ गया हम दोनो कुछ देर तक एक दुसरे के ऊपर ही सोये रहे और फिर उठ कर कपडे पहन कर रेडी हो गये और हम फिर रोज सेक्स करते थे एक दिन पता चला रानी माँ बन गयी है में बहुत खुश था क्यों की ये मेरा पहला बच्चा था .

दोस्त की गर्लफ्रेंड ने अपनी चूत मुझसे चुदवाई

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Dost Ki Girlfriend Ne Apni Choot Mujhse Chudwai :

हैलो दोस्तों! मेरा नाम रितिक है, और मैं 24 साल का हूँ। मैं लुधियाना शहर में रहता हूँ। दोस्तों आज इस वेबसाइट पर यह मेरी पहली कहानी है। मैं आज आपको जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ उसमें मैने अपने एक खास दोस्त की चूत चुदाई की। आप को ज्यादा बोर न करते हुये मैं सीधे मेन टाॅपिक पर आता हूँ।

तो दोस्तों बात ऐसी है कि मेरा एक करीबी दोस्त था रोनित। हम दोनों काॅलेज से ही फ्रेंड थे। साथ में घूमा फिरा करते थे, और खूब पार्टियां एंज्वाय किया करते थे। उसकी एक गर्लफ्रेंड भी थी और वह माडर्न टाइप थी इसलिये वह भी हमारे साथ फुल एंज्वाय करती थी। उसका नाम नैन्सी था और रंग गोरा। पतली चिकनी कमर और सुडौल बूब्स और फुल मांस भरा पिछवाड़ा था। वह मिनी ड्रेस में एकदम माॅडल सी लगती थी और कोई भी पहली ही नजर में उसका दिवाना हो सकता था। उसे और रोनित को मिले करीब दो महीने ही हुये थे, पर वह जल्द ही हमारे साथ पूरी तरह घुल मिल गई थी। उस समय मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी,

इस कारण कभी कभी उसको देखकर मेरे अरमान भी मचल उठते थे। और उसकी ब्यूटी और सेक्सी फिगर मुझे उसकी ओर आकर्षित करती थी, और मन ही मन उसकी चूत मारने के बारे सोचता रहता पर अपने अंदर उठे वासना के तूफान को यह सोचकर शांत कर लेता कि वह मेरे बेस्ट फ्रेंड का माल है। और इस तरह हम तीनों के मस्ती भरे दिन बीत रहे थे। एक दिन हम तीनों अपने एक दोस्त की शादी अटेंड करने गये। मैं टेबल के पास खड़ा था और नैन्सी मेरे पीछे कुर्सी पर बैठी थी और रोनित हमारे लिये ड्रिंक लेने गया था। उसी समय दुल्हन की एंट्री हुयी तो सभी स्टेज की ओर जाने लगे। अचानक मुझे किसी का धक्का लगा और मैं लड़खड़ाकर नैन्सी की ओर गिरा और मेरे हाथ उसके बूब्स पर जा रूके और मुझे उनके दबने का अहसास हुआ तो मैंने उससे साॅरी बोला लेकिन वह यह कहकर हंस दी कि कोई बात नहीं, तुम्हारे ही तो है। उस दिन तो मुझे यह बात समझ में नहीं आई पर कुछ दिन बाद मैंने नैन्सी को नोटिस किया कि वह रोनित की गैर मौजुदगी में मुझे रिझानें की कोशिश कर रही थी। मुझे यह समझने में जरा भी देर न लगी कि वह मुझसे नजदीकियां बना रही थी।

अब तो यह सोचकर मेरे मन में लड्डू फूट रहे क्योंकि वह तो वैसे भी गजब का माल थी और मैं तो शुरू से ही उसको चोदना चाहता था। इसलिये मैंने भी जैसा चल रही था वैसे ही चलने दिया और जल्द ही हम दोनों के बीच सबकुछ साफ होने लगा और इस तरह हम दोनों करीब आने को मौका ढूंढने लगे, और जी भर कर मजे करना चाहते थे। पर ज्यादातर रोनित हमारे साथ होता था इस कारण सही मौका न मिलने की वजह से दोनों ही तड़प रहे थे। लेकिन कुछ दिनों के बाद हमें यह मौका मिल गया। हुआ ऐसा कि एक दिन नैन्सी को किसी फ्रेंड की पार्टी के लिये चंडीगढ़ जाना था। और रोनित मुझे लेने घर आया पर मैंने न जाने का नाटक किया, लेकिन वह न माना और हम तीनों उसकी कार से सफर करके चंडीगढ़ पहुंच गये, और पूरे रास्ते खूब मस्ती की। वहां पहुंच कर हमने थोड़ा रेस्ट किया और रात तैयार होकर हम पार्टी एंज्वाय करने के लिये वहां पहुंच गये। फिर हमनें थोड़ी स्नैक्स और ड्रिंक ली। पर उस दिन रोनित ने ज्यादा पी ली और फुल टल्ली हो गया,

और हम दोनों भी हल्के नशे के सुरूर में थे। लेकिन कुछ देर बाद रोनित नशे में चूर हो गया तो पार्टी छोड़कर मैं और नैन्सी उसे लेकर अपने रूम में आ गये और बेड पर सुला दिया। मैं समझ गया था कि हमारे पास मौका हैं क्योंकि उसका सुबह तक उठने का कोई चांस नहीं था। फिर नैन्सी कपड़े चेंज करने दूसरे रूम में चली गयी और मैं भी फ्रेश होने के लिये बाथरूम में चला गया। मैं कपड़े उतार कर टाॅवेल पहने अपना मुंह धुल ही रहा था, कि किसी ने डोर नाॅक किया। जब मैंने डोर खोला तो सामने नाइटी पहने नैन्सी खड़ी और मेरे कुछ समझने से पहले ही मुझे धक्का देकर अंदर आ गयी और डोर लाॅक कर दिया। फिर मेरे नजदीक आकर मेरे होठों पर टूट पड़ी और मुझे बेतहासा किस करने लगी। पहले तो मैं साॅक्ड रह गया पर फिर किस में उसका साथ देने लगा और मन में उसकी इस हरकत पर खुश था।

और हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे को चूमते रहे। अब नैन्सी के शरीर की सनसनाहट बढ़ रही थी और मेरा लंड सख्त होकर अपना आकार बढ़ाने लगा। मेरा भी जोश बढ़ने लगा और फिर मैंने उसकी नाइटी उतार दी और ब्रा उतार कर उसके मम्में का रस पीने लगा और टागों के बीच हाथ डालकर उसकी चूत सहलाने लगा। इसी बीच मेरी टाॅवेल खुलकर गिर गई और मेरा 9 इंच मोटा और टाईट लंड उसकी आंखों के सामने था। जिसे देखते ही वह बोली कि यह तो रोनित से भी बड़ा है, तो मैंने कहा कि मैं रोनित नहीं हूँ। और इतना कह कर मैंने अपने लंड को एक ही बार में पूरा उसके मुंह में गले तक ठूस कर आगे पीछे करने लगा तो उसकी आंखें बड़ी हो गयी और वह चूसने लगी और अपने हाथ से अपनी चूत रगड़ती जा रही थी। थोड़ी देर बाद मुंह से लंड निकाल कर खड़ी हुई और अपनी गीली पैंटी उतार दी। मैं उसकी गुलाबी, गीली चूत देखकर पागल हो गया। और कमोड पर बैठ कर उसे अपनी जांघों पर बैठा लिया और उसकी टांगों को फैला कर अपने खड़े मोटे लंड को उसकी चूत में डालकर झटके देते हुये उसे चोदने लगा। वह भी सिसकियां लेते हुये मजे लेने लगी।

मैंने स्पीड बढ़ा दी और उसकी आहहह आइइइइ उहहह भी तेज होने लगी। और मैं करीब 20 मिनट तक उसे कमोड पर बैठकर चोदता रहा। और उसके उछलते मम्मों को चूसता रहा। और बीच बीच में उसको किस करता रहा। फिर उसी की चूत में झड़ गया और लंड बाहर कर लिया। नैन्सी शावर खोलकर अपने बदन को भिगोने लगी। और दूसरी तरफ मेरा लंड उसे नहाता देख फिर से खड़ा हो गया। और मैंने पीछे से जाकर अपना लंड उसकी चूत डालकर चुदाई का दूसरा राउंड वही खड़े हो कर किया। और इस तरह मैंने नैन्सी को पूरी रात चार बार चोदा और खूब मजे किये और सुबह होने से पहले अलग हो कर अपने अपने कमरों में जाकर सो गये।

और इस तरह आखिर मैंने नैन्सी को चोद ही डाला। तो फ्रेंड्स यह थी मेरी पहली पोर्न स्टोरी और जल्द ही अगली के साथ फिर मिलेगें और मेरी स्टोरी पढ़ने के लिये आपको बहुत सारा थैंक्स।

सुनीता की चुदाई

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Sunita Ki Chudai :

दोस्तों आज मै आपके सामने अपनी एक सच्ची घटना रखना चाहता हूं , मेरा नाम लव गुर्जर है मै कैथल अर्बन एसटेट मे रहता हुं।
यह कहानी मेरी पडोसन आंटी सुनीता की है
अब कहानी पे आता हू

हमारे पडोस मे घर के सामने एक आंटी है , उनका एक बेटा एक बेटी है जो कालेज मे पढते है
आंटी की उमर चालिस के आस पास है ।
आंटी के लंबे सिलकी बाल है , मै शुरू से ही लंबे बालो का दीवाना था अक्सर बस और रेल मे भीड का फायदा उठाकर लेडिस के बालो मे हाथ घुमाता था और खुशबू फील करता था

सुनीता आंटी का घर हमारे घर के सामने था और मेरा रुम छत पर था जब भी आंटी अपने बाल धोती तो वो उनको सुखाने के लिये उनकी छत पर आ जाती थी ,मै उन्हे अपने रुम की खिडकी से छुप कर देखता था और मुठ मारता था

वो छत पर आकर बालो को तोलिये से पोछ रही थी उनके लंबे बालो से पानी टपक रहा था तभी वो छत पर निचे बैठ गयी और धुप मे जुलफो को सूखा रही थी , मै मन ही मन सोच रहा था के आखिर कब वो दिन आयेगा जब मै आंटी के बालो से खेलूगा

तभी आंटी अपने बालो मे कंघी करने लगी और कंघी करके कंघी मे फसे बालो को निचे गली मे फेक दिया मै झट से निचे गया और उनके बालो को उठा लाया उनके बालो को सूंघा और अपने लोडे पर रगडने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था

फिर एसे ही दो साल निकल गये ,मै दिल्ली जाब करने चला गया

मै दिल्ली से कैथल आया मेरे मामा के लडके की शादी थी सब घर वाले शादी मे जाने की तैयारी कर रहे थे मै भी तैयार था लेकिन उस दिन मुझे शादी के लिये कपडे लेने थे , मै शादी मे अगले दिन जाने वाला था , मेरे पापा मम्मी , भाई सब शादी मे चले गये
मै घर पर अकेला था
तकरीबन शाम के चार बजे हुये थे
तभी डोर बैल बजी मैने दरवाजा खोला तो देखा सामने सुनीता अांटी थी

मैने उनको नमस्ते की उन्होने सलवार कमीज पहन रखी थी और बहुत सुंदर लग रही थी उनका गठीला बदन देखके मेरा दिल मचल रहा था
आंटी अंदर आयी और पुछने लगी के तेरी मम्मी कंहा है ,मैने कह दिया के सब शादी मे गये है
बोलिये कया काम है तो उन्होने कहा कुछ नही

मैने पुछा ऎसे कैसे कुछ तो काम होगा बता दीजिए मै कर दुगा काम तो उनहोने कहा नही काम तुम्हारी मम्मी से था बालों मे तेल लगवाना था कोई बात नही मै खूद लगा लूंगी।
वो वापिस अपने घर जाने लगी सुनहरा मॊका मेरे हाथ से जा रहा था ,मैने थोडा सोचा और आंटी को अावाज लगायी और कहा आंटी आप मेरे लिये चाय बना दीजिए तो उन्होने कहा ठीक है आंटी किचन मे गयी उनके बाल खुले थे भीगे हुये उनसे पानी टपक कर सलवार भीगी हुई थी ,दिल कर रहा था बस अभी पकड लू उनको लेकिन ये सब इतना आसान नही होता ,मै डर रहा था डर के मारे लंड भी नही खडा हो रहा था

तभी आंटी दो कप मे चाय ले आयी और हमारे बैड पर आगे बैठ गयी हम दोनो चाय पी रहे थे। आंटी ने मुझसे पुछा नौकरी कैसी चल रही है मैने कहा सब अच्छा है मै शर्मा रहा था

अांटी ने बैठे बैठे चाय का कप नीचे रखा और अपने बालो मे हाथ फेरने लगी मैने पंखा चला दिया
आंटी को कहा के अब सुखा लो अब जल्दी सूख जायेगे आंटी ने मुझे समाईल दी , सारा कमरा बालो की खुशबू से महक रहा था, मैने आंटी से को कहा के बडी अच्छी खुशबू है ,वो बोली हा शैम्पू की खुशबू है
मैने डरते डरते आंटी से कहा के ये लो आप कंघी यही बैठके करलो कंघी, उन्होने कहा ठीक है और वो कंघी करने लगी मेरे मन का सैतान जाग रहा था मैने अपनी चाय खत्म कर दी और आंटी चाय पी रही था मैने आंटी से कहा आप चाय पी लीजिए वरना ठंडी हो जायेगी। अापके बालो मे कंघी मै कर देता हू

मेरे माथे से पसीना आ रहा था लेकिन आंटी ने कहा ठीक है और वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके बैठ गयी मै हैरान था के आज मेरा सपना पूरा होगा जिन बालों का मै दिवाना था , आज वो बाल मेरे हाथों मे थे
मैने झट से कंघी ली और उनके बालो मे डाल दी उनहोने कहा जरा आराम से दर्द मत करना मैने कहा ठीक है उनके बालो हाथ मे लेके देखा बहुत मजा आ रहा था जैसे सवर्ग मे हूं , कंघी करते करते उनके बाल मेरी टांगो पे आ रहे थे ,मै खुशबू से पागल हुआ जा रहा था
मुझे पता ही नही चला कब मै आंटी के बहुत करीब पहुच गया मैने अपनी टांगे फैला ली और उनकी गांड से सट गया आंटी आराम से बैठी थी
मैने बालो मे अपना चेहरा डाल लिया उसी टाईम आंटी ने देख लिया मै डर गया
लेकिन अांटी ने कुछ नही कहा आंटी के बाल सहलाने से उनको भी बहुत मजा आ रहा होगा और वो थोडा और पिछे की तरफ हो गयी मेरा लोडा उनके चूतडो से बिल्कुल चिपक गया मैने उनसे कहा के आपके बाल बहुत सिलकी है क्या मै इनको चूम सकता हूं उन्होने कहा चूम लो लेकिन जल्दी करो मुझे घर जाना है तेरे अंकल आने वाले है मै उनको बालो को चुमने चाटने लगा उनको भी मजा अा रहा था , आंटी मेरी तरफ देखकर बोली के बस करो अब इतना प्यार करते हो कया मेरे बालों से, मैने उनको देखा और कहा हा मै आपको और अापके बाल दोनो का दिवाना हू

आंटी गुस्सा हुई बोली के ये क्या कह रहा है मै तुम्से बहुत बडी हूं सोच समझ कर बोलो और वो उठने लगी दरवाजे की तरफ जाने लगी मैने पिछे से उनको जोर की जफ्फी डाल ली उनकी पीठ को चूमने लगा उनहोने कहा नही ये ठीक नही है
कोई देख लेगा हमारी बदनामी होगी मैने कहा आज मेरे घर कोई नही है , हम किसी को नही बतायेंगे मैने उनको बांहो मे भर लिया वो मेरा साथ देने लगी मै उनके लंबे बालो से खेलने लगा
उनके मोटे चूतडो को दबाने लगा उनकी सांस तेज चलने लगी तभी मैने उनके गाल चूमने शुरु कर दिये
उन्होने मेरे होठ अपने होठों मे ले लिये और मेरी जीभ को चूसने लगी मैने भी उनका सारा थूक पी लिया उनकी जीभ को खाने लगा सांसों से सांस टकरा रही थी ,उनका थूक बहुत मिट्ठा था जैसे शहद हो
मै पांच मिनट तक होठों को चाटता रहा

फीर मैने उनको बैड पे लिटा दिया उनकी गर्दन को चुमने लगा उनके चु्चे बडे बडे दिख रहे थे मैने उनका सूट निकाल दिया और उनके टाईट चूचो का दूध पीने लगा इस उमर मे भी उनके बूबस बहुत प्यारे थे बहुत गोरे थे, हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये मै उनकी नंगी गांड को देखता ही रह गया उनका फिगर और गांड के उपर लंबे बाल देखकर पागल हुआ जा रहा था वो मेरे उपर आयी और अपने बालो को मेरे सिने पे रख दिया मुझे गुदगुदी होने लगी उनहोने मेरे लोडे को अपने बालो मे छुपा लिया मै मजे से पागल हुआ जा रहा था ,उनके कोमल बालो का एहसास मेरे लंड को और मजबूत बना रहा था, उनका थोडा पेट निकला हुआ था लेकिन चूतड विशाल थे मै उनके हिप्स को चाटने लगा वो गांड को हिलाने लगी

कहने लगी आज टाईम नही है तेरे अंकल आने वाले है इतना प्यार फेर कर लेना वो डर रही थी कल को तुम शादी से जल्दी आ जाना फिर जितना मरजी चूम लेना

अभी जल्दी करो मैने तभी उनको घोडी बनाया और उनकी प्यारी चूत मे लंड डालने लगा उनको ज्यादा दर्द नही हो रहा था उनकी चूत इतनी टाइट नही थी लोडा झट से अंदर चला गया मैने उनके बालो को पकडा और लोडे को अंदर बाहर करने लगा हम दोनो को बोहत मजा आ रहा था ,उनहोने मुझसे आई लव यू कहा और गांड आगे पिछे करने लगी मै उनके बडे स्तन को दबाने लगा और लगभग आठ मिनट बाद मैने अपना वीर्य निकाल दिया ,विर्य चूत के अंदर जाते ही शरीर चर्म सीमा पर था
हम दोनो बाहो मे बाहे डालकर लेट गये एक दुसरे को चुमने चाटने लगे सांसों की खुशबू लेने लगे
मैने आंटी को कहा जान मै तुमसे बहुत प्यार करता है और एसे ही करता रहूगा उन्होने ने कहा के मैने आज पहली बार किसी दूसरे इंसान से सैक्स किया है प्लीज मेरी इज्जत रखना ,कभी किसी को मत बताना मैने उनको कहा आई लव यू अब तुम मेरी हो सुनीता फीकर मत करो जोर के गले से लगा लिया

मै उनको सूट सलवार पहनाने लगा उनके बालो का जुडा बना दिया उनहोने मुझे टी सर्ट पहना दी हम दोनो एसे ही पांच मिनट लेटे रहे
अंधेरा हो गया था वो अपने घर चली गयी
उसके बाद मै बहुत बार उनको चोदता हूं वो भी मुझे बहुत प्यार करती है उनके बालो से खेलता हू ब मेरी शादी हो गयी है लेकिन मेरी पत्नी के बाल उनके बालो की तरह रेशमी नही है उनके बालो मे सोने का मजा बस उनके बालो मे ही है
उनके बाद मैने किसी और महिला से सेक्स नही किया बस मेरी पत्नी और सुनीता आंटी मै बस उन दोनो को चाहता हूं कोई भी कैथल की आंटी भाभी मुझसे मिलने की कोशिश ना करे

इंग्लिश वाली मैडम की चुदाई

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English Wali Madam Ki Chudai :

है  दोस्तों में राजस्थान से हु मेरा नाम हरीश है, में इंजिनियर हु, मेरा फेस चिकना हे में ज्यादा मासूम सा दीखता था कुछ दिन कॉलेज में ऐसे ही गुजर गये, फिर हमे कम्युनिकेशन सब्जेक्ट पढाने एक मामा आई उनका नाम अंजलि था वो थोड़ी मोती थी, में हिंदी मध्यम  का स्टूडेंट था इस लिए इंग्लिश मेरा वीक था. जब  मेम पढाती  तो मेरी और उनकी आखे चार हो जाती थी वो भी मुझे देखती और में भी उन्हें देखता वो शायद मुझे इंटेलीजेंट समजती हती, जब एग्जाम हुआ तो में उनके सब्जेक्ट में फ़ैल हो गया और मैथ में टॉप किया मैंने, जो मेरी मैथ की टीचर थी वो उनकी फ्रेंड थी, रिजल्ट आने के बाद मेम ने मुझे केबिन में बुलाया.

में-  में आई कम इन मेम.

अंजलि मेम- एस कम इन, तुमसे ये एक्स्पेक्ट नही किया था मैंने, मैंने ये भी सुना है की तुम मैथ्स तोपेर हो बाकि सब्जेक्ट्स में भी मार्क्स अच्छे है तुम्हारे.

में- एस मेम.

मेम- तो मेरे सब्जेक्ट में क्या हुआ तुम्हे, मेरा पद्य हुआ कुछ समाज न आ रहा हो या कुछ भी प्रॉब्लम है तो बताओ लेकिन में चाहती हु मैथ्स की तरह मेरे सब्जेक्ट में तुम ही टॉप करो.

में- मेम कोशिश करूँगा की ऐसा हो.

मेम- कोशिस नहीं मुझे फाइनल में रिजल्ट चाहिए.

में- मेम मेरी इंग्लिश कमजोर है और मुझे ये सब्जेक्ट को टाइम देने की जरुरत है.

मेम- लंच में फ्री होती हु आ जाया करो मेरे पास अगर तुम नही आये तो.

इंटरनल बेक पक्की तुम्हारी.

में- जरुर आऊंगा मेम.

कुछ टाइम में उनके पास जाता रहा जब वो मुझे कुछ बता रही थी तो उनके पलु गिरे हुए थे मेरी नजर बार बार उधर ही जा रही थी. मेमे ने मुझे ये सब देखते हुए देख लिया, मुझे लगा मेम से डांट खाऊंगा और मेरी इंटरनल बेक पक्की  लेकिन जो उनका रिप्लाई था उस से में चोक गया.

मेम- ये सब बाद में पहले तुम्हारी पड़ी है, फिर कुछ दिनों तक हम ऐसे ही पड़ते रहे फाइनल से एक दिन पहले में रोल नो लेने गया रोल नो उनके पास ही था.

जल्दी आ गये सब अपना रोल नंबर ले जा चुके है एक तुम ही जिसका रोल नंबर मेरे पास है.

में- सॉरी मेम.

फिर मे केबिन में गया और रोल नंबर ले रहा था तो मेम बोली.

मेम- में कॉलेज छोड़ रही हु.

में- क्या मे मेम, प्लीज नही चोदना.

मेम- यहाँ कोन्दितिओन्स कलश हो रही है.

में- मेम मेरा क्या होगा आपके बिना इस कॉलेज में चार साल रहना मुस्किल हो है.

मेम- क्यों लेकिन मुझ में ऐसा क्या है.

में- बिकॉज़ आई लव यू.

मैंने कह तो दिया था लेकिन ये अज्जेब था मुझसे सहन्न्ही हो रहा था की मेम कॉलेज चुद रही है.

मेम- ऐसा कैसे में मैरिड हु.

में- तो मैरिड से प्यार नही हो सकता.

अब कुछ देर की ख़ामोशी छा गयी फिर जैसे ही मेम ने रोल नंबर मुझे दिया.

मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और मेरी आँखों से अनसु बहाने लगे मेम मेरे कर्रेब आई और मुझे समझने लगी लेकिन मेरे आंसू जैसे रुकने का नाम ही नही ले रही थी, फिर मेम ने मुझे गले से लगा लिया था फिर मेम ने कुछ न सोचते हुए मुझे किस किया.  किस कर के हम किसी भी उदास इंसान को नार्मल कर सकते है उसके बाद जो हमारे जिस्मो के ऊपर तूफान उठा वो सब कुछ होने के बाद ही ठंडा हुआ, फिर मेम को गरम करने के लिए मैंने तुरंत मेम के गले पर किस करने लगा में किस कर रहा था  और मेम बोल रही थी

मेम- ये सब गलत होगा बेटा, में शादी शुदा हु.

उनकी बातो को इगनोरे करते हुए गरम कर रहा था क्योंकि मुझे पता था एक बार मेम गरम हुई तो बिना चुदे मुझे नही छोड़ेंगी . में मेम की गर्दन को किस कर रहा था और मेरे हाथ मेम के पेट पर बड़े आराम से घूम रहे थे मेम ने भी बोलना बंद कर दिया था फिर मैंने मेम का टॉप उतरा बिलकुल सफ़ेद रंग था और ऊपर से वाइट ब्रा में केद मेम के बूब्स क्या बताऊ यारो बस में ही उस वक़्त अपनी कंडीशन को समाज सकता हु  इतने में मेरे लंड ने अपने औकात पे आना सुरु कर दिया.

मैंने वक़्त की नजकात को समझा और मेम की ब्रा उतर दी अब मैंने मेम के बूब्स की बड़े मज़े से चूसने लगा और दबाया फिर फिर मेम को निचे बैठा के अपना कला सा मोटा लम्बा लंड निकला और मेम के बूब्स के बिच में रगड़ रहा था फिर मेम ने मेरे लंड को मुह में ले के चूसने लगी में बोला में झड जाऊंगा फिर भी मेम चुसे जा रही थी उनको कोई फरक नही पद रहा था फिर में झड गया, ऐसा कर के मेम ने अपने लिए दिक्कत कड़ी की थी क्यूँ की दुसरे बार में अपने मन का मालिक होता हु जब चाहुंगा तब झादुंगा.

अब मैंने मेम की जीन्स उतारी और पूरी नंगी कर दिया और पेंटी  भी उतर दी, फिर मैंने मेम को टेबल पर झुकाया और लंड को चूत पर सेट किया और जोर का झटका मारा और लंड आधे से भी ज्यादा अन्दर चला गया मेम की चीख निकल गयी आह्ह्ह  आह्ह्हह्ह,.. मर गयी आराम से सकता क्या.

फिर मेम की आवाजे वही गूंजती रही और में तब तक धक्का मरता रहा जब तक की में थक के चूर न हो जाता फिर में थक चूका था और मेरा लंड पानी भी चो दिया था  फिर हम अपने अपने कपडे पहन कर बहार जा रहे थे तो वह मैथ की टीचर आ रही थी उनको देख कर मेरी तो फट गयी पर मुझे तो कुछ होने वाला नही था पर मेम के बदनामी हो जाती.

मज़ा आ गया

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Maza Aa Gaya :

हेल्लो दोस्तों मै आपका दोस्त दिनेश हाजिर हूँ एक नयी कहानी लेकर, मै ३० साल का एक नौजवान लड़का हूँ और लखनऊ से हूँ और सॉफ्टवेयर का जॉब कर रहा हूँ, मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट ५ फूट ७ इंच की है और मेरा लंड ३ इंच मोटा और ७ इंच लम्बा है|

यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

दोस्तों यह कहानी तब की है जब मै २२ साल का था यानी नया नया जवान हुआ था, मुझे चूत और चूत चुदाई के बारे मे कुछ पता नहीं था, मेरा मन हमेशा चूत चोदने के लिए उतावला होता था लेकिन चूत न मिलने की वजह से मै अकेले में जाकर मुठ मार लेता था, एक दिन की बात है मै कॉलेज गया और अपने क्लास की एक लड़की से लेक्चर की कॉपी मांगी, कॉपी खोलते ही मुझे कुछ ऐसा दिखा जिस से मेरी आँखें शर्म से लाल हो गयी, उसमे एक मस्तराम की एडल्ट मैगज़ीन थी|

मै यह देख के एकदम शॉक हो गया और कॉपी बंद करके एकदम चुपचाप बैठा रहा, तभी मेरे दोस्तों से बाहर आने के लिए कहाँ और मै कॉपी वही पर रखकर बाहर चला गया, लेकिन मेरा दिमाग बार बार उस एडल्ट मैगज़ीन के बारे में सोच रहा था, मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो गया था और मै बाथरूम में चला गया और वहां जाकर मैंने मुठ मार ली, उसके बाद मै वापस क्लास में आ गया|

२ लेक्चर होने के बाद कॉलेज की छुटी हो गयी और मै वापस घर आ गया, घर आकर मै लंच करके सो गया और जब वापस उठा तो मेरा ध्यान फिर से उसी एडल्ट मैगज़ीन की तरफ चला गया,  उस वक़्त मै घर पर अकेले था और मेरा लंड भी टाइट हो रहा था, तभी मेरे घर की डोर बेल बजी और मैंने जाकर दरवाजा खोला तो सामने मेरे पड़ोस की लड़की खड़ी थी, उसका नाम संध्या था और हमदोनो सेम ऐज के थे, वो दिखने में गोरी थी और उसका फिगर ३२-२८-३२ था, मैंने उसे अंदर आने को कहा और वो अं

माँ के संग नंगा मसाज

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Maa Ke Sang Nanga Massage :

Read Hindi Sex Stories :

मैं स्टडी कर रहा था के मुझे मम्मी की आवाज़ अयी। मैं कमरे के बाहर गया तो देखा कि मम्मी फ़र्श पर गिरी पड़ी थी। मैने फ़ौरन जाकर मम्मी को उठाया और पूछा “क्या हुआ””फ़र्श पर पानी पड़ा था, मैने देखा नहीं और गिर गयी””चोट तो नहीं लगी””टांग मुड़ गयी””हल्दी वाला दूध पी लो””नहीं, उसकी ज़रूरत नहीं। बस टांग में दर्द हो रहा है, लगता है नश पे नश चढ़ गयी है””थोड़ी देर लेट जाओ””मुझसे चला नहीं जा रहा, मुझे बस मेरे कमरे तक छोड़ आ””आराम से लेट जाओ और अब कोई काम करने की ज़रूरत नहीं है””हाय रे, टांग हिलाई भी नहीं जा रही””मैं कुछ देर दबा दूं क्या””दबा दे”मैने टांग दबानी शुरू की।

मैं पूरी टांग दबा रहा था, पैर से लेकर जांघ तक”कुछ आराम मिल रहा है?””हां””मेरे ख्याल से तो आप थोड़ा तेल लगा लो, जल्दी आराम मिल जायेगा””कौन सा तेल लगाऊं””वो ही, जो बोडी ओयल मेरे पास है””चल ले आ”मैं अपने कमरे से जाकर तेल ले आया। मम्मी ने अपनी शलवार ऊपर उठा ली लेकिन वो घुटने से ऊपर नहीं उठ पयी। मैने कहा “अगर आपको ऐतराज़ न हो तो मैं ही लगा दूं”इतने में फोन की बेल बजी। फोन पे पापा ने कहा कि वो आज खाना खाने नहीं आयेंगे।”किसका फोन था”” पापा का था कि वो खाना खाने नहीं आ रहे””अच्छा””तेल लगा दूं?””लगा दे”फिर मैने मम्मी के पैर से लेकर घुटने तक तेल लगाना शुरू कर दिया कुछ देर बाद मम्मी बोली “पर दर्द तो मेरे घुटने के ऊपर हो रहा है””एक काम करते हैं।

आप तांग के ऊपर कम्बल कर लो, मैं कम्बल के अन्दर हाथ डाल के आपके जांघ की मालिश कर दूंगा””मैं खुद ही कर लूंगी””मैं एक बार कर देता हूं आपको आराम जल्दी मिल जायेगा””अलमारी से कम्बल निकाल के मेरे ऊपर कर दे”मैने मम्मी के ऊपर कम्बल कर दिया. फिर मैने कम्बल के अन्दर हाथ डाल के मम्मी की शलवार का नाड़ा खोला और शलवार घुटनों के नीचे सरका दी। मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली। मैने मम्मी की जांघ पर तेल लगाना शुरु किया। ऊऊओह। मम्मी की जांघ का अनुभव बहुत ही मादक था।”मम्मी कहां तक लगाऊं तेल””बेटे थोड़ा तेल जांघ पर”मैने मम्मी की जांघ पर अंदर की तरफ़ तेल लगाना शुरु किया तब मम्मी ने अपनी टांगे थोड़ी फ़ैला ली।

मैं तेल मलते हुए कभी कभी अपना हाथ मम्मी की पैंटी और चूत के पास फेरता रहा। मैं कम्बल में खिसक गया और मम्मी की टांगें अपनी कमर की साइद पे रख के तेल लगाता रहा।”मम्मी, अगर आप उलटी लेत जाओ तो मैं पीछे से भी तेल लगा दूंगा””अच्छा””मम्मी शलवार का कोई काम नहीं है, इसे उतार दो””नहीं, खोल के घुटनों तक सरका दे””अच्छा”फिर मम्मी पेट के बल लेत गयीअब मैं मम्मी की दोनो टांगों के बीच में बैठा हुआ था”मम्मी कुछ आराम मिल रहा है””हम्म””मम्मी एक बात बोलूं””हम?””आपकी जांघें सोफ़्टी की तरह मुलायम हैं”मम्मी इस पर कुछ नहीं बोली। मैने तेल मम्मी की हिप्स पर लगाना शुरु कर दिया”मम्मी आपकी हिप्स को छू के …””छू के क्या?””

कुछ नहीं””बता न छू के क्या?””आपके हिप्स को छू के दिल करता है कि इन्हें छूता और मसलता जाऊं। आपकी जांघें और हिप्स बहुत चिकनी हैं। तेल से भी ज़्यादा चिकनी। मम्मी क्या आपकी कमर भी इतनी ही चिकनी है?””तुझे नहीं पता? खुद ही देख ले””मम्मी आप पहले के जैसे पीठ के बल लेट जाओ””ठीक है”फिर मैं मम्मी के पेट और कमर पर हाथ फेरने लगा”बेटे अब मैं बहुत मोटी होती जा रही हूं, है न?””नहीं मम्मी, आप पहले से ज्यादा सेक्सी लगने लगी हो?””क्या लगने लगी हूं?””सेक्सी””बेटे सेक्सी का क्या मतलब होता है?””सेक्सी का मतलब होता है कामुक””सच्ची, मैं तुझे कामुक लगती हूं?””हां, मम्मी मैने आज तक इतनी चिकनी हिप्स नहीं देखी,

क्या मैं आपकी हिप्स पे किस कर सकता हूं?””क्या””प्लीज़ मम्मी, बस एक बार””पर किसी को बताना मत””बिल्कुल नहीं बताऊंगा”मैं मम्मी की हिप्स पे किस करने लगा और जीभ से चाटने भी लगा”बेटे कम्बल निकाल दे”मैंने कम्बल निकाल दिया”मम्मी आपकी हिप्स के सामने तो अमूल बटर भी बेकार है””अच्छा””मम्मी मैं एक बार आपकी धूनी(नाभि) पे किस करना चाहता हूं””नहीं, तूने हिप्स पे कहा था और वो मैंने करने दिया और तूने तो उसे चाटा भी है, अब और नहीं””प्लीज़ मम्मी, जब हिप्स पे कर लिया तो धूनी से क्या फ़र्क पड़ता है?””तो आखिर करना क्या चाहता है?””मैं तो आपकी जांघों को भी चूमना चाहता हूं, आपकी जांघों की शेप किसी को भी ललचा सकती है, आपकी कच्छी(पैंटी) आपकी कमर पे इतनी अच्छी तरह फ़िट हो रही है के मैं बता नहीं सकता, आपकी जांघें देख कर तो मेरे मुँह में पानी आ रहा है,

क्या मैं आपकी जांघों पे भी किस कर सकता हूं?””पता नहीं तूने मुझ में ऐसा क्या देख लिया है, हम दोनो जो भी करेंगे सिर्फ़ आज करेंगे और आज के बाद कभी इसको डिस्कस भी नहीं करेंगे, प्रोमिस?””प्रोमिस….. मम्मी मैं आपकी शलवार निकाल दूं?””हम्मम्मम…निकाल दे”अब मम्मी बिना शलवार के थी। फिर मैं मम्मी की धूनी को चाटने लगा। मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली। फिर मैं मम्मी की जांघों को दबाने, चूमने और चाटने लगा।फिर मैने एक चुम्मा पैंटी के ऊपर से ही मम्मी की चूत का लिया”अह्हह, बेता, ऊउस्सस्सशह्हह्हह्हह..यह क्या..अच्छा लग रहा है””मम्मी मैं आपकी चूत चखना चाहता हूं””क्या चखना चाहता है?””चूत””चूत क्या होती है?””चूम के बताऊं?””बता”मैंने फिर से पैंटी के ऊपर से मम्मी की चूत को चूमा। मम्मी ने कहा “आआह्हह्हह्हह्हह्हह…..ईईएस्सस्सस्सस्सस्सस्स…बेटा मेरी चूत को थोड़ा और चूम””कच्छी के ऊपर से ही?””नहीं, कच्छी निकाल दे”मम्मी के इतना कहने की देर थी कि मैंने कच्छी निकाल दी और मम्मी की चूत को चाटना शुरु कर दिया। मम्मी सिसकने लगी “ईईएस्सशह्हह्हह्ह…आआआह्हह्हह..बेटा।

बहुत आनन्द आ रहा है। मेरी चूत पे तेरी जीभका स्पर्श कमाल का मज़ा दे रहा है” मैं कुछ देर तक मम्मी की चूत चाटता रहा। इतने सब होने के बाद तो मेरा लौड़ा भी तैयार था “मम्मी अब मेरा लौड़ा बेचैन हो रहा है””लौड़ा क्या होता है”मैंने अपना पैंट उतार कर अपना लौड़ा मम्मी के सामने रख दिया और बोला “मम्मी इसे कहते हैं लौड़ा””हाय माँ..तू इतना गंदा कब से बन गया कि अपना यह..क्या नाम बताया तूने इसका””लौड़ा””हां, लौड़ा, की अपना लौड़ा अपनी ही माँ के सामने रख दे””माँ मेरा लौड़ा मेरी माँ की चूत के लिये मचल रहा है””लेकिन बेटे माँ की चूत में उसके अपने बेटे का लौड़ा नहीं घुस सकता””लेकिन क्यों माँ?””क्योंकि यह पाप है””माँ तू क्या है? “”मैं तेरी मा हूं””मेरी माँ होने से पहले तू क्या है””इंसान””और उसके बाद?””एक औरत””बस, सबसे पहले तू एक औरत है और मैं एक मर्द, और एक मर्द का लौड़ा औरत की चूत में नहीं घुसेगा तो कहां घुसेगा””लेकिन….””क्या माँ, जब मैंने तेरी चूत तक चाट ली तो क्या तुझे चोद नहीं सकता””चोद मतलब?””मतलब अपना लौड़ा तेरी चूत में””तू मेरी चूत चाहे कितनी ही चाट ले, मुझे चटवाने में ही मज़ा आ रहा है””माँ चुदाई में जो आनंद है वो और किसी चीज़ में नहीं””तू जानता नहीं मेरी चूत इस वक्त लौड़े की भूखी है।

पर कहीं बच्चा न हो जाये””नहीं माँ, मैं अपना माल तेरी चूत में नहीं गिराऊंगा””प्रोमिस””प्रोमिस””तो अपनी माँ की बेकरार चूत को ठंडा कर दे न, बेटे मेरी चूत की आग बुझा दे न””पहले तू बैठ जा””ले बैठ गयी””अब तु मेरे लौड़े पे बैठ जा”फिर माँ मेरे लौड़े पर बैथ गयी और मैंने धक्के मारने शुरु कर दिये”ऊऊऊऊओ… बेटे …..अह्हह्हह्हह्हह””ओह, ओह, मा तेरी चूत तो टाइट है””ऊऊऊओह्हह्हह्हह….अपने बेटे जे लिये ही रखी है””हां..माँ की चूत बेटे के काम नहीं आयेगी तो किसके काम आयेगी””ऊऊऊओ…मेरा प्यारा बेटा..मेरा अच्छा बेटा..और ज़ोर लगा””ऊह्ह….मेरी माँ कितनी अच्चही है”फिर मैं और मम्मी चुदाई के साथ फ़्रेंच किस भी करते रहे”ऊऊऊऊ माँ मेरा माल निकलने वाला है””मेरा भी””करूं अपने लौड़े को तेरी चूत से अलग?””नहीं..नहीं, प्लीज़, चोदता रह तेरे लौड़े में मेरी चूत की जान है””और तेरी चूत में मेरे लौड़े की जान है””आआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्ह।।।।।।ऊऊऊऊऊऊऊऊ”


कजिन की चुदाई

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Cousin Ki Chudai :

सुबह का टाइम था और हम सब उठे ही थे और फ्रेश हो रहे थे और में मुत्थ मार रहा था टॉयलेट में फिर फ्रेश होक हम सब ब्रेकफास्ट करने बैठे थे की तभी कुछ लोग घर पर आ गये, जो हमारे दूर के रिश्तेदार थे उनका परिचय एक बाप, एक माँ और एक जवान बिन बिहाई बेटी जिसके जिस्म से जवानी का रस टपक रहा था  मई जवान लड़का उसकी जवानी के रस से अपना गला गिला करने के लिए मच्चल रहा था.

मुझे पता चला की ये रिश्ते में मेरे चाचा लगते है और यहाँ पे अपनी लड़की के लिए लड़का देखने आये है.

उस लड़की का नाम था निहारिका उसका नाम सुनके मज़ा आ गया था माँ बाप ने सोच समाज कर उसका नाम निहारिका रखा था बाद में हम सब ने एक साथ ब्रेकफास्ट किया और सब अपने काम में लग गये और में निहारिका के पीछे लग गया वो छत पर अकेली थी.

तो में भी छत पे चला गया उसको निहारने के लिए वो सलवार सूट में गज़ब लग रही थी, मेरा लंड खड़ा हो गया फिर में वही बैठ गया ताकि वो मेरे लंड की हरकत को न देख पाए.

थोड़ी देर बाद वो मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी, कुछ देर बाद वो निचे चली गयी, दोपहर में उसके घर वाले और मेरी माँ जी लड़का देखने के लिए गये एक पार्क में जहा वो लड़के वाले आ रहे थे.

अब में घर में अकेला  गया था तो मैंने उनके जाने के बाद सबसे पहले तो निहारिका को इमेजिन करके अलंद पे सरसों का तेल लगा के मस्त मुठ मरी जैसा की में हमेशा करता था.

दो घंटे बाद वो लोग आ गये तो मुझे बहुत ख़ुशी हुई क्यों की माल भी आ चुकी थी वो लोग खुस लग रहे थे, तो मैंने पुचा की क्या हुआ वहा पे कुछ बात बनी की नही तो उन्होंने बताया हा और फिर मिठाई  खिलाई रिश्ता पक्का होने की ख़ुशी में, फिर खेतो में काम होने की वजह से वो लोग चले गये पर माँ जी ने निहारिका को रोक लिया कुछ दिन के लिए, मेरा दिल तो खिल गया था.

अब रात को खाना खाके सब सोने जा रहे थे, मैंने देखा की निहारिका बिस्तर लेके ऊपर वाले कमरे में जा रही है तो में भी ऊपर पहुच गया और उससे बाते करने लगा.

में- निहारिका जी मुबारक हो.

निहारिका- हा थैंक यू.

में – आप खुश तो हो न, वो लड़का कैसा है,

निहारिका- हा में खुश हु, वो बहुत अच्छा है

इतने में माँ जी ने उसे बुला लिया और वो निचे चलाई गयी और में वही सोने का नाटक करने लग गया.

जब वो आई तो में सोने का नाटक करने लग गया,उसने मुझे उठाना चाह तो में गहरी नींद में होने का नाटक करने लगा आखिर में वो मेरे बगल में ही सो गयी दूसरी तरफ घूम कर उसने अपना गांड मेरी तरफ कर दिया था. थोड़ी देर में मुझे कब नींद आ गयी कुछ पता ही नही चला रात को एक बजे मेरी नींद खुली तो महसूस हुआ की मेरा लंड खड़ा है.

तब मुझे याद आया की मुझे तो अपने काम को अंजाम देना है, मैंने धीरे से एक टांग और एक हाथ उसकी ऊपर रख दी,मैंने अपने हाथ उसके बूब्स के ऊपर रख दिया और उसकी तरफ से कोई रिएक्शन नही आया.

में डर रहा था की कही ये जग न जाये और हिम्मत कर के उसके बूब्स को दबाने लगा फिर में अपने हाथो को उसके चूत के ऊपर ले गया और उसकी चूत को सलवार सूट के ऊपर से दबाने लगा.

कुछ देर बाद मुझे रहा नही गया तो में वहा से उठ के मुठ मारने बाहर आ गया और मुठ मार्के ठंडा होक सो गया सुबह उठा तो देखा की वो मेरी तरफ ही घूरे जा रही है मैंने उससे पूछा क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो तो कहने लगी कुछ नही बस ऐसे ही ये कह के वो चली गयी.

फिर रात को मैंने वैसा ही किया इस बार कोई चुक नही होनी चाहिए बोलके पहे ही जा के सोने का नाटक करने लग गया वो आई उसने आज रात मेरी माँ जी की राखी हुई नाइटी पेहें राखी थी जो उसपे काफी खिल रहा था वो बिना कुछ बोले मेरे बगल में सो गयी में हैरान था की आज इसने मुझे उठाया नही क्यों क्या बात है.

फिर रात को मैंने उसके बूब्स दबाये पहले की तरह और फिर बूब्स को छोड़ कर उसके चूत के पास आ गया और सुर उसकी चूत को रगड़ने लगा थोड़ी देर में ही उसके मुह से ह्म्म्म की आवाजे बदने लगी थी और नाइटी गीली हो गयी थी फिर मैंने धीरे धीरे उसकी नाइटी ऊपर करी उसकी कमर तक.

आज उसने अपनी पेंटी नही पहनी थी मैंने अपनी पूरी ऊँगली उसके चूत में डाल दी थी और आअह्ह्ह्ह आह्ह की आवाज आने लगी तो मैंने देखा की वो जग गयी है मैंने कहा टब जग रही हो वो बोली हां में कब से जग रही हु, में कल से देख रही हु तुम क्या कर रहे हो.

मैंने बोला अब जब सब कुछ पता चल ही गया है तो में भी नंगा हो गया उसके सामने ओसे उसे भी नंगी कर दिया और उसे लेटा कर उसके ऊपर सो गया  और अपने लंड को उसकी चूत में पेल दिया वो आअह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह करने लगी, में चोदता रहा मुझे बहुत मजा आ रहा था अब वो भी मजे लेने लगो हम दोनो चुदाई में मस्त थे उस रात मैंने उसकी चूत को चोद चोद कर फाड़ दिया था उसके चूत से खून गिरने लगा.

और मेरे लंड से वाइट जैसा पानी बहार आ गया जिसे मैंने उसकी चूत में दाल दिया. और  हम दोनो एक साथ लिपट कर सो गये.

मस्त लड़की की चुदाई

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Mast Ladki Ki Chudai :

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम राज है और में अपनी बीवी के साथ गुर्गावं में रहता हु, दोस्तों मैंने आप को पहले ही बताया था की मैं अपनी बीवी के साथ गुर्गावं में रहता था,में अपने दोस्तों के साथ मिल कर कभी किसी लड़की को घर ले आ कर चोदते थे तो  कभी बहार कॉल गर्ल के साथ करते थे. मुझे इसमें बहुत मजा आता था .

पायल मेरे दोस्त को बस में मिली थी जो उसकी साथ वाली सीट में बैठी थी, पायल दिखने में बहुत सुन्दर और दुबली पतली थोड़े बड़ेबड़े बूब्स वाली थी, लम्बा सफ़र था और दोनो ने एक ही जगह जाना था इसलिए वो एक दुसरे के साथ बाते करते हुए आये और अँधेरा होनिं की वजह से मेरे दोस्त ने उसे सही सलामत उसके घर तक छोड़ा और फिर वो अपने घर आ गया.अगले दिन मुझे उसने बताया की बस में मुझे एक लड़की मिली है जिसका नाम पायल है जो की तेरी एक गर्लफ्रेंड जैसी लगती है.

मैंने उसकी ये बात सुनी तो मुझे उसको मिलने की इच्छा होने लगी और मैंने अपने दोस्त को पायल से मिलवाने को कहा और जोड़ करने लगा,फिर वो उसे मिलने बुलाया, उस रात मुझे एक पल भी नींद नहीं आया और मेरा सारा दिमाग उसके खयालो में खो रखा था. सुबह होते ही में और मेरे दोस्त उससे  मिलने जूस कैफ़े चले गए और पायल के आने का इंतज़ार करने लगे.पायल जैसे ही हारे पास आई और हेल्लो की तो मैंने हैंडशेक करते हुए उसे भी जवाब दिया और उसे देखता ही रह गया क्योंकि वो इतनी सुन्दर थी और उसकी शकल बिलकुल मेरी एक्स गिर्ल्ग्रिएन्द से मिलती थी. हम दोनो बाते करने लगे और मस्ती मजाक करते हुए एक दुसरे के नंबर भी ले लिए और फिर हम वहा से निकल पड़े.मैंने उसी दिन घर आ कर उसे फ़ोन किया और फ़ोन पर ढेरो बाते करने के बाद मूवी देखने का प्लान बनाया और उसने भी मेरे साथ चलने के लिए हा कह दिया . हमने मूवी देखि और बर्गर खाया,हम एक दुरे के साथ में इतने घुल गये थे की हमे ऐसा लगने लगा था की हम पिछले जनम से ही एक दुसरे को जानते है फिर मैंने एक दिन उसे घर पर बुलाया.

पायल ने मुझे हा कही और अगले दिन मेरे घर आ गयी.पायल ने घर के बहार खड़े हो कर दूर बेल बजाया तो में दूर खोलने चल गया और दूर खोला तो में पायल को देखता ही रह गया.पायल ने जीन्स और ऊपर सेक्सी टॉप डाली हुई थी कानो में बड़ेबड़े झुमके थे होंठो पर पिंक कलर की लिपस्टिक ये सब देख कर में हेरान रह गया और मेरी आँखे मानो फटी की फटी रह गयी मैंने उसे आने के बारे में पूछा की कोई तकलीफ  तो नहीं हुई तो वो बोली नही आराम से मिल गया आपका पता.

अब मैंने उसे चाय के लिए पुचा पर उसने पिने के लिए मन कर दी, मैंने उसे अब बियर पिने के लिए पूछा तो उसने हा कर दी. अब में बेडरूम में जा कर बियर और स्नैक्स की तयारी की  और पायल के पास जा कर उसे अन्दर आने को कहा ,पायल अन्दर आती और बेड पर एक तरफ हो कर बेठ गयी मैंने बियर खोल कर ड्रिंक ग्लासेज में दाल दी और ड्रिंक ऑफर करी.फिर उसने कहा राज जीन्स बहुत टाइट है ढंग से बैठा नहीं जा रहा.मैंने उसे जीन्स उतरने को कहा पर उसने मना कर दिया फिर मैंने थोड़ी जबरदस्ती के साथ उसकी जीन्स उतरवा दी और वो पिंक पेंटी में मेरे आगे बैठीं.में उसकी चिकनी गोरी गोरी पतली टैंगो को निखरता रहा और अपनी ड्रिंक भी पि गया. हम बाते करते करते एक बोतल पि गए  और में अब दूसरी बोतल खोलने लगा तो मुझे पायल ने रोक लिया पर मैंने उसे कहा थोडा और हो जाये तो वो मान गयी.फिर उसे नस आ गया था और व सो गयी फिर मैंने उसकी पिंक पेंटी को उतर दिया और अपन लंड बहार निकल लिया मेरा लंड खड़ा था तब मैंने अपना लंड उसके चूत में घुस्सा दिया वो चिल्ला उठी मना करने लगी फिर मान गयी और हम पूरी रात सेक्स करते रहे .

बीवी की चुदास

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Biwi Ki Chudas :

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नरेन्द्र है और में उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 32 साल है और मेरी बीवी काजल की उम्र 28 साल है, उसकी गांड मस्त गोल मटोल है, उसका फिगर साईज 36-34-38 है। हमारी शादी को 6 साल हो गये है और हमारे कोई संतान नहीं है। हमने डिसाइड किया था कि हम बच्चे 5 साल के बाद करेंगे, क्योंकि हम लाईफ का असली मज़ा लेना चाहते थे।

मेरी बीवी को चुदाई बहुत पसंद है और उसे तो रोज सेक्स चाहिए। काजल की आदत है कि रात होते ही जब हम खा पीकर निपट जाते है तो वो सोने से पहले अपने सारे कपड़े उतार देती है और सिर्फ़ पेंटी-ब्रा पहनती है। उसका जिस्म इतना मादक है कि नहीं चाहते हुए भी मेरा लंड उसे चोदने के लिए खड़ा हो जाता है, वो इतना अच्छा लंड चूसती है कि में उसके मुँह में ही झड़ जाता हूँ और वो मेरा सारा पानी पी जाती है। फिर भी वो मेरा लंड चूसती रहती है जब तक उसकी तड़प कम नहीं होती। वो अपनी चूत चटवाने की भी बड़ी शौकीन है।

मुझे भी उसकी चूत में शहद लगाकर चाटने में बड़ा मजा आता है। वो चुदते समय बहुत सेक्सी सिसकारियां लेती है आहा जानू और चोदो मुझे आआहह आआहह। मेरा मन करता है कि उसको रातभर चोदता ही रहूँ, वो इतनी सेक्सी और हावी हो जाती है और यह हमारा रोजाना का काम है पहले हम ब्लू फ़िल्म देखते है और फिर सेक्स करते है।

दोस्तों कुछ समय से मेरे मन में यह ख्याल आने लगा कि में अपनी बीवी की जबरदस्त चुदाई करवाऊँ, जहाँ 2-3 बन्दे उसे बहुत बेदर्दी से चोद रहे हो और एक लंड उसके मुँह में हो और एक लंड उसकी गांड में और एक लंड उसकी चूत में हो। अब मुझे बुरी तरह से बीवी को चुदवाने का नशा चढ़ गया था और में जानता था कि ऐसे पूछने में वो भड़क जाएगी, लेकिन जब उसकी चूत में मेरा लंड होगा तब शायद वो मान जाए।

फिर एक दिन जब हम चुदाई कर रहे थे तो मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि जान कितना अच्छा होता अगर मेरे पास 3 लंड होते तो, एक लंड को तुम चूसती और बाकी 2 लंड से में एक साथ तुम्हारी गांड और चूत का मज़ा लेता। वो यह सुनकर हंस पड़ी और बोली कि भला ऐसा भी कभी होता है। फिर मैंने अपना लंड ज़ोर-ज़ोर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।

अब वो बहुत उत्तेजित हो गई थी और ज़ोर- ज़ोर से अपनी चूत ऊपर उठा रही थी। फिर मैंने उससे कहा कि यार 3-4 लोग मिलकर सेक्स करे तो कितना मज़ा आए? अब यह सुनकर उसने कहा कि हाँ मजा तो बहुत आएगा और वो सिसकारियां निकालने लगी तो में भी उत्तेजित हो गया।

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी चोटी खींचते हुए उसकी चूत पर थप्पड़ लगाने लगा और अपनी स्पीड भी बढ़ा दी, फिर थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गये। फिर रिलेक्स होते हुए मैंने उसे किस किया और उसके बूब्स को मसलते हुए पूछा कि जान एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानोगी। तो उसने कहा कि पूछ लो, इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है? फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों ना हम 2-3 लोगों के साथ सेक्स करे?

तो उसने कहा कि क्या बात है, आजकल बड़े शौकीन बन रहे हो? मुझे पता है तुम क्या चाहते हो?

तो मैंने पूछा कि बताओ क्या? तो उसने कहा कि नहीं तुम ही बताओ। अब मेरे जिस्म में एक अजीब सी लहर दौड़ रही थी, फिर मैंने कहा कि में तुम्हें दूसरे मर्दो के साथ मिलकर चोदना चाहता हूँ। अब यह सुनकर वो मुस्कुराई, अब उसकी आँखो में एक अजीब सी चमक थी। अब में समझ गया था कि वो तैयार है, फिर उसने कहा कि देखते है पहले इंतज़ाम तो करो।

अब में चौंक गया था कि वो गुस्सा क्यों नहीं हुई? अब में बहुत खुश हो गया था, लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि बन्दों का इंतज़ाम कहाँ से करूँ? फिर मैंने सोचा कि इंटरनेट पर कोशिश करता हूँ। फिर मैंने बहुत सारी साईट्स पर ट्राई किया और अपना नंबर दिया। फिर 3-4 महीने के बाद मुझे 3 लोगों का एक ग्रुप मिला, जो दिल्ली में थे।

फिर वो तैयार हो गये और उन लोनो ने अपनी नंगी फोटो मेरी बीवी को दिखाने के लिए शेयर की, उनमें से एक के लंड का साईज़ 10 इंच था। अब मेरी बीवी ने जब उसका लंड देखा तो वो बस उसे देखती ही रह गई। फिर मैंने पूछा कि क्या इरादा है? तो वो थोड़ी शर्माते हुए बोली कि में तो आपकी प्रॉपर्टी हूँ, जब जिससे बोलोगे उससे चुदवा लूँगी। फिर मैंने उसे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डालकर उसकी चूत को मसलने लगा।

उस रात हमने काफी जबरदस्त सेक्स किया था, आज तो सेक्स का नशा ही कुछ अलग था। अब में भी उससे कह रहा था कि साली रंडी तेरी तो में ऐसी चुदाई कराऊंगा की तू जिंदगीभर याद रखेगी। अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, फिर उसने कहा कि मेरी जान आअहह जितना मर्ज़ी चाहे उतना चुदवा लो अपनी रंडी को आहह आहह और चोदो और चोदो मुझे, मेरी चूत पूरी फाड़ दो।

फिर हमने एक हफ्ते के बाद दिल्ली जाने का प्लान बनाया और फिर हमने वहाँ पहुँचकर 7 दिनों के लिए एक होटल बुक किया। अब हमारा प्लान था कि जी भरकर पूरे एक हफ्ते तक ग्रुप सेक्स करेंगे।

फिर मैंने उन तीनों कृष्णा, सुदेश और रंजित को कॉल किया और शाम को आने को कहा। अब मेरी बीवी बहुत बेताब थी, उसने पूरी तैयारी कर रखी थी, उसने अपनी चूत को शेव करके बिल्कुल मक्खन की तरह चिकना बना रखा था। फिर शाम होते ही वो सब लोग आ गये, फिर हमने चाय पी और थोड़ी देर तक इधर उधर की बातें करते रहे।

अब वो तीनों काजल को घूर-घूरकर देख रखे थे, काजल ने सिर्फ सफेद पारदर्शी मैक्सी पहन रखी थी और अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था। अब उसके बड़े-बड़े बूब्स और काले निपल्स साफ-साफ दिखाई दे रहे थे आज तो मेरी बीवी पूरी रंडी लग रही थी। अब मेरी बीवी थोड़ी नर्वस हो रही थी, लेकिन बहुत ज़्यादा उत्तेजित थी।

अब मुझे उसकी खुशी साफ झलक रही थी, फिर मैंने काजल को बुलाया और अपनी गोद में बैठने को कहा। अब सब उसे ही देख रहे थे, फिर मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी जांघो पर फैरना शुरू किया और उसकी मेक्सी ऊपर उठाने लगा। अब यह देखकर बाकी लोग भी गर्म हो गये थे, फिर मैंने कहा कि यार शरमाओ मत, यह आज हम सबकी है।

अब काजल नीचे बैठी और रंजित की पेन्ट की जिप पर अपना हाथ रखा और उसे खोल दिया। अब में समझ गया था कि उसे रंजित का 10 इंच का लंड चूसना है, उसने रियल में पहले कभी इतने बड़े लंड का मज़ा नहीं लिया था। फिर रंजित ने उसकी मैक्सी उतार दी, अब मेरी बीवी पूरी नंगी हो गई थी।

फिर काजल ने रंजित की पेंट खोली और उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और मस्ती में चूसने लगी। अब रंजित तो जैसे पागल ही हो गया था, अब वो आवाजे निकालने लगा आहह पूरा ले लो मेरी जान आहह पूरा चूस लो बहुत मजा आ रहा है। दोस्तों उसके बाद उन तीनों ने मेरी बीवी को बहुत मस्ती से चोदा और हमने उन 7 दिनों में बहुत मजा किया ।।

मस्त आंटी

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Mast Aunty :

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यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है| मेरा नाम सुजीत सिंह है और मै दुर्गापुर में रहता हूँ, अब मै अपने साथ हुई घटना बताता हूँ की किस तरह मैंने आंटी के साथ चुदाई करी| उस वक़्त मेरी उम्र १८ साल की थी और उसी समय मेरे घर के पास एक आंटी रहने के लिए आई|

आंटी दिखने में बहुत सेक्सी थी, उनको देखकर ऐसे ही लंड खड़ा हो जाता था| आंटी की उम्र करीब ३० की होगी, एक दिन उनके घर में कोई मेहमान आया हुआ था तो उन्होंने मुझे बुलाया और कहा बेटा जाकर मार्किट से कोल्ड्रिंक लेकर आओ| मै मार्किट से गया और उनके लिए कोल्ड्रिंक लेकर आ गया|

जैसे ही मै दरवाजे के पास गया मुझे आंटी के कराहने की आवाजे आ रही थी, मै खिड़की से छुपकर सब कुछ देखने लगा, मैंने देखा उस आदमी का लंड आंटी के चूत में घुसा हुआ था और वो बहुत तेज़ी से आंटी के चूत में धक्के दे रहा था, यह सब देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया, मैंने फ़ौरन अपना मोबाइल फ़ोन निकाला और उनकी चुदाई का विडियो बनाने लगा| उनलोगों की चुदाई करीब ३० मिनट तक चली और मेरे पास भी आंटी के ३० मिनट का ब्लू फिल्म बन गया|

अब मै अक्सर उस ब्लू फिल्म को देखकर मुठ मारा करता था, एक दिन मैंने सोचा क्यूँ न आंटी को वो ब्लू फिल्म दिखाकर ब्लैकमेल किया जाये और उनकी जबरदस्त चुदाई की जाये, यह सोचकर ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगा और मै जैसे ख़ुशी से पागल होने लगा, मै मौके की तलाश में रहने लगा की कब मौका मिले और आंटी को वो ब्लू फिल्म दिखाकर चोदु|

आखिरकार मुझे वो मौका मिल ही गया, एक दिन आंटी दोपहर में घर पर अकेली बैठी थी मैंने उनके पास गया और डायरेक्ट कहा आंटी मुझे आपकी चुदाई करनी है, मेरी बात सुनकर वो जैसे सन्न रह गयी, वो बोली क्या बक रहे हो सुजीत? फिर मैंने मोबाइल निकालकर उस अनजान अंकल और उनकी चुदाई का विडियो दिखा दिया|

विडियो देखकर वो जैसे सन्न रह गयी, मै समझ गया की अब उनके पास कोई चारा नहीं है, मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, पहले तो उन्होंने रोकने की कोशिश की लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी, मैंने उनकी साड़ी अपने हाथों से उतार दी अब वो ब्रा और पैंटी में थी,

मै ब्रा के ऊपर से ही उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनकी पैंटी निकाल दी और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा, उन्होंने मेरा सारा कपड़ा अपने हाथों से निकाल दिया और मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड, लंड न होकर केला हो|

अब मैंने अपना लंड उनके मुहं से निकाला और उनकी चूत को चाटने लगा, उनके चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था, अब मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी, अब मैंने आंटी को अलग अलग पोजीशन से खूब चोदा, उस दिन हमलोगों ने करीब ३ बार चुदाई की|

अब मै और आंटी मौका मिलते ही चुदाई कर लेते है| अगली कहानी में आप लोगो को बताना चाहता हूँ की किस तरह मैंने आंटी की गांड भी मारी, तब तक के लिए आप लोग जाइये और मुठ मारिये और इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे|

थैंक यू……

लंड का सील

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Lund Ka Seal :

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यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है, हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मधुबन है और मै बिहार क्व सिवान जिले से हूँ, मै फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज का रेगुलर पाठक हूँ और मुझे ये साईट बहुत पसंद है, तो अब मै आपलोगों का ज्यादा टाइम न लेते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ, यह कहानी आज से लगभग ३ साल पुरानी है|

उस समय हमारे मोहल्ले में एक नए अंकल आंटी आये हुए थे, आंटी दिखने में एकदम माधुरी की तरह थी, मै पहले दिन से ही उनको चोदने का प्लान बनाने लगा, उस समय लंड हर समय चूत चोदने के लिए बेताब ही रहता था, अब वो आआआहह, आआहहाहह कर रही थी और में उन्हें चूसे ही जा रहा था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी साड़ी हटाकर उसको चड्डी में ही कर दिया।

मुझे तेरे लंड से चुदवाने में आज बहुत मज़ा आएगा। फिर मैंने कहा कि यह 9 इंच का है, तब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।

और वो मेरे लंड को देखते ही बोली कि इतना लंबा तो तेरे दोस्त का भी नहीं है, मुझे तेरे लंड से चुदवाने में आज बहुत मज़ा आएगा। फिर मैंने कहा कि यह 9 इंच का है, तब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी।

अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। फिर तभी मैंने एक ज़ोर से धक्का लगाकर मेरे लंड को 7 इंच तक उसकी चूत में घुसा दिया। फिर वो अचानक से चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वो बोली कि आज फाड़ डाल मेरी चूत को, वो तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है।

फिर वो कुछ नहीं बोली। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ गयी और शांत पड़ गयी। फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया।

लेकिन मेरा पानी तो अभी भी नहीं निकला था तो मैंने अपनी गति थोड़ी और बढ़ा दी और अपनी पूरी गति से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है, कहाँ निकालूं? तब वो बोली कि मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ दो।

और उसके बाद वो मुझे बाथरूम में ले गयी और मेरे लंड को साबुन से अच्छे से साफ किया। फिर उसने मुझसे पूछा कि मज़ा आया तो मैंने कहा कि बहुत मज़ा आया। फिर वो बोली कि तुम्हारा लंड तो अभी भी टाईट है, क्यों? तो मैंने कहा कि ये अभी भी भूखा सा लगता है।

धन्यवाद….

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